दोस्त की खूबसूरत सेक्सी वाइफ- 3

राजेश शर्मा 2

19-01-2022

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फ्रेंड वाइफ सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि कैसे मैंने एक रात अपने दोस्त के घर में उसकी गर्म बीवी की चुदाई करते हुए बितायी. मैंने उसे हर तरह से चोदा.


इस गर्म कहानी के पिछले भाग दोस्त की नंगी पत्नी के साथ बेड पर में आपने पढ़ा कि मुझे मेरे दोस्त की सेक्स से भरी पत्नी के साथ मजा करने का मौक़ा मिल गया था. हम दोनों नंगे बेड पर थे.


अब आगे फ्रेंड वाइफ सेक्स स्टोरी:


क्षिति के बूब्स मेरे सामने नंगे थे. मैं क्षिति के बूब्स को चूसने लगा और दबा भी रहा था. क्षिति अपना हाथ मेरे सर पर रखकर अपने वक्ष पर दबा रही थी और वह वासना भरी सिसकारियां ले रही थी.


कुछ देर बाद मैंने अपना एक हाथ से नीचे करके उसकी पैंटी के ऊपर से उसके चूत के दाने को मसल दिया.


बड़ी उत्तेजना से उसने मुझे मेरी पीठ पर रखे हाथ से दबोच लिया.


अब मैं ज्यादा देर न करते हुए उसकी पैंटी को अंदर हाथ डालकर उसकी चूत को मसलने लगा जिससे वह बेकरार हो गयी और मुझे और जोर से किस करने लगी.


अब मेरे लिए खुद को रोक पाना बहुत मुश्किल था क्योंकि मेरा लंड भी पूरा टाइट हो चुका था. मैंने जल्दी ही उसकी पेंटी को उसके शरीर से अलग कर दिया और मैं उसके ऊपर आ गया.


उसने भी जल्दी ही अपनी दोनों टांगें फैला दी. मैं समझ गया था कि लोहा गर्म है और मुझे बस आगे बढ़कर चोट मारनी है.


मैं जल्दी से उसकी टांगों के बीच में आकर अपने लंड को उसकी चूत पर रगड़ने लगा जिससे वह और बेकरार होकर मुझे अपनी ओर खींचने लगी.


अपना लंड मैंने उसकी चूत पर रख कर हल्का सा जोर लगाया तो उसने अपनी गांड उठा कर लंड अपने अंदर लेना चाहा. मैंने देखा कि वह बेकरार हो रही है इसलिए मैंने जल्दी से एक जोर का झटका मारा और मेरा पूरा लंड उसकी चूत में चला गया.


उसके बाद मैंने एक दो झटके तो धीरे-धीरे मारे लेकिन फिर जब देखा कि मेरे झटको को एंजॉय कर रही थी तो मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी.


अब मेरे झटके जोर जोर से लग रहे थे. इस पर क्षिति करहाने लगी और अपनी मुंह से अजीब अजीब आवाजें निकालने लगी, मुझे बोलने लगी- राज, और जोर से … हाँ और जोर से … उम्म्ह मजा आ रहा है …. जोर से राज! और मुझे जोर से पकड़ कर अपनी ओर खींचने लगी.


मैंने भी समय देखते हुए उसके गालों पर किस करना शुरू कर दिया. लेकिन नीचे मेरे झटके वैसे ही चालू थे.


मैं उसके बूब्स को पकड़कर बेरहमी से मसल रहा था. उसे दर्द होने के बाद भी मेरा साथ दिए जा रही थी.


मैं उसके बालों को पकड़ पकड़ कर झटके मारे जा रहा था लेकिन फिर भी वह पीछे ना होकर मेरा साथ जैसे तो तैसा की तर्ज़ पर मुझे चुदाई का पूरा मजा दे रही थी.


इस तरह करीबन 20 मिनट हमारी चुदाई का कार्यक्रम चला जिसमें मैंने उसे और उसने मुझे पूरी तरह संतुष्ट किया.


अब मैंने कहा- क्षिति डिअर … मेरा निकलने वाला है! इस पर उसने कहा- अंदर ही डाल देना. मैं बाद में गोली खा लूंगी.


तब मैंने ताबड़तोड़ 10-12 झटके जोर जोर से मारे. वह भी अपनी चूत को कसते हुए अपना ढेर सारा पानी निकालने लगी.


मैंने भी अपना सारा वीर्य उसके चूत में ही छोड़ दिया और उसके ऊपर निढाल होकर गिर गया.


और हम लोग वैसे ही हाम्फते हुए एक दूसरे से चिपके करीब 15 मिनट पड़े रहे. हम काफी थक चुके थे.


थोड़ी देर के बाद मैं क्षिति के ऊपर से उठा और उसकी बगल में लेट गया.


उसके बालों को सहलाते हुए बातें करने लगा और पता ही नहीं चला कि हम दोनों कब सो गए.


