फेसबुक फ्रेंड ने अपनी कुंवारी गांड मरवा ली

विकास अग्रवाल

24-08-2022

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गांड X कहानी में पढ़ें कि मैं अपनी दोस्त को घोड़ी बनाकर चोद रहा था तो मैंने उसकी गांड में उंगली कर दी. उसे शायद मजा आया … उसने मुझे गांड मारने को कहा.


नमस्कार दोस्तो. मैं विकास अग्रवाल छत्तीसगढ़ से.


मेरी पिछली सेक्स कहानी फेसबुक गर्लफ्रेंड के साथ सुहागरात आपको कैसा लगी? प्लीज़ मेल जरूर करें और आपसे निवेदन है कि मुझसे किसी तरह की पर्सनल जानकारी या नंबर बिल्कुल भी न मांगे.


अब आगे गांड X कहानी:


मेरी और संजना की सुहागरात रायपुर के एक 5 स्टार होटल में हुई थी.


हम दोनों सुहागरात में पहली चुदाई के बाद बहुत ज्यादा थक गए थे और एक दूसरे को बांहों में लेकर सो गए. हम दोनों चुदाई के बाद बहुत गहरी नींद में सो गए थे.


रात में संजना की नींद प्यास के कारण खुल गयी. वो मेरे लंड को देखने लगी जो उस वक्त सोया पड़ा था.


संजना पानी पीने के लिए उठी, तो मेरी भी नींद खुल गयी. हम दोनों ने पानी पिया.


अब मैंने संजना से कहा- जान, मेरा फिर से तुम्हें चोदने का मूड है. उसने मना नहीं किया और बोली- जान जैसी आपकी मर्ज़ी है, आप वैसा करो. अब मैं आपकी हूँ. सिर्फ और सिर्फ आपके लिए ही हूँ. आई लव यू सो मच जान.


मैंने भी संजना को लव यू बेबी कहा. हम दोनों करीब आ गए.


मैंने संजना से कहा- चलो न जान पहले साथ नहाते हैं. संजना तुरंत मान गयी.


मैं भी तुरंत उठ कर बाथरूम में टब के पास आ गया. मैंने उसमें पानी भरने के लिए नल चालू कर दिया.


अब तक संजना भी रूम से बाथरूम में आ गयी थी. संजना को और मुझे जोर से सुसु लगी थी.


संजना मूतना चाहती थी पर मैंने उसे मना किया और कहा- जान थोड़ा वेट करो. वो मान गई.


मैंने संजना को बोला- जान पहले मेरा लंड खड़ा कर दो, फिर मैं बताता हूँ कैसे मूतना है.


संजना घुटनों के बल बैठ के मेरे लंड को अपने मुँह में भरके चूसने लगी. मैं भी लंड चुसाई का आनन्द लेने लगा.


संजना के लंड चूसने से मेरा लंड खड़ा होने लगा.


जब मेरा लंड खड़ा हो गया तो मैंने संजना से कहा- जान, यहां बाथरूम में सीधी लेट जाओ. संजना सीधी लेट गयी.


मैं उसके ऊपर लेट गया और अपना लंड उसकी चूत में पेल दिया.


संजना की चूत मेरा लंड लेने लगी थी पर उसकी चूत में कसावट अभी भी बहुत थी. लंड चूत के अन्दर डाल के मैंने संजना से कहा- जान, अब तुम मेरे लंड पर मूतो.


संजना ने मूतना चालू किया. उसकी पेशाब बहुत ज्यादा गर्म थी और मेरा लंड में लगने से बहुत ही अद्भुत सुख मिल रहा था.


मैं सिसकारी लेने लगा था.


जब संजना ने पूरा मूत लिया तो मैंने अपना लंड संजना की चूत से बाहर निकाला और उसकी चूत को चाटने लगा.


संजना आह आह करने लगी और मेरे सर को चूत पर दबाने लगी. वो अपनी गांड भी उठाने लगी.


कुछ देर बाद मैंने संजना को फिर से डॉगी स्टाइल में आने बोला. संजना तुरंत डॉगी स्टाइल में हो गयी.


मैंने पीछे से संजना की चूत में अपना लंड डाल दिया और कुछ देर रुका रहा. जैसे ही मेरा लंड कुछ ढीला हुआ, मैं मूतने लगा. उसकी चूत में मूतने में मुझे बड़ा मजा आ रहा था.


जब तक लंड से पेशाब निकलती रही, तब तक मैं संजना के चूतड़ों को सहलाता रहा. उसके चूतड़ों के बीच से उसकी गांड का फूल बड़ा ही मस्त लग रहा था. मुझे रहा नहीं गया और मैंने उसकी गांड के छेद में उंगली से कुरेदना शुरू कर दिया.


