गुरुग्राम की सिटीबस में लड़की को पटाकर चोदा

अनूप सांगवान

24-12-2022

122,390

पोर्न हार्ड सेक्स कहानी में पढ़ें कि मेरी दोस्ती लोकल बस में एक लड़की से हो गयी. हम बाहर मिलने लगे, घूमने लगे. एक दिन मैं उसे दोस्त के रूम पर ले गया.


दोस्तो, अनूप सांगवान का आप सभी को नमस्कार.


मेरी आयु 29 साल है, रंग सांवला है और मेरा शरीर सामान्य कद-काठी का है. मेरा लंड लम्बा और मोटा है. मैं किसी को भी सतुंष्ट कर सकता हूं.


मैं हरियाणा के गुरुग्राम में एक आईटी कंपनी में जॉब करता हूँ.


मैंने अन्तर्वासना पर काफी सेक्स कहानी पढ़ी थीं, पर लिखी कभी नहीं थी, ये आज मेरा पहला मौक़ा है कि मैं पोर्न हार्ड सेक्स कहानी लिख रहा हूँ. मेरा लंड लम्बा और मोटा है. मैं किसी को भी सतुंष्ट कर सकता हूं.


मैं यहां डीएलएफ में एक ऑफिस में जॉब करता हूँ और हर रोज बस स्टैंड से डीएलएफ सिटी बस में आता हूँ.


एक दिन सिटी बस में मुझे एक लड़की दिखी, वो मुझे अच्छी लगी. मेरी नजरें इस पर टिक गई थीं. अब वो लड़की मुझे कभी कभी बस में दिखने लगी थी.


मैं उसका उसका बदला हुआ नाम मोनिका रख लेता हूँ.


मोनिका और मैं जब भी बस में आते जाते थे तो हम दोनों एक दूसरे को चोरी चोरी देखने लगे थे.


एक दिन की बात है जब बस की सारी सीटें फुल थीं, मेरे बाजू की सीट खाली ही उस पर कोई नहीं बैठा था. बाकी सब सीटों पर दो दो आदमी बैठे थे.


मोनिका जब आयी तो मेरे साथ बैठ गयी क्योंकि उसके पास और कोई ऑप्शन नहीं था.


जब वो मेरे पास बैठी तो पहले मैंने उसको हैलो बोला और बैठने के लिए जरा खिसक कर उसे जगह दे दी. वो बैठ गयी और उसने थैंक्यू बोला.


थोड़ी देर बाद मैंने उसका नाम पूछा और उसने मेरा!


फिर वो बोली- मैंने बहुत बार आपको आते जाते देखा है, क्या आपका यही रूट है? मैंने हां कहा और अपने ऑफिस के बारे में बताया.


फिर हम दोनों बातें करने में लग गए कि कौन कहां जॉब करता है और कहां रहते हैं.


ऐसे ही कुछ दिन निकल गए.


एक दिन हम दोनों साथ बैठे थे कि बस के ड्राइवर ने बस को स्पीड ब्रेकर पर उछाल दिया और मोनिका ने घबरा कर मेरा हाथ पकड़ लिया ताकि वो गिर ना जाए. ये सब देख कर मुझे बहुत अच्छा लगा.


जैसे जैसे टाइम बीतता गया, हम दोनों फ्रैंक होते गए.


हमने फ़ोन नंबर भी एक्सचेंज कर लिए थे. हमारी फ़ोन पर भी बहुत बात होने लगी थी.


अब हम कभी कभी पब्लिक प्लेस में भी मिलने लगे थे.


एक दिन मेरी शनिवार की छुट्टी थी. रूम पर मेरा मन नहीं लग रहा था और मोनिका को ऑफिस जाना था.


मोनिका को मैंने बोला कि हाफ डे की छुट्टी ले ले. वो बोली- क्यों क्या हुआ?


मैंने कहा- यार, आज मेरी छुट्टी है और रूम पर मेरा मन नहीं लग रहा है. उसने हंस कर कहा- अच्छा तो ये बात है. तो तुझे मन लगाने के लिए मेरा साथ चाहिए?


