जीजू ने कुंवारी साली की बुर चोदी

रमेश 12

27-01-2023

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जीजा साली की चूत चुदाई कहानी में पढ़ें कि कैसे मुझे अपनी जवान कुँवारी साली के साथ अकेले रहने का मौक़ा मिला तो मैंने उसे पटा कर उसकी जवानी का मजा लिया.


मेरा नाम रमेश है. मेरी उम्र 22 साल है और मैं शादीशुदा हूँ. मेरी साली का नाम तनीषा है, उसकी उम्र 20 साल है.


यह जीजा साली की चूत चुदाई कहानी मैंने कल्पना से लिखी है.


बात तब की है जब मेरी बीवी और सारे घर वाले शादी में शहर से बाहर गए थे. उस वक्त घर में मैं और मेरी साली अकेले थे. मुझे किसी वजह से शादी में नहीं जाना था.


मैंने अपनी साली से कहा- मुझे भूख लगी है, खाना लगा दो. वो बोली- मैं नहा कर आती हूँ, फिर आपके लिए खाना लगाती हूँ. मैंने कहा- ठीक है.


वह तौलिया लेकर नहाने के लिए बाथरूम में चली गई.


मेरा मन उसकी जवानी को देखने का हो रहा था तो मैं भी छुप कर उसके पीछे चला गया.


उसने बाथरूम का दरवाजा बंद कर लिया. उस बाथरूम के दरवाजे में एक छेद था तो मैं अपनी साली को पूरी नंगी देख सकता था.


अन्दर जाकर पहले उसने अपने सारे बालों का एक जूड़ा बांधा, फिर अपनी साड़ी खोली. साड़ी हटते ही मुझे उसका गदराया हुआ जिस्म उत्तेजित करने लगा.


मगर ये तो अभी शुरुआत थी. साड़ी हटाने के बाद उसने अपने ब्लाउज को खोला और उसे एक तरफ डाल दिया.


अब वो मेरे सामने ऊपर सिर्फ एक ब्रा में थी. उसने अपने हाथ पीछे ले जाकर अपनी ब्रा का हुक खोला तो उसकी ब्रा की कैद से उसके मम्मे एकदम से उछल कर बाहर को आ गए.


ब्रा मम्मों पर फंस कर लटक गई थी. उसने मुस्कुराते हुए अपनी ब्रा को हटाया और एक बार अपने हाथ से अपने मम्मों को दबा कर सहलाया और छोड़ दिया.


उसके बाद उसने पेटीकोट का नाड़ा खोला और उसे नीचे गिर जाने दिया.


मैं एकटक दम साधे उसकी गदराई जवानी को देख रहा था. मेरा लंड एकदम से अकड़ गया था, मेरी सांसें तेज तेज चलने लगी थीं.


ऐसा नहीं था कि मैंने नंगी लड़की देखी नहीं थी. मैं अपनी बीवी को काफी चोद चुका था. मगर आज सामने मेरी कुंवारी साली की मस्त जवानी नंगी थी और पहली बार उसके चूचों का दीदार, मुझे अन्दर तक गर्म कर रहा था.


उसने अपनी पैंटी की इलास्टिक में अपने दोनों हाथों की उंगलियां फंसाईं और पैंटी को नीचे खिसका दिया. उसकी पैंटी उसके चूतड़ों पर कसी हुई बड़ी ही मादक लग रही थी. धीरे धीरे करके उसने अपनी पैंटी को निकाल दिया और वह पूरी नंगी हो गई थी.


मेरी साली नंगी हो चुकी थी और बेहद खूबसूरत लग रही थी. बस लग रहा था कि अभी जाकर उसकी चुत में अपना लंड पेल दूं. पर मैंने किसी तरह से अपने आपको रोका.


उसके 32 इंच के चूचे एकदम टाईट थे और जरा भी नहीं हिल रहे थे. उसके इन संतरों के ऊपर छोटे छोटे निप्पल एकदम कड़क थे और काफी आकर्षक लग रहे थे. मम्मों से नीचे उसका गोरा सपाट पेट, उसकी प्यासी नाभि मुझे और भी ज्यादा नशीला कर रही थी.


