ट्रेनिंग पर आई नर्स के साथ चुदाई का मजा- 2

राहुल जाधव

29-07-2023

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Xxx नर्स सेक्स का मजा मुझे मिला मेरे अस्पताल में ट्रेनिंग पर आई एक सेक्सी कुंवारी लड़की से! वह नाईट ड्यूटी के बाद मेरे रूम पर आ गयी. हमने शुरुआत बाथरूम से की.


नमस्ते दोस्तो, कैसे हो सब? मैं भी मस्त मजे मैं हूँ।


कहानी के पिछले भाग कुंवारी नर्स के साथ ओरल सेक्स का मजा में आपने पढ़ा कि मैंने एक ट्रेनिंग पर गया तो वहां की दो नर्सें मेरे साथ सेक्स के लिए तैयार थी. एक को तो पूरी नंगी करके उसके साथ ओरल सेक्स भी कर लिया था. लेकिन उसकी चुदाई का मौक़ा हाथ से निकल गया था.


तो अब बढ़ते हैं आगे Xxx नर्स सेक्स के मजे की ओर!


दूसरे दिन मैं थोड़ी देर से उठा। फिर मैं तैयार होकर अस्पताल गया।


वहां जाकर पता चला कि रानी की जान पहचान वाला कोई रिश्तेदार गुजर गया तो वह सुबह गाँव चली गयी। रात में इतना सब हुआ लेकिन उसका नंबर लेना मैं भूल गया।


मनीषा की भी ड्यूटी खत्म हो चुकी थी तो वह भी चली गयी थी। मैं थोड़ा नाखुश हुआ.


पर मैंने सोचा कि साला अब कब आयेगी और कब मेरा काम होगा।


फिर मैंने देखा कि वहां तो और भी कई लड़कियां थी। और वे भी भी एक से बढ कर एक!


फिर मैंने सोचा कि चलो काम तो होता रहेगा।


बातों बातों में पता चला कि मनीषा और रानी एक ही रूम में रहती हैं। मैंने सोचा कि रात को मनीषा आयेगी तो उससे रानी का नंबर ले लूंगा।


जैसे तैसे दिन गया. रात को फिर हम साथ थे।


मैंने देखा कि मनीषा मेरी तरफ गुस्से से देख रही है. तो मैंने बात करना ठीक नहीं समझा। मुझे थोड़ा अंदाजा हो गया था कि शायद रानी ने उसको कुछ बताया नहीं।


लेकिन मुझे तो मनीषा की चूत लेनी थी, मैंने सोचा कि बताया तो भी क्या होगा। रानी तो हाथ में है ही।


फिर मैंने उसको ज्यादा भाव नहीं दिया और अपना काम करता रहा।


जब हम खाना खाने लगे तो उसके साथ एक और लड़की आई थी रानी की जगह। तो मैं उसके साथ बातें करने लगा।


मनीषा फिर मुझे गुस्से से देखने लगी लेकिन मैंने उसकी तरफ ज्यादा ध्यान नहीं दिया।


फिर रात को मैं रूम पर सोने गया।


ऐसे ही दो चार दिन निकल गए।


फिर एक रात हम खाना खाने बैठे तो उसकी दूसरी सहेली बाहर गयी. तो मनीषा ने मुझे पूछा कि मैं उसके साथ बात क्यों नहीं करता। मैंने बताया- टू मुझे गुस्से से देखती है तो मैं तेरे साथ क्यों बात करूं?


तो वह बोली- ऐसी कोई बात नहीं … लेकिन उस दिन रानी ने मुझे जाते वक़्त सब बताया था। उसकी वजह से मैं आपसे बात नहीं करती।


फिर उसने बताया कि उसको भी मेरे साथ वह सब करना था … और रानी से पहले!


मैं बोला- यह तो चांस चांस की बात है, अगर तुम पहले आती तो तुम्हारे साथ वह होता। वह सामने से आई तो मैं क्या करता!


तभी दूसरी नर्स आ गयी तो हमारी बात अधूरी रह गयी। फिर सब कुछ ठीक हो गया और हम बातें करने लगे।


लेकिन मेरा काम अभी बाकी था तो मैं उसको बीच मैं छेड़ देता. तो वह बोलती- रानी के आने तक कुछ नहीं होगा। मेरा मूड खराब हुआ तो फिर मैंने उसके साथ बात बंद कर दी.


