होली का रंग चूत चुदाई के संग- 1

फेहमिना इक़बाल

28-09-2022

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होली पर सेक्स अग्रीमेंट किया हुआ था कॉलोनी के लड़के लड़कियों ने कि सब खुल कर सेक्स का मजा लेंगे. जब 2 बहनें उस कॉलोनी में रहने आई तो क्या हुआ?


मैं फेहमिना इकबाल एक बार फिर आप सबके सामने एक नई कहानी लेकर हाजिर हूँ. आप लोग मेल के जरिये जो प्यार मुझे दे रहे हैं. आशा है कि आगे भी वो प्यार और स्नेह मुझे आप लोगों से मिलता रहेगा ताकि मैं आगे भी ऐसे ही रोचक कहानियाँ लेकर आप सबका मनोरंजन करती रहूँ।


वैसे तो मुझे बहुत सारे लोगों के मेल आते हैं मगर अभी कुछ दिन पहले मुझे मेरे एक प्रशंसक ने मेल किया जिसमें उसने एक कविता लिखी है. मैं वो कविता आप सबके सामने रखना चाहती हूँ।


फेहमीना, छोड़ दिया मेरे लंड ने करना बचपना अब जानता है सिर्फ तेरी चूत की बांहों में सोना मेरा लंड नहीं है कोई खिलौना उसको तुम्हारी चूत में प्यार से घुसेड़ना


मान जाओ मेरा लंड नहीं है साधा नहीं चुदवाओगी तो तुम्हें हो जाएगी बाधा


रात के अंधेरे में मुझसे मिलने आना फिर मेरे लंड को प्यार से सहलाना


कहीं पड़ ना जाए तुम्हें पछताना मेरा लंड है दिया हुआ चूत को नजराना


अच्छी बात है नहीं है चूत में उंगली डालना नसीब वाली हो, मेरे लंड के साथ मिलेगा खेलना


आओ मेरी जान मेरा लंड तो देखो मुहं में लेकर खूब चूसो


अब नहीं रही तुम कोई बच्ची मेरे मुहं में दे दो अपनी चूची


चलो मेरी जान आगे बढ़ो मेरे लंड से रिश्ता जोड़ो मेरे लंड को अकेला ना छोड़ो चूत के साथ गांड मरवाने का भी मजा तुम ले लो


चूत बनी है लंड के लिए जवानी मिली है चुदाई के लिए!


तो आप सबको यह कविता कैसे लगी? अपने विचार मुझे मेल करके जरूर बताना.


वैसे मुझे यह कविता बहुत अच्छी लगी और मैं अपने उस प्रशंसक को खुली चूत से धन्यवाद देना चाहूंगी और अगर कभी मौका मिला तो मैं उससे मिलना भी चाहूंगी।


खैर अब असल सेक्स अग्रीमेंट कहानी पर आते हैं:


आपने मेरी पिछली कहानी में पढ़ा था कि कैसे मेरे एक प्रशंसक ने कैसे अपनी बहन नसरीन को खुद चोदकर उसे रंडी बना दिया और अपने जीवन के मज़े लेने लगा था।


आईये, आप लोगों को आगे एक कहानी की ओर ले चलती हूँ. यह कहानी किसी और की नहीं बल्कि मेरी ही है।


तो दोस्तो, बात इसी होली की है, मेरा हर साल की तरह होली खेलने का प्लान था. इस बार होली पर मेरी बहन आयेशा भी मेरे साथ थी तो इस बार होली बहुत ही सेक्सी वाली होने वाली थी जिसमें रंग के साथ हमें लंड का भी मज़ा मिलने वाला था.


मैं जिस सोसाइटी में रहती थी, वहां होली खेलने से एक रात पहले रीति रिवाज से होली दहन होता है. उस सोसाइटी में मेरे कुछ दोस्त भी थे तो उन्होंने मुझे अपने साथ उस फंक्शन में बुला लिया.


