मामा जी का बड़ा लंड देखा

प्रेम दिलवाला

29-08-2023

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बड़ा लंड देखा मैंने अपने मामा जी का … जब वे हमारे घर आये थे. मामा बहुत स्मार्ट थे, मैं उनको देखता ही रह गया था. रात को वे सिर्फ कच्छे में मेरे साथ सोये. उस रात मैंने क्या देखा?


दोस्तो, अभी तो मैं सेक्स कहानी बहुत ज्यादा पढ़ने लगा हूँ.


पर यह बात तब की है जब मैं एकदम कोरा कागज था; सेक्स के विषय में एकदम अनजान था.


तब मेरे साथ एक घटना घटी और मेरे जीवन में सब कुछ बदल गया.


आज उसी घटना को लेकर मेरी भी इच्छा हुई कि मैं भी कुछ लिखूं. आशा करता हूं कि सबको मेरी कहानी जरूर अच्छी लगेगी.


मामा जी के बड़ा लंड की यह काल्पनिक कहानी है. मैं समीर हूं. एक हफ्ते पहले ही घरवालों ने मेरा उन्नीसवां जन्मदिन मनाया था.


एग्जाम भी खत्म हो गए थे और गर्मी की छुट्टियां शुरू हो गई थीं. घर में मुझे अकेले रहने से बहुत बोरियत हो रही थी इसलिए में सुबह शाम घूमने चला जाता था, अपने दोस्तों के साथ चैट करता था, वीडियो गेम्स खेलता था. टीवी, मूवी ऐसा सब कुछ चलता था.


पर एक ही चीज बार बार करो तो बोरिंग तो लगने लगता ही है ना! मुझे सेक्स के बारे में कुछ ज्यादा जानकारी नहीं थी क्योंकि पढ़ाई के चलते मैंने ऐसे दोस्त बहुत कम बनाए थे जो सेक्स को लेकर चर्चा करें.


तब भी फिल्मों से थोड़ी बहुत जानकारी मिल ही जाती थी तो सेक्स के बारे में मैं कुछ कुछ जानता था कि कैसे एक लड़की और लड़के में सेक्स होता है.


पर लड़के और लड़के भी सेक्स करते हैं, यह बात मुझे पता नहीं थी. मेरे बारे में आप पूछेंगे तो मैं बताना चाहता हूं कि मैं एक अच्छे परिवार से हूं, एक हैंडसम लड़का हूं.


मेरा शरीर लड़कियों के जैसे बहुत मुलायम है, मैं बहुत गोरा-चिट्टा भी हूं.


चूंकि मैं अपने मां-बाप का इकलौता बेटा हूं. इसलिए वह मुझे बहुत प्यार करते हैं. मैं उनसे बहुत प्यार करता हूं. मेरी हर ख्वाहिश को वे पूरी करते हैं.


मेरे पापा और मां दोनों ही टीचर हैं, दोनों एक ही स्कूल में हैं.


उस समय छुट्टियों में मैं घर में बहुत बोर हो चुका था और इस वजह से मेरा किसी भी काम में मन नहीं लगता था, मेरे मम्मी पापा को मेरी परेशानी समझ में आई. मां ने मुझे अपने मामा के गांव भेजने के बारे में सोचा.


मैं अपने मामा के गांव आज तक सिर्फ एक ही बार गया हूं. मां ने कई बार मुझे अपने साथ ले जाने की कोशिश की थी, पर मैं नहीं गया था क्योंकि गांव में मुझे अच्छा नहीं लगता था. वहां मेरे साथ कोई खेलने के लिए भी नहीं था.


जब मां ने मामा के घर यानि गांव जाने का कहा तो मैंने टाल दिया. मम्मी पापा ने भी ज्यादा फोर्स नहीं किया. ‘कहीं और घूमने जाने का प्लान करेंगे.’ ऐसा कह कर पापा ने मेरी बात को मान लिया.


कुछ दिन ऐसे ही बीत गए.


मैं अपने दोस्त से मिलने बाहर गया था, शाम हो गई थी तो मुझे घर आते आते बहुत देर हो गई थी.


जब मैं अपने घर के दरवाजे पर पहुंचा तो मुझे अन्दर से जोर जोर से हंसने की आवाज सुनाई दी. मैंने घर में जाकर देखा, तो पता चला कि गांव से मेरे मामा आए हुए हैं.


