बड़ी बहन की चूत की धमाकेदार चुदाई

सज्जू खान

18-11-2022

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Xxx दीदी हॉट सेक्स कहानी में पढ़ें कि मेरी बहन दिखने में बहुत सेक्सी है. एक दिन वो बारिश में भीग कर आई तो मैं उसे चोदने के ख़्वाब देखने लगा. मेरे सपने कैसे पूरे हुए?


मेरा नाम सज्जू खान है. मैं कहानी शुरू करने से पहले आपको अपनी फैमिली की बारे में बता देता हूँ.


मेरी फैमिली में अम्मी अब्बू, मेरी बहन और मैं ही हूं. मैं 19 साल का हूँ.


हमारे घर में दो कमरे हैं. एक में अम्मी अब्बू सोते हैं और दूसरे में मैं और मेरी आपा, हम दोनों साथ में सोते हैं.


मेरी बहन 21 साल की है और वो नौकरी करती है. मेरी बहन दिखने में बहुत सेक्सी है. यह Xxx दीदी हॉट सेक्स कहानी उसी बहन की है.


वो जब भी घर से बाहर निकलती है, तो सब उसे देखते रह जाते हैं. न जाने कितने ही लड़के मेरी बहन को पटाना चाहते थे, पर मेरी बहन कभी किसी को भाव नहीं देती थी.


ये बात उस समय की है जब मैं अपनी फायनल की परीक्षा दे चुका था. वो बारिश का टाइम चल रहा था. मेरी बहन अपने काम से वापस आ रही थी. वो आते समय रास्ते में बारिश में भीग गई थी.


उस समय घर में मैं अकेला था, अम्मी अब्बू मेरे मामा के घर गए थे.


मैं फ्री था तो मोबाइल में पबजी खेल रहा था. तभी मेरी बहन बारिश में पूरी भीग कर आई.


मेरी नजर उस पर पड़ी तो बड़ी मस्त माल लग रही थी. भीगे कपड़ों में उसकी चूचियां और निप्पल एकदम साफ दिख रही थीं.


बहन को ऐसे देख कर मेरा लंड सलामी देने लगा. ये मेरा पहली बार था, जब मैंने किसी लड़की को ऐसे देखा था.


मेरा लंड बैठने का नाम नहीं ले रहा था.


तभी मेरी बहन ने मुझे भाई कहकर बुलाया. वो मुझसे तौलिया मांग रही थी.


आज तक हम दोनों साथ में सोते थे, मेरे मन में कभी बहन के बारे में गलत ख्याल नहीं आया था. पर अब मैं अपनी बहन को चोदना चाहता था.


मैंने उसे तौलिया लाकर दिया. वो तौलिया लेकर बाथरूम में चली गई और मैं दरवाजे की झिरी से अन्दर देखने लगा.


मेरी बहन अपने सारे कपड़े उतार दिए थे. वो मस्त लग रही थी. उसके तने हुए बड़े बड़े बूब्स, छोटी सी चूत देख कर मैं पागल हो रहा था.


मैं बहन को सोच कर वहीं दरवाजे पर मुठ मारने लगा. तभी दरवाजे पर हलचल सी हुई, मैं झट से भाग लिया. वहां से भाग कर मैं अम्मी के रूम में आ गया.


तब तक मेरी बहन अपने कमरे में चली गई थी. मैं बिंदास लंड हिलाए जा रहा था. तभी मेरे लंड ने पिचकारी छोड़ दी.


झड़ने के बाद मुझे राहत मिली और मैं आंख बंद करके अपनी बहन के बारे में सोचने लगा. मुझे अब वो हर हालत में अपने लौड़े के नीचे चाहिए थी.


मैं अब कमरे में आकर अपनी बहन को घूरने लगा. कुछ ही देर में वो भी जान गई थी कि उसका भाई उसमें इंट्रेस्ट ले रहा है.


रात में खाना खाने को बाद हम दोनों सोने जाने लगे.


मेरी बहन जल्दी सो गई लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी. मेरी आंखों में बार बार बारिश में भीगी बहन ही दिख रही थी, बाथरूम में उसकी नंगी जवानी मुझे गर्म कर रही थी.


जब रहा न गया तो मैंने थोड़ी हिम्मत करके अपना एक पांव उसके पांव पर रख दिया. वो गहरी नींद में सो रही थी.


जब उसकी तरफ से कुछ भी हरकत नहीं हुई, तो मेरी हिम्मत बढ़ गई. मैंने धीरे से उसके एक बूब को दबा दिया. वो अब भी कुछ नहीं बोली. मेरी हिम्मत और बढ़ गई.


