सोती हुई मामी की चूत में उंगली का मजा

सिराज

30-12-2022

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वेट पुसी फिंगरिंग सेक्स स्टोरी में मैंने रात को सोती हुई एक लेडी की चूत में उंगली की, उसके चूचे मसले पर उसने कोई विरोध नहीं किया. यह मेरा पहली बार था. पर चुदाई नहीं हो पायी. पढ़िये चुदाई की अधूरी दास्तां!


फ्रेंड्स मेरा नाम सिराज है और मैं लखनऊ से हूँ. मेरी उम्र 19 साल की है. मेरा लंड 6 इंच लंबा और 2 इंच मोटा है. मुझे बड़ी उम्र की औरतें चोदना पसंद हैं.


मैं पिछले एक साल से अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ. यह मेरी जिंदगी की सच्ची घटना है, जिसे मैं सेक्स कहानी के माध्यम से आप लोगो को सुनाने जा रहा हूँ.


यह वेट पुसी फिंगरिंग सेक्स स्टोरी आज से दो साल पहले की उस समय की है जब मैं अपनी नानी के तरफ एक रिश्तेदार के यहां शादी में गया था.


शादी में बहुत काम था, तो मैं बहुत थक गया था. शादी के बाद विदाई हो गई और सब लोग आराम करने लगे.


मैं सोने के लिए अपनी नानी के घर आ गया.


मेरी सगी मामी ने मुझसे कहा- घर में कई मेहमान हैं, इसलिए नीचे जगह नहीं है. तुम ऊपर छत पर जाकर लेट जाओ. मैं थका होने की वजह से लेटने के लिए ऊपर आ गया.


जब मैं ऊपर आया तो देखा कि ऊपर भी कई मेहमान सोए हैं. ये देख कर मुझे बहुत गुस्सा आया, पर कर भी क्या सकता था.


मैं सबसे किनारे आकर लेट गया, पर अब मुझे नींद नहीं आ रही थी.


मैं उठ कर गया और पानी पीकर वापस अपनी जगह पर आकर लेट गया.


जब मैं आया तो देखा कि मेरे बगल में मेरी दूर की रिश्ते की मामी सो रही थीं.


मेरी ये वाली मामी दिखने में बहुत मस्त आयटम थीं. उनके चूचे ज्यादा बड़े नहीं थे, पर उनकी गांड बहुत मस्त लग रही थी.


उन्हें देख कर तो मुझे अब तो बिल्कुल भी नींद नहीं आ रही थी बल्कि अब तो नींद मुझसे कोसों दूर चली गई थी.


मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं.


फिर पता नहीं क्या हुआ, मैंने सोचा कि क्यों ना एक बार मामी को छूकर देखूं. पर साथ ही डर भी लग रहा था क्योंकि उनके बगल में उनका 13 साल का बेटा और उसके बाद मामा भी सो रहे थे.


पर मुझसे रहा नहीं जा रहा था, तो मैंने मामी को छूने की हिम्मत की. पता नहीं क्यों, मेरे अन्दर इतनी चुल्ल मची हुई थी कि रुका नहीं जा रहा था.


मामी मेरी तरफ पीठ करके सोई हुई थीं.


मैंने अपना हाथ मामी के ऊपर रख दिया और अपना पैर भी उनके एक पैर के ऊपर रख दिया. मामी की तरफ से कोई भी हलचल नहीं हुई. मुझे बड़ा ही अच्छा लग रहा था.


फिर मैंने हिम्मत करके अपना एक हाथ मामी के दूध पर रख दिया. उस वक़्त मामी ने सलवार और कुर्ती पहनी हुई थी.


मैंने महसूस किया कि मामी ने ब्रा भी पहनी है. मैं कुछ देर ऐसे ही मामी के मम्मों में अपना हाथ रखे रहा. फिर थोड़ी देर बाद मैं उनके एक दूध को धीरे धीरे दबाने लगा.


मामी अब थोड़ा सा हिलीं, उससे मेरी तो गांड ही फट गई थी.


पर मामी ने कुछ भी रिएक्ट नहीं किया और वो सीधी लेट गईं. मैं थोड़ी देर वैसे ही लेटा रहा.


पर मेरा लंड लोअर में फटा जा रहा था.


कुछ पल बाद मैंने हिम्मत करके फिर से अपना एक हाथ मामी के दूध पर रख दिया. ऐसे जैसे मैंने नींद में ऐसा गलती से कर दिया हो. पर मामी अभी भी वैसी ही सोती रहीं.


फिर मैं हिम्मत करके धीरे धीरे दूध को दबाने लगा. मुझे उनके रसीले मम्मे को दबाने में बड़ा ही मजा आ रहा था. मुझे ऐसा लग रहा था जैसे किसी मखमली रुई से भरी तकिया को दबा रहा होऊं.


फिर मैंने धीरे से अपने हाथ से मामी की कुर्ती उठा कर उनके पेट पर रख दिया और थोड़ी देर हाथ को वैसे ही रखे रहने दिया. फिर जब देखा कि मामी बहुत ही गहरी नींद में सो रही हैं और उनकी ओर से कोई भी प्रतिक्रिया नहीं हो रही है, तो मैंने आगे बढ़ने का तय कर लिया.


