चुदाई की लत ने रंडी बना दिया- 6

फेहमिना इक़बाल

18-03-2022

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हार्डकोर गैंगबैंग सेक्स कहानी में पढ़ें कि मैं पैसों के लालच के साथ वासना के वशीभूत होकर एक साथ 5 मर्दों से चुद गयी. उन्होंने मेरे साथ डर्टी सेक्स किया.


यह कहानी सुनें.


कहानी के पांचवें भाग मोटी कमाई का मौक़ा मिला पर … में आपने पढ़ा कि मैं पैसों के लालच और वासना में अंधी होकर एक साथ 5 मर्दों से चुदने आ गयी थी.


अब आगे हार्डकोर गैंगबैंग सेक्स कहानी:


इधर पम्मी ने मेरे पीछे जाकर मेरे बूब्स पकड़ लिए और दबाने लगा. राजेश मेरे आगे आकर मुझे किस करने लगा तो मैंने भी उसके किस का जवाब देना शुरू कर दिया.


फिर वो चारों उठकर मेरे पास आ गए और सबने मुझे चारों तरफ से घेर लिया और मेरे जिस्म को छूने की कोशिश करने लगे.


मैंने सबको कहा- जाकर अपनी जगह बैठ जाओ. आज तुम सबको एक साथ जन्नत की सैर करवाऊंगी. मेरी बात सुनकर सुनील सबको वापस जगह पर ले गया. क्यूँकि वो और नीरज जानते थे कि मैं कैसे जन्नत की सैर करवाती हूँ.


वो सब अपनी जगह बैठ गये.


मैंने नाचना शुरू कर दिया और नाचते हुए अपना गाउन उतार दिया. अब मैं उनके सामने नीली ब्रा और पैंटी में थी।


मुझे ब्रा और पैंटी में देखकर उन सबके लंड पैन्ट फाड़कर बाहर आने को तैयार बैठे थे


फिर मैं बल्लू के पास चली गयी क्यूँकि मुझे उन सभी में सिर्फ बल्लू का शरीर ही पसंद आया था. मैं बल्लू के सामने घुटनों के बल बैठ गयी और उसके पैन्ट की जिप खोल कर उसका लंड बाहर निकाल लिया.


उसका लंड सच में बहुत बड़ा था, लगभग 7 इन्च का था और मोटा भी बहुत था. ऐसा लंड देखकर मेरी गांड फट गयी. लेकिन फिर भी मैं उसका लंड सहलाने लगी.


उसके बराबर में बैठे पम्मी का भी लंड मैंने बाहर निकाल लिया. उसका लंड सामान्य आकर का था.


ऐसे धीरे धीरे मैंने सबको नंगा कर दिया. उन सबके लंड सामान्य आकार के ही थे मगर उन सभी में बल्लू का लंड सबसे मोटा था. मैं उन सबके बीच घुटनों के बल बैठी हुई थी और वो सभी मेरे चारो तरफ खड़े होकर अपने अपने लंड सहलाने लगे.


मुझे उस दिन सच में यह अहसास हुआ कि मैं किसी ब्लू फिल्म की रंडी हूँ।


अब सबने अपने अपने लंड मेरे मुंह में देने शुरू कर दिए और मेरे मुंह को चोदने लगे.


तभी पता नही किसी ने मेरी ब्रा उतार दी. मुझे पता ही नहीं चला कि किसने मेरी ब्रा उतारी थी. मेरी ब्रा अब जमीन पर पड़ी थी और दो हाथ मेरे बूब्स पर चल रहे थे.


तभी राजेश ने नीचे बैठकर मेरे बूब्स चूसने शुरु कर दिए. मेरे मुंह में अवधेश का लंड था.


फिर उन सबने मुझे उठाया और मेरी पैंटी भी मेरे जिस्म से अलग कर दी. अब मैं उन सबके सामने पूरी तरह से नंगी थी.


वो सब मेरे जिस्म को सहला कम, नोच ज्यादा रहे थे जैसे मैं उनके लिए कोई खेलने वाली गुड़िया थी.


तभी बल्लू ने मुझे गोद में उठा लिया और मुझे कमरे में ले जाने लगा. उसने सबसे बोला कि पहले इस रंडी को मैं अकेला चोदूँगा.