मैं धीरे धीरे नीचे आने लगा. तभी वो पलट गई, मेरी गांड फट गई.


वो बोली- भाई, ये तुम क्या कर रहे हो? मैं कुछ नहीं बोला.


मैंने उसको सॉरी बोला और पलट कर सो गया. फिर वो भी सो गई.


सुबह जब मैं सो कर उठा तो मेरी बहन ने मुझे चाय दी और वो अपने काम पर चली गई.


थोड़ी देर में अम्मी अब्बू आ गए और मैं भी दोस्तों से साथ खेलने चला गया. शाम को जब मैं घर आया, तो बहन अभी घर वापस नहीं आई थी.


मेरी अभी भी गांड फट रही थी कि कहीं वो अम्मी को बता ना दे. मैं कुछ खाकर लेट गया.


बहन काम से वापस आई तो अम्मी अब्बू ने उसे बताया कि उन दोनों को शादी में पुणे जाना है. उधर मेरी फूफी के यहां शादी है. अम्मी ने उससे साथ चलने को कहा, तो मेरी बहन ने जाने से न कर दी.


अम्मी ने बहन के साथ में रहने के लिए मुझे बोल दिया. अम्मी ने अपनी पैकिंग कर ली और रात को वो दोनों बस से पुणे चले गए.


मैंने खाना खाया और बाहर थोड़ा घूमने लगा. मेरी बहन ने आवाज दी- चलो अब अन्दर आ जाओ और सो जाओ.


मैं अन्दर आया तो मैंने देखा कि मेरी बहन कमाल की लग रही थी. वो एक घुटनों तक आने वाली फ्रॉकनुमा नाइटी पहनी हुई थी. उसमें अन्दर से उसकी जवानी फूट फूट कर दिख रही थी, चूचियों के निप्पल एकदम कड़क दिख रहे थे और वो मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा भी रही थी.


मैंने उसे देख कर कुछ भी रिएक्ट नहीं किया और सीधा लेट गया.


मैं सोने लगा तो वो बोली- भाई, कल को जो तुम कर रहे थे क्या वो आज हम दोनों कर सकते हैं?


उसकी बात सुनकर पहले तो चौंका मगर चुप रहा. मेरी बहन फिर से बोली- जवाब दो.


मैंने कहा- वो मुझसे गलती हो गई थी. उसने कहा- आज वो गलती फिर से करो.


मैंने कुछ नहीं कहा. वो गुर्रा कर बोली- मैं जैसा कहती हूँ, अगर तुम वैसा नहीं करोगे तो मैं वो बात अम्मीअब्बू को पक्का बता दूँगी.


मैं रोने लगा. मैंने कहा- आपा, आप जो बोलोगी, मैं करूंगा. प्लीज़ आप अम्मी से कुछ नहीं बोलना.


वो मुस्कुरा कर मेरे गले से लग गई और किस करने लगी. उसकी चुम्मी से मेरे अन्दर साहस बढ़ गया और गर्मी भी बढ़ने लगी.


हम दोनों किस करने लगे और 20 मिनट तक किस करते रहे.


अब वो मेरे कपड़े खोलने लगी और खुद भी नंगी हो गई. कुछ ही पल बाद मेरी बहन मादरजात नंगी मेरे सामने खड़ी थी.


उसकी सफाचट झांट रहित चूत देख कर मेरा लंड फटने को हो रहा था. तभी मेरी बहन ने अपने हाथ से मेरा कड़क लंड पकड़ लिया और उसे सहलाने लगा.


मैं उसकी तरफ देख रहा था वो किसी पोर्न ऐक्ट्रेस की तरह मेरी आंखों में देखती हुई घुटनों पर बैठ गई और मेरे लंड को चूसने लगी. अपनी बहन के मुँह में अपना लंड महसूस करते ही मैं तो मानो जन्नत में पहुंच गया था.


मैं आंख बंद करके लंड चुसाई का मजा लेने लगा.


पांच मिनट तक चूसने के बाद उसने मुँह से लंड बाहर निकाल दिया और पैर फला कर लेट गई.


वो वासना से मेरी तरफ देख कर अपनी चूत सहलाती हुई बोली- अब तुम मेरी चूत चाटो.


मैं भी अपनी बहन की चूत को जोर जोर चाटने लगा.


कुछ मिनट तक चूत चटवाने के बाद वो बोली- भाई अब चोद दे, मुझसे रहा नहीं जा रहा है.


