एक अनोखी शादी- 2

वालमिक्स

16-10-2021

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फर्स्ट टाइम लेस्बियन लव स्टोरी में पढ़ें कि कैसे एक कॉलेज गर्ल सेक्स की उत्सुकता में लेस्बियन गर्ल बन गयी. लेकिन उसकी शादी एक गांडू लड़के से हो गयी.


दोस्तो, कहानी के पहले भाग सेक्स के बारे में जानने के लिए गांड मरवा ली में आपने पढ़ा कि रतन अपने दोस्त सुनील के साथ उसकी पत्नी की तरह दो साल रहा। उसके बाद सुनील को नौकरी के लिए दूसरे शहर जाना पड़ा और फिर उसकी शादी हो गई।


रतन अकेला रह गया था। वो दूसरे साथी की तलाश करने लगा। मगर इसी बीच घरवाले उसकी शादी की बात भी करने लगे।


अब आगे की कहानी रतन की जुबानी:


दोस्तो, मैं रतन आपको अपनी गे सेक्स की कहानी बता रहा था। अब मेरे माता पिता मेरी शादी की बात करने लगे. मुझे शादी नहीं करनी थी. मगर समस्या यह थी कि मेरे बाद मेरे छोटे भाई की शादी होनी थी जिसके लिए उसने एक लड़की पसंद कर रखी थी।


मैंने बहुत सोचा। हर समस्या का एक समाधान होता है, ऐसा मेरा विश्वास हमेशा से ही रहा है। मुझे लड़कियों में कोई रुचि नहीं थी। लड़के ही अच्छे लगते थे।


मैं सोचने लगा कि कोई तो ऐसी लड़की भी होगी जिसको लड़कियों में ही रुचि होगी। मुझे ऐसी ही एक लड़की की तलाश करके शादी करनी होगी। मैंने मन में विचार बना लिया।


शादी के बाद मैं अपने पसंद के लड़के के साथ मज़े करूँगा, मेरी बीवी अपनी पसंद की लड़की के साथ मज़े करेगी. हम दोनों की ही इसमें सहमति होगी।


कुछ पाठकों को यह अजीब लग रहा होगा कि ये मैं कैसा प्लान बना रहा था। मगर मेरा निर्णय सही निकला, ये आपको आगे पता चलेगा। हमारे देश में कितने ही ऐसे दंपत्ति हैं जो आपसी संभोग में खुश नहीं हैं. फिर भी मजबूरी में साथ रहते हैं।


संभोग के समय कुछ मर्दों का शीघ्र पतन हो जाता है, औरत की प्यास बिना बुझाये ही खुद बुझ जाते हैं. कुछ पतियों को स्त्री से संभोग में मज़ा ही नहीं आता, जिसके अनेक कारण हैं.


कुछ पत्नियों में संभोग के प्रति कोई उत्साह नहीं होता. कुछ बिस्तर में ठंडी हो जाती हैं, खासकर बच्चा पैदा हो जाने के बाद।


मेरे माता पिता दूसरे शहर में रहते थे. उन्होंने अपने शहर में मेरे लिए कुछ लड़कियां देखीं, मगर बात नहीं बनी.


मेरे पिताजी को पता लगा कि मैं जिस शहर में कार्यरत था, उसी शहर में उनका कॉलेज का दोस्त रह रहा था. वह अपनी लड़की के लिए लड़का देख रहा था।


तो मेरे पिताजी ने अपने दोस्त से संपर्क किया। लड़की इसी शहर में नौकरी करती थी. उन्होंने शादी की बात चलायी. लड़की के पिताजी ने मुझे खाने पर बुलाया।


मैं खाने पर उनके घर गया। अच्छा परिवार था। लड़की का नाम मोहिनी था और देखने में सुंदर थी। उसकी एक छोटी बहन भी थी.


मोहिनी का कद 5 फिट 6 इंच था. मेरा कद 5 फिट 7 इंच है. शरीर खिलाड़ी की तरह था उसका! मैंने देखा कि मोहिनी को शादी के बारे में उत्साह नहीं था.


