कामुक आंटी को चोदकर प्यास बुझाई

मिस्टर सिंह

09-09-2022

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X आंटी चुदाई कहानी में पढ़ें कि मेरी दुकान के ऊपर घर में मालिक के भाई भाभी रहने आये. उनसे मेरी दोस्ती हो गयी. बात सेक्स तक कैसे पहुंची, कहानी में पढ़ें.


नमस्कार दोस्तो, मैं राजा सिंह हूं. मैं बिहार से हूं और मेरी उम्र 24 साल है.


मेरी हाईट 6 फीट है, मैं ज्यादा हैंडसम भी नहीं हूं पर मेरे लंड का साइज़ 7 इंच लम्बा और ढाई इंच मोटा है.


यह मेरे जीवन की एक सच्ची घटना है, जो लॉकडाउन में ही घटित हुई थी. इससे पहले मेरी एक कहानी प्रकाशित हो चुकी है: बहन और उसकी ननद की चूत चुदाई मेरी एक मेडिकल शॉप है, जिसे मैं खुद ही चलाता हूं.


अब मैं उन X आंटी के बारे में बता दूँ, जिनके साथ सेक्स हुआ था.


आंटी का नाम सरिता था. उनकी साइज 36-34-38 की थी. उनकी उम्र 42 की है. ये बात उन्होंने खुद बताई थी.


दरअसल बात वहां से शुरू हुई जब उनके पति कोरोना काल में मुंबई से वापस लौटे थे. वे वहां किसी कंपनी में कर्मचारी थे और अच्छे खासे पैसे कमाया करते थे.


आंटी और अंकल साथ में ही अपने पुश्तैनी घर लौटे तब मैं मेडिकल पर ही था.


कोरोना काल में भीड़ कम होती थी. ऐसे ही बैठ कर मैं अन्तर्वासना की सेक्स कहानी पढ़ रहा था.


उसी वक्त एक कस्टमर आया और बोला कि उसे बुखार है, दवा चाहिए.


मैंने पहले उसके हाथ सेनेटाइज करवाए और मास्क दिया, उसके बाद उसे दवा दे दी.


उसी समय मैंने देखा कि वो आंटी अपने पति के साथ मेरी मेडिकल शॉप के ऊपर वाले घर में जा रही थीं.


मेरे लिए वो दोनों अभी अनजान व्यक्ति थे. मैंने पूछा- आप लोग कौन?


अंकल ने बताया- यह हमारा घर है और इसमें मेरा भाई रहता है. मैंने कहा- हां, उन्होंने मुझे आपके बारे में बताया था.


फिर भी उनकी बातों का यकीन करने के लिए मैंने मकान मालिक को फोन करके बताया, तो वो बोले- हां वो मेरे आनन्द भईया और भाभी हैं और आज से वहीं रहेंगे.


उन्होंने जैसे ही अपनी भाभी के बारे में बताया, मेरी नजर आंटी पर पड़ी. क्या मस्त जवान खूबसूरत महिला थी वो! उनको देखते ही मेरा लौड़ा ऐसे खड़ा हो गया, जैसे अभी ही पैंट फाड़कर बाहर निकल आएगा.


खैर … वो दोनों ऊपर चले गए. फिर कैसे भी करके मेरा दिन बीत गया.


पर अपने घर आते ही मुझे उनकी याद आने लगी. मैं मुठ मार कर शांत हो गया.


अगले दिन जब मैं अपनी शॉप पर गया तो दिन भर आंटी के दीदार नहीं हुए. सच कहूं तो मैं बस आंटी की ही याद करता रहा. उस दिन कस्टमर भी ज्यादा नहीं आए.


जब रात 8 बजे तो शॉप बंद करने लगा तब आनन्द अंकल आए और उन्होंने मुझसे कंडोम मांगा. मैंने झट से उन्हें कंडोम का पैकेट दे दिया और मन में सोचा कि आंटी की आज तो लगने वाली है.


इसी तरह से मेरा दिन कटने लगा. अंकल से मेरी दोस्ती हो गई.


उन्हें पीने का शौक था. उस समय दारू मिल नहीं रही थी तो वो बड़े बेचैन थे. मेरे पास स्टॉक रहता था. मैं किसी न किसी तरह से जुगाड़ कर लिया करता था.


शाम को दुकान बंद करने के बाद मैं अंकल को पार्टी दे दिया करता था. वो भी मुझे पैसा दे दिया करते थे.


हम दोनों जल्द ही आपस में काफी क्लोज हो गए थे और काफी बातें करने लगे थे. इसके बाद कुछ ऐसा हुआ कि मैं अंकल के साथ उनके घर में ही दारू पार्टी करने लगा. आंटी भी साथ में पैग ले लेती थीं.


हम तीनों काफी मस्ती से हंसी मजाक करते रहते थे. अंकल को भी आंटी के सामने मुझसे अडल्ट जोक सुनाने में बड़ा मजा आता था. हम तीनों के बीच सेक्स की बातें आम हो गई थीं.


