मैं मस्त गांडू हूं

रंजन गांडू

13-03-2023

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Xxx गांड पोर्न कहानी मेरी गांड मरवाने के शौक की है. मुझे शुरू से ही मर्दों में रुचि थी। ऑनलाइट साइट पर एक अंकल मुझे मिले। उन्होंने मुझे वो मजा दिया जो मैंने कभी नहीं सोचा था!


दोस्तो, मेरा नाम रंजन है। आप सबका इस गान्ड की चुदाई की कहानी में स्वागत है।


यह कहानी कुछ दिनों पहले की है। कहानी मेरे साथ हुई सच्ची घटना पर आधारित है। अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली कहानी है तो कुछ गलती हो जाए तो माफ़ कीजिएगा, मेरा साथ दीजियेगा इस सफर में दोस्तो।


Xxx गांड पोर्न कहानी बताने से पहले मैं आपको अपना पूरा परिचय दे देता हूं। मैं रंजन, 22 साल का एक चिकना गे बॉटम हूं। आप सब मुझे रंजन गांडू भी कह सकते हैं।


मैं रुद्रपुर, उत्तराखंड से हूं। मेरी लम्बाई 5 फीट 7 इंच है। शरीर से दुबला हूं और रंग एकदम गोरा, गान्ड एकदम उठी हुई और चिकनी है।


मेरी शुरू से ही मर्दों में दिलचस्पी रही है इसलिए मर्दों को देखकर मेरी गान्ड में खुजली होती है। मन करता है कि किसी का भी लौड़ा चूस लूं और उससे अपनी गान्ड मरवाऊं।


यह Xxx गांड पोर्न कहानी कुछ दिनों पहले की है। घर में बैठे-बैठे बोरियत हो रही थी तो सोचा कि ऑनलाइन ही कोई टॉप (जो गान्ड की चुदाई करता है) ढूंढ लूं। फेसबुक पर बात की एक दो टॉप से … लेकिन सब धोखा देते हैं।


ऑनलाइन बात करने वालों के साथ दिक्कत ये होती है कि मिलने के दिन कोई नहीं मिलने आता है या फिर जो मिलते हैं उन पर कैसे भरोसा करें कि प्राइवेसी लीक नहीं करेगा।


कुछ दिन ऐसे ही बीत जाने के बाद मुझे फेसबुक पर एक मैसेज मिला।


बातचीत की तो पता चला वो 56 साल के अंकल थे और मेरे जैसे चिकने लौंडों को बहुत प्यार कर चुके थे, मतलब कि चोद चुके थे। उनका नाम वरुण शर्मा था। उन्होंने अपनी फोटो दिखाई।


अंकल का शरीर देख कर मेरे मुंह में पानी आ गया। क्या बॉडी थी … एकदम सलमान खान जैसी!


उन्हें देखते ही मैंने सोचा कि ये मेरी गान्ड की चुदाई बहुत मस्ती से कर सकते हैं और मुझे संतुष्ट कर सकते हैं। मैंने धीरे-धीरे उनसे बातचीत शुरू की कि कहां रहते हैं, क्या करते हैं, उनके बारे में सब जाना।


उन्होंने भी मुझमें काफी दिलचस्पी दिखाई। वरुण जी के कहने पर मैंने उनको अपनी नंगी तस्वीर भेजी। वो देखते ही उतावले हो गए और जिद करने लगे कि वो मुझे हासिल करना चाहते हैं।


मर्दों की यह बात अच्छी लगती है कि नंगी गान्ड देख कर उनका मन ललचा जाता है। मैंने भी वरुण अंकल का लन्ड देखा। उन्होंने मुझे फोटो भेजी थी।


वरुण अंकल का लंड 6 इंच का था। वो मुझे पसंद आ गए थे। मैंने उन्हें मिलने के लिए हां कह दिया।


वो मेरे ही शहर रुद्रपुर में रहते हैं। वैसे वो दिल्ली के रहने वाले हैं लेकिन मेरे शहर रुद्रपुर में रहकर एक कंपनी में नौकरी करते हैं। वो यहां पर अकेले ही कंपनी के फ्लैट पर रहते हैं।


