हिमाचल की हसीना की थ्रीसम चुदाई- 2

रवि स्मार्ट

02-08-2022

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हॉट लेडी Xxx कहानी में पढ़ें कि ऑनलाइन वीडियो सेक्स के बाद हिमाचल का कपल मुझसे मिलने आया. हम कैसे मिले होटल में और हमने क्या क्या किया?


मेरी कहानी के पहले भाग हिमाचल के कपल से वीडियो सेक्स का मजा में आपने पढ़ा कि ऑनलाइन दोस्ती के बाद हिमाचल के कपल ने मुझसे वीडियो सेक्स किया.


अब आगे हॉट लेडी Xxx स्टोरी :


दूसरे दिन वटस्ऐप पर बात करते हुए मैंने ज्योति से पूछा कि रात उसको बात करके कैसा लगा. तो वो बता रही थी कि उसे बहुत ही ज़्यादा मज़ा आया, रात की चुदाई को वो भूल नहीं सकती उसे ऐसा मज़ा आया.


वो दोनों खुद चाहते थे कि काश एक बार तो ज़िन्दगी में हम ऐसा मज़ा रियल में ले पायें!


ऐसे ही कभी कॉल और कभी वटस्ऐप पर बातें करते करते करीब एक महीना और निकल गया. एक दिन मुझे अचानक रोहित का फोन आया- हम दो दिन तक किसी काम के लिए चंडीगढ़ आ रहे हैं. अगर आपके पास वक्त है तो एक बार हम कैसुअल मीटिंग कर लें?


मैंने उन्हें आने के लिए बोल दिया.


तुरंत मैंने अपने ऑफिस से 2 दिन के लिए छुट्टी ले ली और मीटिंग की तैयारियाँ करने लगा. मैंने एक होटल में ऑनलाइन 2 रूम बुक कर लिए और उनके लिए कुछ गिफ्ट्स लिए और अपने लंड की अच्छे से सफाई की, बाल साफ़ किये और उनके आने का इंतज़ार करने लगा.


मेरी हर रोज़ रोहित से बात होती और उनके आने के बारे में! उन्होंने बताया- हम पहले सिर्फ नार्मल मीटिंग करेंगे क्योंकि हमारे पास टाइम कम ही है.


आखिर वो दिन भी आ गया जब वो चंडीगढ़ आने वाले थे, मैं पहले ही चंडीगढ़ पहुँच चुका था.


मैंने उन्हें एक मॉल का एड्रेस देकर वहां पर आने को बोल दिया था.


आज मैं रोहित और ज्योति को असल में पहली बार मिलने वाला था तो दिल में धड़कन भी थोड़ा बढ़ रही थी कि वो असल में कैसे होंगे. बेशक हम सभी एक दूसरे की फोटो देख चुके थे परन्तु फिर भी पहली मीटिंग में एक अलग ही एक्साईट्मैंट रहती है कि वो कैसे होंगे और क्या होगा.


आखिर दिन के 3 बजे के करीब वो वहां अपनी कार में आ गये और मुझे कॉल की और अपनी कार का नंबर बताया. मैं उनकी कार के पास पहुंचा और रोहित को हेल्लो किया. तभी दूसरी साइड बैठी हुस्न की मलिका ज्योति पर भी मेरी नज़र पड़ी.


वो दोनों गाड़ी से उतरे, ज्योति ने हाथ मिला कर हैलो किया. मैं तो उसके हुस्न को देखता ही रह गया.


गोरी चिट्टी, अति सुन्दर परी जैसी जवान औरत. कामुकता से भरा हुआ जिस्म, 34-डी की छातियाँ और लम्बा कद … देखने में ऐसे लगती थी जैसे साक्षात काम की देवी धरती पर उतर आई हो! एक पल के लिए मेरी आँखें पथरा सी गयीं.


तभी उसकी आवाज ने मेरी निद्रा भंग कर दी- हाय रवि जी, आखिर आज इतने इंतज़ार के बाद मिल ही लिए आपसे! मैंने कहा- जी, आज आप दोनों से पहली बार मिल कर मुझे बहुत अच्छा लगा.


मैंने उन दोनों को एक गुलदस्ता भेंट किया, रोहित और ज्योति ने धन्यवाद करते हुए गुलदस्ता लिया और उसे गाड़ी में रख दिया.


