मेरी बीवी बनी मेरे ऑफिस की रंडी

समीर काम

04-01-2023

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Xxx वाइफ सेक्स कहानी में मेरी बीवी मेरे ऑफिस में मेरे बॉस से चुदी. उसके बाद एक एक करके पूरे स्टाफ से चुदी यहाँ तक कि चौकीदार से भी. मजा लें पढ़ कर!


दोस्तो, आपने मेरी पिछली कहानी एक्ट्रेस बनने की चाहत में मेरी बीवी चुद गई पढ़ी और मजा लिया. आपके मेसेज मिले, बहुत अच्छा लगा.


दोस्तो, मैं अपनी हर कहानी में बीवी का नाम अलग लिख रहा हूँ; मैं नहीं चाहता कि कुछ समस्या हो.


आगे मेरी बीवी स्वाति ने मेरे साथ जो बेवफ़ाई की, उसके बारे में लिख रहा हूँ मेरी बीवी किस तरह से मेरे ऑफिस की रंडी बनी, ये सेक्स कहानी उसी को लेकर है.


चलिए Xxx वाइफ सेक्स कहानी शुरू करते हैं.


हुआ यूं कि मेरे पीछे छुपकर तो वो बहुत सारे लंड खा चुकी थी और मुझे ये पता था. पर अब ये सब मेरे सामने होने वाला था.


एक दिन मेरे ऑफिस में छोटी मीटिंग थी जिसमें सब कर्मचारियों का स्वास्थ्य बीमा किया जाने वाला था.


सबने अपना और अपने परिवार का नाम दर्ज कराया था कि जिस दिन बैंक वाला आएगा, उस दिन जिन जिन का नाम दिया गया है, उसे हस्ताक्षर करने ऑफिस बुलाया जाएगा.


उस दिन उसी हिसाब से सबके घर वाले आए थे. माँ-बाप, बीवी-बच्चे सब आए थे.


मैंने भी अपनी बीवी स्वाति को बुलाया था. उसे बस दस मिनट के लिए एक हस्ताक्षर वास्ते आना था.


उतने से के लिए भी वो अपनी लाल साड़ी, डीप कट ब्लाउज आदि पहनकर एकदम रांड बनकर आयी.


जब उसे मेरे बॉस विजय सर ने देखा तो साले के मुँह से पानी टपकने लगा. वो मुझे कुछ ज़्यादा भाव देने लगा.


मैंने मजबूरी में उसका परिचय अपनी बीवी से करवाया.


उसका एक चेला दीपक तो मेरे लिए और मेरी बीवी के लिए पानी तक लेकर आया.


जैसे मैं अन्दर ऑफिस के रूम में गया, वैसे ही मेरे पीछे विजय को स्वाति ने अपने वश में कर लिया, उसको अपने बड़े बोबे निप्पल के साथ दिखा दिए.


उस रांड ने विजय के सामने पेन गिरा कर झुककर अपनी दौलत दिखा दी.


दीपक ने उसी मौके पर स्वाति की गांड पर लंड चिपका कर फेर दिया. मैंने ये सब अन्दर खिड़की से चुपके से देखा.


विजय का खड़ा लंड हो गया था और उसने अपनी पैंट के ऊपर से मसला भी था. दीपक ने तो लंड स्वाति की गांड पर रगड़कर उसे अपने लंड का नाप तक दे दिया था.


तभी स्वाति इठला कर बोली- सर अगर पैंट पर कुछ फंसा है, तो थोड़ा हल्का कर लो ना!


ये सुनकर विजय को और दीपक को ग्रीन सिग्नल मिल गया. मुझे ग़ुस्सा आया तो मैं बाहर जाकर ये सब बंद करवाने वाला था, तभी अन्दर मेरा ऑफिस का साथी रवि आ गया और वो डॉक्यूमेंट के बारे में पूछने लगा.


ये मुझे बाद में मालूम चला कि वो भी मुझे अन्दर रोके रखने के लिए आया था.


पांच मिनट बाद जब मैं बाहर गया तो वहां पर वो तीनों नहीं थे. मैं सबसे पहले बाथरूम की तरफ़ गया कि अभी लंड लेना चालू ही हुआ होगा. लेकिन मुझे वो कहीं नहीं मिले.


