सब्जी मंडी में मिली लड़की की चुदाई

देव कुमार 7

25-04-2024

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देसी सेक्सी लड़की चुदाई कहानी में मार्किट में एक लड़की मुझे अच्छी लगी तो मैंने उससे दोस्ती करके उसका नम्बर ले लिया. बात आगे चुदाई तक कैसे पहुंचाई मैंने! पढ़ें इस कहानी में!


नमस्कार दोस्तो, आशा करता हूं आप सभी मस्त होंगे।


आज मैं अपनी एक सच्ची कहानी बताने जा रहा हूं जो कुछ साल पुरानी है। उम्मीद है आप सभी को पसंद आएगी।


दोस्तो, मेरा नाम देव है और मैं छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के एक छोटे से गांव से हूं। अभी मेरी उम्र 28 साल है। मेरी हाइट 5 फीट 10 इंच है।


मैं सामान्य आकार, पर्सनालिटी का हूं पर मेरा उस्ताद लंड बड़े काम का है। वैसे मैंने कभी मेरे हथियार का नाप तो नहीं लिया हूं फिर भी आकार में वह कुछ ज्यादा ही मोटा लगता है जो किसी भी प्यासी चूत की पानी निकाल दे।


यह देसी सेक्सी लड़की चुदाई कहानी उस समय की है जब मैं पढ़ाई के लिए शहर को गया था; तब मेरी उम्र 22 साल रही होगी। मैंने वहां एक रूम किराए पर लिया हुआ था जिसमें मैं अकेला ही रहता था क्योंकि मुझे अकेले रहना पसंद था और अकेले रहने के कारण घर का सारा काम भी मुझे ही करना होता था।


खैर … जैसे भी हो … दिन गुजरते गये।


मुझे बहुत दिन हो गए थे किसी प्यासी चूत का भोसड़ा बनाए हुए! रोज रात को मैं अपने हाथों से ही लंड हिलाकर सोता था. पर मेरी किस्मत अच्छी थी जो मुझे जल्द ही मेरी एक तड़प खत्म हो गई।


हुआ यूं कि मैं एक शाम मार्केट गया था सब्जी खरीदने! तभी मेरी नजर एक लड़की पर पड़ी जो लाल रंग की सलवार पहनी हुई थी। जिसे देखकर मेरा मन हुआ क्यों ना इसे ही अपने लंड का स्वाद चखा दिया जाए।


कुछ देर देखने के बाद मैंने हिम्मत करके उनके पास गया और बात करने लगा. उस टाइम तो हम ज्यादा बात नहीं कर पाए पर मैंने उनसे मोबाइल नंबर मांगा.


पहले तो मना करने लगी पर मेरी जिद करने पर उसने अपना नंबर दे दिया।


फिर जैसे तैसे हमारी आपस में बातें होना चालू हो गया। उसने अपना नाम अशार्या (बदला हुआ नाम) बताया.


यहां मैं अशार्या के बारे में बताना चाहूंगा. उसकी उभरी चूचियों का साइज 32 रहा होगा. पतली कमर 28 और मटकती गांड 34 रही होगी।


क्या कमाल का फिगर था जो किसी के लन्ड को हिला कर रख देता है।


शुरू में तो हमने नॉर्मल बातें की. पर कुछ दिनों बाद हमने खुलकर बातें करना चालू कर दिया।


हमने अपनी निजी बातों को भी शेयर करना चालू कर दिया।


कुछ दिनों बाद हमने सेक्स की बातें भी करना चालू कर दिया था और कभी कभी फोन सेक्स भी करने लगे थे. यह अब हमारे लिए नॉर्मल बातें हो गई थी।


अब बात आती है उस दिन की जब मैंने उसकी चूत का दरवाजा खोला।


मेरे काफी जिद करने पर वह मुझसे मिलने को तैयार हुई. मैंने उसे अपनी किराए के रूम में ही बुला लिया।


उस दिन उसने काले रंग की पोशाक पहन रखी थी जिसमें वह बहुत ही हॉट लग रही थी।


उसके अंदर आते ही मैंने दरवाजा बंद कर दिया और उसे गले लगा कर उसके होठों को किस करने लगा.


