पड़ोसन भाभी के साथ चुदाई का मजा- 3

राजू गुप्त

24-09-2022

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दोस्तो, मैं राजू एक बार फिर से अपनी मकान मालकिन भाभी और उनकी सहेली पिंकी भाभी की चूत चुदाई की कहानी लेकर हाजिर हूँ. पिछले भाग पड़ोसन भाभी अपनी सहेली के साथ नंगी में अब तक आपने पढ़ा था कि मैं भाभी के कमरे में गया तो भाभी और उनकी सहेली पिंकी भाभी लेस्बियन सेक्स कर रही थीं. मुझे देख कर वो दोनों मेरे साथ चुदने के लिए मचलने लगीं. मैं भाभी के दूध चूसने लगा.


अब आगे :


पिंकी भाभी ने वाइब्रेटर लेकर भाभी की चूत में पेल दिया और फुल स्पीड कर दिया. भाभी एकदम से पूरी हिल गईं और उन्होंने वाइब्रेटर को धीमा करने को कहा.


पिंकी भाभी ने वाइब्रेटर स्लो किया और उसे चूत में ही फंसा कर छोड़ दिया. वो मेरा पैंट निकालने लगीं.


मैं उस समय एक हाफ लोअर और एक हाफ टी-शर्ट पहने था, तो मेरा हाफ पैंट तुरत निकल गया. मेरा लंड चड्डी में पूरी तरह से उभरा हुआ था तो पिंकी भाभी ने उसे भी निकाल दिया.


पिंकी भाभी- आज कई महीनों के बाद मर्द के एक लंड के दर्शन हुए है. आज तो मेरी चूत भी खुश हो जाएगी. ये बोलकर पिंकी भाभी मेरा लंड चूसने लगीं.


पिंकी भाभी जब मेरे टोपे पर जीभ से धीरे से सहलातीं तो मुझे बहुत अच्छा लगता. मैंने इसी जोश में में भाभी के निप्पल भी थोड़ा काट भी लिया.


भाभी ने तुरंत चिल्ला कर अपनी चूची को मेरे मुँह से निकाल लिया और उसे देखने लगी.


उन्होंने कहा- अरे यार, इसे काट खाएगा क्या, तुझे पीने के लिए दिया था और तू काट रहा है. भाभी अपने निप्पल को सहलाने लगीं.


उन्होंने देखा कि निप्पल पर दांत के निशान पड़ गए थे.


मैं- सॉरी भाभी, पिंकी भाभी जो कर रही हैं, उसमें मुझे बहुत मजा आ रहा था, तो गलती से दांत लग गया. मैंने उन्हें वापस पकड़कर अपनी ओर खींचा. वो मेरे ऊपर आ गिरीं.


मैं उन्हें किस करने लगा, कभी उनके गाल पर चूमता तो कभी उनकी गर्दन पर, तो कभी होंठ पर, तो कभी उनकी आंख पर. फिर भाभी उठीं और बोलीं- पिंकी अब तू आ जा, मैं नीचे जाती हूँ.


पिंकी भाभी मेरे सामने आ गईं.


जैसे ही मैंने उनकी चूत देखी, मेरे तो होश ही उड़ गए. भाई क्या चूत थी … पूरी साफ चूत, एक बाल भी नहीं!


चूत के गुलाबी होंठ, हल्की फूली हुई और एकदम बंद, कोई ढीलापन नहीं, बिलकुल पोर्न स्टार जैसा, बिना चुदी हुई चूत लग रही थी.


अगर बनाने वाला भाभी जैसी मस्त चूची और पिंकी भाभी जैसी चूत दे तो वो दुनिया की सबसे मस्त सेक्सी औरत होगी.


मैं- क्या बात है, भाभी ने जितनी तारीफ की थी … ये तो इससे भी ज्यादा मस्त छेद है. पिंकी भाभी- थैंक्यू, अभी तो शुरू हुआ है.


भाभी- अरे, जब चोदेगा तब इसकी जकड़न की भी तारीफ करेगा, अभी तो बस देखी है. ये कह कर भाभी जोर जोर से वाइब्रेटर को ऐसे अन्दर बाहर करने लगीं, जैसे वो झड़ने वाली हों.


