मौसेरे भाई ने मेरी सीलपैक चूत फाड़ दी

प्रियंका परिहार

10-11-2022

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कज़िन सेक्स पोर्न स्टोरी में पढ़ें कि मैं सुंदर नहीं हूँ तो मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं था. एक बार मेरी चाची का भानजा आया तो मैंने उसे पटा कर अपनी कुंवारी बुर फड़वा ली.


यह कहानी सुनें.


यह कज़िन सेक्स पोर्न स्टोरी बिल्कुल ही सत्य घटना पर लिखी है, बस नाम और जगह काल्पनिक हैं. वो मेरे लिखने के अंदाज से ही आप समझ जाएंगे.


दोस्तो, मैं प्रियंका परिहार आप सभी का फ्री सेक्स स्टोरी डॉट कॉम में स्वागत करती हूँ.


मैं आगरा की रहने वाली हूँ, मेरी उम्र 24 साल है. मैं अन्तर्वासना और फ्री सेक्स स्टोरी डॉट कॉम की एक नियमित पाठिका हूँ.


मेरे घर में मैं, मेरा बड़ा भाई और मामी पापा, चाचा चाची और उनकी लड़की रहते हैं. मेरे बड़ा भाई मुझसे 8 साल बड़ा है. वो बहुत भोला और सीधा है.


मैं बहुत ही सांवली हूँ पर मेरे मम्मे बहुत ही मस्त हैं, बिल्कुल गोल और बहुत ही चिकने व मक्खन से मुलायम हैं.


मेरे मम्मों को देख कर कोई भी पागल हो जाता है. बस मेरे दांत थोड़े बाहर निकले हैं, जिसकी वजह से मुझे सब देख कर भी अनदेखा कर देते हैं.


मेरी चाची की लड़की बहुत ही खूबसूरत है और उसके कई सारे बॉयफ्रेंड्स भी हैं. उसकी ये खुशी मुझे बर्दाश्त नहीं होती थी पर अपनी गंदी शक्ल को देख कर मन मसोस कर शांत हो जाती थी.


फिर एक दिन घर पर मेरी चाची की बहन का लड़का आया जो चाची की बहन के रिश्ते के चलते मेरे मौसेरे भाई थे. वो दिखने में बड़े ही हॉट थे.


उनको देख कर मेरे दिल में कुछ कुछ होने लगा. मुझे लगा कि मैं उनसे बात करके उन्हें अपनी चूत की आग बुझाने के लिए सैट कर सकती हूँ.


उनका नाम गौरव था और हाईट 6 फुट से एकाध इंच ज्यादा ही होगी. चौड़ी छाती, देखने में एकदम बॉलीवुड मूवी के किसी विलेन जैसे लगते थे. विलेन इसलिए लिखा क्योंकि उनके सिर पर बाल नहीं थे मतलब वो गंजे थे.


यही देख कर मुझे लगा कि शायद ही उनकी कोई गर्लफ्रेंड हो.


मैंने चाची के मोबाइल से उनके फोन नंबर का जुगाड़ किया और उनको फोन लगा दिया.


‘हैलो कौन!’ मैंने कहा- आपकी बहन प्रियंका.


वो बोले- अरे वाह प्रियंका … बेटा तुमको मेरा नम्बर कहां से मिला? मैंने हंस कर कहा- बस यूं ही मिल गया, मगर मुझे मालूम नहीं था कि ये नम्बर आपका है. वो तो जब डायल किया तब ट्रू कॉलर पर आपका नाम आया.


वो बोले- हां, नाम तो मुझे भी ट्रू कॉलर पर आ गया था कि कोई प्रियंका का नम्बर है, मगर मुझे समझ नहीं आया था कि ये प्रियंका तुम हो. इस तरह से हमारी बातें धीरे धीरे शुरू हुईं.


वो मुझे बेटा कह कर बुलाते थे और मैं उनको भैया. हमारी लगभग रोज ही बात होने लगी, थोड़ी देर के लिए ही सही पर रोज बात होती थी.


एक दिन ऐसे ही हम दोनों फोन पर बात कर रहे थे. उन्होंने किसी को गाली दी- मादरचोद बहुत मारूंगा.


मैंने उनसे कहा- किसे गरिया रहे हो भैया? वो बोले- अरे ऐसे ही वो एक लौंडा हरकत कर रहा था. मैंने कहा- कैसी हरकत?


भैया हंस कर बोले- जैसी गाली दी, साला वैसी ही हरकत कर रहा था.


मैंने एकदम से उनसे पूछा- भैया ये माँ कैसे चोदते हैं? अब वो शर्मा गए- अरे छोड़ न, तुझसे ये सब बात कैसे कर सकता हूँ.


मैंने अब अपना दांव खेला. मैं उनसे बोली- मैं सब जानती हूँ भैया, आप जैसे चाहे वैसे मुझसे बात कर सकते हैं. वो हंसने लगे.