मेरे मन में आशा की किरण जागी, शायद यही वो लड़की हो, जिसे मैं ढूंढ़ रहा हूं. मैंने मोहिनी से खेल के बारे में बात शुरू की। मैंने बताया कि मैं फ़ुटबाल खेलता था.


मोहिनी ने बताया कि वह कबड्डी खेलती थी. वह एचआर विभाग में थी। मैंने अगले हफ्ते मोहिनी से घर के बाहर मिलने की अनुमति उनके परिवार से मांग ली.


हमने एक रेसॉर्ट में मिलना तय किया. इस रेसॉर्ट में लोग परिवार के साथ सुबह से शाम तक रहते थे. खाना, चाय, नाश्ता सब मिलता था. बहुत सारे खेल खेलने का इंतज़ाम भी था।


रेसॉर्ट में हम बेंच पर बैठे और हल्की फुल्की बातें करने लगे. मैंने देखा कि मोहिनी सुन्दर जवान लड़कियों की तरफ देख रही थी; लड़कों की तरफ उसका ध्यान नहीं था.


मैं भी जवान और सेहतमंद लड़कों की तरफ़ कभी कभी देख रहा था।


तब मैं बोला- मैं चाय लेकर आता हूं। वहां पास ही चाय की दुकान थी.


चाय की दुकान से मैंने मोहिनी को ध्यान से देखा. अब मुझे पक्का यकीन हो गया कि मोहिनी सिर्फ़ जवान और सुन्दर लड़कियों को देख रही थी।


चाय की दुकान में काफ़ी लड़के थे. मैं उनको देख रहा था.


चाय लेकर मैं मोहिनी के पास गया. मैंने चाय देते हुए कहा- मोहिनी जी, आपको सुन्दर लड़किया पसंद हैं?


मोहिनी बोली- और रतन जी, आपको जवान लड़के पसंद हैं? हम दोनों हंसने लगे.


मैंने ख़तरा उठाने की सोची. मैं बोला- मोहिनी जी, मुझे शादी करने की कोई इच्छा नहीं है, क्योंकि मुझे लड़कियां आकर्षित नहीं करतीं। मेरी रूचि लड़कों में है।


मोहिनी ने कहा- मेरा भी यही हाल है, मुझे सिर्फ़ लड़कियां अच्छी लगती हैं, पुरुषों में मुझे कोई दिलचस्पी नहीं है. मुझे भी शादी में कोई दिलचस्पी नहीं है. मगर मेरे घरवाले शादी के लिए ज़ोर दे रहे हैं क्योंकि मेरे बाद मेरी छोटी बहन की शादी होनी है।


मैंने बोला- यहां भी यही हाल है, मेरे बाद मेरे छोटे भाई की शादी होनी है.


हम दोनों ने एक दूसरे से वादा किया कि हम दोनों एक दूसरे की पसंद नापसंद का ये राज किसी को नहीं बताएँगे.


उसके बाद हम दोनों ने काफी बातें कीं। हमने पाया कि हमारे विचार मिलते हैं. कब हम ‘आप’ से ‘तुम’ पर आ गये पता ही नहीं चला।


मोहिनी ने पूछा- रतन, कभी किसी लड़के के साथ आपका शरीर का संबंध हुआ है? मैंने बताया- मैं और मेरा दोस्त दो साल तक पति पत्नी की तरह रह चुके हैं. अब वह दूसरे शहर चला गया है।


मैंने कहा- मोहिनी तुम्हारे बारे में बताओ, तुम्हारा किसी से रहा संबंध? मोहिनी ने कहा- मेरी एक सहेली है, उसके साथ निकट संबध है।


खाना खाने के बाद मैंने कहा- मेरे दिमाग़ में हमारी समस्या का एक हल आया है. यदि हम दोनों आपस में शादी कर लेते हैं तो शादी के बाद जब तुम्हारी इच्छा हो तुम अपनी रात अपनी पसंद की लड़की के साथ साथ बिता सकती हो और मैं अपनी रात अपने पसंद के लड़के के साथ।


मैं बोला- बाकी मामलों में हम पति पत्नी के समान एक दूसरे के सुख दुख में साथ रहेंगे. हमारे बहुत से विचार मिलते हैं. अच्छा साथ रहेगा। वो भी राजी हो गयी।


हम दोनों ने शादी करने का फैसला कर लिया।


एक महीने बाद हमारी शादी हो गयी. मेरे और मोहिनी के पिताजी बहुत खुश थे। दोस्त अब संबंधी बन गये थे.