अंकल आए दिन किसी ना किसी को अपने रूम पर बुलाते थे और लौंडों की गांड की अच्छे से चुदाई करने का शौक रखते थे।


मैं तय दिन और समय पर उनके रूम पर पहुंच गया। जाते ही उन्होंने मुझे गले से लगा लिया और मेरी तारीफ की और कहा- तुम बहुत खूबसूरत हो! मैंने कहा- शुक्रिया वरुण अंकल, आप भी हैंडसम हो।


उन्होंने लाल टीशर्ट और नीचे शॉर्ट्स पहन रखा था।


मुझे अन्दर बुलाकर सोफे पर बैठने का इशारा किया और मेरे लिए पानी लेने चले गए।


मैंने हॉल में इधर-उधर देखा। बहुत सुंदर लग रहा था उनका रूम!


उन्होंने इतने में पानी का गिलास मुझे लाकर दिया। मैं पानी पीते हुए उनको देखने लगा।


वो मेरी तरफ ही देख रहे थे। उनके दिमाग में जरूर मुझे चोदने का विचार चल रहा था।


देखने में वो कहीं से भी बूढ़े नहीं लग रहे थे। एकदम गठीला शरीर था।


मैं भी मन ही मन सोच रहा था कि रंजन आज तो तेरी गान्ड की खैर नहीं। गांड साली बहुत मचलती है। आज असली चुदाई होगी।


मुझे ध्यान ही नहीं रहा कब पानी मेरे होंठों से नीचे गिरने लगा हुआ था।


जब गीलापन लगने लगा तो देखा मेरी शर्ट पर पानी फैल गया था। वरुण अंकल मेरी ओर तेजी से लपके- अरे-अरे .. तुम तो भीग गई जान!


उन्होंने मुझे लड़की की तरह संबोधित किया। मुझे अच्छा लगा, मैं कुलबुला उठा और मेरे अन्दर की औरत जाग गई।


मैंने कहा- हां अंकल, पता नहीं कहां खो गई थी मैं!


उनसे तौलिया मांगा मैंने तो उन्होंने मुझे अपनी बांहों में भर लिया। मैंने उन्हें समझाया- अभी रुको, कपड़े निकाल लूं, तब कर लेना जो करना है। उन्होंने कहा- एक दूसरे के कपड़े उतारने में मजा आता है और तभी प्यार जागता है, सेक्स और चुदाई का आभास होता है।


वो मेरी आंखों में देखने लगे और फिर हम दोनों के होंठ आपस में मिल गए। उनकी जीभ मेरे मुंह में चली गई और मैं भी उनके होंठों का रस चूसने लगा।


5 मिनट के बाद दोनों एक-दूसरे से अलग हुए।


मैंने कहा- एक सरप्राइज है… आपके लिए जानू! उन्होंने कहा- क्या बात है, दिखाओ! मैं खड़ा हो गया और उनसे मैंने मेरी शर्ट के बटन खोलने को कहा।


उन्होंने वैसा ही किया। मैं अंदर से एक पिंक ब्रा पहन कर आया था।


वो मुझे देखते ही रह गए। वो बोले- क्या गजब माल हाथ लगा है! अंकल लगातार मेरे हुस्न की तारीफ करते रहे, मेरे बदन पर हाथ फिराकर देखते रहे।


अंकल ने कहा कि मैं बिल्कुल एक लड़की जैसा ही हूं। उन्होंने कहा- कमाल हो … सेक्सी … वाह-वाह … कयामत! मैं शरमा गई और कहा- शुक्रिया जानू!


