पति के तीन दोस्त और मैं अकेली

राजेश शर्मा 2

29-01-2021

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दोस्त की बीवी की चुदाई कहानी में पढ़ें कि मुझे अकेली को ही एक शादी में जाना पड़ा. वहां मेरे पति के तीन दोस्त मिल गये. वे रात को मेरे घर कैसे आए?


लेखक की पिछली कहानी: ससुर जी का लंड लिया प्यासी चूत में


दोस्तो, मेरा नाम प्रिया है. मेरी शादी हो चुकी है और मेरे पति बिज़नेस करते हैं. वो व्यापार के सिलसिले में बाहर आते जाते रहते हैं.


एक बार ऐेसे ही उनको बाहर जाना पड़ा. वो दो दिन के लिए गये थे. उसी दिन के लिए हमारे पास एक शादी का आमंत्रण आया हुआ था. हमें शादी में जाना था लेकिन पति ने कह दिया कि मुझे बाहर जाना जरूरी है और शादी में नहीं जा पायेंगे.


फिर उन्होंने कहा कि मैं ही शादी में चली जाऊं.


वो सुबह ही निकल गये थे और मुझे शाम को अकेली ही जाना पड़ा. मैं तैयार होकर शादी में पहुंची.


उस रात मैंने ब्लू साड़ी और ब्लैक ब्लाउज़ पहना था. ब्लाउज़ बैकलेस था और सामने डीप कट था जिससे मेरी क्लीवेज कुछ ज्यादा ही दिख रही थी. उस छोटे ब्लाउज में मेरे बूब्स जैसे बाहर ही निकल कर आने वाले थे.


मैं एक कोने में खड़ी हुई थी लेकिन फिर भी आते जाते लोग मुझे घूर रहे थे. लग रहा था कि जैसे मेरे बदन को चिकन पीस समझ रहे हों और बस कच्चा चबा जाने की इंतजार में हों.


दोस्त की बीवी की चुदाई की इस कहानी को लड़की की वासना भरी आवाज में सुनें.


शादी में मेरी पहचान की कोई लेडी नहीं दिख रही थी मुझे. मैं थोड़ा बोर हो रही थी.


फिर अचानक मेरे पति के एक दोस्त राज मेरे पास आ गये. वो बोले- भाभी, आपके साथ भाईसाहब नहीं आये क्या?


मैंने मना कर दिया और कहा कि उनको काम के सिलसिले में जाना पड़ा. यहां आना भी जरूरी था इसलिए मुझे शादी में भेज दिया. मैं अकेली ही आई हूं.


राज को देखकर उनके दो अन्य दोस्त परम और जय भी आ गये. उन दोनों के बारे में भी मैं जानती थी. राज तो कई बार आ चुका था हमारे घर लेकिन परम और जय तीन चार बार ही आये थे. मगर उन लोगों के साथ में मेरे पति कई बार हमारे घर में ही ड्रिंक कर चुके थे.


एक बार तो मैं भी उनके साथ ड्रिंक कर चुकी थी. फिर हम चारों वहीं खड़े होकर बातें करने लगे. हमें फिर शादी की पार्टी से ज्यादा मतलब नहीं रहा. हम आपस में ही बातें करने लगे.


बातों में ही परम ने कहा- यार यहां कुछ मजा तो आ नहीं रहा. इससे अच्छा है हम कहीं अपनी ही पार्टी कर लें. राज बोला- तू भाभी के घर की बात तो नहीं कर रहा? परम बोला- हां, सही समझा तूने. भाभी भी यहां बोर रही होंगी. उसने मेरी ओर देखते हुए पूछा.


मैंने भी कह दिया- मैं तो बहुत टाइम से अकेली खड़ी हुई बोर हो रही थी. आप लोग आये तो थोड़ा मन लग रहा है. फिर जय भी बोला- तो फिर हम घर जाकर ही इंजॉय करते हैं.


उनके कहने पर मैंने घड़ी में टाइम देखा तो रात के 10 बज रहे थे. फिर सभी ने वहां से हमारे घर चलने का प्लान किया. मैं उन लोगों के साथ गाड़ी में बैठकर आ गयी.


मैं आगे बैठी थी और राज गाड़ी चला रहा था. उसकी नजर बार बार मेरी क्लीवेज पर ही जा रही थी जो मैं जानती थी क्योंकि वो घर में मेरी चूचियों को ताड़ा करता था.


यहां तक कि परम और जय भी शादी की पार्टी में मेरी चूचियों में ही झांक रहे थे.


हम लोग अपने घर आ गये. अंदर आकर वो लोग हॉल में बैठे और मैं सबके लिये बोतल निकाल लायी. मेरे पति घर में हर वक्त शराब उपलब्ध रखते थे.