मैंने कहा- आप भले न बताओ लेकिन मुझे ये अब मालूम है कि चुदाई कैसे होती है. अब मेरी तरफ से इतनी साफ़ बात सुनकर वो भी खुल गए. हम दोनों चुदाई की बातें करने लगे.


बस उसी दिन के बाद से हमारे बीच सेक्स चैट और फोन सेक्स शुरू हो गया. यही मुझे चाहिए भी था. अब साफ़ लग रहा था कि भैया से मुझे सेक्स करना मिल जाएगा.


हमारे बीच सेक्स को लेकर बातें खुल कर होने लगीं.


मैंने उनसे उनके लंड की फोटो मांगी तो भैया ने मुझसे भी मेरी चूत और चूचों की फोटो मांग ली. अब हम दोनों जब तब एक दूसरे को अपनी लंड चूत और चूचियों की फोटो भेज दिया करते थे.


भैया भी मौका देख कर वीडियो कॉल पर मुझसे बात करते हुए मुट्ठ मारा करते थे और मैं अपनी चूत में उंगली करके खुद को शांत करती थी.


अब ना तो उनसे रहा जा रहा था और न मुझसे. मेरे और उनके घर में सिर्फ 6 किलोमीटर का फासला था.


एक दिन उनके घर पर कोई नहीं था तो उन्होंने मुझे मिलने बुलाया.


मैं भी चुदने के लिए तड़प रही थी तो बस उनसे मिलने, अपने घर पर कॉलेज जाने का बोलकर निकल गयी. उनके घर गयी तो वो घर पर अकेले थे.


मैं बिंदास अन्दर आ गयी. मेन दरवाजा बंद करके वो भी अन्दर आ गए.


वो मुझे चोदने के लिए इतने उतावले थे कि अन्दर आते ही मेरी सलवार और कमीज उतार दी. अब मैं उनके सामने सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी.


वो मेरी चूचियों को दबाते हुए मुझे किस करने लगे. मुझे तो ऐसा लग रहा था कि मैं स्वर्ग में हूँ.


मैंने उनका बिल्कुल विरोध नहीं किया. जो मैं चाहती थी, वो बिना मेरे बोले ही सब कुछ कर रहे थे.


फिर मैंने उनकी भी शर्ट लोवर और अंडरवेयर निकाल दिया.


उनका लंड देख कर मैं सच में डर गयी कि मेरे अन्दर इतना बड़ा कैसे जाएगा.


भैया का लंड तकरीबन 7 इंच का तो होगा ही और एकदम मोटा व काला.


वो मुझसे बोले- क्या हुआ? तुम भी पहली बार लंड देख रही हो क्या? मैंने हां में सिर हिलाया, तो वो बोले- मैं भी आज पहली बार किसी लड़की की चूत सामने से देखूंगा.


ये बोलते हुए उन्होंने मेरी पैंटी नीचे कर दी और ब्रा निकालकर फेंक दी. अब वो मुझपर भूखे भेड़िये की तरह टूट पड़े. कभी मेरी चूची दबाते, कभी मेरी चूत चाटते.


मुझे भी अपनी जवानी लुटाने में मजा आ रहा था. मैं भी भैया के मुँह में अपने हाथ से अपनी चूची पकड़ पकड़ कर दे रही थी.


भैया भी मेरी दोनों चूचियों को मसल मसल कर चूस रहे थे और मेरी वासना की आग को और ज्यादा भड़का रहे थे.


मेरी चूत ने इतने में ही पानी छोड़ना शुरू कर दिया था. बस ऐसा लग रहा था कि भैया मुझे अपने नीचे लिटा कर जल्दी से चोद दें.


फिर अचानक से वो खड़े हो गए और अपना लंड आगे करके मेरे मुँह में देने लगे.


उनके लंड से अजीब सी महक आ रही थी, मुझे लंड मुँह में लेने में जरा घिन सी आ रही थी. मगर भईया को लग रहा था कि मैं उनके लंड को मुँह में अन्दर तक लेकर चूस लूं.


मैंने लंड चूसने से मना किया तो वो जबरन मेरे मुँह में लंड ठेलने लगे. मैंने मुँह बना दिया तो गुस्से में उठकर भैया ने कपड़े पहन लिए और बाहर जाने लगे.


मैं उनको जाते देख कर रोने लगी. वो बाहर जाकर बैठ गए.


मैं बाहर गयी और उन्हें बुलाया- ठीक है, मैं मुँह में लूंगी. वो खुश हो गए और अन्दर आ गए.


भैया ने फिर से कपड़े निकाल दिए. उनका लंड मुरझाया सा दिख रहा था.


मैंने बेमन से ही उनका लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगी, जिससे उनका लंड फिर अपनी असली औकात में आ गया.