पिंकी भाभी- लगता है तुझे लल्ला ने ही खा लिया. ये कह कर वो भाभी की चूत की तरफ चली गईं और खुद वाइब्रेटर को अन्दर बाहर करने लगीं. साथ में चूत भी चाटने लगीं.


मैं बस ये देखता रहा और भाभी झटके देती हुई झड़ गईं. पिंकी भाभी सारा माल चाट गईं.


भाभी अब निढाल हो गई थीं. उन्होंने वाइब्रेटर को बंद कर दिया और उसे चूत से निकाल दिया.


मैं उठा और तुरंत पिंकी भाभी को हर जगह किस करने लगा. वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थीं.


फिर जैसे ही मैंने उनकी नाभि को चाटना शुरू किया, उनकी मादक सिसकारियां शुरू हो गईं.


मैंने पिंकी भाभी के निप्पल भी चाटे और उसे पीने लगा. उसमें दूध तो था लेकिन उसका स्वाद मुझे नमकीन पानी जैसा लगा. तब भी मैं जोश में उसे पिए जा रहा था.


फिर मैंने पिंकी भाभी को लिटा दिया और खुद उनकी चूत पर चला गया. उनकी चूत पूरा पानी छोड़ रही थी. मैं उसे चाट चाट कर साफ करने लगा.


उनकी आंखें मस्ती से बंद होने लगीं और ओह ओह आह आह करके सिसकारियां लेने लगीं. तभी भाभी उठीं और वो पिंकी भाभी के होंठ पीने लगीं. उनके पेट पर हाथ से सहलाने लगीं.


करीब 2 मिनट ऐसा चला.


अब पिंकी भाभी से रहा नहीं जा रहा था, वो मचलने लगीं- प्लीज आज मेरी चूत को जन्नत की सैर करवा दो. भाभी बोलीं- अरे अभी रुक.


फिर वो उठ कर तेल लेकर आईं और साथ में कंडोम भी. वो पिंकी भाभी की गांड की छेद पर तेल को लगाने लगीं और वाइब्रेटर को चालू करके उस पर रगड़ने लगीं, फिर धीरे से उसे अन्दर डाल दिया.


मैं कंडोम को फाड़ कर जैसे ही पहनने जा रहा था, तो पिंकी भाभी बोलीं- कोई जरूरत नहीं. मेरा ऑपरेशन पहले ही हो गया है, तो माल अन्दर भी निकल सकता है. भाभी- अरे पहन लेने दे, कहीं गलती से मेरे ऊपर बिना कंडोम के चढ़ गया तो.


पिंकी भाभी- अरे तो तू गोली खा ले, वैसे भी बिना कंडोम के ज्यादा मजा आता है. एक बार तुझे चस्का लग गया, तब बिना कंडोम के ही चुदेगी. भाभी- दवा तो खाई है, लेकिन फिर भी. चल कोई नहीं, बिना कंडोम के ही लेने देते हैं. वैसे भी आज तुझे चोद लेगा, तभी तो मेरे वाले छेद के दर्शन करेगा. आज तो बस तेरा दिन है.


पिंकी भाभी मुस्कराती हुई- हां आज तो बहुत दिनों बाद मुझे चुदाई का मौका जो मिला है.


मैंने कंडोम को साइड में रख दिया और पिंकी भाभी की चूत पर रगड़ने लगा.


भाभी ने भी पिंकी भाभी के पेट को चाटना शुरू कर दिया. पिंकी भाभी ने आंखें बंद कर लीं और बिस्तर की चादर को जोर से पकड़ लिया.


वो सांसों को तेज करती हुई सिसकारियां लेने लगीं. मैंने भी अपने हाथ से लंड को थोड़ा दबाकर उनकी चूत के छेद पर रखा और अपने सुपाड़े को उसके अन्दर डाल दिया.


उनकी चूत मेरे सुपारे पर भी थोड़ा जकड़न कर रही थी. फिर मैंने एक जोर का झटका दिया, मेरा आधा लंड चूत में चला गया.


पिंकी भाभी की आंखों में आंसू आ गए और कहने लगीं- आंह मर गई … आज बहुत दिनों की प्यास बुझेगी मेरी आह उई आज तो मर ही गई. वो बस कामुक सिसकारियां लिए जा रही थीं.


फिर मैंने तड़ातड़ 4-5 धक्के मार दिए तो लंड पूरा अन्दर उतर गया. वाकयी में मुझे ऐसा लग रहा था कि कोई ने मेरे लंड को कसके पकड़ रखा है.


