चुदाई की इच्छा का मीठा फल

राहुल स्टार

07-03-2023

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वर्जिन देसी गर्ल चुदाई कहानी में पढ़ें कि कैसे सब्जी बेचने वाली एक लड़की ने मुझे अपने घर बुलाकर अपनी अन्तर्वासना का इलाज मेरे लंड से किया.


मेरी उम्र इक्कीस साल की है और मेरा नाम राहुल है. मैं महाराष्ट्र के कल्याण जिला में रहता हूँ.


ये वर्जिन देसी गर्ल चुदाई कहानी कुछ महीने पहले की है और मेरी साथ घटी एक सच्ची घटना पर आधारित है.


मेरी बहुत पहले से सोच थी कि मैं एक औरत को चोदूं, चाहे वो कोई भाभी हो, डाइवोर्सी औरत हो या विधवा औरत हो, पर शादीशुदा हो.


किस्मत से वो अवसर मुझे मिल गया और कुछ ऐसा हुआ, जो मेरी ख्वाहिश से बढ़कर मुझे मिला था.


कहते हैं न कि आप जिस बात को दिल से चाहेंगे, तो उसे पूरा करने में सारी कायनात लग जाती है. शायद मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही होने वाला था.


मैं रोज़ शाम को करीब सात बजे बाजार जाया करता था. ये मेरा रोजाना का नियम था.


जिधर मैं जाता था, वो एक भाजी बाजार था. मैं उधर रोज़ भाजी लेने जाता था.


मुझे वहां पर बहुत सारी लड़कियां और भाभी दिखाई देतीं. मगर मेरी नज़र सिर्फ भाभियों को ही देखा करती थी.


उसमें से एक भाभी थी साक्षी, जिनको देख कर मेरा बहुत मन करता कि उनको उठा कर तुरंत पेल दूं. क्योंकि उनका फिगर ही कुछ ऐसा था. भाभी 32-28-36 के फिगर वाली माल औरत थीं.


हालांकि मैंने भाभी के फिगर को कभी नापा नहीं था. पर उनको देख कर ऐसा लगता था कि उनका फिगर इतना ही होगा.


मैं न जाने ऐसा क्यों सोचता था कि उनको जो भी चोदता होगा, वो उनकी कमर की नीचे तकिया लगा कर ही चोदता होगा. शायद ऐसा इसलिए था क्योंकि मेरे मन में भी उन्हें ऐसे ही चोदने का ख्याल आता था.


भाभी की उम्र करीब 32 साल के आस पास की रही होगी. उनका रंग हल्का सांवला था मगर इतने तीखे नैन नक्श थे कि लंड अकड़ कर उन्हें चोदने की जिद करने लगता था.


साक्षी भाभी भी उसी मार्किट में भाजी बेचा करती थीं. ज्यादातर बार मैंने उनको साड़ी में ही देखा था पर कभी कभार वो सूट सलवार भी पहना करती थीं.


उनके साथ एक लड़की भी काम किया करती थी, उसका नाम मुस्कान था. उसकी उम्र करीब बीस साल की रही होगी.


साक्षी भाभी के पति ट्रांसपोर्ट में काम किया करते थे यानि ट्रांसपोर्ट वाली गाड़ी चलाते थे इसलिए वो हफ्ते में एक ही बार घर आ पाते थे. हालांकि मैंने तो भाभी के पति को आज तक कभी नहीं देखा था कि वो कैसे दिखते हैं.


मैं रोज़ जानबूझ कर भाभी से ही भाजी लिया करता था. इसी वजह से उनसे मेरी बहुत अच्छी जान पहचान हो गई थी.


एक दिन की बात है. मैं रोज़ की तरह मार्किट गया था पर साक्षी भाभी नहीं दिखीं. उनके साथ जो लड़की काम किया करती थी मुस्कान, वही भाजी बेच रही थी.


जब मैंने मुस्कान से पूछा- साक्षी जी कहां हैं? तो मुस्कान बोली- आज घर पर फंक्शन है, इसलिए चाची नहीं आईं.


