अपनी सगी जवान बहन की चूत चुदाई- 2

विवेक आचार्य

29-08-2021

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हॉट सिस्टर Xxx कहानी मेरी चोटी बहन की कुंवारी बुर की पहली चुदाई की है. मैंने एक दिन उसे बुर में उंगली करते पकड़ लिया था. उसके बाद मैंने उसे कैसे चोदा?


दोस्तो, कैसे हैं आप सभी … मैं विवेक एक बार फिर से आप सभी का अपनी सगी बहन की चुदाई की कहानी में स्वागत करता हूँ. हॉट सिस्टर Xxx कहानी के पिछले भाग सगी जवान बहन को बुर में उंगली करते देखा में अब तक आपने जाना था कि कैसे मैं जॉब की तलाश में अपने गांव से इंदौर आ गया था. मैं अपने साथ में अपनी छोटी बहन स्वाति को भी ले आया.


पहले तो मेरा अपनी बहन के साथ कुछ करने का इरादा नहीं था, पर मैंने एक बार नींद में उसके चूचे दबा दिए थे और उसको एक बार मैंने मुठ मारते भी पकड़ लिया था. इसलिए बस अब मैं उसको चोदना चाहता था. इस सेक्स कहानी में अब आगे आप यही पढ़ेंगे कि मैंने कैसे मेरी बहन को चोदा.


आगे हॉट सिस्टर Xxx कहानी:


हम दोनों अपने कमरे में आ गए थे लेकिन मेरे दिमाग में मेरी बहन ही घूम रही थी. उसके मस्त चूचे और उसकी गुलाबी चूत, जोकि मैंने उसे मुठ मारते समय देखी थी. बस मैं सोचने लगा कि कैसे भी करके आज रात ही मुझे इसको चोदना है.


फिर मैंने एक प्लान बनाया.


मैं घर से बाहर निकला और एक बीयर की बोतल लेकर आ गया.


मैंने अपनी बहन को बोल दिया कि स्वाति खाने में कुछ अच्छा सा बना ले, आज मैं बहुत खुश हूं तो पार्टी करने का मूड है.


स्वाति भी क्या बोलती … उसको तो मैंने मुठ मारते पकड़ लिया था. उसने हां में गर्दन हिला दी और पनीर बनाने चली गई.


मैंने बीयर पी ली और अपने लैपटॉप पर ब्लू फ़िल्म लगा ली. अपने शॉर्ट्स को उठा कर अपने लंड को बाहर निकाल कर आगे पीछे करने लगा.


मेरा लंड खड़ा हो कर सलामी दे रहा था. इस समय मेरा लंड 6.5 इंच लंबा और 3 इंच मोटा हो गया था.


कुछ देर बाद जब स्वाति ने खाना बना लिया, तो वो मेरे कमरे में बोलने के लिए आई.


उसने आते हुए आवाज दी- भैया खाना खा लो.


लेकिन जब वो अन्दर आई और उसने मुझे इस हालत में देखा तो वो वहां से भाग गई.


मुझे इस बात से कोई आपत्ति नहीं थी कि उसने मुझे लंड हिलाते हुए देख लिया था क्योंकि थोड़ी देर पहले मेरी बहन भी अकेले कमरे में मुठ मार रही थी और मैंने भी उसे देख लिया था. अब मुझे इस बात का भी कोई डर नहीं था कि वो किसी को कुछ भी बोलेगी.


फिर मैं वहां से नंगा ही उठा और बाहर हॉल में आ गया.


ये देख कर मेरी बहन डर गई. मैंने उससे कहा- कोई बात नहीं है यार … अब हम बड़े हो गए हैं. मैं तेरे सभी सीक्रेट कभी नहीं खोलूंगा. बस तू मेरा ध्यान रखना. उसने डरते हुए कहा- भैया आप अन्दर जाओ और कपड़े पहन कर आओ और खाना खा लो. मैंने भी कहा- नहीं, आज मैं ऐसे ही खाना खाऊंगा.


मैं टेबल पर जाके बैठ गया और अपनी बहन को हवस भरी निगाहों से देखने लगा.


फिर मैंने कहा- तू खाना नहीं खाएगी क्या स्वाति … तू भी आजा आज साथ में ही खाना खाते हैं.


कुछ देर सोचने के बाद वो मान गई और मेरे से कुछ दूरी पर बैठ कर चुपचाप खाना खाने लगी.