मैं उन्हें मॉल में एक रेस्टोरेंट में ले गया और खाने का आर्डर किया. हम तीनों बैठ कर बातें करने लगे. हमने काफी बातें की, हंसी मज़ाक भी किया.


रोहित ने बताया- मुझे आप से मिल कर अच्छा लगा और वो चाहते हैं कि आज रात तीनों साथ रुकें. मैंने उन्हें बता दिया था कि मैंने उनके लिए होटल में रूम बुक किया हुआ है. उन्होंने बताया कि वो आज ही की रात यहाँ हैं और कल वो यहाँ से अपना काम निपटायेंगे और कल शाम तक वापिस चले जायेंगे.


बातों बातों में रोहित हँसते हुए बोला- फिर आज ज्योति को अपने लौड़े की सवारी करवा ही दो रवि जी! लौड़ा शब्द उसने बड़ा धीरे से बोला क्योंकि हम रेस्टोरेंट में बैठे हुए थे.


यह सुनते ही ज्योति थोड़ा शर्मा गयी और उसने आँखें नीचे कर लीं. ये देख कर मैंने ज्योति को धीरे से कहा- शरमा लो … कोई बात नहीं, उतार देंगे ज़ल्द ही तुम्हारी सब शर्म बेबी! वो फिर झेंप सी गयी और थोड़ा मुस्करा भी रही थी.


खैर हमने वहां लंच किया और कॉफ़ी वगैरा ली. फिर हम तीनों रोहित की गाड़ी में होटल में जा रहे थे. अब हम खुल कर बातें भी कर रहे थे.


रोहित बोल रहे थे- रवि डीयर, ये बैठी है मेरी पत्नी ज्योति … और आज की रात यह आपके हवाले है. इसे निराश मत करना, अच्छे से इसकी चोद..द देना! मैं बोला- कोई बात नहीं डियर … इस हिरोइन को हम दोनों कायदे से डबल लंडों का मज़ा देंगे.


ज्योति कह रही थी- बस भी करो, कुछ नहीं होगा, मैं थकी हुई हूँ और जाकर सोना है मैंने तो! आप दोनों आपस में करते रहना जो भी करना है. साथ में वो मंद मंद मुस्करा भी रही थी.


मैं इतना तो समझ रहा था कि दिल की धड़कन ज्योति की भी बढ़ी हुई थी, उसके अंदर भी कुछ कुछ हो रहा था।


ऐसे ही बातें करते करते हम करीब 5:30 बजे तक होटल पहुँच चुके थे. हमने अपना अपना बैग उठाया, मेरे पास भी अपना एक छोटा सा बैग था.


हमने फोरमेलिटी पूरी करके चेक-इन किया और अपने रूम में चले गये. हमारे रूम साथ साथ थे.


कुछ देर में अकेले रोहित मेरे रूम में आये और बोले- रवि डीयर, क्या कर रहे हो, क्या प्लान है अब बताओ?


मैं नहाने के लिए बैग में से कपड़े वगेरा ले रहा था. मैंने कहा- आप ही बताओ दोस्त, क्या करना है आज? आप जैसे कहोगे, मैं तैयार हूँ.


रोहित बोला- यार देखो, हम दोनों आपकी कहानियों के फैन हैं और आपसे पहली बार मिल रहे हैं. मैं चाहता हूँ कि हम तीनों कल तक फुल एन्जॉय करें! मैंने भी उसे कहा- कोई बात नहीं दोस्त, जैसे जैसे आप साथ दोगे, वैसे वैसे हम आगे बढ़ कर एन्जॉय करेंगे!