किस करते-करते मैंने उसके बूब्स को जोर जोर से दबाना चालू कर दिया जिससे वह भी अपने पूरे अंदाज में आ गई थी और मेरा साथ दे रही थी।


हम दोनों एक दूसरे को किस किए जा रहे थे. साथ ही मैंने अपना टी-शर्ट भी निकाल दिया था और अशार्या के ऊपर का शर्ट भी उतार दिया। अब वह सिर्फ ब्रा में थी।


उसने उस दिन सफ़ेद रंग की ब्रा पहन रखी थी जिसे थोड़ी देर बाद मैंने निकाल लिया और उसके कबूतरों को आजाद कर दिया।


अशार्या के नंगी बूब्स को देखकर मेरा लंड जोर-जोर से फुंफकार मारने लगा था।


मैंने अपने हाथों से उसके बूब्स दबाए और साथ ही साथ होठों से उसके चूचुकों को चूमता रहा। जिससे उसको भी बहुत मजा आने लगा और उनके मुंह से सिसकारियां निकलने लगी. वह बराबर मेरा साथ दे रही थी।


मैंने देरी ना करते हुए अपनी एक हाथ उसकी पैंटी के अंदर डाल दिया. उसकी चूत गीली हो चुकी थी और बहुत ही गर्म भी थी।


मैंने अपनी एक उंगली की चूत की अंदर डाल दी जिससे वह उचक पड़ी और उसके मुंह से आह! करके आवाज आई.


हम दोनों को बहुत मजा आने लगा। फिर हम किस करते करते मेरे बेड पर आ गए।


मैंने फिर उसकी सलवार उतार दी और अंदर देखा तो सफ़ेद रंग की ही पेंटी पहनी हुई थी जिसे मैंने खींचकर तुरंत ही निकाल दिया।


अब वह मेरे सामने पूरी नंगी थी. क्या कमाल की चूत थी उसकी! एकदम छोटे-छोटे बाल थे उसकी चूत पर!


यह देख कर मुझसे रहा नहीं गया और मैं टूट पड़ा। मैंने अपना मुंह उसकी चूत में दे दिया जिससे उसकी तड़प और बढ़ गई।


उसने मेरा सर पकड़ कर अपनी चूत पर दबाए रखा और खूब मजे लेने लगी और तड़पने लगी. उसके मुंह से अजीब अजीब आवाजें आने लगी थी।


अब मुझसे भी कंट्रोल हो पा रहा था तो मैंने भी अपना लोअर और चड्डी निकाल फेंकी. मैं भी पूरी तरह से नंगा हो गया.


तब अपना हथियार मैंने अशार्या के हाथों में दे दिया।


मेरा लंड देखते ही वह थोड़ा घबरा गई थी. जैसे कि मैंने पहले ही बताया था कि मेरा लंड मोटाई में थोड़ा ज्यादा है।


मैंने अपना हथियार उसे अपने मुंह में लेने बोला. तो वह मना करती हुई कहने लगी- मुझसे यह नहीं हो पाएगा!


फिर मैंने भी ज्यादा जिद नहीं की. मुझे तो उसके रसीली चूत चोदने का नशा चढ़ा था।


मैंने अशार्या को अपनी टांगें फैलाने को बोला. वह बिस्तर पर अपनी टांगें फैलाकर जैसे मुझे निमन्त्रण देने लगी.


मैंने उसकी गीली चूत में अपना फनफनाता लन्ड टिका दिया। मैं और भी मजे लेना चाहता था उसे और तड़पाना चाहता था.


इसलिए मैं अपना लंड उसकी चूत में सीधा ना घुसा कर रगड़ने लगा।


उसकी गीली चूत की दोनों फांकों के बीच मैंने अपना लन्ड रगड़ना चालू रखा।


जिससे मुझे वह कहने लगी- अब बस भी करो … मुझसे रहा नहीं जाता. और कितना तड़पाओगे?