धीरे धीरे मैं अब अपने हाथ को ऊपर की तरफ लेकर जाने लगा.


अचानक मेरे दिल की धड़कन बढ़ गई थीं क्योंकि मेरा हाथ मामी की ब्रा के ऊपर आ गया था. मैंने हिम्मत करके अपना हाथ ब्रा के अन्दर डाल दिया.


वाह क्या सुख था. मैं आपको बता ही नहीं सकता कि मुझे उस वक़्त कितना मजा आ रहा था.


मेरा तो डर जैसे निकल ही गया था. मैं बड़े आराम से उनके एक दूध को दबा रहा था.


चूंकि ये सब जिंदगी में पहली बार हो रहा था कि मैंने किसी के दूध छुए थे.


फिर पता नहीं कैसे मेरा एक हाथ अपने आप ही मामी की चूत की तरफ जाने लगा. मेरा हाथ मामी की सलवार के ऊपर से ही उनकी चूत पर रख गया, पर मजा नहीं आ रहा था.


मैंने हिम्मत करके अपना हाथ मामी के सलवार के नाड़े पर रख कर धीरे धीरे उसे खोलने लगा.


कुछ ही देर में मामी की सलवार का नाड़ा खुल चुका था, पर इतना सब होने के बाद भी मामी टस से मस ना हुई थीं. शायद मामी बहुत गहरी नींद में सो रही थीं.


अब मैंने अपना एक हाथ मामी की सलवार के अन्दर डाल दिया और अपना हाथ धीरे धीरे अन्दर की ओर करने लगा. तभी मुझे 440 वोल्ट का करेंट लग गया क्योंकि मामी ने अन्दर पैंटी नहीं पहनी थी और मेरा हाथ मामी की झांटों पर आ गया था जो मुझे महसूस हो रही थीं. उनकी झांटें कुछ नुकीली सी ऐसी लग रही थीं मानो दो चार दिन पहले ही बनाई हों.


अब मैं चूत को ढूंढने लगा, पर चूत मिली नहीं. फिर मैं हाथ को और नीचे ले गया और चूत के छेद को ढूंढने लगा.


यह मेरी जिंदगी में पहली बार था कि मेरा हाथ किसी भी चूत के इतने पास हुआ था इसलिए मुझे उस वक़्त चूत नहीं मिल रही थी. मैं हाथ फेर रहा था तो सब सपाट लग रहा था.


फिर मेरा हाथ एक लाइन पर पड़ा, तो मुझे लगा कि यही चूत की फांक है.


मैंने ब्लू फिल्म में देखा था कि चूत बिल्कुल फटी रहती है, जबकि मामी के दो लड़के थे. फिर भी मामी की चूत की फांकें चिपकी हुई थीं.


मैंने दो उंगलियों से उनकी फांकों को खोला. आज जिंदगी में पहली बार मैंने किसी चूत की गर्मी को महसूस किया था.


मैंने इतना सब किया, फिर भी मामी हिली तक नहीं. मुझे बहुत ताज्जुब हो रहा था. फिर मैंने सोचा कि आज तक किसी भी चूत को देखा नहीं है, क्यों ना मामी की चूत को देखा जाए.


मैं उठ कर बैठ गया और मामी की सलवार को हल्का सा नीचे सरका दिया. हाय वो क्या पल था, मैंने जिंदगी में किसी की चूत को इतने पास से देखा था.


मैंने अपना लोअर और चड्डी दोनों को उतार कर चादर पैरों में डाल दिया और मामी से चिपक गया. अचानक से मामी ने करवट बदली और मुझे भी कस कर अपने सीने से चिपका लिया.


मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि मेरे साथ ये क्या हो रहा है. पर मामी ने मुझे इतनी पास चिपका कर रखा हुआ था कि मेरा मुँह मामी के दोनों दूध को दबा रहा था.


मामी अब भी सो रही थीं.


अब मैं बिना डर के मामी के मम्मों को दबा रहा था. कुछ पल बाद मामी ने फिर से करवट बदल ली और सीधा लेट गईं.


इस बार मैंने हाथ नहीं हटाया और उनके दूध दबाता रहा.


फिर सोचा कि क्यों ना मामी की चूत में उंगली की जाए! पर जैसे ही मैंने हाथ को बढ़ाया कि तभी मामी ने फिर करवट ले ली और मुझे खुद से चिपका लिया. मुझे कुछ नहीं समझ आ रहा था कि मेरे साथ ये क्या हो रहा है.


पर इस बार मामी ने मुझे इस तरह से चिपकाया हुआ था कि मेरा खड़ा लंड, जो कि दर्द से फटा जा रहा था, उनकी जांघों में रगड़ रहा था. मामी की चूत उनके दोनों पैरों से दबी हुई थी. मैं नंगा ही बेबस उनकी चुची के पास अपना सिर लगाए हुए था.


