स्ट्रेट दोस्त से गांड मरवा ली

अवनीत संधू

01-06-2023

10,930

गे बॉय फीट फेटिश स्टोरी में पढ़ें कि मुझे अपनी क्लास का हैंडसम और सेक्सी लड़का बहुत पसंद था. मैंने उसके गोरे पैरों को चूसना चाटना चाहता था और उससे गांड मरवाना चाहता था.


दोस्तो, मेरा नाम अवनीत है, मैं पंजाब का रहने वाला हूँ। मेरी उमर 21 साल है।


आज मैं आपके लिये बहुत ही अलग स्टोरी लेकर आया हूँ, अपने स्ट्रेट हैंडसम दोस्त के साथ गे सेक्स स्टोरी. मेरी कामोत्तेजना में कैसे मैंने अपने दोस्त प्रेमी के साथ सेक्स किया।


पहले मैं अपने बारे में बता दूँ. मैं देखने में बहुत सुन्दर क्यूट सा हूँ, मेरा गोरा रंग, मेरी स्लिम फीट बॉडी, मेरी 5 फुट 8 इन्च हाईट, मेरे गुलाबी होठों पर तिल मुझे और भी आकर्षित बनाते हैं.


देर ना करते हुए चलो गे बॉय फीट फेटिश स्टोरी शुरु करते हैं।


बात तब की है जब मैं 19 साल का था और मैं 12वीं क्लास में था।


मेरी क्लास में एक बहुत ही हैंडसम और सेक्सी लड़का था। उसका नाम दीप सिंह था। वह भी लगभग 19 साल का था। उसकी हाईट लगभग 5 फीट 10 इन्च थी.


सभी लड़कियाँ उसे देखती रहती थी क्योंकि वह सिर से लेकर पैरों तक बहुत ही ज्यादा सुन्दर था। उसकी नशीली आँखें, उसकी हल्की हल्की मूंछ, उसका सुन्दर सा चेहरा और उसकी डिंपल वाली सेक्सी मुस्कान।


जो कोई भी उसको एक बार भी देखे तो देखता ही रह जाए, उसका गोरा रंग, सिक्स पैक वाली बॉडी क्योंकि वह जिम जाता था।


उसके हाथ और पैर बहुत ही सुन्दर और मोडर्न, उसके हाथ और पैरों के स्टाइलिश से नाखून, उसके गोरे गोरे गुलाबी पैर जो मुझे बहुत आकर्षित करते थे क्योंकि मुझे हर मर्द के सबसे पहले उसके पैर ही आकर्षित करते हैं। ये बहुत ही अजीब बात है पर यह मेरी कामोत्तेजना का केंद्र है।


मैंनें दीप का पूरा शरीर तब देखा था जब वह वार्षिक उत्सव में भांगड़ा के लिये कपड़े बदल रहा था. तब मैं भी उसके साथ तैयार होने में उसकी मदद कर रहा था क्योंकि वह मेरा बेस्ट फ्रेंड था।


दीप क्लास में मेरे साथ मेरे डेस्क पर बेठता था। वह बहुत ही ठरकी था।


जैसा मैंने आपको बताया कि मैं बहुत क्यूट सा हूँ तो दीप बार बार मुझे किस्स करता रहता था, कभी कभी मेरे होठों पर भी! बल्कि क्लास के सभी लड़के मुझे जबर्दस्ती किस कर देते थे। तब मुझे सेक्स के बारे में बिल्कुल भी नहीं पता था क्योंकि मैं बहुत ही ज्यादा शरीफ़ था।


दीप बहुत ठरकी था तो वह कभी कभी मेरी गांड पर हाथ फेर देता था, कभी मेरे बूब्स पर चुटकी काट लेता था। वह मेरा बेस्ट फ्रेंड था इसलिये मैं कभी उसे ये सब करने के लिये मना नहीं करता था। और उसका बार बार यह सब कुछ करना, किस करना मुझे बहुत अच्छा लगने लगा था।