मैंने कहा- हां सही पकड़े हो. वो पहले मना करने लगी, फिर बाद में मिलने की बात मान ली.


मोनिका किसी CA के ऑफिस मैं जॉब करती थी. उसने आधे दिन की छुट्टी ले ली.


फिर हम हुडा मेट्रो स्टेशन पर मिले, वहां से हम दोनों एमजी रोड चले गए. वहां थोड़ा बहुत इधर उधर घूमे और खाना आदि खाया.


उस दिन उसने टॉप और जींस डाल रखी थी. वो टॉप और जींस में एकदम मस्त सेक्सी माल लग रही थी, बिल्कुल पटाखा. मेरा मन कर रहा था कि उसको अभी किस कर लूँ और पकड़ कर चोद दूँ.


उसका फिगर बड़ा सेक्सी लग रहा था. उसका फिग़र 34-28-36 का एकदम मस्त था. वो वाकयी में एक सेक्सी माल थी.


जो भी उसको देख रहा था वो अपने लंड पर हाथ जरूर फेरता और मन ही मन उसको चोदने की जरूर सोचता होगा. मोनिका थी ही ऐसी सेक्सी कुड़ी!


मुझे उसके साथ बड़ा अच्छा लग रहा था.


कुछ महीने हमने ऐसे ही निकाल दिए.


फिर एक दिन हम दोनों एमजी रोड गए हुए थे, उस दिन मौसम भी अच्छा था. उस दिन मोनिका भी बड़ी सेक्सी लग रही थी.


हम एमजी रोड घूमते घूमते बहुत थक गए थे. वो बोली- यार, मैं काफी थक गई हूँ. कहीं चल कर रेस्ट किया जाए. मुझे एक आईडिया आया कि क्यों ना किसी फ्रेंड के रूम में जाकर रेस्ट किया जाए.


मैंने उससे कहा तो उसने ओके कह दिया.


तब मैंने अपने एक दोस्त को फ़ोन किया. वो अपने घर गया हुआ था.


उससे मैंने उसके रूम की चाबी पूछी, उसने अपने रूम की चाबी रूम के पास छुपा कर रखी हुयी थी.


उसका रूम सुशांत लोक में ही था. हम दोनों उसके रूम पर चले गए.


जैसे ही मैंने रूम खोला, रूम के अन्दर आते ही उसने मुझे हग कर लिया. मैंने भी उसको जोर से हग कर लिया.


हम दोनों को बहुत मज़ा आ रहा था. फिर हम बेडरूम के अन्दर आ गए और एक दूसरे को किस करने लगे.


हम दोनों किस ऐसे कर रहे थे जैसे न जाने कितने दिनों से भूखे हों.


किस करते करते मैं अपना एक हाथ उसके बूब्स पर फेरने लगा.


पहले तो उसने मेरा हाथ हटा दिया. पर 2-3 बार ऐसे करने से उसने कुछ नहीं कहा. शायद अब उसको भी मज़ा आने लगा था.


मोनिका भी अब गर्म होने लगी थी. मैं धीरे धीरे उसके मम्मों को मसल मसल कर दबाने लगा था. सच में उसके बूब्स दबा कर बड़ा मज़ा आ रहा था.


थोड़ी देर के बाद मैं दोनों हाथों से दबाने लगा. वो भी अपना हाथ मेरे लंड के ऊपर फेरने लगी.


मुझे तो ऐसा लगा कि सब कुछ मिल गया हो.


फिर मैंने धीरे से उसका टॉप ऊपर उठा दिया. उसने सफ़ेद रंग की ब्रा पहन रखी थी और उसके बूब्स उस ब्रा से बाहर निकलने को ऐसे बेताब दिख रहे थे मानो कोई उनको बस आज़ाद कर दे और चूस कर निचोड़ ले.


मैं उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके मम्मों पर हाथ फेरने लगा. वो आह आह करने लगी.


मुझे इतना ज्यादा मज़ा आ रहा था कि मैं आपको बता नहीं सकता.