तो मैं और आयेशा पुराने कपड़े पहनकर नीचे फंक्शन में चले गए. नीचे जाकर मैं अपने सभी दोस्तों से मिली.


उनमें कुछ लड़के भी थे और कुछ लड़कियां भी थी. तो मैंने सबको मेरी बहन आयेशा से मिलवाया.


सभी ने आयेशा का स्वागत बहुत गर्म जोशी के साथ किया.


मेरे ग्रुप में जो लड़के थे वो महा मादरचोद किस्म के लड़के थे. बस कोई सेक्सी लड़की देखी नहीं कि उसे देखते ही लार टपकाने लगते थे.


जब मैं नई नई इस कॉलोनी में रहने आई थी तो वो सभी मुझ पर भी लाइन मारते थे. मगर मैंने कभी किसी को लाइन नहीं दी. बस मैं उन सबकी अच्छी दोस्त जरूर बन गयी.


फिर उसके बाद तो सोसाइटी में जो भी नया लड़का या लड़की आती थी, हम सब उसे पूरी शिद्दत से ताड़ते थे और मज़े लेते थे. मगर यह बात जरूर है कि हमने आज तक अपनी लिमिट्स कभी क्रॉस नहीं की थी. हम लोगों ने आपस में कभी सेक्स नहीं किया था।


खैर अब बात होली की करते हैं तो आयेशा को देखते ही हमारे ग्रुप के लड़के उसे ताड़ने लगे.


मैंने कहा- साले ठरकियो, ये मेरी बहन है, इसे तो कम से कम छोड़ दो। तो उनमें से एक लड़का बोला- हाँ जी, क्यों नहीं … इन्हें भी चोद देंगे. मेरा मतलब छोड़ देंगे.


उसकी बात सुनकर सब हंसने लगे. आयेशा भी हंसने लगी तो वो साले हरामी लोंडे समझ गए कि लड़की चालू है, आराम से उनकी टांगों के नीचे आ जाएगी.


खैर फिर बात आई गयी हो गयी.


फिर होली दहन के बाद सब लोग एक दूसरे को रंग लगाने लगे.


हमारे ग्रुप के लड़के सब लड़कियों को जबरदस्त तरीके से रंग लगा रहे थे और मौका देखकर वो लड़कियों के बूब्स चूतड़ सब दबा रहे थे.


तभी मैंने देखा कि एक लड़का जिसका नाम अमन था, वो आयेशा को रंग लगा रहा था. फिर उसने होली विश करने के बहाने से आयेशा को गले लगा लिया और उसकी पीठ पर रंग लगाने लगा.


आयेशा ने उस वक़्त टीशर्ट पहनी हुई थी तो अमन ने आयेशा की टीशर्ट में अंदर हाथ डालकर उसकी कमर सहलानी शुरू कर दी. अब वो अपने होंठ आयेशा की गर्दन पर घुमा रहा था.


मैंने देखा कि आयेशा भी मज़े ले रही थी क्यूंकि आयेशा के हाथ भी अमन की कमर पर थे और वो इन सब चीजों का मज़ा ले रही थी.


तभी एक लड़का अंकित मेरे पास आया और मुझे रंग लगाकर मुझे होली विश की. तो मैंने भी उसी से रंग लेकर उसे रंग लगाया.


अंकित ने मुझे गले से लगा लिया फिर मुझसे अलग होते हुए उसने मुझे गाल पर किस किया. मैंने उसे हंस कर बात को टाल दिया.


फिर मैंने देखा कि अमन और आयेशा कही दिखाई नहीं दे रहे थे.


तभी मुझे मेरी सहेलियां अपने साथ ले गयी जहाँ वो सब होली खेल रहे थे. मुझे होली खेलना बहुत पसंद है तो मैंने भी उनके साथ जमकर होली खेली.


हमारे ग्रुप के लड़के लड़कियों को उठा उठाकर पानी के बड़े से बर्तन में डाल रहे थे. हम सब पूरी तरह से भीग गए थे.


