पड़ोसन लड़की की सीलतोड़ चूत गांड चुदाई

आशीष कुशवाह

19-05-2023

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वर्जिन पुसी सेक्स स्टोरी मेंरे घर के बगल वाले घर में रहने वाली कमसिन लड़की की पहली चुदाई की है. बिना किसी ख़ास मेहनत के वह मुझ से पट गयी और मेरे लंड के नीचे आ गयी.


दोस्तो, मेरा नाम राजेंद्र है. सभी लोग मुझे राज कहते हैं. मैं अभी 12 वीं कक्षा में पढ़ता हूँ. मैं एक मिडल क्लास परिवार से ताल्लुक रखता हूं.


जिम जाने के कारण मेरे सिक्स पैक साफ दिखाई देते हैं. मेरा रंग साफ है.


मैं गुरदासपुर (पंजाब) के एक छोटे से गांव का रहने वाला हूं. हमारा घर गांव के बाहर को बना है.


मेरे पड़ोस में एक लड़की रहती है, उसका नाम दिशा है. वह भी अभी पढ़ती है और मुझसे एक क्लास पीछे है.


दिशा देखने में बहुत ही सुन्दर है. उसके काले लंबे बालों से वो और भी खूबसूरत लगती है. उसका 28-26-32 का फिगर लाजवाब है. यह मुझे उसे चोदने के बाद पता चला. मैं हमेशा उसे चोदने के बारे में सोचता रहता था.


यह वर्जिन पुसी सेक्स स्टोरी अभी कुछ दिन पहले की ही है. उस दिन बसंत पंचमी थी.


मैं अपनी छत पर पतंग उड़ा रहा था. मैं अकेला था तो बोर हो रहा था.


मैंने दिशा की छत पर देखा तो उसकी छत पर कोई नहीं था. मैं तनिक उदास हुआ और फिर से पतंग उड़ाने लगा.


कुछ देर बाद दिशा छत पर आई तो मैं उसे देख कर खुश हो गया.


उस समय दिशा नहाकर आई थी इसलिेए वो धूप में बैठ कर तेल से मालिश करने लगी.


जब उसने अपने पैरों में तेल लगाने के लिए अपनी सलवार ऊपर चढ़ाई तो उसकी दूध जैसी सफ़ेद टांगें देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया. मैं उसे देखे जा रहा था और साथ में अपने एक हाथ से अपना लंड सहला रहा था.


उसने मुझे एकदम से देखा … तो मैं जरा सा सहम गया. दिशा खड़ी हुई और मेरी तरफ आने लगी.


वो मेरे पास आकर बोली- हाय राज, तुम कब आए? मैंने कहा- मैं तो बहुत देर से यहां पर हूँ. तुम अभी आई हो.


चूंकि हम अच्छे दोस्त हैं, तो हम दोनों बातें करने लगे.


उसने मुझसे कहा- तुम कभी छत पर नहीं आते तो आज कैसे? मैंने कहा- आज बसंत पंचमी है तो मैं पतंग उड़ाने आया था.


दिशा- मुझे भी पतंग उड़ाना अच्छा लगता है. मैं- फिर उड़ाओ ना … तुम्हें किसने रोका है?


दिशा- पर मुझे पतंग उड़ाना नहीं आता तुम सिखाओगे? मैंने हां कह दिया.


मैंने उसे धागा पकड़ाया और उससे पतंग उड़ाने के लिए कहा. उसे पतंग उड़ानी नहीं आ रही थी.


उसने मुझसे कहा- राज देखो, मुझसे नहीं उड़ रही है. तुम मेरा हाथ पकड़ कर उड़ाना सिखाओ.


ये सुन कर मेरे मन में लड्डू फ़ूटने लगे.


मैंने उसका हाथ पकड़ा, तो गजब का अहसास हुआ. उसका हाथ एकदम फूल की तरह मुलायम था.


जब मैं उसे पतंग उड़ाना सिखा रहा था तो मैं उसके पीछे था. मेरा मुँह उसकी गर्दन के पास था.


उसके शरीर की खुशबू मुझे मदहोश कर रही थी.


अब मेरे शरीर में गुदगुदी सी होने लगी. मेरा मन उसे चोदने के ख्याल आने लगे.


मैं जैसे ही अपने हाथ से धागा पीछे को खींचता तो हल्का सा उसकी चूचियों को टच कर देता.


मुझे मजा आने लगा और मेरा लंड खड़ा हो गया. अब मैंने अपना दूसरा हाथ उसकी कमर के बगल से निकाल कर उसकी चूत के पास से धागा पकड़ लिया.