फिर मैंने धीरे से उसकी ब्रा का हुक खोल दिया और उसके मम्मों को आज़ाद कर दिया. उसके बूब्स भी सोच रहे होंगे कि खा जाओ मेरे निप्पलों को और जोर से पी लो.


कुछ ही देर बाद मैं उसके मम्मों को दबा रहा था और साथ ही जोर जोर से चूस भी रहा था. वो भी अपने दूध मेरे मुँह में देकर ऐसे चुसवा रही थी मानो मुझे कोई आइसक्रीम चुसवा रही हो.


इतने में मोनिका ने अपना एक हाथ मेरी पैंट के अन्दर डाल दिया और मेरे लंड को पकड़ कर दबाने लगी. मुझे तो बहुत मज़ा आने लगा.


मैं उसके मम्मों को चूस रहा था और वो भी मादक सिसकारियां ले रही थी. उसके मुँह से कामुक आवाजें आ रही थीं- आह आह जान चूस लो!


अब मैंने अपना हाथ उसकी जींस में डाल दिया और उसकी चूत में उंगली करने लगा. वो और जोर जोर से आह सीइ की आवाज निकालने लगी.


फिर मैंने उसकी पैंट उतार दी. पैंट के साथ ही उसकी पैंटी भी अलग हो गई. अब मेरे सामने उसकी चूत बिल्कुल नंगी थी, एकदम चिकनी चूत थी.


मैंने उसकी चिकनी चूत पर हाथ फेरा और उसे चूम लिया.


उसने भी मेरी पैंट उतार दी और मेरा खड़ा लंड देख कर उसके चेहरे पर ख़ुशी दिख रही थी.


समय खराब ना करते हुए उसने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी. मेरा तो लंड फटने को हो गया.


कुछ देर बाद ऐसे ही चलता रहा.


फिर वो कहने लगी- तेरा ये लंड मैं अपनी चूत में कैसे लूँगी. ये मेरी चूत में ये गया, तो चूत का भोसड़ा बना देगा. मैं उसकी इस तरह की भाषा सुनकर हैरान था.


वो अपनी ही धुन में बोलती गई- साले तेरा लंड तो मुझे मार ही देगा.


उसके मुँह से गालियां सुन कर मुझे और थोड़ा अजीब लगा. फिर मैं भी चूत और लंड की भाषा बोलते हुए उसको गाली देने लगा- साली रांड … लंड खाने से आज तक कोई मरी भी है, बता?


वो मेरी भाषा सुनकर हंसने लगी शायद उसे चुदाई के समय इसी तरह की भाषा पसंद थी.


वो बोली- आज सही में मुझे मजा आया. फिर मैंने धीरे से अपना हाथ उसकी पैंट में डाल दिया और उसकी चूत पर हाथ फेरने लगा.


वो आह आह करने लगी तो मैं उसकी चूत में उंगली करने लगा.


उसने अपनी टांगें फैला दीं, तो मैं उसकी चूत में उंगली को धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा. अब उसके मुँह से मस्त आवाजें आने लगी थीं- आह … कितना मजा दे रहा है! साले भोसड़ी के … आह पेल और अन्दर तक घुसेड़ मादरचोद … सीईई मेरी चूत की खुजली मिटा दे साले!


उसकी मदभरी आवाजें मुझे और भी ज्यादा उत्तेजित कर रही थीं.


वो दोबारा से मेरा लंड चूसने लगी तो सच में साली क्या लौड़ा चूस रही थी. बिल्कुल सैर चूस रही थी जैसे कुतिया को कोई आइसक्रीम चाटने मिल गयी हो. वो लंड चूसते चूसते बोल रही थी- आह साले खा जाऊंगी मैं इसको!


मैंने भी बोल दिया- आज तो खा ही जा तू साली रांड. कुछ देर बाद मैंने उसको लम्बा लेटाया और उसके मम्मों के बीच में अपना लंड फंसा कर आगे पीछे करने लगा.


