ट्रेन में मदमस्त मामी की चुदाई

काजल कुमारी 99

29-01-2024

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सेक्सी मामी फक स्टोरी में मैंने अपनी मामी की अन्तर्वासना का अंदाज लगाया और उनको चोद दिया. मैं मामी के साथ फर्स्ट क्लास के कूपे में था. कपड़े बदलते हुए मैंने उन्हें लंड दिखा दिया.


दोस्तो, मेरा नाम रमेश है. मैं अभी 32 साल का हूँ.


आज मैं आपको एक मज़ेदार रात भर चुदाई की सेक्सी मामी फक स्टोरी बताने जा रहा हूँ जो मेरे साथ ही हुई थी.


मैं 32 साल का होने के बाद भी कुछ काम-धाम नहीं करता था और घर में खाली बैठा रहता था. हमारे घर में वैसे तो धन की कोई कमी नहीं है पर तब भी कमाई का साधन तो होना ही चाहिए.


इसलिए मम्मी पापा ने परेशान होकर मुझे मामा के पास भेजने की योजना बनाई.


मेरे मामा मामी उस टाइम हमारे घर आए हुए थे. मेरे मामा थोड़े बूढ़े हो गए थे पर मामी बहुत सेक्सी थीं.


मामा मामी के घर भी खूब पैसा है. वे लोग खुल कर जिंदगी जीने में विश्वास करते हैं. मामा और मामी ड्रिंक वगैरह भी साथ ही कर लेते हैं.


जब मेरा उनके साथ जाने का तय हुआ तो मैं खुश हो गया. मैं नेट पर टिकट बुक करने लगा.


उसी समय मेरे दिमाग़ में मामी की सुंदर गांड और रसभरे दूध का ख्याल आने लगा.


वे भी मुझे कामुक नजरों से देख रही थीं और कभी कभी मेरे ऊपर हाथ फेर कर अपनी वासना जाहिर कर रही थीं. मैंने भी समझ लिया था कि मामी को जवान लंड की जरूरत है.


अब मैंने ट्रेन में मामी को पटा कर चोदने का सोच लिया. मैंने एसी कूपे में मामी की और अपनी टिकट एक पर्सनल केबिन में करवा लिए.


मामा का टिकट अलग कूपे में करवा लिया.


बाद में मैंने मामा से कहा दिया कि वेटिंग टिकट के कारण अलग अलग कूपों में सीट मिली है, ऐसे ही जाना पड़ेगा. मामी पहले तो राजी नहीं हुई, फिर पता नहीं क्यों, बोलीं- ठीक है.


अब यात्रा का दिन आया और हम सब स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार करने लगे.


कुछ ही देर बाद ट्रेन आ गई और हम सब ट्रेन में अपनी अपनी जगह पर बैठ गए.


मैं बड़ा खुश था कि आज मामी की गांड को रात भर देखूँगा और मौका मिला तो चोद भी दूँगा.


मैंने इसी लिए सेक्स जगाने और भड़काने की दवा भी ले ली थी. केबिन में सिर्फ़ मामी और मैं ही थे.


मैंने खाना ऑर्डर किया. जब खाना आ गया तो मामी अपने हाथ धोने गईं.


उस समय मैंने उनके खाने में सेक्स की दवा को मिला दिया.


मामी ने खाना खाया और हम सोने लगे. मैंने अपने कपड़े उतारे और मामी के सामने ही चड्डी में आ गया.


मैं तो उन्हें उकसाने के लिए ही यह सब नाटक कर ही रहा था.


मैं अपना लंड दिखा कर उनको और कामुक कर रहा था. साथ ही उन पर दवा का असर होने का इंतजार कर रहा था.


मामी कहने लगीं- रमेश तू तो बड़ा हैंडसम हो गया है! मैंने कहा- थैंक्स मामी, आप भी कम सुंदर नहीं हो. मामा जी के तो भाग खुल गए जो उन्हें आपके जैसी हॉट पत्नी मिली.


वे अपने लिए हॉट शब्द सुनकर खुश हो गईं और कहने लगीं- धन्यवाद रमेश, जो तुमने मुझे खूबसूरत कहा. पर तुम्हारे मामा जी को मेरी कुछ कदर ही नहीं है. मैंने बरमूडा पहनते हुए कहा- अरे यह क्या बात कर रही हैं आप!


वे कहने लगीं- हां रमेश, तेरे मामा जी अब बूढ़े हो गए हैं ना … तो वे मेरा सही से ख्याल नहीं रख पाते हैं.


मैं मन में सोचने लगा कि अरे वाह मामी जी, आप तो खुद ही मेरे लंड के नीचे आने को मचल रही हैं. चलो अब अच्छा है आज की रात मामी चुद जाएंगी तो मामा जी के घर में मुझे रोज ही मामी की चूत और गांड का स्वाद मिलता रहेगा.


