भाई जैसे लड़के से चूत की सील फड़वा ली

लव शर्मा 1

28-05-2022

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फर्स्ट टाइम ओरल Xxx कहानी में मैं अपने पड़ोस में रहने वाले लड़के से चुद गयी. वो मुझसे 4 साल छोटा था और हमारा भाई बहन जैसा रिश्ता था.


दोस्तो, मेरा नाम रिंकी है. मेरी उम्र 30 साल है और मेरी फिगर 34-32-36 की है. मैं शादीशुदा हूँ. मेरे पति क्लर्क हैं. अभी मेरे दो बच्चे हैं.


मुझे सेक्स कहानी पढ़ने का बहुत शौक है, तो सोचा कि खुद की कहानी भी आप सभी के बीच रखूं. मैं आज बड़ी हिम्मत करके अपनी जिन्दगी की सच्ची सेक्स कहानी आप सबको बता रही हूँ.


ये फर्स्ट टाइम ओरल Xxx कहानी उस समय की है, जब मैं 23 साल की थी यानि आज से 7 साल पहले की बात है.


उस समय मैं पढ़ाई करती थी. मेरे पड़ोस में लड़का रहता था. उसका नाम विशु था. वो 19 साल का पूरी तरह से कसे बदन वाला था. उसकी लम्बाई 5 फुट 8 इंच की रही होगी. देखने में विशु काफी आकर्षक था.


उसका हमारे घर में काफी आना जाना रहता था और मेरा भी उनके घर आना जाना लगा रहता था. वो मुझे दीदी बुलाता था.


पहले मेरे मन में भी उसके लिए भाई और बहन वाली ही सोच थी. पर शायद वो मेरे बारे में कुछ और ही सोच रखता था.


इसके बारे में मुझे तब पता चला जब एक दिन मैं शाम के समय नहा रही थी. तभी वो मेरे घर आ गया. वो मेरे भैया के लड़के के साथ खेलने लगा. भैया का लड़का अभी 4 साल का था.


तभी मैं नहाकर बाथरूम बाहर आई. मैंने उस दिन नीले रंग का सूट पहना था.


विशु मुझे देख रहा था. उसने मुझे नमस्ते की तो मैंने भी उसे नमस्ते बोली और अन्दर चली गई.


विशु वहां से उठा और बाथरूम में चला गया. वो करीब 5 से 7 मिनट बाद बाहर आया.


उसी समय मैंने अपने रूम से बाहर देखा और अपने भैया के लड़के नानू से पूछा- विशु चाचू कहां गए? इतने में ही विशु बाहर आ गया और बोला- दीदी, मेरा सुबह से पेट थोड़ा खराब है. मैं बाथरूम में था.


मैंने कहा- अरे तो दवाई ले ले न! वो बोला- ले ली है.


फिर मैं बाथरूम में अपने कपड़े धोने चली गई. मैंने बाथरूम में देखा कि मेरी ब्रा और पैंटी अलग से ऊपर की तरफ पड़ी हुई थी, जबकि मैंने दोनों को बाकी कपड़ों के नीचे रखा हुआ था.


मुझे थोड़ा अजीब सा लगा पर मैंने इसके बारे में कुछ ज्यादा नहीं सोचा. अगर उससे कुछ पूछती, तो विशु से, मगर विशु अपने घर चला गया था.


अगले दिन रविवार का दिन था और घर के सभी लोग मेरे लिए लड़का देखने जाने वाले थे. आज घर पर मैं भाभी और नानू ही थे.


दोपहर के समय विशु घर आ गया और बोला कि दीदी गणित के सवाल समझा दो, मुझसे हो नहीं रहे. मैंने कहा- हां आ जा, मैं करवा देती हूँ.


मैं उसे सवाल समझा रही थी तो मैंने देखा कि उसका ध्यान मेरे बूब्स की ओर था.


मैं बोली- विशु, कॉपी की तरफ ध्यान दे. वो सकपका कर बोला कि दीदी, मुझे समझ आ गए हैं.


उसके बाद हम दोनों फ्री हो गए. विशु ने पूछा- दीदी आज सभी कहां गए हैं?


मैंने उसे बताया- मेरे लिए लड़का देखने गए हैं. वो बोला- अरे तो आप क्यों नहीं गईं?


मैं बोली- पागल है क्या तू, मैं कैसे जाती! वो हंसते हुए बोला- अरे दीदी, मैं तो मजाक कर रहा था.