अब मुझे दीप से प्यार हो गया था, मेरे अन्दर धीरे-धीरे दीप के लिये कामवासना जाग चुकी थी। मैं अन्दर ही अन्दर दीप का लंड चूसने और गांड उससे गांड मरवाने के सपने देखने लगा था।


अब मैं रोज दीप को किसी ना किसी हाथ लगाने की कोशिश करता था और कभी कभी उसके लण्ड पर भी हाथ लगा देता था।


मेरा मन दीप के पैरों को चूसने का करता था। दिल करता था कि दीप के जूते जुराब खोल कर उसके पैरों ते तलवे चाट लूँ। इतने सुन्दर, जवान और सेक्सी लड़के के पैरों को चाटना और चूसना मेरे लिये बहुत ही सोभागय की बात होगी क्योंकि मैं एक फीट फेटीश गे हूँ।


मैं हमेशा दीप का लण्ड अपनी गांड में लेने के बारे में सोच कर रोज 2-3 बार मुठ मारता था। कभी कभी मैं स्कूल बाथरूम में उसका लण्ड देखने की कोशिश करता था, देखना चहता था कि कितना बड़ा है।


मैं हर समय सोचता रहता था कि कैसे दीप का लण्ड लिया जाए. जब कभी भी दीप स्कूल नहीं आता तो मेरा दिल नहीं लगता क्योंकि मुझे दीप से प्यार हो गया था। जब दीप स्कूल में आता तो उसकी सेक्सी मरदाना चाल देख कर मेरे मुंह से आह्ह निकल जाती।


मैं मन ही मन में दीप को आई लव यू बोलता था। कभी कभी तो मेरा मन करता था कि मैं दीप को सिर से लेकर पैरों तक खा जाऊं क्योंकि वह कुछ ज्यादा ही सेक्सी बनकर स्कूल आता था।


मैं दीप से सेक्स के लिये बोल भी नहीं पाता था क्योंकि वह स्ट्रेट था. पंजाब जैसी स्टेट में गे सेक्स के लिये बोलना बहुत मुश्किल है। इसलिये मैं डरता रहता था.


वह हर समय मेरे साथ लड़की पटाने के बारे में बात करता रहता. वह कहता था कि एक बार कोई लड़की पट जाए तो तेरे साथ कुछ नहीं करूंगा, कभी तेरी गांड पर हाथ नहीं फेरुँगा. पर उसे क्या पता था कि मुझे उसका यह सब करना बहुत अच्छा लगता है।


जब स्कूल में वार्षिक उत्सव की तैयारी चल रही थी। दीप भी हर बार की तरह भांगड़ा के लिये प्रैक्टिस कर रहा था। प्रेपरेशन की वजह से वह क्लास में नहीं आता तो मेरा दिल नहीं लगता था।


वार्षिक उत्सव वाले दिन जब दीप स्टेज पर ग्रुप भांगड़ा कर रहा था तो मेरा ध्यान सिर्फ दीप पर था. दीप बहुत सेक्सी लग रहा था और उसके पैर भी बहुत सेक्स लग रहे थे।


जब मैं उसके पैरों को देख रहा था तो मुझे ऐसे लगा कि दीप के पैर में कुछ चुभ गया है और खून निकलने लगा. तभी भांगड़ा खत्म हुआ, दीप सीधा क्लासरूम में चला गया. मैं भी उसके पीछे-पीछे गया।


जैसे ही मैं क्लासरूम में पहुंचा तो देखा कि दीप डेस्क पर बेठा है और उसके पैर से खून निकल रहा है. खून ज्यादा नहीं था बिल्कुल थोड़ा सा था लेकिन फिर भी दीप को दर्द हो रही थी।


उसके पैर को देख कर मेरी पैर कामोत्तेजना जाग गयी।


क्लासरूम में कोई नहीं था। मैं दीप के पास डेस्क बैठ गया और उसका पैर को उठा अपने मुंह में लेकर उस जगह चूसने लगा जिस जगह खून निकल रहा था.