रोहित ने मुझे अपने रूम में आने को बोला तो मैंने उसे नहाकर आने को बोल दिया. वो चला गया और जाते जाते फिर कह गया- तब तक हम भी तैयार होते हैं।


इधर मैं अच्छे से साबुन लगा कर नहाया, नीचे काला अंडरवियर, उसके ऊपर नाईट लोअर पहना और ऊपर काली टी-शर्ट पहनी; परफ्यूम लगाया. अब मैं उनके कमरे में जाने के लिए तैयार था।


मैंने जैसे ही उनके कमरे में प्रवेश किया, सामने बैड पर ज्योति बैठी हुई थी. उसने बहुत ही सेक्सी गोल्डन नाईटी पहनी थी जिस्में उसकी एक झलक में ही नाईटी के अंदर छिपे मम्मों का अहसास होता था. मस्त अंदाज़ में बैठी गोरी चिट्टी ज्योति ऐश्वर्या से कम नहीं लग रही थी।


ज्योति के पास रोहित भी नाईट ड्रेस मैं बैठे थे. वो दोनों नहा कर तैयार हुए थे।


मैंने कहा- हैलो डीयर, कैसे हो आप दोनों? अब कुछ खाने या पीने को मंगा लें? तो रोहित बोला- अरे भाई, खा पी तो बहुत लिया. अब हमारी हिरोइन को भी कुछ पिला दो! उसने साथ ही मुझे आँख मार कर ज्योति को चोदने का इशारा किया.


तभी ज्योति बोली- आप लोगों को बस यही काम है … अरे आओ बैठो रवि, बातें करते हैं!


मैंने बैड पर बैठते ही ज्योति की गाल पर एक सिंपल प्यारी सी किस देते हुए कहा- डार्लिंग, क्यों घबराती हो? आज तो आपकी ये गोल्डन नाईट है. हमारे साथ मज़े लूट लो आप इस रात के! हमारी हसीना, आज तो जैसे परी धरती पर उतर आई हो … ऐसे लग रही हो जानेमन!


मेरी बात सुनकर ज्योति थोड़ा मुस्करा पड़ी. लग रहा था कि ज्योति को भी कुछ कुछ हो रहा है अंदर से!


मैं ज्योति के पास बैड पर बैठ गया था. मेरे सामने ही रोहित भी बैठा हुया था.


मैंने ज्योति को कहा- डार्लिंग, अब शर्माना छोड़ दो यार, इतनी खुल कर बात करने वाली हॉट और सेक्सी वोमैन, आज मेरे सामने ऐसे शर्मा रही है जैसे नयी दुल्हन हो! साथ ही रोहित बोला- आजकल तो दुल्हन भी नहीं शर्माती यार! हम तीनों हंसने लगे.


मैंने ज्योति की नाईटी को उसके कंधों से नीचे किया और उसकी गर्दन पर हाथ से सहलाने लगा. साथ ही उसके नंगे कंधों पर हल्का सा चुम्बन करने लगा. जिससे ज्योति के जिस्म में तो चींटियां रेंगने लगी होंगी. जवानी के मज़े लेने के लिए उसकी चूत भी रोमांचित हो रही होगी।


रोहित ने उसकी नाईटी को नीचे से भी थोड़ा खोल दिया और वो उसको लिप टू लिप किस करने लगा.


मैं अब पीछे से नंगी हो चुकी ज्योति की पीठ पर किस भी करता जा रहा था और साथ ही जीभ से मसाज भी कर रहा था। ज्योति बिना कुछ बोले हमारा साथ देने लगी थी।


मैं जैसे जैसे ज्योति को ऊपर से चूसता जा रहा था, वैसे ही रोहित भी उसकी नाईटी वहां से हटा कर मेरे लिए उसके जिस्म को मेरे सामने नुमाया कर रहा था ताकि ज्योति और मैं एक दूसरे के जिस्म का मज़ा ले सकें।


दोस्तो, यहाँ मैं एक बात बता देना चाहता हूँ कि जो लोग ये समझते हैं कि जो अपनी बीवी को दूसरे से चुदवाते हैं, वो नामर्द होते हैं या उनकी वाइफ उनसे संतुष्ट नहीं होती होगी. ये सब उनका वहम है क्योंकि अपनी पत्नी को किसी दूसरे से चुदवा देना, अपनी पत्नी के लिए एक आत्मसमर्पण है और अपनी पत्नी के प्रति प्यार है. इसका मतलब यह नहीं है कि वो खुद संतुष्ट नहीं कर पाते हैं, बल्कि वो दूसरों से ज्यादा संतुष्ट करते हैं. वे अपनी पत्नी को और उसे दो या इससे भी ज्यादा लंडों का मज़ा अपनी पत्नी को देते हैं. वे दुनिया से हट कर कुछ अलग करना चाहते हैं.


