सगी बहन की चूत चोद कर सुजा दी

सैंडी कुमार 9

16-03-2024

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Xxx भाई बहन सेक्स कहानी मेरी सेक्सी बहन की है. मैं उसे चोदना चाहता था. मैंने उसे अपनी इच्छा बताई तो उसने मुझे थप्पड़ मारा. लेकिन उसकी शादी के बाद वह अपने पति से खुश नहीं थी.


दोस्तो, मेरा नाम संदीप है. मेरी उम्र 22 साल है और मैं उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूं.


मेरा शरीर एकदम फिट है. मैं कुछ खास मोटा नहीं है लेकिन स्मार्ट बहुत हूं.


हमारे परिवार में हम चार लोग हैं. मम्मी पापा, मैं और मेरी बड़ी बहन.


मेरी बड़ी बहन का नाम पूजा है. वह मुझसे दो साल बड़ी है.


यह Xxx भाई बहन सेक्स कहानी 3 साल पहले की है, जब मैं अपने बहन को चोदना चाहता था.


क्या गजब माल है, उसके बड़े-बड़े चूचे और भरी हुई गांड देख कर कोई भी उसे एकदम मस्त माल कहेगा. वह देखने में बहुत हॉट थी. मैं उसको चोद देना चाहता था परंतु बहन थी तो सीधे बोल भी नहीं सकता था. मम्मी पापा से बोल दे … इसका भी डर था.


आखिर एक दिन मैंने उससे कह ही दिया- मुझे तू बहुत हॉट लगती है और यदि तू चाहे, तो मैं तेरे साथ सेक्स करना चाहता हूँ. उसने मेरे साथ सेक्स करने से मना कर दिया.


उसके बाद मैं कसमसा कर रहा गया.


एक बार की बात है कि ठंडी के दिन थे मम्मी पापा नीचे अपने कमरे में सोए हुए थे, मैं और मेरी बड़ी बहन ऊपर एक साथ एक कमरे में सोए थे.


क्योंकि हम बचपन से ही एक साथ सोते आए थे तो इसमें कुछ भी अजीब नहीं था.


एक दिन मैं और मेरी बहन सोने आए. उस दिन ठंड बहुत ज्यादा लग रही थी.


दीदी ने कहा- क्यों ना आज मैं तेरे ही बिस्तर पर सो जाऊं, बहुत ठंड है.


यह बात सुनकर तो मेरे मन में एक अजीब सी खुशी की लहर उठी क्योंकि मैं उसे चोदना चाहता था. यह मेरे लिए एक सुनहरा अवसर था.


मैंने बोला- हां क्यों नहीं दीदी, आओ एक साथ सो जाते हैं. उसने अपना बिस्तर छोड़ा और मेरे बिस्तर में आ गई.


उस दिन दीदी ने लोअर और टी-शर्ट पहनी थी. वह मेरे बिस्तर पर अपनी गांड मेरे लंड की तरफ करके सो गई.


कुछ देर के बाद मुझे लगा कि दीदी सो गई है. मैंने उसकी छाती पर धीरे से अपना हाथ रख दिया. उसने कोई विरोध नहीं किया.


मुझे लगा कि शायद वह सो रही है. मैं अपना हाथ धीरे से उसके चूचे पर ले गया. उसने तब भी विरोध नहीं किया.


मैंने ऐसे ही धीरे करते-करते टी-शर्ट के अन्दर हाथ डाल दिया. तब मुझे पता लगा कि दीदी ने तो उस दिन ब्रा ही नहीं पहनी थी. ओ भाई साहब … क्या बताऊं … कितने मुलायम चूचे थे उसके … मेरे बदन में एकदम से करंट दौड़ गया.


उसी वक्त दीदी ने थोड़ी सी हरकत की और वह मेरी तरफ घूम गई. मैं डर गया और सोने का नाटक करने लगा.


थोड़ी देर बाद मैंने उसके लोअर में अपना हाथ डाल दिया. मैंने देखा कि उसने तो पैंटी भी नहीं पहनी है.