मैं और मोहिनी भी खुश थे क्योंकि हमारे जीवन की एक बड़ी समस्या का समाधान हो गया था।


शादी के समय मैंने मोहिनी से पूछा- तुम्हारी सहेली जिसके साथ तुम्हारे निकट संबध हैं, वह आ रही है? मोहिनी ने बताया- वो आयी हुई है। उसका नाम स्वाति है।


मोहिनी ने स्वाति से मिलवाया। वो सुन्दर थी मगर उस वक्त उदास दिख रही थी। शायद मोहिनी की शादी के कारण!


मोहिनी ने स्वाति को अलग ले जाकर समझाया कि उदास मत हो, अपना रिश्ता कायम रहेगा।


शादी के बाद हम लोग मेरे पिताजी के शहर आ गये. स्वागत समारोह में लोगों ने कहा- बहुत सुन्दर जोड़ी है.


दूसरे दिन रात को हमारी सुहागरात थी. हमारा कमरा फूलों से सजाया गया था।


मेरे विवाहित दोस्तों ने सलाह दी कि क्या और कैसे करना है. विवाहित महिलाओं ने मोहिनी को घेरकर ज्ञान दिया।


जब मैं कमरे में दाखिल हुआ, मोहिनी पलंग पर घूंघट ओढ़कर बैठी थी. मैंने दरवाजा बंद किया. मोहिनी का घूंघट उठाकर मैं बोला- मेरी दोस्त बहुत सुन्दर लग रही है. फिर उसका हाथ पकड़कर कहा- मुझसे शादी करने के लिए तुम्हारा अभारी हूं.


वो बोली- मैं भी तुम्हारी अभारी हूं. हमारी एक बड़ी समस्या हल हो गयी। हम दोनों लेट गये.


हमने बहुत देर रात तक बात की. फिर हम सो गए।


दो दिन बाद मैं और मोहिनी वापस अपने शहर, जहां हम काम करते थे आ गये. शाम को मोहिनी ने पूछा- मैं स्वाति को बुला लूं क्या? रात को वह मेरे साथ सोयगी.


मैंने कहा- खुशी से बुलाओ। मैंने दूसरे कमरे में सोने का इंतज़ाम कर लिया। स्वाति आने वाली थी।


मैंने मोहिनी को याद दिलाया कि हमारा शादी का राज स्वाति को न बताए।


स्वाति ने आते ही कहा- मैं तुम लोगों के बीच कवाब में हड्डी तो नहीं बन रही? मोहिनी बोली- तेरे जीजाजी से पूछकर ही तुझे बुलाया है। बहुत सी बातें करनी हैं.


वो दोनों अपने रूम में चली गयीं।


देर रात तक मोहिनी व स्वाति के कमरे से चूमने, सिसकारियों और चोदने की थप-थप की आवाज़ आती रही. फिर मैं सो गया ये सोचकर कि अपने भी दिन आएंगे.


मुझे लगने लगा कि मुझे अब एक मर्द की तलाश शुरू करनी चाहिए।


तो इस तरह से हमारी शादी की सुहागरात गुजरी।


कभी स्वाति हमारे घर रात बिताने आ जाती, कभी मोहिनी स्वाति के घर चली जाती.


एक शनिवार की शाम मैंने और मोहिनी ने विस्की और सिगरेट पीकर शादी का जश्न मनाने का तय किया.


हम दोनों अच्छा खाना बनाते हैं तो हमने चिकन तन्दूरी बनाया और कुछ चखना।


पहला पेग होने के बाद मैंने मोहिनी से पूछा- तुमने स्वाति को कैसे पटाया और तुम लोग क्या क्या करते हो? मोहिनी बोली- लंबी कहानी है, आराम से बैठो … बताती हूं।


अब मोहिनी की फर्स्ट टाइम लेस्बियन लव स्टोरी मोहिनी की ही ज़ुबानी:


दोस्तो, मैं रतन की बीवी मोहिनी हूं और मैं अपनी शुरुआती सेक्स लाइफ के बारे में रतन को और आपको बताने जा रही हूं। मैंने 20 साल की उम्र में एक कंपनी के एचआर विभाग में नौकरी शुरू की. वह एक जर्मन कंपनी की भारतीय शाखा थी.


