मेरी जवानी और सेक्स की प्यास- 7

रोमन

01-12-2020

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मेरे चोदू से मेरी बहन भी चुद गयी. कैसे? मेरी बहन ने मुझे अपने चोदू का लंड चूसते देख लिया था. मैं डर गयी. तो मेरी सहेली ने मेरी मदद की.


पिछला भाग: मेरी जवानी और सेक्स की प्यास- 6


इसी तरह एक दिन साहिल दोपहर के समय हमारे घर आया. उस टाइम दादी सो रही थी. और रागिनी कॉलेज गयी थी.


तो मैं साहिल को अपने बेड पर लिटा कर दरवाज़ा भेड़ कर उसकी चैन खोल कर उसका लन्ड चूस रही थी.


तभी रागिनी आ गयी और उसने सब कुछ देख लिया. तो उस दिन बिना कुछ किये साहिल अपने घर चला गया.


और मैं रागिनी को मनाने में लग गयी कि उसने जो कुछ भी देखा वो किसी को मत बताए.


लेकिन वो मान नहीं रही थी, बोलने लगी कि मैं बता दूंगी।


मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था तो मैंने राजसी को फ़ोन करके सारी बात बतायी. तो उसने मुझसे बस दो दिन का समय मांगा कि वो कुछ बताती है।


दो दिन बाद शाम को राजसी मेरे घर आई. उसने मुझे रागिनी और उसके बॉयफ्रेंड की कुछ अश्लील तस्वीरें मेरे मोबाइल पर भेजी और बताया- ये जो लड़का है ये बहुत खराब है. ये फोटो वीडियो बनाकर बाद में ब्लैकमेल करता है. राजसी ने दो तीन और लड़कियों की फ़ोटो और वीडियो मुझे भेजी सबूत के लिए।


जब आज रात को रागिनी और मैं लेटी तो मैंने उसकी अपने मोबाइल में उसकी फोटो दिखायी. इसके बाद वो एकदम घबरा गई और उल्टा अब वो मुझसे बोलने लगी कि दादी को मत बोलना.


तो मैंने कहा- ठीक है.


लेकिन उस लड़के के बारे में जब मैंने रागिनी को पूरा सच बताया तो वो रोने लगी और बोली- मुझे नहीं मालूम था कि ये ऐसा लड़का है।


मैंने रागिनी को समझाते हुए बोला- देखो मुझे पता है कि इस उम्र में ये सब होता है. लेकिन ऐसे आदमी के साथ करो जो वफादार हो. जैसे साहिल है मेरे लिए! और ये बताओ अभी तक तुम दोनों ने कुछ ऐसा वैसा तो नहीं किया? तो वो बोली- नहीं.


तो मैंने बोला- ठीक है. और हाँ अगर कुछ करने का मन हो तो बताना. साहिल से बेहतर लड़का हम दोनों के लिए कोई भी नहीं है. वो अब साहिल के लिए तैयार हो गयी. मैंने फिर बोला- ठीक है, मौका मिलने दो, तुम्हारी भी सील तुड़वाती हूँ साहिल से!


अब मैं मौके की तलाश करने लगी.


एक शादी थी जिसमें हमारे घर और साहिल के घर दोनों को नेवता आया था.


एक दिन दादी साहिल की मम्मी से बात कर रही थी कि हम लोग भी उनके साथ उनकी गाड़ी से जाएंगे.


फिर आगे पता चला कि साहिल नहीं जाएगा तो दादी बात खत्म करने के बाद मुझे बताने लगी कि हम लोगों को उनके साथ चलना है लेकिन साहिल नहीं जाएगा. तो अब मैं अपने कमरे में आ कर सोचने लगी कि ये फिर हम लोगों को सही मौका मिला है तो मैंने तुरंत रागिनी को कॉल करके साब बताया तो वो बोलने लगी कि ठीक है मैं आ कर कुछ करती हूं।


जब दोपहर में रागिनी आयी तो दादी ने उसको भी बोला- आज तैयारी कर लो. कल हम लोगों को जाना है शादी में! तो रागिनी बोलने लगी- मैं तो कल नहीं जा सकती क्योंकि मेरे कॉलेज में कल एक टेस्ट है. उसमें सबको जाना जरूरी है.


दादी ने बोला- ठीक है. फिर मैं और अंजलि चले जाएंगी. फिर रागिनी बोली- नहीं दादी, दीदी को रहने दो. वरना मैं दिन भर भूखी रह जाऊंगी. और आपकी मदद के लिए साहिल की मम्मी तो रहेंगी ही।


दादी रागिनी की यह बात मान गयी.


दूसरे दिन वो दोनों दोपहर तक निकली. वो अगली सुबह 10 बजे तक अब वापस आने वाली थी।


अब मैंने साहिल को फ़ोन करके अपने घर बुला लिया. वो दोपहर के खाने के समय तक आ गया.


आज रागिनी भी अपने कॉलेज नहीं गयी थी.


हम दोनों बहनें आज पहले से ही सज संवर के अपने पिया से चुदने को तैयार थी।


आज मैंने एक बहुत मस्त सा पटियाला सलवार सूट पहना. रागिनी ने एक मस्त सा स्कर्ट टॉप पहना था.