इससे संजना चिहुंक उठी और हंसने लगी. मैंने उंगली गांड X से हटा ली.


अब तक मेरी पेशाब संजना की चूत से होते हुए बहने लगी और मूत की गर्माहट से उसको भी अद्भुत सुख मिलने लगा.


फिर जैसे ही मेरी मुतास खत्म हो गयी तो संजना ने जल्दी से घूम कर मेरा लंड मुँह में भर लिया और लपर लपर करके चूसने लगी. संजना पूरी तरह से मेरी हो चुकी थी और खुल कर सेक्स का मज़ा ले रही थी.


संजना के जिस्म में बहुत जगह लाल लाल निशान हो गए थे जो मैंने ही दिए थे. मैंने उसको मेरे प्यार की निशानियां दे दी थीं. कुछ देर बाद मैंने संजना से कहा- जान अब वापस घूम जाओ, पहले एक बार और चुदाई करते हैं, फिर साथ नहाते हैं.


संजना ने हां कहा पर वो बोली- जान आप मेरी एक बात मानोगे? मैंने कहा- हां बोलो जान.


संजना ने कहा- जान आज आप मेरी गांड को भी चोद दो क्योंकि आपको मेरी गांड भी चाहिए है, ये मैंने डॉगी स्टाइल में तब महसूस किया था, जब आपने मेरी गांड में उंगली डाली थी.


मैंने कहा- जान तुम्हें बहुत दर्द होगा. संजना ने कहा- मैं सब सह लूंगी … आप बेफिक्र होकर मेरी गांड मारो.


संजना अब वापस डॉगी स्टाइल में हो गयी. मैंने बाथरूम में रखी शैम्पू की शीशी ली और बहुत सारा शैम्पू हाथ में लेकर संजना की गांड में लगा दिया.


फिर उसकी टाईट गांड में अपनी एक उंगली डाल कर अन्दर बाहर करने लगा.


संजना की गांड में जब एक उंगली बिना किसी दिक्कत के आने जाने लगी तो मैंने दूसरी उंगली भी पहली उंगली के साथ गांड में डाल दी और अन्दर बाहर करने लगा.


संजना को थोड़ा दर्द हुआ पर जल्दी ही उसकी गांड ने दूसरी उंगली के लिए भी जगह बना ली.


अब मैंने अपने लंड में भी बहुत सारा शैम्पू लगा लिया और संजना की गांड में दुबारा से शैम्पू भर दिया.


फिर मैंने संजना से कहा- जान, अब मैं तुम्हारी गांड में लंड डालने वाला हूँ. अपने जिस्म को ढीला छोड़ दो और ताकत मत लगाना प्लीज, नहीं तो तुम्हें ज्यादा दर्द होगा. संजना ने हां कहा.


मैंने संजना की कमर को पकड़ा और अपने लंड को संजना की गांड में डालने लगा. शैम्पू की चिकनाई के कारण मेरे लंड का मुंड, जिसे हम लिंगमुंड कहते हैं, संजना की गांड में घुस गया.


संजना उन्ह आह करने लगी. मेरे लंड का सुपारा संजना की गांड के पहले अवरोध को पार करके घुस चुका था. उसे अपार दर्द हो रहा था मगर वो अपने दर्द को दबाए हुए मेरे लंड को झेल रही थी.


मैंने शैम्पू की शीशी उठाई और धार बना कर लंड पर टपकाने लगा. लंड से शैम्पू की धार गांड के छेद में जाने लगी और झाग बनने लगा. चिकनाई भी बढ़ गई थी जिससे गांड को कुछ राहत मिलने लगी थी.


मैंने फिर से लंड पर दबाव डाला तो लंड और अन्दर सरक गया. इसी बीच संजना ने अपनी गांड ढीली छोड़ दी और कूल्हे कुछ फैला लिए.


मैं उस वक्त जरा रुक गया और संजना की चूत में अपनी उंगली डाल कर उसकी चुदाई करने लगा ताकि उसका ध्यान दर्द से हट जाए. इसी बीच संजना की गांड में लंड के लिए जगह भी बन जाए.


लगभग दो मिनट के बाद संजना अपनी गांड हिलाने लगी. अब मैंने अपने लंड में दबाब बनाया और संजना की गांड में अपना लंड डालने लगा. उसकी गांड में मेरा लंड अन्दर जाने लगा.


मेरा लंड अभी संजना की गांड में आधा ही घुसा था कि संजना दर्द से आह आह करने लगी. मैं दुबारा से रुक गया और संजना की चूत में उंगली करने लगा. कुछ और शैम्पू डाला तो गांड में फिर से चिकनाई बन गई.


