मौसा जी ने मेरी चूत का मजा लिया

तानिया

16-04-2023

816

फॅमिली पोर्न कहानी में मेरे मौसा जी ने मुझे नंगी करके चोद दिया. मैंने भी इस सेक्स का मजा लिया. मुझे शुरू से ही चुदाई का शौक लग गया था.


नमस्कर मित्रो, मेरी पिछली कहानी एक बंजारे लड़के ने मेरी मस्त चुदाई की आप सबने पढ़ी और पसंद की. धन्यवाद.


मैं आज आप लोगों को अपनी एक सहेली की सच्ची सेक्स कहानी बताने जा रही हूं जो उसके मौसा जी से अवैध संबंध के बारे में है.


पूरी फॅमिली पोर्न कहानी उसी के शब्दों में पढ़ें.


यह कहानी सुनें.


मेरा नाम नीलिमा है. मैं 28 साल की तलाकशुदा महिला हूँ. मैं छत्तीसगढ़ की रहने वाली हूँ.


मेरा कद पांच फुट आठ इंच है और फिगर की साइज 36-32-40 का है. दिखने में मैं सांवली हूँ.


यह बात तब की है जब मैं बीस साल की थी और मुझे गांव के एक लड़के ने पटा रखा था. वो दो साल तक मेरी खूब जम कर चुदाई करता रहा था.


ऐसा नहीं था कि मुझे चुदाई अच्छी नहीं लगती थी. मुझे खुद भी चुदाई की चस्का लग गया था इसलिए मैं उसके सामने बिंदास टांगें खोल देती थी.


इसी चुदाई के चस्के के चलते एक दिन मैं पकड़ी गई और मेरे पापा ने मुझे मौसी के पास भेज दिया. मेरी बदनामी तो हुई ही और रिश्तेदारों में बात फैलने में ज़रा भी समय नहीं लगा.


हालंकि कुछ को चुदाई की बात पता चल गई थी और कुछ को सिर्फ इस बात की जानकारी हुई थी कि मेरा किसी लड़के से टांका भिड़ा था, जिस वजह से मुझे घर से दूर भेजा गया है.


खैर … मैं मेरी मौसी के घर बिलासपुर आ गई थी.


मेरी मौसी का घर थोड़ी शहरी और देहाती इलाके में था. वहां से पांच किलोमीटर दूर एक इंग्लिश मीडियम हाई स्कूल था, जहां मुझे दाख़िला दिला दिया गया था. मैं घर से स्कूल के लिए बस या फिर ऑटो से आना–जाना करती थी.


मेरी मौसी 32 साल की एक बाँझ महिला थीं और एक सरकारी विद्यालय में अध्यापिका की नौकरी करती थीं.


मौसा जी 38 साल के अव्वल नंबर के शराबी थे. उनका काम घर पर रहना और गाय-बकरी आदि की देखभाल करना और उन्हें चराने का काम था.


मेरे मौसा जी शराबी होने के साथ–साथ ठरकी भी थे. यह बात मुझे तब पता चली जब मुझे उनके घर में रहे कुछ दिन हुए थे.


मेरी मौसी और मौसा अलग-अलग कमरों में सोते थे.


उस दिन रविवार की छुट्टी थी और मेरी मौसी सुबह खाना बनाने के लिए रसोई में गई थीं.


मैं अपने और मौसी के कमरों की सफाई करने के बाद मौसा के कमरे में झाड़ू लगाने गई थी.


मौसा बहुत सवेरे ही पीने निकल चुके थे और बिस्तर भी उनका ठीक नहीं था. मैं उनके बिस्तर को ठीक करने लगी थी.


उसी दौरान मुझे मौसा जी के तकिए के नीचे से चार चुदाई की तस्वीरें वाली मैगज़ीन मिली और साथ ही मेरी एक लाल रंग की पैंटी भी मिली.


मैंने ध्यान से देखा कि मेरी उस पैंटी में मुठ लगा हुआ था. ये सब देख कर मैं एकदम से चौंक गई थी.