मैं किचन से गिलास और चखना भी ले आयी. मैं तीन गिलास लायी तो वो जिद करने लगे.


राज बोला- भाभी, आप नहीं पिओगी? मैंने मना कर दिया. परम बोला- नहीं भाभी, आप अकेले बैठे रहोगे, ऐसे अच्छा नहीं लगेगा.


फिर वो तीनों ही जिद करने लगे और फिर मैं भी अपने लिये एक गिलास ले आयी.


राज ने सबके लिए पैग बना दिये. हम चारों बातें करते हुए पीने लगे.


उन तीनों की नजर बार बार मेरी चूचियों और मेरे बदन के बाकी हिस्से पर जा रही थी. मैं भी मस्ती के मूड में थी लेकिन मैं शुरूआत नहीं करना चाह रही थी.


जब हमने दो दो पैग लगा लिये तो सबको हल्का हल्का मजा आने लगा. अब सुरूर बनने लगा था.


फिर राज ने कहा- भाभी, हल्का म्यूजिक भी बजा लो. मैंने उठकर स्पीकर ऑन कर दिया और हल्का म्यूजिक चला दिया.


कुछ देर के बाद तीसरा पैग भी खत्म हो चुका था. अब हमारी नजरें आपस में एक दूसरे को बार बार देख रही थीं.


पांच दस मिनट के बाद राज खड़ा हो गया और म्यूजिक पर झूमने लगा. उसको देखकर जय और परम भी उसका साथ देने लगे. मैं नीचे बैठी हुई उन तीनों को देख रही थी.


वो तीनों मुस्करा रहे थे और मैं भी उनको देखकर मुस्करा रही थी. फिर वो मुझे भी उनका साथ देने के लिए कहने लगे. मैं मना करने लगी. मगर वो तीनों मुझे बुलाते रहे.


फिर राज मेरे पास आया और बोला- चलो न भाभी, बहुत मजा आयेगा. मैं जानती थी कि ये लोग किस मजे की बात कर रहे हैं.


फिर मैं उठकर उनके साथ ही झूमने लगी. अब राज ने मेरे हाथों को अपने हाथ में लिया और हम लोग एक कपल की तरह डांस करने लगे.


ऐसे ही बारी बारी से मैं एक के बाद एक तीनों के पास ही डांस कर रही थी.


मुझे अब मस्ती चढ़ने लगी थी. एक तो शराब का सुरूर था और दूसरा तीन तीन मर्द मेरे साथ रात में अकेले थे.


धीरे धीरे डांस करते हुए वो मेरे बदन को छूने लगे. राज के हाथ मेरी कमर पर थे. वो डांस के बहाने से मेरी कमर को सहला रहा था. उसके सख्त हाथों से मुझ पर जादू सा होता जा रहा था.


इसी तरह जय ने मेरी पीठ को सहलाया.


परम के पास गयी तो उसने मेरी गांड को साड़ी के ऊपर से सहलाना शुरू कर दिया.


इसी तरह मौका पाकर वो तीनों मेरे पास आ गये और तीनों एक साथ ही मेरे बदन पर हाथ फिराने लगे.


मेरी साड़ी का पल्लू गिर चुका था और मैं अब खुद चाह रही थी कि वो मेरी चूचियों की घाटी के खुलकर दर्शन करें.


राज के हाथ मेरी चूचियों के बगल में आ गये और वो उनको धीरे धीरे छूने लगा था. डांस के बहाने फिर वे मेरे पूरे शरीर को मसलने लगे.


एक टाइम ऐसा आया कि राज ने मुझे पीछे से पकड़ लिया और मेरी गांड पर अपना लंड सटा दिया.


फिर जय और परम सामने से मेरे हाथों को सहलाने लगे. अब उनके हाथ बेझिझक मेरे बदन को मसलने लगे थे.


हम चारों पर ही सुरूर चढ़ गया था और सेक्स भी चढ़ता जा रहा था.


धीरे धीरे करते करते डांस के दौरान तीनों ने मेरी साड़ी को मुझसे अलग कर दिया. तो अब मैं सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में थी.


अब हम सब बैठ गये और फिर से एक एक पैग लगा लिया. नशा अपने पूरे शवाब पर था.


जय बोला- आप बहुत हॉट हो भाभी. परम और राज ने भी यही कहा. फिर राज बोला- मगर आपका फिगर हमें समझ नहीं आता. हम आपको बिना कपड़ों के देखेंगे.


इतना कहकर राज उठा और मेरे ब्लाउज का बटन खोलने लगा. जय ने मेरे पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया. फिर मेरा हाथ पकड़कर सोफे पर बैठ गया और मुझे अपने उपर बैठा लिया.


मैं अब उसके कड़क लन्ड को अपनी गांड पर महसूस कर रही थी.


