भैया ने अपनी सीलपैक साली की चुत चुदवाई

संकेत 3

06-05-2022

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देसी यंग गर्ल सेक्स कहानी में पढ़ें कि मेरे मामा के घर गया तो मामा के बेटे ने मुझे चूत दिलवाने का वादा किया. वो मुझे अपनी ससुराल ले गये और …


दोस्तो, मेरा नाम संकेत है. मैं मध्यप्रदेश के सागर शहर से हूँ.


ये मेरी पहली कहानी है. मुझे उम्मीद है कि आप मेरी छोटी मोटी गलतियां माफ कर देंगे.


ये देसी यंग गर्ल सेक्स कहानी मेरे साथ हुई एक सच्ची घटना पर आधारित है. ये घटना मेरे साथ मामा के लड़के यानि मेरे ममेरे भैया की ससुराल में हुई थी.


मेरे मामा के लड़के से मेरी खुल्लम खुल्ला बात होती रहती थी.


ये बात 2012 की बात है. उस समय मैं अपने मामा के घर गया था. गर्मियों की छुट्टियों में उस समय मेरे मन में चुदाई के ख्याल ही आते रहते थे.


मैं एक अमीर परिवार से हूँ तो मुझे मोबाइल जब ही मिल गया था, जब मैं स्कूल में पढ़ता था. मैं मोबाइल में ब्लू फिल्म देखता रहता था और सपने सजाता रहता था.


मेरे भैया मतलब मेरे मामा के लड़का ऋषि भैया ने मुझसे पूछा- संकेत तूने अभी तक चूत मारी कि नहीं? मैंने बोला- नहीं भैया.


भैया ने बोला- ओके वहां बाउंड्री पर चढ़ जाओ और बाजू में एक लड़की नहा रही है, उसके दूध देख लो. मेरी गांड फट गई.


भैया ने बोला- टेंशन मत ले बे … मैं हूँ, तुझे कुछ नहीं होगा. मैं बाउंड्री पर चढ़ गया और उस लड़की को देखने लगा.


वो लड़की एक 24 साल की मस्त भरी हुई लौंडिया थी. मैं उसे देखने लगा.


उसके बहुत बड़े बड़े खरबूज जैसे दूध थे. उसके काले काले निप्पल देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया. वो दूध और गांड पर साबुन मल रही थी और मैं मज़े से उसके जवान नंगे जिस्म का नजारा ले रहा था.


तभी उस लड़की ने ऊपर की तरफ देखा तो उसको मैं दिख गया. मेरी गांड फटी तो मैं भाग कर ऋषि भैया के पास आ गया और मैंने उनको सब बता दिया.


उन्होंने बोला- कोई बात नहीं है … तू टेंशन मत ले, मैं सब देख लूंगा.


वो लड़की दो मिनट बाद अपनी मम्मी को लेकर आ गई. उस समय भैया बाहर ही थे.


उस लड़की की मम्मी उनसे बोलने लगी- वो लड़का कौन है … मेरे यहां क्या देख रहा था? भैया ने मुझे बुलाया और उस आंटी से पूछने लगे- क्या आप इसके बारे में पूछ रही हैं.?


वो आंटी हामी भरती हुई मुझसे पूछने लगीं- तुम उधर क्या देख रहे थे? मैं बोला- मैं कपड़े उठाने आया था, तो ये दीदी नहा रही थीं. मैं उन्हें देख कर भाग गया था.


वो आंटी मुझे घूरने लगीं. मैं घर में अन्दर आ गया.


फिर भैया ने उसे समझा बुझा कर भगा दिया.


यहीं से मेरी पहली चुदाई की कहानी शुरू हुई.


शाम के 4 बजे के करीब भैया ने कहा- चलो, तुम्हें आज चूत दिल देता हूं. मैंने कहा- कहां चलें?


वो बोले- मेरी ससुराल चलो. मैंने बोला- क्यों? वो बोले- तुम्हें चुदाई करनी है न? मैंने हां कर दिया. वो बोले- तो चलो.


हम दोनों निकल गए. उनकी ससुराल एक गांव में थी.