बस ऐसा ही रोहित भी था. मैं दिल से उनका सम्मान करता हूँ।


तभी मैंने ज्योति को उठाया और रोहित से उसकी नाईटी उतारने को बोला. तो रोहित ने कहा- रवि यार, इसको नंगी करने का शुभ काम आप अपने हाथों से करो!


मैंने ज्योति को उसके होंठ के ऊपर एक छोटी सी किस की, उसे थोड़ा ऊपर उठाया और उसकी नाईटी उतारने लगा. नाईटी उतारने में ज्योति ने भी पूरा सहयोग दिया.


अब उसके जिस्म पर काली ब्रा और नीचे स्किन कलर की पैंटी रह गयी थी। मेरे सामने दूधिया रंग की आधे से ज्यादा नंगी बैठी ज्योति का जिस्म मेरे लंड पर कयामत ढा रहा था।


अब मैं अपने दोनों हाथों से ज्योति की पीठ को पीछे से लेकर कन्धों तक हाथों से सहला रहा था. और कभी कभी आगे से उसकी ब्रा के ऊपर हाथों से सहलाता.


मैं अब उसको मम्मों को भी ब्रा के ऊपर से ही प्रेस करने लगा था.


तभी रोहित बोला- यार, अब चूस लो इसकी जवानी को! मैंने रोहित का इशारा पाकर ज्योति के होंठों को अपने होंठों में लिया और उसे चूसने लगा.


मेरे हाथ उसकी ब्रा के ऊपर से उसके मम्मों को दबा रहे थे और उसके पीछे से रोहित भी उसे सहला रहा था. वो उसकी टांगों पर भी हाथ फेर रहा था.


मैं अब ज्योति के कानों को किस करने लगा और चूसने लगा, जिससे ज्योति गर्म होती जा रही थी.


मैंने ज्योति को घुमा दिया और ऐसे ही उसकी ब्रा की हुक के पास उसकी पीठ को चूस रहा था और आगे से रोहित उसे चूसे जा रहा था. हम दो मर्दों के जिस्मों ने ज्योति को जैसे पागल कर दिया था, उसकी चूत पानी छोड़ने लगी थी परन्तु मैं था कि उसे हर हाल में पहले चुसाई का मज़ा देना चाहता था।


मैंने ज्योति से पूछा- ‘उमम्ह्हा … कैसा लग रहा है डार्लिंग, मेरी चुसाई का मज़ा आ रहा है? ज्योति सिसकारती हुई बोली- उफ्फ … आह बहुत मज़ा आ रहा है.. … और चूसो!


रोहित उसकी ठोड़ी के नीचे किस कर रहा था; वो उससे कह रहा था- अभी तो शुरुआत है जान, आगे आगे देखना हवा में उड़ने लगोगी तुम!


अब मैंने उसे बैड पर लेटने को बोला तो ज्योति बैड पर लेट गयी. मैं अब ज्योति के ऊपर और उसके दोनों मम्मों के बीच में चुसाई करने लगा था.


अभी तक ज्योति ब्रा पहने हुई ही थी, मैं ब्रा के कभी ऊपर से और कभी थोड़ा नीचे से ऊपर को हटा कर वहीं से चुसाई कर रहा था. ज्योति इन पलों का मज़ा ले रही थी और कभी कभी सिसकार भी रही थी.


मेरा एक हाथ ज्योति का बायाँ मम्मा सहला रहा था, उसका दूसरा मम्मा रोहित का हाथ सहला रहा था.


ऐसे ही उसका जिस्म चूसते चूसते मैंने ज्योति के चूतड़ों को सहलाया. उसने स्किन कलर की पैंटी पहनी हुई थी. मैंने देखा कि ज्योति की जवानी की आग पूरी तरह जलने लगी थी और उसकी पैंटी चूत के ऊपर से गीली हो गयी थी.


मैंने उसकी पैंटी के ऊपर से चूत पर एक किस की और पैंटी को चाटा. फिर मैंने उसकी एक टांग को उठाया और उसकी नंगी जांघ को चूसने लगा.


रोहित उसकी गर्दन एवं कानों को चूस रहा था।


मैं उसकी टांग को हर तरह से चूस रहा था, पूरी जीभ बाहर निकाल कर उसकी टांग को चाटे जा रहा था. मुझे इस चूमाचाटी में मज़ा आ रहा था.