कुछ लड़के रंग लगाने के बहाने से लड़कियों के बूब्स दबा रहे थे, कोई लड़कियों के चूतड़ सहला रहा था तो कोई चूतड़ दबा रहा था. लड़कियां भी पूरे मज़े लेने के मूड में थी इसलिए कोई भी विरोध नहीं कर रही थी.


मैं खुद किसी का विरोध नहीं कर रही थी. अंकित मुझे कभी बाँहों में लेता तो कभी मेरे चूतड़ सहला देता. एक बार तो उसने रंग लगाने के बहाने से मेरे बूब्स दबा दिए. तो मैंने भी स्माइल करके उसकी छाती पर रंग लगा दिया.


फिर मैंने देखा कि एक लड़की रिया को दो लड़कों ने आगे पीछे से पकड़ लिया और उसे रंग लगाने के बहाने रगड़ने लगे. बाकी सब ये देखकर मज़े ले रहे थे.


तभी पीछे वाले लड़के ने रिया का पजामा पीछे से नीचे कर दिया और रिया की पैंटी दिखने लगी. तो मुझे लगा कि अब ये सब कुछ ज्यादा हो रहा है. मैंने पास खड़ी एक लड़की, जो मेरी दोस्त भी है, नेहा से बोला- यार, ये सब कुछ ज्यादा हो रहा है. तो उसने हंस कर कहा- अरे यार, होली पर हम सब लोग ऐसे ही मस्ती करते हैं. और अभी तो कुछ नहीं … असली मज़ा तो कल देखना. यहाँ क्या क्या काण्ड होंगे. ये कहकर वो हंसने लगी।


फिर मैंने उससे कहा- यार बता न कल यहाँ क्या क्या होने वाला है? वो मेरी चूची दबाकर बोली- मेरी जान, कल अपनी चूत चिकनी करके आना. पता नहीं कौन आकर तेरी चूत में लंड डाल दे. और तू मना भी नहीं कर पायेगी.


तो मैंने सोचा कि यार कल तो सच में मज़ा आ जायेगा. मगर मैं नहीं चाहती थी कि किसी को मेरे अन्दर की चुदास का पता चले.


तो मैंने घबराने का नाटक करते हुए नेहा को बोला- यार, क्या बात कर रही है? मैं ऐसे किसी से भी चुदाई नहीं करवाने वाली! नेहा ने कहा- यार देख, ये हमारा सेक्स अग्रीमेंट है कि होली वाले दिन हम सब दोस्त आपस में मिलकर चुदाई करते हैं और कोई भी किसी को भी चोद सकता है. और कोई भी लड़की मना नहीं कर सकती.


तो मैंने नेहा को कहा- यार, ये कैसा नियम हैं अगर किसी का मन नहीं है तो? फिर नेहा ने कहा- मेरी जान, जिसका मन नहीं होता वो भी कल के माहौल देखकर चुदाई करवाने से पीछे नहीं हटता. तो मैंने उसे कुछ नहीं कहा.


फिर थोड़ी देर बाद मैंने देखा कि आयेशा अमन के साथ हंसती हुई आ रही थी. मैंने इशारे से आयेशा से पूछा तो वो बस मुस्कुरा दी.


उस रात लगभग 2 बजे तक हम लोगों ने मस्ती की. फिर हम सब अपने अपने घर चले गये क्यूंकि अगले दिन हमें होली भी खेलने जाना था.


फिर रूम में जाते ही मैंने आयेशा को पकड़ा और पूछा- तूने अमन के साथ क्या क्या किया? वो बोली:


यार अमन बहुत हॉट है. जैसे ही वो मुझे रंग लगाने के लिए मेरे पास आया तो उसकी खुशबू से मैं उसकी तरफ आकर्षित हो गयी. फिर वो एक लड़का है, उसे पता था कि लड़की को गर्म कैसे किया जाता है. उसने रंग लगाने के बहाने से मेरी गर्दन पर किस कर दिया फिर तो मुझे सब्र करने नामुमकिन हो गया था.