मैं तो उन्हें देखता ही रह गया. मामा 29 साल की उम्र में एक तगड़े मर्द की तरह दिख रहे थे. उन्होंने क्लीन शेव की हुई थी.


मामा ऊंचे तगड़े एकदम पहलवान जैसे लग रहे थे. उनकी बॉडी इस तरह की लग रही थी मानो कोई जिम्नास्ट ही घर में आया हो.


उन्हें देखकर पता नहीं मुझे क्या हो गया था, मैं बस उनकी तरफ ही देखता जा रहा था.


मामा ने मेरी तरफ देखा और मुझे आवाज लगाई- अरे समीर, कैसे हो भाई … पहचाना या नहीं!


उनकी आवाज सुनते ही मैं होश में आ गया. ‘ठीक हूं.’ ऐसा कहकर मैं उनके पास जाने लगा.


उन्होंने मुझे अपने पास बिठाया और इधर उधर की बात पूछने लगे. मामा ने मेरी पढ़ाई के बारे में पूछा और मुझसे काफी सारी बातें की.


उनका मुंबई में कुछ काम था. उस सिलसिले में कुछ दिनों के लिए वह हमारे घर पर ही रुकने वाले थे.


हमारे घर में दो कमरे होने के कारण वह मेरे साथ ही सोने वाले थे.


रात को खाना खाने के बाद हमने ढेर सारी बातें की.


इस दौरान में बस उनकी तरफ ही देखता जा रहा था. एक दो बार तो उन्होंने मुझे उनकी तरफ देखते हुए पकड़ लिया था. उनसे जब नजरें टकराती थीं, तो मैं इधर उधर देख लेता था.


मैं खुद ही सोचने लगा था कि मुझे यह क्या हो रहा है. मुझे वे बहुत पसंद आ गए थे; बस उनको ही देखने का मन कर रहा था. उसने गठीले बदन को तिरछी आंखों से देख देख कर मैं उनका दीवाना हो गया था.


उन्होंने लाल रंग की टी-शर्ट पहनी थी और काली नाइट पैंट पहनी थी. एक दो बार जब वह खड़े हुए तो मैं उनकी पैंट की तरफ ही देख रहा था.


उनकी पैंट में लौड़े वाला हिस्सा आगे से फूला हुआ था. रात के 11:00 बज चुके थे तो सब सोने के लिए जाने लगे.


मैं और मामा दोनों ही मेरे कमरे में आ गए.


उन्होंने मुझसे पूछा- समीर, तुम्हें कोई दिक्कत ना हो, तो मैं कपड़े निकाल कर सो सकता हूं क्या? मुझे ऐसे नींद नहीं आती. मैंने हां में सर हिलाया और कहा- मुझे कोई दिक्कत नहीं है, आप जैसा चाहे वैसा सो सकते हो.


फिर उन्होंने मेरे सामने ही अपनी टी-शर्ट को उतारा. उन्होंने अन्दर बनियान नहीं पहनी थी. मैं उनकी नंगी छाती को देखता ही रह गया.


उनका सीना बहुत ही चौड़ा था, सीने पर बहुत सारे बाल थे. उनके मसल्स बहुत ही मजबूत दिख रहे थे.


फिर उन्होंने अपनी पैंट उतारी. जैसे ही उन्होंने अपनी पैंट उतारी, मेरी आंखें फटी की फटी रह गईं. उनके लंड का आकार उनकी अंडरवियर में से साफ साफ नजर आ रहा था. मुरझाए हुए लौड़े का भी आकार बहुत बड़ा लग रहा था.


उन्होंने मुझे उनकी तरफ देखते हुए देख लिया तो मैंने अपनी नजरें फेर लीं.


फिर उन्होंने मुझसे पूछा- ऐसे क्या देख रहे हो, कभी कोई आदमी नहीं देखा क्या? मैंने कहा- नहीं, ऐसी कोई बात नहीं है. आपकी बॉडी बहुत अच्छी है, बस वही देख रहा था. आप जिम जाते हो क्या?


उन्होंने कहा- हां, मुझे जिम का शौक है मैं हर रोज जिम में जाता हूं. गांव में बहुत बड़ा अखाड़ा है. उधर कसरत करता हूँ.


फिर वे बाथरूम में चले गए और मुझे कह कर गए कि लाइट बंद कर दो. मैं थोड़ी देर में आता हूं. मैंने लाइट बंद कर दी और उनके आने का वेट करने लगा.