मुझे लंड को अन्दर बाहर करने में भी थोड़ी दिक्कत भी हो रहा थी. मुझे चूत की जकड़ बहुत अच्छी लग रही थी और साथ में वाइब्रेटर का कंपन भी मजा दे रहा था. मैं भी पूरी स्पीड में अन्दर बाहर करने लगा. जिससे पिंकी भाभी आगे पीछे होने लगीं. इससे भाभी को नाभि चाटने में दिक्कत होने लगी.


भाभी बस ये देख कर अपनी चूत सहला रही थीं और खुद भी पिंकी भाभी के ऊपर लेट गईं. वो अपने एक मम्मे को उनके मम्मे पर रगड़ने लगीं.


उनको पिंकी भाभी के ऊपर ऐसा करते देख कर मुझे और जोश आ रहा था और मैं ऐसे ही उन्हें चोदता रहा. करीब 5 मिनट बाद पिंकी भाभी जोर जोर से सिसकारियां लेने लगी थीं और बोलने लगी थीं- आंह … मैं तो बस आ रही हूँ और तेज चोदो … आह आह ओह माई गॉड प्लीज आज फाड़ दो इसे आज.


ये कहते हुए पिंकी भाभी ने भाभी को कसके पकड़ा और जोर के झटके देने लगीं. उनकी चूत भी मेरे लंड पे झटके देने लगी और भाभी का सारा माल निकल गया.


कमाल की बात ये थी कि पिंकी भाभी की चूत से एक बूंद भी बाहर नहीं निकली. मेरे लंड पर उनकी चूत की इतनी टाइट पकड़ थी.


मैं उनके झड़ने पर बोला- भाभी आप तो बोल रही थीं कि मेरा ऑपरेशन हो चुका है, लेकिन आपका गर्म माल अभी भी निकल रहा है.


उस पर दोनों भाभी हंसने लगीं तो पिंकी भाभी ने बताया कि ऑपरेशन में बस एक नस को ब्लॉक किया जाता है, जिससे तुम्हारे स्पर्म का मेरे एग से संपर्क न हो पाए. तुम चिंता मत करो मैं प्रेगनेंट नहीं होऊंगी. अगर तुम्हारी भी कभी नसबंदी होगा, तब भी तुम्हारा वीर्य निकलेगा लेकिन उसमे स्पर्म नहीं होगा. बस वो वाइट पानी होगा.


मैं- अच्छा.


मैंने भाभी से करवट में होने को बोला और उनकी एक टांग अपने कंधे पर रख ली. मैं अपने बिस्तर से नीचे उतर गया और लंड को उनकी चूत में पेल दिया.


भाभी को भी ये पोजिशन पसंद आ रही थी लेकिन अब तक वाइब्रेटर भी अपने अंतिम समय पर था तो भाभी ने उसे निकाला और धोकर उसका सेल चेंज कर दिया. पुराने सेल को चार्ज पर लगा दिया.


मैंने मुन्ना को पिंकी भाभी की गांड में डालने से मना कर दिया क्योंकि वो इस पोजिशन में दिक्कत कर रहा था.


इसलिए भाभी ने वाइब्रेटर अपनी चूत में डाल लिया और खुद भी लेट कर पिंकी भाभी के निप्पल चाटने लगीं. मुझे भाभी का मम्मे देख कर उसे खाने का मन कर रहा था तो मैं मम्मों को देख कर और तेजी से चोदने लगा.


करीब 5 मिनट चोदने के बाद मैं थोड़ा थक गया तो पिंकी भाभी मुझसे लेटने को बोलीं और खुद मेरे लंड की सवारी करने लगीं.


मैंने भी भाभी से उनके दूध पीने के लिए बोला तो वो झट से मेरे सामने घोड़ी बन गईं और अपने मम्मे मेरे मुँह के सामने लटका दिए.


मैंने भी खूब मजे से मम्मों को चूसा. आज मुझे और भी ज्यादा मजे आ रहे थे.


पिंकी भाभी की चूत की पकड़ और भाभी के मम्मे एक साथ मुझे बेहद सुकून दे रहे थे.


मैंने कुछ दूध पिया, फिर भाभी से उनकी चूत चाटने को बोला. भाभी ने तुरंत अपनी चूत मेरे सामने कर दी.


