दोस्त ने अपनी गर्लफ्रेंड की चूत दिलवाई

प्ले बॉय रांची

27-01-2023

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थ्रीसम सेक्स का मजा मुझे दिलाया मेरे दोस्त ने अपनी हॉट गर्लफ्रेंड के साथ. मेरे दोस्त ने मुझसे पैसे लिए हुए थे. जब मैंने पैसे वापिस मांगे तो उसने गर्लफ्रेंड की चूत की ऑफर की.


दोस्तो, मेरा नाम रवीश कुमार है. मैं रांची झारखंड से हूं, मेरी उम्र अभी 29 साल है.


मैं देखने में साधारण सा इंसान हूं. मेरे पास एक मोटा काला 6 इंच का लंड है जिस पर स्कूल के दिनों से चुत का पानी लग चुका था और अभी तक रुका नहीं है.


मेरी पिछली कहानी लॉकडाउन में एक महीना पड़ोसन भाभी के साथ को आप सबने बहुत पसंद किया.


मुझे बहुत सारे मेल आते हैं, उनसे बात करके काफी मजा आता है. ईमेल से ही मेरे बहुत सारे अच्छे दोस्त बन गए हैं.


आज मैं फिर से अपनी सेक्स कहानी लेकर हाजिर हूँ.


दोस्तो, यह थ्रीसम सेक्स की कहानी 2013 की है, जब मैं कॉलेज में पढ़ रहा था.


कॉलेज में मेरे बहुत सारे नए दोस्त बन गए थे. उनमें से एक दोस्त बना था राजू.


राजू भी मेरी उम्र का था लेकिन वो देखने में स्मार्ट और गोरा था. उस पर लड़कियां तुरंत फिदा हो जाती थीं.


धीरे धीरे मेरी और राजू की अच्छी दोस्ती हो गई. राजू की गर्लफ्रेंड का नाम परीशया था.


परीशया का एक और बॉयफ्रेंड था जो दिल्ली में रहता था. साल में 11 महीने वो राजू से चुदती थी और जब उसका बॉयफ्रेंड आता तो साल में एक महीने वो अपने दूसरे बॉयफ्रेंड से चुदती.


राजू को शायद उससे प्यार हो गया था, जिसके कारण वो परीशया को छोड़ नहीं पा रहा था. मुझसे राजू अक्सर पैसे उधार लिया करता था, जिससे वो परीशया को घुमाता, उसे शॉपिंग करवाता.


धीरे धीरे मैं राजू के घर जाने लगा. उसके घर पर उसकी मां रीना से मिलने लगा.


उसकी मां की उम्र 42 साल की रही होगी. रीना आंटी देखने में गोरी, जीरो फिगर वाली मस्त माल थीं. उनकी चूचियां 34 की, कमर 26 की, गांड 36 की थी.


राजू की बड़ी बहन रिया की उम्र 20 साल की थी. रिया देखने में कड़क माल थी. उसकी 32 की चूची, कमर 28 की और गांड 34 की थी.


राजू का छोटा भाई बिट्टू एक शांत स्वभाव का लड़का था. उसके पापा रमेश की उम्र 46 साल की थी. वो काम के सिलसिले में बाहर ही रहते थे.


कॉलेज जाने से पहले मैं चुत चोद चुका था इसलिए मैं भी हमेशा चुत की जुगाड़ में लगा रहता था. मैं और राजू कभी कभी रंडी बुलाते और बारी बारी चोद लेते थे.


राजू मुझसे हमेशा उधार ले रहा था लेकिन वो कभी लौटा नहीं रहा था. मैं उससे पैसे मांगता, तो वो टाल देता.


मैंने मजाक में उससे बोला- पैसे दे या गांड मरवा ले. राजू- गांड मार ले भाई, लेकिन नौकरी लगने तक पैसे की बात मत कर!


एक दिन मैं और राजू घर पर अकेले बैठे हुए थे. राजू- भाई कुछ पैसे दे दे, एक बंदी को घुमाने ले जाना है.