मैंने पोजीशन बनाई और अपना सात इंच का लंड बहन की चूत पर रगड़ने लगा. मेरी बहन की चूत चिकनी थी और बहन बेकाबू थी.


उसने गांड उठा कर लंड को चूत में लेने की कोशिश की. उससे मेरा गुस्से में खड़ा लंड अचानक से उसकी चूत में थोड़ा सा चला गया.


बहन की जोर चीख निकली पड़ी और मैंने उसए होंठ दबा कर लंड चूत में पेल दिया. मेरी बहन की चूत से खून आने लगा.


मैं खून देख कर डर गया कि ये क्या हो गया. मैंने डर के मारे अपना लंड बहन की चूत निकाल लिया.


बहन रोने लगी थी और मेरी गांड फट गई थी कि ये क्या लफड़ा हो गया. मैं कहने लगा- सॉरी दीदी, मेरे अन्दर करने से आपको दर्द होता है. मैं अब नहीं करूंगा.


दीदी कुछ नहीं बोली, वो ऐसे ही पड़ी रही.


कुछ मिनट बाद मैंने दीदी से पूछा- अब दर्द कैसा है? वो बोली- भाई पहली बार दर्द होता ही है. ये मुझे मालूम है.


मेरा लंड अभी भी पूरा खड़ा था. कड़क लंड देख कर दीदी बोली- इस बार मैं कितना भी रोऊं, चीखूं, तू रुकना मत. तू पहले आराम से डालना, जब पूरा चला जाए तो फिर तेज तेज करने लगना.


मैंने हामी भर दी और दीदी के ऊपर चढ़ गया. इस बार जैसा दीदी बोलती गई, मैं वैसा करता गया.


मेरा पूरा लंड दीदी की चूत में चला गया. उसे दर्द हुआ मगर उसने मुझे करते रहने को कहा.


कुछ देर बाद चुदाई का मजा हम दोनों को आने लगा.


मैंने अपनी सगी बहन को खूब चोदा.


करीब बीस मिनट तक बहन की चूत चोदने के बाद मेरा पानी निकलने वाला हो गया था. मैंने दीदी से पूछा- कहां निकालूं?


दीदी बोली- अन्दर मत निकालना. मैंने पूरा लंड चूत से निकाल कर मुँह में डाल दिया. दीदी मेरा लंड चूसने लगी.


कुछ ही देर के बाद मेरा पूरा रस दीदी के मुँह में ही निकल गया. मुझे उसे अपना वीर्य पिलाने में बहुत अच्छा लग रहा था.


फिर मैं बाथरूम में गया और खुद को साफ करके वापस आ गया. मेरे बाद मेरी बहन ने खुद को साफ़ किया और हम दोनों नंगे चिपक कर सो गए.


एक घंटा बाद फिर से घमासान चुदाई हुई. उस रात में मैंने अपनी बहन को चार बार चोदा.


अम्मीअब्बू जब तक नहीं आए हम दोनों ने सारे घर में चुदाई का खेल खेला. उसके बाद रोज रात में दीदी मुझे से चुदवाती है और मैं भी अपनी बहन को मजे से चोदता हूँ.


फिर एक दिन अम्मी अब्बू बाहर गए थे. घर में हम दोनों ही थे. मैं दीदी को चोद रहा था, तभी खिड़की से बाजू वाली आंटी ने हमें देख लिया.


दीदी डर गई और बोली- अब क्या होगा? मेरी भी गांड फट रही थी.


तभी हम दोनों अपना काम खत्म किया और मैं नहाने चला गया.


कुछ दिनों तक मैं आंटी से दूर रहने की कोशिश में लगा रहा.


उसके कुछ दिन बाद की बात है. आंटी कुछ सामान लेकर आ रही थीं, तभी रास्ते में उन्हें मैं मिल गया.


आंटी बोलीं- सुनो. मेरी तो हालत खराब हो गई कि कहीं कुछ बोलने ना लगें. लेकिन आंटी ने सामान घर पहुंचाने को कहा, और कुछ नहीं बोला.


मैंने आंटी का सामान उठा लिया और उनके घर आ गया.


उनका सामान रख कर मैं जाने लगा तो आंटी बोलीं- रुको, मुझे तुमसे कुछ काम है. मैं बोला- हां बताइए क्या काम है आंटी?


आंटी बोलीं- पहले ये बताओ, तुम दोनों उस दिन क्या कर रहे थे? मैं कुछ नहीं बोला.


तो आंटी बोलीं- मुझे सब पता है. मुझे अब डर लगने लगा.


