बहन की कुंवारी चूत की चुदाई

धनञ्जय

05-01-2024

45,464

Xxx सिस्टर हॉट कहानी में मैंने मेरी छोटी बहन को उत्तेजित करके उसकी सीलबंद बुर में मेरा कड़क लंड घुसा दिया. हम दोनों ने चुदाई का मजा अपने घर में लिया.


फ्रेंड्स, कैसे हैं आप लोग!


मैं उम्मीद करता हूँ कि आप सभी लोग ठीक होंगे और मेरी सेक्स कहानी को पढ़ कर आप लोग भी अपनी बहन चोदना चाहेंगे.


दोस्तो, ये एकदम सच्ची Xxx सिस्टर हॉट कहानी है. मेरी बहन जब 19 साल की थी, तब वह पढ़ रही थी और उसका कोई ब्वॉयफ्रेंड नहीं था.


मैं अपनी बहन से 5 साल बड़ा हूँ. उसकी एक सहेली थी नीलम नाम की … वह भी बहुत मस्त माल थी.


एक दिन मैं रोड पर अपने दोस्तों के साथ समोसा खा रहा था. तो उसी वक़्त मेरी बहन अपनी सहेली के साथ जा रही थी.


उसी समय रोड पर एक कुत्ता और कुतिया सेक्स कर रहे थे.


अभी कुत्ते का लंड कुतिया की चूत में घुसा नहीं था, वह घुसा रहा था. बहन की सहेली नीलम ने बहन से कुछ कहा और वे दोनों भी समोसा खाने के लिए हमारे ठीक सामने वाली दुकान में बैठ गईं. उन्होंने भी समोसा का ऑर्डर दिया.


मैंने देखा कि मेरी बहन और उसकी सहेली उन कुत्ते कुतिया को ही देख रही थीं और हंस रही थीं. तब मेरे दिमाग़ में यह विचार आया कि शायद मेरी बहन को सेक्स देखना बहुत पसन्द है.


मैंने खुद से अपने मन में कहा कि क्यों न मैं ही इसको चोद दूँ और उसकी सहेली को भी सैट कर लूँ.


वैसे भी मैंने अब तक बहुत सारी लड़कियों को चोदा था पर अब सिर्फ़ यही लग रहा था कि मुझे मेरी बहन कि ले ही लेनी चाहिए.


कुछ देर बाद वे दोनों समोसा खाकर उठ गईं और जाने लगीं. तब तक कुत्ते का लंड कुतिया की चूत के अन्दर फंस गया था.


वे दोनों रुक गईं और एक एक प्लेट समोसा और लेकर खाती हुई बहुत देर तक उन दोनों की चुदाई को देखती रहीं.


अब कुत्ते का लंड कुतिया की चूत में फंस गया था और वे दोनों विपरीत दिशा में अपने अंग फंसाए हुए स्खलन का मजा ले रहे थे. उसी वक्त हम लौंडे उस कुत्ते कुतिया को पत्थर मारने लगे.


मैं भी ऐसा जताते हुए कुत्ते कुतिया के मजा लेता रहा, जैसे मैंने अपनी बहन को देखा ही नहीं है. मेरी बहन ने भी यही जताया कि उसने मुझे नहीं देखा है.


फिर हम सब लोग आगे बढ़ गए और कुछ देर बाद मैं घर आ गया. उस वक्त मेरी बहन छत पर चली गई थी.


मैं अपने एक दोस्त के साथ घर आया था तो उसी के साथ चैस खेलने में लग गया.


जब रात हुई तो बाहर कुत्ते बहुत ज्यादा भोंक रहे थे. मैं बाहर निकला और उनको पत्थर से मार कर भगा दिया.


मेरी बहन वह नजारा देख रही थी. वह बोली- अरे जानवरों को पत्थर से क्यों मार रहे हो?


मैंने कहा- भोंक रहे हैं … हल्ला हो रहा है. वह बोली- जो नहीं भोंकते, तुम तो उनको भी पत्थर मारते हो!


मैं समझ गया कि वह उन कुत्ते कुतिया की बात कर रही है, जिनको हम लोगों ने रोड पर चुदाई करते देखा था. मैंने जानबूझ कर अजनबी बनने की कोशिश करते हुए कहा- कब मारा?


वह बोली- मेरी सहेली आज बता रही थी कि तेरा भाई डॉगी को पत्थर मार रहा था. मैंने कहा- उसको कैसे पता? वह बोली- उसने देखा था.


मैं- और क्या देखा था उसने? “और कुछ नहीं.”


मैंने कहा- तुम भी वहीं थीं. तुमको भी देख कर मुझे बहुत हंसी आ रही थी. “मैं … मैं कब?” “ज़्यादा नौटंकी मत करो … मैं भी वहीं समोसा खा रहा था, जब तुम सामने की दुकान में थीं. मैंने तुमको देखा था. तुम्हारी नज़र सिर्फ़ उनके ऊपर ही थी. उस वक्त तेरी सहेली तुझसे क्या बोल रही थी, वह बताओ?”


“उसने बोला था कि आओ तुमको दिखाते हैं कि जानवर कैसे सेक्स करते हैं.” “तुम हंस क्यों रही थीं?”


