भाभी की कुंवारी बहन संग सुहागरात-1

गुप्त

18-08-2020

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हम मेरे बड़े भाई के लिए लड़की देखने गये. लड़की हमें पसंद आयी. पर उसकी छोटी बहन पर मेरा दिल आ गया. मैंने भाभी की कुंवारी बहन संग सुहागरात कैसे मनायी? इस फर्स्ट टाइम सेक्स स्टोरी में पढ़ें.


दोस्तो, मेरा नाम नाहिद है और मैं एक सिम्पल सा लड़का हूँ. यह बात 2018 की है जब मैं अपनी पढ़ाई अपनी बुआ के घर में रहकर कर रहा था.


मेरे बड़े भाई के लिए घर वाले लड़की देख रहे थे. मगर वो लोग मेरे इंतजार में रुके हुए थे क्योंकि लड़की को देख कर आखिरी फैसले में मेरी सहमति भी जरूरी थी.


मैं वहां पर गया तो उस लड़की को मैंने देखा. जब वो छत से नीचे उतर कर आई तो मैं उसको देखता ही रह गया था. लड़की बहुत सुंदर थी और मुझे पहली नजर में ही पसंद आ गयी.


मगर मेरी भाभी के साथ में एक और लड़की भी थी. बाद में पता चला कि वह मेरी भाभी की छोटी बहन है. उस लड़की का नाम फराह था. फराह देखने में बहुत ही खूबसूरत थी.


मेरी भाभी भी बहुत खूबसूरत थी. उसको देख कर ज्यादा सोचने की जरूरत ही नहीं हुई और मैं अपनी भाभी को पसंद करके आ गया. उसके बाद फराह से भी मेरी बात होने लगी थी.


मैं और मैं घंटों बातें करने लगे थे. जिस दिन फराह से बात नहीं होती थी उस दिन मन नहीं लगता था. फराह भी मुझे पसंद करती थी. एक दिन उसने मुझे आई लव यू बोल दिया और मैंने भी बोल दिया. हम दोनों में प्यार का इजहार हो गया.


अब हम रात को भी बातें करने लगे थे. कई बार मेरा मन उसके साथ सेक्स की बातें करने के लिए भी करता था. लेकिन मैं डरता था कि कहीं फराह बुरा न मान जाये.


कुछ दिन ऐसे ही बीत गये. एक दिन मैं उससे हिम्मत करके सेक्स के बारे में बातें करने लगा. मैं बोला- जब हम दोनों शौहर बीवी बन जायेंगे तो तुम मुझे सहन कर पाओगी? वो बोली- हां, मैं सहन कर लूंगी. मगर मैंने सुना है कि सुहागरात में फर्स्ट टाइम सेक्स में बहुत दर्द होता है? मगर तुम आराम से डाल देना. मैं एक कच्ची कली हूं.


मैं बोला- तुम चिंता मत करो जान … मैं बहुत ही आराम से डालूंगा. आपकी बुर पर अपना लंड रख कर धीरे से धक्का मारूंगा ताकि आपकी बुर में दर्द न हो. तुम्हारी सील तोड़ दूंगा मैं. मैं हमारी फर्स्ट टाइम सेक्स स्टोरी बहुत अच्छे से लिखूँगा अपने लंड से तेरी बुर में!


फराह बोली- नहीं नहीं, ऐसे सील तोड़ोगे तो मैं मर जाऊंगी. आप तो मेरी बुर को फाड़ दोगे. मैं बोला- नहीं, मेरे पास बहुत अच्छा तरीका है. मैं आपको दर्द नहीं होने दूंगा.


वो बोली- क्या तरीका है? अच्छे से बताओ न जान! मैंने कहा- यहां फोन पर नहीं. कल मुझसे सहारनपुर मिलना. वहां पर आराम से अकेले में बताऊंगा. वो बोली- ठीक है. तो फिर कल मिलते हैं.


अगले दिन मैं अपने घर से निकल गया फराह से मिलने के लिये. जब वहां से चल दिया तो मैंने फराह से फोन पर पूछा- कहां हो? वो बोली- मैं निकल चुकी हूं घर से। मैं बोला- ठीक है, हम होटल में मिलेंगे.


मैंने एक होटल बुक किया और फराह को उसका पता और रूम नम्बर भेज दिया. हम दोनों होटल के बाहर ही मिल गये. फिर हम दोनों अंदर गये और हमें रूम की चाबी दे दी गयी.