मैं बहन की चूत को सहलाने लगा. वह सिसकारियां भरने लगी.


मैं समझ गया कि यह तो जगी हुई है, साली सोने का नाटक कर रही है.


मैंने थोड़ी सी हिम्मत जुटाई और बिना सोचे समझे उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और किस करने लगा.


दीदी ने मुझे तुरंत ही झटका देकर वहां से हटा दिया.


ओ तेरे की … ये तो लफड़ा हो गया … अब क्या होगा. मुझे लगा था कि वह जगी हुई है … मना नहीं कर रही है तो उसका भी मन सेक्स करने का होगा. लेकिन यह तो उल्टा हुआ.


तभी उसने आंखें खोलीं और कहा- हम भाई-बहन हैं. हम दोनों यह सब नहीं कर सकते! यह कह कर उसने एक झापड़ मार दिया और मेरे बिस्तर से उठ कर अपने बिस्तर पर चली गई.


मुझे डर था कि कहीं यह बात मम्मी पापा से ना बोल दे. पापा तो घर से ही बाहर निकाल देंगे.


मैं सुबह उठा तो डर रहा था लेकिन दीदी ने किसी को नहीं बताया था.


तब से मैं अपनी दीदी से नजरें चुराने लगा और उससे बोलना भी कम कर दिया.


मैं दीदी से नहीं बोल रहा था, यह देख कर एक दिन दीदी मेरे पास आई और बोली- यह सब गलत है, हम भाई-बहन हैं. हम ऐसा नहीं कर सकते हैं.


उस समय मैं डर गया था तो मैंने वहां पर कुछ भी बोलना उचित नहीं समझा. मैंने बस इतना कहा- सॉरी दीदी कल रात के लिए, अब ऐसा नहीं होगा.


दीदी ने यह सुनकर मुझको अपने गले से लगा लिया और माथे को चूम कर चली गई.


क्या बताऊं दोस्तो, दीदी के साथ सेक्स का मेरा सपना सपना ही रह गया.


इस घटना के दो साल बाद ही दीदी की शादी हो गई. उनका पति इंजीनियर था लेकिन थोड़ा सांवला सा था.


दीदी का वैवाहिक जीवन अपनी ससुराल में अच्छा कटने लगा. जीजा जी इंजीनियर थे तो उनको अपने काम से विदेश जाना पड़ गया.


जब जीजा जी विदेश चले गए तो मैं अपनी दीदी को वहां से अपने घर ले आया. सभी ने दीदी का हाल चाल पूछा. दीदी कहने लगीं- सब ठीक है. घर वाले ठीक हैं मेरे पति में भी कोई बुराई नहीं है.


वह यह बात मम्मी पापा से झूठ बोल रही थी क्योंकि उसने सारी सच्चाई मुझसे बताई थी.


उस बात को लेकर मैं दीदी से नहीं बोल रहा था. मैं अभी तक गुस्सा था.


शाम को मैं छत पर बैठा था. उस वक्त दीदी मेरे पास आई और बोली- कैसा है छोटू? मैंने कहा- ठीक हूं, आप बताओ? ‘हां, मैं भी ठीक हूं!’


मुझको वहां उसके कहने बताने में कुछ अजीब सा लग रहा था. वह सही नहीं बोली थी. उसके चेहरे को देखने से सब कुछ साफ समझ आ रहा था.


मैंने कहा- दीदी सच बताओ, क्या बात है. आपको क्या तकलीफ है वहां पर? दीदी बोलने लगी- नहीं भाई, ऐसा कुछ नहीं है.


मैंने कहा- दीदी आप झूठ बोल रही हो. आप बचपन से मेरी दोस्त हो. मैं आपकी हर एक बात को पहचान लेता हूं. अब साफ साफ बताओ कि सच्चाई क्या है? दीदी ने लंबी सांस भरते हुए कहा- यह बहुत लंबी कहानी है. तुम पहले खाना खा लो, रात में बताऊंगी.


मैंने कहा- ठीक है. रात को हम सब ने एक साथ खाना खाया.