हम फिर से एक दूसरे को किस करने लगे और इस बार ये किस बहुत ही लंबा चला। जब किस का सिलसिला खत्म हुआ तो मैंने पानी मांगा।


तो वे समझ गए और कहने लगे कि खुद ही निकाल के पी लो बेबी।


मैं तुरंत ही घुटनों के बल बैठ गया और उनके शॉर्ट्स को नीचे खींच दिया। मैंने इसके साथ ही उनका कच्छा भी निकाल दिया।


अंडरवियर निकालते ही मेरे मुंह से निकल पड़ा- वाऊ! क्या मस्त लंड मेरी आंखों के सामने उछल के आया है! देखते ही गप से मैंने लंड को मुंह में भर लिया।


आह क्या टेस्ट था अंकल के लंड का! मैं तो अगले 15 मिनट तक चूसता रहा।


वो भी कभी मुंह को चोदते रहे तो कभी गोटियां चटवाते रहे। मैं उनका सुपारा चाटता रहा और लॉलीपोप की तरह चूसता रहा। मैं अपनी जीभ को लंड पर फिराता रहा।


अंकल का लंड चूसते चूसते मेरे बदन में मस्ती भर गई थी। फिर उन्होंने मुझे उठाया और किस किया और कहा- अब असली मजा करने का वक़्त है! उनको आंखों में वासना की लहरें साफ दिख रही थीं।


मैंने कहा- अब तुमने मेरे अंदर की औरत को जगा दिया। अपनी गुलाम बना लो, रण्डी बन कर चोदो मुझे! अब वो मुझे बेडरूम में ले गए और मुझे लिटा दिया और किस करने लगे।


कुछ पल बाद मैं पलट कर ऊपर आ गया और उनकी गोदी में बैठ गया। मैंने उनके सारे कपड़े उतार दिए और हम दोनों बेतहाशा एक दूसरे को किस करने लगे।


एक दूसरे से हम ऐसे लिपट रहे थे जैसे नाग-नागिन हों।


मैंने ऊपर ब्रा पहन रखी थी और नीचे जीन्स। वो मुझे ऊपर से चूमते हुए नीचे तक की तरफ जा रहे थे। मेरी नाभि को चूम रहे थे।


मैं आंखें बंद करके इस पल का भरपूर आनंद ले रहा था। अपने आप को अंकल के हवाले कर दिया था मैंने … मुझे लगने लगा था कि मैं उनकी पत्नी हूं और आज मेरी सुहागरात है।


काश ऐसा हो पाता कभी कि मैं सच में लड़की होता तो रोज़ अपनी चूत और गांड की चुदाई करवाता।


अब अंकल मेरी जीन्स पैंट का बटन खोलने लगे। और उनको एक और तोहफा मिला जब उन्होंने पाया कि मैंने नीचे पिंक कलर की पैंटी पहनी हुई है।


उन्होंने मुझे देखा तो मैंने इशारे में पूछा- कैसा लगा? तो वो बोले- तुम गजब सेक्सी माल हो! मैं कहा- अब मुझे भी तोहफा दो!


अंकल समझ गए और कहने लगे- अभी देता हूं जान!


अब उन्होंने पैंटी साइड की और मेरी गान्ड की दरार को अपनी उंगली से छूने लगे। इस हरकत से मैं तो जैसे बेचैन हो उठी और मचलने लगी।


मैंने सिसकारते हुए कहा- उफ्फ … अंकल, ऐसे मत तड़पाओ। डाल लो अपना मस्त लौड़ा मेरी मखमली गांड में! मुझे अपनी बना लो अंकल! मुझ पर अब एक अजब सा खुमार छा गया था, हवस मिटाने के लिए मैं लौड़ा मांग रहा था।


ऐसा लग रहा था कि बस इस पल जमकर मेरी गान्ड मारी जाए। वरुण अंकल- हां मेरी जान, पहले मेरा लौड़ा तो टाइट करो। चूस-चूसकर! मैंने उनको नीचे लिटाया और झुक कर अपने मुंह में उनका रसीला लौड़ा ले लिया।


मैं अपनी लार टपकाने लगा उनके लौड़े पर! थूक से पूरा गीला करने लगा उसे और मुंह में लेकर जोर जोर से चूसने लगा।


अंकल की तो मानो लॉटरी लग गई। वो जोर-जोर से कामवासना में लीन होकर आहें भरने लगे।


अब अंकल का लौड़ा पूरा तनकर खड़ा था। उनके लौड़े की नसें फटने को हो गईं थीं।


सख्त और हार्ड लौड़े पर आज मैं सवारी करने वाला था। मैं तो बहुत ही रोमांचित हो गया था।