मैं- मेरा मुँह में ले ले भोसड़ी के! राजू- मुँह में ले लूंगा, तो पैसे दे देगा? मैं- हां.


राजू तुरंत मेरी पैंट की चैन खोलने लगा. मुझे लगा कि ये मजाक कर रहा है. लेकिन राजू ने तुरंत पैंट और चड्डी को नीचे किया और लपक कर लंड को मुँह में ले लिया.


मैंने अपना लंड वापस पैंट में डाला और उसे मना करने लगा.


राजू ने कहा- तूने ही तो कहा था मुँह में लेने को, अब चुपचाप से चुसवा ले … और पैसे दे दे. मुझे भी मुँह में लंड दे कर मजा आया था. मैं चुपचाप से बिस्तर पर लेट गया.


राजू ने फिर से लंड को निकाला और मुँह में ले लिया. वह लंड पर थूक थूक कर चूस रहा था; पूरे लंड को गले में काफी अन्दर तक डालता, फिर निकालता.


उसकी आंख से पानी आने लगा लेकिन वो पूरा लंड मुँह में अन्दर बाहर कर रहा था. दस मिनट की लंड चुसाई में मैं उसके मुँह में झड़ गया, उसने सारा माल पी लिया.


राजू मेरे बगल में लेट गया.


मैं- तू गांडू है क्या? राजू- नहीं, लेकिन मैं पहले लंड चूस चुका हूं, मैंने गांड नहीं मरवाई है.


मैं- तूने पहले बहुत लंड चूसा है, तू लड़की से अच्छा लंड चूस रहा था. तूने मुँह भर कर मलाई को एक बार में गटक लिया.


राजू- वो सब छोड़, पैसे दे. एक लड़की मेरा इंतजार कर रही है. मैंने राजू को पैसे दे दिए, वो चला गया.


मेरे दिमाग में राजू की चुसाई चल रही थी. कुछ देर बाद मैंने राजू को कॉल किया और रात को उसे अपने पास सोने के लिए बुला लिया.


राजू ने रात को आकर पूछा- मेरी गांड मारेगा क्या? मैं- नहीं, मुझे तेरी लंड चूसने वाली कहानी जाननी है.


राजू- मुझे तेरी नियत ठीक नहीं लग रही है? मैं- अबे कहां से सीखा ये सब … और कब से चल रहा है?


राजू- स्कूल में जब मैं एक विषय में फेल हो गया था, तो मैं इस टीचर से बात कर अपने मार्क्स बढ़वाने उसके घर गया था. मैं कहा- तो!


वो- तो साले की बीवी नहीं थी. उसने कहा कि अगर मैं उसकी बीवी की कमी पूरी कर दूं, तो वो मुझे पास कर देगा. मैंने उसकी बात मान ली. मैंने उसका लंड चूसा, उसने मेरी गांड मारने की बहुत कोशिश की लेकिन दर्द के कारण मैं हमेशा गांड सिकोड़ लेता, जिससे उसका लंड घुसा ही नहीं. उसके बाद टीचर को समय मिलता, तो वो मुझे बुला कर लंड चुसवा लेता, पूरा माल मुँह में गिराता. जब तक मैं सारा माल पी नहीं जाता, तब तक लंड मुँह से नहीं निकालता.


मैंने ‘हम्म …’ करके उसकी कहानी को समझा.


राजू- इस तरह मुझे भी लंड चूसने का आदत लग गई थी. अब कभी कभी मेरा भी मन करता है कि किसी का लंड चूस लूँ और उसका माल पी जाऊं. आज जब तुमने बोला, तो मैंने चूस लिया. मैं भी खुश, तुम भी खुश.


मैं- एक बार और खुश कर दे. राजू- जब तूने सोने बुलाया, मैं तभी तेरी नियत समझ गया था.


