कुंवारी लड़की और उसकी दीदी की चुत चुदाई- 1

लव सिंह 4

11-02-2023

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देसी इंडियन गर्ल सेक्स कहानी में पढ़ें कि मेरे पड़ोस की एक लड़की कैसे मेरे पीछे पड़ गयी. उसकी कमसिन जवानी उछल रही थी और वो अपने जिस्म की गर्मी मेरे से ठंडी करना चाहती थी.


मेरा नाम लव है. मैं एक गांव में रहता था. स्कूल खत्म करने के बाद मैं आगे की पढ़ाई के लिए शहर चला गया था.


मेरी एक साल की पढ़ाई खत्म होते ही मेरी तबियत बहुत खराब हो गई और मैं अपने गांव वापस आ गया. मैं पूरा एक महीना बीमार रहा.


मेरे परिवार में 4 लोग हैं. मैं, मेरा छोटा भाई, मम्मी पापा.


घर वालों और आस पड़ोस के लोगों ने मेरी बहुत सेवा की. फिर कुछ दिन बाद मैं थोड़ा ठीक हुआ. आस पड़ोस की लड़कियां और औरतें रोज मुझे देखने आ जाती थीं.


उनमें एक लड़की रोज आती थी, वही दवा पानी देती थी, पर कुछ बोलती नहीं थी, बस आंखें फ़ाड़ कर मुझे देखती रहती थी. उसका नाम ट्विंकल था.


यह देसी इंडियन गर्ल सेक्स कहानी इसी लड़की की है.


मैं सोचता था कि ये किस बात पर मेरी बीमारी का मातम मना रही है. फिर मैं पूर्ण ठीक हुआ, तो डॉक्टर ने कहा कि अब 5-6 महीने शहर मत जाओ. वहां अनियमित तरीके से रहने से फिर से तबियत खराब हो जाएगी.


मैंने भी सोचा कि ठीक है, यहीं रह कर कुछ दिन पढ़ लूंगा. कुछ दिन बाद मैं एकदम स्वस्थ हो गया था लेकिन अब भी मुझे शहर जाने से मना किया गया था.


मेरे घर के पीछे एक खुला मैदान है, उसमें सर्कस दिखाने वाली कम्पनी आई. उसका प्रोग्राम 11 दिन का था. शाम को 7 बजे से सर्कस शुरू होकर 11 बजे तक रोज चलना था.


मेरी छत से पूरा सर्कस दिखता था, तो शाम होते ही आस पड़ोस की लड़कियां और महिलाएं मेरी छत पर आ गईं. इधर से फ्री में सब दिखना था, तो सब मजा लेने आ गई थीं.


मैंने भी 15 -20 लोगों के बैठने की व्यवस्था की और एक किनारे वाली कुर्सी पर बैठ गया.


अभी सर्कस शुरू हुए एक घंटा ही हुआ था. बहुत सारी महिलाएं आ चुकी थीं. मैंने कुछ देर बाद नोटिस किया कि कोई मेरे दाहिनी ओर बैठा है और मेरा हाथ सहला रहा है.


मैंने देखा तो वहां ट्विंकल थी. तो मैंने अपना हाथ हटा लिया.


फिर उसने अपना बांया हाथ मेरे कंधे पर रख दिया. मैंने उसकी ओर देखा, तो वो सर्कस देखने में मशगूल दिखी.


फिर मैं वहां से उठकर दूसरी फ्लोर पर चला गया. उधर सिर्फ दो रूम के ऊपर की छत थी. वहां जाने के लिए लकड़ी की सीढ़ी थी और वहां पानी का टैंक रखा था.


वहां पर जाकर देखा तो 4 बच्चे चटाई बिछा कर सर्कस देख रहे थे. मैं भी वहीं बैठ कर देखने लगा.


फिर कुछ देर बाद कोई आकर मेरी पीठ से चिपक कर बैठ गया. मैंने पीछे देखा तो ट्विंकल थी.


मैं उठने लगा तो उसने मुझे पकड़ लिया और मुझे धक्का देकर नीचे गिरा दिया. वो मेरे ऊपर चढ़ गई.