अब जब अंकल नहीं होते तो मैं आंटी से घंटों बातें करता और उन्हें ताड़ता रहता. उनकी चूचियों को देखता रहता.


मैं इस जुगत में लगा था कि किसी तरह से आंटी को चोदने को मिल जाए.


जब कभी अंकल नहीं होते थे तो मैं आंटी के साथ अकेला ही दारू पीते हुए उनसे बातें करने लगा था.


आंटी मुझसे मेरी गर्लफ्रेंड की बातें करती थीं मगर मैं उनसे कह देता था कि आंटी मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है.


अकेले में एक बार आंटी ने सेक्स को लेकर मुझसे बात की, तो मैंने भी उन्हें बताया कि मैंने अभी तक किसी के साथ सेक्स नहीं किया है.


एक दिन अंकल कहीं गए थे; मैं और X आंटी रात को दारू पी रहे थे. उस दिन आंटी ने तीन पैग खींच लिए थे, वो नशे में आ गई थीं.


उस दौरान आंटी ने अंकल के साथ अपने सेक्स की बात भी की और मुझसे कंडोम के बारे में खुल कर चर्चा की- आनन्द तुझसे जो कंडोम लाता है उससे मुझे मजा नहीं आता है. मैंने पूछा- क्यों आंटी?


आंटी- अरे यार जब तक चमड़ी से चमड़ी नहीं रगड़ती है, मुझे चुदाई में मजा ही नहीं आता है. मैंने मौके का फायदा उठाया और पूछा- आंटी, अभी तक आपने सिर्फ अंकल के साथ ही सेक्स किया है या किसी और को भी चखा है?


आंटी हंसने लगीं और बोलीं- हम दोनों ने मिल कर बहुत बार कपल स्वैप भी किया है और कभी कभी आनन्द ने मुझे यंग लड़कों से अकेले चुदने का मजा दिलाया है. मैंने विस्मय से आंटी को देखा और कहा- अरे वाह आंटी … आपने तो घाट घाट का पानी पिया है.


वो हंसने लगीं- तुझे भी मजा लेना है क्या? मैंने हंस कर कहा- अरे आंटी, मैं तो कबसे आपके हुस्न का शैदाई हूँ. बस आपकी तरफ से हरी झंडी मिलने का इंतजार कर रहा हूँ.


उसी समय दरवाजे की घंटी बज गई और आंटी की आवाज आ गई. मैंने खड़े लंड पर धोखा होता सा महसूस किया और उठ कर दरवाजा खोल दिया.


उस दिन अंकल के सामने मैंने एक पैग और लिया और अपने घर चला गया.


आखिर वो दिन आ ही गया, जब आंटी की चुदाई होनी थी.


लॉकडाउन में छूट मिलनी शुरू हो गई थी, आनन्द अंकल को कंपनी वालों ने वापस बुला लिया था. उस दिन मैं उनके पास ऊपर ही था.


वो खुश हो गए थे और उन्होंने आंटी से कहा- मुझे कंपनी वापस जाना पड़ेगा. अभी तुम कुछ महीने यहीं रहो क्योंकि जब से नया घर किराए पर नहीं मिल जाता, तुमको यहीं रहना होगा. राजा तो है ही तुम्हारी मदद के लिए.


मैंने भी हामी भर दी- हां आंटी को किसी चीज की कमी नहीं रहेगी. इस पर आंटी ने मेरी तरफ देख कर आंख दबा दी.


मैं भी समझ गया कि अब X आंटी की चूत मुझे चोदने को मिल जाएगी. इस तरह आंटी मान गईं और अंकल चले गए.


अब मुझे मौका मिलने वाला था.


इसके पहले से ही जब भी कुछ किराना या कुछ और सामान मंगाना होता तो आंटी मुझसे ही कहती थीं. मैं उनकी जरूरत की चीजें लाकर उन्हें दे देता था.


अंकल के जाने दो दिन बाद ऐसे ही आंटी ने मुझे ऊपर बुलाया और सामान लाने को कहा. मैं लिस्ट और पैसे लेकर नीचे उतर आया.


वो नहाने बाथरूम में चली गईं और मैं फटाफट सामान लेकर वापस आ गया. आंटी ने अपना मेन गेट खुला छोड़ दिया था. मैं आकर चुपचाप उनके कमरे में चला गया.


जैसे ही मैं कमरे में पहुंचा तो देखा कि आंटी बिल्कुल नंगी थीं और अपने बाल सुखा रही थीं. ये सीन देखकर मेरा लंड खड़ा हो चुका था.


उनकी झकास गोरी चूत और भरी हुई गांड देखकर मैं बहक गया. मैंने पीछे से जाकर उनको पकड़ लिया और आंटी के चूचे को दबाने लगा.