अंदर जाकर मैंने रूम को लॉक कर लिया. मुझे बहुत एक्साइटमेंट हो रही थी क्योंकि पहली बार मैं फराह से ऐसे अकेले में मिल रहा था. शायद वो भी एक्साइटेड थी.


हम दोनों एक दूसरे के करीब आ गये और मैंने उसे अपनी बांहों में भर लिया. उसके होंठों पर मैंने अपने होंठ रख दिये. उसको चूसने और चूमने लगा मैं. वो भी मेरा साथ दे रही थी.


दोस्तो, बहुत मजा आ रहा था. ये मेरी पहली किस थी. एकदम जन्नत का मजा आ रहा था.


दस मिनट तक मैं फराह के होंठों का रस पीता रहा और फिर उसने छोड़ने को कहा. मैंने उसे छोड़ दिया.


फिर हम दोनों बेड पर लेट गये और बातें करने लगे. वो बोली- तुम कल कह रहे थे कि तुम मुझे बताओगे कि सुहागरात में कैसे करोगे?


मैं बोला- चलो, हम करके ही देख लेते हैं. वो बोली- नहीं, अभी नहीं. निकाह के बाद करेंगे.


उससे मैंने कहा- फराह, हम बस कपड़े उतार कर लेटेंगे और कुछ किस वगैरह करेंगे लेकिन सेक्स नहीं करेंगे. बाकी काम अभी करके देख लेते हैं और सेक्स हम शादी के बाद कर लेंगे. मैं तुम्हारी बुर में लंड नहीं डालूंगा.


वो मान गयी और बोली- लेकिन अंदर मत डालना प्लीज। मैं बोला- नहीं डालूंगा. मैं बस तुम्हें बताना चाहता हूं कि पहली रात में कैसे क्या होता है.


उसके बाद मैंने फराह के कपड़े उतारने शुरू किये. उसकी टॉप उतार दी. उसकी ब्रा में उसकी मीडियम साइज की चूचियां कैद थीं. उनको देख कर मेरा मन ललचाने लगा. फिर मैंने उसकी जीन्स को खोल दिया और जीन्स भी उतरवा दी.


वो अब ब्रा और पैंटी में रह गयी थी. उसकी गोरी गोरी जांघों पर उसकी सफेद जालीदार पैंटी में उसकी बुर की लाइन अलग से दिखाई पड़ रही थी. मेरा मन कर रहा था कि उसकी पैंटी को उतार कर उसकी बुर में जीभ दे दूं.


फिर मैंने उसकी ब्रा के ऊपर से उसकी चूचियों पर किस किया. उसकी चूची अपने हाथ में लेकर उनको धीरे धीरे ब्रा के ऊपर से ही सहलाने और हल्के से दबाने लगा. फराह को अब अच्छा लग रहा था.


कुछ देर तक उसकी मीडियम चूचियों को ब्रा के ऊपर से दबाने और सहलाने के बाद मैंने उसकी ब्रा को खोल दिया. उसकी ब्रा को उसकी छाती से हटाया तो उसकी गोरी गोरी चूचियां नंगी हो गयीं. आह्ह … क्या नजारा था दोस्तो. फराह की चूची एकदम दूध के जैसी सफेद थी. उसके निप्पल हल्की गुलाबी छटा लिये हुए थे.


मुझसे रुका न गया और मैंने उसकी एक चूची को मुंह में ले लिया और दूसरी को हाथ से दबाते हुए पहली को चूसना शुरू कर दिया. वो सिसकारते हुए बोली- आह्ह … क्या कर रहे हो नाहिद? मुझे कुछ हो रहा है.


मैंने कहा- कुछ नहीं होगा तुम्हें, बस मजा लो. अभी और मजा आने वाला है. कहकर मैंने उसकी दूसरी चूची को भी मुंह में भर लिया और पहली को दबाते हुए दूसरी को पीने लगा. मेरा एक हाथ उसकी चिकनी पीठ को सहला रहा था. बहुत मजा आ रहा था. मेरा लंड फटने को हो गया था.


काफी देर तक मैंने बारी बारी से फराह की चूचियों को पीया. वो भी काफी गर्म होने लगी थी अब. वो सिसकारते हुए कह रही थी- आह्ह … आराम से चूसो, मजा आ रहा है लेकिन काटो मत यार… मैं तुम्हारी ही हूं.


