पति से लंड चुसवाकर पत्नी की चुदाई

विशू राजे

20-01-2023

204,212

हॉट गर्ल्स ट्रेन फ़क कहानी में पढ़ें कि कैसे मैंने और मेरे दोस्त में ट्रेन में एक भाभी और उसकी दो जवान ननदों की चुदाई की. भाभी का पति ही वहीं था.


दोस्तो, मैं आपका दोस्त विशू राजे एक बार फिर से अपनी सेक्स कहानी का अगला भाग लेकर हाजिर हुआ हूँ. यह भाग काफी दिन बाद लिख पाया हूँ, उसके लिए मैं माफ़ी चाहता हूँ.


पिछली सेक्स कहानी का लिंक मैं आपको दे रहा हूँ, उसे एक बार पढ़ कर इस कहानी का तारतम्य जोड़ कर मजा लीजिएगा.


ट्रेन में भाभी और ननदों की चुत चुदाई में आपने अब तक पढ़ा था कि कैसे मैंने पीहू को और सुनील ने सोनल को चोदा था. उन दोनों के साथ उनका भाई परेश भी था जो कि एक नामर्द इंसान था और शायद उसे भी लंड की भूख रहती थी जिस वजह से वो अपनी बहनों को चुदता देखता रहा.


अब आगे हॉट गर्ल्स ट्रेन फ़क कहानी:


कुछ देर बाद मैंने सुनील को आंख मारी और परेश की बीवी अरुणिमा को खींच कर अपनी गोद में बिठा लिया.


सुनील ने परेश की तरफ देखा तो उसने हंस कर हाथ जोड़ लिए.


सुनील सब समझ गया और उसने सोनल को देख कर उसे आंख दबा दी. मैं अरुणिमा को गर्म करने लगा, उसके चुचे दबाने लगा.


सुनील भी ये सब देख कर गर्म हो गया. और उसने पीहू को अपने ऊपर खींच लिया. परेश और सोनल सब देख कर चुप रह गए थे.


परेश के सामने उसकी बीवी मेरी गोद में बैठ कर मुझे किस कर रही थी और उसकी बहन सुनील के साथ मजे ले रही थी. मैंने अरुणिमा को साईड में कर दिया. मुझे जोर की पेशाब लग आई थी.


बाथरूम जाते जाते मैंने परेश के कंधे पर हाथ रखा और कहा- चलो मूत कर आते हैं. परेश न चाहते हुए भी मेरे साथ साथ आया. मुझे परेश मर्दाना कम जनाना टाईप का ज्यादा लगा.


हम दोनों महाकमीन दोस्तों को तो दोनों को बजाना आता है. मैं मन में बोला कि बीवी को बाद में, पहले इसी की गांड चोदी जाए. हम दोनों टॉयलेट के पास पहुंचे.


मैंने कहा- चल परेश, दोनों एक साथ टॉयलेट में चलते हैं. वो शर्माकर ना बोला.


पर मैं कहां मानने वाला था, उसे खींच कर मैं अन्दर ले गया और लंड निकाल कर पहले मूतने लगा.


परेश खड़ा खड़ा मेरे लंड को घूर रहा था. मैंने उससे भी कहा- निकाल ले लंड को बाहर … हम मर्द हैं शर्माते नहीं.


अब उसने भी अपना लंड बाहर निकाला पर मैंने देखा कि उसका लंड मुरझाया हुआ था और दो से ढाई इंच का ही होगा. वो शर्माते हुए मूतने लगा.


मेरा मूत निकलना खत्म हो गया था, पर मैंने अपने लंड को बाहर ही निकाले रखा. उसका भी मूत निकलना खत्म हुआ, वो अपनी नुन्नू अन्दर करने लगा.


तो मैंने उसको रोका और कहा- अरे दिखाओ तो!


यह कह कर मैंने उसकी नुन्नू हाथ में पकड़ कर खींच ली. एकदम नर्म रबर जैसी थी उसकी नुन्नू.


फिर मैंने अपना लंड उसके हाथ में दे दिया. वो समझ गया कि मैं क्या चाहता हूँ.


वो आहिस्ता आहिस्ता से मेरे लौड़े को सहलाने लगा … मेरे लंड की मुठ मारने लगा. मैंने उसको नीचे बैठाया और लंड उसके मुँह के पास ले गया.


वो ना ना कर रहा था. पर मैंने उसके मुँह में लंड दे दिया. न चाहते हुए भी उसको मेरा लंड चूसना पड़ा. मगर जल्द ही वो मस्ती से लंड चूसने लगा.


करीब 5 मिनट की लंड चुसाई के बाद में मैंने उसे उठाया और कहा- चल बस हो गया. अब चल तेरी बीवी की चुदाई का मजा लेते हैं. वो हंसने लगा.


मैंने कहा- तुझे कोई दिक्कत तो नहीं हो ना! वो बोला- ना मुझे भला क्या दिक्कत होगी?