मैं उनके बारे में सोच रहा था. मेरी आंखों के सामने अभी भी उनके अंडरवियर का सीन चल रहा था.


मामा जी के बाथरूम में गए हुए अभी कुछ ही देर हुई थी कि मुझे न जाने क्या हुआ और मैं फटाक से उठकर बाथरूम के दरवाजे के पास जा पहुंचा. दरअसल मैं खुद को रोक ही नहीं पाया था.


बाथरूम के दरवाजे में बने एक होल से मैं देखने लगा.


अन्दर का नजारा देखकर मैं दंग रह गया. उन्होंने अपनी अंडरवियर निकाल कर रख दी थी और सामने रखी तेल की शीशी से उन्होंने तेल लेकर अपने लंड पर लगाना शुरू कर दिया था.


मैं तेल की शीशी देख कर हैरान था क्योंकि मैं जब बाथरूम में गया था, तब वह शीशी उधर नहीं थी, शायद उन्होंने बाद में रख दी हो.


उनका लंड सोया हुआ भी 6 इंच का लग रहा था.


वे धीरे-धीरे अपने लंड की मसाज करने लगे. धीरे-धीरे उनका लंड आकार लेता गया और फूल कर 8 इंच का का तगड़ा हथियार सा हो गया.


मैं तो उनका लंड देखता ही रह गया.


वे हल्के हाथों से अपने लंड की मसाज कर रहे थे. लंड का टोपा लाल कड़क हो गया था. इतना मोटा लंड मैंने आज तक नहीं देखा था.


मेरे अन्दर कुछ कुछ होने लगा था. मेरी पैंट में भी मेरा लंड खड़ा हो गया था.


अन्दर वे बिंदास होकर मसाज कर रहे थे. शायद उन्हें पता ही नहीं था कि मैं उन्हें देख रहा हूं.


फिर उन्होंने तेल की शीशी बंद की और हाथ धोने लगे.


उनका खड़ा लंड हवा में झटके ले रहा था. फिर धीरे-धीरे उनका लंड बैठता गया और अपने पहले आकार में आ गया.


इसके बाद उन्होंने अंडरवियर को पहन लिया और बाहर आने लगे. मैं भी अपने बेड पर आ गया.


उन्होंने बाहर आकर मुझसे पूछा- तुम ऐसे ही सोते हो क्या … कपड़े निकाल कर नहीं सोते? मैंने ना में सर हिलाया और कहा- मैं ऐसे ही ठीक हूं.


फिर वे बेड पर आ गए और सोने लगे. हम दोनों ने एक दूसरे को गुड नाइट कहा और सोने लगे.


मेरे नजरों के सामने अभी भी वही सब चल रहा था. मैं उनका लंड याद करते-करते सो गया.


रात को करीब 2:00 बजे मेरी आंख खुली. मैंने अपने सीने पर मामा का हाथ महसूस किया था.


जागने पर पता चला मामा एक हाथ मेरे ऊपर रखकर मेरी तरफ सर रखकर सोए हुए हैं.


मैं उनकी तरफ पीठ करके सोया हुआ था. मेरे और उनके बीच में बस थोड़ी सी दूरी थी.


मेरे दिमाग में फिर से वह सब चलने लगा. उनके लंड को छूने के मेरी इच्छा हो रही थी.


मैंने धीरे से उनका हाथ अपने सीने से हटाया और उनकी तरफ सर करके सो गया. थोड़ी देर रुक कर मैंने यह देख लिया कि वे गहरी नींद में सो रहे हैं.


फिर मैंने धीरे से हिम्मत करके अपना हाथ उनकी तरफ बढ़ाया और उनकी अंडरवियर को छुआ. वे थोड़ा सा हिले और फिर सो गए.


फिर मैंने धीरे से उनके लंड को छुआ, जो सोया हुआ था. चूंकि मामा सो रहे थे, उन्हें कुछ पता नहीं था कि उनका भांजा क्या कर रहा है.


मैंने धीरे धीरे उनकी अंडरवियर पर हाथ फेरना शुरू किया. उनका सोया हुआ लंड बहुत ही मुलायम था और बहुत वजनदार भी लग रहा था.


जैसे जैसे मैं मामा के लौड़े पर हाथ फेरता गया, वह आकार लेने लगा.