तभी मैंने उससे पूछा- स्वाति तूने कभी ब्लू फ़िल्म देखी है क्या? उसने कुछ नहीं कहा.


मैंने उससे फिर पूछा- बोल ना देखी है क्या? उसने कहा- नहीं भैया, कभी नहीं देखी. मैंने बोला- खाना खा ले, आज तुझे मैं ब्लू फिल्म दिखाता हूं और आज से हम दोनों अपने सारे काम साथ में करेंगे.


इतना कह कर मैं खाना खाने लगा.


खाना खाकर मैंने हाथ धो लिए और स्वाति को कमरे में आने का इशारा कर दिया. स्वाति ने भी कुछ देर में खाना खत्म किया और करीब एक घंटे बाद मेरे कमरे में आई.


मुझे तो लगा था कि प्लान फेल हो गया है, लेकिन मेरा प्लान काम कर रहा था. वो जब अन्दर आई तो मैंने एक भाई बहन वाली ही फिल्म लगा दी और उसको बताने लगा कि फ़िल्म में ये दोनों भी भाई बहन ही हैं.


स्वाति मेरे इरादे समझ चुकी थी. वो तुरंत बोली- भैया देखो, जो कुछ भी आज हुआ … और जो भी हो रहा है, वो सब ग़लत है. मैं आपकी छोटी बहन हूँ और आप मेरे भाई हो. इसलिए ऐसा कुछ भी नहीं हो पाएगा.


मैंने भी कहा- मैंने कब बोला कि तू मेरे साथ कुछ कर … लेकिन जरा सोच, जब तू अकेले में मुठ मारती है, तो तुझे अकेला फील होता होगा … और मुझे भी होता है. तो क्यों ना हम दोनों एक दूसरे के सामने ही मुठ मारें … जिससे तुझे भी मजा आएगा और मुझे भी.


मेरे बहुत समझाने के बाद उसने भी हां कर दी. पर एक शर्त रखी कि मैं उसको हाथ नहीं लगाऊंगा. हम दोनों दूर दूर बैठ कर ही मुठ मारेंगे.


जिद करना मैंने भी उचित नहीं समझा और हां कह दिया. मैंने कहा- तो स्वाति देर किस बात की है … उतार दे अपने कपड़े और आ जा यहीं बेड पर.


वो मान गई और अपनी जींस और टी-शर्ट उतार कर बेड पर बैठ कर फ़िल्म देखने लगी. मैं तो पहले से ही नंगा बैठा था.


फिल्म देखते देखते स्वाति गर्म होने लगी और उसके हाथ धीरे धीरे अपनी बुर की ओर बढ़ने लगे. मैं उसे बार बार देख रहा था और अपना लंड आगे पीछे कर रहा था.


मैंने बोला- एक काम कर ना स्वाति … तू अपनी ब्रा और पैंटी भी उतार दे और आराम से रिलैक्स करते हुए एन्जॉय कर.


वो गर्म हो चुकी थी और मेरी बात सुनने में उसको कोई ऐतराज नहीं हो रहा था. उसने जल्दी से अपनी काली रंग की ब्रा उतार कर फैंक दी.


नंगी बहन को देख कर मेरा लौड़ा और भी ज्यादा तन गया और मेरा टोपा फूलने लगा.


उसके चूचे क्या लग रहे थे. मैं तो उसको देखने में खो ही गया और फ़िल्म को छोड़ कर स्वाति को देखने लगा.


कुछ देर बाद स्वाति ने अपनी पैंटी भी निकाल दी और अपनी गुलाबी बुर के दर्शन करा दिए.


ये देख कर तो मैं मानो सपनों में सा खो गया. मेरे हाथ मेरे लंड पर तेजी से चले जा रहे थे.


लेकिन मुझे तो स्वाति को चोदना था.


कुछ देर तक सब ऐसे ही चलता रहा. फिर स्वाति ने अपनी बुर में एक उंगली डाल दी और धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगी.


मैं उसी को देख रहा था.


और एक हाथ से वो अपनी बुर के दाने को सहला रही थी और मस्त आवाज आ रही थी- अम्म्म अहम्म … आह … हो … उफ़!


ऐसी आवाज करते करते वो बेड पर लेट गई और अपनी बुर में तेज़ तेज़ उंगली चलाने लगी. कभी कभी वो अपने चूचे भी दबा रही थी.


कुछ देर ऐसे ही चला और वो झड़ गई. वो नंगी ही मेरे पास पड़ी थी.