फिर एक दिन गया तो उसको समझ में आया कि मैं गुस्से में हूँ। उसने मुझसे माफी मांगी. मैंने उसको बोला- उसकी सजा मिलेगी. तो वह बोली- ठीक है।


लेकिन फिर उसने पूछा कि उसकी क्या सजा है. तो मैं बोला- रविवार पूरा दिन तू मेरे साथ रहेगी. रविवार को हम दोनों को छुट्टी रहती थी.


तो वह बोली- ठीक है लेकिन कहाँ? मैं बोला- मेरे रूम पर! वह थोड़ा सोच के बोली- ठीक है लेकिन कितने बजे? तो मैं बोला- सुबह सात बजे!


वह बोली- मुझे उस समय फ्रेश होना होता है. तो मैं बोला- मेरे रूम पर फ्रेश हो सकती हो तुम! और सुबह जल्दी आयेगी तो कोई देखेगा भी नहीं.


मनीषा मेरी बात मान गयी।


वह दिन शनिवार का था तो मुझे तो रविवार का सोच के ही खड़ा हो गया था। हम दोनों उस रात एक दूसरे को देखकर मन ही मन में खुश हो रहे थे।


फिर मैं रूम पर गया और अगले दिन जो होने वाला था … उसका सपना देखते हुए सो गया।


पर रात को एक इमरजेंसी आई तो मुझे अस्पताल जाना पड़ा।


मुझे देख कर मनीषा खुश हो गयी। फिर मैं रात को वहीं रुका रहा।


सुबह होने मैं ज्यादा देर नहीं थी तो मैंने उसको बोला- मैं आगे जाता हूँ, तुम मेरे पीछे आ जाना. वह बोली- ठीक है।


फिर मैं रूम पर गया, ब्रश किया, फ्रेश हुआ और उसकी राह देखने लगा।


थोड़ी देर बाद मेरे रूम का दरवाजा किसी ने खटखटाया. मैंने खोला देखा तो मनीषा मेरे सामने खड़ी थी, वह भी उसकी नॉर्मल ड्रेस में।


मैं उसको देखता ही रह गया। उसने पूछा- ऐसे क्यों देख रहे हैं? मैं बोला- तुम्हें ऐसे ड्रेस में कभी देखा नहीं … तुम बहुत खूबसूरत हो।


तो वह शरमा गयी।


मैंने उसको झट से अंदर खींचा और दरवाजा बंद किया। वह मेरे बेड पर बैठ गयी।


उसने कहा कि उसको ब्रुश करना है. तो मैं बोला- ठीक है।


लेकिन तभी उसने पूछा कि उसकी सजा क्या है? मैं बोला- रानी ने नहीं बताया क्या?


तो वह बोली- नहीं, मैं ऐसा कुछ नहीं करूँगी. मैं बोला- अगर कुछ नहीं करना था तो क्यों आई हो यहाँ? फिर वह चुप हो गयी।


मैंने फिर से उसको बोला- अगर तू तैयार है तो ठीक … नहीं तो तू जा सकती है. उसने बोला- अभी पनिशमेंट लेनी है. मैं बोला- तो अब क्या कर सकते हैं?


उसने पूछा- क्या करना होगा? तो मैं बोला- पहले नहा लेते हैं. वह बोली- पहले आप नहा लो, मैं बाद मैं नहा लूंगी.


मैंने भी ज्यादा जोर नहीं दिया. लेकिन मैंने अपने कपड़े बाहर ही रख दिये।


थोड़ी देर बाद मैंने उसको आवाज दी- मेरे कपड़े पकड़ा दे। तो वह कपड़े लेकर आ गयी और बाहर से कपड़े देने लगी.


तो मैंने उसका हाथ पकड़कर उसको अंदर खींच लिया।


मैं तो पूरा नंगा था और शॉवर भी चालू था तो वह भीग गयी।


उसी वक़्त उसकी नजर मेरे लंड पर गयी. उसने अपने हाथ अपने मुंह पे रखकर आँखें बंद की और वह बाहर जाने लगी. लेकिन मैंने उसको जाने नहीं दिया और बोला- पनिशमेंट लेनी है या नहीं?


