मैंने अपनी बीवी को पुलिस वालों से चुदवाया

साकिल 5

19-04-2024

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देसी वाइफ पुलिस सेक्स कहानी में मैंने plan बना कर अपनी सेक्सी लेकिन देसी बीवी को पुलिस वालों से चुदवा दिया. मैं अपनी बीवी को गैर मर्द से चुदती देखना चाहता था.


दोस्तो, मेरा नाम समीर है. मैं 28 साल का हूँ और मुंबई से हूँ.


मेरी वाइफ का नाम अंजुम है. उसकी उम्र 24 साल है.


हमारी शादी को 6 साल हो गए हैं.


मुझे सेक्स कहानियां और वीडियो में बहुत पहले से ही दिलचस्पी थी. मैं रोज इंटरनेट पर सेक्सी स्टोरी पढ़ता था.


उसमें भी पत्नी अदल बदल कर चुदाई वाली कहानियां मुझे बहुत अच्छी लगती थीं. जब मैं कभी अंजुम के साथ में सोता, तो मन में सोचता कि काश इसे भी कोई चोदे और मैं अपनी आंखों से देखूं.


यह देसी वाइफ पुलिस सेक्स कहानी इसी विषय पर है.


एक दिन मैं अपनी गर्लफ्रेंड को घुमाने ले गया था. मैं आपको बता दूं कि मेरी बीवी के अलावा एक गर्लफ्रेंड भी हैं. उसका नाम सबीना है.


सबीना देखने में खूबसूरत है. उसकी उम्र 22 साल है.


उस दिन हम लोग जुहू से घूम कर वापस आ रहे थे. रास्ते में हमारी गाड़ी खराब हो गई.


मैंने गाड़ी को साइड में लगाया और कोशिश करने लगा कि किसी तरह से गाड़ी सही हो जाए.


हमें गाड़ी साइड में लगाकर खड़े हुए अभी दस मिनट ही हुए थे कि दो पुलिस वाले आ गए. पुलिस वालों की नज़र सबीना पर थी और वे सबीना से बहुत उल्टी उल्टी बात कर रहे थे, जैसे सबीना कोई रांड हो.


उसमें से एक ने पूछा- तुम कहां पर रहती हो … कहां धंधा करती हो और इसके साथ कैसे हो? मैंने पुलिस वालों को हज़ार तरीके से समझाया पर वे नहीं माने.


अंत में मैंने पुलिस वालों को ₹1000 दिया, तब जाकर उन्होंने हमें छुट्टी दी. जैसे ही मैं सबीना को गाड़ी में बैठा कर चलने लगा, तब मेरे दिमाग़ में ख्याल आया कि क्यों न पुलिस का कुछ मजेदार इस्तेमाल किया जाए.


मैं पुलिस वाले के पास गया और उससे उसका नंबर ले लिया. उसने मुझसे पूछा कि तुम मेरा नंबर क्यों ले रहे हो?


मैंने उसे पूरा प्लान समझाया. उसके चेहरे पर भी मुस्कान थी.


फिर मैंने उससे कहा कि सर मैं आपको ₹3000 भी दूँगा. वह मान गया और खुद ही मुझे आगे का प्लान बताने लगा.


वहां से मैं घर पर आया और कुछ देर के लिए अंजुम से बातें करने लगा. उसके बाद अंजुम ने खाना लगाया और हम खाना खाकर सो गए.


सुबह उठकर मैं काम पर चला गया. दोपहर को 3:00 बजे मैंने अंजुम को फोन किया और कहा कि शाम को हमें बांद्रा जाना है शादी में … तुम तैयार रहना. उसने कहा- ठीक है आप टेंशन मत लो.


जैसे ही 8:00 बजे, मैंने अंजुम को कॉल करके पूछा- क्या तुम रेडी हो? उसने हां कहा.


फिर जैसे ही मैं घर पहुंचा, अंजुम तैयार थी. वह ऐसी मस्त लग रही थी मानो कोई नई नवेली दुल्हन हो.


मैंने अंजुम को अपनी गाड़ी में बैठाया और बांद्रा की तरफ रवाना हुआ. हालांकि कोई शादी की दावत नहीं थी, मैंने अंजुम से झूठ कहा था.