राजू ने दस मिनट लंड चूस कर मेरा माल गिरा दिया और अपना लंड निकाल कर हिलाने लगा. उसका लंड लगभग 7 इंच लम्बा था लेकिन पतला और नुकीला लंड था. राजू ने मुठ मार कर अपना माल भी गिरा लिया और इधर उधर की बात करने लगा.


राजू- मेरी गर्लफ्रेंड परीशया, साली रंडी, दो साल से बेवकूफ बना रही है. अपने पहले ब्वॉयफ्रेंड से ब्रेकअप नहीं कर रही है. जब भी उसका पहला ब्वॉयफ्रेंड आता है, साली मुझे छोड़ कर उसके पास चली जाती है और उससे चुद कर आती है. मैं- तो तू उसे छोड़ दे!


राजू- उस रंडी से मुझे प्यार हो गया है, उसे कोई फर्क नहीं पड़ता है. मैं- तो तू बस उसे चोद कर मजे ले, प्यार मोहब्बत भूल जा.


राजू- रंडी के ऊपर मैंने बहुत पैसे उड़ाए हैं, ऐसे नहीं जाने दूंगा. मैं- कोई अच्छी लड़की देख कर नयी गर्लफ्रेंड बना ले. जब तक ये सस्ते में चुद रही है, इसको चोदता रह!


राजू- ठीक बोल रहे हो यार, यही करूंगा. मैं- मुझे पैसे की जरूरत थी, कुछ उपाय लगा भाई!


राजू- तेरे पैसे परीशया पर खर्च हुए हैं, तू भी उसे चोद कर वसूल ले. मैं- क्या बकवास कर रहा है?


राजू- बोल, तू चोदेगा? मैं- अगर तुझे कोई दिक्कत नहीं है, तो मैं तैयार हूं.


राजू- दस दिन का समय दे, दोनों भाई मिल कर परीशया की चुत और गांड मारेंगे. मैं- ठीक है, अब सो जाते हैं. बहुत देर हो गई है.


लगभग 20 दिन के बाद मुझे राजू का फोन आया- परीशया मान गई है, कल तैयार रहना. मैं- कैसे मान गई?


राजू- मैंने उससे थ्री-सम का पूछा, तो पहले उसने मना कर दिया. मैंने जिद करके उसे मना लिया. फिर जब मैंने उसे उसके पहले ब्वॉयफ्रेंड को शामिल करने का बोला, उसने मना कर दिया. मैंने उसे अपने पसंद का लड़का या लड़की लाने को बोल दिया. उसने सोचने के लिए समय लिया, फिर उसने मुझे ही किसी भरोसे वाले दोस्त को लाने बोला. मैंने तेरा नाम लिया, तो परीशया मान गई. मैं- ठीक है, कल मिलते हैं.


हमने एक दोस्त के फ्लैट पर मिलने का प्लान बनाया. राजू और परीशया पहले पहुंच गए, मैं बाद में गया.


राजू ने दरवाजा खोला और मुझे अन्दर ले लिया.


राजू ने मुझे एक शिलाजीत की गोली दी, जिसे मैंने तुरंत खा लिया.


मैं रूम में गया, परीशया पलंग पर लेटी हुई थी और मोबाइल चला रही थी. उसने मुझे देखा और नजरें झुका लीं.


राजू ने बेशर्मी के साथ परीशया के चूचों को मसल दिया और होंठों पर किस करने लगा.


राजू- आओ रवीश, शुरू करो. मैं- तुम लोग एक राउंड करो, फिर मैं आता हूँ.


परीशया- शुरू करने से पहले कुछ बातें सुन और समझ लो, ये पहली और आखरी थ्रीसम सेक्स है, इसके बाद ये कभी नहीं होगा, ना हम आपस में इसके बारे में बात करेंगे. यहां जो भी होगा, इसकी जानकारी इस रूम से बाहर नहीं जानी चाहिए. किसी चौथे को पता नहीं चलना चाहिए. मैं- ठीक है. राजू- मैं अपनी बेइज्जती क्यूं करवाना चाहूंगा?