उसके बाद मम्मी पापा अपने रूम में चले गए, मैं और दीदी पहले की तरह अपने रूम में आ गए.


मैं अपने बिस्तर पर बैठा था. दीदी आई और मेरे पास बैठ गई.


मैंने पूछा- आप अपनी सही कहानी बताओ ना … क्या बात है दीदी? दीदी ने मुझसे कहा- यार यह बात मैं तुझे मैं कैसे बताऊं. यह बात बताने वाली नहीं है … और वह भी तुमसे!


मैंने कहा- दीदी हम दोनों बचपन से एक दोस्त की तरह हैं. एक दोस्त के नाते ही बोल दो न! दीदी ने कहा- ठीक है.


यह कह कर वह सकुचाने लगी. मैंने जोर देकर कहा- आप बताओ तो सही दीदी!


दीदी मुझसे लिपट कर रोने लगी. मैंने कहा- अरे क्या हुआ, बताओ तो!


वह मुझसे लिपट कर और रोती हुई बताने लगी- भाई मेरे पति मुझको संतुष्ट नहीं कर पाते हैं. उनका लिंग बहुत ही छोटा है. मेरी शादी हुई तो मैं खुश थी कि चलो लड़का इंजीनियर है. मेरे घर वाले खुश हैं, तो मैंने शादी कर ली. शादी के बाद मुझे सुहागरात के दिन जब मैंने उसके साथ सेक्स करना चाहा, तो देखा कि उसका लिंग बहुत छोटा सा है. उससे कुछ हो नहीं पाता है. यह जानकर मैं बहुत रोई. अब तुम ही बताओ कि इतना पैसा और घर आदि अच्छा है … पर इसे पाकर क्या करूंगी मैं. जब मुझे मेरा ही पति संतुष्ट नहीं कर पाता है. जब किसी लड़की की लाइफ में सेक्स ना हो, तो उसका दिल पर क्या बीतेगी!


यह सब बात कहकर वह मुझसे लिपट कर रोने लगी. मैंने कहा- दीदी चुप हो जाओ, जो लिखा होता है … वही होता है.


वह धीरे धीरे सिसकती हुई रोती रही. कुछ देर बाद मैंने उससे पूछा- अब आप क्या करोगी?


उसने कहा- भाई एक बात कहूं, कसम खाओ कि तुम किसी से नहीं कहोगे. मैंने कहा- ठीक है, मैं किसी से नहीं बोलूंगा.


दीदी ने कहा- हर लड़की यही सोचती है कि उसके पति का लंड मोटा और लंबा हो. ताकि सेक्स करने में मजा आए. मेरे नसीब में ऐसा नहीं है. इतना कह कर दीदी चुप हो गई.


एक पल बाद वह फिर से बोली- तू मेरा एक बात मानेगा? मैंने कहा- हां बोलो न दीदी, क्या करना है?


दीदी ने कहा कि देख भाई, तुम मुझे बचपन से ही चोदना चाहते थे. पर मैं तुमको मना कर देती थी. क्या तुम मेरे साथ अभी यह सब कर सकते हो. प्लीज मना मत करना.


दोस्तो, अब मैं क्या बताऊं … मैं मन ही मन बहुत खुश था कि मैं जिस लड़की को पहले चोदना चाहता था. आज वह खुद बोल रही है कि मुझे चोद दो.


मन में एक अजीब सी लहर उठी. पर मैं भी दीदी को सबक सिखाना चाहता था क्योंकि उसने मुझको थप्पड़ मारा था.


उस बात को लेकर मैं आज तक उससे कुछ बोल ही नहीं पाया था.


मैंने जानबूझ कर मना कर दिया- नहीं दीदी, हम तो भाई बहन है ना … और ऊपर से अब तो आपकी शादी भी हो गई है. लेकिन दीदी मुझसे हाथ जोड़कर बोलने लगी- भाई प्लीज बात मान लो.


अब आप ही बताओ दोस्तो कि जो लड़की बचपन से वर्जिन हो और शादी के इतने साल बाद भी वह मनचाहा लंड ना पा सकी हो. तो उसके दिल पर क्या गुजरेगी.