अमन ने मुझे पूछा- चलो कहीं अकेले चलकर बात करते हैं. मैं समझ गयी कि उसे अकले में क्या बात करनी है. मगर फिर भी मैं अंजान बनकर उसके साथ चली गयी.


वो मुझे अपने फ्लैट में ले गया. वहां और कोई नहीं था.


अन्दर जाते ही बोला- आज तुम पहली बार मेरे घर आई हो, एक हग तो बनता है. उसने मुझे हग किया और अपने हाथ पीछे ले जाकर मेरे चूतड़ सहलाने लगा.


हम दोनों रंग में रंगे हुए थे इसलिए सोफे पर या बेड पर नहीं बैठ सकते थे इसलिए हम सब कुछ खड़े खड़े ही कर रहे थे.


फिर अमन ने मेरा चेहरा पकड़ा और मेरे होंठों को अपने कब्ज़े में ले लिया और मुझे किस करने लगा. मुझे उसके साथ किस करने में बहुत मज़ा आ रहा था तो मैं भी उसका पूरा साथ दे रही थी.


अमन ने लगभग 5 मिनट तक मेरे होंठो को भयंकर तरीके से चूसा या यूँ कहिये कि उसने मेरे होंठों को खाया. किस करते हुए अचानक अमन को पता नहीं क्या हुआ, उसने मुझे गोद में उठा लिया और मेरी गर्दन को चाटने लगा.


फिर वो टॉप में से मेरे बूब्स काटने लगा. उसने मुझे नीचे उतार दिया और एक झटके में मेरा टॉप मेरे जिस्म से अलग कर दिया और ब्रा के ऊपर से ही मेरे बूब्स खाने लगा.


फिर उसने मेरी ब्रा भी उतार दी और मेरे बूब्स चाटने लगा. फिर मेरे निप्पल को काटने लगा.


मेरे हाथ बस अमन के बालों पर ही चल रहे थे. मुझे अमन के ऐसे बूब्स चूसने में बहुत मज़ा आ रहा था. तभी मैंने अमन की टीशर्ट उतार दी.


अमन की बॉडी किसी बॉडीबिल्डर जैसी थी. मैंने उसके सीने पर किस करना शुरू कर दिया.


फिर अमन ने मुझे नीचे बैठा दिया. मैंने अमन की जीन्स उतार दी और उसकी चड्डी भी उतार दी. उसका लगभग 7 इंच लम्बा लंड उछलकर बाहर आ गया.


अमन ने अपना लंड पकड़कर मेरे मुंह में डाल दिया तो मैंने भी उसे मना नहीं दिया और उसका लंड चूसना शुरू कर दिया.


उसने मेरा मुंह पकड़ा और जोर जोर से धक्के देने लगा. लगभग 5 मिनट बाद उसके लंड ने पानी छोड़ दिया तो मैंने उसने लंड से निकला अमृत पी लिया.


मुझे बहुत मज़ा आया.


फिर अमन ने मुझे सीधा खड़ा किया और मेरा लोअर भी उतार दिया. अब उसने पैंटी के ऊपर से ही मेरी चूत चाटनी शुरू कर दी.


फिर उसने मुझे जमीन पर लेटा दिया और मेरी पैंटी मेरे जिस्म से अलग कर दी.


पैंटी अलग करते ही अमन ने मुझे कहा- वाह मेरी जान, तेरी चूत तो एकदम चिकनी है. लगता है कि अभी किसी से चुदाई करवाने के मूड में थी. मैंने कहा- नहीं, बस मैं अपनी चूत हमेशा ऐसे ही साफ रखती हूँ.


यह सुनते ही अमन ने मेरी चूत चाटनी शुरू कर दी.


फिर हम 69 की पोजीशन में आ गए. अमन ने अपना लंड मेरे मुंह में दे दिया और खुद मेरी चूत चाटने लगा.