फिर बच्चे भी खेल समझ कर हम दोनों पर चढ़ गए. मैं सबसे नीचे, मेरी पीठ पर वो और उसके ऊपर बच्चे थे.


फिर मैं जोर लगा कर खुद को सबसे छुड़ा कर उठा और नीचे आने के लिए खड़ा हो गया. बच्चे फिर से सर्कस देखने में मशगूल हो गए.


बच्चों को देखने में मशगूल वो मेरे पीछे आ गई और मुझे उसी छत पर पीछे से पकड़ लिया.


मैंने कहा- दिमाग खराब है क्या? उसने कुछ नहीं कहा.


मैंने कहा कि जाकर तुम्हारी मम्मी को बताता हूँ. ट्विंकल- बताया तो यहीं से कूद जाऊंगी.


जब से मैं यहां आया था, आज मैंने पहली बार उसकी आवाज सुनी थी. उसकी आवाज में काफी कशिश थी. मैं- क्या चाहती हो? ट्विंकल- तुम्हें प्यार करना.


मैं समझ गया कि यह देसी इंडियन गर्ल सेक्स करना चाहती है मेरे साथ, तो मैं बोला- दिमाग खराब है तुम्हारा, मैं ऐसा वैसा नहीं हूँ! ट्विंकल- मैं तुमसे प्यार करती हूं और तुम भी मुझे प्यार करो. चाहो तो टाइम ले लो सोचने का, मुझे कल शाम को बता देना और मुझे ना में जवाब नहीं चाहिए, नहीं तो यहीं से कूद जाऊंगी.


इतना बोलकर वो जाने लगी. मैं- कोई दादागिरी है क्या कि हां में ही जवाब चाहिए …. और टाइम देने की क्या जरूरत है?


मेरी बात सुनकर वो मुस्कुराती हुई सीढ़ियों से उतरकर चली गई.


अब मैं अपने बारे में बताता हूं. मेरी उम्र 21 साल है. मैं एकदम सीधा सादा लड़का हूं. मेरी हाइट 5 फीट 9 इंच है. कसा हुआ बदन है. सीधा होने के वजह से ही इलाके में काफी लोग मुझे जानते हैं और प्यार व सम्मान करते हैं.


ट्विंकल का घर मेरे पड़ोस में ही है. उसके घर में उसके अलावा उसके मम्मी पापा और बड़ा भाई रहता है. एक बड़ी बहन है, जिसकी शादी 2 साल पहले हो चुकी थी. उसकी उम्र मेरे से 2 तीन साल कम होगी. उसका फिगर 32-28-34 का रहा होगा. हाइट 5 फिट 3 इंच की है.


मैं रात भर उसके बारे में सोचता रहा. दूसरे दिन जब शाम हुई, मैं छत पर बच्चों के साथ जाकर सर्कस देखने लगा. वो फिर मेरे पीछे आ गई और मुझे उठा कर कोने में ले गई.


उसने पूछा कि क्या सोचा? मैं- तुम्हारा दिमाग खराब है, हमारे बीच ऐसा कुछ नहीं होगा.


ट्विंकल- क्यों? मैं- मैं सीधा सादा लड़का हूं. तुम कोई और देख लो.


ट्विंकल- सीधे हो, इसलिए तो तुम्हें चाहती हूं. प्लीज तुम भी मुझे प्यार करो. मैं तुम्हारे बिना नहीं जी सकती. इतना बोलकर वो रोने लगी.


फिर मैंने भी सोचा कि चलो कुछ महीने बाद तो मैं शहर चला जाऊंगा, तो इसका दिमाग ठंडा हो जाएगा. तब तक इसको हां बोल देता हूँ.


मैं- ठीक है, पर पहले ये बताओ तू तो अभी छोटी है न!


ट्विंकल- अभी अप्रैल में ही मैं 18 की हो चुकी हूँ, चाहो तो सर्टिफिकेट दिखा दूंगी. मैं- लेकिन तुझे मुझसे प्यार कब हुआ ट्विंकल, मैं तो 2 साल से यहां हूं भी नहीं?