दीप ने झट से अपना पैर पीछे कर लिया और अपनी सेक्सी मरदानी आवाज में कहने लगा- यह क्या कर रहे हो तुम? तो मैंने कहा- मैं खून रोकने की कोशिश कर रहा हूँ।


दीप बोला- तुम्हें अजीब नहीं लगा? तुम मेरा पैर अपने मुंह में डाल कर चूसने लगे? मैंने उससे निडर होकर कह दिया- मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ. अपने प्यार के पैर चूसने में कुछ अजीब नहीं लगता.


दीप ने मेरी बात को मजाक समझकर इग्नोर कर दिया और हंसने लगा।


मैंने दीप के पैर पर अपना रूमाल बान्ध दिया ताकि खून रुक जाए।


दीप उठ कर चेंजिग रूम में चल गया।


फंक्शन खत्म होते ही मैं घर आ गया और दीप के पैरों को चाटने के बारे में सोच कर मूठ मार ली। क्योंकि मैं फीट फटीश गे हूँ और बस दीप का लण्ड अपनी गांड में लेने की बहुत इच्छा थी।


आखिर वह दिन आ ही गया जिसका मुझे इंतजार था।


एक दिन जब दीप के मम्मी और पापा उसकी नानी के घर गये थे क्योंकि उसकी नानी बहुत बीमार थी. वे 2-3 दिन बाद आने वाले थे.


तो दीप ने मुझे स्कूल में बोला- आज तुम मेरे घर चलो, घर में कोई नहीं है, अकेले मैं बोर हो जाउँगा. हम ग्रुप स्टडी करेंगे, एग्ज़ाम पास आ रहे हैं.


मैंने झट से हाँ कह दिया, मैं मन ही मन में सोचने लगा कि यही आच्छा मोका है दीप से गांड मरवाने का।


स्कूल की छुट्टी हुई, मैं घर जाकर मम्मी पापा से बोला कि आज रात मैं अपने दोस्त के घर जा रहा हूँ, वह आज घर में अकेला है इसलिये और हम इकट्ठे स्टडी भी कर लेंगे।


शाम 7 वजे मैं दीप के घर पहुंच गया। उसका घर बहुत बड़ा था। उसके मम्मी पापा दोनो जॉब करते थे। दीप अपने घर का इकलौता वारिस था।


मैंने दीप के घर के गेट की बेल वजाई. दीप ने जैसे ही गेट खोला तो मैं उससे देखता ही रह गया। वह बहुत ही सेक्सी लूक में था। उसने फुल टी-शर्ट और ब्लैक पजाम पहना हुआ था। उसमें वह बहुत ही हॉट ऐण्ड सेक्सी लग रहा था.


दीप के मसल और सिक्स पैक साफ दिख रहे थे. उसके लण्ड का उभर भी दिख रहा था जो आज मेरी गांड में घुसने वाला था। उसके गोरे गोरे गुलाबी पैर भी बहुत सेक्सी लग रहे थे।


दीप ने मुझे अन्दर आने को कहा, मैं अन्दर जाकर सीधा सोफे पर बैठ गया।


तब दीप किचन में गया और खाने के लिये सैंडविच और जूस ले आया.


