फुफेरे भाई के साथ चुदाई का सुख

दिव्या सिंह

30-11-2023

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मेरी सेक्सी जवानी का खेल मैंने अपनी बुआ के बेटे के साथ खेला. वैसे मेरे मन में उसके साथ ऐसा वैसा कुछ नहीं था पर उसने मेरे बदन को सहला कर मेरी अन्तर्वासना जागृत कर दी.


यह कहानी सुनें.


फ्रेंड्स, मेरा नाम शिखा है. मैं सीहोर की रहने वाली हूं. मेरी हाईट 5 फुट 3 इंच है और मेरे 30 इंच के भरे हुए बूब्स काफी मस्त हैं. मेरी कमर 28 की है और गांड 34 की है.


मेरे पापा की एक कपड़े की दुकान है. एक छोटी बहन और भाई हैं.


यह मेरी पहली सेक्स कहानी है … जो मैंने अपने और अपनी बुआ के बेटे के बीच की एक सत्य घटना पर लिखी है.


मेरी सेक्सी जवानी का खेल कहानी को आप लोग मुझे प्रोत्साहन दें ताकि मैं आपके लिए ऐसी ही और गर्म कहानियां लाती रहूं.


यह कहानी उस समय की है, जब मैं 12 वीं कक्षा में पढ़ती थी. मैं दिखने में बहुत खूबसूरत हूं. इस बात का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि मैं जब स्कूल जाती थी, तो स्कूल के मास्टर भी मुझ पर लाइन मारा करते थे. लेकिन मैंने कभी भी किसी को कोई भाव नहीं दिया था.


मैं और मेरे भाई बहन हम सभी एक ही स्कूल में पढ़ते थे.


मेरी दो बुआ हैं. बड़ी बुआ का लड़का मोहित हमारे साथ रहने आ गया था क्योंकि बुआ गांव में रहती थीं, तो उसकी पढ़ाई नहीं हो पा रही थी. इसलिए पापा ने उसे भी यहीं बुला कर हमारे वाले स्कूल में दाखिल करवा दिया.


वह थोड़ा शर्मीला सा था लेकिन साला अन्दर से बहुत कमीना था.


पापा पॉलिटिक्स में भी ध्यान देते हैं तो वे पार्टी के कामों में लगे रहते थे. जब वे अपनी राजनीति के चलते दुकान से कहीं चले जाते थे, उस टाईम हमें दुकान में बैठना होता था.


जब कभी भी मेरी बुआ का लड़का और मैं दुकान में बैठते थे तो हमारी बात होती रहती थी.


मैं आपको मोहित के बारे में कुछ बता देती हूँ. वह 5 फुट 6 इंच का है. दिखने में भी ठीक-ठाक ही है, मतलब उसे लड़कियां ज्यादा भाव नहीं देती हैं.


जब उसकी और मेरी बात होती थी तो हमारे बीच कुछ भी ऐसी वैसी बात नहीं हुई जिससे सेक्स जैसी कोई बात हो.


एक बार वह और मेरा छोटा भाई घर के अंधेरे कमरे में खेल रहे थे. उसी समय उन्हें देखने मेरी छोटी बहन गई, जो बहुत देर तक वापस नहीं आई. वह भी उन लोगों के साथ खेलने लगी थी.


जब मैं वहां गई तो मैंने देखा कि मेरी बहन मोहित की गोद में बैठी हुईं है.


मेरी बहन भी मेरे से एक साल छोटी ही है. तो एक जवान लड़की एक जवान लड़के की गोद में बैठे देख कर मुझे कुछ अटपटा सा लगा.


फिर उस वक्त मैंने सोचा कि ये खेल ही तो रहे हैं.


मुझे देख कर मोहित लोग मुझसे भी खेलने का बोलने लगे. मैंने पूछा- ये खेल क्या है और इसमें करना क्या होता है?


उसने कहा- एक दूसरे को उठा कर लाना है और यहां पकड़ कर रखना है, जब तक वह खुद को छुड़ा न ले. यह कोई खेल नहीं था. वे दोनों लड़के ऐसे ही लगे थे.


उन दोनों को लड़कियों को पकड़ा पकड़ी में शायद मजा आ रहा था इसलिए उन दोनों ने इस खेल के लिए मेरी छोटी बहन को राजी कर लिया था.


एक बात ये भी है कि जवानी साली होती ही ऐसी है. उसके नशे में क्या लड़का और क्या लड़की … खुद ही एक दूसरे से सैट होकर अपनी खाज मिटाने की जुगत भिड़ाते रहते हैं.


मेरी छोटी बहन ने इसी उम्र में होने वाली खुजली को कुछ शांत करने के लिए उन दोनों लड़कों के साथ चिपका चिपकी का खेला शुरू किया था.