फिर मैंने भी स्वाति को देखते देखते लंड तेजी से हिलाना शुरू कर दिया और करीब 5 मिनट में मैं भी झड़ गया. मैं भी स्वाति के पास ही लेट गया.


मैंने कहा- स्वाति एक बात बताना, आज मुठ मारने में तुझे पहले से ज्यादा मज़ा आया कि नहीं सच बोलना. उसने धीमे से हां कहा.


फिर मैंने उससे पूछा- तेरा कोई ब्वॉयफ्रेंड है या नहीं? उसने कहा- नहीं भैया, अभी तक तो कोई भी नहीं है.


मैंने कहा- तूने कभी किसी लड़के का लंड देखा है आज से! उसने ना में जवाब दिया.


अब मेरा निशान ठीक उसकी चुदाई की तरफ ही था.


फिर मैंने उससे कहा- देख अगर तू बुरा ना माने, तो एक बात बोलूं? उसने कहा- हां बोलो न भैया.


मैंने कहा- मैंने भी आज तक कोई लड़की नहीं चोदी है … लेकिन तू मेरी बहन है इसलिए बस मैं एक बार तेरे चूचे टच करके देखना चाहता हूं … वो भी अगर तू चाहे तो! मेरी बात सुनते ही स्वाति ने मेरा एक हाथ पकड़ा और उसके गोल मटोल चूचे पर रख दिया और बोली- लो कर लो भैया, जो भी करना हो … और अब मत तड़पाओ.


ऐसा सुनते ही मेरी तो निकल पड़ी और मैंने झट से उसको किस करना शुरू कर दिया.


कुछ देर में वो भी किस करना सीख गई और मेरे साथ देने लगी.


हम दोनों भाई बहन एक ही बेड पर नंगे थे और एक दूसरे को किस कर रहे थे. मैं कभी उसके ऊपर वाले होंठ को चूसता और वो मेरे नीचे वाले को, तो कभी मैं नीचे वाले को … और वो ऊपर वाले को.


फिर मैंने अपनी जीभ उसके मुंह में डाल दी और वो भी मेरी जीभ को चूसने लगी. कुछ देर बार मैं उसकी जीभ चूसने लगा, तो अपनी जीभ को चुसवाने का मजा लेने लगी.


इस तरह से करीब 10 मिनट तक मैंने उसको और उसने मुझे किस किया होगा.


फिर मैंने धीरे धीरे अपनी बहन के चूचे दबाने शुरू किए, वो तो मानो जन्नती सुख लेने लगी थी.


मेरी बहन मचल उठी थी और उसके मुंह से ‘आह … उह … भ…आईआई..य्या …’ गर्म आवाजें आने लगीं.


मैंने देखा कि लोहा गर्म है, तो मैंने तुरंत अपनी बहन का एक चूचा अपने मुंह में ले लिया और उसको बच्चे की तरह चूसने लगा.


स्वाति भी मस्ती में अपने चूचे दबवा और चुसवा रही थी और आवाज निकाल रही थी- ओह … आह … और … करो … प्लीज़ भैया!


ऐसा बोलते बोलते स्वाति मेरा सिर अपने चूचे पर दबाए जा रही थी.


मुझे स्वाति के चूचे ऐसे लग रहे थे कि रात भर चूसता ही रहूं. मेरी बहन भी तड़पे जा रहे थी. उसको देख कर ऐसा लग रहा था कि इसको आज खा ही जाऊं.


मैंने करीब बीस मिनट तक स्वाति के दोनों चूचों को चूस चूस कर लाल कर दिया था और कहीं कहीं पर काट भी लिया था. उसके निप्पल एकदम खड़े हो गए थे और वो तड़प रही थी कि कब मैं उसको चोदूंगा.


लेकिन अभी पिक्चर बाकी थी.


मैंने धीरे धीरे उसके पेट को चूमते हुए नीचे की ओर गया तो वो और जायदा मचलने लगी. मैं उसकी बुर चाटे बिना कैसे उसे छोड़ देता.


मैंने अब अपनी बहन की बुर को निशाना बना लिया था. उसकी बुर बिल्कुल साफ और चिकनी दिख रही थी और शायद स्वाति बहुत ज्यादा गर्म थी इस वजह से उसकी बुर से लगातार पानी निकल रहा था.


मैंने अपना मुंह सीधा उसकी बुर के दाने पर टिका दिया और उसकी बुर चाटने लगा.