ट्विंकल- मैं तुमको 3 साल से पसंद करती हूं. मेरी सहेलियां मुझे तेरा नाम लेकर चिढ़ाती थीं, तभी मैंने सोच लिया कि प्यार करूंगी तो सिर्फ तुमसे. मैं- कैसा वाला प्यार?


ट्विंकल- सच्चा वाला. मैं- ठीक है, अब जाओ.


ट्विंकल- नहीं, पहले आई लव यू बोलो. मैं- आई लव यू.


इतना सुनते ही वो मेरे सीने से लिपट गई और मेरी गर्दन को चूमने लगी. मैं- सच्चे प्यार में इस सबकी क्या जरूरत है?


ट्विंकल- थोड़ा प्यार करने दो ना प्लीज़! फिर मैंने भी सोचा, चलो करने दो.


उसने मेरे सर, दोनों गालों, गर्दन पर चुम्बन की बौछार कर दी लेकिन उसे शायद किस करना नहीं आता था. फिर मैं भी गर्म हो गया और उसके कमर में हाथ डाल कर उसे रुकने के लिए कहा.


उसने रुकते हुए कहा. ट्विंकल- थोड़ा और करने दो ना! मैं- रुको, अब मैं तुम्हें प्यार करता हूं.


इतना कहकर मैंने अपने होंठ उसके कांपते लरजते होंठों पर रख दिए. दो मिनट में ही उसकी सांसें उखड़ने लगीं तो मैंने उसे छोड़ दिया और दीवार से सट कर उसको अपनी गोद में बिठा कर बैठ गया.


मैं- क्या हुआ, दो मिनट में ही होश उड़ गए? ट्विंकल अपनी सांसें कंट्रोल करती हुई बोली- तुमने ये कैसे सीखा, तुम तो कह रहे थे कि तुम बहुत सीधे हो. अब मुझे भी सिखाओ.


इतना कहकर उसने मेरे होंठों को दबोच लिया और चाहे जैसे चूसने चाटने लगी. मैं खुद को उससे छुड़ाते हुए बोला- ऐसे नहीं करते हैं. धीरे से होंठों को होंठ में लेते हैं.


इस बार उसने कुछ ठीक से किया. फिर मैंने उसके मुँह में अपनी जीभ डाल कर उसके तालू को टच कर दिया.


उसने भी मेरे मुँह में अपनी जीभ डाल दी और चारों ओर घुमाने लगी. फिर मैंने उसकी गर्दन पर होंठ रखे और चूसने लगा. उसके कान की लौ को चूसा.


वो कांपती हुई उठने लगी और बोली. ट्विंकल- मुझे तेज सुसु आ रही है, जाने दो.


मैं समझ गया कि उसको ओर्गास्म आया है. मैंने उसे पकड़ लिया और उसकी गांड को सहलाने लगा और होंठों को चूसने लगा.


वो अब कमर उठा कर मेरी जांघों से खुद को दूर करना चाह रही थी. पर मैंने उसकी कमर को पकड़ कर अपनी जांघों पर दबा रखा था.


वो झड़ चुकी थी और मेरे गले से लिपट कर गर्दन पर सर रख कर आंखें बंद करके सांसें नियंत्रित कर रही थी.


फिर दो मिनट बाद जब उसे होश आया तो उसने गुस्सा दिखाते हुए कहा- देखो, तुम्हारी वजह से मेरी पूरी सलवार गीली हो गई. वो मेरे ट्राउजर को छूती हुई बोली- तुम्हारी पैंट भी गीली हो गई!


उसके ऐसा करने से उसका हाथ पहली बार मेरे लंड को छू गया. उसने जल्दी से हाथ हटा लिया और मेरे कंधे में हाथ डाल कर मेरे आंखों में देखने लगी. मेरा कड़क लंड उसकी गीली चूत के नीचे दबा था.


मैं- ठीक है, अब जाओ … इतना काफी है. ट्विंकल मेरे गले लगती हुई बोली- थोड़ी देर और ऐसे ही रहने दो ना!