कुछ मिनट लंड चूसने के बाद वो मेरे मुँह में झड़ गए. मुझे लंड चूसने में काफी मजा आया था और वीर्य का स्वाद भी मस्त लगा था.


फिर वो मुझे लिटा कर मेरी चूत की तरफ अपना मुँह ले गए और आईसक्रीम की तरह चूत चाटने लगे. मैं तो जैसे हवा में उड़ रही थी और मेरे मुँह से तेज आवाज में सिसकारियां निकलने लगी थीं- आह उन्ह उन्ह … अह्ह्ह आह उफ़ उफ़! मैं झड़ गई तो भैया मेरी चूत का सारा रस चाट कर पी गए.


उसके बाद उन्होंने मुझे सीधा लिटाया और मेरी चूत पर अपना लंड सैट करने लगे.


अन्दर से मैं डर रही थी क्योंकि मैंने अपनी शादीशुदा सहेलियों के मुँह से सुना था कि पहली बार लंड लेने में दर्द होता है और लंड बड़ा हो तो चूत और ज्यादा फटती है. इधर भाई का लंड तो गधे जितना बड़ा था.


पहले उन्होंने मेरी चूत पर लंड को रगड़ा और एक झटका लगाया पर उनका लंड अन्दर गया ही नहीं … और मुझे दर्द भी हुआ.


मैं डर गयी और भैया को मना करने लगी पर वो बोले- आज नहीं चुदेगी तो शादी के बाद तो चुदाई करेगी ही, तो आज ही क्यों नहीं.


वो उठ कर गए और एक बालों में लगाने वाली क्रीम ले आए. ये कुछ ज्यादा ही चिकनी होती है. पहले भैया ने अपने लंड पर थोड़ी क्रीम लगाई, फिर मेरी चूत में लगा दी.


उसके बाद उन्होंने लंड सैट किया और एक ऐसा करारा झटका मारा कि उनका पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में समा गया. मेरी चीख निकलने को हुई तो भैया ने झट से मेरे होंठों को अपने होंठों से दबा दिया.


बस फिर क्या था … भैया ने मेरी चुदाई करना शुरू कर दिया. मुझे लगा कि दर्द के कारण ज्यादा मजा नहीं आएगा, लेकिन जब दर्द खत्म हुआ और उन्होंने मेरी कमर पकड़ कर मेरी कसके चुदाई करना चालू की, तो ऐसा लगा कि मेरी चूत ही फट जाएगी.


कुछ ही देर में चूत को मजा आना शुरू हो गया और वो भी अपनी पूरी ताकत से मेरी चूत की धज्जियां उड़ाने में लग गए थे.


मैं मीठे दर्द से जोर जोर से सिसिया रही थी- आह्ह अहह ओह ओह ओ … उन्ह … उफ़ …. माँ उई माँ … ओह और तेज चोदो भैया मजा आ रहा है … चोदो और चोदो … मुझे बहुत मजा आ रहा है.


अब भैया बहुत तेजी से मेरी चूत चोद रहे थे, ऐसा लग रहा था कि जैसे लंड में किसी गाड़ी का शॉकर फिट है, जो तेजी से अन्दर बाहर हो रहा है.


काफी देर तक मेरी चूत को फाड़ने के बाद उन्होंने मुझे मेरे ही पैरों को पकड़ा दिया जिससे उन्हें मेरी गांड मारने में आसानी हो जाए.


भैया मेरी गांड मारने के लिये अपने लंड को मेरी गांड में डालने लगे. जैसे ही उनका लंड मेरी गांड में घुसा, मेरे तो समझो प्राण ही निकाल गए. बहुत दर्द हो रहा था.


वो तेजी से मेरी गांड मारने लगे. मैं दर्द से ‘मम्मी … मम्मी … मर गई सी सी … हा हा … ऊह …’ करने लगी.


बहुत देर तक मेरी गांड मारने के बाद उन्होंने अपने लंड को गांड से बाहर निकाला और मुठ मारने लगे. कुछ ही देर में उनका माल मेरे मुँह पर गिरने लगा, मैंने उसको चाट लिया.


उस दिन उनके घर वाले रात में आने वाले थे और मुझे भी घर जाना था.


उस दिन मेरे कॉलेज का समय खत्म होने तक भैया ने कई बार मेरी चूत बजाई.


कसम से मेरी तो जैसे लॉटरी लग गयी थी. ये कज़िन सेक्स पोर्न तो बस पहली बार था, उसके बाद जब भी मौका मिला हम दोनों ने खुल कर चुदाई की.


आगे की सेक्स कहानी अगले भाग में लिखूँगी कि कैसे मैं भैया की शादी के फंक्शन में गई और शादी वाले दिन तक उनसे चुदाई करवाई.


आप कज़िन सेक्स पोर्न स्टोरी पर अपने कमेंट्स जरूर दें. आपकी प्रियंका परिहार [email protected]


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