अब मैं जब भी धागा खींचता, तो उसकी चूचियों और चूत को टच कर देता.


शायद उसे भी मज़ा आने लगा था. वो भी बीच बीच में अपनी गांड मेरे लंड से टच कर देती.


इस हरकत से मेरी हिम्मत बढ़ गई और मैंने अपने एक हाथ से उसकी चूची को पकड़ कर दबा दिया.


वह बोली- राज, यहां पर सेफ नहीं है. और वह मुझसे छूट कर अलग हो गई.


हम दोनों एक दूसरे को देख कर मुस्कुरा रहे थे.


कुछ देर बाद उसकी मम्मी ने आवाज लगाई और दिशा चली गई.


एक घंटे बाद दिशा की मम्मी हमारे घर आईं और मेरी मां से बोलीं- मेरी मां (यानि दिशा की नानी जी) की तबीयत बहुत खराब हो गई है. मैं और दिशा के पिता उन्हें देखने जा रहे हैं. दिशा के पेपर होने के कारण हम उसे साथ लेकर नहीं जा सकते हैं. उसे अकेले छोड़ कर जा रहे हैं. आप उसका ध्यान रखना.


यह बोल कर वो वहां से चली गईं और अपने जाने की तैयारी करने लगी.


कुछ देर बाद अंकल आंटी चले गए. यह सब मैं छत से देख रहा था.


उनके जाते ही दिशा मेरे घर आई और मेरी मां से बोली- आंटी, राज कहां है? उसे बुला दीजिए … मुझे उससे कुछ काम है. माँ ने मुझे आवाज लगाई तो मैं नीचे आया.


दिशा मुझे देख कर हल्का सा मुस्कुराई. मैं समझ गया कि क्या काम है.


उसने कहा- राज, मेरे घर आना … जरा काम है. मैं उसके पीछे पीछे उसके घर चला गया


उसके घर में आते ही मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया और गालों पर किस करने लगा. वह भी किस करने लगी.


एक दूसरे को चुंबन करते करते ही मैंने उसे अपनी गोद में बैठा लिया.


उसकी मुलायम रुई जैसी गांड मेरे लंड से लगते ही मेरा लंड खड़ा हो गया, मेरे शरीर में करंट सा दौड़ने लगा. मैंने उसे कस कर पकड़ लिया और उसके सूट के ऊपर से ही उसके मम्मों को दबाने लगा.


हमारा किस गालों की जगह होंठों पर चलने लगा. मैंने उसकी चूत पर हाथ रखा तो उसकी चूत से पानी निकल रहा था. यूं ही एक दूसरे को किस करते और अंगों से छेड़छाड़ करते हुए ही हम दोनों को पता ही नहीं चल सका कि कब हमने अपने कपड़े उतार दिए.


अगले कुछ ही पलों में मैं अंडरवियर में रह गया था और वो सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी. उसकी ब्रा और पैंटी काले रंग की थी और उसके सफेद जिस्म पर कयामत ढहा रही थी.


मैंने उसकी ब्रा को खोला तो उसके बड़े-बड़े मम्मे मेरे सामने फुदकने लगे थे. उसके मम्मे देख कर कोई कह ही नहीं सकता था कि वो 11वीं की छात्रा है. दूसरी तरफ वो भी मेरा लंड ऊपर से सहला रही थी.


इतने में उसने कहा- राज मेरा आज पहली बार है. वह सील पैक माल थी.


उसने मुझसे पूछा- क्या तुमने कभी किया है? मैंने कहा- नहीं, मेरा भी पहली बार है.


उसने पूछा- तुम्हें पता है कि कैसे करते हैं? मैंने कहा- हां, मैं रोज पोर्न देखता हूं मुझे पता है कि कैसे करते हैं.


उसने कहा- मुझे भी पहले पोर्न देखना है कि कैसे करते हैं. मैंने अपना फोन को उसकी टीवी से कनेक्ट का दिया और उसमें पोर्न मूवी लगा दी.


मैंने उससे कहा कि जैसे इसमें होता है, हम भी वैसे ही करेंगे. तो उसने हामी भर दी.


अब टीवी पर चुदाई की वीडियो चलना शुरू हो गई. एक लड़की आई और लड़के को किस करने लगी.


दिशा भी मुझे किस करने लगी. कुछ 5 मिनट तक किस करने के बाद लड़की अपने घुटनों के बल बैठ गई और उस लड़के का लंड चूसने लगी.


दिशा भी मेरा लौड़ा चूसने लगी. मेरा 7 इंच लम्बा लंड उसके गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होंठों से लड़ने लगा.


