लॉकडाउन में दीदी को दोस्तों संग मिलकर चोदा

शुभांकित

01-03-2023

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Xxx सिस फक स्टोरी में पढ़ें कि लॉकडाउन में मेरे चार दोस्त मेरे घर में रुके. घर में मैं और दीदी ही थे. मेरी दीदी भी बड़ी चालू माल है, हर किसी से चुद जाती है.


दोस्तो, मेरा नाम सुमित है, मैं 20 साल का हूं. मैं मुंबई अंधेरी में रहता हूं.


मेरी Xxx सिस फक कहानी पढ़ कर मजा लीजिये.


मेरा एक तीन मंजिला घर है. नीचे वाली मंजिल में दुकानें बनी हैं, उनको पर किराए पर दिया गया है.


उन दुकानों में से एक दुकान दवाओं की है जो कि पापा ने पार्टनरशिप में खोली है. उस दुकान की चाभी हमारे घर में ही रहती थी.


मैं बता दूं कि मेरे माता पिता दोनों सरकारी नौकरी करते हैं.


हमारे साथ में मेरी एक बड़ी दीदी भी रहती हैं. उनकी उम्र 24 साल है. मेरी दीदी बहुत मस्त और गदर माल हैं, जो भी उनको एक बार देख लेता है, उसका लंड फनफनाने लगता है.


दीदी भी बड़ी वाली रांड हैं, वो चाहे जिससे चुद लेती हैं, ये बात मुझे बाद में पता चली जब मैंने उन्हें चोदा था.


एक बार गलती से मैंने अपने दीदी को नहाते हुए देख लिया. मैंने भले ही उनके रसीले को बदन देख लिया था लेकिन मैं उनके किसी भी प्राइवेट पार्ट को नहीं देख पाया था.


वो उस दिन अपनी चूत में खिलौना जैसी कुछ चीज डाली हुई थीं जो बाहर से दिख रहा था. मगर समझ नहीं आ रहा था कि साली क्या चीज घुसी हुई है.


मेरी दीदी घर में कुर्ती और लैगी पहनती हैं. उनका फिगर बहुत ही गजब है. उनके बूब्स बिल्कुल बाहर को निकले हुए हैं. मेरा मन करता था कि जाकर अभी मैं उसको दबा लूं.


आप ऐसा समझ लो कि उनका फिगर बिल्कुल नोरा फतेही की तरह था. एकदम कड़क दूध गांड … और ऊपर से उनका गोरा बदन.


मुझे जब भी मौका मिलता था, मैं उनके गहरे गले से झांकते मम्मों की एक झलक ले लिया करता था. हालांकि उनके निपल्स तो नहीं दिखते थे पर आधे से ज्यादा मम्मों के दीदार हो जाते थे.


उन्हीं को सोचकर मैं कभी-कभी मुठ मार लिया करता था.


दीदी की गांड तो बिल्कुल मदहोश करने वाली थी, एक बार जो देख ले, वह बिना मुठ मारे नहीं रह सकता था. मुझे उन्हें चोदने का बहुत मन करता था.


मेरी दीदी भी फुल चालू माल थीं. मैंने उन्हें कई बार अपने ब्वॉयफ्रेंड से फोन पर सेक्स चैट करते देखा था. मुझे विश्वास था कि वो पक्के में अपनी चूत में कई लंड ले चुकी होंगी.


खैर … मुंबई जैसे शहर में उनके लिए ये सब आसान बात भी थी.


उस समय शादियों का सीजन आ चुका था और हमारे परिवार को हमारे गांव से निमंत्रण आया था जिसमें मम्मी और पापा दोनों लोग गए थे. हम दोनों भाई बहन परीक्षा होने के कारण यहीं पर रुक गए थे.


मम्मी पापा के जाते ही लॉकडाउन लग गया था. आपको पता ही होगा कि पहले वाले लॉकडाउन का बहुत ही सख्ती से पालन करवाया जा रहा था.