मैं जान गया था कि अब फराह को मजा आ रहा है. मैंने इसी मौके का फायदा उठा कर उसकी पैंटी को निकाल दिया और उसकी बुर एकदम से मेरी आँखों के सामने नंगी हो गयी. आह्ह … क्या लाल बुर थी यार! मैं उसकी कमसिन सी बुर को देखता ही रह गया.


वो शरमा गयी. मैंने कहा- शरमाओ मत, शादी के बाद तो मैं इसको खा जाऊंगा. उसने मुझे पकड़ कर अपने ऊपर खींच लिया और अपनी आँखें बंद कर लीं. मैंने उसके होंठों को पीना शुरू कर दिया.


मगर मेरे कपड़े बीच में आ रहे थे. मैं उठा और अपने कपड़े उतारने लगा. मैंने पहले शर्ट उतारी. फराह मुझे देख रही थी. जब मैं पैंट खोलने लगा तो उसने चेहरा नीचे कर लिया. फिर मैंने अंडरवियर भी उतार दिया और नंगा हो गया.


अपने कपड़े उतार कर मैं फराह के ऊपर लेट गया और अपना लंड उसकी बुर के पास उसकी जांघों पर रगड़ते हुए उसको किस करने लगा. फराह एकदम से आह्ह … आह्ह करते हुए सेक्सी आवाजें करने लगी. उसके हाथ अब मेरी पीठ को नोंच रहे थे.


मैं भी उसके होंठों को, उसकी गर्दन को, उसके गालों को तो कभी उसकी चूचियों को चूम और चूस रहा था. फिर मैं उसके पेट को चूमते हुए नीचे की ओर जाने लगा. शर्म के मारे उसने अपना मुंह चादर से ढक लिया.


चूमते हुए मैं उसकी बुर के करीब पहुंच गया. उसकी बुर पर हल्के हल्के रोएंदार बाल थे. मैंने मौके का फायदा उठाते हुए उसकी बुर पर अपने होंठ रख दिये तो वो एकदम से सिहर उठी- आह्ह … क्या कर रहे हो?


मैं बोला- तुम्हें प्यार कर रहा हूं. थोड़ी देर चूसने दो अपनी बुर। मैंने फराह के हाथों को बेड पर दबा लिया और उसकी बुर में जीभ दे देकर उसकी बुर को चूसने और चाटने लगा. पांच मिनट तक मैंने तसल्ली से उसकी बुर को चाटा.


फिर मैं जोर जोर से उसकी बुर को जीभ देकर चोदने लगा. वो एकदम से तड़प उठी- आह्ह … नहीं नाहिद, ऐसे मत करो, मुझे कुछ हो रहा है. मैंने फराह की बात पर ध्यान नहीं दिया और जोर जोर से उसकी बुर को चूसता रहा. कभी उसकी बुर में पूरी जीभ घुसा देता था तो कभी उसकी बुर की फांकों को अपने दांतों से खींच लेता था.


वो इतनी गर्म हो गयी कि आह्ह … आह्ह … उफ्फ … आईई. याह … करते हुए अपने सिर को बेड पर कभी इधर तो कभी उधर घुमाने लगी. अगले 15 मिनट तक मैंने उसकी बुर को चूस चूस कर उसे पागल कर दिया.


जब उससे बर्दाश्त नहीं हुआ तो वो बोली- आह्ह … नाहिद, अब मेरे ऊपर आ जाओ, मेरे ऊपर आकर मुझे चूसो. मैं उसके ऊपर लेट गया और उसके होंठों को पीने लगा. वो मेरे होंठों जैसे काट काट कर खाने लगी.


वो बोली- नाहिद, मुझसे रुका नहीं जा रहा है. कुछ करो यार प्लीज! मैंने कहा- क्या करूं मेरी जान? वो बोली- मेरी बुर का कुछ करो.


मैंने कहा- क्या तुम्हारी बुर में अपना लंड डाल दूं मेरी जान? वो सिसकारते हुए बोली- हां… डाल दो, मेरी बुर में तुम्हारा लंड डाल दो प्लीज, मेरी चुदाई कर दो, मुझे चोद दो।


उससे मैंने कहा- तुम फिक्र मत करो मेरी रानी, मैं पूरी तैयारी के साथ आया हूं. मुझे पता था कि तुम आज मुझसे चुद कर ही जाओगी. इसलिए मैं पहले से ही तेल की शीशी भी लेकर आया था.


वो बोली- तैयारी के साथ आये हो? तो फिर ठीक है, चलो आज सुहागरात मनाते हैं. मैं अब नहीं रुक सकती हूं. मगर धीरे से डालना प्लीज। मेरी बुर की सील को आहिस्ता से तोड़ना। मैं बोला- ठीक है मेरी जान.