करीब एक घंटे में हम दोनों वहां पहुंच गए. भाभी उधर पहले से ही थीं.


भैया और मेरा स्वागत हुआ. हम दोनों ने मुँह हाथ धोए और भाभी ने खाना लगाने की कह दी.


भैया ने कहा- अभी रुक कर खाएंगे, पहले हम दोनों ड्रिंक एन्जॉय करेंगे.


फिर मैंने और भैया ने दारू पी, उसके बाद खाना हुआ और हम दोनों बाहर आकर सिगरेट पीने लगे.


रात 10 बज गए थे.


मैंने भैया से बोला- आपको अपना वादा तो याद है न कि आप मुझे यहाँ क्यों लाए हैं? भैया बोले- हां बे सब याद है. तुम अभी सो जाओ, मैं तुम्हें रात में एक बजे जगाऊंगा.


अब मेरी कहां नींद लगनी थी.


करीब 12:30 बजे रात में भैया ने मुझे उठाया. तब तक उनके सास ससुर भी सो गए थे.


मुझे भैया नीचे वाले रूम में ले गए. उधर एक कमसिन सी लड़की अपना मुँह ढके खड़ी थी जिसके दूध निम्बू जैसे थे. वो एक काली सी लड़की थी.


मैं नहीं जानता था कि वो कौन है. फिर भैया ने बोला- ले ये तेरे लिए है … जो करना है कर ले!


भैया बाहर निकल गए और उन्होंने बाहर से गेट बन्द कर दिया. मेरी गांड फ़ट गई थी कि कहीं कोई बवाल न हो जाए.


मैंने लड़की को बिठाया और उससे कहा- कपड़े उतारो. उसने मना कर दिया.


वो बोली- ऊपर ऊपर से कर लो. मैं समझ गया कि लड़की राजी है बस जरा नाटक कर रही है.


अब मैं कामुक हो गया था. मैंने उस लड़की को पकड़ा और किस करने लगा. वो मुझसे छूट कर भागने लगी.


मैं बोला- जब भागना ही था तो क्यों आई? वो बोलने लगी- जीजा जी, मैं अभी छोटी हूँ. आज से पहले कभी किसी से नहीं मिली.


मैंने बोला- मुझे जीजा क्यों बोल रही हो! वो बोलने लगी- मैं आपकी भाभी के बड़े पापा की लड़की हूँ.


ये सुनकर मेरे होश उड़ गए. मैंने बोला- तो इधर कैसे आ गईं?


वो बोलने लगी- दीदी ने भेजा है. दीदी मतलब मेरी भाभी ने भेजा है, ये जानकर मैं सकते में आ गया कि ये साला क्या चक्कर है.


मैंने मन में कहा कि वाह यार भैया आप तो गजब निकले.


फ़िर मैंने लड़की को पकड़ा और किस करने लगा. इस बार वो मेरा साथ देने लगी.


उसे 5 मिनट किस करने के बाद मैंने उससे पूछा- मेरे साथ मजा आ रहा है? वो हंस कर हां में सर हिलाने लगी.


अब मैं उसके कपड़े उतारने लगा. वो जरा नखरे दिख रही थी तो मैंने उसे जबरदस्ती नंगी करना शुरू किया. बड़ी मेहनत के बाद मैं उसे नंगी कर पाया.


बड़ी गजब की कसी हुई लौंडिया थी. मैंने उसके दूध चूसने लगा. उसके छोटे छोटे निम्बू जैसे उभारों को मैंने चूस चूस कर लाल कर दिया.


वो मेरे द्वारा निप्पल खींचे जाने से रोने लगी थी.


मैंने उसे चुप कराया और कहा- इसमें रोने वाली क्या बात है … क्या तुम्हें अच्छा नहीं लग रहा है? वो बोली- अच्छा तो लग रहा है मगर तुम जोर जोर से चूस रहे थे, उससे दर्द हो रहा था.