एक महिला जर्मनी से आई. उनका नाम जेनी था. वह मुझसे 10 साल बड़ी थी। जेनी एक साल यहां रहने वाली थी.


मैंने कॉलेज में जर्मन भाषा सीखी हुई थी. एचआर में होने के कारण मुझे जेनी की देखभाल का जिम्मा दिया गया.


जेनी कंपनी के गेस्ट हाउस में रहती थी. हमारी अच्छी दोस्ती हो गई. जेनी ने मुझे विस्की पीना सिखाया।


हमारी कंपनी में दिसम्बर में 10 दिन की छुट्टी होती थी. जेनी ने छुट्टी में कहीं घूमने का प्रस्ताव दिया। उन्होंने कहा- मोहिनी तुम मेरे साथ चलो. पूरा खर्चा कंपनी देने वाली थी.


हमने समंदर के किनारे एक रिसॉर्ट बुक कर लिया। छुट्टी होते ही हम वहां चली गयी. दिन के समय हम खूब घूमी.


रात को विस्की पीते समय, जेनी ने मेरे सेक्स के अनुभव के बारे में पूछा.


मैंने कहा- मैंने सिर्फ़ एक बार एक लड़की को चूमा है और कुछ नहीं किया अभी तक! जेनी ने पूछा- मोहिनी, एक लड़की दूसरी लड़की के साथ कैसे सेक्स करती है तुम्हें पता है क्या?


उससे मैं बोली- नहीं, मुझे इस बारे में कुछ नहीं मालूम! जेनी बोली- मैं तुम्हें एक वीडियो दिखाती हूं.


फिर जेनी ने पूछा- कभी किसी लड़के का लंड देखा है? मैंने धीमी आवाज़ में कहा- एक लड़की ने एक बार फोटो दिखाई थी लंड की!


जेनी ने एक वीडियो शुरू किया. उसमें एक जवान लड़की थी, उसके साथ उससे उम्र की बड़ी महिला थी. मेरे और जेनी की तरह.


दोनों एक दूसरे के होंठ चूस रही थीं और स्तन दबा रही थीं. धीरे धीरे वे एक दूसरे के कपड़े उतारने लगीं।


पूरी नग्न होने के बाद वे एक दूसरे के स्तन चूसने और दबाने लगीं.


उस जवान लड़की के स्तन छोटे थे, मेरी तरह. बड़ी उम्र की महिला के स्तन बड़े थे, जेनी की तरह.


मुझे लग रहा था कि मैं और जेनी यह सब कर रहे हैं. मैं उत्तेजित होकर अपनी चूत सहलाने लगी.


जेनी मुझे ध्यान से देख रही थी। वीडियो में अब एक लड़की दूसरी की चूत चाट रही थी.


मैंने स्कर्ट पहना था. जेनी ने मेरा स्कर्ट थोड़ा सरकाया और अपना हाथ मेरी नंगी जाँघ पर रखा, मैंने उनका हाथ कसकर पकड़ लिया।


जेनी ने मेरे होंठों को चूमना शुरू किया। मैं भी जेनी के होंठों को चूमने लगी. जेनी बोली- मोहिनी, तुम बहुत सुन्दर और मीठी हो. फिर वह मेरे स्तन दबाने लगी.


मुझे इस तरह का आनंद कभी नहीं आया था।


थोड़ी देर बाद बिना कुछ कहे, हमने एक दूसरे के कपड़े उतार दिये, अब हम दोनों पूरी तरह नग्न थीं. एक दूसरी के स्तन चूस रही थीं, एक दूसरी की चूत सहला रही थीं।


जेनी ने मुझे लिटा दिया। मेरी जाँघों को पकड़कर पैर दूर दूर किये और मेरी चूत अंदर तक चाटने लगी. मुझे स्वर्गीय आनंद मिल रहा था.


