भतीजी के घर में घमासान- 3

भानुप्रताप

14-09-2022

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विगरस वियाग्रा सेक्स कहानी में पढ़ें कि मेरी भतीजी के पति ने वियाग्रा खाकर हम दोनों बुआ भतीजी को कैसे चोदा. हमारी गांड भी मारी उसने!


दोस्तो, मैं शालिनी एक बार फिर से आपकी सेवा में अपनी चूत चुदाई की कहानी लेकर हाजिर हूँ. कहानी के पिछले भाग भतीजी ने मुझे अपने पति से चुदवा दिया में आपने अब तक पढ़ा था कि मेरी भतीजी मंजू के पति रोहित ने मेरी चूत चुदाई कर दी और मेरी चूत से लंड निकाल लिया था. मैं उसके लंड से चुद कर बेहद थकान महसूस कर रही थी. लेकिन रोहित का लंड अभी भी फनफना रहा था.


अब आगे विगरस वियाग्रा सेक्स कहानी:


अब रोहित मंजू से बोला- तुम घोड़ी बन जाओ. मंजू लपक कर घोड़ी बन गई.


रोहित अपना लंड मंजू के चूतड़ों के पीछे ले गया और लंड पेल कर जोरदार धक्का लगा दिया.


मैं कुछ सोच पाती, इससे पहले मंजू कराह उठी और बोली- आंह बहनचोद साले … तेरे को चूत का छेद नहीं मिला, जो मेरी गांड में अपना लंड डाल दिया. रोहित बोला- साली रंडी तू क्यूं चिल्ला रही है. आज पहली बार तो गांड में लंड नहीं ले रही है. ले साली गांड मरवाने के मजा ले ले.


मंजू भी आह आह ओह करने लगी.


तब मैंने सोचा कि मेरी भतीजी अपनी गांड में भी लंड लेती है. थोड़ी देर बाद मंजू अपनी गांड आगे पीछे करने लगी और मजा लेने लगी.


मंजू बोली- बुआ तुमने कभी गांड मरवाई है? मैं बोली- नहीं. मंजू बोली- बुआ मरवा कर देखो, बहुत मजा आएगा.


उन दोनों की करीब आधा घंटा तक चुदाई चली होगी. तब मंजू पस्त होकर गिर गई.


रोहित का लंड उसी तरह खड़ा था. मैं सोचने लगी कि यह क्या हुआ रोहित के लंड को … साला खड़ा ही है. रोहित मुझसे कहने लगा- भाभी, तुम आ जाओ अब तुम अपनी गांड मरवा लो.


मैं बोली- नहीं बाबा, मैं मर जाऊंगी. तुम्हारा लंड तो जरा भी ढीला नहीं हो रहा है. मंजू हांफती हुई बोली- बुआ जब यह वियाग्रा खा लेता है तो रात भर चुदाई करता है.


रोहित मेरी टांगों को चाटने लगा और बोला- भाभी एक बार कर लेने दो. वह बार बार मेरी टांगों को चाटने लगा.


मंजू बोली- बुआ इसे अपनी गांड को चोदने दे दो, मजा आएगा. वो बार बार मेरी जी हुजूरी कर रहा था.


मैं भी बोली- अच्छा ठीक है मेरी गांड मार लो लेकिन तेल लगा कर करना.


वह बोला- भाभी, आप चिंता मत करो, मैं बड़े आराम से करूंगा. आपको जरा सा भी दर्द नहीं होगा. मंजू भी बोली- हां बुआ, रोहित बड़े आराम से गांड चोदता है. तुमको कुछ नहीं होगा, हम सब संभाल लेंगे.


फिर मंजू ने मुझे घोड़ी बनाया और वह भी मेरी गांड की तरफ बैठ गई.


रोहित नारियल का तेल ले आया और अपने हाथ से मेरी गांड में तेल लगाने लगा. मंजू भी उसका साथ दे रही थी.


फिर रोहित ने मेरी गांड में एक उंगली घुसाई, मुझे पता ही नहीं चला कि मंजू की उंगली है या रोहित की, मैं बस हल्के से चिंहुक उठी.


मंजू बोली- बुआ थोड़ा धीरज रखो, कुछ नहीं होगा. अब उंगली मेरी गांड में आगे पीछे होने लगी. साथ ही तेल भी आता जा रहा था.


मुझे थोड़ी गुदगुदी सी होने लगी. मैं कुछ नहीं बोली और गांड ढीली करके मजा लेने लगी.


थोड़ी देर में एक मोटी सी उंगली घुसी, ऐसा लगा कि ये वाली रोहित की थी.