तो वह चुप हो गयी। फिर मैंने उसका हाथ छोड़ दिया। वह आँखें बंद करके खड़ी रही.


फिर मैंने धीरे से उसका चेहरा पकड़ा और उसको आँखें खोलने के लिए बोला। तो उसने धीरे से आंखें खोली।


वैसे हम दोनों भीग गए थे तो मैंने उसको बोला- कपड़े निकालो, नहीं तो ठंड लग जायेगी। तो वह बोली- आप मुंह उधर करो, मुझे शर्म आती है.


मैंने मुंह दूसरी तरफ किया तो उसने अपने कपड़े उतारे। फिर मैंने पूछा- हो गया? तो वह बोली- हो गया. लेकिन आप आंखें नहीं खोलना।


मैं बोला- ठीक है लेकिन तू मेरे हाथ हाथ में लेगी और मेरे साथ नहायेगी. तो बोली- ठीक है।


हम एक दूसरे के हाथ पकड़ कर खड़े रहे।


फिर मैं बोला- ऐसे ही खड़े रहना है या फिर नहाना भी है? वह बोली- मेरी आंखें खुली हैं, मैं तो नहा रही हूँ. मैं बोला- तो मैं भी नहा लेता हूँ और तुम मुझे नहलाओ। वह बोली- नहीं।


फिर मैं बोला- मैं आंखें खोल दूंगा. वह बोली- नहीं प्लीज़ आंखें बंद ही रखना, मैं करती हूँ.


उसने मेरे शरीर पर साबुन लगाना शुरू किया; छाती पर, पीठ पर, पैरों पर … लेकिन जैसे ही उसके हाथ मेरे शरीर को लगा, मेरा लंड सलामी देने लगा।


लेकिन मेरी आंखें बंद थी तो मैं देख नहीं सकता था।


मैंने उसको कहा- प्लीज़ मुझे आंखें खोलने दो। मेरे आँख मैं साबुन चला गया है. तो वह बोली- ठीक है लेकिन आप मुझको छुओगे नहीं। मैं बोला- ठीक है … लेकिन तुम मुझे अच्छे से नहालाओ। वह बोली- ठीक है।


मैंने सोचा कि अब मछली पूरी तरह चंगुल में आ गयी।


मैंने आंखें खोली और पानी से मुंह धो दिया. और जैसे ही मैंने उसको देखा, मेरी तो हालत खराब हो गयी।


एक गोरी कच्ची कली संगमरमर जैसा बदन, तीस इंच के बूब्स, भरी हुई गांड … और चूत ऐसी कि एक लाइन किसी ने खींची हो. और उस पर छोटे मुलायम बाल जैसे चूत की रखवाली कर रहे हों।


जैसे ही मैंने उसे देखा तो वह बोली- जब तक मैं ना कहूँ, आप मुझे हाथ नहीं लगाएंगे। मैं बोला- ठीक है।


फिर मैंने उसको बोला- अब मुझे साबुन लगाओ।


उसने मेरे शरीर पर सब जगह साबुन लगाया लेकिन लंड को हाथ नहीं लगा रही थी. मैंने बोला- उसको भी लगाओ। वह बोली- मुझे शर्म आ रही है।


मैं बोला- पूरा नहलाना पड़ेगा। वह बोली- ओके लगाती हूँ पर आपको फिर से आंखें बंद करनी पड़ेंगी। मैं बोला- ठीक है! और मैंने आंखें बंद कर ली।


उसने मेरा लंड पकड़ा और लंड को साबुन लगाने लगी। उसके मुलायम हाथों का स्पर्श होते ही मेरा लंड खड़ हो गया।


फिर मैंने धीरे से अपनी एक आँख खोलकर देखा तो वह मेरे लंड को देख रही थी और उसकी सांसें बहुत जोर से चलने लगी थी।


मैंने उसको पूछा- कभी देखा नहीं क्या? वह बोली- देखा है लेकिन कभी हाथ में नहीं लिया।


