स्कूल की सहपाठिन की चूत कॉलेज में चुदी

विक्की एटिट्यूड

04-07-2022

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हॉट गर्ल सेक्स कहानी मेरी क्लास की लड़की की चुदाई की है. वो कई साल से मेरे साथ पढ़ती थी. हमारी दोस्ती हो गयी और एक दिन उसने मुझे अपने रूम में बुला लिया.


दोस्तो, मैं विक्की, आप सभी का स्वागत करता हूँ. मैं काफी टाइम से इस वेबसाइट पर सेक्स स्टोरी पढ़कर आनन्द ले रहा हूं. बहुत ही अच्छी और रसभरी कहानियों के कारण मैं खुद काफी उत्साहित हूँ कि आपको आज अपनी एक सच्ची सेक्स कहानी सुनाऊं.


ये हॉट गर्ल सेक्स कहानी मेरी कॉलेज लाइफ में घटित हुई थी.


यह कहानी तब हुई थी जब मैंने 2017 में स्कूल से 12 वीं क्लास पास करके कॉलेज में दाखिला लिया था. बारहवीं क्लास में अच्छे मार्क्स आने पर मुझे पास ही के सरकारी कॉलेज में एडमिशन मिल गया था और मैं उसी शहर में कॉलेज के साथ साथ दूसरे एग्जाम की भी तैयारी करने लगा था.


स्कूल के जीवन से सीधा कॉलेज की जिन्दगी में आना काफी महत्वपूर्ण होता है. ये लगभग सभी के साथ होता है, वैसा भी मेरे ही साथ हुआ. बारहवीं क्लास की एक लड़की, जिसे मैं काफी पसंद करता था … परंतु उसे कभी बोल नहीं पाया था.


उसी के साथ मैंने ताबड़तोड़ चुदाई करके जीवन में पहला शारीरिक सुख हासिल किया था, यह उसी चुदाई की कहानी है.


मेरी उस सहपाठिन का नाम वंदना था जो दिखने में तो काफी साधारण थी लेकिन चुदाई के मामले में तो उसने मुझे भी पछाड़ दिया था. उसने भी मेरे ही कॉलेज में एडमिशन लिया था.


जब एक दिन वो मुझे मिली तो उसने यह बात मुझे बताई कि वो भी मुझे पसंद करती है. मुझे काफी खुशी हुई और लगा कि अब मेरा काम बन सकता है.


उसने यह भी बताया कि वो इसी शहर में एक कमरा किराये पर लेकर रह रही है. तो मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. अब मुझे चाहिए था वो एकाएक मेरे पास आ गया था.


मैंने भी उसे बताया- मैं इसी शहर में ही रह रहा हूँ. तो उसने मेरे कमरे की जगह पूछी- तुम्हारा कमरा कहां है?


मैंने झट से उसे बता दिया और बातों ही बातों में उसने मेरा फोन नम्बर मांग लिया कि मुझे कोई काम हुआ तो मैं तुझे याद कर लूंगी.


हम दोनों इतनी मुलाक़ात के बाद अपने अपने कमरे के लिए चले गए.


आप खुद सोचिए कि जब एक लड़के को उसकी पसन्द की लड़की का नम्बर मिल जाए, तो क्या महसूस होता है.


मैंने उसका नम्बर सेव किया और देखा तो उसका व्हाट्सएप भी उसी नम्बर पर था. उस समय वो ऑनलाइन दिख रही थी. मैंने सोचा कि मेरा पहले मैसेज करना ठीक नहीं होगा.


तभी उसने मुझे मैसेज कर दिया. उसने कहा- हाय. मैंने भी हाय लिखा.


उसने लिखा- किस ख्याल में खो गए? तुमने मेरी चैट को ओपन कर रखा है … और मैसेज ही नहीं किया. उसको भी पता चल गया था कि मैं ऑनलाइन हूँ और कुछ लिखने की सोच रहा हूँ.


जब सामने से इतना साफ़ सिग्नल मिल जाए तो देर किस बात की. मैंने उसको बहुत सारे मैसेज कर दिए.


वो बोली- अरे वाह, अभी नंबर दिया और इतने सारे मैसेज … कुछ आराम से करो यार … मैं इनको पढ़ तो लूं! मैंने कहा- हां पढ़ लो और जबाव भी देना.


उसने हामी भर दी और एक स्माइली भेज दी.


बस ऐसे ही कई दिनों तक हम दोनों में बातचीत होती रही और हम दोनों कॉलेज में मिलने लगे. हम दोनों जैसे ही कॉलेज में मिलते तो एक साथ बैठ जाते और कुछ बातें करने लगते.


एक रात कुछ ऐसा हुआ कि तकरीब 12 बजे मैंने फोन देखा, तो उसका मैसेज आया हुआ था.


मैंने रिप्लाई दिया तो सामने से झट से रिप्लाई आ गया. मतलब वो अभी तक ऑनलाइन ही बैठी थी.


मैंने पूछा- इतनी रात को मैसेज किया … कोई काम था क्या? वो बोली- अरे यार नींद नहीं आ रही थी, तो सोचा तेरे से ही बात कर लूं.