“इसलिए कि वह कुत्ता उसके ऊपर कई बार चढ़ रहा था और उससे हो ही नहीं रहा था. बाद में जब हुआ, तो वह एक दूसरे से सट गए थे. ऐसा क्यों होता है?” “ऐसा सिर्फ़ कुत्ते कुतिया में ही होता है. इंसानों में नहीं.”


बहन बोली- हां, तुमको ज़्यादा पता है. तुमने कभी किया है क्या? मैंने कहा- हां बहुत बार. मैंने तो कई लड़कियों के साथ किया है.


उसने पूछा- किसके साथ? मैं बोला- बगल में प्रियंका है न … और खुशबू … उनके साथ.


“क्या … कैसे … तुम तो कितने बड़े हो और वे कितनी छोटी हैं?”


“वह सब छोड़ो. चुदाई में कोई छोटा बड़ा नहीं होता.” वह चुप रही.


मैं- तुमको देखने में जब मज़ा आ रहा था, तो सोचो न कि करने में कैसा लगेगा? “नहीं भाई, मैं ऐसा कुछ नहीं सोचती हूँ.


“अच्छा एक काम करो, तुम मेरी अपनी सहेली के साथ सैटिंग करवा दो.” “क्यों?”


“मैं उसके साथ वही करूँगा, जो कुत्ते कुतिया कर रहे थे.” “क्यों? … उसकी में अपना फंसाना चाहते हो?”


मैंने कहा- इंसानों में नहीं फंसता. “कैसे मान लूँ?” “ठीक है, रात को तुम मेरे कमरे में आना जब सब लोग सो जाएं, तब मैं तुमको सेक्स मूवी दिखाऊंगा और तुम देखना.”


वह बोली- तेरा दिमाग़ खराब है क्या? मैंने कहा- अच्छा तुम अकेले देख लेना. मैं बाहर रहूँगा. उसने कहा- नहीं, रहने दो.


मैंने बोला- ओके कोई बात नहीं, मैं तो रात को सेक्स मूवी देखता ही हूँ. अगर तुमको देखना हो तो मेरा दरवाजा खुला रहेगा … आके देख लेना.


वह कुछ नहीं बोली और चली गई.


रात हुई तो मैंने अपने कमरे का दरवाजा थोड़ा खुला ही छोड़ दिया था क्योंकि मुझे मालूम था कि आज वह जरूर आएगी.


मैं बहुत देर से देख रहा था तो कुछ देर के बाद शायद मेरी बहन मेरे दरवाजे पर आ गई थी और वह झांक कर देख भी रही थी.


जब मुझे ऐसा लगा कि वह देख रही है, तब मैंने उससे बोला- आ जाओ यहीं … साथ में देखते हैं. वह अन्दर आई और बोली- किसी को पता चला तो?


मैंने कहा- किसी को पता नहीं चलेगा. फिर भी तुम कहो तो दरवाजा बंद कर दूँ? बहन ने बोला- ठीक है, दरवाजा बंद कर दो.


मैंने फट से दरवाजा बंद कर दिया अऔर लाइट भी ऑफ कर दी. मैं अपनी सगी बहन को चुदाई की मूवी दिखाने लगा.


वह चुदाई देख कर गर्म हो गई. मैं धीरे धीरे उसके पैर पर हाथ फेरने लगा और उसको अपनी बांहों में लेने लगा. वह भी मेरा सहयोग करने लगी.


मैंने कहा- क्यों न आज सब कुछ हम भी करके देखें? वह बोली- मैंने पहले कभी नहीं की है, अगर दर्द हुआ तो?


मैंने कहा- हां तेरी चूत छोटी तो है और तुम मेरा लंड देखोगी तो शायद हां न कहो! वह बोली- हां हो सकता है कि तुम्हारा बड़ा हो. तब भी देख लेते हैं.


मैंने समझ गया कि इसका मूड है. मैंने कहा- ओके पहले देखोगी?


तो उसने हां कहा और मेरी पैंट के ऊपर से ही लंड को टच किया.


वह बोली- तुम्हारा तो सच में बहुत मोटा है! मैंने कहा- मैं बाहर निकालूँ? वह बोली- हां.


मैंने लंड बाहर निकाला. मेरा लंड बहन की चुदाई की सोच कर एकदम टाइट खड़ा था.


वह अपने भाई का लौड़ा देख कर शर्मा गई और बोली- तुम्हारा तो कुत्ते से भी बड़ा और मोटा है … नहीं मैं नहीं करूंगी.


मैंने बोला- ये अभी और मोटा होगा … चलो, पहले तुम्हारी चूत देखता हूँ.


उसने मना कर दिया, वह अपनी पैंटी ही नहीं उतार रही थी.


मैंने ज़बरदस्ती उतार दी और देखा तो उसकी चूत बहुत छोटी थी.


मैंने कहा- आज तो मज़ा आ जाएगा. तुम्हारी चूत तो सच में बहुत छोटी है. उसकी चूत देख कर ऐसा लग रहा था जैसे किसी छोटी उम्र की लड़की की हो.