थोड़ी देर बाद मेरी चूत से कामरस निकलने लगा. मेरा पूरा शरीर धनुष के समान हो गया। मैं उत्तेजना से कांप रही थी।


फिर ढेर सारा रस मेरी चूत से निकला और मैं पस्त हो गयी।


जेनी ने पूछा- कैसा लगा? मैंने कहा- स्वर्गीय आनंद था. थोड़ा आराम करने के बाद मैंने जेनी को कहा- अब मेरी बारी है चाटने की!


अब जेनी पैर फैलाकर लेट गयी। मैंने खूब मन लगाकर जेनी की चूत को चाटा।


जेनी उत्तेजना से तड़प रही थी, सिसकारी भर रही थी. जेनी की चूत से रस का फव्वारा निकला और उससे मेरा चेहरा भीग गया।


ये सब होने के बाद हम दोनों नंगी ही सो गयीं। अब हम दोनों खुल गयी थीं।


मैंने जेनी की चिकनी चूत और बड़े स्तनों का राज पूछा।


फिर नहाने समय उसने मेरी चूत के बाल साफ किये और उसको चिकनी कर दिया और बोली- ये है मेरी चिकनी चूत का राज!


स्तनों के बारे में वो बोली- यह कुछ हद तक आनुवांशिक है. किसी भी स्तन को काफ़ी हद तक बड़ा किया जा सकता है.


जेनी के संपर्क में आए लड़के, लड़कियों ने उसके स्तन दबा दबाकर, और चूस चूसकर बड़े कर दिए थे। उसके अलावा बाकी ब्रेस्ट पंप के इस्तेमाल से हुआ।


जेनी ने सूटकेस से ब्रेस्ट पंप निकाला और पूछा- तुमको लगाना है? मैंने सिर हिला कर हाँ कहा और कमर तक नंगी को गयी. जेनी ने मेरे स्तन पर ब्रेस्ट पंप लगा कर उसे शुरू किया.


मेरे स्तन खिंचने लगे। फिर रोज मेरे स्तनों में घंटों तक ब्रेस्ट पंप लगाए रखने से मेरे स्तन थोड़े बड़े हो गये. बाकी कमाल जेनी के दबाने और चूसने का था।


जेनी ने कहा- आज शाम तक हम दोनों कमरे में ही हैं. अगला वीडियो देखा जाए? फिर उसने एक लड़का और एक लड़की के संभोग का वीडियो लगाया. मुझे खास मज़ा नहीं आया उसमें!


फिर दो लड़कियों के बीच काम क्रीड़ा का वीडियो लगाया. पहले वह एक दूसरे को चूमती हैं, चूत चाटती हैं. उंगली एक दूसरे की चूत में डालती हैं.


उसके बाद एक लड़की ने नकली लंड लगाकर दूसरी लड़की की चूत में डालकर संभोग किया। मैं यह देखकर उत्तेजित हो गई. मैं बोल पड़ी- मज़ा आ गया. यह नकली लंड कहां मिलता है?


जेनी ने नकली लंड यानी स्ट्रेप ऑन डिल्डो सूटकेस से निकाला।


हम दोनों नंगी होकर एक दूसरे को चूमने लगीं. जेनी ने मुझे लिटाकर मेरी चूत को चूसा. फिर स्ट्रैप ऑन डिल्डो लगाकर मेरी चूत में घुसाने की कोशिश की.


मैं कुंवारी थी, मुझे दर्द हो रहा था. मेरा दिल और दिमाग़ कह रहा था कि इसमें मुझे मज़ा नहीं आएगा. यदि मैं स्ट्रॅपऑन पहनकर किसी को चोदूं तो मज़ा आएगा।


यह बात मैंने जेनी को कही. जेनी ने बात को समझा. उसने मुझे स्ट्रैप ऑन पहना दिया. जेनी पैर फैलाकर लेट गयी.


