प्रीति से लगाई प्रीत- 1

राकेश शाह

11-10-2021

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सेक्सी गर्ल हिंदी स्टोरी में पढ़ें कि मैं बीवी के साथ ससुराल गया तो वहां उसकी बुआ की माल बेटी से मुलाकात हुई. हमारी सेटिंग कैसे हुई और बात कहां तक पहुंची?


अब उसकी शादी हो चुकी है, और वो दो बच्चों की माँ है और उसका पति रेलवे पुलिस में अफसर है. मैं बात कर रहा हूँ अपनी कज़न साली प्रीति की!


प्रीति मेरी बीवी की सगी बुआ की लड़की है. वो दिखने में बिल्कुल बॉलीवुड एक्ट्रेस रक्षंदा खान जैसी है, गोरा रंग, बड़ी बड़ी काली आंखें जिनमें वो हमेशा काजल लगाती है, लम्बे काले बाल, उसके बूब्स का साइज 36 है, और गोरी मोटी बाहर को निकली गांड उसकी खूबसूरती पर चार चांद लगाती है।


दोस्तो, मैं राकेश एक बार फिर अपनी एक सेक्सी गर्ल हिंदी स्टोरी लेकर आप के समक्ष हाज़िर हूं.


मेरी यह स्टोरी भी मेरी पहले की स्टोरीज़ की तरह बिल्कुल सच है. इस स्टोरी में जैसा भी हुआ, मैं हमेशा की तरह बिल्कुल वैसा ही लिखूंगा. उम्मीद करता हूँ कि आपको यह स्टोरी पढ़ कर भी उतना ही मजा आएगा जितना मजा आप लोगों को मेरी पिछली स्टोरी माशूका की जवान बेटी की चुदाई पढ़ कर आया.


आप में से कई दोस्तों के मुझे मेल्स भी आये, जिनमें से ज्यादातर महिलाओं के थे.


मैं आप सबका एक बार फिर दिल से आभार करता हूँ कि आप सबने मेरी स्टोरीज़ को पसंद किया और मुझे ओर स्टोरीज़ लिखने के लिए प्रोहत्साहित किया. उसके लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद!


तो चलिए अब हम ज्यादा समय व्यर्थ न करते हुए कहानी पर आते हैं.


यह बात 2016 की सर्दियों की है. प्रीति उस समय 24 साल की कुंवारी थी.


मैं अपने बीवी बच्चों के साथ अपने ससुराल गया था. हम शाम तक वहां पहुंच गए.


आप को तो पता ही है कि ससुराल में जमाई की कितनी खातिरदारी होती है. हमारे पहुँचने पर सब लोग बहुत खुश हुए. थोड़ी देर बातचीत के बाद हम सबने चाय पी.


फिर मैंने कपड़े बदले और अपने ससुर के साथ बैठ कर इधर उधर की बातचीत करने लगा.


मेरी बीवी अपनी छोटी बहन कविता और अपनी भाभी भारती के साथ रसोई का काम देखने लगी.


कुछ देर बाद मेरे और मेरे ससुर का ड्रिंक्स का दौर शुरू हो गया. अभी हमने एक एक पेग ही लगाया था तो मेरे ससुर के फ़ोन पर उनकी बहन यानि मेरी बीवी की बुआ की कॉल आयी. उनकी बात से मुझे पता लगा कि वो भी कल यहां अपनी बेटी के साथ आ रही है.


मेरे ससुर ने उन्हें हमारे आने की बात बताई तो वो बहुत खुश हुई. मैंने भी उनसे बात की.


हम फिर से पेग लगाने लगे.


उसके बाद रात का खाना खाकर सबने कुछ देर बात की और फिर सब अपने अपने रूम में सो गए.


मेरे बच्चे अपनी मौसी के कमरे में सो गए. मैं और मेरी बीवी दूसरे कमरे में सो गए. वहां मैंने अपनी बीवी की एक बार चुदाई की. फिर हम दोनों नंगे ही रजाई में सो गए.