फिर मैंने अपना टनटनाता लंड निकाला. मेरा लंड उस समय ज्यादा बड़ा नहीं था. हालांकि उस कमसिन लड़की के हिसाब से मेरा 6.5 इंच का लंड काफी बड़ा था. मेरे लंड की मोटाई भी सामान्य ही थी मगर उसे वो खीरे जैसा लग रहा था.


मैंने उसके हाथ में लंड दे दिया लेकिन उसे छोड़ दिया. मैंने उससे पूछा- क्या दिक्कत है … लंड पकड़ो न. वह नौटंकी दिखाने लगी.


मैंने गुस्सा दिखाया तो उसने लंड पकड़ लिया. वो एक नई लड़की थी तो उसको कुछ नहीं आता था.


मैंने उससे लंड चूसने के लिए बोला तो वो मना करने लगी. इस बार मैंने उसके बाल पकड़ कर अपना लंड उसके मुँह में घुसेड़ दिया. वो किसी तरह से लंड चूसने लगी.


मैं उत्तेजित हो गया और उसके गले तक लंड पेलने लगा. इससे उसकी सांस रुक गई, वो छटपटाने लगी.


फिर मैंने धीरे धीरे लंड अन्दर बाहर किया. वो करीब 5 मिनट तक लंड चूसती रही.


लंड चुसवाने के बाद मैंने बाहर निकाला और उसको थोड़ा किस किया, उसके दूध चूसे.


फिर मैंने कहा- चलो अब अपनी चूत दिखाओ. उसकी नखरेबाज़ी फिर से शुरू हो गई.


मैं अब तक कामांध मर्द बन चुका था. मैंने उसकी टांगें पकड़ीं और अपने पैरों से जोर से दबा लीं. उसकी चुत उभर कर सामने आ गई. चुत की दरार एकदम चिपकी हुई थीं.


मैंने उसकी चूत में उंगली डालने की कोशिश की तो मेरी उंगली अन्दर जा ही नहीं रही थी.


उसका ये सब पहली बार का मामला था.


बड़ी मुश्किल से मैं एक उंगली डाल पाया. उंगली अन्दर लेते ही वो चिल्लाने लगी. मैंने उसका मुँह बंद कर दिया. उसकी पैंटी उसके मुँह में ठूंस दी.


इससे उसकी आवाज बंद हो गई थी और मैं रुक नहीं रहा था.


कुछ देर बाद मैंने चुत से उंगली निकाल कर उसकी चूत चाटना चालू कर दिया.


मुझे तो जैसे ज़िन्दगी के सारे सुकून मिल गए थे. जो मैं ब्लू फिल्म में देखता रहता था, आज खुद सामने से कर रहा था.


करीब 5 मिनट तक चूत चाटी तो उसकी चुत रो पड़ी. चूत के पानी का टेस्ट खट्टा खट्टा सा था. मैं मजे से चाट रहा था. वो भी मस्ती से चुत चटवाने का सुख लेने लगी थी.


फिर मैंने सोचा कि अब देर नहीं करना चाहिए. मैं उठा और उसकी टांगें दबा लीं. मैंने अब उसकी बुर में दो उंगलियां डालने की कोशिश की, लेकिन नहीं जा रही थीं.


मैंने सोचा कि मान लो दो उंगलियां अन्दर चली भी गईं तो ये साली फिर से रोना धोना शुरू कर देगी. इसकी चुत में सीधे लंड पेल देना चाहिए, एक ही बार रोना धोना होगा.


ये सोच कर मैंने लंड पर खूब सारा थूक लगाया और उसकी चूत में डालने की तैयारी कर ली.


करीब दो मिनट कोशिश करने के बाद मेरे लंड का टोपा अन्दर घुस गया.


वो बिन पानी की मछली जैसी फड़फड़ाने लगी. मैं घबरा गया. उसके मुँह में पैंटी घुसी थी और उसके हाथ मैंने दबा कर रखे थे.


वो कुछ नहीं कर पा रही थी. बस तड़फ रही थी.


मैंने झटका मारा तो थोड़ा सा लंड और अन्दर चला गया. फ़िर कुछ गीलापन महसूस हुआ तो मैंने सोचा कि इसका मूत न निकल गया हो. मैंने थोड़ा सा लंड निकाल कर देखा, तो लंड में खून लगा था और चूत से खून की धार बह रही थी.