मैं लेट गया और मैंने आंखें बंद कर लीं. थोड़ी ही देर बाद सेक्स की दवा काम करने लगी.


मामी को बेचैनी होने लगी. वे अपनी चूचियों को खुद ही दबाने लगीं और चूत पर हाथ फेरने लगीं.


थोड़ी देर बाद उन्होंने साड़ी खोल दी. मैं नींद आने का बहाना करता हुआ अपनी आंखें आधी बंद और आधी खोल कर लेटा लेटा सब देख रहा था.


तभी मामी ने अपने सारे कपड़े उतार दिए और वे पैंटी ब्रा में आ गई थीं. वे मेरी तरफ देख रही थीं फिर कुछ देर बाद वे मेरे करीब आ गईं.


मैं सोने का नाटक कर रहा था. तभी मामी ने मेरा पैंट खोल दिया और मुझे नंगा कर दिया.


वे मेरा आधा कड़क लंड अपने मुँह में लेकर चूसने लगीं. उन्होंने अपनी ब्रा पैंटी भी खोल दी और पूरी नंगी हो गईं. वे मेरे साथ ही मेरी सीट पर लेट गईं.


मैंने उनके स्पर्श से जागने का नाटक किया और कहा- मामी, यह आप क्या कर रही हैं, यह ग़लत है! तभी मामी ने मुझे पकड़ लिया और बोली- रमेश, तुम्हारा मामा अब बूढ़ा हो गया है. वह मेरे साथ कुछ कर ही नहीं पाता है. तुम तो जवान लड़के हो, मेरे साथ जीवन के मज़े लो. मैं तुम्हारे मामा को कुछ नहीं बोलूँगी. तुम मुझे चोद दो और मेरी चूत की आग बुझा दो. मेरे दूध पियो और मेरी वर्षों की प्यास बुझा दो.


ऐसा बोल कर वे फिर से मेरे लंड को चूसने लगीं. तभी मैं भी उनकी चूचियों को दबाने लगा और उनको अपनी बांहों में भर कर उनके रसीले होंठों को चूसने लगा.


मामी मस्त होने लगीं और अपने हाथ से अपनी चूचियां पकड़ कर चूसने की कहने लगीं.


मैंने अपने दोनों हाथों से मामी की बड़ी बड़ी चूचियां पकड़ लीं और उनको दबाने लगा; उनके एक निप्पल को मुँह में लेकर चूसने लगा.


मामी पूरी तरह चुदासी हो गई थीं. मैंने उनकी चूत में उंगली डाल दी और अन्दर तक करके चूत को खोदने लगा.


मामी चिल्लाने लगीं- आह और करो … और करो. लंड से चोदो. मैं उनकी चूत पर अपने होंठों से किस करने लगा और चूत को चाटने लगा.


मामी पागल सी होने लगीं और मुझे ज़ोर से पकड़ कर चुदाई की कहने लगीं. फिर उन्होंने मेरे लंड को अपनी चूत में डाल लिया और कमर हिलाने लगीं.


मामी की चूत को मैं अपने लंड से चोदने लगा था. मैंने उस रात मामी को चार बार चोदा.


उस केबिन में कभी उनको कुतिया बना कर चोदा, तो कभी मामी को इतना गर्म कर दिया कि बस उनकी ‘आह … ऊओह …’ की आवाज़ आ रही थी. मैंने सुबह तक मामी की चुदाई की.


फिर सुबह घर पहुँच गए.


मामी पूरी थक चुकी थीं, घर जाते ही बेड पर पांव पसार कर सो गईं.


मामा दिन में काम से चले गए थे. मैं अपने कमरे था, ट्रेन की चुदाई को याद कर रहा था.


सुबह से ही मैंने मामी की पैंटी और ब्रा को चुरा लिया था. मैं अपने रूम में उन्हें सूंघने लगा और अपने लंड पर रख कर रगड़ने लगा.


तभी मामी मेरे कमरे में आ गईं और सीन देख कर बोलीं- ये क्या कर रहा है … चुदाई ही करना है तो मेरे कमरे में आ जा! मैंने कहा- अभी नहाने जा रहा हूँ. बाद में आता हूँ.


वे मुस्कुराने लगीं.


थोड़ी देर बाद मैं नहाने चला गया.


तभी मामी मेरे बाथरूम में आ गईं और अपने हाथ से मेरे लंड पर साबुन लगाने लगीं. वे नंगी ही आई थीं तो अपनी चूचियों पर भी साबुन लगा कर मुझे अपनी चूचियों से रगड़ने लगीं.


मैं भी धीरे से उनकी गांड दबाने लगा और चूत पर हाथ फेरने लगा. मामी गर्म होने लगीं, तो मैं उन्हें अपनी बांहों में भरके किस करने लगा.