मैं समझ गया कि दाल में कुछ काला है. पर दोस्तों यहां तो पूरी दाल ही काली निकली.


वो बोली- मेरे शरीर में कुछ अजीब सा हो रहा है, कुछ समझ नहीं रहा कि क्या करूं? मुझे लगा कि शायद कुछ खाने की वजह से उसके साथ ऐसा हो गया होगा.


मैंने उससे कहा- तुम कोई अपच की दवाई ले लो, दिक्कत सही हो जाएगी. मगर मेरी इस बात के जबाव में उसका जो रिप्लाई आया, उसे पढ़ कर तो लंड ने तूफान खड़ा कर दिया.


वो बोली- उन्ह … मुझे दवा खाने का नहीं कुछ और खाने का मन कर रहा है. मैंने कहा- क्या खाने का मन कर रहा है?


वो बोली- वो तेरे पास है. मैं कुछ समझा ही नहीं.


इतने में उसने उस मैसेज को डिलीट कर दिया. लेकिन मेरे पास जीबी व्हाट्सएप था तो मेरे पास से मैसेज डिलीट नहीं हुआ.


ये एक ऐसा सॉफ्टवेयर होता है, जिसके फीचर साधारण व्हाट्सैप से कुछ अलग होता है.


उसके मैसेज को पढ़ कर एक बार को तो मैं भी सकपका गया था.


तभी मैंने अपने दिल की बात उसे बता दी- मैं भी तुझे स्कूल टाइम से ही पसन्द कर रहा हूँ. मगर कभी तेरे से बोलने की हिम्मत नहीं हुई.


कुछ देर तक उसका कोई रिप्लाई नहीं आया. फिर मुझे कब नींद आ गई, पता ही नहीं चला.


सुबह फोन देखा तो उसका गुड मॉर्निंग का मैसेज आया था और लिखा था कि मैं भी तुझे बहुत पसन्द करती हूं. मैंने सोचा था कि पहल तुम ही करोगे, परन्तु बहुत देर कर दी तुमने. तब भी आज तूने बोल दिया, तो दिल भी खुश हो गया है.


उसके बाद तो धीरे धीरे सब कुछ बदल सा गया. अब कॉलेज में हैलो हाय की जगह दिल से दिल मिलने लगा और हम दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ने लगीं.


आग दोनों तरफ से जल रही थी तो देर ही नहीं लगी.


एक दिन सुबह उसने वीडियो कॉल की. मैं उस समय बस उठा ही था.


मैंने कॉल उठाकर बात की तो वो हिल रही थी. तो मैंने पूछा- तुम ठीक तो हो? वो बोली- हां … तुम ऐसा क्यों पूछ रहे हो?


मैंने बताया कि तुम खड़ी हुई हिल रही हो. वो बोली- अरे यार, मैं बाथरूम में हूँ.


मैं समझ गया कि आज कुछ नई चीज देखने को मिलेगी.


मैंने कहा- बाथरूम में क्या कर रही हो? वो बोली- बाथरूम में क्या किया जाता है?


मैंने कहा- हां मुझे मालूम है कि बाथरूम में क्या क्या किया जाता है मगर तुम बाथरूम से वीडियो कॉल कर रही हो तो मुझे मालूम होना चाहिए कि तुम मुझे क्या दिखाने वाली हो. ये कह कर मैंने उसे आंख मार दी.


उसने कुछ देर के बाद बाथरूम से बाहर आकर अपने कमरे का दरवाजा बंद किया और वापस बाथरूम में आ गई. उसने बाथरूम का दरवाजा खुला छोड़ दिया और फोन को अपने से दूर रख दिया.


फिर मैंने जो दृश्य देखा, उसको तो शब्दों में बयान ही नहीं कर सकता. उसमें मुझे अपना वो रूप दिखाया जो मैंने अंदाजा ही नहीं किया था.


उसने एक काली ब्रा पैंटी पहन रखी थी, मुझे अपने जिस्म की नुमाइश करके दिखा रही थी. मैंने पूछा- आज कुछ खास करने वाली हो क्या? वो हंस कर बोली- बस देखते जाओ.


उसके आगे का दृश्य देख कर तो मेरे से भी रहा नहीं गया और मैं भी बाथरूम में जाकर लंड हिलाने लगा. उस दिन अचानक से ही हम खुल गए और सब कुछ वीडियो कॉल में करने लगे.


वो मेरे कमरे से भले ही थोड़ी दूरी पर थी पर उस समय वीडियो में देखने से मैं जितना उत्तेजित हुआ था, उतना तो मिलने पर नहीं हो सकता था


मेरा हाथ लंड पर जल्दी जल्दी चल रहा था और वो भी अपनी चूत में उंगली करके मुझे और ज्यादा गर्म कर रही थी.


दस मिनट बाद मैं झड़ कर शांत हो गया और उधर से भी कॉल कट गई. मतलब हम दोनों झड़ गए थे.


उसके बाद मैंने खाना खाकर उसको कॉल किया तो उसकी आवाज बदल गयी थी. अब उसका कुछ अलग सा अंदाज था.