तभी भाभी आईं और नानू को खाना खिलाने के लिए नीचे ले गईं.


मैंने विशु से कहा- तू अब सवाल हल करके देख ले, तब तक मैं नहा कर आती हूँ. मैं नीचे आ गई.


विशु ऊपर रूम में अकेला था. मैं नहा कर ऊपर गई तो देखा कि विशु मोबाइल में पोर्न देख रहा था और दबी आवाज में ‘रिंकी दीदी … आंह रिंकी …’ बोल बोलकर अपने लंड को सहला रहा था.


ये सब देख कर मैं हैरान थी कि विशु मेरे बारे में ये सब सोचता है.


मैं अन्दर जाने ही लगी थी कि मैंने देखा कि विशु ने अपने लोअर में हाथ डाल कर अपने लंड को बाहर निकाल लिया.


उसका लंड पूरी तरह से तना हुआ था. उसका लंड करीब 6 इंच लम्बा और 3 इंच करीब मोटा था.


लंड देखकर मैं हैरान थी. जिन्दगी में मैंने किसी मर्द का लंड पहली बार देखा था.


ये सब देख कर मेरे मन में अजीब सी उत्तेजना पैदा हुई और मैं उसे रोक भी नहीं पा रही थी. बल्कि यूं कहूँ कि अपने सामने विशु को मुठ मारते देख मैं खुद को ही रोक नहीं पा रही थी.


अब मेरे बस में बात नहीं रही थी. मैं उसी वक्त नीचे गई और बाथरूम में जाकर चूत में उंगली करने लगी.


उसके बाद मैं रूम में वापस गई तो देखा कि विशु सवाल कर रहा था.


मैंने पूछा- विशु हो गए तुम्हारे सवाल! वो बोला- दीदी नहीं, एक अभी बाकी है, वो हल नहीं हो पा रहा है.


मैंने कहा- चलो मैं समझाती हूँ. ये बोलते हुए जैसे ही मैंने उससे कॉपी ली, तो मेरा हाथ उसके लंड पर लगा.


उसका लंड अभी भी तना हुआ और गर्म था. मैं उसके लंड की ओर ही देखे जा रही थी.


विशु को न जाने क्या हुआ, वो उठ कर अपने घर चला गया. रात भर मेरी आंखों के सामने विशु का लंड आता रहा.


अब मैं उसके लंड के लिए तड़प रही थी और सोच रही थी कि विशु से चुदाई कैसे करवाई जाए.


ये सब सोच सोच कर मैं बेचैन हो रही थी. मैं भाई बहन की चुदाई की वीडियो भी देखने लगी थी.


अब मैं मौके की तलाश में रहने लगी थी और जानबूझ कर विशु के सामने बिना ब्रा के टी-शर्ट में रहने लगी.


उसके लंड के दीदार करने के लिए उसके आने बाद ही नहाने जाने लगी. विशु भी कोई मौका नहीं छोड़ता था.


दिनों दिन मेरी प्यास और बढ़ती जा रही थी. वैसे तो मेरा रिश्ता पक्का हो गया था पर शादी के लिए 2 साल बोले थे. कभी कभी मेरी लड़के से बात भी हो जाती थी, पर अभी तो मुझे विशु के लंड की प्यास थी. मुझे कोई मौका नहीं मिला रह था.


फिर भगवान जी ने मेरी सुन ही ली.


एक दिन घर वालों को मामा के लड़के की शादी में जाना था. उस समय मेरे एग्जाम चल रहे थे तो मैंने जाने से मना कर दिया. भाभी बोलीं- मैं रिंकी के साथ रुक जाती हूँ.


मेरी मम्मी बोलीं- तुम दोनों कैसे रात को अकेले रहोगी. भाभी बोलीं- अरे मम्मी कोई बात नहीं है, आप आराम से जाइए.


मम्मी बोलीं- ठीक है, मैं विशु को बोल देती हूँ कि वो रात को यहां सोने आ जाया करे! मैंने एकदम से बोल दिया- हां ये ठीक रहेगा.


आज मैं बहुत खुश थी कि आज मैं विशु से अपनी चुदाई करवाके अपनी प्यास बुझवा लूंगी. सब लोग चले गए.


रात 8 बजे के करीब विशु अपनी किताबों के साथ मेरे घर आ गया.