मैंने आंखें बंद कर ली थीं और धीरे-धीरे उनके लंड को सहला रहा था. लंड फूल कर 8 इंच का तगड़ा हो गया था, अंडरवियर फाड़ कर बाहर निकलने की कोशिश कर रहा था.


मैं बहुत उत्तेजित हो गया था. मेरा हाथ जोरों से चलने लगा था.


उत्तेजना में मैंने उनका लंड जोर से दबा दिया. इस वजह से वह कुछ हिले, मैं डर गया.


मैंने अपना हाथ पीछे लिया और दूसरी तरफ मुँह करके सो गया. कुछ देर रुकने के बाद जब मैंने उनको को सोता हुआ पाया, तब मैं धीरे से उनकी तरफ पीछे हो गया.


इस वजह से उनका लंड मेरी गांड से टच हो रहा था. अपनी गांड को मैंने उनके लंड पर घिसना शुरू कर दिया.


मैंने आज अंडरवियर नहीं पहनी थी और नाइट पैंट बहुत पतली होने के कारण मेरी गांड की दरार में फंस चुकी थी.


उनका लंड मुझे मेरी गांड पर लौकी सा महसूस हो रहा था. मैं धीरे-धीरे मजे कर रहा था.


पर तभी मेरी उम्मीदों पर पानी फिर गया क्योंकि उन्होंने करवट बदल ली थी.


मुझे लगा शायद वे जाग गए हैं पर अभी भी वह गहरी नींद में थे.


फिर मैं अपने मन को मार कर वैसे ही सो गया. थोड़ी देर बाद मुझे नींद आने शुरु हो गई और मैं सो गया.


कुछ देर बाद मुझे मेरी गांड पर कुछ कड़क महसूस होने पर मेरी नींद टूट गई.


जब मेरी नींद खुली तो मैंने महसूस किया कि उनका लंड मेरी गांड को टच हो रहा है. मैंने धीरे से अपनी गांड को लंड पर रगड़ा और पता नहीं मुझे कैसे नींद लग गई. मैं वैसे ही सो गया.


सुबह जब मामा उठे तो देख कर हैरान हो गए. मेरी पैंट थोड़ी सी नीचे हो गई थी. मेरी गांड की दरार साफ साफ दिख रही थी. उनका खड़ा लंड अंडरवियर से बाहर आ गया था और उसका टोपा मेरी दरार से टच हुआ था.


वे फटाक से उठ गए और बाथरूम चले गए.


उन्होंने नहा कर कपड़े पहन लिए और बाहर आकर मुझे जगाया.


मुझे रात की सारी बातें याद आने लगीं. फिर मैं खुद को कोसने लगा. पर पता नहीं मुझे क्या हो गया था, मेरा उनकी तरफ कुछ ज्यादा ही आकर्षण बढ़ने लगा था.


ये सब गलत है. ऐसा नहीं करना चाहिए. ऐसा खुद को समझाते समझाते मैं नहाने के लिए चला गया.


शॉवर चालू किया और ठंडे पानी की बूंदें मेरे नंगे गोरे बदन पर गिर कर आग लगा रही थीं और इस आग की वजह से मेरा लंड पूरा कड़क हो गया था.


मामा के सामने तो मेरा लंड तो बहुत छोटा लग रहा था.


मैं मामा के लंड को याद करके नहा रहा था. मुझसे रहा ही नहीं जा रहा था.


बहुत अजीब सा महसूस हो रहा था. मैं नहा कर बाहर आ गया.


मामा वहीं पर बैठे थे. उन्होंने मेरी तरफ देखा, मैं शर्मा गया. वे मेरी तरफ ही देख रहे थे.


मेरा बदन पानी की वजह से बहुत चिकना लग रहा था. मेरे सफेद दूध जैसे शरीर पर मेरे गहरे रंग के निप्पल पानी की बूंदों की वजह से और भी निखर गए थे, जिनकी तरफ कोई भी खिंचा चला आए.


मुझे अब शर्म आ रही थी. ऐसा लग रहा था मानो मैं एक जवान लड़की हूँ और निर्वस्त्र उनके सामने आ गई हूँ.


मैंने उनकी तरफ देखा. तो उन्होंने एक स्माइल मुझे पास की और अपने मोबाइल में खो गए.


मैंने कपड़े पहन लिए और उनकी तरफ को चला गया.


वहां अलमारी थी जिसमें मैं अपनी सारी चीजें रखता था.