यही मैंने उसकी दूसरी टांग पर किया. मैंने देखा ऊपर रोहित उसके होंठों को पूरे जोर से चूस रहा था, ज्योति भी रोहित के होंठों को चूस रही थी, दोनों की जीभ भी आपस में लड़ रही थीं. वो दोनों इस मस्ती का मज़ा ले रहे थे।


अब मैं अपनी जीभ से उसकी पैंटी के अंदर चूसने की कोशिश कर रहा था. ज्योति अपनी टांगों को सिकोड़ने लगी. शायद वो बहुत उत्तेजित हो चुकी थी.


मैंने पूछा- जानेमन, पी लूँ क्या तुम्हारी जवानी का मीठा रस? मेरी बात सुनते ही रोहित ने उसे छोड़ा तो वो बोली- ‘उफ्फ … मज़ा आ रहा है!


रोहित बोला- तुम मेरी बीवी की चूत का रस पी लो रवि! मैंने कहा- बिल्कुल … हम दोनों इसकी चूत और मम्मों का रस एक साथ पियेंगे डीयर!


अब मैंने अपने कपड़े उतार दिए और मेरी बॉडी पर सिर्फ अंडरवियर रह गया था और मुझे देखते ही रोहित ने भी अपने कपड़े उतार दिए और वो भी अंडरवियर में आ गये।


अब मैंने ज्योति को अपनी टांगों के ऊपर बिठा कर अपनी तरफ़ झुकाया और उसके कंधों के ऊपर और पीछे से हाथ से सहलाते हुए चुम्बन करने लगा. रोहित हम दोनों को देखने लगा.


मैंने ज्योति की पीठ से ब्रा की हुक को खोल दिया और उसके मम्मों को अपनी छाती के साथ दबा लिया. उसकी ब्रा की हुक खुल चुकी थी परन्तु मम्मे अभी आज़ाद नहीं हुए थे क्योंकि मैंने उसके मम्मों को अपनी छाती से दबाया हुआ था.


मैं उसकी पीठ और कंधों को अभी भी सहला रहा था तो रोहित हमें देखते हुए बोला- अब तो पंछी पिंजरे से आज़ाद हो गये! उसका इशारा ज्योति के मम्मों की तरफ़ था.


मैंने हँसते हुए कहा- अभी कहाँ आज़ाद हुए हैं पंछी? आओ हम दोनों मिल कर आज़ाद कर देते हैं पंछियों को!


तब मैंने ज्योति के सर को ऊपर किया और हमारी छातियों के बीच में फंसी ब्रा को निकालकर रोहित को पकड़ा दिया.


उसके मम्मे अभी भी मेरी छातियों के नीचे ही दबे हुए थे। हम दोनों को इस स्थिति में देखकर रोहित भी मज़े ले रहा था।


मैंने रोहित को उसके पीछे आकर उसके कन्धों को पकड़ कर उसे धीरे धीरे पीछे करने को बोला. रोहित ने वैसा ही किया, उसने ज्योति की पीठ की तरफ़ आकर उसे दोनों कन्धों से पकड़ कर मेरी छातियों से हटाना शुरू किया. ज्योति का जिस्म मेरे जिस्म से अलग होता गया और उसके मम्मे मेरे एकदम सामने आ गये।


वाह … क्या कयामत मम्मे थे ज्योति के! जवानी के रस से भरे हुए चुदने लायक उसके कामुक बदन के ऊपर लटक रहे दोनों मम्मे जैसे आवाजें लगा लगा कर कह रहे थे- आओ और चूस लो।


मैंने उसे बोला- वाओ मेरी जान, क्या मस्त जवानी संभाल कर रखी है … तुम तो किसी हिरोइन से भी दो कदम आगे हो! मेरा इतने कहते ही ज्योति ने शर्मा कर मुंह नीचे को कर लिया.


मैंने फिर से कहा- अरे दो दो मर्दों के बीच नंगी पड़ी हो. अब क्यों शर्मा रही हो डार्लिंग? ज्योति बोली- आप दोनों मर्द मज़ा बहुत दे रहे हो! तो रोहित हँसते हुए बोला- मज़ा आ रहा है तो शर्माने का क्या काम डार्लिंग? शर्म उतार कर खेलो!


