पड़ोसन दीदी की कुंवारी बुर खोली

नितिन 27

11-06-2022

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पंजाबी गर्ल सेक्सी कहानी मेरे पड़ोस में रहने वाली एक पंजाबन लड़की की चुदाई की है. उसकी शादी नहीं हो पा रही थी. मैं उसे चोदना चाहता था.


दोस्तो, मेरा नाम नितिन उर्फ़ सोनू है. मेरी उम्र 23 साल है और 5 फुट 9 इंच का कद है.


मैं आज आपको अपनी मीठी सी काल्पनिक सेक्स कहानी सुना रहा हूँ. ये एक पंजाबी गर्ल सेक्सी कहानी है.


मेरे पड़ोस वाली हरप्रीत दीदी की उम्र 25 साल है. वो पंजाबी परिवार की हैं. पंजाबी गर्ल सेक्सी होती हैं. वो बहुत सुंदर हैं. दीदी की शादी की उम्र हो चुकी थी पर उनका रिश्ता कहीं नहीं हो पा रहा था क्योंकि उनके पैर में मामूली नुक्स था, उनकी चाल थोड़ी अलग थी.


उनको देख कर मेरा दिल उनकी चुदाई करने का करता था.


उनके और हमारे परिवार में एकदम घर जैसे सम्बन्ध हैं. मैं इसी अभिलाषा से दीदी के घर जाया करता था कि किसी तरह से दीदी को देख सकूँ और मौक़ा खोज सकूँ कि दीदी को चोद लूं.


एक दिन मेरे घर के सारे लोग कहीं गए हुए थे. मैं शाम को दीदी के घर गया.


मैंने उनसे कहा- मेरे घर पर आज कोई नहीं है. मैं कुछ देर बाद घर जाऊंगा. अकेले में मेरा मन नहीं लगेगा.


दीदी ने पूछा- घर के सब लोग कहाँ गए हैं? मैंने बताया- शादी में. दीदी ने पूछा- तुम क्यों नहीं गए? मैंने कहा- मेरा मन नहीं था. फिर मम्मी ने एक जन घर पर रुकने के लिए भी कहा था.


दीदी ने ओके कहा. फिर कुछ देर रूकने के बाद दीदी बोलीं- तू आज यहीं रुक जा!


मैं सोचने लगा कि क्या दीदी भी कुछ मूड में हैं.


वो बोलीं- चल, तेरे घर में ताला लगा आते हैं. मैंने कहा- ठीक है.


हम दोनों ताला लगाने आ गए. उस वक्त मेरे घर की लाइट बंद थी, एकदम अंधेरा पड़ा था.


मैं लाइट चालू करने गया तो उसी बीच दीदी किसी चीज़ से टकरा गईं और वो गिर गईं. उनकी आवाज आई- आह मर गई सोनू … जल्दी आ.


मैंने झट से दीदी को अपनी गोद में उठाया और उन्हें अन्दर कमरे में ले गया. कमरे में मैंने उन्हें बेड पर लिटा दिया.


मैंने उनसे पूछा- आपको किधर चोट आई है? तो दीदी ने अपनी गांड पर हाथ फेर कर कहा- मैं एकदम से गिरी थी तो मेरे कूल्हे में दर्द हो रहा है.


मैंने उन्हें पेन किलर गोली दे दी. अब मैं उनकी लॉन्ग स्कर्ट को ऊपर करके देखने लगा कि कहीं खून आदि तो नहीं निकल रहा है.


मैंने उनकी टांग पर हाथ फेर कर फिर से पूछा- बताओ … कहां दर्द हो रहा है? दीदी ने कहा- इधर नहीं … थोड़ा ऊपर की तरफ हो रहा है.


मैंने उनकी स्कर्ट और ऊपर की तो दीदी की पैंटी दिख गई. दीदी ने काले रंग की पैंटी पहनी हुई थी. फिर मैंने दीदी की टांग में तेल लगाया और उनसे चलने को कहा.


दीदी ने मेरा सहारा लेकर चल कर देखा, वो अब ठीक थीं. कुछ देर में मैं और दीदी के घर वापस आ गए.


दीदी के घर में 3 रूम थे. दो कमरों में उनके मम्मी पापा और दादी के लिए थे. तीसरा रूम दीदी का था. उसमें दीदी अकेली रहती थीं.