वहीं एक आइना लगा था, जिसमें देख कर मैं अपने बाल बनाने लगा.


मुझे स्टाइलिश रहना बहुत पसंद है, मैं अपने बाल बना रहा था.


तब मामा मुझसे पूछने लगे- समीर एक बात पूछूं? मैंने कहा- मामा एक क्या, दो पूछिए!


वह हंसने लगे और उन्होंने कहा- तुम इतने हैंडसम हो, कोई जीएफ तो जरूर होगी तुम्हारी!


मैं उनके इस सवाल से दंग रह गया. मैंने ना में सर हिलाया.


फिर मैंने हिम्मत करके उनसे भी पूछ ही लिया- मामा आप तो इतने अच्छे जिम्नास्ट हैं, आपकी तो जरूर होगी. उन्होंने कहा- नहीं यार कहां गर्लफ्रेंड … काम के चलते वक्त ही नहीं मिलता.


हम दोनों के बीच ऐसी ही बातें हो रही थीं. उतने में मां की आवाज आयी- नाश्ता तैयार है, आ जाओ.


हम दोनों नाश्ता करने चले गए. वहां फिर से बहुत सारी बातें हुईं.


मां ने कहा- समीर, तुम मामा को मुंबई घुमा लाओ. तुम्हारा वक्त भी निकल जाएगा और तुम दोनों को मजा भी आएगा. मामा ने भी हां कहा और ‘हम दोनों खाना बाहर ही खाएंगे.’ ऐसा कहकर मामा ने मुझसे तैयार होने के लिए कहा.


हम दोनों बाहर घूमने चले गए. हम बहुत सारी जगहों पर गए. हंसी मजाक के साथ हमारा दिन कहां चला गया, पता ही नहीं चला.


शाम को मां ने फोन से खाने का पूछा. बाहर पेट भरके हमने खाया था, तो भूख थी ही नहीं. मैंने मां को बता दिया था कि हम रात को कुछ नहीं खाएंगे.


शाम को समुंदर के किनारे पर हम दोनों ने ढेर सारा मजा किया और घर की तरफ निकल गए.


आज सारे दिन की मस्ती में हम दोनों बहुत खुल चुके थे. एक दूसरे के साथ हमें अच्छा भी लग रहा था और दिन भर की थकान की वजह से हम डायरेक्ट सोने वाले थे.


हम दोनों घर आए … तब रात के दस बज रहे थे. पापा सोने चले गए थे.


फिर हम दोनों भी मेरे कमरे में आकर सोने के लिए तैयार होने लगे. मामा ने फिर से कल की तरह ही अपने कपड़े उतारे और अंडरवियर में हो गए. उन्होंने मुझे भी कहा कि मैं भी ऐसे ही सो जाऊं. पर मैं शर्मा रहा था.


तो उन्होंने कहा- हम दोनों ही मर्द हैं, उसमें क्या शर्माना! फिर मैं भी अंडरवियर में होकर लेट गया.


उन्होंने बड़ी लाइट को बंद किया और नाइट बल्ब जला दिया. हम दोनों ही बेड पर पड़े हुए थे.


वे मुझसे कहने लगे- तुम बहुत सुंदर हो. मैं शर्मा गया और मैंने उन्हें थैंक्स कहा.


थोड़ी देर हमारी इधर उधर की बातें हुईं और हम गुड़ नाइट कहकर सोने लगे.


कुछ देर में मुझे कुछ हिलने की आवाज आई. मैंने मुड़कर देखा तो मामा बाथरूम जा रहे थे और उन्होंने दरवाजा बंद किया.


उनका लंड देखने की मेरी इच्छा फिर से जाग गई. मैं धीरे से उठकर बाथरूम की तरफ आ गया और दरवाजे में बने एक छेद से देखने लगा.


उन्होंने अपना अंडरवियर निकाल लिया था. उनका लंड मस्त लग रहा था. लंड अभी सोया हुआ था, फिर भी बहुत अच्छा लग रहा था.


उनके लंड से पेशाब की मोटी धार निकल रही थी. एक हाथ से उन्होंने लंड पकड़ रखा था.


पेशाब करने के बाद उन्होंने लंड को जरा सा झटका और आखिरी बूंद को भी निकाल दिया.


उसके बाद उन्होंने फिर से वही तेल की शीशी खोली और ढेर सारा तेल अपने लंड पर लगा कर मसाज करने लगे.