हम दोनों बहनों ने बढ़िया से मेकअप कर लिया।


साहिल आज लोअर और टीशर्ट पेहेन कर आया था. वो हम दोनों को देख कर बोला- क्या बात है! आज दोनों बहनें एकदम कातिल लग रही हो?


तब तक रागिनी बोली- सबसे पहले हम तुम्हारा ही कत्ल करेंगी।


हम सब हंसने लगे. और रागिनी चली गयी किचन से खाना लाने!


तब तक साहिल ने मौका पाकर मुझे अपनी ओर खींच लिया. वो मेरे होंठों को चूमते हुए बोला- मेरी जान, आज बहुत मन कर रहा है तुमको चोदने का! तो मैं बोली- अरे मेरे राजा, पहले पेट पूजा! फिर उसका लन्ड दबाते हुए बोली- फिर बाद में इसकी पूजा।


जब रागिनी खाना लेकर आती दिखायी दी तो साहिल ने मुझे छोड़ दिया.


और फिर हम तीनों ने साथ में खाना खाया.


फिर इसी कमरे के सब दरवाजे बन्द कर लिए, सारी खिड़कियों पर पर्दा डालकर कमरे में बिल्कुल अंधेरा कर दिया.


रागिनी ने टी वी में टाइटैनिक पिक्चर लगा दी.


पहले साहिल तकिया लगा कर लेटा. फिर मैं और फिर रागिनी!


जब पिक्चर चली तो साहिल ने मेरे हाथ को पकड़ कर अपने लन्ड पर रख दिया. जिसको मैं सहलाने लगी. अब वो मेरे पीछे से हाथ लाकर मेरी चूचियों को दबाने लगा.


तब तक मैंने रागिनी का हाथ पकड़ा और लेजा कर साहिल के लन्ड पर रख दिया. इस तरह रागिनी भी हमारे खेल में शामिल हो गयी.


और साहिल को अभी इसका पता नहीं था क्योंकि साहिल मेरी चूचियों को दबाने और अब हल्का सा ऊपर होकर मेरे कान और गले को चाटने और चूमने लगा.


जब मैंने हाथ लगाया तो रागिनी ने साहिल के लोअर के बाहर उसका लन्ड निकाल लिया था और सहला रही थी।


कुछ देर बाद मैं साहिल के पैरों की तरफ मुंह करके लेट गयी. और रागिनी को चुपके से बेड के सामने बुला लिया.


उधर साहिल ने मेरी सलवार खोल कर और पैंटी किनारे करके मेरी गांड के छेद में अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया.


कुछ देर मैंने साहिल का लन्ड चूसा. जिसके बाद रागिनी का मुंह लेकर उसमें लन्ड में घुसा दिया। अब हम दोनों बहनें बारी बारी साहिल का लन्ड चूस रही थी. लेकिन शायद अब तक साहिल को इस बारे में मालूम नहीं था।


अब मैंने सोचा कि बहुत हुआ छुप छुप के! तो मैं चली गयी साहिल में मुंह की तरफ!


और अभी भी रागिनी उसका लन्ड चूसे जा रही थी.


जैसे ही मैं साहिल के मुंह के पास गई तो मैंने उसकी धीरे से कान में बोल दिया- आज रागिनी की भी सील तुम ही को तोड़नी है.


अब मैंने उसके होंठों को चूसना शुरू कर दिया.


साहिल ने धीरे से हाथ बढ़ा कर लाइट जला दी. तो एक पल के लिए रागिनी हिचकिचाने लगी.


पर मैंने उसका मुंह लेकर फिर से साहिल के लन्ड में घुसा दिया.


अब साहिल ने मेरे सारे कपड़े उतार कर मुझे नंगी कर दिया. मैंने भी साहिल की टीशर्ट उतारी.


उधर रागिनी ने भी साहिल का लोअर निकाल दिया.


साहिल पहले तो मेरी मोटी चूचियों पर टूट पड़ा और उसके बाद मैंने उसके मुँह पर बैठ कर अपनी चूत और गांड दोनों चटवायी.


इसके बाद मैंने रागिनी का हाथ पकड़ कर साहिल के तरफ कर दिया और खुद हल्का सा थूक लगा कर साहिल के लन्ड पर बैठ कर उचक उचक के खुद से ही चुदने लगी।


अब उन दोनों ने पहले तो जी भर कर एक दूसरे के होंठों को चूमा. इसके बाद साहिल ने रागिनी को भी नंगी कर दिया और उसके बूब्स के पीने लगा.


जिसके बाद साहिल ने रागिनी को दूसरी तरफ पैरों को फैला कर लेटा दिया और हल्का सा झुक कर उसकी कुंवारी चूत चाटने लगा.


अब हम दोनों बहनों की ‘उफ़्फ़ फ़फ़फ़ आह आह हहह उई आह उफ़’ करके सिसकारियाँ उस पूरे कमरे में भरने लगी।


कुछ देर बाद साहिल उठा और रागिनी को नीचे लिटा कर उसकी कुंवारी चूत पर अपना लन्ड सेट करने लगा.