आंटी एकदम से चौंक गईं और मुझसे खुद को छुड़ाने की कोशिश करने लगीं. मैं समझा कि आज तो मेरे लौड़े लग गए.


मगर आंटी ने पलट कर मुझे देखा और मुस्कुराती हुई बोलीं- तुम तो बड़े फ़ास्ट निकले!


मैंने उन्हें दुबारा से पकड़ा और चूमने लगा. आंटी ने कहा- जरा रुको तो … पहले दरवाजा तो बंद कर लेने दो.


दरवाजा बंद हुआ तो हम दोनों लग गए.


मैंने आंटी को चित लिटाया और अपना लंड पैंट से निकाल कर सीधे चूत में डाल दिया.


इस तरह के हमले से आंटी कराह उठीं और बोलीं- धीरे कर न, कहीं मैं चिल्लाने लगी तो क्या करेगा? मैंने कहा- कुछ नहीं करूंगा आंटी … बस थोड़ी देर तक पेल कर चला जाऊंगा.


मैंने किया भी ऐसा ही … मैं दस मिनट में ही उनके चूत में झड़ गया था. वो कुछ ज्यादा मजा नहीं ले पाईं क्योंकि मैंने सब कुछ जल्दी जल्दी में कर दिया था.


अगले दिन जब मैं अपने शॉप पर गया तो उन्होंने फोन करके कहा- तुम जल्दी से दुकान बंद करके ऊपर आ जाओ. तुमने तो मेरी चूत में आग लगा दी है. अब तुम्हें ही मुझे शांत करना पड़ेगा.


मैं बहुत खुश हो गया और अपनी शॉप से एक उत्तेजना बढ़ाने वाली दवा खा ली. फिर अपनी शॉप बंद करके ऊपर आंटी के पास चला गया.


मैंने ऊपर जाते ही मेन गेट बंद कर दिया. जब आंटी को देखा तो वो नाइटी में ही थीं, उसके बड़े बड़े मम्मे देखकर मेरा लंड खड़ा हो चुका था.


मैंने आंटी के पास जाते ही उन्हें नंगी कर दिया और खुद भी नंगा हो गया. उन्होंने नाइटी के अन्दर पैंटी और ब्रा नहीं पहनी थी.


मेरा सात इंच लम्बा और ढाई इंच मोटा लंड देखकर आंटी बहुत खुश हो गईं और बोलीं- मेरे पति का भी ऐसा ही मोटा लंड है, पर 6 इंच का है.


मैंने कहा- इसीलिए मैंने जब आपकी चूत में अपना लंड डाला था तो आपको दर्द नहीं हुआ था.


ये सुनकर आंटी हंसने लगीं और बोलीं- मैंने घाट घाट का पानी पिया है, भूल गए क्या? मैं हंस दिया.


अब मैं उनके मम्मे दबाने लगा और एक दूध को मुँह लेकर चूसने लगा. धीरे धीरे मैं नीचे आता गया.


मैंने देखा कि आंटी की चूत से रस निकल रहा था. मैं चूत में मुँह लगा कर रस पीने लगा.


दोस्तो, सच कहूं तो मुझे आंटी की चूत का रस पसंद नहीं आया था.


तब भी मैं आंटी की चूत को अपनी जीभ से चाटता रहा और कभी कभी जीभ अन्दर भी डाल देता था जिससे उनकी कामुक सिसकारियां निकलने लगी थीं. कुछ देर बाद हम दोनों की 69 पोजिशन में आ गए.


इस दौरान करीब दस मिनट तक ऐसे ही हम दोनों एक दूसरे के लंड चूत चाटते रहे. इस दौरान वो एक बार फिर से झड़ गई थीं.


चूंकि मैंने उत्तेज़ना बढ़ाने वाली दवा खाई हुई थी जिस वजह से मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ा था.


अब आंटी बोलीं- मुझसे अब रहा नहीं जाता, जल्दी से मुझे चोद दो राजा.


ये कह कर आंटी ने ‘आह आह उह उह अम अम् …’ की आवाजें निकालनी शुरू कर दी थीं. मैंने उन्हें और तड़पाना ठीक नहीं समझा और अपना मूसल आंटी की चूत में उतार दिया.


उस दिन मैंने दवा के जोर पर लगभग आधा घंटा तक आंटी की चुदाई की. पूरी चुदाई के दौरान आंटी तीन बार झड़ चुकी थीं पर मेरा लंड अब तक एक बार भी नहीं झड़ पाया था.


उस दिन हम दोनों ने कई बार चुदाई की. आंटी को इतनी देर तक चोद कर मैं भी काफी थक चुका था तो घर आ गया.


अब अगली सेक्स कहानी में मैं आपको बताऊंगा कि कैसे मैंने उनकी बेटी की चुदाई की और उससे शादी कर ली.


आपको ये सच्ची X आंटी चुदाई कहानी कैसी लगी, मुझे जरूर बतायें. [email protected]


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