हम दोनों बांद्रा घूम कर वापस आ रहे थे. अंजुम को मुंबई के बारे में बहुत कम जानकारी थी. वह अक्सर घर में ही रहा करती थी. वह जल्दी कहीं बाहर नहीं निकलती थी. मुंबई की गलियों से वह वाकिफ़ नहीं थी.


मैंने अपनी जेब से मोबाइल निकाला और झूठ में ही अपने दोस्त को फोन करने लगा.


मैंने कहा- अंजुम, मेरे दोस्त का फोन बंद आ रहा है, अब क्या करें. मैं रात को 11:30 बजे तक बांद्रा हिल रोड पर अंजुम को लेकर घूमता रहा.


अंजुम को गुस्सा आने लगा और उसने कहा- इससे अच्छा है कि हम घर चलें और अपने घर में ही खाना बनाकर खा लेते हैं. ऐसी दावत हमें नहीं चाहिए.


तब मैंने उससे कहा- प्लीज 15-20 मिनट और रुक जाओ. हो सकता है शायद फोन लग जाए … यदि फिर भी नहीं लगेगा तो घर तो है ही है. घर में चल कर खा लेंगे.


वह गाड़ी में टिक कर बैठ गई. अब घड़ी में 12:00 बज चुके थे.


अंजुम ने कहा- अब घर चलो मुझसे इंतज़ार नहीं होता! मैंने कहा- ठीक है.


गाड़ी स्टार्ट करके हम दोनों निकल पड़े. हम कुछ दूर ही पहुंचे थे कि मैंने पुलिस वाले को चोरी से मैसेज कर दिया.


वे लोग मेरी योजना के मुताबिक तैयार थे. जैसे ही हम लोग सी ब्लॉक में पहुंचे, मैंने गाड़ी का पेट्रोल का बटन ऑन कर दिया.


मेरी गाड़ी में पेट्रोल नहीं था. गाड़ी पेट्रोल पर हो गई और झटके से गाड़ी बंद पड़ गई.


अब मैं अंजुम के सामने में गाड़ी स्टार्ट कर रहा था, पर गाड़ी स्टार्ट कैसे होती. गाड़ी में पेट्रोल ही नहीं था; केवल गैस ही थी.


अंजुम ने कहा- अब क्या होगा? वह घबरा गई थी.


कुछ देर बाद मैंने अंजुम को दिलासा देते हुए कहा- अरे टेंशन मत लो, अभी गाड़ी स्टार्ट हो जाएगी, फिर चलते हैं. करीबन 15-20 बार सेल्फ़ लगाने के बाद गाड़ी की बैटरी भी डाउन हो गई.


मैंने कहा- अरे अंजुम, गाड़ी की बैटरी भी डाउन हो गई. अब गाड़ी स्टार्ट नहीं होगी. थोड़ी देर इंतज़ार कर लेते हैं. चालू नहीं होती है, तो हम रिक्शा पकड़ कर घर वापस चलते हैं. यहां से हमारा घर नज़दीक है. उसने कहा- ठीक है.


मैंने ही अंजुम के पास जाते हुए जैसे ही उसे किस किया कि पीछे से पुलिस वाले आ गए.


पुलिस वालों ने सवाल शुरू कर दिए. अंजुम एकदम घबरा चुकी थी.


उसकी आंखों में आंसू आ गए थे. उसके हाथ पैर कांपने लगे थे.


पुलिस वालों ने कहा- इतनी रात को तुम यहां क्या कर रहे हो? मैंने कहा- सर हमारी गाड़ी खराब हो गई … और हम लोग घर जा रहे थे.


उसमें से जो एक पुलिस वाला चालू था, वह अंजुम को ही देख रहा था. अंजुम इतनी खूबसूरत लग रही थी मानो मेरे साथ दुल्हन बैठी हो. हाथों में लाल चूड़ियां, आंखों में गहरा काजल, होंठों पर लाली और हाथ में रेशम का रूमाल.


वह पुलिस वाला अंजुम को ही देख रहा था. उसने अचानक अंजुम से कुछ कड़क स्वर में कहा- तुम कौन हो?