मैंने कहा- हां तू भी उधर ही हम दोनों के लंड चूस लेना. वो शर्मा गया और कुछ नहीं बोला.


मैंने कहा- तुझे लंड चूसना ही अच्छा लगता है या गांड मरवाने का भी शौक है? वो कुछ नहीं बोला.


मैंने कहा- अरे शर्माता क्यों है. गांड मराना भी एक शौक है. उसमें क्या बुराई है. वो हंस दिया और उसने मेरे लंड को फिर से सहला दिया.


मैंने कहा- इधर नहीं … उधर तेरी बहनों के सामने ही तेरी गांड में लंड दूँगा. बोल लेगा ना! वो हां में सर हिलाने लगा.


हम दोनों ने कपड़े ठीक किए और बाहर आ गए.


हम अपनी सीटों के पास आए, तो उधर एक अलग ही नजारा देखने को मिला. अरुणिमा सुनील के लंड पर चढ़कर चुद रही थी और पीहू ने सुनील के मुँह में अपनी चुत दे रखी थी.


वहीं सोनल सुनील की उंगली अपनी चुत में डलवा कर मजा ले रही थी. हमें आया देख कर सोनल और पीहू उठ खड़ी हुईं पर अरुणिमा अपनी ही लय में चुदती रही.


मेरा लंड भी खड़ा था. मैंने भी जाते ही सोनल को पकड़ कर किस करना चालू कर दिया.


पीहू भी साथ देने आ गयी. मैं अब दोनों को दबा रहा था.


मैंने पीहू को नीचे बिठा दिया और चैन खोल कर लंड उसके हवाले कर दिया. उसने भी लंड का सम्मान किया, मेरे लौड़े को नमन करके लंड को मुँह में समा लिया.


मैं सोच रहा था कि वाह रे मेरे लंड की किस्मत … मेरा लंड पहले उसके भाई ने मुँह में लिया था, अब उसकी बहन लेकर चूस रही थी.


मैं सोनल के मुँह में उसकी जुबान से खेल रहा था. वहीं सुनील ने पलटी मारी और अरुणिमा को घोड़ी बना दिया, चुत में लंड को सैट करके एक करारा धक्का मार दिया.


सुनील का लंड चुत की दीवार को फाड़ते हुए उसकी बच्चेदानी तक घुस गया. अरुणिमा जोर से चिल्लाई- आह निकालो … दर्द हो रहा है.


उसकी आंख से आंसू बह निकले, पर सुनील रुका ही नहीं. परेश पीछे घूम गया.


उसकी बीवी चुद रही थी. बहनें लंड चूस रही थीं और वो सब देख रहा था. उसकी नुन्नू भी खड़ी हो गयी थी.


सुनील अरुणिमा को ठोक रहा था. मैंने पीहू के मुँह से अपना लंड खींच लिया और सोनल को नंगी कर दिया.


उसका एक पैर खड़े खड़े अपने कंधे पर ले लिया. उससे उसकी चुत खुल गयी. मैंने अपना लंड उसकी चुत पर सैट किया और एक जोरदार धक्का दे मारा.


मेरा पूरा लंड चुत को चीरते हुए अन्दर घुस गया. अब सोनल आह आह करती हुई एक पैर पर खड़ी होकर मेरे लंड से चुद रही थी.


मैं जोर जोर से उसकी चुत ठोक रहा था.


दस मिनट बाद मैंने उसको छोड़ा और पीहू को पकड़ लिया. उसे घोड़ी बना कर उस पर चढ़ गया और चोदने लगा. वहीं सुनील ने अपना लंड निकाल कर अरुणिमा के मुँह में दे दिया.


करीब दस मिनट बाद सुनील ने फिर से उस अपने ऊपर ले लिया और लंड चुत में डाल कर चोदने लगा.


मेरी नजर अरुणिमा की गांड पर गयी. मैंने पीहू को छोड़ा और अरुणिमा के पीछे खड़ा हो गया. मैंने अपनी एक उंगली अरुणिमा की गांड में सरका दी. अरुणिमा उछल पड़ी. पर उंगली मैंने बाहर निकालने नहीं दी.


सुनील ने फिर से उस अपने लंड पर बिठाया और चोदने लगा. तभी सुनील ने मेरी तरफ देखा.


मेरा इशारा पाकर सुनील ने अरुणिमा को अपने ऊपर खींचा. इस तरह से खींच लेने से अरुणिमा की गांड मेरे सामने आ गई थी. अब मैंने बहुत सारा थूक उसकी गांड पर लगाया और अपने लंड पर भी लगा लिया.


झट से अपने लंड को अरुणिमा की गांड पर सैट कर दिया. मैंने दोनों हाथों से उसकी कमर को पकड़ा और एक जबरदस्त धक्का लगा दिया. पर लंड फिसल गया.