जब मुझे मेरे मौसा के ऐसे राज़ के बारे पता चली तो मैं बस बुत सी बनी रह गई.


कुछ देर सोचने के बाद मैंने उन सब चीजों को वापस वैसे ही रख दिया और कमरे की सफाई किए बिना ही बाहर आ गई. मैंने मौसी को ये बात नहीं बताई.


फिर एक दिन तो मौसा जी ने हद कर दी थी. उस दिन मैं स्कूल से आते समय मौसी के साथ आई. मेरी मौसी को उस दिन तीन बजे पंचायत की बैठक के लिए जाना था.


मैं स्कूल से आकर बस खाना खाकर सोना चाहती थी.


उन दिनों वार्षिक खेल का अभ्यास चल रहा था, जिसकी वजह से मैं काफी थकी हुई थी. मैं घर आकर नहाई और मौसी के साथ खाना खाकर सोने की तैयारी करने लगी.


मौसी के जाने के बाद मैं अपने कमरे में सोने आ गई. मैं उन दिनों स्कर्ट पहनती थी और सोने के समय अन्दर कुछ नहीं पहनती थी.


थकान के कारण मुझे इतनी गहरी नींद आई थी कि मैं पांच बजे के आस पास सोकर उठी. उठते ही मुझे मेरी गांड की दरार में चिपचिप सी महसूस हुई.


जैसा कि मैंने आपको बताया कि मैंने उस समय पैंटी भी नहीं पहनी थी. जब मैंने चिप चिप महसूस की, तो अपनी गांड में हाथ लगा कर देखा.


मैं तुरंत समझ गई कि वो क्या है. मेरा शक सीधा मौसा जी पर गया.


पर मैं ये सोच कर हैरान थी कि मौसा जी ने ये कब कर दिया? अब मैं ये जानने के लिए बेचैन हो गई थी.


दूसरे दिन मैंने फिर से वैसे ही किया. मैं स्कूल से आई, नहाई, खाई और सोने आ गई.


मेरी मौसी कुछ देर घर में रहीं और फिर बाहर चली गईं.


मैं इंतजार में थी कि मौसा जी कब आते हैं. पर मुझे नींद आने लगी थी.


मैं लगभग सो ही चुकी थी. लेकिन अचानक एक सपने की वजह से मेरी नींद टूट गई और मुझे अहसास हुआ कि कोई मेरी गांड चाट रहा है.


वो आदमी कोई और नहीं बल्कि मौसा जी थे जो पागलों की तरह मेरी गांड चाट रहे थे. उस वक्त मैं मुँह के बल पर सोई हुई थी और मौसा जी मेरी गांड फैला कर पूरा मुँह लगा कर मेरी गांड का छेद चाट रहे थे.


मेरी तो हालत ही पतली होने लगी थी. जिस तरह से मौसा जी मेरी गांड चाट रहे थे, वैसा कभी किसी ने नहीं किया था. मतलब मेरे ब्वॉयफ्रेंड ने भी कभी मेरी गांड नहीं चाटी थी.


कुछ पल की सनसनी के बाद मुझे इस फॅमिली पोर्न में मजा आने लगा और मैं बेजान लाश की तरह सोई हुई, अपने मौसा की हवस का शिकार होती रही थी.


मैं कोई हलचल भी नहीं कर रही थी और ना करना चाहती थी, पर मौसा जी कुछ ऐसा करना शुरू किया कि मुझे उन्हें रोकना पड़ा.


असल में मौसा जी मेरी गांड की छेद में उंगली कर रहे थे और अचानक से उन्होंने अपना अंगूठा मेरी गांड की छेद में घुसा दिया था.


तब मैं ‘अअहह … ईस्स …!’ सिसकारती हुई उठ गई.


मौसा जी तुरंत मेरे ऊपर चढ़ गए और मेरे मुँह को अपने हाथ से बंद करते हुए बोले- स्सस … आवाज़ नहीं. मेरा मुँह बंद था तो मैंने सर हिला कर इशारा कर दिया- उंह ठीक है.