मैंने उसकी टांगों को फैला कर देखा तो गजब का छेद था.


तब मैंने कहा- तुम रूको, मैं इसको गीला करता हूँ. मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया. उसको भी चूत चटवाने में मज़ा आने लगा.


कुछ देर बाद मैंने 69 में होकर अपना लंड उसके मुँह में दिया और उसकी चूत चाटते हुए बोला- तुम मेरे लंड पर अपना खूब सारा थूक लगा दो.


उसने ढेर सारा थूक लगाते हुए मेरे लौड़े को चिकना कर दिया. इधर मैंने उसकी चूत को चूस कर गीला कर दिया था.


Xxx सिस्टर हॉट होकर बोली- अब चोद दो. मैंने उसकी चूत पर लंड का सुपारा रखा और झटके से पेल दिया. टाइट चूत में लंड पेला तो मुझे भारी मज़ा आ गया.


मेरा लंड सटाक से अन्दर घुसा तो सील तक घुसता चला गया.


वह दर्द से कराह उठी और ‘आह आह मर गई.’ कहने लगी. मैंने उसकी एक न सुनी और वापस झटका देते हुए लंड को और अन्दर घुसेड़ दिया.


वह छटपटा रही थी और कांपती हुई बोली- बहुत ज्यादा लग रही है. निकाल लो. मैंने उसकी किसी भी बात को तवज्जो नहीं दी और एक दो बार अन्दर बाहर किया.


उसको बहुत दर्द होने लगा था; वह मुझे नोचने लगी थी.


मैंने लंड बाहर निकाल लिया और बोला- आज इतना काफी है, बाकी कल करेंगे. तब तक तुम्हारी चूत को थोड़ा आराम मिल जाएगा. वह धीमी आवाज में बोली- भाई, अभी कल तक की बात मत करो … कुछ देर रुक कर करते हैं.


मैंने मन में सोचा कि मेरी बहन को चुदवाने की खुद से चुल्ल हो रही है, पर दर्द के कारण नाटक कर रही है.


अब मैंने उसे पूरी नंगी कर दिया और खुद भी नंगा हो गया. मैं उसकी चूचियों को चूसने लगा, तो उसे मजा आने लगा.


वह बोली- कोई फिल्म तो लगाओ. मैंने मोबाइल में एक सेक्स मूवी लगा दी और उसके चूचे चूसते हुए फिल्म देखने लगा.


कुछ ही देर में बहन की चूत फड़कने लगी और वह मेरे लौड़े को हाथ से सहलाने लगी. मैंने फिल्म में देखा कि लड़के का लंड लड़की चूस रही थी.


तो अपनी बहन से पूछा- मुँह में लोगी? वह एक बार लंड चूस चुकी थी तो बोली- ओके एक साथ करते हैं.


हम दोनों वापस 69 में आ गए और मैं उसकी चूत को चाट कर उसकी चूत को मजा देने लगा.


वह भी मेरे लंड को चूस रही थी. लंड चूसते हुए ही वह मेरे टट्टों से भी खेलने लगी थी.


मुझे अपनी बहन से अपने टट्टे सहलवाने में बड़ा मजा आ रहा था.


कुछ देर बाद मैंने उसकी चूत में उंगलियां घुसेड़नी शुरू की तो वह मस्त होने लगी. थोड़ी ही देर में उसकी चूत वापस लंड से चुदने के लिए मचलने लगी.


मैंने सीधे होकर अपनी सगी बहन की चूत पर अपना मूसल लंड टिकाया और उसके होंठों को अपने होंठों से बंद करके झटका दे दिया. लंड एकदम शताब्दी एक्सप्रेस की तरह बहन की चूत का भोसड़ा बनाते हुए अन्दर घुसता चला गया.


मेरी Xxx बहन को बहुत तेज दर्द हुआ और वह छटपटाई भी … लेकिन उसका मुँह मेरे मुँह से बंद था तो कुछ भी आवाज वगैरह बाहर नहीं निकल सकी.


मैं भी किसी वहशी दरिंदे की तरह अपनी बहन की चूत को फाड़ता रहा और लंड को पूरी तरह से चूत की जड़ में सैट करके रुक गया.


Xxx सिस्टर बेहद तड़फ रही थी. मैंने उसकी चूचियों को सहलाया और उसे चूमा तो वह शांत हो गई और अब मैंने उसकी चूत का मजा लेना शुरू कर दिया.


कुछ ही देर में हम दोनों भाई बहन की प्रेम मिलन की ट्रेन हवा से बातें करने लगी.


करीब बीस मिनट तक चुदाई के बाद मैंने अपने लंड को चूत से खींचा और बहन के पेट पर ही अपना माल टपका दिया. मेरी बहन मुझसे चुदवा कर बहुत खुश थी.


अब हम दोनों रोज ही सेक्स करने लगे हैं. मेरी बहन मेरे लंड की दीवानी हो गई है.


तो दोस्तो, आप लोगों को Xxx सिस्टर हॉट कहानी कैसी लगी, प्लीज बताइएगा जरूर. [email protected]


Family Sex Stories

ऐसी ही कुछ और कहानियाँ