दोस्तो, मैं परीशया के बारे में बताना भूल गया. परीशया देखने में पटाखा माल है, हाइट छोड़ कर सब कुछ भरपूर है. परीशया की हाइट 5 फीट 2 इंच है, वो गोरी है. उसके 34 साइज के बड़े बड़े टाइट चूचे, 28 की कमर, 36 की बड़ी सी गांड है. जब वो टाइट जींस और टॉप में निकलती है, तो मन करता है कि साली को यहीं पटक कर गांड मार दूँ.


राजू- भाई, तुम शुरू हो जाओ, चूमा चाटी कर लो, फिर मैं लंड चुसवाने आता हूं. परीशया- चुपचाप से यहां आओ और जिसके लिए मुझे बुलाया है, वो शुरू करो.


मैं परीशया के पास गया और उसके होंठों को किस करने लगा.


परीशया भी अपने होंठ चलाने लगी. राजू सोफे पर बैठ कर देख रहा था. हम दोनों एक दूसरे के जीभ को अच्छे से चूस रहे थे.


पांच मिनट किस करने के बाद परीशया ने अपने टॉप को खोला और राजू को बोला कि आओ निचोड़ कर मेरे दूध पियो. मैं किस करने में लगा हुआ था, मैं उसके होंठों को खा जाना चाहता था.


राजू ने चूचियों को पीते हुए, जींस की चैन खोली और परीशया की चुत में उंगली करने लगा.


परीशया पूरे मजे लेकर चुत में उंगली करवाती हुई किस कर रही थी. राजू ने चुत से उंगली निकाल कर चुत का पानी परीशया के होंठों पर लगा दिया.


मैंने परीशया के होंठों का पूरा पानी चाट कर साफ कर दिया.


राजू- तुम लोगों को सिर्फ किस ही करना है क्या? मैं और परीशया अलग हो गए.


राजू ने अपना लंड परीशया के मुँह में दे दिया, परीशया लंड को चूसने लगी.


मैंने सोचा कि राजू के चोदने से पहले इसकी चुत चाट लेता हूं, क्योंकि मैं राजू के लंड का स्वाद नहीं लेना चाहता था. तो मैंने परीशया के चूचों को चूसा और फिर उसकी जींस और पैंटी को एक साथ खींच कर खोल दिया.


मैंने पैर से किस करना शुरू किया और जांघ तक किस किया. उसके बाद मैं चुत में उंगली डाल कर चुत के अगल-बगल चाटने लगा.


परीशया अपनी कमर हिला कर चुत को मुँह में सटाने का कोशिश करने लगी. मैंने चुत के दाने को किस किया और चुत को चाटने लगा.


मैंने दस मिनट तक परीशया की चुत को जीभ घुसा घुसा कर चाटा, तब तक राजू ने उससे अपना लंड चुसवाया. राजू- अब तू लंड चुसवा, मैं इसकी चुत चोदता हूं.


परीशया पैर फैला कर लेट गई. राजू उसके ऊपर आकर चुत में लंड डाल कर चोदने लगा. परीशया ने भी बिना आह उह के लंड को निगल लिया.


फिर परीशया बोली- रवीश, कपड़े खोल ले यार. कब तक शर्माएगा.


मैंने अपने कपड़े खोले और पूरा नंगा हो गया, परीशया के मुँह के पास लंड सटा दिया. परीशया ने तुरन्त लंड को मुँह में लिया और चूसने लगी. राजू पूरे जोश और तेजी में चोद रहा था.


दस मिनट की चुदायी और चुसाई के बाद परीशया झड़ गई, तो राजू ने जगह बदल ली. अब मेरी बारी थी चूत चोदने की.


मैं- राजू, तू थोड़ा आराम कर. मैं अकेले चोदूंगा. राजू- ठीक है.


मैं परीशया के ऊपर चढ़ गया और उसके कंधों के नीचे से अपना हाथ घुसा कर फंसा लिया. ताकि वो धक्के के साथ आगे नहीं सरक पाए. परीशया ने भी मुझे अपनी बांहों में कसके जकड़ लिया.