मैंने वही सवाल किया जो रानी को किया था- कभी किस किया या किसी के साथ सेक्स किया? वह बोली- सिर्फ देखा है कभी सेक्स नहीं किया।


मैंने पूछा- कभी सेक्स करते देखा? तो उसने कहा- हाँ देखा है।


मैंने पूछा- किसको देखा? वह बोली- अपनी बहन का देखा था जब जीजू उसको चोद रहे थे। मैंने पूछा- क्या तुम्हारा मन नहीं होता? वह बोली- होता है लेकिन डर लगता है. किसी को पता चला तो मेरी इज़्ज़त जायेगी।


फिर मैंने उसका चेहरा अपने हाथ में लिया और पूछा- अभी कैसा लग रहा है? तो वह कुछ बोली नहीं, सिर्फ नज़रें झुकाकर मेरे लंड को हाथ में लेकर खड़ी थी.


तो मैंने इन्तजार न करते हुए अपना हाथ उसके हाथ पर रखा जिस हाथ में मेरा लंड था और धीरे धीरे उसको आगे पीछे करने लगा। वह गर्म होने लगी और मेरी तरफ वासना भरी नजरों से देखने लगी.


मुझे लगा कि अब ज्यादा देर करना ठीक नहीं … तो मैं अपने ओंठ उसके ओंठ के सामने लेकर गया और धीरे से उसकी ओंठों पर किस किया।


जैसे ही मैंने किस किया उसने मुझे जोर से पकड़ा और गले में पड़ गयी। हम दोनों नंगे थे तो दोनों के जिस्म गर्मी का अहसास देने लगे।


हमने जैसे तैसे शरीर पानी डाला और पौंछ कर मैं उसको वैसे ही बाहर लाया और बेड पर लिटा दिया। उसको भी सेक्स की जरूरत थी.


मैंने उसके शरीर के हर अंग को चूमना शुरू किया, फिर उसके चूचों को चूसना शुरू किया. उसने मेरे सिर को पकड़ा और छाती पर दबाने लगी. मैंने भी उसके दोनों बूब्स बारी बारी चूस के लाल कर दिये।


वह बहुत गर्म हो गई थी. मैंने धीरे से एक हाथ उसकी चूत पर रख दिया और उसके चूत को सहलाने लगा।


जैसे जैसे मैं उसकी चूत को सहला रहा था, वह ऊपर नीचे होने लगी और उसकी चूत ने पानी छोड़ना शुरू किया।


वह भी मेरा लंड हाथ में लेकर हिलाने लगी।


थोड़ी देर बाद उसने पानी छोड़ दिया और मेरा भी निकल गया।


हम दोनों थके हुए थे।


उसने मेरी आँखों में देखा और बोली- आज जैसा आनन्द मुझे कभी नहीं आया। मैं बोला- यह तो शुरुआत है, अभी और मजा आयेगा।


थोड़ी देर बाद मैंने फिर से उसके बूब्स सहलाना शुरू किया और उसके ओंठ चूसने लगा. धीरे धीरे उसको सेक्स चढ़ने लगा।


मैंने उसको पूछा- लंड चूसना चाहेगी? तो उसने मना कर दिया, बोली- बाद में … पहले मेरी चूत की खुजली मिटाओ।


मैं भी ज्यादा देर ना लगाते हुए उसकी टांगों के बीच आ गया और उसकी चूत को देखने लगा। फिर मैं अपनी जीभ से उसकी चूत चाटने लगा.


वह बड़बड़ाने लगी- मुझे कुछ हो रहा है। मेरी चूत में अपना लंड डालो। फिर मैं उठा और उसकी गांड के नीचे तकिया डाल दिया तो उसकी चूत उभर कर आई।


मैंने देर ना करते हुए अपना लंड उसकी चूत पर फिट किया और धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा।


वह चूत उठाकर मेरा साथ देने लगी और बोली- अब और मत तड़पाओ, लंड घुसाओ! मैं बोला- थोड़ा दर्द होगा। वह बोली- पता है लेकिन अब डाल दो, मैं सहन कर लूंगी।


तो मैंने उसकी दोनों टांग उठाई और मेरा लंड सेट किया और धक्का देने लगा. पर उसकी चूत इतनी छोटी थी कि लंड फिसल गया।


मैंने थोड़ा थूक अपने लंड पर लगाया और उसकी चूत पर भी लगाया और लंड उसकी चूत पर सेट किया.