अब मुझे भी थोड़ा अच्छा भी लग रहा था और गुदगुदी भी हो रही थी. मैंने अपनी गांड को एकदम ढीली कर दी थी और बेख़ौफ़ गांड में उंगली का मजा लेने लगी थी.


तभी मेरी गांड में दो उंगली घुसने का अहसास हुआ. उंगलियों ने अन्दर प्रवेश ले लिया था और मैं अपनी गांड को कस ही न पाई.


मैं चिंहुक उठी और बोली कि इतनी मोटी चीज मत डालो.


तभी रोहित ने कुछ तेल और मेरी गांड में डाल दिया और उंगली से चोदने लगा. एक दो पल में मेरी गांड में उंगली से होने वाली बेचैनी कम होने लगी. अब वो बीच बीच में अपनी जीभ से भी मेरी गांड चाट लेता था.


मेरी गांड में सुरसुरी हो रही थी. गांड फिर से बिंदास होने लगी थी और उसका खौफ खत्म हो गया था. आज से पहले मेरी गांड को किसी ने नहीं चाटा था. उसकी जीभ के खुरदुरे अहसास से मेरी गांड भी मचल उठी.


मैं कुछ समझ पाती कि उसने अपना लंड मेरे गांड पर सैट किया और एक धक्का दे दिया.


लंड का सुपारा गांड के पहले छल्ले में घुस गया था. मोटा सुपारा अन्दर लेते ही मैं चिंहुक कर उठ खड़ी हुई. इससे रोहित का लंड बाहर निकल गया.


अब रोहित और मंजू में शायद कुछ इशारा हुआ. मंजू मेरे सामने आकर बैठ गई और मेरी चूची को पकड़ कर चूसने लगी.


इस बार फिर से रोहित ने थोड़ा ज्यादा सा तेल गांड में लगाया और लंड को सैट करके पेल दिया. उसने मेरी कमर को कस कर पकड़ा हुआ था और तेज धक्का लगा दिया था.


उसका एक इंच लंड गांड में घुस गया था. मैं बिलबिला उठी और कसमसा कर बोली- मंजू साली कुतिया तू मुझे जान से मार देगी.


मैं उठना चाह रही थी लेकिन मंजू ने मुझे कसके दबोच लिया. उधर पीछे से रोहित ने मेरी कमर पकड़ कर दूसरा धक्का भी लगा दिया.


मैं चीख उठी- उई मम्मी … मर गई! आह मंजू … मुझे बचा लो इस दानव से! मगर मंजू अपने मुँह से मेरी चूची चूसे जा रही थी. वह बोली- कुछ नहीं होगा बुआ … थोड़ी देर में बहुत मजा आएगा.


रोहित मुझे चोदने लगा. मैं आह ओह ओह ओह करने लगी. मैं सोच रही थी कि रोहित कब लंड निकालेगा. लेकिन वह तो मुझे चोदे ही जा रहा था.


थोड़ी देर बाद मुझे मज़ा आने लगा. मैं भी मंजू की चूची पकड़ कर दबाने लगी.


धीरे धीरे मंजू लेट गई और उसने अपनी चूत मेरे मुँह पर लगा ली. मैं उसकी चूत को चाटने लगी. वह भी आह आह ओह ओह कर रही थी.


यह देख कर रोहित एक जबरदस्त धक्का लगा दिया. मैं फिर से चीख उठी ‘उई मम्मी मर गई.’ दर्द से मैं बिलबिला उठी थी. रोहित का लंड तो कड़क था ही क्योंकि उसने वियाग्रा खाई हुई थी.


अब उसने बड़ी तेजी से आधा लंड बाहर निकालकर फिर से पूरा घुसा दिया. मैं रो पड़ी और बोली- रोहित तुम मेरी चूत चोद लो, जितनी देर पेलोगे, मैं कुछ नहीं बोलूँगी.


लेकिन वह कहां मानने वाला था … एक तो वियाग्रा का असर और दूसरा व्हिस्की का नशा. मैं भी कुछ सोच ही नहीं पा रही थी, वियाग्रा सेक्स से बस आह आह ओह ओह ओह कर रही थी.


वह दनादन मेरी गांड चोदे जा रहा था. मैं मरी जा रही थी.


मैं मंजू से बोली- मंजू रोहित को बोलो कि लंड निकाल ले. लेकिन वह भी सुन नहीं रही थी.


फिर मंजू बोली- बुआ रोहित को तो आज तुम्हें चोदने का मौका मिला है. वह छोड़ेगा नहीं.