धीरे धीरे उनके लंड में तनाव आने लगा. वह फूलकर लंड किसी डंडे की तरह हो गया.


वे लंड को मसल रहे थे. करीबन तीन इंच का उनका टोपा गजब ढा रहा था.


वे लंड को हिलाते ही जा रहे थे. क्या मस्त लंड लग रहा था उनका!


मेरा दिल कर रहा था कि मैं उसे हाथ में पकड़ लूं! पर मुझे समझ नहीं आ रहा था कि वे ऐसा क्यों कर रहे हैं.


तकरीबन दस मिनट हो रहे थे, फिर भी वे लंड को आगे पीछे कर रहे थे. उनके मुँह से धीमी धीमी आवाजें भी आ रही थीं.


वे लंड को हिलाते हिलाते खुद भी हिल रहे थे.


उनके पैर कभी थोड़े से मुड़ जाते, कभी वह फिर से खड़े हो जाते. ऐसा बार बार हो रहा था.


उनको देख कर मेरा भी लंड खड़ा हो गया था. मैं भी अपने लंड को दबा रहा था.


मामा अब रुक गए और टॉयलेट का ढक्कन बंद करके उस पर बैठ गए.


मुझे अब सब कुछ साफ़ साफ़ दिख रहा था. उन्होंने अपने पैर फैलाए और पीछे दीवार से सट कर बैठ गए.


उनका बड़ा लंड हिचकोले खा रहा था. उनका लंड इतना बड़ा था कि उनका टोपा नाभि के ऊपर तक आ रहा था.


फिर उन्होंने थोड़ा सा और तेल लिया और अपने हाथों पर लेकर लंड को नीचे से ऊपर तक हिलने लगे.


वे बहुत प्यार से लंड को मसल रहे थे और मादकता भरी आवाजें निकाल रहे थे ‘आह ओह आह उम्म मजा आ रहा है बेबी.’ ऐसी आवाजें उनके मुँह से निकल रही थीं.


एक हाथ से वे अपना बड़ा लंड हिला रहे थे और दूसरे हाथ से अपनी छाती पर हाथ फेर रहे थे. उनको शायद बहुत मजा आ रहा था.


उनका हाथ अब और तेज चलने लगा था. उनकी बड़ी बड़ी गोटियां लंड के हर झटके के साथ मस्त होकर जोर जोर से हिल रही थीं.


तभी उन्होंने जोर से अपने मुँह से ‘आह … आह … ओह … यस … उम्म’ की आवाज निकालते हुए अपने पैरों को थोड़ा मोड़ा … और एक हाथ से टॉयलेट को पकड़ते हुए थोड़ा सा उठे. फिर उनके लंड ने एक जोरदार पिचकारी मारी. उनके लंड से कुछ सफेद सफेद बिल्कुल दूध की तरह कुछ निकल रहा था.


वे अभी भी पूरा हिल रहे थे और लंड को हिला रहे थे.


लंड पिचकारी पर पिचकारी मार रहा था. वह जो भी कुछ था, बहुत ही गाढ़ा था और उनकी पिचकारियों के बाद अभी भी उसमें से दूध जैसा कुछ निकल ही रहा था. मैं तो देखता ही रह गया.


नीचे फर्श पर बहुत दूध गिरा था और उन्होंने अपने लंड को हिलाना बंद कर दिया था. उनके लंड के छेद से आखिरी बूंदें निकल रही थीं.


उन्होंने लंड को निचोड़ा और उसे अपने हाथ से मसल दिया. फिर खड़े होकर लंड को एक बार झटका दिया.


उनका बड़ा लंड अब आधा ही खड़ा था और इतना मस्त लग रहा था कि पूछो ही मत.


कुछ पल बाद उन्होंने लंड को पकड़ कर नल के नीचे किया और नल चालू कर दिया, उसे पानी से अच्छे से धोया और नीचे फर्श पर भी पानी डाला, जिससे वह सारा गाढ़ा दूध जैसा बहकर चला गया.


उसके बाद उन्होंने तौलिये से अपना लंड पौंछा और अंडरवियर पहनने लगे. अब वे बाहर आने वाले थे तो मैं भी झट से आकर अपनी रजाई में घुस गया.


इसके बाद क्या क्या हुआ, वह मैं आपको अगली कहानी में बताऊंगा. [email protected]


मामा जी का बड़ा लंड की कहानी से आगे की कहानी:


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