मेरी हालत देख कर आंटी को हंसी आने लगी. फिर आंटी बोलीं- रात में छत पर आना, फिर बताऊंगी कि क्या करना है?


मैं डरते डरते घर आ गया. मैंने दीदी को सब बता दिया. फिर दीदी ने कहा- देखते हैं रात में क्या होने वाला है.


मैं चुप था. मेरी गांड फट रही थी. दीदी बोली- अगर आंटी कुछ बोलीं और उन्होंने अम्मी अब्बू को बताया, तो हम दोनों घर से भाग जाएंगे और शादी कर लेंगे.


मैं खुश था कि दीदी मेरे साथ है. फिर खाना खाने के बाद मैं सो गया.


शाम को 7 बजे दीदी ने उठाया और बोली- नाश्ता कर ले.


नाश्ता करने के बाद दीदी बोली- कुछ भी हो जाए, मैं तेरे साथ हूँ.


फिर दीदी ने मुझे एक किस किया. मेरा मन कुछ हल्का हुआ.


मैं वहीं बैठ कर टीवी देखने लगा. दीदी खाना बनाने चली गई.


दो घंटा बाद मैंने और दीदी खाना खाने वाले थे कि वो आंटी आ गईं. वो दीदी से बोलीं- आज मैं तुम्हारे यहां सो जाती हूँ.


दीदी मरी सी आवाज में बोली- ठीक है. फिर हम लोगों ने खाना खाया और मैं सोने जाने लगा.


आंटी बोलीं- क्यों ना हम सब साथ में सोते हैं. हम लोग एक ही बेड पर लेट गए थे.


पहले मैं, फिर दीदी उसके बाद आंटी. कुछ देर बाद दीदी सो गई.


मुझे भी नींद लगने लगी. तभी आंटी उठीं और बाथरूम गईं. वापस आकर उन्होंने दीदी को अपनी जगह सुला दिया. दीदी गहरी नींद में थीं तो वो सोती रहीं.


फिर आंटी मेरे पास आकर लेट गईं. मैं सिर्फ आंखें बंद किए लेटा था.


आंटी को लगा कि मैं सो रहा हूँ. थोड़ी दर बाद तक आंटी सीधी लेटी रहीं, फिर अचानक से उन्होंने मेरा लंड पकड़ लिया. मैं कुछ नहीं बोला.


आंटी के सहलाने से मेरा लंड खड़ा होने लगा.


अब आंटी धीरे धीरे मेरा लौड़ा सहलाने लगीं, फिर उन्होंने धीरे से मेरा लोअर निकाल दिया. मैं सोने के टाइम अन्दर कुछ नहीं पहनता हूँ.


मेरा 7 इंच का कड़ा लंड देख कर आंटी से रहा नहीं गया. वो तुरंत ही मुँह में लंड लेकर चूसने लगीं. मैं चुपचाप जन्नत का मजा ले रहा था.


फिर कुछ मिनट चूसने के बाद आंटी धीरे कान में बोलीं- और कितना तड़फाओगे, अब चोद भी दो मेरी जान … मुझसे रहा नहीं जा रहा है.


मैं उठा और आंटी की नाइटी को ऊपर कर दिया. उनकी क्लीन शेव चूत देख कर मुझसे रहा न गया और मैं चूत पर टूट पड़ा.


मैं आंटी की चूत चाटने लगा, वो सिसकारियां लेने लगीं.


कुछ मिनट चूत चूसने के बाद मैंने लंड को सैट किया और आंटी की चूत में पेल दिया. आंटी की चीख निकल गई और मैं जोर जोर से लंड अन्दर बाहर करने लगा.


बीस मिनट तक धकापेल चुदाई के बाद मैं थक गया और मेरा पानी भी निकल गया. थोड़ी देर तक मैं आंटी के ऊपर ही पड़ा रहा, फिर नंगा ही बगल में सो गया.


सुबह जब उठा, तब तक आंटी अपने घर चली गई थीं.


मैंने दीदी को बताया कि रात में आंटी ने मेरा लंड ले लिया है. हम दोनों खुश हो गए कि अब किसी बात का डर नहीं रहा.


अब मेरा जब भी मन करता है, आंटी को या दीदी को चोद कर शांत हो जाता हूँ.


हालांकि अब मेरा उन दोनों से मन भर गया है. अब तो ऐसा लगता है कि कोई नई भाभी या आंटी की चूत चोदने मिल जाए.


आपको मेरी Xxx दीदी हॉट सेक्स कहानी कैसी लगी. मेल से जरूर बताना दोस्तो, मुझे इंतजार रहेगा. मेरा ईमेल आईडी है [email protected]


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