उसने कहा- साब यह मेरे पति हैं. हम लोग शादी में जा रहे थे, पर हमें अड्रेस नहीं मिला … इसलिए हम वापस आ गए. पुलिस वाले ने कहा- झूठ मत बोल … इतनी रात को कौन सी शादी से तुम लोग रिटर्न आ रहे हो. अभी डेढ़ बज रहे हैं. तुमने घड़ी भी देखी है अपनी, मुझे मालूम है कि तुम कौन हो और क्या करती हो?


अंजुम ने उसकी बात को समझते हुए कहा- नहीं नहीं साब, हम दोनों पति पत्नी ही हैं. पुलिस वाले ने कहा- मैं बताता हूँ कि तुम एक रांड हो और इसके साथ चुदवाने आई हो.


यह सुनते ही अंजुम के हाथ पैर ढीले हो गए. वह डर से कंपकंपाने लगी और रोने लगी- नहीं नहीं साब … यह सब सच नहीं है. आप चाहें तो इनसे पूछ लीजिए. हमारी शादी को पाँच 6 साल हो चुके हैं.


पुलिस वाले ने जोर से चिल्लाते हुए कहा- साली झूठ मत बोल … वर्ना दोनों को चौकी में ले जाकर इतना मारूँगा कि दोनों याद रखेंगे.


अब अंजुम और ज़ोर ज़ोर से घबराने लगी और थरथराने लगी. ऐसा लगने लगा जैसे उसने कोई भूत देख लिया है.


अब एक पुलिस वाला उसके पास गया और कहा- सच सच बता … कहां पर धंधा करती है? वह रोने लगी और कहने लगी- नहीं साब मैं कोई रांड नहीं हूँ जो धंधा करती हूँ. मैं इनकी पत्नी हूँ.


इतने में पुलिस वाले ने कहा- सच बता साली. अंजुम की आंखों से आंसू निकलने लगे. वह गिड़गिड़ा कर कहने लगी- नहीं साब … मैं रांड नहीं हूँ … मैं इनकी पत्नी हूँ.


तभी एक पुलिस वाले मुझे अलग ले गया और पूछने लगा. मेरे हामी भरने पर वह अंजुम से सवाल जवाब करने लगा.


अंजुम इतनी घबरा चुकी थी कि मैं आपको बता नहीं सकता. वह पुलिस वाला अब अंजुम के पास गया और सीधा उसके दूध पर हाथ रखकर ज़ोर से दबाते हुए बोला- बता मादरचोद, कहां धंधा करती है?


अंजुम को तो मानो होश ही नहीं रहा था. जब उसके सीने पर पुलिस वाले ने हाथ रख दिया तो वह एकदम सुन्न हो चुकी थी.


पुलिस वाला उससे पूछ रहा था कि बता कहां रहती है. वह बोलने के भी लायक नहीं थी क्योंकि उसके सीने पर पुलिस वाले का हाथ जमा हुआ था और उसने अपने हाथ से उसके दूध को जकड़ कर रखा था.


वह लगातार पूछ रहा था कि बता साली कहां रहती है? कुछ देर बाद पुलिस वाले ने कहा- तू ऐसे नहीं मानेगी. तुझे ले जाकर जेल में रखूँगा और वहीं सब पुलिस वाले तुझे चोदेंगे, तब तुझे पता चलेगा.


यह सुनते ही अंजुम पागल हो गई और कहने लगी- श…साब … सब बताती हूँ. उसने घर का पूरा पता बता दिया.


तब पुलिस वाले ने कहा- अब तुझे मैं घर पर आकर मिलूँगा. तुम लोग वहीं रहते हो या नहीं … यह बाद में पता चलेगा. एक बात याद रखना … अगर तुम्हारा पता ग़लत निकला तो देख लेना, तेरी मां चोद दूंगा. यह कह कर उसने अंजुम के दूध को जोर से दबाते हुए उसे मेरी तरफ धक्का दे दिया.


अंजुम कुछ ना कर पाई. फिर वह गाड़ी की फ्रंट सीट पर बैठ गई और मैंने किसी तरह से गाड़ी स्टार्ट करने का ड्रामा किया और उसे लेकर घर पर आ गया.


उस रात अंजुम रात भर नहीं सो पाई. सुबह जब मैं काम पर जाने लगा.