थोड़ी देर मेरी चूत चाटने के बाद मैंने देखा कि उसका लंड पूरे उफान पर आ चूका था. अमन ने मुझे सीधा लेटा दिया और खुद मेरे ऊपर आ गया.


वो मेरे होंठ चूसने लगा और एक हाथ से मेरे बूब्स दबाने लगा.


फिर उसने मेरी चूत से लंड को सटा कर एक झटके में पूरा लंड मेरी चूत में उतार दिया. मेरे मुख से निकला- अआह्ह आह्ह आराम से जानू … मेरी चूत फट जाएगी … अआह ऊऊ ऊईई ईईईई ईअ आह्ह!


अमन बहुत जोर जोर से मेरी चूत में झटके दे रहा था. उसकी चुदाई की स्पीड बहुत तेज थी. उसके तेज तेज झटके मुझे बहुत मज़ा दे रहे थे.


मेरी ऐसी चुदाई आज बहुत दिनों बाद हुई थी.


उसने लगभग 5-6 मिनट तक मेरी चुदाई एक ही स्पीड में की. उसके बाद वो थक गया तो उसने मुझे अपने लंड पर बैठ लिया और मुझे चुदाई करने को कहा.


तो मैंने भी उसके लंड पर उछालना शुरू कर दिया। अमन के दोनों हाथ मेरे बूब्स पर थे और मेरे दोनों हाथ उसके सीने पर थे.


मैं भी पूरी ताकत से झटके दे दे कर चुदाई करवा रही थी पर मुझे कहीं न कहीं यह डर था कि अमन मुझे बिना कंडोम के चोद रहा था. कहीं वो मेरी चूत में पानी न छोड़ दे. इसलिए मैंने कहा- अमन, जैसे ही तुम झड़ने वाले हो तो मुझे बता देना. तो उसने बस हाँ का इशारा किया और मुझे अपने मुंह के पास लाकर मुझे किस करने लगा.


अब मेरे बूब्स उसकी छाती से चिपके हुए थे.


फिर अमन ने मेरे चूतड़ पकड़ लिए और उन्हें फ़ैलाने लगा. उसने अपनी एक उंगली मेरी गांड में डाल दी और उसे आगे पीछे करने लगा. मैंने मन में सोचा कि इस बेचारे को क्या पता कि एक उंगली से मेरी गांड की गर्मी शांत नहीं होने वाली!


मगर उसे दिखने के लिए मैंने मेरी गांड टाइट कर ली जिससे इसे लगे कि मेरी गांड अनचुदी है. अब वो पीछे से मेरी चूत चुदाई भी कर रहा था और साथ मेरी गांड में भी उंगली कर रहा था.


मुझे अब दोनों तरफ से चुदाई का मज़ा मिल रहा था। थोड़ी देर ऐसे ही चोदने के बाद जब वो झड़ने को हुआ तो उसने लंड मेरी चूत से निकाल लिया.


मुझे उठाकर उसने घुटनों के बल बैठा दिया और लंड मेरे मुंह में दे दिया. वो झटके देने लगा. थोड़ी देर में ही उसने लंड का पानी मेरे मुंह में छोड़ना शुरू कर दिया और जब उसका पानी ख़त्म हो गया तो लंड मेरे मुंह से बाहर निकाल लिया और मुझे लंड चाटने को बोला.


मैंने उसका लंड अच्छे से साफ़ कर दिया.


फिर मैं बाथरूम चली गयी और खुद को साफ़ करके जैसे ही वापस आई, अमन ने मुझे बाँहों में ले लिया और किस करते हुए बोला- आयेशा मेरी जान, आज तुम्हारे साथ सेक्स करके बहुत मज़ा आया. मैंने उसे बोला- हाँ, मुझे भी तुम्हारे साथ सेक्स करके बहुत मज़ा आया.


फिर हम दोनों नीचे आ गए।


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सेक्स अग्रीमेंट कहानी का अगला भाग: होली का रंग चूत चुदाई के संग- 2


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