यहां पर हम और दीदी एक ही कमरे में सोते थे लेकिन हमारे बेड अलग थे. दीदी का बेड थोड़ा बड़ा था.


जब लॉकडाउन लगा था तो लोग अपने घर जाने की बहुत कोशिश कर रहे थे. उनको साधन नहीं मिल रहे थे.


मेरे चार दोस्त भी अपने घर जा रहे थे मगर उनको कोई सवारी नहीं मिल रही थी. वे लोग पैदल ही गांव जा रहे थे लेकिन पुलिस की सख्ती के चलते वे लोग छिप कर निकल रहे थे.


उस समय ये नहीं मालूम था कि लॉकडाउन कब तक चलने वाला है तो किसी को कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था. वो चारों हमारे घर में शरण लेने का मुझसे आग्रह करने लगे.


उस समय के हालात बहुत गम्भीर थे तो मैंने भी बोल दिया कि तुम लोग मेरे घर आकर रह सकते हो. जबकि मुझे पता था कि ये चारों लौंडे बहुत ही हरामी किस्म के हैं.


इन चारों ने एक साथ मिलकर एक लड़की को फंसाकर चोदा था. उस लड़की का नाम सुप्रिया था. हालांकि वो भी रांड थी; साली ने खूब गांड उठा कर अपनी चुदायी करवाई थी. वो सेक्स कहानी आपको बाद में सुनाऊंगा.


जब वह हमारे घर आए, तो मैंने उन्हें बिठाया और कहा कि तुम सब हाथ मुँह धो लो, मैं पानी लेकर आता हूं. वह सब हाथ धोकर बैठ गए. मैं भी उन्हें पानी पिलाने लगा.


फिर मैंने अपनी दीदी को आवाज लगाई- दीदी 5 लोगों के लिए चाय बना दो. दीदी ने हां कह दी.


जब वो चाय बना कर लेकर आ रही थीं तो मैंने देखा कि मेरे चारों दोस्तों की मादरचोद निगाहें उन्हीं के ऊपर टिकी थीं.


दीदी चाय टेबल पर रखने के लिए झुकीं तो उनके गहरे गले वाले शर्ट में से उनके बड़े-बड़े चूचे झलकने लगे. सामने बैठे मेरे दोस्त दीदी की चूचियां देखकर मदहोश हो गए. मेरे बगल वाला तो दीदी की गांड देखकर एकदम से गर्मा गया और उसका लंड हरकत करने लगा.


मैं समझ गया कि आज यह सब मिलकर कुछ ना कुछ तो गड़बड़ करेंगे ही.


चूंकि वो शाम का वक्त था. दीदी खाना बनाने की तैयारी करने लगी थीं.


हम पांचों दोस्त मेरे कमरे में जाकर बात करने लगे थे. मैं समझ गया था कि वह चारों मेरी दीदी की जवानी के बारे में जरूर बात करेंगे.


यही हुआ भी. उनमें से राहुल नाम के लड़के ने मुझसे सीधे सीधे पूछ लिया- सच बताना सुमित, तू अपनी दीदी को चोदना चाहता है न! मैंने घबराते हुए कहा- न..नहीं तो … ये क्या बोल रहा है तू?


उसने कहा- झूठ मत बोल, मैंने देखा था. जब तेरी दीदी चाय दे रही थी, तो तेरा लंड खड़ा था. मेरे माथे पर पसीना आ गया.


फिर उसने अपनी बातों में मुझे उलझा दिया और वो सब मेरी दीदी के बारे में मस्त मस्त सेक्सी बातें करने लगे. जैसे कि तेरी दीदी बहुत मस्त माल है उसे एक बार चोद ले. फिर तुझे जब जब मन करेगा, तब तू चोद लेना. तुझे बाहर जाने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी. घर में ही तेरे पास माल रहेगी. जब मन करेगा, तब चढ़ जाया करना.