उसने सीधे सीधे यही कहा- कैसा लगा आज का सरप्राइज? भूल तो नहीं गए? मैं- आह मस्त था यार … मैं कैसे भूल सकता हूँ. वो बोली- तो अब क्या ख्याल है?


मैंने उससे कहा- जब आग दोनों तरफ जल रही है तो बीच में ये दूरियां क्यों हैं? मेरे कमरे में आ जाओ, इस आग को आज ही बुझा देते हैं. वो भी झट से राजी हो गयी और बोली- मैं नहीं, तुम दोपहर के बाद मेरे कमरे में आ जाना.


मैंने कहा- सिर्फ आना है या कुछ और भी करना है? वो बोली- सताओ मत यार … तुम आ जाओ और कई दिनों तक यहीं रह जाना.


मैंने उससे कहा- तुम्हारे मकान मालिक कुछ नहीं कहेंगे? वो बोली- नहीं … मेरे मकान मालिक अंकल एक फ़ौजी हैं और उनके घर में सिर्फ आंटी ही रहती हैं.


मैंने कहा- तो आंटी कुछ नहीं कहेंगी? वो बोली- तुम बस आ जाना. मैं आंटी का सब देख लूंगी.


मैंने भी उसे ओके कहा और फोन काट दिया.


अब मैंने लंड झांटों को साफ किया और नहा कर उसके कमरे पर जाने के लिए खुद को रेडी करने लगा.


दोपहर को मैंने उसे फोन किया और कहा- मैं अपने कमरे से निकल रहा हूँ. वो बोली- हां आ जाओ. नजदीक आकर फोन करना.


मैं एक अटैची में कुछ सामान रख कर थोड़ी देर में ही उसके कमरे के पास पहुंच गया. मैंने कुछ पास से ही उसे फोन किया.


उसने कहा- हां कमरे का दरवाजा सिर्फ अटका हुआ है. तुम बिना दस्तक किए अन्दर आ जाना. मैंने इधर उधर देखा और सूटकेस लेकर उसके कमरे में घुस गया.


उसने मुझे अन्दर लेकर झट से दरवाजा बंद कर दिया. फिर मेरी तरफ देख कर मुस्कुराई और उसने अपनी बांहें फैला दीं.


वो उस वक्त एक स्कर्ट टॉप पहनी हुई थी. बड़ी ही मादक लग रही थी. उसके बड़े बड़े दूध उसके टॉप से ही बता रहे थे कि उसने ब्रा नहीं पहनी है.


मैंने अपनी अटैची नीचे रखी और उसकी बांहों में अपनी बांहें पिरो दीं.


हम दोनों चूमाचाटी करने लगे. मेरे होंठ उसके होंठों से जुड़ गए थे और लंड खड़ा होकर उसके पेट से रगड़ खाने लगा था.


कुछ मिनट तक हमारी चूमाचाटी चली और हमारे होंठ अलग हो गए. वो अभी भी मेरी बांहों में थी.


मैंने उसकी गांड पर हाथ रखा और स्कर्ट के नीचे हाथ ले गया. उसने पैंटी भी नहीं पहनी थी.


मैंने कहा- भट्टी खुली ही छोड़ दी? वो हंस कर बोली- हां यार बड़ी आग धधक रही है. तू जल्दी से अपनी लकड़ी भट्टी में डाल दे. मैंने कहा- इतनी बेसब्री क्या है डार्लिंग. अभी ढंग से मजा लेंगे.


उसने मेरे सीने में अपने दूध गड़ा दिए. मैंने उसे अपनी बांहों में उठाया और बिस्तर पर ले आया.


जल्दी ही हम दोनों के कपड़े उतर गए थे. वो मेरा लंड देख कर बड़ी खुश थी. दोस्तो, अब देरी का काम नहीं था. हम दोनों 69 में आ गए और एक दूसरे के लंड चूत को चूसने लगे.


जल्दी ही हमारा रस निकल गया और हम दोनों निढाल होकर लम्बी लम्बी सांसें लेने लगे.


कुछ देर बाद चुदाई की बेला आ गई. मैंने उसे चित लिटाया और और बिना कंडोम के अपना लंड उसकी चूत में ठांस दिया.


वो दर्द से तड़फ उठी. उसने अपनी चूत को डिल्डो से चोदा था तो उसकी चूत की सील फटी हुई थी.


मैंने भी हचक कर चोदना शुरू कर दिया. वो हॉट गर्ल सेक्स का मजा ले रही थी. करीब बीस मिनट की पहली चुदाई में मैंने उसे तृप्त कर दिया था.


दोस्तो, इस तरह से मेरी गर्लफ्रेंड, जो आज पूरी तरह से लंड लेने के लिए तड़प रही थी, मैंने उसकी तड़प को चोद कर पूरा शांत कर दिया.


फिर उसे उसी के कमरे पर चार दिनों तक मैं हर आसन में चोदा.


यह मेरी पहली सेक्स कहानी है, कोई गलती हो गई हो … तो माफ करना. आपको मेरी हॉट गर्ल सेक्स कहानी कैसी लगी, मुझे ईमेल करना और हैंगआउट पर भी मैसेज करके जरूर बताना. [email protected]


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