तो बाकी सब लोग वहीं बैठ गये और बल्लू मुझे कमरे ले गया.


कमरे में जाते ही उसने मुझे बिस्तर पर पटक दिया और मेरे ऊपर आकर मुझे किस करने लगा. मैं उसका पूरा साथ दे रही थी.


बल्लू का शरीर बहुत चौड़ा था और वो इस उम्र में भी एकदम फिट था मैं तो उसके सामने किसी बच्ची की तरह लग रही थी.


तभी बल्लू ने मुझे बाल से पकड़कर उठाया और मेरे मुंह में लंड डाल दिया और धक्के देने लगा. उसका लंड मेरे मुख में पूरा नहीं आ रहा था मगर फिर भी वो ज्यादा से ज्यादा लंड मेरे मुंह में डालना चाहता था.


मुझे सांस लेने में परेशानी हो रही थी तो बल्लू बीच बीच में लंड बाहर निकाल लेता और फिर से मुंह में डाल देता.


उसने मुझे अपने से दूर किया और खुद बिस्तर से नीचे उतरकर खड़ा हो गया.


फिर उसने मुझे अपने पास बुलाया और मुझे उल्टा करके अपने गोदी में ले लिया मतलब वो खड़ा होकर मुझे 69 की पोजीशन में ले आया. वो मेरी चूत चाट रहा था और मैं उसका लंड चूस रही थी.


बीच बीच में वो मेरे चूतड़ों पर काट भी रहा था.


5 मिनट ऐसे करने के बाद उसने मुझे जमीन पर उतार दिया और मुझे बिस्तर पर हाथ रखकर घोड़ी बनने को बोला.


मैं उसके कहे अनुसार बिस्तर पर हाथ रखकर घोड़ी बन गयी. बल्लू ने अपना लंड पकड़कर मेरी चूत में सहलाना शुरू कर दिया.


फिर उसने एक झटके में मेरी चूत में अपना मोटा लंड डाल दिया जिससे मेरी बहुत जोर की चीख निकली.


उस दिन ऐसा लगा कि जैसे मेरी पहली बार चुदाई हो रही थी. मैं बस ‘आआह्हा आअह आऐई ईईईईइ … अम्मी मर गयी … बहनचोद आह्ह्हह्ह फट गयी मेरी चूत … आअह्ह!’ ऐसे चीख रही थी.


तभी बल्लू ने मेरे बाल पकड़कर मेरी चूत में जोर जोर से झटके देने शुरू कर दिए. मैं बस उसे धीरे धीरे करने को कहने लगी.


मगर वो मुझे किसी रंडी की तरह की चोदने में लगा हुआ था. उसकी चुदाई की स्पीड देखकर मैं भौचक्की रह गयी कि एक 50 साल का आदमी इतनी जोशीले तरीके से कैसे चुदाई कर सकता है.


लेकिन मेरी इस सोच पर बल्लू ने मूत दिया और मुझे जोर जोर से चोदना जरी रखा. अब वो मेरे कंधे पकड़कर मेरी चुदाई कर रहा था जिससे उसका लंड मेरी बच्चेदानी में चोट मार रहा था.


थोड़ी देर दर्द झेलने के बाद मैंने आत्मसमर्पण कर दिया क्यूँकि मेरे पास और कोई रास्ता भी नहीं था.


बल्लू मुझे बहुत बेरहमी के साथ चोद रहा था. लेकिन थोड़ी देर बाद मुझे उसकी चुदाई से मज़ा आने लगा.


फिर बल्लू ने मेरी 1 टांग बिस्तर पर रख दी जिससे मेरी चूत का छेद ज्यादा नुमाया हो गया. तब उसने मेरी चूत में लंड डालकर मेरी चुदाई शुरू कर दी.


बल्लू ने लगभग 15 मिनट तक मेरी इसे पोजीशन में चुदाई की. जब वो थक गया तो वो जाकर बिस्तर पर लेट गया.


उसने मुझे अपने पास बुलाया और अपने लंड पर बैठा लिया और मुझे लेटे लेटे ही चोदने लगा. अब मुझे भी मज़ा आ रहा था तो मैं भी उचक उचक कर उसका साथ दे रही थी.