अंकल ने मुझे औंधे मुंह लिटा दिया और मेरी पैंटी को साइड कर अपनी उंगली पर थूक लगा कर मेरी गांड की दरार पर घिसने लगे। मैं भी काम वासना में सीत्कार करने लगा- आह्ह … आईई … स्सस्स … ऊऊह ऊऊच आह्ह।


अब उन्होंने अपनी एक उंगली को मेरी गान्ड में डाल दिया। उंगली को वो धीरे-धीरे आगे-पीछे, अंदर-बाहर करने लगे।


मुझे तो मानो जन्नत का मजा आने लगा था। जब कोई आपको गान्ड में उंगली करे तो बहुत मजा आता है।


आप अगर एक बॉटम हैं तो अच्छे से मेरी बात समझ जाओगे।


वरुण अंकल अपनी उंगली का कमाल दिखाते रहे और मुझे जन्नत की सैर करवाते रहे। अब उन्होंने मेरी गान्ड पर अपना लौड़ा घिसना शुरू कर दिया।


शानदार … मजेदार पल था वो! मेरा रोम-रोम प्रफुल्लित हुआ जा रहा था।


तभी एक जोर का झटका मेरे शरीर को मिला और मानो मैं जन्नत से जमीन पर आ गया। मैंने जोर से चिल्लाया- आआआह आईईई … फट गई गांड!


दर्द के मारे मेरी आंखों में आंसू आ गए थे। मानो गान्ड में गरम सरिया डाल दिया हो।


मैंने किसी तरह खुद को संभाला और उनके लौड़े की चोट अपनी चिकनी गान्ड में सहता गया।


चूंकि मैंने चूसकर उनका लौड़ा गीला कर दिया था और उन्होंने मेरी गान्ड में उंगली से थूक लगा कर गांड के छेद को ढीला कर दिया था तो गांड ने लंड को जल्दी ही अपने अंदर समा लिया।


अब धीरे-धीरे मुझे मजा आने लगा। मैंने सिसकारते हुए कहा- आह … आह … आह जोर से और जोर से मारो मेरी गान्ड … साली गान्ड में बहुत खुजली होती है। मिटा दो सारी खुजली! मैं काम वासना में बड़बड़ाने लगा था।


वरुण अंकल- ले भैंचोद, और जोर से ले … कहकर वो तेज़ तेज़ मुझे चोदने लगे।


मैं औंधे मुंह लेटा हुआ उनके लौड़े को झेलता गया। अब वो बेड पर सीधा होकर लेट गए और उनका लौड़ा एकदम तनकर खड़ा था।


मैंने लंड मुंह में भर लिया ताकि वो थोड़ा गीला हो जाए और लौड़ा गान्ड में सटासट दौड़े। अब मैंने अपने मुंह से थोड़ा थूक निकाल कर अपनी गांड के छेद पर लगा लिया और अंकल के खड़े लौड़े पर गान्ड चौड़ी करके धीरे-धीरे बैठने लगा।


आह … क्या अहसास था। मैंने आंखें बंद कर लीं और फिर आराम आराम से मैं लौड़े को अपनी गान्ड में जाते हुए महसूस करने लगा।


अंकल भी जोर-जोर से सीत्कार करने लगे- आह्ह मेरी जान … आह्ह! वो मेरी ब्रा को भी ऊपर से मसल रहे थे।


अब मैंने अपनी कमर को तेज तेज चलाना शुरू कर दिया। तब कमरे में थप-थप की आवाज गूंजने लगी।


मैं अपनी गांड को अंकल के लौड़े पर उठा-उठाकर मार रहा था। वरुण अंकल बोले- तुम तो पूरी रण्डी हो … साली कुतिया, भरपूर मजे देती हो।


मैंने कहा- जानू तुम्हारा लौड़ा बहुत मस्त है। मन कर रहा है इसको ऐसे ही जीवन भर गान्ड में लिए उछलता रहूं। वरुण अंकल- तो ले ना मादरचोद, रण्डी … तेरे लिए ही है साली ये लौड़ा … ले चुदाई का मजा … आह्ह और ले।