उसने टीवी चालू कर दिया, उसमें एक बेकार सी पंजाबी मूवी चल रही थी।


दीप सोफे पर बैठ गया और अपने पैर टेबल पर रख कर टाँगें पसार कर बैठ गया. मैं तो बस उसके सेक्सी पैरों को ही देख रहा था।


दीप मूवी को एन्जॉय करने लगा और मैं बोर हो रहा था, सोच रहा था कब रात हो और हम बैडरूम में जायें ताकि मैं दीप का लण्ड अपनी गांड में ले सकूं। यही सोचते सोचते रात के 9 वज गए।


दीप ने डिनर के लिये खाना ऑनलाइन ऑर्डर किया।


डिनर खत्म कर के दीप हुम बेडरूम में गए। दीप का रूम बहुत ही मोडर्न था। बेड पर सॉफ़्ट बेड्शीट और एक ही कम्बल था।


मैं मन ही मन खुश हो गया कि एक ही कम्बल में काम बन जायेगा। रूम के साथ बाथरूम अटैच था तो दीप फ्रेश होने के लिये बाथरूम में गया।


करीब आधे घन्टे के बाद जब दीप बाथरूम से बाहर आया तो वह सिर्फ तौलिये में था। शायद वह नहा कर आया था।


उसको देख मेरे मुंह से आह्ह निकल गई क्योंकि उसका गोरा रंग, उसके मसल, सिक्स पैक, उसकी सेक्सी टाँगें और गोरे पैर और उसके लण्ड का उभर सामने नज़र आ रहा था. लंड शायद 6-7 इन्च का तो होगा ही।


मैं आपको बता नहीं सकता कि वह कितना ज्यादा हॉट लग रहा था।


दीप के शरीर पर पानी की बूँदें चिपकी थी, दिल कर रहा था कि मैं पी जाऊं।


उसे देख कर मेरे मुंह से लार टपकने लगी, दिल कर रहा था अभी इसे खा जाऊं, इसका लण्ड मुंह में लेकर चूस लूँ। मैं तो दीप को बस सेक्सी निगाह से देखे ही जा रहा था।


तभी दीप झट से अपनी सेक्सी मरदाना आवाज में बोला- क्या देख रहा है ऐसे, क्या हुआ? मैंने कहा- कुछ नहीं … बस देख रहा हूँ कि तुम्हारी बॉडी कितनी अच्छी है, तुम बहुत हॉट दिख रहे हो.


मेरी बात सुन कर दीप थोड़ा सा शर्मा गया। वह शर्माते हुए भी बहुत हॉट लग रहा था और उसे देख कर मेरा लण्ड खड़ा हो कर फुन्कारें मार रहा था।


तभी दीप ने जल्दी से टी शर्ट और पजामा पहना और जल्दी से कम्बल तान कर सोने लगा. ऐसा लग रहा था कि उसकी नीन्द चरम सीमा पर थी।


वह जल्दी मुझे गुड नाइट बोल के सो गया और कहने लगा- तुम भी सो जाओ।


पर मुझे कहाँ नीन्द आने वाली थी। इतना हॉट सेक्सी लड़का अगर साथ में सोया हो तो किसको नीन्द आयेगी. मेरा मन तो बस उसका लण्ड लेने का था।


यही सोचते सोचते मैं अपनी काम वासना लिये लेटा रहा।


करीब 12:30 का टाईम था, मैंने सोचा यही सही मौका है। मैंने अपना हाथ धीरे-धीरे दीप की टी-शर्ट में डाल दिया और उसकी छाती और सिक्स पैक पर धीरे-धीरे हाथ फेरने लगा. मेरी कामोत्तेजना बढ़ती ही जा रही थी।


फिर मैंने उसकी बाजू फैलाई और उसके अंडरआर्म चाटने शुरू कर दिये। मुझे बहुत मजा आ रहा था कि मैं इतने हॉट लड़के के अंडरआर्म चाट रहा हूँ.


मुझे तो बस स्वर्ग का सुख मिल रहा था।


8-10 मिनट चाटने के बाद मैंने अपना हाथ धीरे से दीप के अंडरवियर में डाल दिया और उसका लण्ड अपने हाथ की मुठी में पकड़ लिया.


दीप के सोये हुए लण्ड का साइज़ करीब 4 इन्च का था। मैंने उसका लण्ड मसलना शुरु कर दिया. 5 मिनट मसलने पर उसका लण्ड फूल कर 7 इन्च लम्बा और 3 इन्च मोटा हो गया।


मैंने उसका लण्ड अंडरवियर से बहार निकाला और मुंह में लेने कके लिये कम्बल के अन्दर मुंह किया.