अब मौसा जी अपने एक हाथ से मेरे मुँह को बंद किए हुए थे और दूसरे हाथ से अपने लुंगी में से लंड निकाल रहे थे. मेरी धड़कन ज़ोर-ज़ोर से धड़क रही थी.


तभी मैंने मौसा जी के गर्म लंड को अपनी गांड में महसूस किया. मुझे ऐसा लग रहा था, जैसे कोई कोबरा मेरी चूत में घुसना चाहता है.


मौसा जी लंड सैट कर रहे थे और मेरी चूत रगड़ रही थी. उनके लंड का सुपारा जैसे ही मेरी चूत की फांकों से रगड़ा, एकदम से मेरे मुँह से ‘ईस्स …’ की आवाज आई और मेरी चूत में सनसनी सी लहर उठ गई थी.


फिर जैसे ही मौसा जी का लंड सैट हुआ, वैसे ही मौसा जी ने पूरा लंड मेरी चूत में घुसा दिया. मुँह बंद होने के कारण मैं चीख तक ना पाई … बस कसमसा कर रह गई.


मौसा जी आहिस्ता-आहिस्ता अपने लंड को अन्दर-बाहर करने लगे थे.


मैंने काफी दिन बाद लंड का स्वाद चखा था, तो कुछ देर तक दर्द हुआ, फिर मजा आने लगा. मेरी आवाज निकलनी भी बंद हो गई.


अब मौसा जी ने मेरे मुँह से हाथ हटाया और मेरी दोनों चूचियों को दबाते हुए धकापेल करने लगे. मौसा जी मेरे कान में बोले- जरा अपनी गांड को ऊपर उठाओ.


मैंने मौसा जी के कहने पर अपनी गांड उठाई तो उनका लंड निकल गया. दुबारा से मौसा जी मेरे ऊपर घुड़सवारी करने के लिए चढ़ गए.


मौसा जी ने फिर से लंड सैट किया और मेरी चूत में धक्का देते हुए लंड पेल दिया. मेरे मुँह से ‘आह … इस्स … धीरे करो ना …’ की सिसकारी निकल आई.


मौसा जी मुझसे कहने लगे- अरे बावरी, ज्यादा आवाज़ ना निकाल … कोई सुन लेगा.


फिर मैं बस ‘इस्स आह …’ करती हुई सिसकारती रही और मौसा जी के धक्के खाती रही. मेरी चूत की हालात पूरी गीली और लसलस हो गई थी.


मौसा जी अपने लंड को पूरा पेलते रहे और आखिरी-आखिरी में मौसा जी ने मेरी चूत में 3-4 ज़ोरदार धक्के देते हुए लंड बाहर निकाला और मेरी गांड पर मुठ निकाल दिया. वो मुझसे बोले- नीलू, ये बात हम दोनों के बीच रहेगी. तुम किसी को नहीं बताओगी … समझ गई?


मैंने मन ही मन सोची कि ऐसी बात मैं किसे बता सकती हूँ. पर हां, मेरी चुदाई एक बड़ी उम्र के आदमी से पहली बार हुई थी, तो मुझे अजीब लग रही थी.


मौसा जी मेरे कमरे से चले गए और कुछ देर बाद मैं खुद को साफ करने बाथरूम में गई. कुछ देर बाद मौसी घर आ गईं और खाना बनाना शुरू किया. तो मैं उनके साथ काम करवाने लगी.


करीब साढ़े आठ बजे मौसी मुझसे बोलीं- नीलू, जा तू मौसा जी को खाना खाने के लिए बुला ला. मैं मौसा जी को बुलाने गई.


जब मैं मौसा जी के कमरे में गई, तो मौसा जी ने मुझे दबोच लिया और अपने साथ बिस्तर पर लेटाते हुए मेरी चुम्मी लेने लगे. मैं मौसा जी को रोकने लगी और कहने लगी- मौसा जी अभी नहीं. मौसी जी आ जाएंगी.


मौसा जी कहने लगे- ठीक है, पर तू ग्यारह बजे मुझे बाथरूम में मिल जाना. तब तक तेरी मौसी सो चुकी होगी. तो मैं बोली- हां, ठीक है. अब खाना खाने चलो.