इतने में जय आया और ज़मीन पर घुटनों के बल बैठकर मेरे पेट पर हाथ फिराने लगा और राज ने सोफे पर बैठ कर मेरे लिप्स और चेहरे को उंगलियों से सहलाना शुरू कर दिया.


मस्ती में होकर मैं बोली- तुम लोग बहुत शरारती हो गये हो. तुम्हारी शिकायत तुम्हारे भाईसाहब से करनी होगी. वो बोले- जब शिकायत करनी ही है तो फिर अपना काम तो पूरा करके ही जायेंगे.


ये कहकर वो तीनों मेरे बूब्स पर टूट पड़े और बारी बारी से मेरे बूब्स को दबाने लगा. मेरे बूब्स दबाते हुए वो मुझे बारी बारी किस करने की कोशिश कर रहे थे.


मेरी सिसकारियां निकलने लगीं.


कभी राज के होंठ मेरे होंठों को चूसते तो कभी जय के होंठों मेरे होंठों पर आकर टिक जाते. फिर परम मेरे चूचों को दबाते हुए मेरे होंठों को किस करता.


इस तरह से मैं तीनों के सामने अपनी जवानी को परोस रही थी और वो तीनों उसका पूरा मजा चख रहे थे.


मुझे पता था कि अब मैं तीन तीन मर्दों से चुदने वाली हूं, ये मुझे चोदे बिना नहीं जायेंगे. उसके लिए मुझे खुद को दिमागी रूप से तैयार करना था इसलिए मैंने जय को एक और पैग बनाने के लिए कह दिया.


जय ने मुझे एक हैवी पैग पिला दिया. अब मैं पूरी नशे में थी और बहुत ज्यादा मदहोश हो रही थी.


मेरे बदन पर मेरी काली ब्रा और पैंटी बची थी और अपने गोरे रंग पर उस काली ब्रा और पैंटी में मैं किसी रंडी से कम नहीं लग रही थी जो तीन तीन मर्दों का एक साथ मनोरंजन करने वाली थी.


तीनों मेरे जिस्म को नोच रहे थे. मैं बोली- सिर्फ मेरे ही कपड़े उतारोगे या खुद के भी उतारोगे?


मेरे कहते ही तीनों ने जल्दी से उठकर अपने पूरे कपड़े उतार दिये और फिर राज खड़े खड़े मुझे किस करने लगा. जय ने मेरी ब्रा की स्ट्रैप खोल दी.


परम ने मेरी चड्डी दी उतार दी. मैं उनके सामने पूरी नंगी थी.


वो मुझ पर झपटने लगे तो मैं बोली- यहां नहीं, अंदर बेडरूम में चलते हैं. फिर राज ने मुझे उठाया और लेकर चलने लगा. मैं नंगी ही उसकी बांहों में थी और वो चलते हुए मेरी चूचियों को मुंह में लेने की कोशिश कर रहा था.


परम मेरी चूचियों को दबा रहा था और जय नीचे से मेरी गांड के छेद को सहला रहा था.


राज ने अंदर लाकर मुझे बेडरूम के बेड पर बिठा दिया; जय मेरे पीछे आकर बैठ गया और पीछे से मेरे बूब्स दबाने लगा. अब राज ने मेरी चूत को चाटना शुरू कर दिया. परम साइड में बैठकर मेरे होंठों को चूसने लगा.


कुछ देर तक ऐसा ही चलता रहा. अब मेरी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था.


मैं बोली- जल्दी करो अब, मेरा बहुत मन कर रहा है सेक्स करने का.


फिर परम लेट गया. लेटकर उसने मुझे उसके ऊपर आने के लिए कहा.


मैं जल्दी से उठकर परम के ऊपर बैठ गयी. फिर उसने अपने खड़े लंड को हाथ में लिया और मुझे उठकर उस पर बैठने को कहा.


अपनी गांड मैंने ऊपर उठाई और परम के लंड पर चूत को रखकर धीरे से बैठ गयी. उसका लंड मेरी चूत में उतर गया और मेरे मुंह से एक तेज आह्ह … निकल गयी. मुझे मजा आ गया.


परम का लंड लेकर मैं उछलने लगी तो राज ने मुझे रोक लिया. उसने मुझे थोड़ा आगे झुकने को कहा. मैं झुकी तो वो मेरी गांड पर थूक लगाने लगा. फिर उसने अपने लंड का टोपा मेरी गांड के छेद पर रखा और मेरी गांड में लंड घुसा दिया.


मुझे दर्द हुआ तो मेरी चीख निकल गयी. मेरी चूत में पहले से ही परम का लंड था और अब गांड में राज का लंड घुस गया. मैं दर्द में आवाजें करने लगी तो जय ने परम के ऊपर घुटनों के बल होकर मेरे मुंह में लंड डाल दिया.