वो कहते गए और नीचे से मुझे तेजी से ठोकने लगे।


इस बीच उन्होंने मेरा सिर पकड़ कर अपनी ओर खींचा और मुझे किस करने लगे और नीचे से मेरी गान्ड में अपना लौड़ा तेज़-तेज़ पेलने लगे। वो आज अपना पूरा एक्स्पीरियंस दिखा रहे थे।


अंकल के लंड की चुदाई से मेरा तो रोम-रोम खुल रहा था।


अब अंकल ने मुझे घोड़ी बनने के लिए कहा और मैं तपाक से घोड़ी बन गया। अपनी गान्ड हिला कर अंकल को गान्ड में जल्दी लौड़ा पेलने के लिए निमंत्रण देने लगा।


अभी तक वो मेरी चुदाई पैंटी को साइड में करके कर रहे थे। लेकिन अब पीछे से अंकल ने पैंटी को सरका दिया और मेरे घुटनों तक खिसका दिया। उन्होंने मेरी गान्ड में सटाक से अपना मोटा लौड़ा डाल दिया।


अब मुझे दर्द नहीं हुआ। उनके लौड़े पर कूदकर मेरी गान्ड की मोरी खुल गई थी।


अंकल मेरी गान्ड को पकड़ कर जोर-जोर से अपना लौड़ा अंदर पेलने लगे। मैं भी जवाब में पीछे अपनी गान्ड को धकेल देता था।


बहुत खूबसूरत पल था। वो मेरी गान्ड की अच्छे से सेवा कर रहे थे।


मैंने कहा- और तेज़ … और तेज़ … अंदर तक पेलो। वरुण अंकल- ले हरामी गांडू … ले मेरा लौड़ा अन्दर तक!


कहते-कहते अंकल मेरी गान्ड को जोर-जोर से पेलने लगे। उनका लौड़ा तो बहुत मजा दे रहा था।


वो मेरे कूल्हे पर थप्पड़ मारने लगे और इस बीच वो कहने लगे कि उनका होने ही वाला है।


वो बोले- लौड़े का रस मुंह में लेगी या गांड में? मैंने कहा- अभी गान्ड में डाल दो … गान्ड की प्यास बुझा दो! लगभग 25 मिनट तक अलग-अलग मुद्रा में चुदाई करने के बाद अब अंकल मेरी गान्ड में झड़ने लगे।


वो झड़ रहे थे और हल्के-हल्के मेरी गांड में लौड़ा चला रहे थे। उनके लौड़े का पानी मेरी गांड में गिरता हुआ मुझे महसूस हो रहा था।


क्या गजब अहसास था, मानो बंजर जमीन पर बादल बरस रहा हो।


उन्होंने झड़ने के बाद भी 8-10 धक्के और लगा दिए। फिर वो एक तरफ हो गए।


गांड चुदाई के बाद उन्होंने सिगरेट सुलगा ली।


चुदाई से मस्त होकर मैं उनकी बांहों में आ गया, हम दोनों लिपट गए। मैं उनके निप्पल को चूसने लगा।


वरुण अंकल- अभी मन नहीं भरा क्या जान? मैंने कहा- जानू, मेरी लुल्ली का रस तो निकला नहीं अब तक, कैसे शांत हो जाऊं! वरुण अंकल- तो अभी कर देता हूं जान!


मैंने वरुण अंकल के होंठ चूमते हुए कहा- मेरी एक फैंटेसी है, क्या पूरा कर दोगे आप? उन्होंने मेरी सेक्स फैंटेसी को पूरा करने के लिए हां कह दिया। फिर वो मुस्कराकर मुझे किस करने लगे। बहुत खूबसूरत अहसास था उस वक्त!


अभी इस कहानी को यहीं तक खत्म कर रहा हूं दोस्तो!


आप मुझे बताएं कि आपको Xxx गांड पोर्न कहानी कैसी लगी, और बताएं कि क्या अंकल ने दोबारा मेरी गांड मारी होगी? उन्होंने मेरी सेक्स फैंटेसी कैसे पूरी की, जल्द ही अगली कहानी में आपको बताऊंगा। मेरा ईमेल आईडी है [email protected]


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