ऐसा करने से मेरा लंड उसके मुँह को टच कर रहा था. वो बार बार अपनी जीभ से मेरे लौड़े के सुपारे को चाट कर मजा ले रही थी.


थोड़ी देर के बाद वो बोली- अब बर्दाश्त नहीं हो रहा मुझसे … जल्दी से अन्दर पेल दे मां के लंड.


मैंने धीरे से उसकी चूत पर अपना लंड लगाया और अन्दर डालने लगा- ले भोसड़ी की लंड ले मादरचोद … आज तेरी चूत का भोसड़ा न बनाया तो कहना.


जैसे ही मैंने लंड अन्दर पेला, उसको दर्द होने लगा. मोनिका बोली- उई आह साले मुझे दर्द हो रहा है … बाहर निकाल मां के लौड़े!


मैंने लंड बाहर नहीं निकाला बल्कि एक और झटका मार कर पूरा लंड अन्दर पेल दिया साथ ही उसका मुँह अपने अपने होंठों से दबा लिया. उसकी आवाज ही नहीं निकल पाई, वो बस छटपटाती रही.


मैं पूरा लवड़ा अन्दर तक पेल कर थोड़ी देर उसके ऊपर ही लेटा रहा.


फिर मैंने अपने होंठ उसके मुँह से हटाए और उसके दूध चूसने लगा, वो मजा लेने लगी. अब मैं अपने लंड को धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा.


उसको हल्का हल्का दर्द हो रहा था और वो बोल रही थी- आह साले फाड़ दो मेरी … आह बाहर निकाल! मगर मैं उसकी सुन ही नहीं रहा था.


कुछ देर बाद उसकी आवाजें बदलने लगी थीं- आह आह … मजा आ रहा है जान … आह पेलो!


अब जैसे ही मैंने उसकी मस्ती भरी आवाजें सुनीं तो मैंने स्पीड बढ़ा दी. पहले उसको दर्द हो रहा था, अब उसको मज़ा आने लगा था.


क्या चिकनी चूत हो गई थी साली की एकदम ग्रीस लगी मशीन सी फिसलने लगी थी. लंड सटासट अन्दर बाहर चलने लगा था. रूम में फच फच की आवाज गूंज रही थी.


हमारी चुदाई जोरों से हो रही थी और मोनिका के मुँह से ‘आई अह … मार दिया आह पेल साले मस्त चोद रहा है कमीन … आह.’ निकल रही थीं. उसकी आवाजें हर झटके में बढ़ती जा रही थीं.


मैं उसके एक दूध को अपने मुँह से दबोच कर खींच खींच कर चूस रहा था और हचक कर झटके मार रहा था. वो और भी मस्त हो गई थी और अपनी टांगें हवा में उठाए हुए बोल रही थी- आह … और जोर से चोद दो मुझे … आह फाड़ दो आज मेरी चूत … मस्त लंड है तेरा!


मैं आंख बंद करके उसको जोर जोर से चोदे जा रहा था. वो भी पोर्न हार्ड सेक्स का मज़ा ले लेकर चुद रही थी, वो अपनी गांड उठा उठा कर मेरा साथ दे रही थी.


कुछ देर के बाद मेरा निकलने वाला था, तो मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया. मैंने बाहर उसके पेट पर वीर्य छोड़ दिया. वो भी झड़ चुकी थी.


कुछ देर बाद हम दोनों नार्मल हो गए.


एक बार और चुदाई का सिलसिला चला. फिर कुछ देर के बाद हम दोनों रेडी होकर हुडा मेट्रो स्टेशन पर आ गए. वहां से बस स्टैंड के लिए बस ली और अपने अपने घर चले गए.


उसके बाद मोनिका मेरे लंड से सैकड़ों बार चुदी. मैंने उसकी गांड भी मारी.


तो दोस्तो, ये थी मेरी सच्ची पोर्न हार्ड सेक्स कहानी. आपको कैसी लगी? प्लीज़ मुझे मेल और कमेंट्स से अपने विचार जरूर बताएं. [email protected]


Teenage Girl

ऐसी ही कुछ और कहानियाँ