खाली मकान में मेरी गांड का मुहूर्त

अमृत चौहान

05-03-2023

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मेरी गांड में लंड घुसा दिया मेरे ही दोस्त ने खेल खेल में! हम छुपन छुपाई खेल रहे थे. वो मुझे पास में बन रहे नए मकान में गया. वहां उसने मुझे लंड दिखाकर गर्म किया.


दोस्तो, मेरा नाम अनस है. मैं जोधपुर राजस्थान का रहने वाला हूँ.


आज मैं आपको मेरी पहली बार की समलैंगिक सेक्स की कहानी सुनाने जा रहा हूँ कि कैसे मेरी गांड में लंड घुसा.


वैसे मैंने काफ़ी बार और अलग अलग लोगों के साथ गे सेक्स किया है परन्तु जो मेरा पहला सेक्स था, वो कुछ अलग और शानदार अनुभव था.


हय … उस दिन को याद करते ही मेरे तन और मन में मजा सा आ जाता है.


ये बात जब की है, जब मैं 19 का हुआ था. लेकिन मुझको सेक्स का ज्यादा कुछ मालूम नहीं था. हां दोस्तों में मस्ती और मजाक का जरूर सुना था. दोस्तों में आपस में हम लोग लड़कियों के बूब्स और चुदाई की बातें मस्ती से करते थे.


मेरा एक दोस्त था, जिसका नाम बिलाल था. वो 20 का था. सांवला सा रंग, लम्बा कद, कसरती शरीर, सीना बाहर निकला हुआ था. वो एक हैण्डसम सा लड़का था.


मैं एक गोरा सा पतला और सुंदर सा दिखने वाला लड़का था. बिलाल हमेशा मेरे साथ अच्छे से और प्यार से बात करता जैसा एक सच्चा भाई हो. मैं भी उसको अपना बेस्ट फ्रेंड मानता था.


स्कूल की छुट्टियां चल रही थीं. हम सब दोस्त छुपन छुपाई गेम खेल रहे थे. सब दोस्त कहीं ना कहीं छुप चुके थे.


बिलाल ने बोला- देख, वो गली के पार एक नया मकान बन रहा है, उधर अपन को कोई नहीं ढूंढ़ पाएगा. पहले तो मैंने मना कर दिया.


शाम का समय था यही कोई 7 बज रहे थे और नए मकान में अंधेरा बहुत ज्यादा था. बिजली नहीं थी तो जाने में डर सा लग रहा था. मैंने उसे ये सब बताया.


तो बिलाल बोला- कोई नहीं आ पाएगा बे, आ जा चलते हैं. अपन दोनों गेम जीत जाएंगे.


मैं बिलाल की बातों में आकर वहां चल दिया. हम दोनों नए मकान में अन्दर आ गए.


उसकी छत अभी नई डली थी. उस तरफ आ गए. बहुत अंधेरा था. बस बाहर चाँद की रोशनी थी.


हम दोनों उधर छुप गए.


कुछ 5 मिनट बाद बिलाल ने पेशाब करने के लिए अपना लंड बाहर निकाला और पेशाब करने लगा. मैं चुपके से उसका लंड देख रहा था.


सच्ची में इतना मोटा लंड और इतना लंबा सांवला लंड मैंने आज तक नहीं देखा था.


बिलाल को भी पता था कि मैं उसका लंड देख रहा हूँ. वो साला जानबूझ कर अपना लंड मुझको दिखा रहा था.


दो मिनट बाद बिलाल बोला- देख क्या रहा है भोसड़ी के … लेना है तो बोल! मैंने डर कर मुँह दूसरी तरफ मोड़ लिया.


बिलाल मेरे पीछे आया और बोला- सुन एक काम कर, तू मेरा पकड़ेगा तो मैं तुझको सेक्स कुछ टिप्स दूंगा.


साला सेक्स का सुनकर मेरे अन्दर कुछ कुछ होने लगा था. अब मेरा खुद का मन कर रहा था कि एक बार पकड़ कर देखूँ कि इसका कितना बड़ा है.


मैंने हां में सिर हिला दिया.


वो भी शायद बस मेरी हां के ही इंतजार में था. उसने तुरंत मेरा हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया.


उसका गर्मागर्म लंड मेरे हाथ में आया तो ऐसा लगा जैसे लंड फूला नहीं समा रहा हो. उसका लंड एकदम कड़क था.


पहले तो मैंने उसका लंड अपने हाथ से फट से हटा दिया. बिलाल भी डर गया. उसने सोचा होगा कि साला किसी को ना बोल दे.


कुछ पल हम दोनों मौन रहे.


फिर बिलाल मेरे पास को आया. वो धीरे से मुझसे बोला- अपन रोज सेक्स की बातें करते हैं. चल आज रियल में सेक्स करते हैं. मैंने भी जोश में बोला- कैसे? वो बोला- अपन दोनों मिलकर.