तब अंजुम ने मुझसे कहा- आज काम पर मत जाओ. मेरा दिल घबरा रहा है. बस तुम मेरे पास बैठे रहो. मैं अंजुम को दूसरी बातों में बहलाने लगा मगर अंजुम रात वाली बात को नहीं भूल रही थी.


शाम को 4:00 बजे उस अफ़सर का फोन आया. उसने कहा- हम तुम्हारे घर आ रहे हैं.


तब मैंने पूछा सर आप कितने लोग हो? उसने कहा- हम दो लोग हैं.


मैंने यह बात अंजुम को बताई तो वह फिर से पागल हो गई और उसके हाथ पैर कांपने लगे.


वह मुझसे कहने लगी कि अब क्या होगा? मैंने कहा- चुप रहो, अब आगे जो होगा देखा जाएगा. वर्ना वह लोग हमें जेल में ले जाकर हमारे साथ बहुत बुरा करेंगे.


अंजुम एकदम घबराई हुई थी. शाम 7:00 बजे दो ऑफीसर हमारे घर पहुंचे.


अंजुम खाना बना रही थी. तब मैंने उससे कहा कि पुलिस वाले लोगों के लिए चाय बनाओ.


उसने चाय बनाई और पुलिस वाले को चाय दी. उन दोनों ने चाय पी और अंजुम को बुला का कहा- यहां आओ … तुम जानती हो … अगर मैं चाहता तो कल तुम्हें हवालात लेकर जा सकता था, पर नहीं लेकर गया.


अंजुम ने कहा- आपका बहुत-बहुत शुक्रिया. उसने कहा- इसके बदले में मुझे कुछ चाहिए.


अंजुम शॉक हो गई और उसने हैरानी से पूछा कि अब आपको क्या चाहिए … पैसे तो मेरे पति ने आपको दे ही दिए हैं. दूसरा ऑफीसर बोला- ऐसे केस में हमें पैसा नहीं, मुजरिम को हाजिर करना रहता है.


उसने जेब में से मोबाइल निकाला और रिकॉर्डिंग सुनाने लगा, जिसमें उसके बड़े पुलिस वाले ने कहा था कि दोनों को लेकर आओ और चौकी में जमा करो. अंजुम ने इतना सुना तो उसके माथे पर पसीना आने लगा.


उसने कहा- अब क्या होगा? तब दूसरे ऑफीसर ने कहा- तुम मेरे पास बैठो.


अंजुम उसके पास बैठ गई और बोली- अब क्या करें, मैं तो बहुत मुसीबत में फँस गई … प्लीज़ सर आप ही कुछ निकालने का रास्ता बताओ न! ऑफीसर ने कहा कि आज की रात हमारे नाम कर!


अंजुम ने कहा- मैं नहीं समझ पाई! तब ऑफीसर ने कहा कि हमने तुम्हारे पति को सब समझा दिया है. वह तुम्हें बता देगा.


अब अंजुम मेरे पास आई और कहने लगी कि यह क्या मसला है? मैंने अंजुम को समझाया- देख अंजुम अगर यह हमें उठाकर ले जाएंगे तो तुम कुछ नहीं कर पाओगी … और ना ही मैं कुछ कर पाऊंगा. भलाई इसी में है कि आज रात इन दोनों के साथ में जाकर सो जा … नहीं तो यह दोनों उठाकर हम दोनों को जेल में डाल देंगे. फिर वहां मैं कुछ भी नहीं कर पाऊंगा. अब जो कुछ भी है, तेरे हाथ में है.


अंजुम तो जैसे पागल ही हो गई और एक कोने में बैठ गई. उससे ऑफीसर ने कहा- क्या हुआ?


अंजुम कुछ भी जवाब नहीं दे रही थी. तब ऑफीसर ने कहा- इन दोनों को उठाओ और लेकर चलते हैं.


तब अंजुम ने कहा- ठीक है साब, मैं तैयार हूँ. उसने अपने कपड़े बदले और ऑफीसर से कहा कि अब मुझे क्या करना होगा?


ऑफीसर ने कहा- तुम्हें कुछ नहीं करना है. जो करना है, वह हमें करना है. ऑफीसर मेरी वाइफ को उठाकर अन्दर वाले कमरे में ले गया और बेड पर लेटा दिया.