मेरे बुर चाटते ही वो उछल गई और चिल्ला पड़ी- ओह … मां … मर गई.


मैंने उसको फिर उसकी जांघों से पकड़ा और धीरे धीरे उसकी बुर चाटने लगा. बहन की बुर से एक अलग ही महक आ रही थी … जो कि मुझे और गर्म करे जा रही थी.


वो झड़ गई और अपने हाथों से बिस्तर की चादर को भींचने लगी. मेरी बहन की बुर से नमकीन अमृत बहने लगा था. मैंने उसकी बुर चाट चाट कर साफ़ कर दी.


पूरी बुर क्लीन करने के बाद मैंने फिर से उसकी बुर में अपनी जीभ घुसा दी. एक मिनट में ही स्वाति तो मानो सातवें आसमान में पहुंच गई.


वो अब मस्ती से टांगों को फैला कर और बुर उठा कर अपने भाई की जीभ से चटवाए जा रही थी. उसके मुंह से कामुक आवाजें मुझे मदांध किए जा रही थीं- ओह … ओह … भाई आह … और तेज करो … अन्दर तक जीभ से मुझे चोदो.


मैंने उसके मुँह से चोदो शब्द सुना तो अब स्वाति की बुर में अपनी एक एक करके दो उंगलियां भी डाल दीं और फिंगर फक करने लगा.


अब स्वाति चिल्लाने लगी- आह बस भैया … अब और मत तड़पाओ … आह अपनी बहन को चोद डालो … अपनी इस छोटी बहन की बुर फाड़ दो.


ये सुन कर मैंने और तेज़ी से बुर चाटना और उंगली चलाना चालू कर दिया और एक हाथ से उसके चूचे दबाने लगा. थोड़ी ही देर में स्वाति जोर जोर से चिल्लाने लगी और मेरा सिर अपनी बुर में दबाने लगी और फिर से झड़ गई.


मैंने भी अपनी जीभ से उसका सारा पानी चाट चाट कर साफ कर दिया और उसकी बुर थोड़ी देर और चाटता रहा.


स्वाति नशीली आवाज में बोली- अब तो चोद दो मुझे! मैंने सही मौक़ा देखा और कहा- स्वाति तूने इतनी देर तक अपनी बुर चटवा ली अपने भाई से … उसका लंड नहीं चूसेगी क्या?


इतना सुन कर स्वाति उठी और मुझे बेड पर धक्का देकर मेरे ऊपर आकर बैठ गई. वो मेरा लंड मजे से ऐसे चूसने लगी मानो वो कोई प्रोफेशनल रंडी हो. वो मेरा लंड लपर लपर चूसे जा रही थी और मैं उसके चूचे दबा रहा था.


मेरी बहन मेरे लंड पर जीभ घुमा घुमा कर चाट रही थी और मेरे बॉल्स को हाथ से धीरे धीरे मसल रही थी. मुझे बेहद मज़ा आ रहा था.


कुछ देर बाद मैंने भी झड़ने वाले था, तो मैंने कहा- स्वाति मैं झड़ने वाला हूं. उसने हाथ के इशारे से कहा- मेरे मुंह में ही आ जाओ.


स्वाति अब और तेज़ी से मेरा लंड चूसने लगी और हिलाने लगी. मैंने भी मस्त होकर उसका सिर पकड़ लिया और कुछ ही देर में उसका मुँह मेरे वीर्य से भर दिया. वो भी मेरा पूरा वीर्य पी गई.


झड़ने के बाद हम दोनों खड़े हो गए. एक दूसरे को गले लगा कर बेड पर गिर पड़े और किस करने लगे.


थोड़ी ही देर में हम दोनों गर्म हो गए और मैंने अपना लौड़ा खड़ा करके मेरी बहन की बुर पर टिका दिया.


मैं बोला- देख स्वाति हो सकता है थोड़ा सा दर्द हो … पर सहन कर लेना. बाद में मज़ा ही मज़ा आने वाला है.


इतना कह कर मैंने एक जोरदार झटका मारा और मेरा लंड स्वाति की बुर में एक इंच अन्दर घुस गया.


स्वाति जोर से चिल्लाने लगी और उछल कर बेड से नीचे की तरफ गिरने लगी. मैंने उसको लपका और उसको गिरने से बचाया.