मैं बोला- जीजाजी जान गए तो? वह बोली- वह नहीं जानेंगे. मैं तो शादी करके फंस गई. मुझे तो बचपन में ही तुमसे चुद जाना चाहिए था. मैंने दीदी की सारी बातें मान लीं.


दीदी ने मेरी हां सुनते ही मुझको अपनी बांहों में भर लिया और मुझे किस करने लगीं. इससे मेरे अन्दर भी जोश आ गया था.


अब मैं डर नहीं रहा था. मैंने भी दीदी को चुम्बन करना शुरू कर दिया और अपने हाथों से उनकी चूचियों को दबाने लगा.


आह कितने मस्त मुलायम चूचे थे. किस करते हुए ही मैं दीदी के कपड़े उतारने लगा.


दीदी उस दिन मूड बना कर आई थी. जब मैंने उसको नंगी कर दिया, तो देखा कि उसने ब्रा और पैंटी नहीं पहनी थी.


मैंने दीदी से कहा- ओ तेरे की … क्या मस्त लग रही हो दीदी … मेरा तो मन कर रहा है कि आपको खा जाऊं! दीदी ने हंस कर कहा- आज मैं तुम्हारी हूं. जो करना है कर लो.


तभी दीदी ने भी आगे बढ़ कर मेरे सारे कपड़े निकाल दिए. दीदी ने जब मेरा लंड देखा, तो वह हक्की-बक्की रह गई.


वह बोली- इतना लंबा और मोटा लंड … सच में मुझसे बहुत बड़ी भूल हुई है.


अन्तर्वासना और फ्री सेक्स कहानी की महिला पाठिकाओं को मैं बता दूँ कि मेरा लंड सामान्य से ज्यादा लम्बा है और मोटा है. मैंने बिना देर किए दीदी की एक चूची को मुँह में भरा और चूसने लगा.


वह मदहोश होने लगी और सिसकारियां भरने लगी- आह भाई आराम से पियो … मैं कहीं भागी नहीं जा रही हूँ. कुछ देर बाद हम दोनों Xxx भाई बहन 69 की पोजीशन में आ गए.


दीदी ने अपनी चूत की झांटों को साफ किया हुआ था. उसकी चूत एकदम गुलाबी थी.


अब तक की चूमाचाटी से दीदी की चूत हल्का सा पानी भी छोड़ दिया था. उसके मुँह में मेरा पूरा लंड नहीं जा पा रहा था.


मैं उसकी चूत को चाटने लगा. वह कामुक सिसकारियां भरने लगी.


हम दोनों कुछ मिनट तक ऐसे ही चाटते रहे. फिर हम दोनों एक साथ झड़ गए.


कुछ देर तक अपनी सांसों को नियंत्रित करने के बाद मैं दीदी को किस करने लगा और उसकी चूचियों को पीने व दबाने लगा. कुछ देर बाद दीदी फिर से गर्म हो गई और मैं भी.


अब दीदी कहने लगी- बस भाई, मुझको अब और मत तड़पाओ. अपने लंड से मेरी चूत की चुदाई करो. मुझे जन्नत पहुंचा दो. मैंने कहा- ठीक है दीदी.


तब मैंने दीदी के दोनों पैर को फैला दिया और उसकी चूत पर लंड को सैट कर दिया. मैंने जैसे ही धक्का मारा, मेरा लंड फिसल गया.


मैं आपको बता दूं कि दीदी की चूत एकदम वर्जिन थी क्योंकि जीजा जी का लंड तो एकदम छोटा सा था और ऊपर से उसने अब तक अपनी चूत की चुदायी नहीं करवाई थी. मैंने थोड़ा सा थूक लगाया और एक जोर से धक्का मारा.


अभी मेरा आधा लंड अन्दर गया ही था कि दीदी चीख पड़ी- आह संदीप बाहर निकालो … मैं मर जाऊंगी.


मेरा लंड बहुत मोटा और लंबा था, जिसकी वजह से दीदी को बहुत दर्द हो रहा था. मैंने एक मिनट तक वैसे ही खुद को रोके रखा. मैं उसे किस करने लगा.