दीदी की मम्मी ने दीदी से कहा- अब ये कहां सोएगा? तो दीदी बोलीं- ये मेरे रूम में सो जाएगा. मेरा रूम खाली है. वैसे भी मैं अकेली ही सोती हूँ.


दीदी की मम्मी ने कुछ नहीं कहा. उसके बाद खाना हुआ और हम दोनों कमरे में आ गए.


दीदी बोलीं- मैं नहा कर आती हूँ. मैंने कहा- हां ठीक है.


दीदी नहाने चली गईं और मैं लेट गया. दीदी नहा कर बाहर सर निकाल कर देख रही थीं. शायद उनके कपड़े रूम में ही रखे थे.


दीदी ने कहा- सोनू, मेरे कपड़े कमरे में ही रखे हैं. मुझे कमरे में आना है. मैंने कहा- आप आ जाओ दीदी मैं आंख बंद कर लेता हूँ.


मैंने अपनी आंखें बंद कर लीं. वो रूम में पैंटी और ब्रा में ही आ गईं.


कमरे में आकर वो अपने कपड़े पहनने लगीं.


तभी मैं उठ गया और दीदी से पूछा- दीदी पानी कहां रखा है? मैंने पूछा, तो दीदी डर गईं और उन्होंने झट से अपने बदन पर एक चादर लपेट ली.


मैंने कहा- दीदी, सॉरी … मुझे लगा कि आपने कपड़े पहन लिए हैं. दीदी- कोई बात नहीं.


कुछ देर और आंख बंद कर, मैं कपड़े पहन लूं. मैंने कहा- ओके, एक मिनट मैं बाहर ही चला जाता हूँ.


मैं बाहर चला गया. दस मिनट बाद अन्दर से आवाज आई- सोनू अन्दर आ जा.


मैं अन्दर गया, तो देखा दीदी ने मिनी स्कर्ट और टॉप पहन रखा था. मैंने पूछा- आप ये पहन कर सोती हैं?


दीदी बोलीं- नहीं रे पागल … आज तू है न … इसलिए पहने हैं. मैंने कहा- मेरी वजह से आप परेशान हों, ये मुझे अच्छा नहीं लगेगा. मैं अपने घर जा रहा हूँ.


मैं बाहर जाने लगा. दीदी- रुक पागल.


मैं- अब क्या हुआ? दीदी बोलीं- मुझे तेरे रहने से कोई परेशानी नहीं है. तू रूम में आ जा.


मैं रूम में वापस आ गया. दीदी बोलीं- कोई बात नहीं, एक दिन की ही तो बात है.


मैंने कहा- नहीं दीदी, मुझे अच्छा नहीं लगता कि कोई मेरी वजह से परेशान रहे. दीदी मुस्कुरा दीं.


मैंने कहा- आप पहले जैसे अपने रूम में रहती थीं, आप वैसे ही रहोगी. दीदी हंस कर बोलीं- एक बार फिर सोच ले. मैंने कहा- हां सोच लिया.


दीदी ने कहा- मैं जैसे रोज अपने कमरे में सोती हूँ वैसे ही रहूँगी, उससे तुझे कोई दिक्कत नहीं होगी … पक्का न! मैंने कहा- हां पक्का.


कुछ देर में दीदी ने टॉप और स्कर्ट उतार दिए. वो ब्रा और पैंटी में आ गईं. मैं दीदी को देखता ही रह गया.


वो बोलीं- क्या हुआ? मैंने कहा- कुछ नहीं. मुझे नहीं मालूम था कि आप ब्रा पैंटी में सोती हैं.


दीदी हंस कर बोलीं- क्या तू पूरे कपड़ों में ही सोता है? मैंने कहा- नहीं.


दीदी- तो उतार दे अपने कपड़े … और सो जा. मैंने सिर्फ चड्डी पहने रखी और हम दोनों बेड पर आ गए.


कुछ देर में दीदी सो गईं, पर मुझे नींद नहीं आ रही थी. मैंने देखा दीदी टांगें फैला कर मस्त सो रही थीं.


मैंने अपना एक हाथ दीदी के पेट पर रख दिया. दीदी ने कुछ नहीं बोला तो मैं उनकी ब्रा के ऊपर से ही उनके मम्मों को दबाने लगा. लेकिन दीदी कुछ नहीं कह रही थीं.


मुझे दीदी के दूध सहलाने और दबाने में मज़ा आने लगा. मैं दीदी के और पास हो गया और उनसे चिपकने लगा.