मैंने उसकी चूत चूसी। फिर धीरे धीरे डिल्डो उसकी चूत में डालने लगी. जब पूरा डिल्डो जेनी की चूत में समा गया तो मैं उसके ऊपर लेट गयी, उसके होंठ चूसने लगी।


फिर उसके स्तन दबाने और चूसने लगी।


जेनी को बहुत मज़ा आ रहा था. वह अपनी कमर हिला रही थी. उसने कहा- अब चोदना शुरू करो. मैंने वीडियो के समान चोदना शुरू किया.


चुदाई में थप थप की आवाज़ आ रही थी। जेनी सिसकारी ले रही थी और बोल रही थी- और जोर से … आह्ह … कमॉन फास्ट … आह्ह … हार्ड … फक हार्ड। मैं और जोर से चोदने लगी. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.


कबड्डी खेलने के कारण मेरा शरीर मजबूत था। मैं जल्दी थकती नहीं थी। करीब आधा घंटा मैं उसको चोदती रही. बीच बीच में रुककर मैंने जेनी के स्तन दबाए और चूसे.


फिर जेनी झड़ गयी. उसने कहा- अब बस करो, मुझे आज तक किसी ने इतना नहीं चोदा. मुझे इतना मज़ा कभी नहीं आया।


जेनी ने मेरा स्ट्रेप ऑन निकाला और मेरी चूत चूस चूसकर मेरा काम रस निकाल दिया. मुझे चोदने से और चूत चुसवाने से औलोलिक आनंद मिला.


उस दिन मैंने तय किया कि मैं शादी नहीं करूँगी. एक लड़की के साथ रहूंगी, उस लड़की का पति बनकर!


हमने पूरी छुट्टियों के दौरान जमकर यौन आनंद लिया। अलग अलग आसनों में मैंने जेनी को बहुत बार चोदा।


छुट्टी ख़त्म हो गई, हम वापस आ गयी. कभी कभी हम गेस्ट हाउस में यौन आनंद लेती थी.


कुछ महीनों बाद जेनी अपने देश वापस चली गयी. जाते समय जेनी ने कहा- मोहिनी तुम्हारे साथ मैंने बहुत अच्छा समय बिताया. मैं तुमको कोई उपहार देना चाहती हूं, तुम्हारी पसंद का! मैंने कहा- क्या मुझे वीडियो सीडी, डिल्डो स्ट्रैप ऑन, ब्रेस्ट पंप दे सकती हो? यहां नहीं मिलता आसानी से!


जेनी ने खुशी से सब मुझे दे दिया और वो अपने देश वापस लौट गयी।


मुझे भी जेनी के साथ बहुत मजा आया और इस तरह मेरा पहला सेक्स अनुभव हुआ।


अब रतन और मोहिनी के बीच की बातचीत:


मोहिनी- तुम्हें कुछ और भी जानना है क्या रतन? मैंने कहा- एक बात बताओ, स्वाति को तुमने कैसे पटाया?


मोहिनी बोली- बोलते बोलते गला सूख गया है, नशा भी उतर गया है, तुम एक एक पेग बनाओ, मैं चखना ले कर आती हूं, फिर बताती हूं।


पेग ख़त्म होने के बाद हम दोनों ने सिगरेट सुलगाई.


मोहिनी ने कहा- जेनी के जाने के बाद मैंने एक लड़की की तलाश शुरू की जिसके साथ यौन आनंद ले सकूं। रतन तुम्हें याद है कि मैंने कहा था कि कॉलेज के जमाने में एक लड़की ने मुझे लंड की फोटो दिखाई थी? वह स्वाति है. मैंने उसे फोन किया।


स्वाति इसी शहर में नौकरी कर रही थी और एक फ्लैट किराए पर लेकर रहती थी। उसके परिवार के लोग गांव में हैं. मैं स्वाति से कई बार मिली.


हमारी दोस्ती और गहरी हो गई. मैं उसे अपने घर कई बार ले गयी. मेरे माता पिता उसको पसंद करने लगे. हमारे बीच सेक्स के बारे में बातें होने लगीं।


मैंने स्वाति को लंड की फोटो की याद दिलाई जो उसने मुझे दिखाई थी। पूछा- कभी असली लंड का मज़ा लिया क्या? स्वाति ने ठंडी सांस भरकर कहा- अभी तक नहीं।


मैंने उसे बताया कि मेरे पास काम क्रीड़ा का वीडियो है, देखना है? उसने हाँ की.