फिर उसने मुझे अपने से चिपका लिया और तेज तेज धक्के मारने लगा. इस बीच मैं 2 बार झड चुकी थी तो मेरी चूत में अब दर्द भी हो रहा था.


मगर बल्लू को तो जैसे कोई फर्क ही नहीं पड़ रहा था मेरे दर्द से!


वो मेरी चुदाई में लगा रहा.


फिर लगभग 2 मिनट बाद बल्लू के धक्के और तेज हो गए. उसका शरीर अकड़ने लगा तो मैं समझ गयी कि वो अब झड़ने वाला है.


तभी मुझे मेरी चूत में कुछ गर्म चीज़ महूसस हुई तो मैं समझ गयी कि बल्लू मेरी चूत में झड़ चुका है.


थोड़ी देर तक मैं उसके ऊपर ऐसे ही लेटी रही. फिर मैं बाथरूम गयी और अपनी चूत से जितना पानी बाहर निकाल सकती थी, निकाल दिया.


तब मैं बाथरूम में बैठकर नहाने लगी. तभी बाकी के 5 लोग कमरे में आ चुके थे, मुझे उनकी आवाज आ रही थी. तभी वो मुझे देखते हुए बाथरूम में आ गये तो मैंने देखा वो 5 लोग नंगे थे और मेरी चुदाई को तड़प रहे थे.


मगर मेरी चूत बल्लू की चुदाई से ही जवाब दे चुकी थी. अब मेरी चूत में मैं किसी और का लंड नहीं ले सकती थी मगर उन्हें मेरे दर्द से कोई मतलब नहीं था.


आज मैं उनके लिए सिर्फ एक रंडी थी जिसे उनकी प्यास किसी भी कीमत पर बुझानी थी.


तभी मैंने देखा कि सुनील ने बाकी लोगों के कान में कुछ कहा. तो सबने सुनील की तरफ हैरानी से देखा और हंसने लगे.


फिर सबने मुझे चारों तरफ से घेर लिया. मैं अभी भी नीचे बैठी हुई थी.


तभी सबने लंड सहलाना बंद कर दिया और लंड को मेरी तरह कर दिया. मैं समझ गयी कि अब ये सब मेरे ऊपर मूतना शुरू करने वाले हैं. तो मैं भी स्माइल करने लगी और बूब्स हाथ में पकड़कर ऊपर उठा दिए और उन्हें मेरे बूब्स पर मूतने का इशारा कर दिया.


सबसे पहले प्रमोद की धार निकली. उसकी धार सीधे मेरे मुंह पर आ कर गिरी तो मैंने अपना मुंह पीछे कर लिया.


फिर अवधेश और राजेश ने भी मूतना शुरू कर दिया. इधर नीरज मेरे बालों में मूतने लगा. सुनील मेरे कंधों पर मूत रहा था.


मतलब अब मैं नीचे बैठकर सबके मूत से पूरी तरह से नहा चुकी थी.


फिर सुनील नीचे बैठकर मेरी चूत चाटने लगा तो मैंने भी उसके मुंह में मूतना शुरू कर दिया. जिसे देखकर नीरज ने सुनील को हटा दिया और खुद मेरी चूत के नीचे बैठकर मेरी चूत से निकल रहा मूत पीने लगा.


अवधेश और प्रमोद और राजेश आँखें फाड़कर नीरज और सुनील को देख रहे थे कि कैसे वो दोनों मेरा मूत पी रहे हैं.


तभी प्रमोद ने हाथ नीचे मेरी चूत में ले जाकर मेरे मूत को हाथ में ले लिया और पीने लगा. अवधेश ने अपना लंड मेरे मुंह में डाल दिया और झटके देने लगा.


अब धीरे धीरे सबके लंड दोबारा खड़े होने शुरू हो गए तो सबके मुझे एक साथ गोद में उठा लिया और बाहर हॉल में ले आये. फिर प्रमोद ने मुझे नीचे बैठा दिया और लंड मेरे मुंह में डाल दिया और झटके देने लगा.


कभी मैं प्रमोद का लंड चूसती तो कभी राजेश और अवधेश का लंड मेरे मुंह में होता. मैं एक पक्की रंडी बन चुकी थी और रंडी की तरह ही सबके लंड चूस रही थी.