मैंने फ़ोन लगाया. दो तीन बार फोन करने के बाद भी स्वाति ने फोन ही नहीं उठाया.


मैंने विजय सर को लगाया तो उस मादरचोद ने भी नहीं उठाया.


पूरे आधे घंटे बाद तीनों टेरेस की सीढ़ियों से नीचे आते दिखे जबकि टेरेस बंद रहता है.


स्वाति की पूरी लिपस्टिक उतरी हुई थी, मुझे पता चल गया कि रंडी ने लंड चुसायी की होगी.


मैंने पूछा तो बोले- खुली हवा खाने टेरेस गए थे. मैं स्वाति पर ग़ुस्सा हो गया.


मुझे ये बात खटकी, तो पहला मौका मिलते ही मैंने स्वाति को उन दोनों से दूर रहने का बोल दिया. इस बात पर स्वाति भड़क उठी और इस झगड़े का बदला लेने के लिए वो बॉस को अपना फोन नंबर दे आयी. फिर वो वहां से गुस्से में घर निकल गयी.


उस दिन के बाद दो तीन दिन गुजर गए. बॉस मुझे ज़्यादा भाव देने लगा; काम कम देता और मेरे साथ घूमने लगा. उसने मुझसे मेरी पगार भी बढ़ाने की बात कही.


मेरा ध्यान स्वाति पर नहीं था. मैं ये सब एन्जॉय करने लगा था. प्रमोशन और आराम की ज़िंदगी मुझे रास आने लगी.


इसी वजह से विजय सर मेरा बॉस की जगह कुछ ज़्यादा ही क़रीबी दोस्त बन गया था और मेरे घर आने जाने लगा था.


मैं भी सब समझता था लेकिन विजय के द्वारा दी गई सुविधाओं से मेरी समझ पर पर्दा पड़ गया था. थोड़े दिन में ही वो मेरे पीछे स्वाति को होटल में बुलाकर चोदने लगा था.


विजय ने मेरी बीवी का एक एमएमएस वीडियो बनाया और उसने ऑफिस में अपने दोस्तों को दिखाया. स्वाति के रांडपने के चर्चे पूरे कम्पनी में होने लगे थे.


इस तरह से दिन बीतते गए. मैं ये जान ना सका कि क्या हो रहा है. फिर जब कुछ जानने की कोशिश भी नहीं की कि सब कुछ मस्त चल रहा है या नहीं.


एक दिन अचानक स्वाति ने ऑफिस के सब लोगों को घर दावत पर बुलाने को कहा. मुझे ये बात ठीक नहीं लगी. पर मेरे रहते घर में चुदायी नहीं होगी, ये सोच कर मैंने सबको अगले शनिवार दावत के लिए बुलाया.


रात आठ बजे मेरे घर विजय पर दीपक, मेरा दोस्त रवि और केतन आए. अब सब जेंट्स थे तो स्वाति बन-ठन कर स्वागत के लिए तैयार हुई.


रवि वोदका, तो विजय व्हिस्की लाया. कुछ और भी दो तीन ब्रांड की दारू लायी गई थी.


सबका प्लान बन गया. दारू पीते पीते सब ऑफिस वाले दोस्त मुझे अपना अपना पैग पिला देते.


मुझे धीरे धीरे नशा होने लगा, तो मैंने जल्दी दावत खत्म करके सोने का प्लान बनाया और सबको खाना खाने ले आया. स्वाति के बग़ल में मैं, दूसरी बाजू विजय, सामने दीपक बैठ गया था.


विजय स्वाति की जांघ पर हाथ फेर रहा था और सब शायद मेरे सो ज़ाने की राह देख रहे थे. मुझे अचानक से मेरी तबियत बिगड़ी सी लगी, तो मैंने जैसे तैसे खाना खाया और सबके जाने तक खुद को सम्भाला.


जैसे ही सब दरवाज़े के बाहर गए, मैं बेडरूम में जाकर सो गया. स्वाति किचन में चली गयी.


मेरी आंख पंद्रह मिनट बाद खुली, मुझे जोर की बाथरूम लगी थी. शायद ज्यादा दारू की वजह से मुझे असहज सा लगने लगा था.