उसने तड़फते हुए कहा- नहीं भैया मुझे नहीं चुदवाना. मैंने स्वाति को दुबारा किस करना चालू कर दिया.


थोड़ी ही देर में उसका दर्द कम हुआ … तो मैंने दुबारा अपना लौड़ा बुर के दाने पर फेरते हुए बुर पर लगा दिया. मैंने देखा उसकी बुर से खून आ रहा था. मैंने उसकी बुर पर लंड का टोपा सैट किया और उसको कंधों से पकड़ लिया ताकि वो फिर से ना उछले.


इस बार मैंने दुगनी तेज़ी से झटना मारा. मेरा आधा लंड उसकी बुर में घुस गया और उसकी बुर फट गई. वो फिर जोर से चिल्लाई.


मैंने उसका मुँह अपने मुंह से बंद किया और उसको चूमने लगा.


वो किस करते करते बड़बड़ा रही थी- आह फाड़ दी मेरी बुर … घुसा दिया फिर से लौड़ा … मैं तो मर ही जाऊंगी निकाल लो इसको … भैनचोद निकाल जल्दी … आह … निकाल ना गांडू साले ओह … मां चुद गई मेरी!


मैंने उसकी गालियों को नजरअंदाज किया और उसको किस करता रहा, उसके चूचे सहलाता रहा.


करीब एक मिनट बाद उसका दर्द कम हुआ और उसने अपनी गांड थोड़ी सी उचकाई.


जैसे ही मुझे उसकी गांड का अहसास हुआ … मैं थोड़ा पीछे हुआ और एक जोरदार झटका लगा दिया और अपना पूरा लंड उसकी बुर में पेल दिया.


इस बार वो फिर से चिल्लाई लेकिन इस बार मैंने मुँह से ही उसकी आवाज दबा दी और उसको करीब 10-15 धक्के मार दिए. फिर रुक कर उसके चूचे चूसने लगा.


मेरी बहन की तो हालत ही खराब हो गई थी … वो दर्द से तड़प रही थी. मैं उसके ऊपर चढ़ा था और उसकी बुर में लंड डाले हुए उसके चूचे चूस रहा था.


कुछ देर बाद उसका दर्द कम होता चला गया और वो मेरे सिर पर हाथ फिराने लगी.


मैं समझ गया और धीरे धीरे उसकी बुर में लंड डालने निकालने लगा. उसको भी चुदाई में मज़ा आ रहा था.


वो भी मेरा साथ दे रही थी और कामुक आवाजें निकाल रही थी- आह भैन के लंड साले और जोर से चोदो … आह फाड़ दो … मेरी बुर को … आह बना लो मुझे अपनी रंडी … भोसड़ा बना दो मेरी बुर का … और अन्दर तक डालो भाई … पूरा लंड डालो और निकालो … आह और जोर से चोदो … आह मज़ा आ रहा है … तेज़ तेज़ चोदो … फाड़ दो इस बुर को आज ओह मां … आह … रुकना मत भाई बस … और तेज़ पेलो बहन चोद दो अपनी आह … हम्म … आह … ओह.


पूरे कमरे में मेरी बहन की आवाज गूंज रही थी और फच फच की आवाजें आ रही थीं. थोड़ी ही देर में मेरी बहन जोर जोर से चिल्लाने लगी और झड़ गई. उसके झड़ते ही मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी और उसकी बुर में ही अपना सारा टैंक खाली कर दिया.


मैं स्वाति के ऊपर ही गिर गया और हम दोनों सो गए.


कुछ देर बाद हम दोनों उठे और मैंने स्वाति को अपनी बांहों में लेकर चूमा और उससे कहा- लंड बड़ा मस्त चूसा था … किधर से सीखा?


वो मेरे सीने में अपना मुँह छिपाती हुई बोली- ब्लू फिल्म देख कर … मैं पहले भी कई बार ब्लू-फिल्म देख चुकी हूँ.


मैंने उसे दुबारा गर्म किया और फिर से हॉट सिस्टर Xxx किया.


इसके बाद भी मैंने स्वाति को कई बार चोदा.


मुझे अपनी आंटी की चुदाई का मौका अभी नहीं मिल सका था मगर उनकी बुर में लंड पेलते ही आपको आंटी के संग वाली सेक्स कहानी जरूर लिखूंगा.


आपको मेरी ये हॉट सिस्टर Xxx कहानी कैसी लगी, मुझे आपके मेल का इंतजार रहेगा. [email protected]


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