मैंने पूछा- साक्षी जी तुम्हारी चाची हैं? उसने कहा- हां.


फिर जैसे ही में जाने लगा, मुस्कान बोली- चाची ने तुम्हें भी बुलाया है. मैंने कहा- वहां पर मुझे कौन जानता है? मैं वहां जाकर क्या करूँगा?


तो उसने कहा- आज नहीं, कल आना है तुम्हें … तब घर पर कोई नहीं रहेगा. उसने मुझे अपने घर का पता भी दिया.


मैंने उसे ध्यान से देखा और बिना कुछ बोले घर पर चला गया.


मैं पुन: सोचने लगा कि क्या कल मुझे वो मौका मिलेगा? यह सब मैं इसलिए सोचने लगा क्योंकि साक्षी जी को अभी तक एक भी बच्चा नहीं हुआ था.


क्या पता कल हम दोनों की इच्छा पूरी हो जाए. साक्षी जी को बच्चे की … और मेरी एक भाभी को चोदने की इच्छा. लग रहा था कि दोनों की विश जल्दी पूरी होने वाली हैं.


मुझे अब लगा कि वो दिन आ गया है, जिसका इंतजार था.


अगले दिन मैं मस्त तैयार हुआ और भाभी के घर चला गया.


साक्षी भाभी के घर पर जैसे मैं पहुंचा, दरवाजा खुला था, मैं घर के अन्दर घुसता चला गया.


मेरे सामने मुस्कान थी. वो बोली- अरे राहुल, आओ बैठो. मैं तुम्हारे लिए अन्दर से कॉफ़ी लेकर आती हूँ.


मैं सोफे पर बैठ गया. फिर वो कॉफ़ी लेकर आयी.


मैंने मुस्कान से पूछा- तुम्हारी चाची कहां हैं और तुम आज भाजी बेचने नहीं गई? मुस्कान बोली- कल बोली थी न कि घर पर कोई नहीं है.


मैंने पूछा- कल तुमने मुझसे कहा था कि साक्षी जी ने बुलाया है, घर पर कोई नहीं है. तो आज इसका क्या मतलब हुआ? वो बोली- मैंने तो सच ही कहा था कि घर पर कोई नहीं रहेगा.


मैं बोला- पर ये बात तो साक्षी जी ने कही थी न तुमसे? मुस्कान बोली- लगता है, तुमने मेरी बात ध्यान से नहीं सुनी थी.


मैं मुस्कान की कही हुई बात को फिर से याद करने लगा. उस वक्त मुझे भी उसकी वो कही हुए बात याद आयी.


फिर मैं सोचने लगा कि ये तो बहुत सीधी सादी और शांत टाइप की संस्कारी लड़की लगती है; फिर इसने मुझे ऐसे अकेले में क्यों बुलाया है.


मैं यही सब सोच कर मुस्कान से पूछने जा ही रहा था तभी मैंने देखा कि कॉफ़ी पीते पीते मुस्कान ने जानबूझकर ही खुद पर कॉफ़ी गिरा ली. इससे मैं समझ गया था कि ये इसने खुद ही गिराई है.


तभी वो कहने लगी- मैं ड्रेस चेंज कर लेती हूँ. ड्रेस खराब हो गई है. मैं ये सब देख कर बस चुप था. वो अन्दर चली गई.


कुछ पल बाद मुस्कान ने आवाज देकर मुझे कमरे में बुलाया और कहा- मेरे ये पीछे का हुक निकाल दो प्लीज़. मैं उसका हुक निकालने की कोशिश करने लगा पर मुझसे उसकी ड्रेस का हुक नहीं निकल रहा था.


उसने कहा- रहने दो, मैं निकाल लेती हूँ. तुम बस यहीं बैठ जाओ. मैं उसे छोड़ कर वहीं एक कुर्सी पर बैठ गया.


मुस्कान मेरे सामने ही पूरी नंगी होकर ड्रेस चेंज करने लगी. मैं हैरान रह गया.