बड़े प्यार से मैंने उसका गुलाबी टोपा चूसा और उसका लण्ड चूसना शुरु कर दिया।


मैं तो मानो जैसे बस स्वर्ग में पहुंच गया था। उसके लण्ड का स्वाद बहुत अच्छा था।


10 मिनट चूसने तक दीप थोड़ा सा हिला. मैं तो डर ही गया और सोने की ऐक्टिंग करने लगा।


पर मैंने देखा की दीप बहुत ही गहरी नीन्द में सो रहा था।


मैं फिर से उठा और उसके पैरों की तरफ गया और उसकी सेक्सी टांगों को चूमने लगा और उसके पैर के अंगूठे को मुंह में भर लिया और लोलीपोप की तरह चूसने लगा, दीप के पैर के तलवों को चाटने लगा। उसके पैरों की गुलाबी एड़ी को भी चूसने लगा।


मुझे उसके पैर के तलवे चाटने में बहुत स्वाद लग रहे थे। गे बॉय फीट फेटिश पूरी होने से मैं तो बस स्वर्ग में था।


मेरा लण्ड जोर जोर से फुंकारे मार रहा था।


अब दीप फिर से हिला, मुझे लगा कि अब वह पक्का जाग चुका है। मैं झट से उसकी तरफ पीठ कर के सो गया।


दीप भी मेरी तरफ घूम के सो गया।


5 मिनट बाद मैंने अपना पजामा और अंडरवियर खोला और अपनी चिकनी गांड उसके लण्ड पर रगड़ने लगा।


अब दीप पक्का जाग चुका था और वह भी मेरे इरादे समझ गया। दीप जल्दी से बोला- मेरा लण्ड लोगे गांड में? मैं मन ही मन खुश हो गया और झट से हाँ कह दिया।


तभी मैं दीप की तरफ घूम गया और उसके सेक्सी चेहरे पर किस करने लगा. मैंने दीप के गुलाबी होठों पर किस करना शुरू किया. लगभग 10 मिनट मैंने उसके होठों को चूसा।


अब दीप भी उत्तेजित हो गया। मैं उसके चेस्ट पर किस करने लगा और चाटने लगा।


दीप ने बोला- मेरा लण्ड चूसो. मैंने भी देर ना करते हुए उसका लण्ड अपने मुंह में ले लिया और लोलीपॉप की तरह चाटने और चूसने लगा।


10 मिनट तक चूस चूस उसका मोटा लण्ड गले तक अपने मुंह में भर लिया। दीप अपने मुंह से आह्ह सी … आह्ह सी … की मरदाना सेक्सी आवाजें निकल रहा था जिससे मैं और उत्तेजित हो रहा था।


दीप का लण्ड बहुत फुंकारे मार रहा था।


वह बोला- मेरा माल निकलने वाला है। मैंने कहा- मुझे पीना है तुम्हारा माल!


फिर उसने 3-4 जोर जोर के झटके मुंह में मारे, उसका माल मेरे मुंह में ही छूट गया, मैं उसका सारा माल पी गया।


अब मैंने दीप की पूरी बॉडी को चाटना शुरु कर दिया और उसके पैरों में आ गया. मैं बोला- आज मैं तुम्हारी गर्लफ्रैंड हूँ. मुझे अपने पैरौं के तलवे चाटने और चूसने दो।


दीप ने हाँ कह दिया, बोला- जो चाहो वह करो, खुश कर दियो मुझे!