अब चूंकि मोहित ने मुझसे भी इस खेल को खेलने के लिए कहा था तो मेरी चूत में खुजली होने लगी थी.


चूंकि मैंने अब तक किसी लंड के साथ चुदाई का सुख नहीं लिया था तो मुझे भी लगने लगा था कि खेल लिया जाए.


मैं मोहित के साथ खेलने लगी. मोहित ने एक बार मुझे पकड़ा और मेरे गाल पर किस करने की कोशिश करने लगा.


लेकिन मैं उसके इस रवैये से जरा असहज हो गई और उसकी पकड़ से छूट कर बाहर चली गई. मैंने उनका ये खेल भी बंद करवा दिया.


शाम को हम सब एक साथ ही पढ़ते थे तो मोहित कभी कभी मुझे कुछ पढ़ा देता था या मेरे पास आकर बैठ जाता और मेरे साथ बातें करता. इस तरह चलता रहा.


हम दोनों के बीच कुछ भी नहीं था, न उसने मुझे कभी कुछ बोला और मुझे तो वैसे भी वह ज्यादा पसंद नहीं था.


एक दिन ठंडी के दिनों मैं रविवार को हम सब सो रहे थे.


उस दिन हम चारों भाई बहन एक साथ ही सो रहे थे. मोहित और मैं पास में सोए हुए थे.


हम दोनों ने अलग अलग चादर ओढ़े थे लेकिन वह मेरी चादर में आ गया और उसने मेरे हाथ पर हाथ रख लिया.


मैंने सोचा कि यह शायद नींद में है इसलिए मैंने कुछ भी नहीं किया.


कुछ देर बाद उसने मेरे टॉप पर हाथ रखा, तब भी मैंने सोचा ये नींद में ही ऐसा कर रहा है.


लेकिन कुछ देर बाद उसने अपना हाथ मेरे टॉप के अन्दर डाल दिया और मेरे बूब्स को छूने लगा.


मैं चुपचाप लेटी रही. मुझे फिर से अपनी जवानी की आग ने झुलसाना शुरू कर दिया था.


कुछ देर के बाद उसने मुझे अपनी ओर खींचा और अपना दूसरा हाथ मेरे लोअर में डाल दिया. मैं अभी भी चुपचाप लेटी रही और उसकी हरकतों का कहीं न कहीं मजा लेती रही.


फिर उसने अपना एक हाथ मेरी पैंटी में डाल दिया और चूत को स्पर्श करके बाहर निकाल लिया. उसकी इस हरकत से मैं झनझना सी गई.


इसके बाद उसने मेरी चूचियां को दबाना जारी रखा और दूसरे हाथ को मेरी चूत पर फेरने लगा. मुझे भी अच्छा लग रहा था तो मैं चुपचाप करवाती रही.


मेरे पास मेरी छोटी बहन भी लेटी थी. वह ये सब देख रही थी. मगर वह भी चुप थी.


कुछ देर बाद मोहित ने मेरी चूत में अपनी उंगली डाल दी. मैं कसमसा कर थोड़ा ऊपर को हुई लेकिन संभल कर ऐसे स्थिर हो गई … जिससे उसे पता न लगे कि मैं जाग गई हूं.


लेकिन उसने देख लिया था तो अब वह अपनी उंगली मेरी चूत में अन्दर बाहर करने लगा. मेरी चूत से रिसते पानी से भी शायद उसे अहसास हो गया था कि मैं जाग चुकी हूँ और चूत में उंगली करवाने का मजा ले रही हूँ.


कुछ देर बाद मैं एकदम कड़क हो गई और एकदम से ढीली हो गई. वह समझ गया कि मैं झड़ गई हूं.


वह अपनी उंगली मेरी चूत में ही रखे रहा और मेरी चूचियों को दबाता रहा.


जैसे ही मैंने करवट ली, उसने मुझे फिर से अपनी तरफ खींचा और मेरे हाथ को पकड़ कर अपना लंड मुझे पकड़ाने लगा.


मैंने उसका लंड नहीं पकड़ा तो वह अपने हाथ से मेरे हाथ को पकड़ कर लंड की मुठ मरवाने लगा.


कुछ देर बाद उसने हाथ छोड़ दिया और मैं खुद उसके लंड को हिलाने लगी.


ये सब मेरी छोटी बहन देख रही थी.


जैसे ही मोहित के लंड से पानी निकलने को हुआ, वह कड़क होकर थोड़ा ऊपर को उठा और उसने अपना पानी मेरे पूरे हाथ पर निकाल दिया.


झड़ते समय भी वह थोड़ा कड़क सा हो रहा था लेकिन मैंने लंड हिलाना बन्द नहीं किया.


कुछ पल बाद उसका लंड कुछ छोटा होने लगा, तो मैंने अपना थूक लगा कर उसे फिर से सहलाया और खड़ा कर दिया.