मैं इतना सब सुनकर सोचने लगा कि हां यह सही तो कह रहे हैं. आज यह लोग मेरा काम करवा दें. उसके बाद दीदी तो मेरी ही हो जाएंगी.


मैंने कहा- बोलो, क्या करना होगा? उसने कहा कि तेरे नीचे वाले रूम में मेडिकल स्टोर है. वहां से तू सेक्स वर्धक दवाई ले आ और उसे अपने दीदी खाने में डाल देना.


मैंने बोला- मैं नहीं जानता सेक्स वर्धक दवाई कैसी होती है और कैसे काम करती है? राहुल ने कहा कि तू ये बता कि तेरे पास दुकान की चाबी है ना? मैंने बोला- हां.


वो मुझे मेडिकल स्टोर में पीछे के दरवाजे से लेकर गया और वहां से सेक्स वर्धक दवाई निकाल कर और कुछ कंडोम भी निकाल कर दे दिए. मैं समझ गया कि आज ये सब पूरे मूड में हैं. सब दीदी को चोद कर ही छोड़ेंगे.


फिर हम लोग कमरे में आ गए.


उतने में ही दीदी ने आवाज लगा दी- सुमित, आ जाओ. मैंने खाना लगा दिया है. आकर खा लो और अपने दोस्तों को भी लेकर आ जाओ.


हम लोग खाना खाने गए तो दीदी हमें परोसने लगी.


उस वक्त दीदी ने जो गुलाबी पैंटी पहन रखी थी वह उनकी सफ़ेद लैगी में से साफ़ झलक रही थी. यह सीन देखते ही वहां सब के लंड खड़े हो गए.


उनमें से एक सचिन ने अपना हाथ दीदी की गांड पर लगाते हुए रोटी लाने की कहने का बहाना किया.


हम सब लोग समझ गए कि यह साला बहुत हरामी है. यही खेल शुरू करेगा.


जब हम लोगों ने खाना खा लिया, तब दीदी अपना खाना निकाल कर खाने लगीं.


अभी दीदी खाना शुरू ही कर रही थीं कि मैंने उनसे दो गिलास पानी मांगा. वह जैसे ही पानी लेने गईं, वैसे ही एक लड़के ने पीछे से जाकर उनके खाने में सेक्स वर्धक गोली मिला दी.


वो पानी देने के बाद अपना खाना खाने लगीं और जल्द ही खाना खत्म कर लिया. फिर दीदी बर्तन धोकर अपने कमरे में चली गईं.


अब हम लोग बस इंतजार कर रहे थे कि कब खेल शुरू होगा. मैंने भी अपने दोस्तों के बिस्तर लगा दिए थे.


मैं अपने कमरे में चला गया और सोने का नाटक करने लगा. मुझे ऐसा लगा कि वह चारों कमीने मेरे रूम के बाहर ही हैं और लंड हिला रहे हैं.


अभी मैं ऐसा सोच ही रहा था कि तभी मेरी नजर दीदी पर गई. वो जोर जोर से अपना तकिया और बिस्तर दबा रही थीं. मैं समझ गया कि दवा का असर होना शुरू हो गया है.


दीदी को देख कर ऐसा लग रहा था कि उनकी चूत में बहुत खुजली हो रही है. कुछ ही देर में वह काफी उत्तेजित होने लगीं.


मैं अपने बेड से उतर कर उनके बेड के पास चला गया और मैंने उनसे पूछा- दीदी कुछ हुआ है क्या? उन्होंने कुछ नहीं कहा और हल्की हल्की सी कामुक आवाज निकालती रहीं. उन्होंने मुझे उनके साथ ही लेट जाने का इशारा किया.


मैं उनके बिस्तर पर लेट गया और उन्हें थपथपा कर सुलाने की कोशिश करने लगा. कुछ देर बाद मैंने उनकी कमर पर हाथ रख दिया.