तो मैंने उसमें से वाइब्रेटर को निकाला और उनके पीछे डाल दिया. मैं खुद उनके अंगूर को चाटने लगा.


भाभी पूरी तरह से मस्त थीं और कामुक सिसकारियां ले रही थीं. दोनों तरफ से बस कामुक आवाजें ही आ रही थीं.


कुछ समय बाद पिंकी भाभी भी थोड़ी धीमी हो गईं, तो मैं समझ गया कि वो थक गई हैं.


भाभी पिंकी भाभी से बोलीं- ऊपर हो जा और मुझसे बोलीं कि अब तू पीछे से चालू हो जा! तब भाभी खुद हट गईं और पिंकी भाभी के पीछे से वाइब्रेटर को घुसेड़ दिया.


मैंने भी पिंकी भाभी की कमर को पकड़ा और फुल स्पीड में चालू हो गया.


पूरा रूम पट पट और सिसकारियों से गूंज रहा था.


पिंकी भाभी अब दूसरी बार अपने चरम सीमा पर आ गई थीं. वो फिर से ‘ओह ओह आह मेरा निकला …’ चिल्लाने लगीं और मेरे लंड पर पूरी तरह से बैठ कर पूरे लंड को अन्दर डाल लिया. बस वो झटके देती हुई झड़ने लगीं.


मुझे पिंकी भाभी को चोदते हुए करीब 25 मिनट हो चुके थे. मैंने कंडोम नहीं पहना था और न ही दस दिन से हस्तमैथुन किया था, तो मेरा भी अब जल्दी ही निकलने वाला था. मैंने भाभी से तुरंत घोड़ी बनने को बोला और धक्के भी तेज कर दिए.


करीब 3 मिनट ही हुए थे कि मैंने पिंकी भाभी को कसके पकड़ा और पूरा माल उनकी चूत में ही निकाल दिया. झड़ कर मैं ऐसे ही पड़ा रहा.


पिंकी भाभी की चूत में मेरा गर्म गर्म वीर्य, उन्हें बहुत अच्छा लग रहा था. वो बोलीं- काश ऐसी गर्मी रोज मिल जाया करे.


फिर जैसे ही मैं हटा, भाभी जल्दी से पिंकी भाभी की चूत पर आ गईं और अपनी जीभ से चाटने लगीं. हम दोनों का माल एक साथ मिक्स होकर बाहर आ रहा था और भाभी बड़े चाव से उसे साफ कर रही थीं.


मैं वैसे ही लेटा रहा तो भाभी बोलीं- अरे पिंकी आज मुझे पूरा तरसाओगी क्या? पिंकी भाभी- अरे ऐसे कैसे तुझे छोड़ दूंगी, अभी तो खेल शुरू हुआ है.


वो उठ कर कंडोम लाईं और मेरा लंड चाट कर खड़ा कर दिया, फिर उस पर कंडोम लगा दिया. भाभी भी तुरंत लंड पर कूद पड़ीं और खुद से लंड अन्दर बाहर करने लगीं.


फिर मैंने भाभी को भी खूब चोदा और उन्हें करीब 2 बार झड़ा दिया. जब मेरा निकलने वाला हुआ तो मैंने कंडोम हटा दिया और पिंकी भाभी की चूत चोदकर उसमें पूरा रस निकाल दिया.


पिंकी भाभी- आज तो मेरी चूत ने पूरी जन्नत की सैर कर ली.


मैं एकदम निढाल बिस्तर पर ही लेटा रहा और दोनों भाभी भी वैसे ही मेरे बगल में लेट गईं. मुझे बहुत तेज नींद आ रही थी.


पिंकी भाभी- ऐसा है तुम दोनों आराम करो, मैं तब तक कुछ खाने को बना देती हूँ.


वो कपड़े पहनकर किचन में खाना बनाने चली गईं. भाभी मेरी तरफ मुँह करके मुझे देखने लगीं. मैं भी उन्हें देख कर मुस्कराया.


भाभी- और कैसा लगा आज का दिन? मैं- भाभी आज मजा तो बहुत आया, पिंकी भाभी की चूत बहुत मस्त है.


भाभी- हां वो तो है. मैं- लेकिन आपकी भी कोई कम नहीं है. आपके मम्मों का तो कोई जवाब ही नहीं है.