अब राज धक्के लगाने लगा और उसी धक्के के साथ मेरी चूत में परम का लंड और मुंह में जय का लंड अंदर बाहर होने लगा. मैं पूरे नशे में थी शराब के भी और वासना के भी …


और तीन तीन लंड लेकर मैं बहुत उत्तेजित होने लगी. इतना मुझे कभी नहीं मिला था पहले. हर तरफ मुझे लंड ही लंड लेने का अहसास हो रहा था. मेरे तीनों छेद भर गये थे.


फिर वो मेरी चूचियों के साथ खेलने लगे; मेरी गांड पर चमाट मारने लगे.


मैं मस्ती में चुदने लगी और चुदाई का पूरा मजा लेने लगी. मैं गूं … गूं के अलावा कोई आवाज नहीं निकाल पा रही थी. जबकि उन तीनों के मुंह से आह्ह … आह्ह … सेक्सी भाभी … आह्ह तेरी चूत … आह्ह … चुदो भाभी … ओह्ह … क्या माल है … आह्ह … फाड़ देंगे आज … इस तरह की आवाजें आ रही थीं.


कुछ देर के बाद फिर राज ने मेरी गांड से अपना लंड निकाल लिया. अब जय पीछे आ गया और राज आगे. जय ने पोजीशन ले ली और मेरी गांड में लंड पेल दिया. राज मेरे मुंह में लंड को चुसवाने लगा.


फिर राज आया और परम को नीचे से हटने के लिये कहा. अब परम उठा और राज नीचे लेट गया. उसने मेरी चूत में लंड दिया और परम मेरे मुंह को चोदने लगा.


काफी देर तक इसी तरह मैं चुदती रही. बार बार लंड छेद से निकाल लेने से वे तीनों झड़ नहीं रहे थे.


अब जय बोला- मुझे भी भाभी की चूत चुदाई करनी है. सिर्फ तुम दोनों ही मजे ले रहे हो.


उसके कहने पर राज नीचे से हटा और जय ने मेरी चूत में लंड दे दिया. फिर परम ने मेरी गांड में लंड डाल लिया और राज मुंह को चोदने लगा.


इस तरह से उन तीनों ने अपनी अपनी पोजीशन बदल बदलकर मेरे तीनों छेदों को चोदा.


मैं अब बदहवास हो गयी थी. मेरी चूचियां और चूतड़ दर्द कर रहे थे. चूत और गांड का तो मुझे पता ही नहीं चल रहा था कि क्या हाल हो गया है.


फिर आधे घंटे तक चोदने के बाद तीनों ने बारी बारी से अपना पानी मेरी चूत में छोड़ा.


ग्रुप चुदाई होने के बाद हमने कुछ देर तक आराम किया.


फिर उन तीनों ने फिर से मेरे जिस्म को छेड़ना शुरू कर दिया. उनके लंड थोड़ी देर में फिर से तन गये. मैंने उन तीनों के लंड बारी बारी से चूसे.


अब तीनों ने अलग अलग आकर फिर से मेरी चूत चुदाई की.


मैं तीनों से अलग अलग चुदकर बिल्कुल थक गयी. मेरा पूरा बदन टूटने लगा था. वो तीनों दारू पीते रहे और मुझे चोदते रहे. सुबह के चार बजे तक चुदाई चलती रही.


उसके बाद हम सो गये.


फिर सुबह के सात बजे उठे और एक बार फिर से वो शुरू हो गये.


एक रात में मैं तीन लंड से तीन तीन बार चुद गयी. अब मेरी हालत चलने लायक भी नहीं बची.


फिर वो मुझे नंगी बेड में छोड़कर तैयार हुए और अपने अपने घर चले गये.


मेरी उठने की हिम्मत नहीं थी इसलिए मैं लेटी ही रही. मैं दोबारा से सो गयी और शाम के 4 बजे उठी.


जब मैं उठी तो मेरी चूत और गांड बहुत दर्द कर रही थी. मगर मुझे पति के दोस्तों से चूत और गांड चुदाई करवाने में बहुत मजा आया.


उसके बाद कई बार उन्होंने कभी एक साथ दो करके और कभी तीनों ने मिलकर अपने दोस्त की बीवी को चोदा.


आपको मेरी ग्रुप सेक्स की ये स्टोरी कैसी लगी मुझे जरूर लिखना. अपनी चुदाई की और भी कहानियां मैं आपके लिए लेकर आऊंगी.


दोस्त की बीवी को चोदाई कहानी पर राय देने के लिए आप कमेंट्स में लिखें. कहानी के बारे में कुछ पूछना चाहते हैं तो नीचे दी गयी ईमेल पर संदेश भेजें. [email protected]


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