मैं उठ कर बेड से नीचे खड़ा हो गया और बैग से तेल की शीशी निकाली और अपने लंड पर तेल लगाने लगा. मैं लंड पर तेल मसल रहा था तो फराह मेरे मोटे लंबे लंड को देख कर बोली- इतना बड़ा? नहीं-नहीं… ये अंदर कैसे जायेगा? मेरी बुर तो फट कर चिथड़ा हो जायेगी.


उससे मैंने कहा- डरो नहीं जानेमन, चुप रहो. इसको आराम से अंदर पहुंचाने का काम मेरा है. तुम बस चुदाई का मजा लेना.


ये बोल कर मैं बेड पर आ गया और उसकी टांगों को फैला कर उसकी बुर पर भी तेल की मालिश करने लगा. मैंने तेल लगा कर उसकी बुर में हल्की सी उंगली दे दी तो वो एकदम से चिहुंक गयी.


मैं धीरे धीरे उसकी बुर में तेल लगी उंगली को चलाने लगा. उसे मजा आने लगा. मुझे भी उसकी बुर में उंगली करते हुए मजा आ रहा था. उसकी बुर अंदर से बहुत गर्म हो चुकी थी और चिकनी भी.


वो बोली- करो अब … डाल दो. मैं उसके ऊपर लेट गया और अपने लंड को उसकी बुर के मुहाने पर लगा दिया.


उसको किस करते हुए मैंने हल्के हल्के से जोर लगाना शुरू किया. मेरे हर धक्के के साथ वो उचक जाती थी. इसलिए लंड बार बार उसकी टाइट कुंवारी बुर से फिसल जाता था.


मैं बोला- क्या हुआ? इतना हिल क्यों रही हो? आराम से हो जाओ, अब बहुत मजा आने वाला है तुम्हारी बुर में. वो बोली- मुझे डर लग रहा है. अभी से दर्द हो रहा है. मैं बोला- शुरू में हल्का सा होता है. लेकिन उसके बाद मजा आयेगा. इस मजे के लिए तुम रोज मेरा लंड लेने के लिए मुझे याद किया करोगी.


उससे बातें करते हुए मैंने उसकी बुर में एक धक्का दे दिया तो उसके मुंह से चीख निकल गयी. मैंने उसके मुंह पर हाथ रख दिया और फिर उसके होंठों को अपने होंठों से लॉक कर दिया.


वो गूं-गूं की आवाज करने लगी और मुझे अपने ऊपर से हटाने के लिए धकेलने लगी. मैं उसके होंठों को किस करता रहा और उसको अपने नीचे दबाये रहा.


जब दो मिनट बीत गये तो मैंने फिर से एक धक्का मार दिया और उसकी बुर में मेरा लंड आधा घुस गया. फराह चिल्लायी- याल्ला … मर गयी. ऊईई अम्मी … बचा ले मुझे. मेरी तो फट गयी.


मैंने उसके होंठों पर उंगली रखते हुए उसको शांत रहने का इशारा किया. उसके रुख पर फर्स्ट टाइम सेक्स पर सील टूटने का दर्द साफ दिख रहा था. मैं ऐसे ही लंड डालकर उसके ऊपर लेट गया.


उसको प्यार करने लगा. वो मेरे पीठ को आराम से सहलाने लगी. कुछ देर के बाद उसका दर्द कम होता चला गया. मैंने धीरे धीरे करके सरकाते हुए पूरा लंड उसकी बुर में घुसा दिया.


वो फिर से कराहते हुए बोली- आह्ह … आईई … मर जाऊंगी नाहिद. आपको मेरी कसम, एक बार निकाल लो बस. मगर मैं अब इस मोड़ पर आकर उसकी बुर से लंड नहीं निकाल सकता था.


पूरा लंड उसकी बुर में फंसा कर मैं उसके ऊपर लेटा रहा और उसको चूमता रहा. जब भी मैं हल्का धक्का देता तो वो फिर से मुझे अपने ऊपर से हटाने लगती और कहती- निकाल लो यार प्लीज, मुझे नहीं मनानी सुहागरात.


मैंने सोचा कि ये तो कुछ ज्यादा ही नखरे कर रही है. इसकी बुर को तो मैं फाड़ कर ही रहूंगा.


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फर्स्ट टाइम सेक्स स्टोरी का अगला भाग: भाभी की कुंवारी बहन संग सुहागरात-2


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