दीदी की कमर पर हाथ रखते ही मेरे शरीर में बिजली सी दौड़ गई. उन्होंने भी अपना हाथ मेरे हाथ पर रख दिया और वो जोर से दबाने लगीं.


यही सही मौका था, मैं तुरंत अपना मुँह उनके होंठों के पास लेकर गया और उन्हें चूमने लगा. उन्होंने कुछ नहीं कहा.


मैं उन्हें बिंदास चूमने लगा. दीदी के होंठों को चूमते हुए मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था.


उसी बीच मेरा हाथ उनके शर्ट के अन्दर चला गया और मैंने दीदी के मम्मों पर अपना हाथ रख दिया.


यकीन मानो दीदी के बड़े बड़े बूब्स मेरे एक हाथ में नहीं आ पा रहे थे. मैंने एक चूची को कसके दबाया तो दीदी की हल्की सी आवाज निकली- आंह … आह.


इससे मैं भी उत्तेजित हो गया और मेरा लौड़ा एकदम से कड़क हो गया. मैंने फटाफट से हाथ चलाए और दीदी को ऊपर से कमीज उतार कर नंगी कर दिया.


सामने दीदी के मस्त दूध थे. उन्होंने ब्रा भी नहीं पहनी थी. वो रात को सोते समय ब्रा नहीं पहनती थी.


मैं उन्हें तेज तेज से किस किए जा रहा था और वह भी मेरा साथ दे रही थीं. शायद उन्हें वासना में इस बात का ख्याल ही नहीं रह गया था कि मैं उनका सगा भाई हूं.


फिर मैंने उनका लोअर निकाला और उनकी गुलाबी पैंटी मेरे सामने आ गई. मैं दीदी को इस रूप में देखकर दंग रह गया था.


तभी बाहर से सारे बंदे अन्दर आ गए.


उन्हें अन्दर आया देख कर दीदी थोड़ा सहम गईं लेकिन वह अब तक काफी उत्तेजित हो गई थीं. उन्हें दवा के चलते भारी चुदास चढ़ गई थी और यह नहीं दिख रहा था कि सामने कौन है और कितने हैं.


मैं दीदी को अभी भी चूम ही रहा था और उनके मम्मों को जोर जोर से दबा रहा था. फिर मैंने उनकी एक चूची को अपने मुँह में ले लिया और हल्का हल्का काटने लगा.


दीदी सिहर गई थीं और एकदम हॉट सेक्सी माल की तरह आवाज निकाल रही थीं. यह देख कर मैं और सारे बंदे एकदम से उत्तेजित हो गए.


मैं अब और नहीं रुक सकता था. मैं तुरंत अपना मुँह उनकी चूत के पास ले गया और पैंटी हटा कर देखा कि उनकी चूत बिल्कुल साफ थी. वहां से लिसलिसा पानी निकल रहा था.


मैंने अपना मुँह आगे करके उनकी चूत में जीभ लगा दी और दीदी की चूत का पानी चाटने लगा.


मैं ठीक वैसे ही चूत चाट रहा था जैसे ब्लूफिल्म में पोर्न स्टार करते हैं. उधर वो चारों बंदे एकदम से नंगे होकर बेड पर आ गए.


दीदी बोलने लगीं- चोदो मुझे … अब मुझसे और नहीं रुका जा रहा है … चोदो सालो.


यह सुनकर मैंने लंड पर क्रीम लगाई और अपना लंड दीदी की चूत में डाल दिया. दीदी की चीख निकल गई.


मैंने अपनी स्पीड बढ़ाई और कुछ ही देर में दीदी की चूत का दर्द भी कम होता चला गया. मेरे सभी दोस्त दीदी को ऊपर नीचे सभी जगह से मसल रहे थे, चूम रहे थे.


फिर राहुल ने अपना लंड निकाल उनके मुँह में डाल दिया और दीदी से लंड चुसवाने लगा. वह मजे से लंड चूस रही थी तो लग रहा था कि साली कहीं से लंड चूसना सीख कर आई है.