सुबह मेरी बीवी मेरे लिए चाय लायी और मुझे जगा कर कपड़े पहनने को बोल कर चाय देकर चली गयी. मैंने चाय पी और फ्रेश होने चला गया.


उसके बाद नहा धोकर मैं ड्राइंगरूम में आकर अखबार पढ़ने लगा.


तो मेरी सासू माँ बोली- बस थोड़ी देर में ब्रेकफास्ट रेडी हो रहा है, तब तक आप चाय पियो. और मुझे चाय का कप देकर चली गयी.


अब एंट्री होती है इस स्टोरी की नायिका की यानि प्रीति की!


मैंने चाय अभी खत्म ही कि थी तो दरवाजे की घण्टी बजी. मैंने घड़ी देखी तो 11 बज रहे थे.


मेरी सासु माँ ने दरवाजा खोला तो सामने मेरी बुआ सास और मेरी साली प्रीति खड़ी थी.


प्रीति ने उस समय काली जीन्स जो टाइट फिट थी, ब्लैक स्वेटर और ऊपर से लाल रंग की जैकेट डाली हुई थी. कुल मिला कर वो एक माल गाड़ी लग रही थी.


मेरी सासू माँ उन्हें अंदर ड्राइंगरूम ले आयी. तभी मेरी बीवी भी आ गयी.


प्रीति मेरी बीवी को देखकर बहुत खुश हुई, उसने उसे गले से लगा लिया.


फिर मैंने भी अपनी बुआ सास के पांव छुए और प्रीति ने भी मुझे नमस्ते जीजा जी बोला. तो मैंने उसे कहा- प्रीति, ये तो गलत बात है … तुम अपनी दीदी को तो गले लगा कर नमस्ते की और मुझे दूर से ही नमस्ते बुला रही हो? भई मेरे कौन से कांटे लगे हैं जो तुम्हें चुभ जाएंगे?


यह सुनकर सब हसने लगे.


“ऐसी क्या बात है जीजा जी … आपके भी गले लग लेते हैं!” बोल कर प्रीति मेरे पास आई और मुझे जफ्फी डाल ली. उसके मस्त चूचे मेरी छाती पर धंस गए जिस से मेरा लन्ड खड़ा हो गया, जिसे शायद प्रीति ने भी महसूस किया.


मैंने सबसे नजर बचा कर उसकी गांड दबा दी. प्रीति मेरी तरफ देखकर मुस्कुराई. वो मुझसे अलग हो गयी और मुझे बोली- बस अब खुश हो जीजा जी? सब हंसने लगे.


फिर सबने साथ बैठकर नाश्ता किया और बात करने लगे.


मेरे ससुर जी मुझे बोले- शाम को हमारे पड़ोस में किसी की रिटायरमेंट पार्टी है, डिनर भी वहीं करेंगे. तो मैंने मना कर दिया और बोला- सॉरी पापा जी, मैं नहीं जाऊंगा. आप लोग हो आना. सुमन (मेरी बीवी) शाम को मेरे लिए खाना बना देगी तो मैं खा लूंगा. मेरे ससुर बोले- कोई बात नहीं, मैं भी रहने देता हूं जाने का, सुमन तुम खाना बनाना रहने दो. मैं आज खुद राकेश के लिए उसकी पसंद की फिश फ्राई करूँगा.


इतने में मेरी बीवी ने बच्चों के साथ साथ प्रीति को भी तैयार होने को बोला तो प्रीति ने भी जाने को मना कर दिया. वो बोली- आप लोग जा आओ. मैं फिश बनाने में मामा जी की हेल्प कर दूंगी.


कुछ देर बाद मैं सिगरेट पीने छत पर चला गया. मैंने देखा कि रिटायरमेंट पार्टी हमारे बिल्कुल साथ वाले घर में थी. उन्होंने अपने घर के पीछे बने लॉन में ही सब इंतज़ाम किया हुआ था. हमारे घर की छत से सब दिख रहा था.