मैं बेडरूम वाले बाथरूम में गया और बाथरूम से वापिस आया कि तभी मैंने कुछ आवाज़ सुनी. ये आवाज हॉल से आ रही थी.


मैं जैसे ही हॉल में गया तो सामने विजय, दीपक, रवि सोफ़े पर बैठे थे. केतन बग़ल में खड़ा था.


मेरी आंखें अधमुंदी सी थीं. मैंने ध्यान से देखा तो केतन ने शर्ट उतारी हुई थी.


थोड़ा नजरें आगे बढ़ाईं तो सोफ़े के आगे स्वाति अपनी चूचियां खोलकर दीपक का लंड मुँह में लेकर चूस रही थी और वो विजय व रवि का लंड हाथ से हिला रही थी. मैं सन्न रह गया.


मैंने जोर से आवाज देकर कहा- ये सब क्या हो रहा है? केतन ने आकर मुझे धक्का मारा और बोला- चुप साले … तेरी बीवी बाज़ारू रांड है. अपने कॉरपोरेट ऑफिस की रंडी है. ये कोई पहली बार नहीं, जो हम इसकी ले रहे हैं.


मैंने इतनी ज्यादा दारू पी रखी थी कि केतन के धक्के से मैं वहीं गिर गया था और उठ भी नहीं सकता था. ये सब देखकर दिमाग़ घूम गया.


स्वाति भी नशे में थी. वो उनका लंड चूसती हुई बोली- साले गांडू, तू उधर ही सो जा, मुझे तू हाथ तक नहीं लगाता. मेरी वजह से तेरी पगार बढ़ गई, काम कम करना पड़ा. ये कहती हुई वो घोड़ी बन गयी.


विजय बोला- मैं बॉस हूँ, मैं पहले मैं अपने लंड का माल खाली करूंगा. आगे दीपक ने स्वाति के मुँह में लंड पेल दिया और लम्बे लम्बे शॉट मारकर उसका मुँह चोद रहा था.


पीछे से विजय ने स्वाति की चूत को धकापेल चोदना शुरू कर दिया था. एक बाजू केतन, तो दूसरे बाजू रवि आ गए और स्वाति दोनों हाथों से उनके हथियार हिलाने लगी.


सबके लंड बड़े बड़े थे और स्वाति के थूक से चिकने हो गए थे. दीपक को रहा नहीं गया और उसने स्वाति के मुँह में ही सारा पानी डाल दिया.


स्वाति ने एक बार भी कुछ नहीं कहा. वो साली उसके लंड का सारा माल चाट गई और लंड को अच्छे से चूस कर साफ़ कर दिया.


अब दीपक की जगह रवि ने ले ली. रवि स्वाति का मुँह चोद रहा था.


पीछे से विजय ने तेज़ी बढ़ा दी और स्वाति ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी. केतन अभी स्वाति के हाथ से ही खुश था और बीच बीच में वो स्वाति के बोबे दबा दे रहा था.


दीपक बाजू में होकर फिर से दारू पीने लगा. विजय बोला- अभी ये चूत हफ़्ते में तीन चार बार चोदकर तुम सबने इसका भोसड़ा बना दिया है. मैं अब इसकी गांड मारूंगा.


ये कहकर विजय ने अपना लंड चूत से बाहर निकाला और स्वाति के मुँह के पास ले जाकर बोला- चल इस पर वापिस अपना थूक लगा कर गीला कर. अब तेरी गांड फटेगी. स्वाति ने विजय का लंड मुँह से अच्छे से चूस कर गीला कर दिया.


विजय फिर से पीछे आ गया और स्वाति की गांड मारने लगा. स्वाति और जोर से चिल्ला रही थी.


उसकी आवाज सुनकर सामने से रवि ने उसके मुँह में जोर से लंड पेल दिया. उसका लंड स्वाति के गले में जाकर फंस गया और उसकी आवाजें आनी बंद हो गईं.


विजय पांच मिनट बाद गांड मारी और उसने अपने लंड का सारा माल गांड में ही खाली कर दिया. वो हांफते हुए बोला- रंडी साली इतना मज़ा देती है कि घर जाकर बीवी को भी चोदने में मजा नहीं आता.