करीब दस मिनट चोदने के बाद मेरा रस निकल गया और सारा रस कंडोम के अन्दर ही छूट गया. मैं दीदी के बगल में उसके मम्मों पर हाथ रख कर लम्बी लम्बी सांसें भरने लगा.


मेरे हटने के बाद राहुल ने मेरी जगह ले ली, उसने भी दीदी को चोदना चालू कर दिया. फिर कुछ देर बाद उसकी जगह पुनीत ने ले ली. अब वह अपना लंड चुसवाने लगा और राहुल दीदी को चोदने लगा.


दीदी भरपूर मजा ले रही थीं और गाली देते हुए और तेज तेज चोदने को बोल रही थीं.


ऐसा सभी ने बारी बारी से किया और सब दीदी को चोद कर हंसी मजाक करने लगे.


तभी मेरा एक बार फिर से खड़ा हो गया. मैंने बिना कंडोम के दीदी से लंड चुसवाने का मजा लिया.


मुझे ऐसा लगा कि मानो असली मजा लंड चुसवाने में ही था. लंड चुसवाने के बाद मैंने अपना माल दीदी के मुँह में ही छोड़ दिया.


मुझे ऐसा लग रहा था कि दवाई का असर काफी पहले ही खत्म हो गया था मगर दीदी अब खुल कर Xxx सिस फक का मजा ले रही थीं.


रात के ढाई बज रहे थे.


सबने मेरी बहन को मस्त चोदा था. सब थक चुके थे. इसीलिए सब वहीं सो गए.


कमरे में बेड पर एक लड़की थी और पांच लड़के थे. दीदी मेरे और राहुल के बीच में सोई थीं.


मेरा हाथ उनके नंगे मम्मों पर था. मुझे ऐसा लग रहा था कि राहुल ने अपना लंड दीदी की चूत में डाला हुआ है और दीदी उसका लंड अपनी चूत में लेकर सो रही थीं.


सुबह हुई, तो सब देर तक सोए रहे. सबसे पहले दीदी उठीं और जाकर नहाकर तैयार हो गईं.


फिर हम सब भी फ्रेश होकर हॉल में आ गए. दीदी बिल्कुल नहीं शर्मा रही थीं.


मैं समझ गया कि रात को इन्होंने पांच लंड से चुदने का खूब मजा लिया है.


हम सब बनियान और हाफ लोअर में ही थे.


दीदी चाय लेकर आईं और झुकीं तो राहुल ने दीदी की गांड पकड़ कर उन्हें अपने ऊपर बैठा लिया और कसकर चूमना शुरू कर दिया. इस पर दीदी भी मुस्कुरा दीं.


फिर राहुल ने कहा- हम यहां 5 दिन के लिए आए हैं, तो तुम हमारी रानी बनकर रहो … जैसा हम कहेंगे, वैसा ही करना. दीदी बोलीं- हां मेरे राजा, तुम्हीं ने तो मुझे देर तक चोदा था.


वो शर्मा गया और हम सब अपने लंड को सहलाने लगे.


फिर मैंने दीदी से कहा कि अब से आप घर में कपड़े नहीं पहनोगी. आपको इस घर में सिर्फ ब्रा और पैंटी में ही रहना है. दीदी बोलीं- जो हुकुम मेरे राजा.


और दीदी ने वहीं अपने कपड़े उतार दिए.


मेरा मन तो किया कि दुबारा चोद दूँ. मगर दीदी ने अपने कपड़े उतारते समय इस बात की शर्त रखी थी कि वो अपनी मर्जी के लंड से चुदेंगी इसलिए जब तक दीदी मेरे लंड को नहीं चुनतीं, तब तक मैं उन्हें नहीं चोद सकता था.


दोस्तो, अगर आपको Xxx सिस फक स्टोरी में मजा आया नहीं … मुझे ईमेल करें. [email protected]


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