उसको कुछ समझ आता, उसके पहले मैंने एक जोरदार धक्का लगाया. मेरा लंड उसकी चूत को चीरते हुए आधा अंदर गया।


उसके मुंह से एक चीख निकली और वह मुझसे दूर होने लगी. लेकिन मैंने उसको जोर से पकड़े रखा और उसको किस करता रहा।


तो वह थोड़ी नॉर्मल हुई. तबी मैंने और एक जोरदार धक्का दिया और मेरा पूरा लंड उसकी चूत में समा गया।


मुझे थोड़ा गीला गीला लगने लगा। मैं थोड़ा ऊपर उठा और देखा तो उसकी चूत से खून निकल रहा था और आँखों से आँसू!


थोड़ी देर मैं रुका और धीरे धीरे उसकी चूत में लंड को आगे पूछे करने लगा। कुछ देर बाद वह भी मेरा साथ देने लगी और नीचे से कमर उठा कर मजा देने लगी।


फिर दस मिनट तक हम दोनों चुदाई का मजा लेते रहे. उस वक़्त तक उसने पानी छोड़ दिया।


फिर मेरा भी होने लगा तो मैंने उसको पूछा- कहाँ निकालूं? वह बोली- अंदर ही डाल दो। मैं तुम्हारा पानी अंदर तक लेना चाहती हूँ।


तो मैंने मेरे धक्के और तेज किये और उसकी चूत मेरे पानी से भर दी और मैं उसके ऊपर लेट गया।


धीरे धीरे मेरा लंड सुकड़ने लगा और उसकी चूत से बाहर आया. मैं भी उसके ऊपर से उठ के उसकी बाजू में लेट गया।


थोड़ी देर बाद उसने आंखें खोली और मेरी तरफ मुंह करके बोली- आई लव यू। यह वक़्त मैं जिंदगी भर नहीं भूलूंगी. आज तुमने मुझे लड़की से औरत बना दिया। और वह मुझे किस करने लगी।


फिर मैं उठा और बाथरूम मैं गया। वापस आकर उसको भी उठाया.


उसकी सील टूटी थी तो उसकी चूत सूज गयी थी और उससे चला भी नहीं जा रहा था. तो मैं उसको उठाकर बाथरूम लेकर गया और उसकी चूत को गर्म पानी से धो दिया। फिर उसको बेड पर लाकर सुला दिया।


अभी सुबह के दस ही बजे थे और मुझे भूख भी लगी थी. तो मैंने उसको बोला- मैं कुछ खाने के लिए लाता हूँ, तब तक तू आराम कर।


मैं बाहर से लॉक करके नाश्ता लाने गया.


थोड़ी देर बाद मैं नाश्ता लेकर आया तो वह सो रही थी। मैंने उसको जगाया और हमने नाश्ता किया।


मैंने उसको एक पेनकिलर गोली दे दी। सब सही करके हम फिर बाहों में बाहें डाले सो गए।


उस पूरे दिन मैं मैंने उसको चार बार चोदा।


इस प्रकार से मैंने Xxx नर्स सेक्स का मजा लिया दिन भर! फिर शाम को जब अंधेरा हुआ तो मैं उसको उसके रूम पर छोड़कर आ गया।


रात को उसने फोन किया कि वह अब ठीक है और कल फिर सुबह आयेगी। मैंने पूछा- ऐसा क्यों? वह बोली- मैं कल की छुट्टी डाल दी और अब मुझको और चुदना है।


मैं बोला- ठीक है। लेकिन मैं पूरा दिन तेरे साथ नहीं रह सकता. कल दिन में तू मेरे रूम पर रहना, जैसे मुझे वक़्त मिलेगा मैं रूम पर आऊंगा। वह बोली- ठीक है।


और शुभरात्रि और पप्पी देकर फोन काट दिया.


अगले दिन क्या हुआ? फिर रानी का क्या हुआ? यह मैं बताऊंगा अगली कहानियों में। यह कहानी कैसी लगी बताना जरूर! [email protected]


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