भाभी बोलीं- सभी नीचे ही सो जाते हैं. पर मैं आज ये मौका हाथ से जाने नहीं देना चाहती थी इसलिए मैंने कहा कि भाभी विशु का सुबह एग्जाम है, तो उसे पढ़ाई करनी होगी. आप और नानू अपने कमरे में सो जाओ. मैं और विशु पढ़ाई करके ऊपर ही सो जाएंगे.


भाभी बोलीं- ठीक है रिंकी, जैसे तुम्हें ठीक लगे. अब मैं ओर विशु ऊपर मेरे रूम में चले गए.


थोड़ी देर तक हमने पढ़ाई की. विशु बोला कि दीदी थोड़ी देर टीवी देख लूं?


मैंने कहा- हां जरूर देखो. मुझे समझ नहीं आ रहा था कि इसके साथ क्या और कैसे शुरू करूं.


तभी अचानक से मेरे मोबाइल पर कॉल आ गई. मैंने कहा- देखना विशु, किसका कॉल है.


विशु ने हंसते हुए कहा- दीदी, जीजू की कॉल है. मैं उनसे बात करने के लिए बाहर चली गई.


वापिस आयी तो देखा कि टीवी पर कोई मूवी चल रही थी और उसमें चूमाचाटी का सीन चल रहा था. विशु बहुत ही ध्यान से देख रहा था.


मैंने पूछा- विशु, इतनी ध्यान से क्या देख रहा है? उसने झट से चैनल बदल दिया और बोला- कुछ नहीं रिंकी दीदी.


मैं बोली- ठीक है, तू टीवी देख … मैं कपड़े बदल कर अभी आई.


मैं अपनी अलमारी से लोअर और टी-शर्ट लेकर और जानबूझ कर अलमारी खुली ही छोड़ कर बाथरूम में चली गई.


मेरी अलमारी में सामने से ही ब्रा और पैंटी रखी थी. मैं नीचे आ गई. मुझे पता था कि विशु जरूर कोई हरकत करेगा.


मैं जल्दी से बिना ब्रा-पैंटी के लोअर और टी-शर्ट पहनकर आराम से रूम के बाहर आकर खिड़की से देखने लगी. मैंने देखा कि विशु मेरी पैटी को सूंघ रहा था और अपने लंड को एक हाथ से सहला रहा था.


कुछ पल बाद वो अपने लंड को बाहर निकालकर मुठ मारने लगा. उसके मुँह से ‘रिंकी दीदी … आंह रिंकी दीदी …’ की आवाज सुन कर मैं भी खुद को रोक नहीं पा रही थी.


विशु मुठ मारने में पूरी तरह से लीन हो गया था.


मैं पलक झपकते ही उसके सामने जाकर खड़ी हो गयी. मुझे वहां देखकर उसने फौरन से अपने लंड को अन्दर कर लिया. वो पूरी तरह से घबरा गया था.


मैंने कहा- विशु, ये तुम क्या कर रहे थे? विशु- रिंकी दीदी, कुछ नहीं.


मैंने देखा कि उसका लंड अभी भी पूरी तरह से तना हुआ था. तो मैंने उसे इशारे से कहा कि विशु से सब क्या है? लेकिन विशु कुछ नहीं बोला.


आज मैं ये मौका हाथ से जाने नहीं देना चाहती थी. मैंने कहा- विशु, जरा मैं भी तो देखूँ कि तेरा लंड कितना बड़ा है.


ऐसा कहते हुए मैंने उसका लोअर नीचे कर दिया और देखा कि विशु ने अंडरवियर नहीं पहना था इस वजह से उसका लंड एकदम से मेरे सामने आ गया.


विशु लोअर ऊपर करने लगा लेकिन मैंने उसे रोक दिया और देर ना करते हुए फ़ौरन उसका लंड अपने हाथ में पकड़ लिया.


मैं बोली- विशु तेरा लंड तो काफी बड़ा है. इतना बड़ा कैसे किया तुमने? विशु कुछ नहीं बोला. वो अपना मुँह को नीचे करके खड़ा था.


मैंने कहा- अभी थोड़ी देर पहले तो बहुत हाथ हिलाते हुए कह रहा था रिंकी दीदी रिंकी दीदी. विशु बोला- रिंकी दीदी सॉरी.


मैंने नाटक करते हुए कहा- तू मेरे बारे में ये सब सोचता है! विशु- सॉरी दीदी गलती हो गयी. मैंने कहा- अच्छा ठीक है.