कुछ देर बाद प्रीति भी छत पर आ गयी. मुझे देखकर वह मुस्कुराई और बोली- जीजू, आप तो बहुत शरारती हो गए हो. अगर कोई देख लेता तो? मैं बोला- तुम भी तो बहुत सेक्सी हो गयी हो! यह सुन कर वो शरमा गयी और नीचे जाने लगी.


मैंने उसका हाथ पकड़ कर रोक लिया और उसके होंठों को चूम लिया. “जीजू छोड़ो मुझे … पागल हो क्या? कोई आ जायेगा!” यह बोल कर वो नीचे भाग गई.


मैंने सोचा कि अगर ट्राई की जाए तो मुझे इसकी चूत मिल सकती है.


कुछ देर बाद लंच टाइम हो गया. लंच के बाद सब लोग ऊपर छत पर जाकर धूप में बैठ गए. फिर मेरी साली कविता सबके लिए कॉफ़ी ले आयी.


कुछ देर बाद अचानक से तेज हवा चलने लगी. सब लोग नीचे आकर बैठ गए.


प्रीति सबकी नज़र बचाकर मेरी ओर देख कर मुस्कुरा देती. फिर मैं उठ कर अपने रूम में गया और लैपटॉप लेकर रजाई में घुस गया और अपनी खींचीं हुई बिकनी शूट वाली फ़ोटो देखने लगा.


इतने में कविता और प्रीति मेरे रूम में आई. कविता बोली- क्या कर रहे हो जीजू? तो मैं बोला- कुछ नहीं … बस कुछ पिक्स एडिट करनी थी, वो ही करने लगा था.


प्रीति बोली- जीजू, मेरा भी फोटोशूट कर दो ना! मैं बोला- जो फोटोशूट मैं करता हूं, वैसे तुम नहीं करवा पाओगी. तो वो बोली- कोई बात नहीं … आप मेरा सिंपल तरीके से ही कर देना. वैसे आप किस तरह के फोटोशूट की बात कर रहे हो? “लो तुम खुद देख लो.” मैंने लैपटॉप उसकी ओर घुमाया.


तभी मेरी बीवी ने कविता को आवाज़ देकर बुलाया तो कविता चली गयी. और प्रीति की नज़र जब लैपटॉप की स्क्रीन पर पड़ी तो वो शर्म से लाल हो गयी.


उसे मैंने एक आधे से भी ज्यादा नंगी मॉडल की फ़ोटो दिखाई जो कि टू पीस बिकनी में थी. वो शरमा तो रही थी पर फ़ोटो को एक टक देखे जा रही थी.


फिर मैंने उसे एक से एक सेक्सी मॉडल्स की कामुक फ़ोटो दिखाई जिन्हें वो बड़े ध्यान से देख रही थी.


वो मेरी रजाई में मेरे पैरों की तरफ बैठी थी. उसने एक गर्म लोअर और उसका मैचिंग टॉप पहना हुआ था. मैंने अपने एक पांव का अंगूठा उसके लोअर के ऊपर से उसकी चूत पर दबा दिया.


मेरे ऐसा करने से प्रीति ने सिसस्स करके एक गर्म सिसकारी भरी और बोली- आह जीजू प्लीज! अभी मत करो. मुझे कुछ हो रहा है, और कोई आ भी सकता है! तो मैं बोला- अभी नहीं तो फिर कब करवाओगी?


“जब सब पार्टी में जाएंगे तब देखेंगे!” ये बोलकर वो जाने लगी. तो मैंने अपना पांव उसकी चूत के पास से हटा लिया और उसे वहीं रोक कर उससे बातें करने लगा.


मैंने उससे पूछा- क्या तुमने कभी सेक्स किया है? तो वो शरमा कर बोली- हा आ … कैसी बात कर रहे हो? आप बहुत गंदे हो!


“अरे इसमें गंदी बात क्या है? आजकल तो ये सब आम बात है. देखो तुम मुझे अपना दोस्त समझो!” ये बोलकर मैंने उसका हाथ अपने हाथ में लिया.


