छोटी बहन नाजिया की सीलपैक बुर चोदी

गुप्त

03-12-2022

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Xxx बहन सेक्स कहानी मेरी छोटी बहन की है. एक दिन मैंने उसे रूम में नंगी लेटकर बुर को हाथ से मसलती देखा. उसने भी मुझे देख लिया और मेरा कम बन गया.


मेरा नाम समीर आब्दी है, मैं एम पी का रहने वाला हूँ.


जब मुझे मेरा काम मिला तो कंपनी की तरफ से मुझे एक घर भी मिला.


मैं दिन भर अपना काम करता और जब रात को में अपने रूम में आता तो मुझे ही अपना खाना बनाना पड़ता था.


मुझे खाना बनाने के बारे में कुछ ज्यादा नहीं पता था तो जैसा भी बना लेता, मुझे अच्छा नहीं लगता था.


फिर एक दिन मैं इस सबसे बहुत परेशान हुआ और मैं अपने घर बात करने लगा.


तब अम्मी ने बोला- तू नाजिया को अपने साथ ले जा. वो तेरी मदद कर दिया करेगी. नाजिया मेरी छोटी बहन है.


यह Xxx बहन सेक्स कहानी उसकी नाजिया की है.


पहले तो मैंने मना किया लेकिन बाद में मैं बोला- ठीक है. मैं कुछ दिन की छुट्टी लेकर आऊंगा तब उसको साथ ले आऊंगा.


दोस्तो, मैं बता दूँ कि हम सिर्फ दो भाई बहन हैं. मेरी बहन नाजिया मुझसे सिर्फ दो साल छोटी है. उसका फिगर 34-32-36 का है और वो किसी परी से कम नहीं है. कोई भी उसे देखेगा, तो बस उसे चोदने के सपने देखता होगा.


फिर मैं काम से छुट्टी लेकर अपने गांव आया. जब मैं घर पहुंचा तो घर पर कोई नहीं था.


मैं ऊपर के रूम में गया तो मुझे कुछ अजीब सी आवाजें आ रही थीं. मैंने चुपके से देखा तो मेरे होश उड़ गए. मेरी बहन नाजिया अपने रूम में नंगी लेटी थी और वो अपनी बुर को अपने हाथ से मसल रही थी.


मुझे ये देख कर बहुत गुस्सा आया लेकिन जब मैंने उसे गौर से देखा तो मुझमें एक जानवर जाग गया, जो अपनी बहन को ये सब करते हुए देख रहा था.


मैंने आवाज लगाई और वो एकदम से उठ कर बाथरूम में भाग गई. उसने देख लिया था कि मैंने उसे बुर मसलते हुए देख लिया था.


बाद में वो बाहर आकर बोली- भाई, तुम कब आए? मैंने कहा- बस अभी आया हूँ.


मैंने देखा कि मेरी बहन की आंखों में एक शरारत सी थी. अभी मैं उससे कुछ कहता, तभी अम्मी भी आ गईं.


हम सबने खाना खाया और मैं बोला- मुझे सुबह वापस जाना है. नाजिया तू अपने कपड़े पैक कर लेना. उसने हंस कर हामी भर दी.


सुबह हम दोनों भाई बहन घर से निकल गए.


जब हम दोनों बस में बैठे, तो सब लोग नाजिया को देखने लगे. वो काले कपड़ों में बिल्कुल कांटा माल दिख रही थी. ऐसा लग रहा था कि अगर उसको बस में अकेला छोड़ दिया जाए, तो सब लोग उसको एक एक करके चोदने लग जाएंगे.


फिर हम दोनों एक सीट पर बैठ गए और बस चलने लगी. बस में ज्यादा लोग नहीं थे तो हम दोनों सबसे पीछे की सीट पर बैठ गए.


रास्ते में नाजिया को नींद आ गई और वो मेरे कंधे पर सर रख कर सो गई थी.


नींद में उसने अपना एक हाथ मेरे लंड के ऊपर रख दिया. जब मैंने देखा तो मैंने सोचा कि कोई बात नहीं, नींद में ऐसा हो जाता है.


मेरे दिमाग में उसकी रूम वाली हरकत घूमने लगी और मैं सोचने लगा कि अगर मैं इसको उसकी कमरे वाली बात को बता कर इसके साथ कुछ कर दूँ, तो ये मेरे लिए कुछ भी करेगी.


वैसे भी उसकी आंखों की शरारत मुझे कुछ कुछ बता रही थी कि मेरी बहन चुदने को मचल रही है.


जब हम शाम को कमरे में पहुंचे, तो बहुत थक गए थे. हमने साथ में लाया हुआ खाना खाया और सो गए.


सुबह जब मैं उठा तो नाजिया सोई हुई थी और उसका पेट नंगा दिख रहा था. क्या गोरा बदन था यार … दिल कर रहा था कि उसके पेट पर अपने लंड का पानी निकाल दूँ.


फिर मैंने सर को झटका और रेडी होने लगा.


मैं अभी अपने काम पर जाने के लिए सोच ही रहा था कि तभी बारिश होने लगी. मैं रुक गया.


