स्लीपर बस में चार लड़कों ने मम्मी को चोदा

सुभ अरोरा

16-04-2022

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स्लीपर बस सेक्स कहानी मेरी मम्मी की है. वे अकेली रात में सफर कर रही थी. उन्होंने बस में केबिन शेयर किया तो कुछ लड़कों ने उन्हें सेट करके चोद दिया.


सभी पाठकों को मेरा नमस्ते। यह मेरी पहली कहानी है। यह कहानी कम … और मुझे हैरान करने वाली घटना ज्यादा है। स्लीपर बस सेक्स की घटना मेरी मम्मी के साथ हुई थी।


कहानी को शुरू करने से पहले मैं आपको अपने परिवार के बारे में बता देता हूं।


मेरे घर में मेरी मां और पापा के अलावा मेरा एक छोटा भाई भी है। वैसे तो हम कानपुर के रहने वाले हैं लेकिन अभी हम लोग इन्दौर में रहते हैं और मेरे पापा की किराने की दुकान है। मैं इन्दौर में ही जॉब करता हूं।


कानपुर से इन्दौर और इन्दौर से कानपुर हमारा आना-जाना लगा ही रहता है। हमें ट्रेन से जाना पसंद नहीं है इसलिए हम केवल बस से ही जाते हैं।


एक बार मेरे दादा जी की तबियत खराब हो गई थी तो हम लोग कानपुर जा रहे थे।


मैं आपको मेरी मम्मी के बारे में बता दूं कि वो 45 साल की एक मोटी महिला है। उनकी हाइट 5.4 फीट है। उनका पेट बाहर निकला हुआ है और मोटी होने के कारण उनके बोबों का साइज बहुत बड़ा है। मेरी मम्मी के बूब्स 40 के साइज के हैं।


वैसे तो मेरी मम्मी एक घरेलू महिला है और काफी बातूनी है।


इस घटना के पहले मैंने कभी उनके चाल-चलन के बारे में कभी गलत नहीं सोचा था।


तो जब हम लोग कानुपर गए तो वहां मम्मी एक महीने तक रुकी। मैं और पापा दो दिन बाद लौट आए थे।


फिर एक महीने के बाद पापा ने मम्मी को वापस आने के लिए कहा।


किसी वजह से पापा नहीं जा सके उनको लेने के लिए … तो मम्मी ने कहा कि वो खुद ही आ जाएंगी।


मम्मी को स्लीपर बस में टिकट मिल गई और वो वहां से चल पड़ी।


अगली सुबह मम्मी बस स्टैंड पर पहुंची तो मैं उनको लेने के लिए गया। मुझे उनके साथ एक लड़का खड़ा दिखाई दिया।


वो दोनों हंस हंसकर बातें कर रहे थे। वो मेरी मॉम के हाथ को बार बार सहला रहा था। मैं ये सब दूर से देख रहा था।


जब मैं पास गया तो वो दोनों थोड़ा अलग हो गए।


मुझे कुछ शक हो गया लेकिन मेरे पास कोई तरीका नहीं था जानने का कि ये लड़का कौन था। हम लोग घर आ गए।


घर आने के कुछ दिन बाद मम्मी का फोन गलती से उनके हाथ से पानी की बाल्टी में गिर गया।


मैं उसको ठीक करवाने गया तो मुझे उसमें ऐसा वीडियो मिला कि मेरे पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई।


मम्मी के फोन का मैंने व्हाट्सएप चेक किया तो उसमें मुकेश नाम के लड़के से चैटिंग मिली। मैंने उस लड़के की प्रोफाइल फोटो देखी तो ये वही लड़का था जो मम्मी के साथ बस स्टैंड पर खड़ा था और ये कई बार हमारे घर आ चुका था।


फोन में मुकेश और मम्मी की चैट और वीडियो देखकर मुझे उस रात वाली घटना का पता चला।


पूरी चैटिंग और वीडियो देखने के बाद मुझे सारी बात समझ आई और अब मैं उसको कहानी के रूप में आपके सामने पेश कर रहा हूं कि उस रात मम्मी के साथ स्लीपर बस में क्या हुआ था।


सर्दियों के दिन थे। उस दिन मम्मी की बगल वाली सीट पर दो लड़के थे। उनके साथ उनके दो दोस्त भी थे, यानि चार लड़कों को ग्रुप था वो! वो सब इन्दौर जा रहे थे।