अंजुम बेड पर लेटी थी. एक ऑफीसर इस साइड से, दूसरा ऑफीसर दूसरी साइड से.


एक मेरी औरत के दूध को बहुत ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था और दूसरा ऑफीसर मेरी औरत की सलवार में हाथ डालकर उंगली अन्दर बाहर कर रहा था. यह देखकर मेरा लंड फन उठा रहा था.


अंजुम कुछ नहीं बोल रही थी. वह चुपचाप तमाशा देख रही थी.


ऑफीसर ने अंजुम के ऊपर का कपड़ा निकाल दिया. अब वह सिर्फ़ चोली और सलवार में ही थी.


ऑफीसर ने उसकी सलवार को भी निकाल दिया. अब अंजुम दो कपड़ों में रह गई थी.


एक ऑफीसर ने उपर से उसकी चोली का हुक खोलकर चोली को भी निकाल दिया. दूसरे ऑफीसर ने धीरे से उसके नीचे से चड्डी भी खिसका दी.


अब अंजुम एकदम नंगी उन दोनों ऑफीसर के सामने पड़ी थी.


एक ऑफीसर खड़ा होकर अंजुम के मुँह में लंड डालकर बोला- लंड चूस!


अंजुम उसका लंड चूसने लगी और दूसरा ऑफीसर अंजुम के सीने पर आकर अंजुम के दूध को अपने दाँतों से काट रहा था. जो अपना लंड चुसवा रहा था, उसने अंजुम की टांगों के बीच में आकर अपना लंड अंजुम की चुत पर रख दिया और एक जोरदार धक्का दे दिया.


इससे अंजुम इतना ज़ोर से चिल्लाई, मानो उसकी चुत में किसी ने गर्म लोहे के सलाख घुसेड़ दी हो.


पुलिस वाला अंजुम को दबोचे हुए उसे चोदता रहा.


कुछ देर बाद अंजुम को भी शायद पुलिस वाले के बड़े लंड से चुदने में मजा आने लगा था. वह भी मस्ती से चुदवाती रही.


कुछ देर बाद दूसरे पुलिस वाले ने उसकी चुदाई की.


वे दोनों पुलिस वाले सारी रात मेरे ही कमरे में मेरे ही बिस्तर पर मेरी ही बीवी के साथ चुदाई करते रहे और मैं वहां खड़ा होकर देखता रहा.


मुझे अपनी बीवी की चुदाई देख कर इतना ज्यादा मज़ा आ रहा था कि मैं क्या बताऊं! उन दोनों ने अंजुम को सुबह 5:00 बजे तक चोदा.


ऐसा लग रहा था कि इन दोनों ने पहले कभी किसी को चोदा ही नहीं हो. उन दोनों ने मेरी बीवी की चुत चोद-चोद कर उसकी हालत खराब कर दी.


अंजुम से चला भी नहीं जा रहा था. फिर वे दोनों सुबह 7:00 बजे उठ कर मेरे घर से ही अपनी ड्यूटी पर चले गए.


उनके जाते ही मेरी बीवी सो गई. करीबन 11:00 बजे उन लोगों का फोन आया.


मैंने फोन उठाया. ऑफीसर ने कहा- अंजुम को फोन दे.


मैंने कहा- बोलो. तब वह ऑफीसर गुस्सा गया और कहने लगा- साले तू अंजुम का फोन देता है कि नहीं?


मैंने अंजुम को फोन दिया. अंजुम बात करने को तैयार नहीं थी, पर क्या करती मजबूरी थी. उसने फोन लिया.


ऑफीसर ने कहा- क्यों रानी रात कैसी गुज़री … मज़ा आया कि नहीं? अंजुम सब बातें सुन रही थी और उनकी हां में हां मिला रही थी.


ऑफीसर ने कहा- अंजुम आज रात हम लोग फिर से आएंगे. अंजुम मेरी तरफ देखने लगी और कहने लगी कि जिस बात का डर था, वही हुआ.


मैंने कहा- क्या हुआ? उसने कहा- वे लोग फिर से रात को आने के लिए कह रहे हैं.


मैंने फोन लिया और कहा- पुलिस वाले अब बस करो. तब पुलिस वाले ने मुझसे कहा- तू चुप रह बीच में मत बोल. हमें हमारा कम करने दे. तू बस अपनी बीवी को रात को तैयार रख.