ये बोल कर मैं फिर से उन्हें चूसने लगा. जिस निप्पल को मैंने काटा था, मैं उसे ही चूसने लगा.


भाभी को थोड़ा दर्द हो रहा था लेकिन वो बस सिसकारियां ले रही थीं.


मेरे पूछने पर वो कहतीं- अरे कोई बात नहीं … तू बस पी. मैं दूध पीते पीते ही सो गया. तब तक 12 बज चुके थे.


करीब 2 बजे मेरी आंख खुली तो मैं नंगा ही भाभी के बिस्तर पर था और मेरे ऊपर एक पतली चादर थी. सारा कमरा पूरा सही हो चुका था और कमरे में मैं अकेला ही था.


मैं उठा और मैंने एसी बंद किया. फिर कपड़े पहन कर बाहर आया तो देखा कि दोनों हॉल में बैठ कर बातें कर रही थीं.


मुझे देखते ही पिंकी भाभी बोलीं- गुड आफ्टरनून … आराम हो लिया. मैं- हां भाभी.


भाभी- जल्दी से, हाथ मुँह धोकर आ जाओ, सब साथ में खाना खाते हैं. मैं भी जल्दी से हाथ मुँह धोकर आया. और हम सब साथ में खाना खाया.


फिर हम साथ में बैठ कर वैसे ही एक दूसरे की लाइफ के बारे में बातें करने लगे. जब पिंकी भाभी अपने घर जाने लगीं तब उन्होंने कहा- किसी से कहना मत. बस ऐसे ही मजे दिया करो.


मैंने भी कहा- भाभी, आपकी चूत बहुत मस्त है. पिंकी भाभी बोलीं- थैंक्यू, ये बस तुम्हारे लिए ही बनी है. जब भी मन हो बस याद कर लेना, चूत तुम्हारे सामने हाजिर हो जाएगी.


वो चली गईं.


इसके बाद मेरा भी अगले 20 दिन तक ऑफ था तो मैंने भी करीब 5 से 6 बार दोनों को ऐसे ही चोदा. अब पिंकी भाभी की चूत उतनी ज्यादा से जकड़ नहीं करती. लेकिन तब भी जितना करती है, मजा आता है.


अब मेरी कंपनी पूर्व की भांति काम करने लगी थी तो अब बस रविवार को ही हम एक साथ मिल पाते हैं. या कभी कभी उस दिन भी नहीं मिल पाते हैं. जब किसी दिन पिंकी भाभी को ज्यादा मन होता तो मैं उस दिन ऑफ ले लेता और हमारा कार्यक्रम चालू हो जाता.


भाभी का दूध भी अब मैं केवल रविवार को ही पी पाता हूँ क्योंकि हर दिन सुबह शाम को उनकी सास घर में होती थीं और दोपहर में मैं ऑफिस गया होता था. मैंने पोर्न विडियो में कई बार वाइब्रेटर और लंड एक साथ चूत में देखा था, तो मैंने भाभी को बताया.


भाभी भी राजी हो गईं. फिर जब हम तीनों एक साथ इकट्ठा हुए, तब मैंने भी वैसे करना चाहा, लेकिन वाइब्रेटर और लंड एक साथ नहीं डाल पाया.


भाभी ने भी बहुत प्रयास किया लेकिन नहीं हो पाया. पिंकी भाभी में तो कोई चांस ही नहीं था.


एक दिन मेरे काफी प्रयास से वाइब्रेटर के साथ मेरे लंड का सुपारा भाभी की चूत के मुँह पर तो सैट कर दिया. इसमें भाभी को बहुत दर्द हो रहा था लेकिन वो मेरे लिए थोड़ा भी नहीं हिलीं. फिर जैसे ही मैंने और अन्दर करना चाहा लंड बाहर हो गया.


फिर मैंने ये प्रयास छोड़ दिया. कुछ चीजें केवल ब्लू फिल्मों में ही हो सकती हैं. तो दोस्तो, ये था मेरा पूरे लॉकडाउन का सफर भाभी और उनकी सहेली पिंकी भाभी के साथ. अगर लिखने में कोई त्रुटि हुई हो तो माफ कर देना.


मैं उम्मीद करता हूँ कि आपको मेरी कहानी पसंद आई होगी. अपना विचार मुझे मेरी ईमेल आईडी पर शेयर करें. [email protected]


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