सेफ्टी के लिए मॉम ने कंडक्टर से सीट बदलने को कहा लेकिन दूसरी सीट नहीं मिल पाई।


मम्मी बैठकर नहीं जाना चाहती थी इसलिए मजबूरी में उसको उसी सीट पर बैठा रहना पड़ा। लड़कों ने मॉम से कहा कि अगर वो कुछ देर लेटना चाहती हैं तो उनके पास लेट सकती हैं।


मॉम ने उस वक्त तो कुछ नहीं कहा लेकिन फिर एक घंटे के बाद मॉम को थकान होने लगी तो उसने लेटने का सोचा। वो लड़के अभी भी मॉम की ओर देख रहे थे।


मॉम उठकर उनकी सीट पर चली गई और आराम से एक तरफ लेट गई। मेरी मॉम को भी काफी बात करने की आदत थी तो वो जल्दी ही उन लड़कों के साथ घुल-मिल गई। मम्मी ने उन लड़कों को घर का खाना भी खिलाया।


रात में जब बस की लाईटें बन्द हो गयीं तो मम्मी भी सोने की तैयारी करने लगी।


उनमें से एक लड़का, जिसका नाम मुकेश था, मम्मी को बहुत घूर रहा था। उसकी नजर बार बार मम्मी के बूब्स की ओर जा रही थी। मॉम भी बार बार अपना पल्लू ऊपर कर रही थी।


वो कुंवारा था तो मॉम से शादी और लड़कियों की बातें करने लगा। मॉम भी थोड़ी देर में खुलकर बात करने लगी।


इस तरह से उन दोनों की देर रात तक बातें होती रहीं।


बर्थ पर मम्मी एक तरफ सिर किये हुए थी और वो दोनों लड़के मम्मी के पैरों की तरफ सिर करके लेटे हुए थे। ठंड की वजह से सबने कम्बल ओढ़ रखा था।


फिर धीरे धीरे वो लड़का मम्मी की तरफ आने लगा। पहले वो पैरों की तरफ टच हुआ और फिर धीरे धीरे पूरा ही मम्मी से चिपक गया।


धीरे धीरे वो हाथ को मम्मी के घुटनों पर फिराने लगा। ऐसा होते होते बस एकदम से रुकने लगी और एक ढ़ाबे पर जाकर रुक गई।


कुछ लोग चाय-पानी के लिए नीचे उतरने लगे। वो लड़का भी उठा और मॉम के पीछे पीछे जाने लगा।


मॉम ने उसकी पैंट की ओर देखा तो उसका लंड पूरा तना हुआ था।


ढाबे पर उन दोनों के बीच में नजरों का खेल चल रहा था। चाय पीते हुए भी वो मम्मी के पास ही बैठा रहा और दोनों में बातें हुई। फिर बस के चलने का समय हो गया।


वो लोग जाकर लेट गए। अबकी बार बस चलते ही उसने मम्मी की जांघों पर हाथ रख दिया लेकिन मम्मी ने उसका हाथ हटा दिया।


फिर वो उठकर दूसरी तरफ लेट गया और अब उसका सिर भी मम्मी के सिरहाने की तरफ ही हो गया। वो फिर से कम्बल में हाथ देकर मम्मी की पीठ को सहलाने लगा।


मम्मी ने उसका हाथ हटाया तो उसने फिर से रख कर सहलाना शुरू कर दिया। मॉम ने उसका चेहरा पकड़ कर दूर करना चाहा लेकिन वो मॉम के हाथ चूमने लगा।


इस तरह से दोनों में मीठी तकरार शुरू हो गई। मम्मी को कुछ खास विरोध न करते देख उसने मम्मी के पेट पर हाथ रख दिया और मम्मी का हाथ पकड़ कर अपने सीने पर रखवा लिया। वो मॉम के और पास सरक गया और उसके दूधों को दबाने लगा।


कई दिनों के बाद मर्द का स्पर्श मिल रहा था तो मम्मी को भी मजा आने लगा और वो गर्म होने लगी। मम्मी फिर धीरे से बोली- ये क्या कर रहे हो … अगर किसी को पता चल गया तो बदनामी हो जाएगी पूरी बस में!