मेरी समझ में नहीं आया कि दो लड़के मिल कर सेक्स कैसे करेंगे. लेकिन उसका लंड मुझे अभी भी तरंगित कर रहा था और बार बार लग रहा था कि किसी तरह से बिलाल का लंड फिर से पकड़ लूँ.


तभी उसने फट से मेरे निक्कर में हाथ डाल कर मेरे लंड को पकड़ लिया और उसको सहलाने लगा.


आह … एक आज तक किसी ने हाथ में मेरा लंड नहीं लिया था. मुझको बहुत मजा आने लगा.


मेरा लंड एकदम से कड़ा और खड़ा हो गया. बिलाल मुझको किस करने लगा; पहले मुँह पर, फिर सिर से होकर होंठों पर किस करना शुरू कर दिया.


मैं भी उसका साथ देने लगा.


बस फिर क्या था. खुले सांड को लाल कपड़ा दिख गया समझो.


हम दोनों बेतहाशा एक दूसरे को चूमने चाटने में लग गए. हमारे लंड नंगे हो गए थे, नीचे के कपड़े बदन से अलग हो गए थे.


उसने बोला- देख अनस, आज हम दोनों बहुत मजे करने वाले हैं. बस ये बात अपने दोनों के बीच ही रहना चाहिए. मैंने सिर हां में हिला दिया.


उसने जोर से मेरे होंठों को किस किया और मेरी शर्ट के बटन खोल कर मेरे बूब्स चूसने लगा. मुझको भी बहुत मजा आ रहा था.


मैंने भी उसकी शर्ट के बटन खोल दिए और उसकी फूली हुई छाती के निप्पलों पर अपनी जुबान फेरने लगा.


जिस समय मैं बिलाल के दूध चूसने की कोशिश कर रहा था, उस वक्त वो मेरे सर को अपने सीने में दबाए हुए अपने दूध चुसवाने का मजा ले रहा था.


यूं ही 15 मिनट तक चूमाचाटी के बाद बिलाल बोला- आज तू मेरा लंड चूस कर देख! मैंने मना किया तो बिलाल ने जबरन मुझको नीचे बिठाया और अपना मोटा लंड मेरे मुँह के पास ले आया.


वो अपने लंड को मेरे मुँह पर लाया और मेरे गाल दबा कर मेरे होंठ खोलने की कोशिश करने लगा. उसके लंड का सुपारा मेरे मुँह में घुसने की चेष्टा करने लगा था. मैं बार बार अपना मुँह इधर उधर कर रहा था.


उसका लंड मेरे मुँह के लगभग बराबर था. आप खुद सोचो कि कितना मोटा लंड होगा उसका!


मुझे उसकी झांटों से आती अजीब सी सुगंध अच्छी लग रही थी और मनमोहक सी थी. मगर तब भी मैं उसके लंड को अपने मुँह में लेने से हिचक रहा था. शायद ये पहली बार होने के कारण ऐसा था.


वो अपने लंड को मेरी आंखों और होंठों पर फेरने लगा और मुँह में डालने की कोशिश करने लगा. वो प्यार से मेरे सिर की मालिश करने लगा.


अब मैं मदहोश होने लगा और उसके रिझाने में आकर मैंने अपना मुँह खोल दिया. उसने लंड मेरे मुँह में सरका दिया और मैंने भी उसका लंड आराम से अन्दर ले लिया.


धीरे धीरे मैं बिलाल का पूरा लंड अन्दर लेकर चूसने लगा.


मुझे उस लंड का स्वाद नमकीन सा लगा, कुछ कसैला सा भी लगा. मगर बाद में मुझको वो स्वाद अच्छा लगने लगा.


उसके लंड से हल्का हल्का तार जैसा नमकीन सा धागा निकलने लगा जिससे मेरा मुँह में बहुत लार बनने लगी. मैं उसके लंड को मजे से ऐसे पी रहा था मानो कोई अमृत पी रहा हूँ.


मेरे मुँह से ‘गोंग मोह मोह यआम यम’ की आवाज़ें आ रही थीं. उसको भी मजा आ रहा था.


दस मिनट इसी तरह चूसने के बाद उसको एक बदमाशी सूझी. उसने जोर से पूरा लंड मेरे हलक यानि गले में पेल दिया.


मेरी सांस ही अटक गई; मेरी आंखों में आंसू आ गए.


फिर उसने लंड को बाहर निकाला और बोला- मेरी जान, अभी इतने में दर्द में जान निकल रही है, तो गांड में डालूंगा तो क्या होगा? मैंने बोला- बस, अब मैं घर जा रहा हूँ.


बिलाल बोला- अबे अभी तो मस्ती शुरू हुई है. आधा मजा लेकर जाएगा तो बस मुठ मार कर ही मजा ले पाएगा. मैं भी चाहता था कि आज पूरा मजा लेकर ही जाना चाहिए.