वो मस्ती से मेरा लौड़ा चूसने लगी. मुझे जन्नत का मजा आने लगा.


मुझे लंड चुसवाने में इतना मजा आ रहा था कि जल्द ही मेरा वीर्य उसके मुँह में ही निकल गया. मेरे कहने पर उसने सारा वीर्य पी लिया.


वीर्य निकल जाने के बाद भी वह मेरा लंड चूसती रही. मैंने वीडियो में देखा तो लड़का लड़की की चूत चाट रहा था.


तो मैंने भी अपनी पड़ोसन को बेड पर लिटाया और उसकी पैंटी खोल दी. मैं उसकी चूत देखते ही रह गया.


उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था और उसकी चूत हल्की सी गुलाबी रंग की थी, जिसमें से पानी निकल रहा था.


मैंने उसकी चूत चाटना शुरु की तो मुझे पानी का स्वाद खारा सा लगा. लेकिन मुझे अच्छा लगा.


अब मैं चूत चाटने लगा, तो मेरा दिमाग चला और अब हम 69 पोजीशन में आ गए. अब मैं उसकी चूत चाट रहा था और वो मेरे लंड चूस रही थी.


करीब दस मिनट तक हमारा ऐसे ही चलता रहा.


इसी बीच मेरी मां का फोन आया और उन्होंने मुझे घर आने को बोला. दिशा ने बड़ी ही चालाकी से कहा- मुझे अकेले डर लग रहा है. आप राज को आज रात मेरे ही घर पर रहने दो.


मेरी मां मान गईं और फोन काट दिया.


मैं दिशा की इस चालाकी से बहुत खुश हुआ और मैं उसे किस करने लगा.


इसी बीच वो बोली- अब रहा नहीं जा रहा है राज … तुम अपनी तलवार मेरी म्यान में घुसेड़ दो. उसके मुँह से ऐसी बात सुन कर मैं हैरान हो गया.


मैंने उसे बेड पर सीधा लिटाया और चूत के मुँह पर अपना लंड रख कर एक जोर से धक्का लगा दिया.


मेरे लंड का सुपारा उसकी चूत में चला गया. मेरा ढाई इंच मोटा टोपा उसकी चूत में घुसा तो वो एकदम से चिल्ला पड़ी और मुझे धकेलने लगी.


पर तभी मैंने एक और धक्का दे दिया. मेरा आधा लौड़ा उसकी चूत में चला गया.


मैंने देखा कि उसकी आंखों से आँसू आने लगे थे. वह रोने लगी तो मैं रुक गया और उसके ऊपर लेट गया.


करीब दस मिनट बाद उसने अपनी आंखें खोलीं और मुझे एक झापड़ दे मारा. उसने कहा- मैं मर गई मुझे दर्द हो रहा है … ऐसे भी कहीं करते हैं? मैंने कहा- जान ये पहली बार है, इसलिए दर्द हुआ.


ये कह कर मैंने एक और धक्का दे दिया. मेरा 7 इंच लम्बा लौड़ा पूरा उसके अन्दर चला गया.


वह फिर से चिल्ला पड़ी. कुछ देर तक मैं ऐसे ही उसके ऊपर लेटा रहा.


थोड़ी देर बाद वह नीचे से अपनी गांड हिलाने लगी, तो मैं समझ गया कि इसका दर्द खत्म हो गया है. मैंने भी धीरे धीरे धक्के लगाना शुरू कर दिया.


बीस मिनट तक झटके मारने के बाद मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हूं. मैंने उससे कहा कि मैं झड़ने वाला हूँ!


वह बोली- मेरी चूत में अपना वीर्य नहीं निकालना …. नहीं तो मैं प्रेगनेंट हो जाऊँगी! मैंने कहा- फिर कहां निकालूँ? उसने कहा- मेरे मुँह में.


यह सुन कर मैं जल्दी से खड़ा हुआ और उसके मुँह में अपना लंड पेल दिया. मैं उसके मुँह में झड़ गया.


वर्जिन पुसी सेक्स के बाद मैं बहुत थक गया था इसलिए उसे हग करके सो गया.


जब मेरी आंख खुली तो रात के दस बज रहे थे. मैं नंगा ही था.


मैंने देखा कि दिशा कमरे में नहीं है, वो रसोई में कुछ बना रही थी.


मैं उठा और रसोई की तरफ चला गया. मैंने देखा कि वो भी नंगी ही रसोई में काम कर रही है.


मैंने अन्दर जाकर उसकी गांड पर एक चमाट मारी. वो चिहुँक उठी.