मैं उनकी फिर से चुची दबाने लगा. मामी ने फिर से हरकत की और फिर से सीधी लेट गईं.


मुझे भी कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा है. मैं भी कुछ कर नहीं सकता था. बगल में उनका लड़का और पति लेटे हुए थे.


इधर मेरा लंड खड़ा होकर मुझे परेशान कर रहा था. आज से पहले मेरा लंड इतनी सख्ती से खड़ा नहीं हुआ था. आज वो और भी मोटा और लंबा लग रहा था.


मामी सीधी लेटीं, तो इस बार मैं मामी से चिपक गया. वे अब भी सो रही थीं, उनके चेहरे पर हल्का सा भी कोई फर्क नहीं पड़ा था, जिससे लग रहा हो कि वो जग रही हैं.


मैं मामी से इतनी कसके चिपक गया था कि मेरे एक ही हाथ से मामी के दोनों दूध दब रहे थे.


अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था. ये सब करते करते दो घंटे हो चले थे पर मैंने अपने लंड की मुठ नहीं मारी थी इसलिए वो बहुत दर्द हो रहा था.


मुझे ध्यान आया कि मामी की सलवार का नाड़ा अब भी खुला है और सलवार नाभि के काफी नीचे है. मैंने देर ना करते हुए अपना हाथ सलवार के अन्दर डाल दिया और उनकी चूत की फांकों को अलग करके जैसे ही उंगली चूत के अन्दर डाली, तो ऐसा लगा कि मैंने अपनी उंगली किसी गर्म भट्टी में डाल दी हो. साथ में चूत अन्दर से गीली थी.


मैंने उंगली चलाना शुरू कर दी. वेट पुसी फिंगरिंग सेक्स का मजा लेने लगा मैं! मुझे चूत में उंगली करने में बड़ा ही मजा आ रहा था. मामी की चूत काफी टाइट थी.


मुझे बड़ी देर में समझ में आया कि मेरे मामा काम की वजह से दूसरे शहरों में रहते थे, जिस वजह से शायद वो मामी को चोदते नहीं होंगे.


अभी एक दिन पहले ही वो दो साल बाद घर आए थे. इसका मतलब मामा ने आने के बाद भी अभी तक मामी की चुदाई नहीं की है.


अब मुझे मजा आ रहा था और उनकी चूत से ज्यादा पानी आ रहा था. मैं चूत में उंगली के साथ साथ उनकी एक चुची को भी दबा रहा था.


मामी की चूत में उंगली करते हुए मुझे 5 मिनट ही हुए होंगे कि मामी ने करवट बदली और इस बार वो मुझसे इतनी जोर से चिपक गईं कि मेरा लंड मामी की झांटों में दोनों जांघों के बीच दब गया.


ऊपर मेरा मुँह मामी के दोनों दूध में इतनी कसके चिपका हुआ था कि मैं सही से सांस भी नहीं ले पा रहा था.


कुछ दो मिनट बाद मामी सीधी हुईं और अपनी सलवार का नाड़ा बंद करके पीठ मेरी तरफ करके सो गईं. मुझे 5 मिनट तक तो समझ ही नहीं आया कि मेरे साथ ये क्या हुआ है.


मेरा सर दर्द हो रहा था क्योंकि मुझे जगते जगते, वेट पुसी फिंगरिंग करते करते 4 घंटे हो गए थे. ऊपर से सारा दिन शादी के काम करवाता रहा था, तो काफी थकान भी थी.


उसी सब सोच में मुझे कब नींद आ गई, कुछ पता ही नहीं चला.


मेरी आंख खुली तो देखा कि 9:00 बज चुके हैं और धूप बहुत तेज हो गई थी.


मैंने अपनी उंगलियों में कुछ सूखा सूखा सा लगा पाया तो ध्यान आया कि कल रात क्या हुआ था यानि यह कोई सपना नहीं था.


उस वक़्त मैं अपने आपको इतनी गालियां दे रहा था कि मैं रात को सो क्यों गया. रात को मुझे पहली बार चूत मिल सकती थी, पर अब पछताए होत का जब चोद ही सका ना चुत.


जब मैं नीचे आया तो पता चला कि मामी और मामा सुबह 7 बजे ही चले गए हैं.


तब मुझे बहुत दुख हुआ. पर अब कर भी क्या सकते थे, जो होना था, वो हो गया था.


मेरी किस्मत में अभी चूत नहीं लिखी थी.


अब भी सोचता हूँ कि किसी तरह मुझे मामी की चूत चोदने मिल जाए तो मजा आ जाए. कभी ना कभी वो मौका जरूर आएगा, जब मामी की चूत चोदने मिलेगी.


आप सभी लोग से विनती है कि आप लोगों के साथ भी ऐसी कोई घटना हुई हो, तो मेल करके जरूर बताएं. प्लीज़ मेल करके ये भी बताएं कि ये सच्ची वेट पुसी फिंगरिंग सेक्स स्टोरी आपको कैसी लगी. [email protected]


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