तभी विशु बोला- दीदी मुझे आप बहुत अच्छी लगती हो. मैंने कहा- अच्छा तो ये बता कि तुझे मेरे में क्या अच्छा लगता है? विशु भी मेरे इशारे को समझने लगा था.


वो बोला- दीदी आपके बूब्स मुझे बहुत अच्छे लगते है. जब आप चलती हो तो आपकी गांड बहुत मस्त लगती है. मैंने मुस्कुरा कर कहा- अच्छा! वो कुछ नहीं बोला.


मैंने कहा- तुमने कभी सेक्स किया है? वो बोला- नहीं रिंकी दीदी.


मैंने कहा- फिर भी तेरा लंड इतना लम्बा कैसे है? वो बोला- रिंकी दीदी आपको याद करके मुठ मारता हूँ इसलिए ये इतना लम्बा हो गया है.


ये सब सुनकर मैंने हंसते हुए आराम से उसके गाल पर चपत मारी और बोली- तुझे ये सब करते हुए शर्म नहीं आती? विशु बोला- दीदी प्यार करने में कैसी शर्म.


मैंने हंसते हुए कहा- ओह अच्छा … प्यार करता है तू मुझसे! वो बोला- हां रिंकी दीदी.


अब देर ना करते हुए मैंने कहा- तो मैं क्या करूं … तुम मुझसे क्या चाहते हो? अब विशु भी पूरी तरह से मेरे मन को समझ गया था कि मैं क्या चाहती हूँ.


उसने एकदम से बोल दिया- रिंकी दीदी, मैं आपको चोदना चाहता हूँ. मैंने नाटक करते हुए कहा कि तुम पागल हो गए हो क्या?


लेकिन विशु अब कहां रुकने वाला था. उसने मुझे अपनी बांहों में भर लिया. मैं उससे छूटने का नाटक करने लगी.


सच में तो मैं भी यही चाहती थी कि विशु के लंड से मैं अपनी चूत की प्यास बुझा लूं. विशु ने अब बिना किसी के डर के अपना काम शुरू कर दिया था.


उसने मुझे अपनी बांहों में भरके बिस्तर पर पटक दिया; मेरे होंठों को जोर जोर से चूसने लगा. मेरी भी कामुक सिसकारियां निकलने लगी थीं; होंठों की मस्त चुसाई से मेरे मुँह से ‘अई … अई … अई … अह हहह … सीसीई आह आंह …’ के मधुर स्वर निकल रहे थे.


वो मेरे गले को चूम कर मेरे बूब्स की तरफ बढ़ रहा था. मेरी टी-शर्ट निकाल कर मेरे दोनों दूध को हाथ में भरकर पीने लगा.


कुछ देर तक उसने मेरे दोनों चूचों को दबाया. उसके बाद मेरे भूरे निप्पल को काट काट कर पीने लगा.


उसके दांत मेरे बूब्स के निप्पलों में गड़ रहे थे. मेरी सांसें तेज हो रही थीं. मैंने भी कुछ देर तक उसको अपना दूध पिलाया.


मेरे मुँह से ‘अईअई … अईअई … चूस ले इसस् … उहह्ह्ह …’ की आवाज निकल रही थी.


उसके बाद मैंने उससे खुद को छुड़ाकर अलग किया और उसका लोअर निकाल दिया. मुझे उसके लंड से खेलने का बेसब्री से इन्तजार था.


जैसे ही उसका लंड खुला … मैं झट से उसके लंड को पकड़कर हिलाने लगी.


उसका लंड धीरे धीरे टाइट होता जा रहा था. कुछ ही पलों में विशु का लंड खड़ा हो गया.


लंड के गुलाबी टोपे को मैं अपने मुँह में रखकर चूसने लगी. मैं उसके लंड को डंडी पर लगी आइसक्रीम की तरह चाट रही थी.


मुझे लंड चूसते देख कर विशु का लंड और भी ज्यादा टाइट हो गया.


उसे भी बड़ा जोश आ रहा था. वो भी तेजी से सांसें लेकर ‘सूंसूं … हूँ … आह इसस्स …’ की आवाज निकाल रहा था.


कुछ देर बाद विशु ने अपने लंड को मेरे मुँह से निकाल लिया. मैं अब चुदने के लिए मरी जा रही थी. मैं खुद ही अपने लोअर को निकलने लगी.


रसभरी चूत को चटवाने के लिए मैं बिस्तर पर बैठ गयी. विशु नीचे ही बैठ कर मेरी टांगों को फैलाकर मेरी चूत के दर्शन करने लगा.