दोस्तो, जब भी आप किसी की गांड मारें तो याद रखें कि गांड में चूत की तरह से चिकनाई नहीं निकलती है. मैंने यह बात अन्तर्वासना में ही कहीं पढ़ी थी और आज संजना की गांड मारते समय मुझे वो बात याद आ गई.


शैम्पू की चिकनाई से गांड में लंड आराम से चलने लगा था. अब तक संजना की गांड ने भी लंड के लिए जगह बना दी थी.


संजना आह आह के साथ सिसकारी लेने लगी थी.


मैंने संजना की गांड में आधे घुसे लंड से चोदना चालू कर दिया. संजना की गांड ने मेरे आधे लंड के लिए जगह बना ली थी.


मैं चोदते चोदते संजना की गांड में अपना लंड थोड़ा अन्दर डालने लगा था ताकि मेरा पूरा लंड उसकी कुंवारी गांड में चला जाए. थोड़ी देर में संजना की गांड में मेरा पूरा लंड चला गया. वो अपनी गांड हिला हिला कर मेरा लंड लेने लगी.


उसकी गांड मारने में मुझे बड़ा मजा आ रहा था. मैं उसकी गांड ही मारता रहता तो शायद गांड में ही झड़ जाता और संजना प्यासी रह जाती.


इसीलिए अब मैंने अपना लंड संजना की गांड से निकाला और उसकी चूत में डाल दिया.


मैं लंड पेल कर संजना की चूत चोदने लगा. संजना पूरे जोश के साथ अपनी गांड हिलाने लगी और बोलने लगी- आह जान, मैं झड़ने वाली हूँ.


संजना अपनी चूत चुदवाती हुई झड़ गयी और उसके पानी से मेरा लंड और तेजी से चूत में अन्दर बाहर होने लगा.


मैं अभी भी नहीं झड़ा था. मैंने फिर से अपना लंड निकाला और उसकी गांड में एक झटके में पूरा पेल दिया.


संजना के मुँह से आह निकला पर मैं अब संजना की गांड बहुत तेजी से चोदने लगा. वह आह आह कर रही थी और अपनी गांड हिलाने लगी थी.


कुछ ही शॉट बाद संजना दुबारा जोश में आ गयी थी. मैंने संजना को पलट कर अपने ऊपर बैठा लिया और उसकी गांड में अपना लंड डाल दिया.


अब संजना मेरे लंड में गांड फंसाए हुए जोर जोर से कूदने लगी और मेरे लंड को अपनी गांड में अन्दर तक डलवा कर गांड चुदवाने लगी.


मैंने संजना के दोनों मम्मों को पकड़ लिया और दबाने लगा.


संजना कुछ ही देर में थक कर मेरे ऊपर लेट गयी. मैं नीचे लेटे लेटे संजना की गांड चोदने लगा.


उसके होंठ अब मेरे होंठों से जुड़ गए थे. वो बहुत ही कामुक हो चुकी थी. मैंने संजना को नीचे लेटा दिया और उसकी चूत में अपना लंड डाल कर चोदने लगा.


संजना आह आह करने लगी. उसकी चूत बहुत गीली थी.


कुछ ही देर में मैं भी झड़ने के करीब था. मैंने संजना से पूछा कि जान पानी कहां निकालूं? संजना ने कहा- जान, मुझे आपका रस पीना है.


ये सुनकर मैं खड़ा हो गया और संजना बैठ कर मेरे लंड को चूसने लगी. वो मेरे लंड को अपने हाथों से हिलाने लगी.


मैं भी संजना का मुँह चोदने लगा. कुछ ही पलों में मैं झड़ने वाला था, मैंने संजना से कहा- जान, मैं आ रहा हूँ.


संजना मेरे लंड को मुँह में रखे रखे चूसने लगी. मैंने जैसे ही झड़ना चालू किया, संजना मेरे वीर्य को मुँह में लेकर पीने लगी.


उसके गले में मेरा वीर्य जाने लगा और संजना मेरे लंड को अपने हाथ से पकड़ कर वीर्य को पीने लगी और मेरे लंड को चाट चाट कर चूसने लगी.


संजना अब पूरी तरह से संतुष्ट हो चुकी थी.


चुदाई के बाद मैं और संजना दोनों बाथ टब में एक साथ घुस गए और एक दूसरे के शरीर के अंगों से खेलते हुए नहाने लगे. थोड़ी देर बाद हम दोनों नहा कर बाथरूम से निकल आए और अपने बिस्तर में एक दूसरे की बांहों में लेट गए.


प्यार भरी बातें करते करते हम दोनों सो गए.


दोस्तो, कैसी लगी मेरी और संजना की सच्ची सेक्स कहानी. आप अपने मेल कीजिएगा. [email protected]


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