मैं रागिनी के होंठों और चूचियों को चूसने लगी जिससे उसको ज़्यादा दर्द न हो. लेकिन इतना भयानक लन्ड जब किसी की भी फुद्दी में पहली बार जाता है तो उसकी फुद्दी के साथ साथ आंख भी फट जाती है.


और ऐसा ही हुआ. जैसे ही साहिल ने पहला झटका मारा … रागिनी चिल्लाने लगी और रोने लगी.


लेकिन साहिल ने फ़टाफ़ट तीन चार झटके और मारे जिससे रागिनी की बुर फट गयी और खून निकलने लगा. तो मैंने अपनी बहन की चूत को जल्दी से एक कपड़े से पौंछ दिया.


अब साहिल भी अपनी रफ्तार पकड़ने लगा. और कुछ देर बाद रागिनी का रोना उसकी सिसकारियों में बदल गया. वो बहुत कामुक सिसकारियाँ लेकर चुदवाने का मज़ा लेने लगी. और वो मुझे अपने मुंह पर बैठा कर मेरी चूत चाटने लगी.


कुछ देर बाद साहिल रागिनी को छोड़ मुझे घोड़ी बना कर मेरी गांड पेलने लगा. तब तक रागिनी मेरे हवा में झूलते लटकते चूचों को पीने लगी.


तकरीबन 15 मिनट बाद साहिल की रफ्तार अपने आखरी मुकाम पर पहुँची. उसने मेरी गांड में अपने वीर्य का सैलाब छोड़ दिया।


अब हम दोनों बहनें साहिल के अगल बगल में लेट गयी. फिर साहिल को चूमने लगी.


कुछ देर बाद वो हम दोनों बहनों के बूब्स को पीने लगा.


और अब 20 मिनट बाद हम दोनों फिर से लग गयी साहिल का लन्ड चूसने. जिससे पांच मिनट में ही उसका खड़ा हो गया.


अबकी बार साहिल ने फिर से रागिनी की चूत में ताबड़ तोड़ हमला करना शुरू कर दिया.


फिर उसने मुझे तेल लाने का इशारा किया. इससे मैं समझ गयी कि रागिनी की भी अब गांड फटने वाली है. तो मैं जल्दी से तेल ले आयी.


अब मैंने और साहिल ने मिल कर रागिनी की गांड चाटी. और फिर साहिल ने अपने लन्ड और रागिनी की गांड को तेल से भिगो दिया.


जिसके बाद उसने रागिनी को सीदही लिटा कर उसकी दोनों टांगों को फैला दिया. मैंने उसके पैर अपने हाथों में लेकर फैला दिया.


साहिल ने रागिनी की कमर के नीचे तकिया लगा कर उसके गांड के छेद को थोड़ा ऊपर किया. और फिर अपना लन्ड सेट करके झटके पर झटके देने लगा.


उसके काफी झटकों के बाद साहिल का लन्ड रागिनी की गांड में घुस पाया. और रागिनी एक पल के लिए तो दर्द में मारे बेहोश सी हो गयी.


फिर से मैंने कपड़े से रागिनी की खून भरी गांड को साफ किया।


अब साहिल 10 मिनट के लिए रुका जिससे रागिनी को कुछ आराम हो जाए. उसके बाद साहिल ने हम दोनों को आगे पीछे से खूब चोदा.


उस दिन हम दोनों एक बार शाम को चुदी. फिर रात को आधी रात तक!


और एक राउंड जल्दी का सुबह सात से 9 बजे का चला. जिसके बाद वो तुरंत अपने घर निकल गया.


और दादी 10 बजे तक आ गई।


अब ऐसे साहिल हम दोनों को खूब चोदता. कभी हम उसके घर जा कर चुद जाती. तो कभी वो हमारे घर आकर! और इसी बीच राजसी भी खुद काफी बार हमारे घर आ कर साहिल से चुदी. वो अब अपने घर पे साहिल को अपनी सहेलियों और खुद को चुदवाने के लिए बुलाने लगी.


अब हम दोनों की शादी भी हो गयी है. मेरा और रागिनी दोनों का पहला बेटा साहिल से ही हुआ है. इस बात के बारे में बस हम तीनों को पता है.


वो कभी कभार हमारे ससुराल भी आ जाता है.


हम दोनों की ससुराल अलग अलग है. तो कभी हम दोनों मायके जाने के बहाने से बलिया आ जाती हैं. हमारी दादी चल बसी थी तो अब यहां आने का कोई सीधा मतलब नहीं था. इसलिए हम दोनों मायके के बहाने से आती थी.


यही कहानी लड़की की सेक्सी आवाज में सुनें.


meri-bahan-chud-gayi वहाँ साहिल के पापा ने एक और घर शहर से थोड़ा बाहर लिया हुआ है. वहाँ हम दोनों बहनें जाकर रुकती और साहिल से खूब चुदवाती. हमारे मायके में हर शादी में हम दोनों साहिल को बुला लेती हैं और खूब चुदाई का मज़ा लेती हैं।


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