मेरी चूत को देखकर उसके भी मुँह में पानी आ गया. अगले ही पल मेरी चूत को वो रसमलाई की तरह चाट चाट कर मजा ले रहा था.


मेरी चूत की खाल को दांतों से खींच खींचकर चूस रहा था. उसके मुँह से अपनी चूत के दाने को कटवाते ही मेरी चूत में आग लग जाती थी. मैं फर्स्ट टाइम ओरल Xxx करती हुई अपनी चूत को ‘उह उअअह आआह ई सी सी सी … उन्ह …’ की आवाज के साथ चटवा रही थी.


उसने अचानक से अपना लंड मेरी चूत पर रख कर रगड़ना शुरू कर दिया. मेरी चूत गर्म हो चुकी थी.


इतने में ही विशु ने अपना लंड मेरी चूत के छेद पर लगा दिया. उसने मेरी चूत में जोर से धक्का मारा लेकिन उसका लंड मेरी चूत से फिसल गया.


विशु ने लंड को दोबारा चूत पर सैट करके जोर से धक्का मारा. उसका आधा लंड मेरी चूत में घुस गया था और मुझे बहुत दर्द होने लगा था.


कुछ देर रुकने के बाद उसने एक और जोरदार धक्का मारा और अपना पूरा लंड मेरी कुंवारी चूत के अन्दर घुसा दिया.


मेरी चूत से खून आने लगा था. विशु ने मेरी चूत की सील तोड़ दी थी.


मेरी आंखों में दर्द के मारे पानी आ गया. मेरे मुँह से जोर से आवाज निकलने लगी. मेरी चूत को पहली बार में ही ऐसा लंड मिला था जिसने मेरी चीख निकाल दी. मुझको आज अपने भाई से चुदने का भरपूर मजा मिल रहा था.


विशु मुझे किस करते हुए चोद रहा था.


कुछ ही देर में मेरा दर्द खत्म हो गया और चूत चुदाई में मजा आने लगा. मैं मस्ती में बोलने लगी- आंह और जोर से चोदो मेरे विशु राजा … बड़े दिनों की प्यास के बाद ये मजा मिला है. फाड़ डालो … आंह और जोर से चोदो मेरे राजा … उंह उंह उंह हूँ.


मेरी मादक आवाज निकलने लगी. उसके लंड ने मेरे चूत को जबरदस्त रगड़ना शुरू कर दिया.


कुछ ही देर में मुझको लगने लगा था कि विशु आज मेरी चूत को पूरी तरह से घिस डालेगा. वो चूत की जड़ तक अपना लंड पेलकर मेरी चुदाई कर रहा था.


कुछ देर में ही वो थक कर बैठ गया. मैं उसके लोहे की सलाख जैसे लंड पर अपनी चूत रख कर बैठ गयी.


मेरी चूत में उसका पूरा लंड समाहित हो गया.


मैं विशु के लंड पर उछल उछल कर चुदने लगी. मैं धीरे धीरे कुछ ज्यादा ही उत्तेजित होने लगी.


मेरी चूत से माल निकलने वाला था. मैं जोर जोर से ‘आऊ … आऊ … अह … सीई … आंह …’ की आवाज निकालती हुई झड़ गयी.


उसका लंड मेरे माल से भीग गया. उसने भी अपनी कमर उठा उठा कर मुझको और ज्यादा स्पीड से चोदना शुरू कर दिया.


लगभग दो मिनट बाद उसके लंड ने भी माल निकालने की स्थिति बना दी.


मैं समझ गई और मैंने चूत से लंड निकाल कर लंड मुँह में लिया. मैंने उसका लंड चूस कर सारा माल पी लिया. लंड का स्वाद थोड़ा नमकीन था.


आज विशु के साथ चुदाई में मुझे बहुत मजा आया था.


उस रात हम दोनों ने तीन बार चुदाई की.


उसके बाद मुझको जब भी मौका मिलता, तो मैं विशु से अपनी चुदाई करवा लेती और चरम सुख की प्राप्ति कर लेती.


अब शादी के बाद भी मौका मिलने पर विशु ने मुझे बहुत बार चोदा है. वो चुदाई की कहानी मैं आप सबको अपनी अगली कहानी में बताऊंगी.


आपको यह फर्स्ट टाइम ओरल Xxx कहानी कैसी लगी? मुझे कमेंट्स और मेल में बताएं. [email protected]


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