उस पर स्वाति ने कहा- मुझे चोदने के बाद आपके लंड में जान ही नहीं बचती है है विजय सर, तो आप घर जाकर अपनी बीवी को कैसे चोद पाओगे. ये सुनकर सब हंसने लगे.


विजय वहीं बगल में लेट गया. केतन मेरे पास आया और बोला- चल बे भोसड़ी के … मुझे अपने हाथ से कंडोम पहना साले … अब मैं तेरी बीवी की चूत का कीड़ा मारने जा रहा हूँ.


उसने मेरे हाथ से ज़बरदस्ती कंडोम लगवाया और मेरी बीवी की चूत बजाने लगा. मुझे ये सब देख कर सिवाय बेबसी के और कुछ नहीं हो रहा था और मैं कर भी क्या सकता था.


केतन हट्टा-कट्टा आदमी था. उसने मेरी बीवी को ज़ोर जोर से चोदना शुरू कर दिया.


तभी रवि को स्वाति का दांत उसके लंड पर लग गया. वो जोर से गाली देते हुए चिल्लाया और उसने स्वाति को जोर से थप्पड़ मारते हुए कहा- आह साली रंडी … चबा कर खा जाएगी क्या लंड मादरचोद चूसने का है … काटने का नहीं.


उसने गुस्से में स्वाति के मुँह से लंड निकाला और हाथ से सहलाने लगा. कुछ देर बाद उसने अपने लौड़े का सारा माल स्वाति के मुँह में छोड़ दिया.


केतन ने पीछे से मेरी लुगाई के हाल बेहाल कर दिए थे. मेरी Xxx वाइफ स्वाति कराह रही थी- आह बस हो गया … अब मत चोद हरामी … साले भैंसे जैसा पेल रहा है.


फिर भी केतन उसे ताबड़तोड़ चोदने में लगा था. उसने कुछ मिनट तक उसकी चूत चुदाई का मजा लिया.


फिर जैसे ही केतन का हुआ, दीपक ने स्वाति को सीधा लिटा दिया और लंड पेल कर चोदने लगा.


विजय सामने से उसके मुँह पर आकर बैठ कर लंड हिलाने लगा. वो मुझे गाली देने लगा.


इस तरह से सबने बारी बारी से स्वाति को रंडी की तरह खूब चोदा. स्वाति को बीच में बिठाकर सबने एक साथ उसको अपने अपने माल से नहलाया.


स्वाति की हालत खराब हो गयी थी. वो वहीं फ़र्श पर लेट गयी बाक़ी सबने उसके ऊपर मूता और केतन उसे उठाकर बेडरूम में लेकर आ गया.


केतन ने कहा- अभी पूरी रात है साली रांड … अभी तुझे और चोदूंगा. वो स्वाति को बाथरूम में ले गया और उसे नहला कर कमरे में लाया. उसे दारू पिला कर फिर से चोदना शुरू कर दिया.


इस तरह से रात भर वो सब उसे रुक रुक कर चोदते रहे. सुबह मैं उठा, तो देखा स्वाति उन चारों के बीच में नंगी लेटी थी.


रवि ने मुझे देखा तो वो बोला- ओए चूतिए … इधर आ, ये देख!


उसने मुझे अपने फोन में स्वाति के पहले वाले नंगे वीडियो दिखाए. फिर कल रात मेरे सामने उसे चोदा था, वो वीडियो भी बनाया था.


रवि बोला- मजा आया भोसड़ी के … इस कल वाले वीडियो में तो तू भी है. सबके सामने अपनी बीवी से धंधा करवाता है, ऐसा लग रहा है. मुझे समझ आ गया कि अब कुछ नहीं हो सकता है. मेरी बीवी को गैर मर्दों से चुदने में मजा आता था तो मैं भी क्या कर सकता था.


मैंने भी अपना यही प्रारब्ध समझ लिया और इसी का फायदा उठाने का तय कर लिया.


अब मैं हफ़्ते में दो बार दावत के बहाने सबको बुलाता हूँ और मेरी Xxx वाइफ सेक्स का मजा उन सब को देती है.


अब तो ऑफिस का वाचमैन भी स्वाति को चोदने घर आता है. मुझे भी इस सबसे फायदा होने लगा है. मैं ऑफिस में कुछ काम नहीं करता था और पगार भी दुगनी पाने लगा था.


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