उसने पहले दरवाजे की ओर देखा, फिर मुझसे अपना हाथ छुड़वा कर बोली- दो तीन बार अपने बीएफ के साथ किया है. पर उसके साथ मुझे कुछ खास मजा नहीं आया. मेरी सहेलियां तो बोलती हैं कि सेक्स में बहुत मजा आता है. पर जब मुझे मजा आने लगता था तो मेरे बीएफ थक कर हट जाता था. इसलिए मैंने उससे ब्रेकअप कर लिया. अब मेरा कोई बीएफ नहीं है.


ये सुनकर मैं समझ गया कि लड़की अभी प्यासी ही है, इसे चोदने में भी बहुत मजा आएगा. मैंने कहा- कोई बात नहीं प्रीति, आज मैं तुम्हारी सारी प्यास बुझा दूंगा, बस तुम मेरा साथ देती रहना!


तो वो मुझे मुंह चिढ़ाकर बोली- हुम्म … साथ देती रहना … बड़े आये! ये बोलकर वो रजाई से निकली और जाने लगी.


तो मैंने उससे पूछा- अच्छा, एक बात बताओ … क्या तुम नीचे शेव करती हो? “मैं कहाँ कहाँ शेव करती हूं … ये सब आपको आज पता चल जाएगा!” ये बोल कर वो कमरे से चली गयी.


मैंने सोचा कि चलो आज तो इसकी चूत का मजा मिलेगा.


तब मैंने लैपटॉप रख दिया और कुछ देर के लिए सो गया.


4:30 बजे मुझे मेरी बीवी और मेरे बेटे की आवाज़ सुनाई दी तो मेरी आँख खुली. मेरी बीवी बोली- उठ जाओ, पापा बुला रहे हैं आपको! और चाय भी बनने वाली है.


मैं ड्राइंगरूम में गया. तभी मेरी सासू माँ चाय लेकर आ गयी. मैं अपने ससुर के साथ बैठकर चाय पीने लगा.


जिन लोगों ने पार्टी में जाना था, वो सब तैयार होने लगे. 6:30 के करीब सब लोग तैयार हो गए और पार्टी में जाने को निकल गए. मैं और प्रीति उन्हें बाहर गेट तक छोड़ने गए.


फिर हम अंदर आये. मैं टीवी देखने लगा. मेरे ससुर मेरे पास आये. उनके हाथ में कार की चाबी थी. वो मुझसे बोले- मैं मार्किट फिश लेने जा रहा हूं. और वे प्रीति को तब तक प्याज वगैरा काटने को बोल गए.


मैं भी उनके साथ बाहर निकला और उनसे कहा- व्हिस्की मत लाना; मैं स्कॉच ले कर आया हूँ. तो वो ओके बोलकर कार स्टार्ट करके चले गए.


जब वो मेरी आँखों से ओझल हो गए तो मैं अंदर आया और दरवाजा लॉक किया.


पर प्रीति मुझे कहीं दिखाई नहीं दे रही थी.


मैंने रसोईघर में देखा तो वो प्याज काट रही थी. उसने अभी भी सुबह वाले ही कपड़े पहने हुए थे.


मैं चुपके से उसके पीछे गया और उसको बांहों में भर कर उसकी गर्दन पर एक चुम्मी ली. वो घबराकर मेरी तरफ पलटी तो मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिये और उन्हें चूमने लगा.


मेरी साली मुझे पीछे धकेलते हुए बोली- जीजू, कोई आ न जाये? चलो छत वाले स्टोर रूम में चलते हैं. यह सुनकर मैंने उसके टॉप में हाथ डाल कर उसके मस्त गर्म चूचे दबा दिए. वो आह करके रह गयी.


मैंने उसे फिर एक बार चूमा तो वो बोली- क्या यहीं सब करना है? जल्दी ऊपर चलो.


हम दोनों बांहों में बाहें डाल कर ऊपर आ गए.


मजा आ रहा है ना दोस्तो? आपको उत्सुकता होगी कि आगे क्या हुआ? अभी तक की सेक्सी गर्ल हिंदी स्टोरी पर अपने विचार मुझे भेजें. [email protected]


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