मैं जल्दी से उसके पैरों में गया और उसके पैरों के अंगूठे चूसने लगा। फिर मैंने दीप के पैरों के तलबे चाटने शुरु कर दिये, उसके पैर की एड़ी को चूसने लगा और उसके पैरों ऐड़ी दांतों से काटने लगा। दीप को भी बहुत मजा आ रहा था।


मैं दीप का पूरा पैर अपने मुंह में चूसने लगा। मन ही मन में मैं बहुत खुश था कि मैं इतने सुन्दर हैंडसम और सेक्सी लड़के के पैरों के तलवे चाट रहा हूँ। मैं तो बस स्वर्ग में था।


फिर से मैं दीप के लण्ड के पास आ गया और लण्ड मुंह में ले लिया। मैंने दीप से कहा- अपने बड़े लण्ड से अब मेरी गांड मार दो। अपने लण्ड से फाड़ दो मेरी गांड!


दीप बोला- अपने पेट के बल लेट जाओ। मैं लेट गया.


दीप ने अपने हाथों से मेरी गांड का छेद खोला और उसमे थूका. अब दीप अपना लण्ड मेरी गांड के ऊपर रगड़ने लगा.


उसने अपने लण्ड का टोपा मेरी गांड के छेद पर टिकाया और अपने हाथों से मेरी चूचियाँ दबाने और चुटकी काटने लगा. मुझे बहुत मजा आ रहा था।


अब दीप ने जोर से झटका मारा तो उसका आधा लण्ड मेरी गांड में घुस गया। दर्द के मारे मेरे मुंह से चीख निकल गयी।


अब उसने एक और झटका मारा, उसका पूरा लण्ड मेरी गांड में घुस गया। मैं तो दर्द के मारे तड़पने लगा।


अब दीप मेरे उपर ही लेट गया.


2 मिनट बाद मुझे भी मजा आने लगा, मैंने दीप से कहा- चोदो मेरी गांड! दीप अब मेरी चुदाई करने लगा अपना लण्ड मेरी गांड में आगे पीछे करने लगा.


पूरे कमरे में पच पच की अवाज आ रही थी. मुझे बहुत मजा आ रहा था।


दीप अपने मुंह से आहह आहह अह्ह्ह आह्ह सी सी सी की सेक्सी आवाजें निकाल रहा था जिससे मैं और उत्तेजित हो रहा था। मैं दीप से बोला- मैं तुम्हारी गर्लफ्रेंड हूँ. फाड़ दो मेरी गांड … और जोर से … और जोर से!


10 मिनट चोदने के बाद फिर दीप ने मुझे घोड़ी बनाया, अपने मरदाना हाथ मेरे कन्धे पर रखे और जोर से एक झटका मारा और अपना मोटा लण्ड मेरी गांड में उतार दिया. फिर उसने जोर जोर के झटके मारने शुरु कर दिये. उसके झटके इतनी जोर के थे कि मेरी चीख निकल गई।


पर स्वयं कामदेव मेरी चुदाई कर रहा था। मैं पूरे मजे ले रहा था। पूरे कमरे में फच-फच पच-पच ठप-ठप की अवाज आ रही थी।


लगभग 20 मिनट की हार्ड चुदाई के बाद दीप मेरी गांड में 5-6 जोर जोर के झटके मारे और मेरी गांड ही झड़ गया। उसके गरमागरम माल की पिचकारी से मेरी सूखी गांड में हरियाली आ गयी।


दीप थक कर सो गया और मैं दीप के पैरों की तरफ सो गया दीप के पैरों को चूसने लगा और उसके तलवे चाटने लगा. मैंने चाट चाट कर उसके पैर थूक से भर दिये।


2 दिन हमने 10 से 12 बार चुदाई की. दीप ने अलग अलग पोज़ीशन में मेरी गांड चोदी.


मैंने उसका लण्ड और पैरों को चूसा और मुझे स्वर्ग का सुख मिला।


तो दोस्तो, कैसी लगी मेरी गे बॉय फीट फेटिश स्टोरी? कमेंट कर के जरूर बताना। [email protected]


Gay Sex Stories In Hindi

ऐसी ही कुछ और कहानियाँ