फिर सुनील ने मुझे घोड़ी बना दिया और पीछे से मेरी चूत में लंड डाल दिया और झटके देने लगा. वो मेरे बाल पकड़कर मुझे चोद रहा था.


आगे से अवधेश का लंड मेरे मुंह में था जिसे मैं पूरी शिद्दत से चूस रही थी. प्रमोद और राजेश दोनों मेरे एक एक उरोज चूस रहे थे.


5 मिनट चोदने के बाद प्रमोद ने जगह ले ली और मेरी चूत चाटने लगा. फिर उसने एक झटके में लंड मेर चूत में उतार दिया.


मेरी हल्की सी अआहह निकली.


फिर प्रमोद ने मुझे चोदना शुरू कर दिया. राजेश ने मुझे प्रमोद के ऊपर बैठा दिया अब प्रमोद का लंड मेरी चूत में था और राजेश अपना लंड मेरी गांड में देने को तैयार था.


अवधेश ने अपना लंड मेरे मुंह में दे दिया.


यह पहला मौका था जब मेरे तीनों छेदों में लंड था. मेरे दोनों बूब्स पर सुनील और नीरज ने कब्ज़ा जमा रखा था. वो पांचों मुझे कुतिया की तरह नोच रहे थे.


मुझे दर्द भी बहुत हो रहा था मगर मैं कुछ कर नहीं सकती थी तो मैंने आत्मसमर्पण कर दिया था और बस इस दर्द में मज़ा ढूंढने लगी.


राजेश मेरी गांड चुदाई बहुत तेज कर रहा था. थोड़ी देर बाद राजेश के झटके तेज हो गए और वो मेरी गांड में ही झड़ गया.


अब अवधेश ने राजेश की जगह ले ली और मेरी गांड मारनी शुरू कर दी.


इस तरह उन्होंने बदल बदलकर सुबह तक मुझे चोद चोद कर बेहाल कर दिया. तब मेरी हालत यह थी कि मैं एक जिन्दा लाश की तरह बिस्तर पर पड़ी थी और वो 6 जन बारी बारी से आकर मेरी चूत या गांड में लंड डालकर सारी रात मेरी चुदाई करते रहे.


सुबह लगभग दस बजे मेरी आँख खुली तो मेरे पूरे जिस्म पर उनके लंड का पानी था और मेरे पूरा जिस्म दर्द से तड़प रहा था. मेरे अंदर इतनी भी हिम्मत नहीं थी कि मैं खुद उठकर बाथरूम जा सकूँ.


मैंने देखा वो सभी मेरे अगल बगल में ही सो रहे थे.


फिर मैंने देखा कि उनके बंगले का चौकीदार दरवाजे से अन्दर देखने की कोशिश कर रहा था. वो मुझे नंगी ताड़ रहा था.


तो मैंने सोचा कि इससे मदद मांगी जाये. मैंने उसे इशारा करके अन्दर बुलाया और वो अन्दर आ गया.


अन्दर आते ही वो मेरे जिस्म को ताड़ने लगा तो मैंने अपने जिस्म को उससे छिपाने की कोशिश भी नहीं की और उससे बोली- क्या तुम मेरी मदद करोगे? मुझे बाथरूम जाना है.


तो वो मुझे सहारा देने लगा. उसने मेरी कमर में हाथ डाल रखा था और मुझे सहारा देने के बहाने वो मेरे बूब्स छू रहा था.


मुझे सब समझ आ रहा था मगर मैं उसे कुछ बोल नहीं रही थी.


फिर वो मुझे बाथरूम में ले आया तो मैं बस गर्म पानी का शोवर चलाकर उसके नीचे बैठ गयी और नहाने लगी. वो मुझे नहाते हुए देख रहा था.


मैंने देखा कि उसने अपना लंड बाहर निकाल लिया और अपने हाथ से लंड सहलाना शुरू कर दिया. तो मैंने उसकी तरफ देखकर स्माइल किया और नहाना जारी रखा.


वो मेरे पास आ गया और मेरी तरफ ललचाई नजर से देखने लगा. मैंने हंसकर उसका लंड हाथ में पकड़ लिया और हिलाना शुरू कर दिया.


अब वो जोश में आ गया और उसके हाथ मेरे सर पर आ गए, वो लंड मेरे मुंह में देना चाहता था. मगर मैं लंड मुंह में नहीं लेना चाहती थी तो मैंने उसको कहा- तुम मेरी चूत में लंड डाल सकते हो!