उसकी चुत एकदम लाल गुलाबी, बिना बालों वाली मेरे लंड को बुला रही थी. उसकी गोरी और चिकनी टांगें मेरे मुँह से चटने के लिए लालायित सी दिख रही थीं. पीछे उसकी गोरी गांड और दोनों चूतड़ मेरे लंड को अन्दर घुसवाने के लिए मुझे बुला रहे थे.


मैं उसे देख कर अपने मन में सोचने लगा कि तनीषा तुम बहुत खूबसूरत एकदम सेक्सी हॉट लग रही हो, मुझसे रुका नहीं जा रहा है.


तभी उसने मग से अपने शरीर के ऊपर पानी डाला और वो नहाने लगी. उसके बदन पर पानी गिरा, तो उसके मम्मों से होता हुआ चुत और गांड को गीला करता हुआ नीचे बहता जा रहा था.


मेरा मन हो गया कि मैं काश पानी होता, तो उसकी गांड और चुत दोनों में घुस जाता.


अब उसने अपने बूब्स पर, चुत और गांड पर साबुन लगाना शुरू कर दिया. कुछ ही देर में उसके बदन पर साबुन का झाग बन गया और उसके दूध, साबुन के झाग से ढक गए व सफ़ेद झाग से उसके निप्पल झांक कर एक मस्त झांकी पेश करने लगे. उसी तरह से नीचे उसकी चुत भी झाग से ढक गई थी.


फिर उसने पानी डाला, तो उसका चमकीला बदन एक बार फिर से मेरी आंखों को सुकून देने लगा. कुछ देर बाद वह नहा कर दरवाजे की तरफ आने लगी, तो मैं भी अपने कमरे में चला गया.


वह अपने कमरे में जाकर कपड़े बदलने लगी. मैं अपने लंड को सहलाते हुए शांत करने लगा.


तभी मेरी साली ने आवाज देकर बुलाया- जीजाजी आओ, मैंने खाना लगा दिया है. मैं उस वक्त उसकी एक चड्डी हाथ में लेकर उसकी चुत की खुशबू ले रहा था और अपने लंड मसल रहा था.


तनीषा की आवाज सुनते ही मैंने उसकी चड्डी को अपने लंड के पास घुसेड़ लिया और बाहर आ गया. उसकी चड्डी, मेरी चड्डी में ही रह गई थी. उसी अवस्था में मैं बाहर खाना खाने के लिए चला गया था.


उसने दो थाली में खाना लगाया. मैंने कहा- अरे तनीषा, दो थाली क्यों … आज हम एक थाली में ही खाना खा लेते हैं.


वो बोली- जीजू, आप बहुत शरारती हैं. मैंने हंस कर उसे देखा.


उसने मुस्कुरा कर कहा- ठीक है, आज हम दोनों एक ही थाली में खाते हैं.


मैंने खाना खाते-खाते उससे पूछा कि तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है या नहीं? उसने शर्मा कर कहा- नहीं जीजा जी, आप कैसी बातें कर रहे हैं. मेरा अभी तक कोई बॉयफ्रेंड नहीं है. मैंने कहा- अरे कोई तो होगा, बता भी दो. मुझसे कैसा शर्माना?


वह बोली- नहीं जीजा जी, आपकी कसम मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है. मैंने कहा- अच्छा ठीक है, मैं मान लेता हूँ.


अब हम दोनों ने खाना खत्म किया और बाद में हम दोनों टीवी पर फिल्म देखने लगे.


मैंने उससे कहा- मैं मजाक कहा कि मैं तुमको पसंद करता हूं. वह बोली- क्यों, आप दीदी को पसंद नहीं करते क्या?


मैंने कहा- तुम्हारी दीदी को भी पसंद करता हूं, पर तुम मुझे बहुत ज्यादा पसंद हो. वह बोली- तो शादी भी मुझसे कर लेते! मैंने कहा- हां, तुमसे ही कर लेता, पर ऐसा हुआ नहीं था, तो क्या करूं? वो हंसने लगी.