पहली बार मैंने ध्यान दिया कि मुस्कान की सेक्सी बॉडी किसी जन्नत की परी से कम नहीं है. मैंने आंख झुका कर उससे नहीं देखने का नाटक किया मगर मैंने कनखियों से देखा कि वो अपने बदन पर तौलिया लपेट कर मेरे पास आने लगी थी.


मुझे लगने लगा था कि उसका इरादा कुछ और ही है. वो तौलिया लपेट कर मेरे सामने खड़ी हो गयी.


फिर उसने अपने हाथों से मेरे चेहरे को ठुड्डी से पकड़ा और मेरी नज़रों को अपने ऊपर किया. फिर धीरे से उसने अपना तौलिया नीचे गिरा दिया.


उसकी पतली कमर और बाहर निकली हुए गांड मुझे उसकी तरफ बहुत ज्यादा आकर्षित कर रही थी. उसको देख कर ऐसा लग रहा था कि उसे रात भर भी चोदूं, फिर भी कम है. उसे मन भरके चोदने के लिए एक हफ्ता भी काम पड़ जाएगा.


उसकी हाइट करीबन पांच फिट सात इंच की रही होगी. जबकि मेरी हाइट छह फुट दो इंच की है. जब तक मैं ये सब सोच रहा था, तब वो मेरे एकदम पास खड़ी होकर कहने लगी- तुम साक्षी चाची को बहुत घूर घूर कर देखते हो न!


ऐसा कहते कहते ही उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपने बूब्स पर रख दिया. कसम से यार मुस्कान का 32-28-34 का आग उगलता फिगर मुझे झुलसा रहा था.


वो बहुत गोरी मक्खन मलाई की तरह एक शानदार माल थी. जिस तरह से मुस्कान मुझे देख रही थी, उससे मैं अपने आप पर से कण्ट्रोल खोता जा रहा था.


तभी मुस्कान ने मुझे अपने एकदम करीब खींच लिया.


अब मेरी सांसें गर्म होने लगी थीं. मुझे ऐसा लग रहा था कि मेरा हाथ किसी गुब्बारे पर रखा है, जो उड़ा जा रहा है.


उस वक्त मुझे मुस्कान की आंखों में सिर्फ हवस दिख रही थी.


हम दोनों खामोश थे पर मेरे कान में हम दोनों की गर्म सांसें चलने की आवाज़ सुनाई दे रही थी.


जैसे उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपने बूब्स पर रखा, मैंने उसे अपने से दूर कर दिया और उसके बदन को निहारता रहा.


मैं मुस्कान को घूर रहा था. तो मुस्कान ने मुझे पकड़ कर बेड की तरफ धक्का मारा और तुरंत ही जाकर दरवाज़ा बंद कर दिया.


वो झपट कर मेरे ऊपर चढ़ गयी.


पहली बार मुझे अहसास हुआ कि लड़कियों में भी इतनी हवस होती है क्या? ऐसा लग रहा था कि वो अपनी सारी शर्म बेच खाई हो.


फिर उसने बाजू में लगे लाइट के स्विच की तरफ हाथ बढ़ाया और उसे ऑफ कर दिया. कमरे में एकदम से अंधेरा हो गया.


अब वो मेरे ऊपर निढाल होकर पड़ी थी. मैंने महसूस किया कि वो धीरे धीरे नीचे को सरकने लगी थी. कुछ पल बाद मेरे लंड पर कोई हलचल होती सी महसूस होने लगी.


जब मैंने ध्यान दिया, तो पता चला कि वो मेरे लंड को चाट रही थी. मुझे उस वक्त ऐसा लग रहा था कि मैं जन्नत में बैठा हूँ.


कुछ पल बाद उसने मेरे लंड से अपना मुँह हटाया और वो कुछ हिली. अब वो वापस मेरे ऊपर आ गई थी और घुप्प अंधेरे में साफ़ अहसास हुआ कि उसने अपनी पोजीशन 69 की कर ली थी.