अगले हफ्ते मेरे माता पिता शहर से बाहर जा रहे हैं. वो चिंता कर रहे थे कि मैं अकेली कैसे रहूंगी तो मैंने उन्हें बोल दिया कि मेरे साथ स्वाति रहेगी।


शाम को जब मैं और स्वाति घर आए तो मेरे माता पिता जा चुके थे.


स्वाति विस्की लेकर आई थी. हमने पेग बनाया और हम वीडियो देखने लगे.


मैंने ऐसा वीडियो लगाया था जिसमें दो लड़कियां छोटे कपड़े पहनकर कुश्ती लड़ रही थीं।


फिर जो लड़की जीती उसने दूसरी के कपड़े उतारे, उसके बदन को चूमा और उसकी चूत को चूसा।


फिर जीतने वाली लड़की डिल्डो स्ट्रैपऑन पहनकर, हारने वाली की चुदाई करने लगी. स्वाति बहुत ध्यान से देख रही थी और अपनी चूत सहला रही थी.


स्वाति बोली- यह अच्छा तरीका है, मज़ा भी आता है और ख़तरा भी नहीं है. मगर यह नकली लंड कहां मिलेगा?


मैंने स्ट्रेप ऑन अलमारी से निकाला. तो स्वाति ने पूछा- कहां से मिला?


उसे फिर मैंने जेनी के बारे में बताया. फिर उससे कहा कि चल हम दोनों कुश्ती लड़ते हैं. मुझे विश्वास था कि मैं जीतूंगी क्योंकि मैं पहले से ही कबड्डी खिलाड़ी रह चुकी थी।


हम दोनों सिर्फ़ ब्रा और पैंटी पहनकर पलंग पर कुश्ती खेलने लगीं. मैं जीत गयी.


वीडियो के समान मैंने स्वाति की ब्रा और पैंटी उतार दी; उसे चूमा, मसला, उसकी चूत चूसी और उसको गर्म कर दिया।


फिर डिल्डो स्ट्रेप ऑन पहनकर धीरे धीरे उसकी चूत में डालने लगी. उसकी चूत गीली थी।


मैंने छोटा डिल्डो लगा रखा था. जेनी ने कहा था कि कुंवारी लड़की पर पहले छोटा डिल्डो प्रयोग करना, बाद में बड़ा।


मैंने पहले धीरे धीरे उसे चोदा और फिर घमासान चुदाई की. स्वाति की चूत से थोड़ा खून निकला मगर उसे बहुत मज़ा आया. बाद में मैंने उसे मेरी चूत चूसने को कहा और मैं झड़ गयी.


एक हफ्ते तक रोज हमारा चुदाई का खेल चला. रोज शाम को घर आने के बाद हम साथ में नंगी नहातीं. एक दूसरे को मूत्र स्नान करातीं. मूतते समय, किसकी चूत की सीटी ज्यादा ज़ोर से बजती है, उसकी प्रतियोगिता करतीं और खूब हंसती थीं। हम दोनों बिस्तर पर एक दूसरे के स्तनों को दबाती थीं, स्ट्रैप ऑन लगाकर चुदाई का मजा लेतीं।


फिर मेरे माता पिता वापस आ गये.


उसके बाद मैं स्वाति के फ्लैट में जाती और हम यौन आनंद लेती थीं।


मोहिनी ने कहा- रतन तुम्हारे प्रश्न का उत्तर मिल गया ना? चलो अब सो जाते हैं. उसके बाद मैं (रतन) और मोहिनी सोने की तैयारी करने लगे। हमारे तीन पैग खत्म हो गए थे। हमने खाना खाया और सो गए।


दोस्तो, आपको ये फर्स्ट टाइम लेस्बियन लव स्टोरी कैसी लगी बताना जरूर! नीचे दिए गए ईमेल आईडी पर अपने मैसेज भेजें। [email protected]


फर्स्ट टाइम लेस्बियन लव स्टोरी का अगला भाग: एक अनोखी शादी- 3


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