तभी रोहित मेरी चूत में उंगली करने लगा. इससे थोड़ी देर बाद मुझे भी मजा आने लगा, मैं भी अपनी गांड आगे पीछे करने लगी.


करीब आधा घंटा बाद उसका वीर्य मेरी गांड में गिर गया. उसने भी अपना लंड निकाल लिया.


मैंने देखा कि उसका लंड अभी भी थोड़ा खड़ा ही था. मैं हैरान हो गई थी.


हम लोग सुस्ताने लगे. अभी पांच मिनट भी नहीं हुआ होगा कि उसका लंड फिर से तन्नाते हुए खड़ा हो गया.


मैं हैरान हो गई और बोली- ये आदमी है या जानवर? मंजू हंस कर बोली- बुआ यह सब वियाग्रा का असर है और साथ में व्हिस्की का भी.


मंजू रोहित का लंड लेकर अपनी चूत पर घिसने लगी. रोहित बोला- साली रंडी, अब मैं तेरी बुर की आग को शांत करता हूं.


फिर क्या था … रोहित ने मंजू की चूची पकड़ कर अपना लंड घचाक से चूत में डाल दिया. एक ही बार में उसका आठ इंच का लंड आसानी से घुस गया.


मंजू दर्द से बिलबिला उठी और गाली देती हुई बोली- आंह मादरचोद … साले तुमको बार बार कहती हूं कि इस तरह से मत चोदा करो. वह भी बोला- भोसड़ी की रंडी साली, अभी तो तेरी चूत में आग लगी थी और अब चिल्ला रही है माँ की लौड़ी … चुपकर साली कुतिया … नहीं तो तेरी मां चोद दूंगा.


यह कह कर वह मंजू को कस कस कर चोदने लगा था.


मैं भी इस भयानक चुदाई को देख रही थी. मुझे फिर से पसीना आने लगा.


थोड़ी देर में मंजू को भी मजा आने लगा और वह आह आह आह ओह ओह करने लगी.


कुछ देर की ताबड़तोड़ चुदाई में वह बार बार बोले जा रही थी- मादरचोद और जोर से चोद बहन के लंड … आंह और जोर से चोद.


रोहित भी बोल रहा था- साली रंडी कुतिया … अपनी मम्मी को भी हमसे चुदवा दे … आंह ले लौड़ा खा. उन दोनों की धकापेल चुदाई और गालीगलौच से मुझे भी अपनी चूत में सुरसुरी होने लगी.


मैं भी मंजू की चूची पकड़कर दबाने लगी. रोहित समझ गया कि मेरे भीतर फिर से आग लग गई है.


उसने मंजू को छोड़कर मुझे लिटा दिया और एक ही बार में हचक कर लंड घुसेड़ दिया.


एक तो साले का लंड पूरा कड़क था और ऊपर से उसकी चीते सी फुर्ती … मगर कमाल तो ये था कि उस बार उसका लंड बड़ी आराम से मेरी बुर में चला गया.


मैं एक बार को चिंहुकी तो मगर लंड लील गई.


अब लंड ने चूत का भोसड़ा बनाना शुरू कर दिया. एक तो साले का लंड इतना बड़ा था कि मेरी अंतड़ियों में चोट कर रहा था.


मैं रोहित से बोली- रोहित आराम से चोदो न. मुझे दर्द हो रहा है. लेकिन वह कहां कुछ सुनने वाला था. वह तो मस्ती में मुझे चोदे जा रहा था. मैं आह आह कर रही थी.


मंजू भी मेरी चूची को चूसने लगी.


थोड़ी देर बाद मैं बोली- रोहित अब मुझे चोदने दो. वह तुरंत समझ गया और वह चित लेट गया.


मैं उसके ऊपर चढ़ गई और लंड को बुर के मुँह पर सैट कर बैठने लगी. एक तो उसका लंड कड़क था और वह भी सीधा खड़ा था. उसका लंड चूत की फांकों में कसता हुआ अन्दर जा रहा था.


धीरे धीरे मेरी चूत ने उसका पूरा लंड निगल लिया. मैं आह आह ओह करने लगी.


अब मैं उसके लंड पर कूदने लगी. मुझे भी मजा आ रहा था. साथ में मैं मादक आवाजें ले रही थी.


मेरी चूचियां हवा में डिस्को कर रही थीं. रोहित मेरी चूचियों से खेल रहा था. वो उन्हें चूस रहा था, मसल रहा था.


करीब पन्द्रह मिनट की चुदाई में मेरी चूत से काम रस निकलने लगा लेकिन उसका लंड उसी तरह खड़ा था. मैं अपनी चूत को सिकोड़ कर लंड की मोटाई का मजा ले रही थी.