मैंने मना किया तो उन लोगों ने मुझे डांट दिया. फिर वे दोनों रात को वापस आए और मेरी बीवी के साथ सोने की तैयारी करने लगे.


मैं बाहर खड़ा होकर तमाशा देखने लगा.


वे दोनों रात भर मेरी बीवी को चोदते रहे और मैं चूतियों की तरह बाहर खड़े होकर तमाशा देखता रहा. जब मैं सुबह कमरे में गया तो अंजुम पूरी नंगी बेड पर लेटी थी और वे दोनों अफ़सर भी नंगे थे.


देखने से पता चल रहा था कि उन दोनों ने अंजुम को बहुत बुरी तरीके से चोदा होगा. मैंने उन दोनों को उठाया और कहा कि पुलिस वाले सात बज चुके हैं.


वे दोनों उठे और अपने कपड़े पहन कर जाने लगे. उसमें से एक ऑफीसर ने कहा- यार, तेरी वाइफ बहुत मस्त है. हमारा तो दिल ही नहीं भर रहा है. अब क्या करें जितना तेरी बीवी को चोदते हैं, उतना ही अच्छा लगता है. बहुत नमकीन है तेरी बीवी.


उसने अंजुम के सीने पर हाथ लगाया और ज़ोर से दबा दिया. फिर कहा- देख कितना मज़ा आता है.


वे मेरी बीवी को मेरे सामने हाथ लगा रहे थे और मैं कुछ न कर पा रहा था. मेरी देसी वाइफ पुलिस सेक्स के बाद जैसे मानो की बेहोश भी पड़ी रही.


ऑफीसर जैसे ही जाने लगे, तब उसमें से एक ऑफीसर ने मुझसे कहा कि हो सकता है आज रात हम फिर से आएं. अब मैं परेशान हो गया.


इस तरह से लगभग एक महीने तक उन लोगों ने मेरी वाइफ को मेरे ही घर में मेरे ही बिस्तर पर चोदा और मैं कुछ ना कर पाया. उन दोनों ने मेरी बीवी को चोद चोद कर रांड बना दिया.


अब तो मेरी बीवी को उनके लौड़े लेने की आदत पड़ गई. वह उन दोनों से चुदवाने के लिए सहज हो चली थी.


वे दोनों रात को आते और मेरी बीवी के साथ चुदाई करते और सुबह चले जाते. एक महीने तक उन लोगों ने मेरी बीवी को इतना चोदा कि मैं बता नहीं सकता.


आज मेरी बीवी मुझसे चुदवाने से मना करती है. अंजुम कहती है कि मैं उसे अच्छा नहीं लगता. उसे पुलिस सेक्स पसंद है.


उसने तो बातों बातों में यह भी कह दिया- तुम मेरे भाई जैसे हो, क्यों ना तुम मेरे भाई ही बन जाओ. अंजुम मुझसे दूर होने लगी और वह दोनों ऑफीसर के पास होने लगी.


मैं कुछ भी कहता तो अंजुम उसे ऑफीसर को कह देती और वह ऑफीसर लोग मुझे बहुत गुस्सा करते और मारने की धमकी देते.


एक दो बार तो अंजुम उनके साथ में लॉज में भी गई. अब जब भी उनका मन करता, तब वे अंजुम को लॉज में बुला लेते.


मेरी एक ग़लती की वजह से इतना बड़ा नुकसान हो गया. मैं समझ भी नहीं पाया. अपनी अनर्गल इच्छा को पूरा करने के चक्कर में मुझे अपनी बीवी को बहन बनाना पड़ गया और मेरी जिन्दगी बर्बाद हो गयी.


दोस्तो, आपसे गुज़ारिश है कि आप लोग ऐसा काम ना करें, जिसकी वजह से आप लोगों को पछताना पड़े. आज मेरी औरत ही मेरी बहन बन चुकी है. आप लोग ऐसी ग़लती ना करें, जिससे आप लोगों को नुकसान हो.


आपको मेरी देसी वाइफ पुलिस सेक्स कहानी कैसी लगी? अपने विचार मुझे बताएं. [email protected]


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