वो बोला- अरे आंटी प्लीज … थोड़ा सा करने दो … बस ऊपर-ऊपर से … किसी को कुछ पता नहीं चलेगा। अब वो और जोर जोर से मम्मी के दूधों को दबाने लगा और मेरी मॉम अब और ज्यादा तेजी से गर्म होने लगी।


अब उस लड़के ने मम्मी के ब्लाऊज के बटन खोलना शुरू कर दिए और धीरे धीरे ब्लाउज उतार कर ब्रा भी अलग कर दी। मम्मी के मोटे मोटे बूब्स देखकर वो पागल हो गया और उनको जोर जोर से चूसने लगा। उसने अभी तक रियल में इतने बड़े बूब्स नहीं देखे थे।


हल्की हल्की सिसकारियां अब मम्मी के मुंह से निकलने लगी थीं। उन दोनों में ही जोश बढ़ गया था और हलचल होने के कारण उसका दूसरा दोस्त भी जाग गया।


मुकेश ने उठकर देखा और उसको इशारा कर दिया, जिससे वो फिर से चुपचाप होकर लेट गया।


फिर मुकेश ने एक ग्रुप चुदाई का वीडियो निकाल कर मॉम को अपने मोबाइल में दिखाना शुरू किया।


उसमें चार काले आदमी थे जो एक गोरी महिला की चुदाई कर रहे थे। मॉम ने ऐसा वीडियो पहली बार देखा था।


वो चारों उस महिला को बुरी तरह से चोद रहे थे। एक आदमी उसकी चूत मार रहा था और बाकी बारी-बारी से उसको लंड चुसवा रहे थे। इस बीच मुकेश मम्मी के बाकी कपड़े भी उतारता जा रहा था।


मम्मी को पूरी नंगी करने के बाद वो उसके ऊपर आ गया। तो मम्मी बोली- क्या कर रहे हो … कोई देख लेगा। मुकेश बोला- बस आंटी … थोड़ा सा … ऊपर-ऊपर से करना है।


मेरी मॉम फिर से चुप हो गई और मुकेश ने मम्मी के होंठों पर होंठों को चिपका दिया। वो दोनों किस करने लगे और एक दूसरे के होंठों को चूसते हुए मजा लेने लगे।


जवान लड़के के जोश के आगे मॉम की जवानी भी पिघल रही थी। अब मम्मी भी पूरी गर्म हो चुकी थी और चुदाई के लिए जैसे तैयार ही थी।


इतने में ही मम्मी की बालों वाली चूत पर मुकेश का हाथ पहुंच गया। पैंटी की साइड से ही उसने तुरंत दो उंगली मम्मी की चूत में सरका दीं और अंदर बाहर करते हुए उंगलियों से मम्मी की चूत चोदने लगा।


इधर मुकेश ने मम्मी का हाथ पकड़ा और अपने लंड पर रखवा दिया। मम्मी लोवर के ऊपर से ही उसके लन्ड पर हाथ फेरने लगी।


मौका पाकर मुकेश ने मम्मी की पैंटी को भी उतार दिया और भूखे जानवर की तरह पैंटी को मम्मी के सामने ही चूमने चाटने लगा।


जगह कम होने की वजह से मुकेश ने अपने दोस्त को उठने को कहा। मम्मी उसके दोस्ता जागता पाकर शर्म से लाल हो गई। दूसरे वाले लड़के के एक तरफ होते ही मम्मी सीधी सो गयी ओर मुकेश उनके ऊपर आ गया।


अब दोनों एक दूसरे को चूमने चाटने लगे। मुकेश मम्मी के बूब्स दबाते हुए किस किये जा रहा था।


मम्मी भी उसका पूरा साथ दे रही थी। फिर उसने मम्मी की टांगों के बीच में लंड को सेट किया और चूत का द्वार हाथ से खोजकर लंड चूत के द्वार पर टिका दिया।


इससे पहले कि मॉम कुछ कह या कर पाती, मुकेश का लंड मम्मी की चूत में प्रवेश कर गया।


वो तेजी से मम्मी की चुदाई करने लगा और मम्मी को भी जल्द ही मजा आने लगा। वो स्पीड में मेरी मम्मी की चुदाई करने में लगा था जैसे कि कोई ट्रेन छूट रही हो। वो कुत्ते की तरह मेरी मम्मी की चूत को पेलने में लगा था।


कुछ देर में ही वो उनकी चूत में खाली हो गया। फिर वो साइड में आकर लेट गया और उसे बहुत पसीना आ गया था।


मम्मी की चूत अभी झड़ी नहीं थी इसलिए वो मुकेश के लंड को अभी भी सहला रही थी।


लेकिन मुकेश जानता था कि अब क्या करना है; उसने अपने दोस्त को इशारा किया और मुकेश मम्मी के होंठों को चूसने लगा। इतने में ही उसके दोस्त ने मम्मी की चूत में लंड डाल दिया और चोदने लगा।