मैंने फिर थूक लगाकर लंड सैट किया, कमर पकड़ कर धक्का मारा.


इस बार मेरे लंड का टोपा अन्दर घुस कर अटक गया. अरुणिमा को बहुत दर्द हुआ.


वो चिल्लाई- उई मां मर गयी … फट गयी मेरी … आंह निकालो बाहर … कितना बड़ा है … मेरी गांड फट गयी … बहुत दर्द हो रहा है … मर गयी. पर मैं नहीं हिला.


मैंने और एक धक्का दे मारा. मेरा आधा लंड गांड के अन्दर घुस गया.


उसकी आंख से आंसू बहने लगे. वो छटपटाने लगी.


पर सुनील ने उस कसके पकड़ा हुआ था और मैंने उसकी कमर दबोच रखी थी.


जैसे दो शेरों ने एक हिरणी का शिकार किया हो, वैसे ही अरुणिमा फंसी पड़ी थी. मैंने अपना लंड पूरा बाहर निकाला और ढेर सारा थूक उस पर थूक दिया.


फिर से लंड सैट करके कमर पकड़ कर एक ऐसा करारा धक्का मारा कि मेरा पूरा लंड सरसरता हुआ अन्दर किसी गुंडे की एंट्री की तरह दाखिल हो गया. मुझे तसल्ली हुई कि मखमली गांड के अन्दर मेरे लंड ने अपनी जगह कायम कर ली.


अब मैं ऊपर से और सुनील नीचे से उसको चोदे जा रहे थे. मेरी नजर अब तीनों पर गयी, पति अपनी पत्नी को और ननदें अपनी भाभी को दोनों तरफ से चुदती हुई देख रही थीं.


हमने करीब 15 मिनट तक अरुणिमा को चोदा. अरुणिमा 2-3 बार थरथराती हुई झड़ गयी थी. अब हम भी आने को हो गए थे. हम दोनों ने अपनी स्पीड बढ़ा दी.


अरुणिमा ने सुनील को नाखून गाड़े और ओह आंह करती हुई अकड़ने लगी. हम दोनों समझ गए कि ये फिर से झड़ने वाली है.


हमने हाई स्पीड से चोदना चालू कर दिया और हम तीनों एक साथ झड़ने लगे. सब हमें देख रहे थे.


कुछ देर तक हम वैसे ही लेटे रहे, काफी थक गए थे. सुनील का लंड पहले बाहर आ गया. फिर मेरा लंड भी बाहर निकल आया.


अरुणिमा के दोनों होल से हमारा वीर्य बह रहा था. मैंने उठ कर अरुणिमा को उठने में मदद की.


उसकी हालत बेहद खराब थी. वो लड़खड़ा रही थी. उससे बैठा नहीं जा रहा था. हमने उसे सुला दिया.


मैंने सोनल को इशारा कर उसको साफ करने को कहा. उसने अरुणिमा की चुत और गांड साफ की. मैंने उसको थोड़ी सी बियर पिलायी.


अब हमने कपड़े पहने और बातें करने लग गए. अरुणिमा को हमने सुला दिया था. उसके बगल में परेश बैठ गया.


मैं सोनल के साथ और सुनील पीहू के साथ लगा था. करीब दो घंटे बाद हम फिर से गर्म हो गए. हम दोनों ने फिर से उन दोनों को दबोच कर चोदा.


काफी देर तक हमारी चुदाई चली. हॉट गर्ल्स ट्रेन फ़क में दोनों को 2-2 बार झड़ा कर हमने भी अपना वीर्य दोनों बहनों की चुत में गिरा दिया.


अब हम अलग हो गए, पहले दोनों बहनें जाकर साफ होकर आ गईं. फिर हम दोनों गए और साफ होकर आ गए.


सुबह होने को थी, हमारा स्टेशन आने को था. हमने परेश से हाथ मिलाया और कहा कि तुमसे मिलकर अच्छा लगा.


वो मेरी तरफ देखने लगा. मैं समझ गया कि इसकी मनोकामना पूरी नहीं हो पाई.


वो कुछ कहने की सोच रहा था कि तब तक अरुणिमा भी जाग गयी थी. हम दोनों ने अरुणिमा को अपना नंबर दिया, उसे किस किया. फिर सोनल और पीहू को बारी बारी से किस किया.


मैंने किस करते समय परेश की गांड में उंगली भी की. उससे परेश उछल पड़ा.


ये अरुणिमा ने देख लिया, वो समझ गयी होगी कि मैंने उसके पति को कुछ किया है.


फिर हम दोनों उतर गए. गाड़ी जाने तक रुके रहे, फिर हम भी निकल गए.


अगली बार मैं गांव में चुदाई की कहानी लिखूँगा. वो आपको जल्द ही पढ़ने मिलेगी.


यह हॉट गर्ल्स ट्रेन फ़क कहानी कैसी लगी, जरूर बताना दोस्तो. धन्यवाद. [email protected]


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