कुछ देर बाद हम दोनों पलंग पर लेट कर मूवी देखने लग. हम दोनों सीधे ही लेटे थे. उसके रसभरे दूध उसकी कुर्ती से ऊपर उठे हुए थे और मस्त दिख रहे थे.


मैं उसके छोटे-छोटे मम्मों को देखकर इतना गर्म हो गया कि मेरा लंड पैंट के अन्दर अकड़ कर खड़ा हो गया था. मैं उसको छुपकर देख रहा था.


मुझे बस कुर्ती के अन्दर उसके तने हुए बूब्स दिखाई दे रहे थे.


शायद उसने मेरी नजरों को ताड़ लिया था. वह एकदम से बोली- जीजाजी, क्या देख रहे हो? मैंने कहा- क..कुछ नहीं. वो बस मुस्कुरा दी.


मैंने कहा- तुमने कभी किसी को किस किया है? वह बोली- नहीं. मैं हम्म करके चुप रह गया.


मेरी साली ने कहा- इस मूवी से तो मैं बोर हो रही हूँ. मैंने कहा- अच्छा, तो चलो आज हम एक गेम खेलते हैं.


उसने कहा- ठीक है. कौन सा गेम? मैंने कहा- हम दोनों आंखों पर पट्टी बांध कर ये खेल खेलेंगे. मैं तुमको चीज बताने के लिए कहूँगा. उसने कहा- ठीक है.


फिर मैंने उसकी आंखों पर पट्टी बांधी और उससे रेडी रहने के लिए कह दिया. मैंने उसके हाथ में अपने लंड पकड़ा दिया.


वो बोली- ये केला है! मैंने कहा- हां केला जैसा ही कुछ है.


उसने कहा- मैं खा लूँ? मैंने कहा- हां बैठ जाओ मैं तुम्हें अपने हाथ से इसे खिलाता हूँ.


वो घुटनों पर बैठ गई और मैंने अपने लंड को उसके मुँह में डाल दिया. उसने मेरे लंड को काटा, मैं जोर से चिल्ला दिया. उसने घबरा कर अपनी आंखों की पट्टी खोल दी.


उसने लंड देख कर कहा- जीजू, आपने मुझको अपना लंड खिला दिया! मैंने कराहते हुए कहा कि हां यार मगर तुमने तो इसे काट ही लिया.


जब उसने अपने मुँह से लंड कहा तो मैं समझ गया कि आज ये भी खुल कर खेलने के मूड में है. मैंने कराहते हुए अपने लंड को सहलाया.


वो बोली- आपने इसे मेरे मुँह में क्यों डाला था? मैंने कहा- अरे यार, तुमने ही तो कहा था कि मुझे खाना है. वो मुँह बना रही थी.


मैंने कुछ नाराजगी जताकर कहा- सॉरी, अब मैं कभी ऐसा नहीं करूंगा. वो मेरे लंड को पकड़ती हुई बोली- अरे मैं तो मजाक कर रही थी. कोई बात नहीं. अब मेरी बारी है.


उसने मेरा लंड पकड़ा तो मैं मस्त हो गया; मुझे लगा कि ये अभी लंड चूसेगी. मगर वो मुझसे बोली- अब मैं आपको पट्टी बांध देती हूँ.


मेरा लंड अभी भी बाहर ही था. मैंने भी जाननूझ कर उसे अन्दर नहीं किया था और तनीषा को भी मेरे लंड से कोई गुरेज नहीं था.


उसने मेरी आंखों पर पट्टी बांध दी और उसने मेरे हाथ को अपनी नाभि को टच कराया.


मैंने कसके उसका पेट पकड़ लिया. मैंने धीरे धीरे अपना हाथ उसके मम्मों पर रख दिया और उनको दबाने लगा. इससे वह गर्म हो गयी.


मैंने सोचा कि यही सही मौका है इसे चोदने का. मैं उसके मम्मों को जोर जोर से दबाने लगा.