मैंने भी सोचा थोड़ी देर रहने देते हैं.


ट्विंकल- अभी मुझे क्या हुआ था, जो मुझे अचानक से सुसु हो गई और मुझे काफी चिपाचिपा भी लग रहा है? मैं उसके बालों में हाथ फेरते हुए बोला- ये तुम्हारी सुसु नहीं थी, तुम्हारा कम था, जो सेक्स में ओर्गसम पर निकलता है.


ट्विंकल- क्या सिर्फ महिला का ओर्गास्म होता है … और तुम्हारा ये इतना कड़ा क्यों है? मैं- लड़कों का भी होता है लेकिन मेरा अभी हुआ नहीं है, इसलिए अभी टाइट है.


ट्विंकल- कैसे होगा तुम्हारा ओर्गास्म? क्या तुम्हें भी मेरी तरह मजा आएगा, लाओ मैं कर देती हूं. मैं- तुम्हें कैसे आया था?


ट्विंकल- किस करने से, क्या मैंने तुम्हें अच्छे से किस नहीं किया इसलिए तुम्हें ओर्गास्म नहीं हुआ? मैं- नहीं, तुमने बहुत अच्छे से किया.


फिर मैंने उसके होंठों को देखा, जो चूसने की वजह से काफी लाल हो गए थे. वो काफी गोरी भी थी. इस हालात में उसे कोई भी देख कर समझ लेता कि वो किसी को किस करके आई है.


मैं- तुम्हारे होंठ लाल हो गए हैं. ट्विंकल हंसती हुई- तुम्हारे भी.


फिर 20 मिनट ऐसे ही रहने के बाद मैंने उसके गाल पर किस करते हुए उठाया और जाने को बोला.


अब उसके होंठ थोड़े ठीक लग रहे थे. वो कल भी ऐसा ही प्यार करने को बोलकर चली गई.


अब अगले दिन शाम को वो स्कर्ट और शर्ट पहनकर आई और मैं भी आज हाफ पैंट और टी-शर्ट में था. फिर से हम दोनों वहीं छत पर कोने में बैठ गए. वहां हमें कोई नहीं देख सकता था.


वो काफी हॉट लग रही थी. आज पहली बार मैंने उसकी सेक्सी टांगों और मांसल जांघों को देख रहा था.


उसके नंगे हाथ पैर काफी सेक्सी लग रहे थे.


मैं- आज क्या इरादा है? ट्विंकल- प्यार करने का!


इतना कहकर वो मेरे होंठों पर टूट पड़ी. मैं भी उसकी पीठ पर हाथ फिराता हुआ उसके होंठ चूसने लगा.


कुछ देर बाद वो मेरा हाथ अपने सीने पर ले जाने लगी. मैंने हटा लिया, तो वो मेरा हाथ फिर अपने सीने पर ले गई.


मैं उसकी गर्दन को पकड़ कर उसके सीने की तरफ बढ़ने लगा, तो उसने ऊपर के 3 बटन जल्दी से खोल लिए और ब्रा खोलने की कोशिश करने लगी. मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और उसकी ब्रा के ऊपर से उसके चूचे पर काट लिया. उसके मुँह से हल्की सी सीत्कार निकल गई.


मैंने उसकी ब्रा से बाहर जितनी भी जगह खोल दिया. उसके चूचे मीडियम साइज के थे. यूं कहिए कि आप मुँह खोल कर उसकी पूरी चूची को मुँह में ले सकते थे. छोटे दूध थे लेकिन एकदम कड़क, सेब की तरह सख़्त.


निप्पल भी पूरे गुलाबी. मैं बारी बारी से उसके दोनों चूचों को चूसने लगा.


उसकी सीत्कार अब काफी तेज हो गई. मैं रुक गया और उसकी आंखों में देखने लगा. वो शर्माती हुई कहने लगी- और करो ना!


मैं- इससे ज्यादा यहां नहीं हो सकता. ट्विंकल मेरे लंड पर हाथ रखती हुई बोली- आज मुझे तुम्हें ओर्गास्म देना है.