मैंने वापस लंड अन्दर उतना ही सरका दिया. वो रोती जा रही थी.


फ़िर मैंने उसके दूध चूसे. अपना लंड वैसे ही पड़ा रहने दिया और धीरे धीरे हिलने लगा. मेरा लंड अन्दर बाहर सरकने लगा था. मैंने जरा स्पीड ले ली और उसे चोदने लगा.


वो बेहोश होने लगी तो मेरी गांड फट गई मगर मैं लगा रहा.


करीब 10-12 झटका मारने के बाद मैंने लंड निकाल लिया.


मैं उसकी बेहोशी से बेहद डर गया था क्योंकि ये मेरा भी पहली बार था. मुझे लगा कि कहीं साली मर मरा न जाए.


दोस्तो, ब्लू फिल्म देखना और सच में चुदाई करना, दोनों अलग चीज़ होती हैं. ये बात मुझे उस दिन पता चली थी.


फिर मैंने उसके मुँह से पैंटी निकाली और उसको किस किया, उसको हिला कर जगाया.


वो बहुत रो रही थी और बोलने लगी थी- आप बहुत खराब हो जीजाजी. मुझे बहुत दर्द हो रहा है.


मैंने उसकी पैंटी से अपना लंड साफ किया और उसकी चूत का खून भी साफ़ कर दिया.


इतने में भैया गेट खटखटाने लगे. वो बोले- जल्दी से बाहर आ जाओ, सासू मां जाग गई हैं और टॉयलेट गई हैं.


इतना सुनते ही मैंने अपने कपड़े उठाए और लंड का पानी तक नहीं निकाला.


फिर उस लड़की के आंसू पौंछे, उसे शांत किया, जल्दी से खून से सनी पैंटी पहना दी.


फिर मैंने अपने हाथों से ही उसे उसकी सारे कपड़े पहनाये और गले लगा लिया.


वो मुझसे जोर से चिपक कर रोने लगी थी. मैंने उसको किस किया और बाहर तक छोड़ दिया. उससे ठीक से चलते भी नहीं बन रहा था.


मैं भी कपड़े पहन कर ऊपर आ गया और सोने चला गया.


कुछ मिनट तक वो सब सोचने के बाद मैंने मुठ मारी और सो गया.


सुबह हम लोग वापस जाने लगे थे.


वो लड़की आई और मुझे देखने लगी.


मैंने भैया से बोला- ये लड़की क्यों देख रही है? भैया बोले- साले चूतिया, भूल गया, यही तो थी.


मैंने बोला- क्या? भैया बोले- हां रात में इसी को तो भेजा था.


मैंने बोला- वो ये थी? भैया बोले- हां.


मैं सोचने लगा कि अंधेरे में चुदाई के चक्कर में मैंने उसके मुँह पर तो ध्यान ही नहीं दिया, बस दूध और चूत पर ही ध्यान देता रहा.


रात को मैंने मोबाइल की टॉर्च जला कर रख दी थी लेकिन उसका उजाला कम था. बल्ब भी जलाया था लेकिन वो बार बार बुझा दे रही थी. फिर वो अपने मुँह पर कपड़ा भी बांधे थी.


अब मैंने उस देसी यंग गर्ल को एक स्माइल दी और आंख मारी, तो वो थोड़ी खुश हुई. हम दोनों वापस अपने घर के लिए आ गए.


दोस्तो, ये थी मेरी सिंपल सी सच्ची पहली सेक्स कहानी. एक अजनबी साली के साथ आधी चुदाई हुई थी. मगर अगले हफ्ते वो अपनी दीदी के पास यानि मेरे मामा जी घर आ गई. उधर मैंने उसे जम कर चोदा.


वो सब अगली सेक्स कहानी में लिखूँगा.


आपको मेरी देसी यंग गर्ल सेक्स कहानी पसन्द आई होगी. मुझे कमेंट्स में बताएं.


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