मम्मी एकदम से उसको हटाने लगी लेकिन मुकेश ने मम्मी के हाथों को पकड़ लिया और रोकने से मना कर दिया। मॉम कुछ न कर पाई और वो दूसरा लड़का मॉम की चुदाई करने लगा। कुछ ही देर में मम्मी की चूत की प्यास भी फिर से जाग गई।


मुकेश अब एक तरफ लेट गया और मम्मी आराम से उस दूसरे लड़के से चुदवाने लगी। पांच मिनट की चुदाई में ही मुकेश का दोस्त भी मॉम की चूत में ही झड़ गया।


अब तक मुकेश नीचे जा चुका था।


दूसरे वाला लड़का अभी मॉम के ऊपर ही पड़ा था कि तीसरा लड़का ऊपर वाली बर्थ में आ गया। उसने दूसरे वाले के हटते ही मॉम पर चढ़ाई कर दी।


अब मॉम की शर्म खुल चुकी थी और अब उसने तीसरा लंड भी अपनी चूत में ले लिया।


अबकी बार मॉम खुद ही अपनी चूत को ऊपर उठाकर लंड को अंदर ले रही थी। 10 मिनट तक चोदने के बाद तीसरे लड़के का पानी भी मॉम की चूत में छूट गया। अब तक मॉम की चूत पूरी तरह से पानी-पानी हो गई थी।


चौथे लड़के ने लंड डाला तो पच पच की आवाज साफ सुनाई देने लगी लेकिन बस के चलने के शोर में आवाज केबिन से बाहर नहीं जा रही थी।


मॉम की टांग उठाकर वो चौथा लड़का भी 15 मिनट तक मॉम को पेलता रहा।


एक घंटे के लगभग चुदते हुए मॉम दो बार झड़ गई और उसकी चूत में वीर्य का सागर बहने लगा जो उसकी चूत से निकल कर जांघों पर भी फैल गया। इस तरह बारी बारी से उन चारों ने पूरी रात मेरी मॉम को चोदा।


चारों में से एक लड़का चूत में लंड देता और दूसरा मुंह में देता। फिर दूसरा चूत में और तीसरा मुंह में। इस तरह से स्लीपर बस के इस सफर में मॉम पूरी रात लौड़ों से खेलती रही।


सुबह के 4 बजे ये खेल खत्म हुआ, फिर मॉम ने एक कपड़े से अपनी चूत को साफ किया और पूरे कपड़े पहन लिए। फिर वो सब सो गए।


सोते हुए केवल मुकेश ही मॉम के पास था।


सुबह मॉम ने ही मुकेश को उठाया जैसे कोई सुहागन अपने पति को उठाती है। उसने भी मम्मी को किस किया और मम्मी के बूब्स पर किस किया।


8 बजे बस इन्दौर पहुंची और चारों ने मम्मी को सामान सहित बस से उतारा। जब मैं उनको लेने पहुंचा तो मुकेश मॉम के साथ ही खड़ा था। ये घटना उस रात हुई थी।


दोस्तो, मुकेश वहीं इन्दौर के पास में ही जॉब करता था।


उस दिन के बाद कई बार वो हमारे घर भी आया था। वो तब भी मम्मी की चुदाई करके जाता था लेकिन तब मुझे ये सब पता नहीं लग पाया।


मम्मी उसे अपनी नंगी फोटो और चुदाई की वीडियो भेजा करती थी। कई बार वो उनको होटल में चुदाई करने के लिए भी लेकर गया था। उसके दोस्तों संग सबने मिलकर मम्मी की ग्रुप चुदाई की।


पहले तो मुझे ये सब जानकर बहुत बुरा लगा लेकिन फिर मॉम की चैट और वीडियो देख मेरा लंड भी खड़ा हो गया। फिर मैंने सोचा कि सब इन्सान ही तो हैं, सेक्स का मन तो सबका ही करता है।


इसलिए मैं अब मॉम से भी नाराज नहीं हूं। उन्होंने जो किया अपनी मर्जी से किया लेकिन अब मुकेश मॉम के कॉन्टेक्ट में नहीं है।


मैंने कई बार मॉम का फोन चेक किया लेकिन अब वो किसी लड़के से बात नहीं करती है।


तो दोस्तो, आपको मेरी मॉम की स्लीपर बस सेक्स कहानी कैसी लगी मुझे जरूर बताना। मेरी ईमेल आईडी है [email protected]


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