मैं उठी ही थी कि मौसा जी फिर से बदमाशियां करने लगे. मौसा जी मेरी चूचियों को दबाने लगे, पर कुछ देर के बाद हम दोनों खाना खाने आ गए.


मैं खाने की मेज पर मौसा जी के सामने बैठी थी. मौसा जी खाने की मेज अपने पैर से मेरी एक टांग को सहलाने लगे.


उस समय मैं मौसी को देख रही थी कि कहीं उनका ध्यान ना चला जाए.


इधर मेरे ठरकी मौसा जी मेरी टांग को सहलाते हुए अपने पैर को मेरी जांघों के बीच ले आए थे. मैंने उन्हें रोक रखा था, लेकिन ज्यादा देर तक नहीं रोक पाई.


मौसा जी अपने पैर को मेरी नंगी चूत पर लगा चुके थे और मेरी चूत को सहला रहे थे. मैंने भी चूत खोल दी थी और मौसा जी के पैर के अंगूठे से अपनी चूत मिंजवाने का सुख ले रही थी.


उसी दौरान मेरी मौसी बोलीं- मैं कल फूफा जी के पास जा रही हूँ.


मेरे मौसा मेरी चूत को रगड़ते हुए मौसी से बोले कि ओह … तो तुम कब वापस आओगी? मेरी मौसी बोलीं कि देखती हूँ. उनकी तबियत ठीक रहेगी तो एक दिन रह कर आ जाऊंगी और ज़्यादा गंभीर बात हुई, तो कुछ दिन रुकना पड़ सकता है.


मैं बात तो सुन रही थी, पर मौसा जी मेरी चूत में पैर का अंगूठा रगड़ रगड़ कर उसे गीली कर रहे थे. मैं बर्दाश्त से बाहर होने लगी थी. मैंने खाना खत्म किया और उठ कर प्लेट धोने चली गई.


मैं प्लेट धोकर सीधी अपने कमरे में गई. मुझे ये बात याद थी कि मुझे ग्यारह बजे बाथरूम में जाना है, पर मुझे उस रात काफी ज़ोर की नींद आ गई और मैं नहीं जा पाई. अगली सुबह मैं और मौसी साथ में निकलीं.


मैं अपने स्कूल के पास उतर गई और मौसी मुझे कुछ पैसे देकर अपने फूफा के घर चली गईं.


उस दिन मैं और मौसा जी के अलावा घर में कोई नहीं था. मैं स्कूल में सारा दिन सोचती रही कि आज तो मौसा जी मुझे जम कर पेलेंगे.


ये सोच कर मेरी चूत गीली होने लगी और कल की चुदाई की याद करके मुझे मौसा जी का लंड अपनी चूत में चलता हुआ महसूस होने लगा.


घर आकर मौसा जी ने मेरी चूत का भंगभोसड़ा बना दिया. वो सब कैसे हुआ, मैं अगली सेक्स कहानी में आपको बताऊंगी.


तब तक के लिए मुझे मेरी मेल आईडी पर मेल करके बताएं कि आपको मेरी फॅमिली पोर्न कहानी अच्छी लगी या नहीं. [email protected]


Family Sex Stories

ऐसी ही कुछ और कहानियाँ


Download our new App for Desi Sex videos

Chutlunds - Indian Sex Videos APK

(4.0)

Description

Free desi sex videos, desi mms, Indian sex videos, desi porn videos, devar bhabhi ki chudai, aunty ki chudai collection. The FREE Chutlunds app lets you stream your favorite porn videos in the palm of your hand, with no ads. Through its fast and simple navigation, you can enjoy the best Chutlunds videos

What's new

New Features Added:

1. Unlimited 4K, HD Videos Added

2. Download your Favourite Video Offline

3. Fully Optimized App

4. New Download Feature Added

5. Reduced Processor And Ram Usage

HOW TO INSTALL

1. Download the app on your Android

2. Open the file from the notification area or from your download folder

3. Select Install

4. You may have to allow Unknown Sources at Settings > Security Screen