तभी मेरे मुँह पर मुझे कुछ अहसास हुआ. वो अपनी नंगी चूत मेरे मुँह पर रगड़ रही थी और रगड़ कर ही इशारा कर रही थी कि मैं भी अपने मुँह से उसकी चूत चाटना शुरू कर दूँ.


मैंने आज तक कभी ऐसा किया नहीं था. पर मन बहुत पहले से था. मैंने भी उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया.


धीरे धीरे हम दोनों की अन्दर की हवस बढ़ रही थी. दोनों के मुँह से ‘उआह ऊऊ …’ की आवाज़ आने लगी थी.


मुस्कान जिस तरह मेरे लंड को चाट रही थी, मुझे अब तक कभी भी ऐसा मजा नहीं आया था.


उसके मुँह में मेरा पूरा लंड घुसा हुआ था.


दो मिनट बाद मैंने महसूस किया कि मुस्कान मेरा पूरा लंड गले तक ले रही है और जब भी उसे बाहर निकाल कर अपने थूक से गीला करके चाटती और फिर मुँह में लेकर लंड का स्वाद चखने लगती है. तो ऐसा लग रहा था मानो वो मेरा लंड नहीं, कोई कुल्फी को चूस रही हो.


उसे ऐसा करते देख कर मैं भी बहुत जोश में आ गया और उसकी चूत को किसी अंगूर के दाने की तरह चूसता रहा. ऐसा लग रहा था मानो हम दोनों किसी और दुनिया में खोये हुए थे.


करीब दस मिनट बाद वो आह आह करती हुई झड़ गयी. थोड़ी देर बाद मैं भी झड़ गया.


हम दोनों अब सीधे होकर एक दूसरे के पास लेट गए. वो बताने लगी कि आज चाची भिवंडी गयी हैं, कल ही वापस आएंगी.


ये कह कर वो मुझे इशारा दे रही थी कि हम रात भर चुदाई कर सकते हैं. फिर मैंने उससे बताया कि भिवंडी तो बहुत पास में ही है. हफ्ते में एक या दो बार मेरा वहां पर जाना हो जाता है.


थोड़ी देर बाद उसने मेरा लंड अपने हाथ में पकड़ लिया और पुन: रगड़ने लगी.


वो मेरे बाजू में ही लेटी थी और मेरी आंखों में देख रही थी. उसकी आंखों में पूरी हवस भरी हुई थी.


ऐसी कामुक नज़रों से देखते ही देखते हम दोनों ने एक दूसरे को फिर से जकड़ लिया और किस करने लगे.


पहले उसने मेरे होंठों पर किस की, फिर धीरे से उसने मुँह नीचे किया और मेरे सीने पर किस करने लगी.


उसका मुझे किस करना … धीरे धीरे चाटने में तब्दील होने लगा. फिर वो वापस धीरे धीरे नीचे होने लगी और मेरे लंड की गोटी को किस करने को हुई.


पर तभी मैंने उससे ऊपर खींचा और कहा- अपनी सेवा करने का मौका मुझे भी तो दो!


मुस्कान ने एक बार लाईट ऑन की और अपने बूब्स और चूत मेरे सामने खोल दी और अगले ही पल वापस लाईट ऑफ़ कर दी. वो कहने लगी- लो.


अब तक की उसकी हरकतों से मुझे पता चल गया था कि मुस्कान को अपने बूब्स और चूत चुसवाने में ज्यादा मज़ा आ रहा था. मैं उसके मम्मों पर टूट पड़ा.


वो भी बार बार अपने मम्मों को बारी बारी से मेरे मुँह में देने लगी और बोल रही थी कि इन्हें चूस चूस कर लाल कर दो. चूचियों के बाद मैंने उसकी चूत को इतना ज्यादा चाटा और चूसा कि उसके ऊपर चुदवाने का भूत सवार हो गया था.


वो बार बार कह रही थी कि राहुल प्लीज़ अब चोद दो … मुझसे रहा नहीं जा रहा. पर मैं उसकी चुद को चूस चूस कर लाल करते जा रहा था. वो जोर जोर से चिल्ला रही थी- राहुल राहुल … उसकी वो आवाज़ मुझे बहुत मधुर लग रही थी.