तब तक मेरी बहन भी रेडी होकर खाना आदि बनाने की तैयारी करने लगी थी. भी उसे खाना बनाने में देरी थी तो हम दोनों भाई बहन ने बैठ कर बहुत सारी बातें की.


तब मैंने नाजिया से पूछा- तेरा कोई बॉयफ्रेंड है? तो उसने शर्माते हुए मना कर दिया.


मैंने सोचा इसका मतलब ये अभी तक कच्ची कली है. तब भी मैंने उससे उसकी उस हरकत को लेकर कुछ नहीं कहा.


मैं बस उसको किसी भी हाल में चोदना चाहता था क्योंकि जब से मैंने उसे नंगी देखा था, मैं पागल हो गया था. कोई लड़की इतनी सेक्सी कैसे हो सकती है.


फिर हम दोनों ऐसे ही रूम में टाइम पास करने लगे.


उस दिन मैं देर से ऑफिस गया. शाम को जब वापस आया तो नाजिया ने खाना तैयार कर रखा था.


मैंने और नाजिया ने एक साथ खाना खाया और बातें करते हुए हम दोनों बेड पर लेट गए. मेरे रूम में सिर्फ एक बेड था, वो भी छोटा था.


नाजिया भी मेरे पास ही लेट गई.


जब आधी रात हुई तो ठंड एकदम से बढ़ गई थी और इतनी ज्यादा हो गई थी कि सही नहीं जा रही थी.


बेड छोटा होने के कारण हम दोनों एक दूसरे के बहुत पास थे.


नाजिया ने टी-शर्ट और लोअर पहना हुआ था. नाजिया को बहुत ठंड लग रही थी. तो मैंने उससे कहा- मेरे पास आ जा. मेरे कहने भर की देर थी कि वो बिंदास मुझसे चिपक गई.


उसके चिपकते ही मुझे ऐसा लगा, जैसे मैं जन्नत में हूँ. उसके बूब्स मेरे सीने से टच हो रहे थे. उसकी सांसें तेज हो गई थीं.


मैंने कहा- क्या हुआ? वो बोली- कुछ अजीब सा लग रहा है.


मैंने उसे और जोर से अपने सीने से लगा लिया. मेरा लंड भी एकदम टाइट हो गया था और उसकी जांघों पर टच हो रहा था.


उसने कहा- भाई, ये मुझे क्या चुभ रहा है? मैंने कहा- खुद देख ले न हाथ लगा कर.


जब उसने हाथ लगा कर देखा, तो वो डर गई और लंड मसलती हुई बोली- ये क्या है … इतना बड़ा और मोटा? मैंने कहा- दिखाऊं तुझको? वो बोली- हां.


मैंने अपनी पैंट नीचे खिसका दी और उसके हाथ में लंड दे दिया. उसको अपने भाई का लंड पकड़ने में बहुत शर्म लग रही थी.


नाजिया लंड सहलाती हुई बोली- ये गलत है भाई.! मैंने कहा- कुछ गलत नहीं है, तुम बस मजा लो. तू मेरी बहन है और मैं तेरा भाई. हम दोनों किसी से कुछ नहीं कहेंगे. तुझे भी लंड की जरूरत है मुझे मालूम है.


वो शर्मा गई और मुझसे चिपक गई. मैं उसके कपड़े उतारने लगा.


उसने काले रंग की पैंटी और ब्रा पहनी थी. क्या बताऊं दोस्तो, मेरी बहन क्या माल लग रही थी.


फिर मैंने अपने कपड़े उतारे और उसको भी पूरा नंगी कर दिया. हमारी सर्दी न जाने किधर छूमंतर हो गई थी.


मैं उसके ऊपर आ गया और उसकी टांगें फैला कर उसकी बुर देखने लगा. दोस्तो, मेरी बहन की बुर पर एक भी काला बाल नहीं था, उसकी बुर पर सिर्फ रोंए रोंए से थे. इतनी मासूम बुर मैंने आज तक नहीं देखी थी.


मेरी बहन अन्दर से भी बहुत सुन्दर थी.


कुछ देर बाद मैंने अपना लंड उसकी बुर पर लगाया और फांकों को खोल कर लंड का सुपारा घिसने लगा. वो अह आह करने लगी और अपनी गांड उठाकर लंड बुर में लेने की कोशिश करने लगी.


जैसे ही मैंने एक झटका मारा, मेरा लंड फिसल गया.


आज तक उसने किसी का भी नहीं लिया था. ये मेरी किस्मत थी, जो मैं अपनी बहन की सील तोड़ने वाला था.


फिर मैंने हाथ बढ़ा कर पास की टेबल पर रखी तेल की शीशी उठाई और उसे खोल कर अपने लंड पर तेल टपकाने लगा. मेरी बहन लंड पर तेल लगते देख रही थी.


मैंने उससे कहा- तेल मल दे. उसने लंड पर तेल की मालिश करना शुरू कर दी.


वो अब बेहिचक लंड सहला रही थी.