इसके बाद मैंने अपना लंड उसकी चूत के छेद पर सेट करके थोड़ा सा धक्का दिया. पर वह अंदर नहीं घुसा। मेरा लंड बाहर फिसल गया क्योंकि उसकी चूत भी काफी टाइट थी।


मैंने तुरंत अपना लंड बाहर निकाल कर इस पर थूक लगाया और दोबारा लंड को चूत में फंसाकर धक्का दिया.


इस बार मेरा हथियार आधा ही उसकी बुर में घुसा और इधर अशार्या की चीखें निकलने लगी। उसे बहुत दर्द होने लगा था. उसने मुझे रुकने को कहा.


मैंने भी उसकी बात मानी और थोड़ी देर रुक गया।


करीब 2 मिनट बाद मैंने फिर से धक्का दिया. इस बार मेरा लन्ड अशार्या की चूत को चोदते हुए पूरा अंदर चला गया.


इससे अशार्या की आंखों में आंसू आने लगे. पर उसके चेहरे में खुशी साफ नजर आ रही थी जिसे देखकर मैं भी अपने पूरे जोश में आ गया था।


मैंने अपनी रफ्तार तेज कर दी थी और लगातार चुदाई कर रहा था. साथ ही साथ अशार्या भी अपने कूल्हों को उठाकर मेरा साथ दे रही थी।


पूरे कमरे में फच फच की आवाज गूंजने लगी थी. हम दोनों पसीने से लथपथ हो गए थे।


करीब 10 मिनट के बाद मेरा होने वाला था तो मैंने अशार्या से पूछा- कहां डालूं? उसने कहा- अंदर ही डाल दो.


उसके बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए।


मैंने अपना सारा माल उसकी चूत में डाल दिया. मेरे वीर्य से उसकी चूत पूरी भर गई थी।


हम दोनों बिस्तर पर ही पड़े रहे।


अशार्या की चूत एकदम से लाल हो गई थी और थोड़ी सूज भी गई थी। वह फ्रेश होना चाहती थी परंतु चूत में दर्द के कारण उसे उठा नहीं जा रहा था.


तो मैं उसे अपनी गोद में उठा कर बाथरूम तक लेकर गया। हम दोनों फ्रेश होकर फिर बिस्तर पर आकर बात करने लगे।


हम दोनों के चेहरे पर एक अजीब सी खुशी नजर आ रही थी।


करीब 20 मिनट बाद मेरा फिर से करने का मन होने लगा.


मेरा हथियार फिर से हरकत में आने लगा। मैंने फिर से अशार्या की टांग उठा कर उसकी फूली हुई चूत में अपना लंड घुसा दिया और फिर से चुदाई का काम होने लगा।


इस बार मेरा लंड एक बार में ही घुस गया। कुछ देर चोदने के बाद मैंने उसे घोड़ी बनाकर उसकी चूत में अपना लन्ड घुसा दिया और जोर-जोर से आगे पीछे करने लगा.


उसे भी बहुत मजा आने लगा था; वह भी गांड हिला कर मेरा लन्ड आसानी से अपनी चूत में ले रही थी. साथ ही वह जोर जोर से आवाज कर रही थी- आह … आह! और जोर जोर से करो मेरी जान!


और मैं भी लगातार उसकी चुदाई चालू रखे हुए था. फिर कुछ देर बाद मैंने अपना माल उस देसी सेक्सी लड़की की चूत पर ही गिरा दिया।


तब जाकर हम दोनों को अपार शांति मिली।


अब हम दोनों काफी थक गए थे जिसकी वजह से ऐसे ही बिस्तर पर लेटे रहे और एक दूसरे को किस करते रहे।


दोस्तो, यह थी मेरी और अशार्या के बीच की पहली बात की चुदाई की कहानी. आप सभी को कैसी लगी? आशा करता हूं यह कहानी आपको पसंद आई होगी।


अपने विचार आप मुझे मेरे ईमेल पर जरूर भेजें।


यह मेरी पहली कहानी है. अगर कुछ गलतियां होती हैं तो मुझे माफ करें। देसी सेक्सी लड़की चुदाई कहानी पर आप अपने सुझाव और विचार और अपने सेक्स अनुभव मुझसे शेयर कर सकते हैं। [email protected]


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