लंड ने फिर से सर उठाना शुरू किया तो मैंने उसकी दोबारा से मुठ मारना चालू कर दिया. अब वह मुझे रोक रहा था लेकिन मैं नहीं रूकी.


इस बार कुछ देर से उसने वापस झड़ना शुरू कर दिया. उसने अपने लौड़े का पूरा पानी मेरे हाथ और चादर पर ही निकाल दिया.


चादर गंदा हो गई. वह भी शांत हो गया और मेरी चूत में फिर से उंगली करने लगा और मुझे किस करने लगा.


मैंने उसे नहीं रोका. उसका पानी जो मेरे हाथ पर लगा था, वह मेरे मुँह से लग गया. उसके रस से भीगी अपनी एक उंगली को मैंने मुँह से चूसा तो मुझे कुछ अजीब सा लगा.


मैंने अपना हाथ चादर से ही पौंछ लिया और उसके लंड को भी पौंछ दिया.


अब तक शाम के चार बज गए थे तो मम्मी हम सभी को उठाने के लिए दरवाजा खटखटा रही थीं.


हममें से कोई नहीं बोला लेकिन मेरी छोटी बहन उठ गई. उसकी वजह से मुझे भी उठना पड़ा.


उसी समय मोहित ने मेरा हाथ पकड़ लिया, ये मेरी छोटी बहन स्वाति ने देख लिया और उसने मोहित के हाथ से मेरा हाथ छुड़वा कर जल्दी से गेट खोल दिया.


उस दिन बात खत्म हो गई थी. मगर मुझे अपनी छोटी बहन की वह हरकत कुछ कुछ सोचने पर मजबूर कर रही थी कि उसने मेरा हाथ मोहित के हाथ से क्यों छुड़वाया. वह उस दौरान होने वाले सारे खेल को चुपचाप क्यों देखती रही थी.


कहीं मेरी छोटी बहन ने मोहित के लंड का स्वाद चख तो नहीं लिया है.


अब मैं मोहित और अपनी छोटी बहन की हरकतों पर नजर रखने लगी थी.


शायद इस बात को मेरी बहन ने ताड़ लिया था इसलिए वह मेरे सामने मोहित से दूर ही रहती थी.


उधर मोहित ने मुझे सैट करना शुरू कर दिया था. वह जब तब मेरे दूध मसल देता था या मेरी चूत गांड पर हाथ फेर देता था.


मैं उसके हाथ को हटा देती थी पर उससे कुछ कहती नहीं थी. उसका परिणान यह निकला कि मोहित की हिम्मत बढ़ती चली गई.


एक रात को मेरे मम्मी पापा किसी काम से दो दिन के लिए घर से बाहर गए थे.


उस रात मोहित को अवसर मिल गया. उसने शाम को मुझसे कहा- आज रात हम दोनों चुदाई का खेल खेलेंगे. तुम अपनी चूत साफ कर लेना.


उसकी इतनी साफ बात सुनकर मैं चुप रही और नहाते समय मैंने मेरी सेक्सी चूत की झांटें साफ कर लीं.


इसका मतलब यह था कि कहीं न कहीं मेरी सेक्सी जवानी उछल रही थी, मैं भी अपने फुफेरे भाई के लंड से चुदवाना चाहती थी.


खैर … रात हुई और खाना आदि खाने के बाद मेरा छोटा भाई और बहन अपने कमरे में सोने चले गए. कुछ देर बाद मैं भी अपनी छोटी बहन के पास सोने जाने लगी.


उसी वक्त मोहित ने मुझे पकड़ लिया और मुझे गोद में उठा कर मम्मी पापा के कमरे में ले जाने लगा.


मैंने उस वक्त मानो एक ठंडी सांस ली थी कि आज मोहित पक्के में मेरी चूत का मुँह खोल देगा. मैं भी बहुत उत्साहित थी इसलिए मैंने मोहित के गले में हाथ डाल दिया और उसके साथ मम्मी के कमरे में चली गई.


दोस्तो, अन्दर कमरे में मोहित ने तो मुझे चोदा ही, इस बात को क्या छिपाना. बस बात यह कहनी थी कि उस रात मेरे छोटे भाई ने भी मेरी सवारी गांठी और मेरी छोटी बहन ने भी नंग नाच किया.


वह सब कैसे हुआ, उसके लिए आप मुझे मेल लिखें ताकि मैं आपको पूरी चुदाई की कहानी का विस्तार से वर्णन करके सुना सकूँ.


धन्यवाद दोस्तो, ये मेरी सेक्सी जवानी का खेल कहानी एकदम सत्य है, अगर कोई गलती हुई हो तो मुझे माफ कर देना. आगे की कहानी के लिए मुझे याद जरूर करें और कमेंट भी करें. आपकी अपनी शिखा [email protected]


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