मैंने पूछा- कैसा लग रहा है? उसने कहा- आह जीजू, बहुत अच्छा लग रहा है … और दबाओ.


कुछ ही देर में वह और ज्यादा गर्म हो गई. अब उसने मेरा सिर पकड़ कर मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए और मुझे किस करने लगी. मैंने भी उसके होंठों पर किस करना शुरू कर दिया.


मेरा खड़ा लंड उसकी चुत के छेद को टच कर रहा था. उसने मेरे सामने अपने सलवार सूट को उतार दिया. मैंने उसकी ब्रा को खोल दिया.


वह बोली- जीजू, कुछ होगा तो नहीं? मैंने कहा- कुछ नहीं होगा.


मैंने उसकी चड्डी खोल दी और वो नंगी हो गयी. मैं भी पूरा नंगा हो गया था और हम दोनों बेड पर लेटकर एक दूसरे को किस करने लगे. वह पूरी गर्म हो गई और मेरे बाल पकड़कर मुझे जोर जोर से किस करने लगी.


मेरा एक हाथ उसकी चुत पर चला गया और मैं उसकी चुत मसलने लगा. वह जोर जोर से सिसकारियां भरने लगी और कहने लगी- जीजाजी, मेरी चुत को और मसलो आह फाड़ दो इसे!


मैंने उसके होंठों को खूब चूसा और खूब चूमा. वो भी मेरे साथ मस्ती से लगी हुई थी.


उसके बाद मैंने उसके मम्मों को खूब दबा दबा कर चूसा. उसने भी अपने हाथ से मेरे मुँह में अपने दोनों दूध बारी बारी से दिए.


मैं उसके मम्मों को काटने लगा और आटा की तरह गूँथने कगा. उसके मुँह से आह आह की आवाज आने लगी.


उसने कहा- जीजा जी, अब आप जल्दी से मेरी चुत में अपना लंड पेल दो. मैंने कहा- नहीं साली जी, तुमको तो मैं अभी और मजा दूंगा.


मैंने उसकी नाभि में अपनी जीभ लगा दी और बहुत देर तक चूमा व चाटा. वो मादक आवाजों से कमरे के माहौल को कामुक बनाती रही.


नाभि के बाद मैं उसकी चुत पर आ गया. मैंने उसकी चुत को अपनी जीभ से एक बार ऊपर से नीचे तक चाटा. वो एकदम से सिहर गई और उसने मेरे सर को अपनी चुत पर दबा दिया.


मैंने बिना रुके उसकी चुत को इतना अधिक चाटा कि उसकी चुत एकदम लाल हो गई. उसकी चुत में मैंने अपनी पूरी जीभ पेल दी और चुत में लिकलिक करके गुदगुदी करने लगा.


जल्द ही उसकी छेद से पानी निकलने लगा. उसने तड़फ कर कहा- जीजा जी मेरी चुत आपको लंड घुसाने के लिए बुला रही है. प्लीज़ उसकी पुकार सुनो ना! मैंने कहा- अभी नहीं साली जी, आपको आज मैं पहले पूरा मजा दूंगा. वो कुछ नहीं बोली.


मैंने उसको उल्टा लेटा दिया और उसके चूतड़ों को अपने मुँह से खूब चाटा; चूतड़ों को हाथ से फैला कर उसकी गांड के छेद पर जीभ की नोक से चाट कर उसे मस्त कर दिया. वो आह आह करती हुई अपनी गांड उठा कर मेरे मुँह में देने लगी.


मैंने उसकी गोरी गुलाबी गांड के अन्दर अपनी जीभ डाल दी और जोर-जोर से गांड को चाटने लगा. फिर उसको सीधा लेटा दिया और उसके दोनों पैर खोल दिए. उसकी चुत एकदम से रो रही थी.


मैंने अपने लंड के ऊपर थूक लगाकर हाथ से मुठियाया और उसकी चुत के छेद पर लंड को अड़ा दिया. लंड के सुपारे ने चुत के दाने को छुआ तो चुत व्याकुल हो गई.