मैंने कहा- मुँह में लेना है? वो बोली- अभी नहीं. पहले नीचे लेना है.


मैंने कहा- ओके अभी तेरी बुर को चिकनी कर दूँ फिर अगले राउंड में मुँह से मजा लेंगे. वो मुस्कुरा दी.


मैंने उसकी बुर पर तेल लगाया और उंगली से अन्दर तक तेल लगा दिया. उसने तेल लगवाते समय अपनी बुर फैला ली थी.


फिर जैसे ही मैंने उसकी बुर में लंड लगाया तो उसने अपने हाथ से लंड पकड़ लिया. मैं समझ गया कि अब ये खुद से मेरे लंड को बुर में लेगी.


मैंने झटका मारा तो मेरा आधा लंड उसकी बुर के अन्दर चला गया. लंड घुसते ही उसकी चीख निकल गई. वो बहुत तड़प रही थी.


मैं रुक गया और उसे चूमने लगा उसके दूध मसलने लगा. कुछ देर बाद मैंने फिर से एक और झटका मारा.


इस बार मेरा पूरा लंड उसकी बुर में घुस गया और वो दर्द से रोने लगी. मैं ऐसे ही उसको पेलता गया.


मैंने उसको इतना पेला इतना पेला कि वो अपना होश खो बैठी. कुछ देर बाद उसने भी लंड का मजा लेना चालू कर दिया.


मैं चुदाई की मस्ती में खो गया था मुझे अपनी बहन की बुर मस्त मजा दे रही थी.


काम वासना ने हम दोनों को अंधा कर दिया था. उसे भी सुध नहीं थी और मुझे भी.


वो झड़ने लगी थी और बुर की रबड़ी ने लंड के लिए चिकनाई ज्यादा ही कर दी थी.


लंड सरपट दौड़ता गया और मुझे ख्याल ही नहीं रहा कि लंड का पानी निकलने वाला है. मुझे रुका नहीं गया और मेरा पानी उसकी बुर में ही निकल गया.


जब मैंने अपना लंड बाहर निकाला तो मेरे लंड पर खून लगा हुआ था. मैं समझ गया मेरी बहन कली से फूल बन गई है, बुर से चूत बन गयी है.


मैंने उसकी चूत का सब खून साफ किया.


वो लस्त हो गई थी और मैं ऐसे ही उसके पास नंगा चिपककर लेट गया. कुछ देर बाद मैंने उसे हिलाया, तो वो जाग रही थी.


मैंने उसके एक दूध को दबाया तो वो मेरे सीने से चिपक गई.


हम दोनों में फिर से आग जलने लगी. एक बार फिर से कामाग्नि भड़क उठी.


इस बार मैंने उसके दूध चूसे और उसने भी बड़े प्यार से मुझे अपने मम्मों का रस चुसाया.


कुछ देर बाद मैंने उससे कहा- लंड चूसना है? वो बोली- आज लंड ने खून किया है. कल चूस लूंगी.


मैंने भी ज्यादा कुछ नहीं कहा. सर्दी थी नहीं तो उसी समय लंड बुर धोकर चुसाई का मजा ले लेते.


एक बार फिर से लंड ने बुर की राह पकड़ी और बुर से आह निकलनी शुरू हो गई.


इस बार पहले की बनिस्बत ज्यादा मजा आ रहा था. बुर फट चुकी थी तो दर्द कम हो रहा था.


वो मेरे लौड़े की सवारी करने मेरे ऊपर भी आई. उस समय मेरी बहन ने लंड की सवारी करते हुए अपने दूध चुसवाए. मुझे अपनी बहन की कसी हुई जवानी को चोदने में बड़ा मजा आ रहा था.


वो भी अपनी जवानी की मस्ती में मेरे लंड से खेल रही थी. कमरे में जबरदस्त चुदाई चल रही थी और मेरे दिमाग में बहन की गांड मारने और उसका मुँह चोदने की बात चल रही थी.


एक बार फिर से हम दोनों चरम पर आए और झड़ कर एक दूसरे को शांत कर दिया. इस बार थकान ज्यादा हो गई थी तो लंड बुर में ही पेले हुए मैं सो गया.


जब वो सुबह उठी तो उससे ठीक से चला नहीं जा रहा था. फिर मैं उसको सहारा देकर बाथरूम लेकर गया.


उधर उसको नहाने में मदद की, उसको अपने हाथों से नहलाया.


मैं उसको नहला कर रूम में लेकर आया और उसको किस किया. वो बोली- भाई हमने बहुत गलत किया. मैंने कहा- कुछ नहीं होगा.


उसी के साथ हम दोनों फिर से लग गए. आज मुख मैथुन से शुरुआत हुई और दो बार की चुदाई हुई.


अब जब भी मेरा दिल करता है, मैं उसको चोद देता हूँ और वो भी खूब मजे करती है. मेरी बहन अब मेरी रण्डी थी.


उसकी गांड चुदाई की कहानी बाद में लिखूंगा. आप मुझे कमेंट्स में बताएं कि मेरी Xxx बहन सेक्स कहानी कैसी लगी?


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