तभी दीदी ने मेरे हाथ को पकड़ कर साइड में रख दिया. मैं डर गया और शान्त हो गया. कुछ देर बाद दीदी फिर से सो गईं.


अब मैं फिर से उनकी तरफ सरका और दीदी की चूत पर हाथ फेरने लगा. एक हाथ से मैं अपने लंड की मुठ मारने लगा.


कुछ ही देर में मैंने अपना सारा माल दीदी की चूत पर और उनके मुँह पर लंड करके होंठों पर गिरा दिया.


अब मैं थक गया था इसलिए पलट कर सो गया.


सुबह जब मैं उठा तो देखा रूम में कोई नहीं है.


मैंने नीचे झांका, दीदी कुछ काम कर रही थीं. मैं वापस कमरे में आ गया.


कुछ देर बाद दीदी के ऊपर आने की आवाज आती सुनाई दी. मैं दुबारा सोने का नाटक करने लगा.


दीदी कमरे में आईं और बाथरूम में चली गईं, बाथरूम से पानी गिरने की आवाज आने लगी. कुछ देर बाद दीदी नहा कर बाहर नंगी ही आ गईं और कपड़े पहनने लगीं.


मैं उठ गया तो मुझे जागा देख कर दीदी बोलीं- गुड मॉर्निंग. दीदी ने ब्रा पैंटी पहनी हुई थी.


मैंने उनसे गुड मॉर्निंग कहा. दीदी ने जल्दी से अपने कपड़े पहन लिए.


अब मैं नहाने गया, तो दीदी नीचे चली गईं.


कुछ देर बाद मैंने नीचे आकर नाश्ता खाया और बाहर चला गया.


दोपहर में खाना खाकर मैं फिर से खेलने चला गया. शाम को वापस घर आया तो पापा का फोन आया कि वो लोग आज भी नहीं आ रहे हैं.


मैंने आज भी दीदी के घर रुकने का सोच लिया. मैं और दीदी रात को रूम में आ गए.


रूम में जाते ही मैं सोने का बहाना करने लगा. दीदी नहाने चली गईं.


आज दीदी ने बाथरूम का गेट खुला रखा था.


मैं उठा और दीदी को देखने लगा. अंदर देख कर मैं चौंक गया. दीदी गाजर को अपनी चूत में पेल रही थीं और आंह आंह कर रही थीं.


कुछ देर तक दीदी मुठ मारती रहीं.


फिर दीदी का पानी निकल गया और दीदी एकदम से निढाल हो गईं.


दीदी का पानी बहुत ज्यादा निकला था. मुझे पता चल गया था कि दीदी अन्दर से खौल रही थीं, उनको एक मर्द के लंड की सख्त जरूरत थी.


तभी मैंने देख लिया था कि दीदी ने मुझे मुठ मारते हुए देख लिया है. वो कुछ नहीं बोलीं.


मैं बेड पर आकर बैठ गया. कुछ देर में दीदी कपड़े पहनकर कमरे में आ गईं.


आज दीदी ने लाल रंग का सूट पहना था. मैंने कुछ नहीं कहा.


तो दीदी बोलीं- सॉरी सोनू. वो मैं बहुत असहज महसूस कर रही थी इसलिए … मैंने कहा- कोई बात नहीं दीदी, ऐसा होता है. मगर एक बात कहूँ … यदि आप बुरा न मानें.


दीदी ने मेरी तरफ देखा और बोलीं- हां बताओ? मैंने आंख दबा कर कहा- दीदी गाजर तो पतली होती है. उससे क्या मजा आएगा?


इस पर दीदी मेरी तरफ आशा भरी निगाहों से देखती हुई बोलीं- तो क्या करूं? मैं बोला- क्या मैं आपकी इच्छा पूरी कर सकता हूँ?


दीदी कुछ नहीं बोलीं. मैं समझ गया कि दीदी का चुदने का मन है मगर वो संकोच कर रही हैं.


मैं उनके पास को गया और उन्हें समझाया. दीदी मान गईं.


मैं दीदी को किस करने लगा. दीदी भी मेरे साथ लग गईं.


हमारा चुम्बन 10 मिनट तक चला. दीदी के होंठों की हालत खराब हो गई थी.