उसने फिर से मुझको किस किया और मेरी क़मर पर हाथ फेरा. इस बार वो खुद नीचे बैठा और मेरा लंड चूसने लगा.


उसने जैसे ही अपने मुँह में मेरा लंड लिया मानो मेरा लंड सीधा जन्नत में आ गया. आह मुझको भी काफी मजा आ रहा था.


वो रंडी की तरह ऐसे मेरा लंड चूसने लगा था, जैसे कोई छोटा बच्चा पूरे जोर से लॉलीपॉप चूसता है. वो मेरे आंड भी सहला रहा था.


मुझे बेहद मजा आने लगा तो मैंने वापस जाना कैंसिल कर दिया और वहीं रूक गया. बिलाल अच्छे से जानता था कि अगर उसको मेरी टाइट मुलायम गांड चाहिए, तो उसको मेरा लंड चूसना पड़ेगा.


कुछ देर तक यूं ही मेरे लंड को चूसने के बाद उसने अपनी जेब से क्रीम की डिब्बी निकाली. साला पहले से ही मेरी गांड मारने का मूड बनाए हुए था और इसी वजह से वो मुझे इस खाली मकान में लाया था.


उस वक्त तो मुझे कुछ बूझ ही नहीं रहा था तो मैंने कुछ नहीं कहा. उसने मेरी गांड के छेद पर क्रीम को लगाया और सहलाने लगा.


फिर क्रीम से भरी अपनी छोटी उंगली को मेरी गांड में हल्के से सरका दी. मुझे हल्का सा दर्द हुआ परन्तु क्रीम से मेरी गांड के छेद में हल्की सुरसुरी सी होने लगी. शुरुआत में मैंने हल्का सा विरोध किया मगर जल्द ही ये विरोध सहमति में बदल गया.


उधर रखे गुम्मों के चिट्टे को पकड़ कर मैं झुक गया और बिलाल मेरी गांड से खेलने लगा. धीरे धीरे करके उसने उंगली मदद से खूब सारी क्रीम मेरी गांड में भर दी.


साथ ही उसने अपना लंड भी क्रीम से तर कर लिया. अब उसने मुझको घोड़ी बनाया और मुझको कमर से कसके पकड़ कर एक जोर से झटका दे दिया.


मेरी गांड में लंड आधा घुस गया. मेरे मुँह से तेज आवाज निकल गई- अम्मी. वो बोला- अबे ले तो भोसड़ी के. मैंने उससे कहा- आह लग रही है … छोड़ मुझको हरामी साले.


मेरी सांसें फ़ूलने लगी थीं. साले ने मेरी गांड फाड़ दी थी.


उसने 3 मिनट तक मुझको कसके पकड़ रखा. मैंने कसमसाते हुए उससे कई बार बोला- छोड़ दे. मगर वो भोसड़ी का नहीं माना.


कुछ मिनट बाद मेरा दर्द कम हुआ तो वो बोला- जानू, अब नहीं होगा. मैंने रोते हुए कहा- जाने दे भाई, मेरी चिनमिना रही है. मगर वो नहीं माना.


उसने मेरे बूब्स को मसला और फिर से लंड को हल्के हल्के से आगे पीछे करने लगा. मेरा दर्द भी कम हुआ और दो मिनट बाद मुझको भी मजा आने लगा था. मेरे मुँह से अब ‘उई मआ आ अह …’ की आवाज़ें आने लगीं और वो जोर जोर से मेरी गांड मारने लगा.


ज्यादा क्रीम लगी होने की वजह से खच खच की आवाज आने लगी. मुझको भी मजा आने लगा. वो पूरे ज़ोर-शोर से अपना लंड मेरी गांड में पेलता रहा.


सच्ची में दोस्तो, उस दिन दर्द तो हुआ मगर पहली बार उसने मेरी गांड जो फाड़ी, वैसा मजा आज तक नहीं मिला. अगले 5 मिनट में वो मेरी गांड में ही झड़ गया. उसके गर्म गर्म वीर्य से मेरी पूरी गांड भर गई.


उसके बाद वो हर रोज़ मेरी गांड मारता. कभी डॉगी स्टाइल, कभी काऊ स्टाइल में. नेट से देख देख कर रोज अलग पोज़ में वो मेरी गांड मारा करता और मैं भी मजे से गांड मरवाने का मजा लेता.


बिलाल ने मुझको पक्का गांडू बना डाला.


तो दोस्तो, ये मेरी पहली बार की गांडफाड़ चुदाई की कहानी है. बिलाल के अलावा और भी कई लोगों से मैंने अपनी गांड मरवाई है.


अगर आप मेरी ऐसी अन्य मजेदार गे सेक्स कहानी सुनना चाहते हैं तो प्लीज़ इस मेरी गांड में लंड कहानी पर अपनी राय मुझको मेल करें. धन्यवाद. [email protected]


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