मैंने उसकी चुत पर थूका और अपने लंड को चुत के छोटे से छेद में अपना मोटा लंड फंसा दिया. उसकी आंह निकली और वो गांड उठाने लगी.


उसकी मासूम चुत को लंड का दर्द शायद मालूम ही नहीं था. मैं अपने लंड को धीरे-धीरे अन्दर घुसाने लगा.


वो मेरे हाथ पकड़े हुए मेरी आंखों में देख रही थी. उसकी आंखों में दर्द साफ़ दिखाई दे रहा था.


मगर वो हिम्मती लड़की थी. आधा जाने के बाद वह कराहती हुई बोली- जीजाजी … रुको प्लीज़ … मुझे बहुत दर्द हो रहा है. उसकी बात सुनकर मैंने रुकने की बजाए एक तेज झटका दे मारा.


मेरा लंड उसकी चुत में किसी कॉर्क की तरह से फंस गया. वो जोर से चिल्लाने लगी- आह मर गई … इसे बाहर निकालो … मुझे दर्द हो रहा है.


मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उसके एक दूध को अपने मुँह से चूसने लगा. वो कुछ शांत हुई.


मैंने उसकी चुत को चाट कर गीला कर दिया और फिर से अपने लंड को उसकी चुत में पेल दिया. वो फिर से कसमसाई मगर इस बार मैं रुकने के मूड में नहीं था.


मैं जोर जोर से झटके लगाने लगा. कुछ देर बाद उसको भी मजा आने लगा.


अब वो भी कहने लगी- आह जीजू … मेरी चुत को फाड़ दो, अपने लंड को और अन्दर तक पेलो.


उसकी चुत से खून निकलने लगा था. कुछ ही देर में वो झड़ भी गई थी.


मगर मेरा लंड बेकाबू था, उसे अभी चुदाई का जुनून सवार था.


मैंने सोचा कि चुत नहीं, तो गांड ही सही. इसकी गांड का दर्द भी खत्म हो जाएगा. ये दोनों तरफ से चालू हो जाएगी.


तो मैंने उसे उल्टा लेटा दिया और उसकी गांड में थूक लगा कर लंड डाला, तो वो जोर से चिल्लाने लगी.


तब भी मैं उसकी गांड में लंड पेलता रहा. उसकी गांड छिल गई थी और लाल हो गयी थी.


मैंने लंड गांड से निकाल कर वापस उसकी चुत में पेला और उसकी चुत फाड़ दी. कुछ देर बाद उसका दुबारा से पानी निकल गया.


अबकी बार मेरा भी पानी उसकी चुत में निकलने को हुआ. उसी समय उसने मुझे रोका कि जीजा जी अन्दर नहीं, गड़बड़ हो जाएगी.


मैंने अपने लंड को झट से चुत से खींच कर उसके मुँह में लगा दिया. वह मेरे लंड को चाट कर उसका सारा पानी पी गयी.


मैंने भी उसकी चुत का सारा पानी चाट लिया, उसकी गांड भी चाट चाट कर साफ़ कर दी. अब हम दोनों सामान्य हो गए.


मेरी साली ने कहा- जीजा जी, आपने तो आज मेरी शादी से पहले सुहागरात मना दी. सच में आज मुझे बहुत मजा आया. इस रात को में कभी भी नहीं भूलूंगी. मैंने कहा- थैंक्यू तनीषा.


हम दोनों एक दूसरे को प्यार करने लगे.


वह बोली- अब जब कभी भी घर पर कोई नहीं होगा, तब हम ऐसी मस्ती करेंगे. मैंने कहा- हां मैं तुम्हारी चुत और गांड को बहुत प्यार करूंगा और खूब चाटूंगा.


वो बोली- मैं नंगी होकर अपनी गांड आपके मुँह पर रख कर बैठ जाऊंगी. मैंने कहा- हां ठीक है.


धन्यवाद मित्रो, आपकी साली हो तो आप भी ऐसे ट्राई कर सकते हो. जीजा साली की चूत चुदाई कहानी आपको कैसी लगी? कमेंट्स में बताएं.


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