अब मैं दीदी के मम्मों ऊपर से ही उनके एक दूध को पीने लगा. दीदी कुछ नहीं बोलीं.


फिर मैंने दीदी का शर्ट उतार दिया. अन्दर दीदी ने सफेद रंग की छोटी सी ब्रा पहनी थी. मैं देखता ही रह गया. ब्रा में दीदी मस्त माल लग रही थीं.


अब मैंने दीदी की सलवार भी उतार दी. दीदी मेरे सामने पैंटी और ब्रा में मस्त चोदने लायक माल लग रही थीं.


मैं दीदी की पैंटी को खींचने लगा. दीदी बोली- फत जायेगी … आराम से उतार दो. मैंने दीदी की पैंटी उतार दी.


दीदी चित लेट गईं और मैं दीदी की चूत को कुत्ते के तरह काटने चाटने लगा. कुछ ही देर में दीदी गर्म हो गईं.


दीदी एक तरह से सिसकारने लगी थीं- प्लीज़ सोनू जल्दी से डालो. मैंने कहा- रूको अभी.


मैं दीदी की चूत चाटता रहा और दीदी ने कुछ ही देर में अपनी चूत से बहुत सारा पानी निकाल दिया.


मैं दीदी की चूत का सारा रस चाट गया और चूत को लगातार चाटता रहा.


इससे दीदी दुबारा गर्म होने लगीं. वो फिर से बोलने लगीं- जल्दी से अन्दर डालो. मैंने कहा- डालता हूँ.


तब मैंने लंड बाहर निकाला तो दीदी की गांड फट गई. वो बोलीं- सोनू ये क्या है … तेरा इतना बड़ा लंड कैसे हो गया? मैंने कहा- अब क्या करूं दीदी … मेरे पास इसे छोटा करने का कोई तरीका ही नहीं है.


दीदी मेरे लंड से सहम सी गई थीं, वो बोलीं- इससे तो मेरी चूत का भोसड़ा बन जाएगा. मुझे लगा कि दीदी शायद मुझे लंड नहीं डालने देंगी.


मैंने कहा- आप डरो मत. मेरे पास इसका इंतजाम है. बस आप मना मत करना. दीदी कुछ नहीं बोलीं.


मैंने बेड से दीदी के दुपट्टे से उनके हाथ बांध दिए. फिर दीदी की चूत में लंड सैट किया और झटका दे दिया.


एक ही बार में मेरा लंड दीदी की चूत को फाड़ते हुए अन्दर घुस गया. दीदी को लंड लेते समय ही बेहोशी छ गई. उन्हें कोई होश ही नहीं रहा.


मैं डर गया और मैंने दीदी के मुँह पर पानी के छींटे मारे. अब दीदी होश में आ गईं और रोने लगीं.


मैं धीरे धीरे से लंड को अन्दर डालने लगा. मगर दीदी रोए जा रही थीं.


मैं दीदी की चूचियां चूसने चाटने लगा.


वो कुछ देर तक चुदाई का दर्द सहन करती रहीं. फिर आराम मिलने के बाद दीदी मेरा साथ देने लगीं.


मैंने 20 मिनट तक दीदी की टाईट बुर चोदी. इसके बाद मेरे लंड का पाने गिरने ही वाला था तो मैंने लंड चूत से निकाला और दीदी के मुँह में गिरा दिया.


दीदी का मुँह मेरे वीर्य से भर गया. दीदी ने मेरे मुँह से मुँह लगाया और अपने मुँह में भरा सारा रस मेरे मुँह में डाल दिया.


मैंने फिर से दीदी के मुँह में डाला. दीदी इशारे से बोलीं- इसे अपने मुँह से मेरी चूत में डालो.


मैंने सारा माल अपने मुँह में लिया और दीदी की चूत को दो उंगली से फैला कर देखना शुरू किया. उन्हें चूत में दर्द होने लगा था.


मैंने अपना मुँह दीदी की चूत पर रखा और दीदी की चूत में प्रेशर से लंड रस टपका दिया.


इस तरह से उस रात में मैंने सेक्सी पंजाबी गर्ल को एक बार और चोदा.


अब दीदी को जब भी लंड की जरूरत होती है, वो मेरे लंड से अपनी चूत चुदाई का मजा ले लेती हैं.


आपको यह काल्पनिक पंजाबी गर्ल सेक्सी कहानी कैसी लगी, प्लीज़ मुझे मेल करें. [email protected]


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