उसके इतना कहते ही मैंने उसके एक मम्मे पर हाथ रखा और निप्पल को सहलाया और फिर मम्मे को दबाना और सहलाना शुरू किया. मैंने उसके दूसरे मम्मे को अपनी जीभ से सहलाना शुरू कर दिया.


मेरी जीभ का अपने मम्मे पर स्पर्श पाते ही ज्योति फिर सिहर गयी और उसके मुंह से ‘उफ़ … सी … सीसी … उह्ह ह्हह …’ की आवाज़ निकल गयी.


और मैंने तुरंत उसके दूसरे मम्मे पर जीभ रख दी और पहले वाले मम्मे के चूचुक को उँगलियों में लेकर सहलाने लगा. इससे वो और सिहर गयी और उसके मुख से उफ़ सी सी की आवाजें आने लगीं.


मैंने रोहित को इशारा करके अपने पास आने को बोला. वो मेरे पास आया और मैंने अपने हाथ से एक चूची रोहित के मुंह में दे दी. दूसरी चूची मेरे मुंह में थी.


हम दोनों मर्द ज्योति की दोनों चूचियां अपने होंठों में लेकर उनसे खेल रहे थे. कभी उसकी निप्पलों पर जीभ घुमाते हम और कभी उन्हें चूसते.


मैं उसके मम्मे को अपने होंठों में ले चुका था, आधे से ज्यादा मम्मा मेरे मुंह में था. नीचे से मैंने उसके मम्मे को हाथ से पकड़ा हुआ था. उसके निप्पल को कभी दांतों से हल्का सा कुरेद देता और कभी जीभ से सहलाता.


मेरे बिल्कुल पास रोहित का भी यही हाल था.


मैंने अपना एक हाथ ज्योति की कच्छी पर रख दिया. उसने अपनी टाँगें थोड़ा सिकोड़ ली. रोहित ने भी अपना हाथ उसकी पैंटी पर रख दिया.


हम दोनों के हाथ उसकी चूत के ऊपर हलचल कर रहे थे जो शायद ज्योति की चूत के अंदर तक महसूस हो रही थी. इस बात का अहसास मुझे ज्योति की गीली होती जा रही पैंटी से हो रहा था.


अब चूत को छोड़ कर बाकी सारा जिस्म नंगा था ज्योति का जो हम दोनों मर्दों के बीच जवानी का खेल, खेल रहा था।


इधर हम दोनों के लंड भी अंडरवियर एक अंदर खड़े थे और ज्योति की जवानी के मज़े लूटने के लिए आमंत्रण दे रहे थे।


तभी मैंने रोहित को इशारा किया और ऊपर से हम दोनों ने उसके दोनों मम्मों को एक्सचेंज कर लिया. ऐसा करने से ज्योति को बहुत मज़ा आ रहा था, वो मुंह से जोर जोर से सिसकारियां निकाल रही थी.


निकाले भी क्यों न … उसकी जवानी को नया मर्द जो मिला था और वो भी अपने मर्द के साथ साथ। ज्योति की जवानी हम दो मर्दों के बीच मज़ा ले रही थी और मज़े से उसकी चूत पैंटी के अंदर ही बिलकुल तर हो गयी थी।


मैंने अपना एक हाथ उसकी पैंटी के अंदर डाल दिया. मेरे हाथ का स्पर्श अपनी चूत पर पाकर वो एकदम सिहर गयी और उसके मुंह से एक जोरदार सिसकारी निकली- उफ्फ … उई … आह्ह … सी … अहह!


मैं अपनी उँगलियों को उसकी पैंटी के अंदर उसकी चूत के ऊपर ऊपर घुमाने लगा जिससे ज्योति को और मज़ा आने लगा.


रोहित अब ज्योति को किस करने लगा था, वो उसे लिप लॉक किस कर रहा था, शायद वो अपनी जीभ भी उसकी जीभ पर घुमा रहा था.


नीचे ज्योति की चूत भी कभी बंद होती और कभी खुलती … मतलब ज्योति अपनी चूत की सिहरन को बर्दाश्त करने की कोशिश कर रही थी।


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