परीशया- राजू, मेरे छेद पर लंड रख दो, अपनी गर्लफ्रेंड की चुदने में मदद करो.


राजू ने मेरे लंड को पकड़ कर छेद पर टिका दिया, उसी पल मैंने धक्का दे दिया. मेरा पूरा लंड चुत में समा गया. वो आह कह कर चीख पड़ी.


मैंने धक्का लगाना शुरू किया और पूरी तेजी में चोदने लगा. चुदायी से पूरा बिस्तर हिलने लगा और चर्र चर्र की आवाज आने लगी.


परीशया के मुँह से आह अह उह आह एह की आवाज निकलने लगी. कुछ देर बाद परीशया भी मजे ले लेकर गांड उठा उठा कर चुद रही थी.


राजू बगल में लेट कर चुदायी देख रहा था.


दस मिनट की ताबड़तोड़ चुदायी के बाद चुत का मुँह पूरा खुल गया था. लंड को छेद पर टिकाने के जरूरत नहीं थी. मैं पूरा लंड बाहर निकाल कर एक बार में चुत के जड़ तक ठोक रहा था और पूरी स्पीड से अपना 6 इंच मोटा का लौड़ा चुत में अन्दर बाहर कर रहा था.


जब भी लंड चुत से टकराता, चट चट की आवाज आती और परीशया के मुँह उह आउच की आवाज आती. उसकी आंखें भी बड़ी होने लगती थीं.


राजू- मैं कब तक तुम दोनों की चुदायी देखूं? मुझे भी मौका दो. परीशया- आओ न … किस करो, मेरे होंठ खाली हैं.


राजू उसके बगल में लेट कर किस करने लगा. मैं चोदने में लगा रहा.


बीस मिनट तक मैं चोदता रहा. मैं झड़ नहीं रहा था क्योंकि मैंने चोदने की गोली खाई थी. फिर कंडोम के वजह से थोड़ा मजा कम हो जाता है तो झड़ने में टाइम लगता है.


परीशया एक बार झड़ चुकी थी, वह बोली- तुम लोग झड़ क्यों नहीं रहे हो? अभी तक तुम दोनों में किसी का एक बार भी नहीं हुआ है? राजू- आज तुम्हें लंबा चोदने का मन है.


परीशया- साले दल्ले, तूने क्या गोली खाई है? राजू- हां.


परीशया- रवीश ने भी खाई है? राजू- हां.


परीशया- जल्दी करो, मेरी चुत में जलन होने लगी है.


मैंने परीशया और राजू की बात को नजरअंदाज किया और चोदने में लगा रहा. मैं झड़ने के मकसद से और तेज चोदने लगा.


पांच मिनट हचक कर चोदने के बाद मैं झड़ गया और परीशया की बगल में लेट गया.


मेरे हटते ही राजू परीशया पर चढ़ गया और चोदने लगा, उसने भी परीशया को अपनी बांहों में फंसा लिया और पूरी तेजी में चोदने लगा. परीशया को शायद दर्द होने लगा था, उसकी आंख से आंसू आने लगे थे.


राजू उसे किस करते हुए चोदने लगा और दस मिनट की चुदायी में झड़ गया. वो भी परीशया की दूसरी तरफ लेट गया.


मैंने राजू और परीशया की तरफ देखा, दोनों खुश थे.


अब मुझे सही वाली थ्रीसम सेक्स का मजा लेना था, जिसमें परीशया की चुत और गांड में एक साथ लंड पेल कर चुदाई का मजा मिलना था. उस सेक्स कहानी को अगले भाग में लिखूंगा. उसके बाद राजू की मां बहन की चुदाई की कहानी भी लिखूंगा.


आप मुझे अपने विचारों से अवगत जरूर कराएं कि आपको इस थ्रीसम सेक्स का मजा मिला या नहीं? [email protected] कहानी का अगला भाग:


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