मैंने उसके मम्मों को अपने मुँह से इतना ज्यादा चूसा कि वो मदहोश होती जा रही थी और जोर जोर से आवाज़ निकाल रही थी ‘अहह उह्ह्ह उह …’ वह अपने हाथ पैर फटकार रही थी.


उस वक्त उसका हाथ लाइट के स्विच पर पड़ गया और लाइट चालू हो गई. कसम से उस वक्त उसका दूध से गोरे बदन पर बूब्स और चूत एकदम लाल दिख रहे थे.


उसने तुरंत लाइट ऑफ कर दी और शर्मा कर कहने लगी- तुमने तो मुझे पूरी तरह से चूस कर लाल कर दिया है. अब डाल भी दो न! मैंने उससे कहा- इस हुस्न की बला को इतने जल्दी चोद दूं, तो मज़ा ही नहीं आएगा … और वैसे भी मेरा छोटू सूखा पड़ा है. वो भी अभी राज़ी नहीं है.


वो बोली- लो, उसे अभी चूस चूस कर राजी करवा देती हूँ.


कुछ मिनट लंड चूसने के बाद उसने कहा- राहुल अब पेल दो. मुझसे रहा नहीं जा रहा है.


मैंने उसे अपनी ओर खींचा उसके पैर अपने ऊपर किए और चूत पर अपने छोटे भाई को रख कर रगड़ने लगा.


वो गांड हिलाती हुई बोली- आह राहुल … प्लीज़ तड़पाओ मत … डाल दो. मैंने लंड को चूत पर ऐसा सैट किया कि लंड सीधा अन्दर सरक जाए.


जैसे ही मैंने पहला धक्का मारा, लंड चूत पर से फिसल गया. तभी मुस्कान हंसी और बोली- कोबरा को बिल में डालना है, तो कुछ तो मेहनत करनी पड़ेगी.


मैंने उसकी बात सुन कर दूसरी कोशिश की. पहले तो अपने लंड को उसकी चूत पर मारा, जिसके उसकी चूत में आग और लग जाए. फिर मैंने लंड को ऊपर से नीचे उसकी चूत में मसलते हुए एक जोरदार झटका मारा.


वो जोर से चिल्ला पड़ी और अपने हाथ से मेरे ऊपर दबाव लगा कर कहने लगी- आंह … रुक जाओ, बहुत दर्द हो रहा है. मुझे लगा कि ये साली नाटक कर रही है, पहले से चुदी हुई है, बस मेरे सामने पहली बार चुदने का नाटक कर रही है.


एक पल बाद वो कराहती हुई बोली- प्लीज़ एक बार निकालोगे क्या, मुझे तुम्हारा ये मूसल बहुत दर्द दे रहा है. मैं बोला- सच में निकाल दूं क्या?


वो बोली- नहीं … पर दर्द हो रहा है. मैं लंड पेले चुप पड़ा रहा.


फिर वो बोली- रहने दो … ऐसे ही दर्द कम हो रहा है. अभी भी मेरा लंड मुस्कान की चूत में ही सांसें ले रहा था और धीरे धीरे अपने लिए जगह बना रहा था.


कुछ देर बाद मैंने फिर से एक झटका मार दिया. वो जोर से चिल्ला उठी और कहने लगी- प्लीज प्लीज … रुक जाओ.


पर अब मैं कहां रुकने वाला था … मैं लगातार चोदने लगा. थोड़ी देर बाद देखा तो वो भी चुदाई का मज़ा लेने लगी थी.


वो कहने लगी- आह राहुल … और थोड़ा तेज़ करो … स्पीड बढ़ाओ अपनी. मैंने स्पीड बढ़ा दी और लाइट को ऑन कर दिया.


मैंने देखा कि मुस्कान की गांड बहुत लाल हो गयी थी और वो अपनी गांड को बहुत तेज़ी से हिला कर मेरे लंड को अपने अन्दर भर कर रही थी. तभी मैंने अपने एक हाथ से उसके चूतड़ पर हाथ मारा. वो आंह कर उठी.