कुछ देर बाद मैंने पुन: जोर से धक्का मारा और इस बार मेरा पूरा लंड दीदी की चूत में समा गया.


वह फिर से बहुत जोर से चिल्लायी और रोने लगी- आह भाई निकालो … मैं मर जाऊंगी. पर मैंने ऐसा नहीं किया क्योंकि मुझे 3 साल पहले का बदला लेना था.


मैं दीदी को बहुत ही कठोर तरीके से पेलने लगा था क्योंकि उसने मुझे जो थप्पड़ मारा था, उसकी गूंज का जवाब मुझे दीदी की कराहों से मिल रहा था.


दीदी के बहुत सारे आंसू बहने लगे थे और उसके पैर कांपने लगे थे. मगर मैंने छोड़ा नहीं.


मैंने कहा- पहली बार इतना मोटा लंड ले रही हो, थोड़ा दर्द तो होगा. मैंने कुछ देर तक लंड को वैसे ही पेले रखा.


फिर दीदी को थोड़ा सी राहत मिली. अब दीदी का थोड़ा सा दर्द कम हुआ था. वह मदहोश होने लगी और कहने लगी- भाई मुझे पेलो. मुझे जोर जोर से पेलो.


दीदी मदहोश होती हुई कामुक सिसकारियां भरने लगी. उसने मुझे अपनी बांहों में भर लिया और कहने लगी- आज अपनी बहन की कुंवारी चूत को चोद कर फाड़ दो.


उसके मुँह से यह सब सुनकर मुझे जोश आ गया और मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी. दीदी चिल्लाने लगी- आह संदीप, प्लीज थोड़ा धीरे करो … मुझे बहुत दर्द हो रहा है. मैंने आज तक इतना मोटा और लंबा लंड नहीं लिया है.


मैंने दीदी की एक ना सुनी और अपनी स्पीड बढ़ाता चला गया. दीदी चिल्लाती रही.


मैंने उसके मुँह को अपने हाथों से दबा दिया कि कहीं यह आवाज मम्मी पापा के कानों में ना चली जाए. एक कामांध भाई अपनी बहन का दुख दूर करने के लिए उसको जोर जोर से पेलता गया.


फिर मैंने देखा कि दीदी की पूरी बॉडी कांपने लगी और वह जोर जोर से चिल्लाने की कोशिश करने लगी थी. उसी वक्त दीदी की चूत से जोरदार धार से पानी निकल गया. दीदी की चूत ने रस झाड़ दिया था.


मैंने फिर भी लंड को चूत से बाहर नहीं निकाला और उसकी पेलाई को जारी रखा. दीदी कुछ ही देर बाद वापस तड़पने लगी और छटपटाने लगी.


वह छटपटाती हुई बिस्तर से नीचे आ गिरी. मैंने तुरंत दीदी को उठा कर बिठाया और बेड पर लिटाया.


दीदी ने कहा- बस भाई, अब मैं मर जाऊंगी. मैंने आज तक अपनी चूत में इतना मोटा और लंबा लंड नहीं लिया है.


मैंने कहा- हां … पर आपको इसकी आदत डालनी पड़ेगी. यह कहते हुए मैंने उसको तुरंत घोड़ी बना दिया और पीछे से उसकी लेने लगा.


कुछ देर बाद हम दोनों साथ में झड़ गए. हम Xxx भाई बहन वैसे ही नंगे सो गए.


सुबह जब मैं उठा, तो दीदी चल नहीं पा रही थी. उसकी चूत सूज गई थी.


क्या बताऊं दोस्तो, उसकी चूत सात दिन तक सूजी रही. फिर हम दोनों ने आठवें दिन सेक्स किया.


भाई लोग कैसी लगी Xxx भाई बहन सेक्स कहानी, कमेंट करके बताएं.


क्या आप लोग भी अपनी बहन को पेल चुके हैं, या पेलना चाहते हैं? अलग से कमेंट करके जरूर बताएं. धन्यवाद. [email protected]


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