मैंने उससे कहा- क्या कर रही हो? उसने कहा कि यार बड़ी भूख लग रही थी तो मैं मैगी बना रही हूँ.


मैंने कहा- भूख तो मुझे भी लगी है. उसने कहा- तुम कमरे में बैठो, मैं अभी मैगी लेकर आती हूं.


मैंने कहा- साथ में तेल भी लेते आना. उसने कहा- तेल किस के लिए?


मैंने कहा- वो बाद में बताऊंगा. कुछ देर बाद वो कमरे में मैगी लेकर आई.


जब वो आ रही थी तो मैंने देखा कि वह ठीक से चल नहीं पा रही है और उसकी चूत भी सूजी हुई है.


मैंने उससे कहा- क्या हुआ? उसने कहा कि चूत में बहुत दर्द हो रहा था और इसमें से खून भी निकल रहा था.


हम दोनों ने मैगी खाई.


उसने पूछा- तेल किस काम के लिए मंगाया था? मैंने कहा- सामने टीवी में देखो.


टीवी में पोर्न वीडियो चल रही थी, जिसमें लड़का लड़की की गांड मार रहा था. मैंने कहा कि अब मेरा गांड मारने का मन है.


उसने मुझे मना करते हुए कहा- नहीं, मुझे आगे ही बहुत दर्द हो रहा है, पीछे करोगे तो और ज्यादा दर्द होगा. तब भी तुम कल गांड मार लेना.


मैंने कहा- नहीं, आज ही करना है. दर्द का मामला एक ही दिन में खत्म करो, फिर कल से मजा आएगा.


कुछ देर तक मनाने के बाद वह मान गई. मैंने उसे उल्टा लेटने को कहा और उसकी गांड पर पूरी तेल की शीशी पलट दी.


उसके बाद मैंने उसके छेद में भरपूर उंगली चला कर गांड के छेद को खोल दिया. उसके बाद अपने पूरे लौड़े पर भी तेल लगा दिया.


मैंने उसे घुटनों के बल चौपाया की तरह बनने के लिए कहा. वह घोड़ी जैसी हो गई, तो मैंने देखा कि उसकी गांड एकदम मुलायम सफेद दूध जैसी और बिना बाल की थी. ऊपर से उसकी गांड पर तेल लगा था.


वो एकदम कड़क माल जैसी घोड़ी लग रही थी. वह मैंने उसकी गांड पर एक थप्पड़ मारा तो वो आह करती हुई उचकी. मेरी पांचों उंगलियां उसकी गांड पर छप गईं.


मैंने उसे गांड ढीली करने के लिए कहा और मैंने अपनी बीच की उंगली उसकी गांड में घुसाने की कोशिश की.


मेरी उंगली नहीं जा रही थी. उसकी गांड सच में बहुत टाइट थी.


मैंने धीरे-धीरे करके उसकी गांड का छेद थोड़ा बड़ा किया और तेल की बोतल का मुँह उसकी गांड में फिट कर दिया जिससे बचा हुआ तेल भी उसकी गांड में चला गया और उसकी गांड थोड़ी चिकनी हो गई.


अब मैंने अपने लंड का टोपा उसकी गांड पर रखकर एक जोर का झटका मारते हुए अपना आधा लंड उसकी गांड में डाल दिया.


गांड में तेल लगा होने के कारण लंड अच्छी तरह से फिसलता हुआ उसकी गांड में चला गया. वह आह करके चीख उठी.


मैं उसका मुँह बंद करके दूसरा झटका दे दिया. इस बार के झटके में मैंने पूरा लंड उसकी गांड में डाल दिया और उसकी गांड मारने लगा.


वह कुछ डर चीखती रही मगर बाद में शांत हो गई.


अब मुझे उसकी गांड बजाने में बहुत मजा आ रहा था.


मैंने उसे घोड़ी बनाकर करीब बीस मिनट तक चोदा होगा. उसके बाद मैंने अपना सारा माल उसकी गांड में ही छोड़ दिया.


फिर अलग होकर मैंने उससे कहा- अब तुम घर में कहीं भी जाओगी तो घुटनों के बल जाना, जिससे तुम्हें दर्द नहीं होगा. वह हंस दी.


उस रात हमने 5 बार सेक्स किया और नंगे ही सो गए. अब हमें जब भी मौका मिलता है, तो हम दोनों सेक्स कर लेते हैं.


आपको वर्जिन पुसी सेक्स स्टोरी कैसी लगी, मुझे इस आईडी पर मैसेज करें. [email protected]


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