फिर गर्दन पकड़ कर उनके मुँह में लंड डाल दिया. लंड गीला करवाने के बाद मैं उनकी चूत पर लंड रगड़ने लगा.


बाथरूम में मामी की चूत चोदने के बाद वे मुझे अपने कमरे में ले गईं. उन्होंने अपने कमरे को सुहागरात जैसा सजाया था.


मामी बोलीं- मुझे तेरे मामा से उम्मीद ही टूट गई है. आज तुम मेरी प्यास बुझा दो. मेरे साथ अपनी सुहागरात मना लो. आओ प्यासी मामी का तन मन धन सब लूट लो.


गुलाब के पंखुड़ियों के बीच में एक सुंदर और सेक्सी सी मामी को देख कर लंड अपने आप खड़ा हो गया.


मामी दुल्हन बन कर आ गई थीं और बेड पर घूँघट निकाल कर बैठी थीं. मैंने घूँघट उठाया और गिलास में रखा हुआ दूध पीकर अपनी मामी के साथ प्रेमालाप करने लगा.


उनके शरीर पर से उनके एक एक करके सारे कपड़े मैंने उतार दिए. मैं मामी की प्यास बुझाता रहा. उनको मन को मैंने अपने लंड से सम्पूर्ण शांति दे दी.


मामी ने मुझे वहीं रहने के लिए मामा को राजी कर लिया. अब रोज़ ही हमारी दिन में सुहागरात होती थी. पर अब मामी को रात की प्यास भी सताने लगी थी.


एक रात को मामी उठ कर मेरे कमरे में आ गईं. तभी मामा जाग गए और मामी को ढूँढने लगे.


वे उन्हें ढूंढते हुए मेरे कमरे में आ गए.


तब मैं नंगा पड़ा था, बाजू में मामी की पैंटी पड़ी थी. मामा गुस्से में आ गए.


मामी मेरे कमरे से भाग चुकी थीं, तो उन्होंने मामा के पीछे से आवाज दी- क्या हुआ? मामा उनको पैंटी दिखा कर बोले- देखो तुम्हारे कपड़े को यह क्या कर रहा है?


यह कहते हुए मामा ने मुझे डांट लगाई और सुबह घर भेजने की धमकी दी.


इससे मामी टेंशन में आ गईं कि यदि मैं चला जाऊंगा तो उनका खेल कैसे हो पाएगा; मामी की चूत की प्यास कैसे बुझ पाएगी.


मामी ने मामा को पटाने के लिए रात को उनकी लुल्ली चूसी और उनके साथ सोईं. मैंने उनका वीडियो बना लिया.


सुबह होते ही मामा ने मामी की बात नहीं मानते हुए मुझे जाने को बोला.


मैंने मामा को उनकी रात की वीडियो दिखा कर यहीं रुकने के लिए मज़बूर कर लिया- मामी मेरा लंड भी वैसे ही चूसेंगी, जैसा आपका चूसा. मामा गुस्सा तो थे पर वे मजबूर हो गए थे.


मामी मामा को रूम में ले गईं और न जाने कौन सा मंत्र फूँक दिया. कुछ देर बाद मामा बाहर आए और बोले- ठीक है मैं तैयार हूँ, पर उनके रूम में ही सब होगा. मैंने कहा- ठीक है.


उनके कमरे में जाकर मामी ने जो खेल खेला, वह मेरे लिए एक सौगात से कम नहीं था.


मामी ने दारू की बोतल खोल रखी थी और तीन पैग बनाए हुए थे.


मेरे आते ही हम सब शराब का मजा लेने लगे और मामी ने सिगरेट सुलगा ली. दो दो पैग अन्दर जाते ही मामी बहकने लगीं और अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी हो गईं.


मामा जी मामी की चूचियों से खेलने लगे. मामी ने मामा की लुल्ली को सहलाया और उसकी मुठ मारने लगीं. मामा जी झड़ गए.


मामी ने कहा- लो, तुम तो हिलाने से ही झड़ गए … अब मुझे कौन चोदेगा? मामा- रमेश है न वह तेरी चूत की माँ चोद देगा.


बस मामी ने मेरी तरफ देखा और एक और सिगरेट जला कर मेरी गोदी में आकर बैठ गईं. मैंने उनकी उंगलियों से सिगरेट निकाली और कश लेकर मामा को पकड़ा दी.


उसके बाद मैंने मामी को मामा के सामने ही हचक कर चोदा और उनकी चूत में ही झड़ गया. उस दिन के बाद से मामी, मामा के सामने ही मेरे साथ सेक्स का मजा लेने लगीं.


तो दोस्तो, यह मेरी सच्ची सेक्सी मामी फक स्टोरी है जो मैंने आपको सुनाई है. आपको क्या कहना है, प्लीज कमेंट्स के जरिए बताएं. [email protected]


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