मेरे झड़ने के बाद वह मेरे ऊपर आ गया और मुझे चित लिटा कर चोदने लगा. करीब बीस मिनट बाद उसका लंड झटका मारने लगा. मैं समझ गई कि उसका लंड झड़ने वाला है. साथ में मेरी बच्चेदानी में भी चोट लगने लगी.


तभी उसके लंड से गर्म गर्म वीर्य निकलना चालू हो गया. मेरी चूत में उसका वीर्य भर गया. वह मेरे ऊपर ही लेट गया.


करीब दस मिनट बाद वह हटा. मैं भी बाथरूम भागी और वीर्य को साफ किया, साफ करने के बाद मैं आई.


मंजू और रोहित भी नंगे पड़े आराम फरमा रहे थे. उस समय सुबह के करीब चार बज रहे थे.


मैं बोली- मंजू, अब मैं अपने पति के पास जा रही हूं क्योंकि पांच बजे वह उठ जाते हैं. मंजू मजाक में बोली- रोहित, बुआ अब फूफा जी से भी चुदवाएंगी.


रोहित बोला- मजा आ गया भाभी. मैंने मुस्कुरा कर अपनी पैंटी और ब्रा पहनी, फिर साड़ी ब्लाउज पहन ली.


बाहर जाने से पहले मैंने रोहित को कस कर चूम लिया और अपने कमरे में चली गई.


मेरे पतिदेव गांड पसारे सो रहे थे. मैं उनके बगल में सो गई.


करीब आठ बजे जब मैं उठी तो देखा कि पति देव जी चाय की चुस्की ले रहे हैं. मैं फ्रेश होने के लिए बाथरूम गई. उधर जब मैं पैंटी उतार रही थी तो वो मेरी चूत में चिपक गई थी. मैं उसे खींच कर निकाला. उसमें बहुत सारा वीर्य लगा था, जो अभी भी थोड़ा गीला था.


मैंने उस पैंटी को मुँह में लिया और वीर्य चाट लिया. बेहद नमकीन स्वाद था, मैं सारा वीर्य चाट गई.


मेरे चूचों पर भी नाखून और दांत के दाग थे. मैं फ्रेश होकर निकली और रोहित के कमरे के तरफ गई तो मंजू की आह आह आह ओह ओह की आवाज आ रही थी.


थोड़ी देर बाद रोहित और मंजू निकले और बिना बोले बाथरूम में घुस गए. कुछ देर बाद वे लोग बाहर निकले.


तब तक मैंने चाय बना ली थी. हम सब लोग चाय पीने लगे.


मंजू ने फूफाजी से पूछा- फूफा जी रात कैसी रही? वह बोले कि हां अच्छा रही, बढ़िया नींद आई …. क्योंकि मैं थक भी गया था … और रोहित तुम कब आए? रोहित- फूफा जी मैं रात के दस बजे आया था.


मंजू किचन की तरफ नाश्ता बनाने आ गई तो मैंने उससे पूछा- मंजू तुम्हारा तो सुबह भी चुदाई कार्यक्रम चल रहा था? वह बोली- हां बुआ. मैं बोली थी न कि रोहित जब वियाग्रा खा लेता है, तो ऐसे ही करता है. दवा से उसका लंड शांत नहीं हो रहा था. तुम्हारे जाने के बाद उसने मुझे दो राउंड और चोदा. मैं अभी नाश्ता करके सो जाउंगी. मैंने ओके कह दिया.


मंजू बोली- बुआ तुम्हारा क्या प्रोग्राम है? मैं बोली- मैं तो अभी तुम्हारे घर चार दिन तक रहूँगी.


उसने पूछा- ओके बुआ आपको रोहित से अभी और चुदवाना है न? मैं बोली- रात में देखूंगी.


मैं चार दिन उधर रही और चारों दिन मैं रोहित से चूत चुदवाती रही.


एक रात पतिदेव ने चुदाई के लिए कहा तो मैंने अपने पति देव से बोल दिया कि मुझे माहवारी हो गई है इसलिए अभी चुदाई नहीं होगी.


फ्रेंड्स मेरी चुदाई कहानी आपको कैसी लगी?


अगर लंड से पानी निकल गया और चूत में उंगली चल चुकी हो तो मैं समझूंगी कि मेरी कहानी ठीक है. बस आप मेल लिख कर बता दीजिए कि इस विगरस वियाग्रा सेक्स कहानी में कितना मजा आया.


आपकी शालिनी [email protected]


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