हाथ मारने के बाद मैंने देखा तो पता चला कि मेरी उंगलियों के निशान उसके चूतड़ पर छप गए थे. मेरे मारने से उसकी मदहोशी और बढ़ गयी थी. उसकी चुदवाने की रफ़्तार भी बढ़ गयी थी.


ऐसे ही हमारी चुदाई चलती रही. तभी मुझे लगा कि मेरा लंड उसकी चूत की गहराई में पूरी अन्दर तक जा रहा था.


वो अपनी बच्चेदानी तक लंड लिए जा रही थी.


मुझे उस वक्त विश्वास नहीं हो रहा था कि किसी लड़की में इतनी ज्यादा चुदाई की हवस भी होती होगी. बाहर से मुस्कान बहुत शरीफ दिखती थी और साली अन्दर से एकदम रंडी की तरह चुदने वाली थी.


हम दोनों के बीच ऐसे ही धकापेल चुदाई चल रही थी. उस बीच में हम दोनों एक दूसरे को देख रहे थे.


वो कहने लगी- राहुल बहुत मज़ा आ रहा है … सेक्स में इतना मज़ा आता है, मुझे आज तक पता नहीं था. मैंने भी कहा- तुम्हारे अन्दर सेक्स का इतना नशा है … ये मुझे आज तक नहीं पता था.


मुस्कान बोली- अभी तुमने क्या देखा ही मुझमें … अभी तो बहुत कुछ देखना बाकी है. मैंने उससे कहा- हां, मुझे अभी बहुत कुछ देखना बाकी है. चलो अभी पोजीशन चेंज करते हैं. वो बोली- हां ठीक है.


पोजीशन चेंज करने से पहले वो मुझे जोर जोर से किस करने लगी और अपनी गांड को बहुत तेज़ी से आगे पीछे करने लगी. मुझे लगा कि वो अपनी खुजली मिटा रही है क्योंकि लड़कियों को अपनी चूत रगड़वाने में बहुत मज़ा आता है.


अब तो लाइट ऑन होकर ही सब हो रहा था. जैसे ही वो अपनी पोजीशन चेंज करने के लिए उठी, मैंने देखा कि उसकी चूत में से खून आ रहा था पर उसने अभी तक नहीं देखा था.


मैंने भी उससे कुछ नहीं कहा. वो मेरे लंड के ऊपर सवार हो गई और अपने एक दूध को मेरे मुँह में देती हुई अपनी गांड उछालने लगी.


लगभग दस मिनट बाद वो एकदम से अकड़ उठी और आह आह करती हुई झड़ने लगी और किसी कटे हुए पेड़ की तरह मेरी छाती पर गिर कर सांसें भरने लगी. मैं अभी बाकी था.


मैं उसे यूं ही लंड पेले हुए पलट गया और उसके ऊपर आ गया. मैंने अब अपना आपा खो दिया था और किसी बेकाबू ट्रक की तरह उसे रौंदने लगा.


कुछ ही देर में मैं भी मुस्कान की चूत में झड़ गया और उसके ऊपर गिर गया.


वर्जिन देसी गर्ल चुदाई से हम दोनों बेहद थक गए थे और हमारी आँखें मुंदती चली गईं. जब मेरी आंख खुली तो मुस्कान मेरे बाजू में नहीं थी.


मैं नंगा था और मेरे ऊपर एक चादर पड़ी थी. कमरे में अन्धेरा था.


मैंने इधर उधर देखा तो मुझे धीमी सी आवाज आई.


ये आवाज साक्षी और मुस्कान के हंसने खिलखिलाने की आवाज थी. मैं समझ गया कि ये दोनों मिली हुई हैं और मुझसे चुदाई का प्लान बनाया गया था.


दोस्तो, वर्जिन देसी गर्ल चुदाई कहानी कैसी लगी? आप मुझे मेल करें. [email protected]


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