मैं- कैसे? ट्विंकल- जैसे तुम बताओ.


मैंने उसकी कमर को पकड़ लिया और अपनी तरफ खींचते हुए उसकी गर्दन पर चूसने लगा. वो सिहर गई.


उसने मेरे लंड को पैंट से बाहर निकाल दिया और हाथ से पकड़ लिया. मैं उसकी आंखों में देखते हुए बोला- क्या कर रही हो?


ट्विंकल- मुझे बताओ तुम्हें ओर्गास्म कैसे आएगा? मैं- इसे ऊपर नीचे करने से.


फिर मैंने उसके हाथ को पकड़ कर अपने लंड पर रखा और उसे सहलाने को कहा. मेरा लंड काफी टाइट था.


उसके हाथ लगाते ही मेरे सुपारे पर से चमड़ी हट गई और प्री-कम की कुछ बूंदें सुपारे पर आ गईं. वो मेरे चमड़ी को ऊपर नीचे करने लगी. उसे लगा कि पता नहीं क्या हो गया.


ऐसा करने में उसके नाखून मेरे सुपारे में लग गए, जिससे मुझे काफी तेज दर्द हुआ लेकिन मैंने बर्दाश्त कर लिया और उसे वैसे ही ऊपर नीचे करते रहने को कहा. वो करने लगी.


अब सूखे हाथ से करने की वजह से और नाखून लगने की वजह से मुझे काफी दर्द हो रहा था. वो देर तक लंड हिलाती रही, फिर भी मेरा ओर्गास्म नहीं हुआ.


मैंने उससे रुकने को कहा. वहां कुछ लुब्रिकेंट नहीं था और थूक से मैं उसे करने के लिए बोल नहीं सकता था. मैंने उसे किस करने लगा और अपने हाथ को उसकी चूत पर पैंटी के नीचे से रख दिया.


उस देसी इंडियन गर्ल की चूत गीली थी. मैं कुछ और उसकी चूत को सहलाता रहा. उसकी चूत बिल्कुल साफ थी, गोरी थी या काली, अंधेरे में पता तो नहीं चला लेकिन बाल एक भी नहीं था. शायद आज ही साफ की हुई थी.


अब वो मेरे से लिपट कर मेरे होंठ चूसने लगी. मैं समझ गया कि वो झड़ने वाली है.


मैंने अपने लंड को उसके पैंटी के नीचे से सीधा उसकी चूत पर रख कर रगड़ने लगा. इससे वो पूरी तरह कांप गई और 2 मिनट बाद शांत पड़ गई.


मेरा लंड उसके पानी से पूरी तरह गीला हो गया था. ट्विंकल मेरा लंड पकड़ती हुई- अब मैं तुम्हारा ओर्गास्म करवा देती हूं.


वो मेरे लंड ऊपर नीचे करने लगी. अब मुझे दर्द नहीं हो रहा था. कुछ मिनट बाद मैं झड़ने वाला था. मैंने सोचा कि कहां निकालना चाहिए.


मेरा मन उसकी चूची चोदने का था, लेकिन उसके चूचियां काफी छोटी थीं, तो चोदने में मजा नहीं आने वाला था. मैं उसके हाथ में ही झड़ गया.


वो काफी खुश हुई और किस करने लगी. मैं- ठीक है, अब चलते हैं.


ट्विंकल मुझे किस करती हुई- ठीक है. लेकिन कल सब कुछ करेंगे. मैं- सब कुछ मतलब? ट्विंकल- सेक्स.


मैं- पागल है क्या, यहां सेक्स नहीं हो सकता. चल जा अब! मैंने उसे एक लंबा स्मूच किया और जाने को बोला.


वो चली गई. दोस्तो, ट्विंकल की कुंवारी चुत की चुदाई किस तरह से हुई, ये मैं आपको अगले भाग में लिखूंगा. मेरी यह देसी इंडियन गर्ल सेक्स कहानी आपको कैसी लग रही है? मुझे आपके कमेंट्स का इन्तजार रहेगा. [email protected]


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