इतना सुनना था कि वो मुझे उठाने लगा. मैंने कहा- मैं उठ नहीं सकती, तुम ऐसे लेटे लेटे ही मेरी चुदाई कर लो!


उसने मुझे वहीं बाथरूम में लेटा दिया और लंड मेरी चूत में घिसने लगा. तो मैंने उसे रोक दिया और कहा- अंदर कमरे में कंडोम रखा है, वो पहनकर आओ!


वो भाग कर गया और कंडोम ले आया. मैंने उसके लंड पर कंडोम चढ़ाया तो उसने बहुत फुर्ती से मेरी चूत में लंड डालकर चुदाई शुरू कर दी।


मेरी चूत सारी रात चुदाई के बाद सुन्न सी हो गयी थी. मुझे उसके लंड जाने का कोई खास पता ही नहीं चला.


उसने 5 मिनट तक मेरी चुदाई जारी रखी. फिर वो ‘अआह्हह मेरी जान रंडी मैं झड़ने वाला हूँ’ ये कहते हुए वो मेरी चूत में कंडोम में झड़ गया और मुझे अलग होकर मुझे किस करने लगा.


वो चला गया तो मैं फिर से नहाने लगी.


लगभग आधा घंटा नहा कर मैं वापस कमरे में आई तो देखा कि वो लोग अभी तक सो रहे थे. तो मैंने सोचा कि अभी यहाँ से निकल जाती हूँ क्यूँकि अगर ये जाग गए तो फिर से मेरी चूत का भोसड़ा बना देंगे.


यह सोचकर मैंने कपड़े पहने और वहां से निकल गयी.


घर आई तो सलीम ने मुझे रात के बारे में पूछा. मैंने उसको कहा- मेरी चूत और जिस्म में बहुत दर्द है, मुझे सोना है, शाम को बात करते हैं.


मैं जाकर सो गयी. उस दिन पूरा दिन और रात मैं सोती रही.


अगले दिन सुबह 8 बजे मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि मेरे फ़ोन में बहुत सारी मिस कॉल थी.


मैंने देखा तो सुनील ने मुझे बहुत बार कॉल किया हुआ था. तब मैंने वापस उसे कॉल किया तो उसने फ़ोन उठाते ही मुझसे सवाल किया- क्या हुआ? ऐसे बिना बताये क्यूँ चली गयी? मैंने उसे बोला- तुम सब लोग सोये हुए थे और मुझे भी घर जाकर सोना था इसलिए मैं आ गयी.


वो बोला- मेरी जान, अपनी मेहनत के पैसे तो ले जाती! तो मैंने उसे कहा- मेरे पैसे कहाँ जायेंगे. तुमसे बाद में ले लूंगी.


उसने कहा- मेरे दोस्त किसी के पैसे उधर नहीं रखते. मैं तेरे अकाउंट में रूपए ट्रान्सफर कर देता हूँ मैंने उससे बोला- ठीक है.


थोड़ी देर बाद मेरे अकाउंट में 5 लाख रूपए आ गए.


मैंने इतने रूपए देखकर वापस सुनील को कॉल किया और उससे पूछा- इतने रूपए क्यूँ डाले हैं? तो उसने कहा- मेरे सारे दोस्त तुझसे बहुत खुश हैं. उन सबने अपनी अपनी तरफ से 1-1 लाख रूपये और 1 लाख मेरे और नीरज की तरफ से हैं.


मैंने खुश होते हुए उससे थैंक यू जानू बोला और फोन काट दिया.


तभी मैंने सलीम को ये बात बताई तो वो भी बहुत खुश हो गया.


मैंने उसे सारी हार्डकोर गैंगबैंग सेक्स कहानी सुनाई कि कल रात मेरे साथ क्या क्या हुआ.


मेरी कहानी सुनकर सलीम का लंड खड़ा हो गया और उसने मुझे वही बिस्तर पर गिरा दिया और मुझे नंगी करके मेरी चूत चाटनी शुरू कर दी और मेरी चुदाई शुरू कर दी.


उसके बाद मैंने बहुत से लोगों से चुदाई करवाई और मैं एक प्रोफेशनल रंडी बन चुकी थी।


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