सुबह जब मैं उठा तो वह अपना एक पैर मेरे पैर के ऊपर रखे हुए थी. उसका एक स्तन मेरी छाती के ऊपर टिका हुआ था, मेरा हाथ उसकी पीठ पर था और उसके बाल बिखरे हुए थे.


मैंने उसके माथे पर एक किस किया तो वह भी जाग गई.


अब हम दोनों उठकर बेड पर टिक कर बैठ गए और रात के बारे में बात करने लगे.


उसने चादर अपने बूब्स के ऊपर तक ले ली थी. उसके बाल अभी भी बिखरे हुए थे, उसका सिंदूर उसके माथे पर हल्का फ़ैल गया था जो इस बात की गवाही दे रहा था कि रात को हमने बहुत इंजॉय किया था.


कुछ देर बात करने के बाद हम दोनों ने एक दूसरे को स्मूच किया.


वह बोली- मैं कॉफ़ी बना कर लाती हूं. और उठने लगी.


उसने अपने बालों को समेटकर जूड़ा बना लिया और अलमारी से नाइटी निकालने लगी. जिस पर मैंने कहा- अब नाइटी तो मत पहनो! तो वह हंसती हुई किचन की ओर नंगी ही चली गई.


मैं टीवी चालू करके टीवी देखने लगा.


रात को हम लोग काफी लेट आए थे इसलिए चुदाई का एक दौर ही हुआ था हमारे बीच!


कुछ समय बाद वह दो कप कॉफी बना लाई. अभी भी मैंने और उसने कोई कपड़े नहीं पहने थे.


हम दोनों एक ही चादर में बैठकर कॉफी पीने लगे.


कॉफी पीने के बाद मैंने हंसते हुए इशारा किया- एक और राउंड? जिस पर उसने अपनी शक्ल पर मुस्कान लाते हुए अपनी गर्दन हिलाकर हामी भर दी.


मैं बेड पर टिक पैरों को फैलाकर बैठा हुआ था.


क्षिति तुरंत मेरे पैरों पर दोनों तरफ पैर डाल कर बैठ गई. उसकी चूत मेरे दोनों पैरों के बीच मेरे लंड पर आ गयी.


वह मेरे सीने पर किस करने लगी और मैं उसके बालों को सहलाने लगा. मैं उसकी लटों को चेहरे से पीछे की ओर करने लगा. उसके चेहरे को मेरे सीने पर दबाने लगा.


उसके बूब्स मेरे पेट पर दब रहे थे और उसकी पीठ को मैं सहला रहा था.


धीरे धीरे क्षित मुझे किस करते हुए नीचे की ओर जाने लगी और मेरे पेट से होते हुए मेरे लंड तक पहुंच गई.


वह मेरे लंड को अपने हाथों में लेकर मुठ मारने लगी. अब मेरा लंड टाइट हो चुका था. मैं उसके पेट और गाल को सहला रहा था और अपने लंड पर रगड़ रहा था.


कुछ देर बाद क्षिति ने मेरे लंड के टोपे को अपनी जीभ से चाटना आरम्भ कर दिया. मैं भी उसके सर को अपने लंड पर दबाव दे रहा था ताकि वह मेरे लंड को पूरी तरह अपने मुंह में ले ले.


आखिर हुआ भी यही … धीरे-धीरे मेरा पूरा लंड उसके मुंह में चला गया. और वह तो मानो किसी लॉलीपॉप की तरह मेरे लंड को चूसने लगी.


अब मेरा लंड पूरी तरह टाइट हो चुका था. मैंने क्षिति के चेहरे को उठाया और उसे इशारा किया कि वह मेरे लंड पर बैठ जाए.


उसने यही किया, वह जल्दी से मेरे लंड के ऊपर बैठ गई और एक ही बार में मेरा पूरा लंड अपनी चूत में भर लिया.


मैंने भी उसे उत्साहित करने के लिए उसके दूध को दबाना चालू कर दिया. वह धीरे-धीरे मेरे लंड पर कूद रही थी और मुझे मजा दे रही थी. और शायद इतना ही मजा उसे भी आ रहा था.


अब वह जोर-जोर से मेरे लंड पर कूदने लगी, वो मेरा लंड अंदर बहर करने लगी. उसकी स्पीड से मुझे लग रहा था कि उसे काफी मजा आ रहा है.


करीब 5 – 7 मिनट उसने ऐसा ही किया. उसके बाद वह ठक कर मेरे ऊपर से उतर गई और लेट गई.


अब मेरी बारी थी, मैं उसकी दोनों टांगों के बीच आया उसके पैरों को हवा में करके मैंने अपना लंड उसकी चूत पर सेट किया. तब मैंने जोर से धक्का मारा जिस पर वह हल्का पीछे हुई. लेकिन उसने हंसते हुए मुझे इशारा किया- चालू रखो!


मैंने भी उसके पैरों को पकड़ कर अपने धक्के चालू कर दिए और अपनी स्पीड बढ़ा दी.


वह हमारी धमाकेदार चुदाई थी जिसमें मैंने उसके पैरों को हवा में किया हुआ था.


करीब पांच सात मिनट ऐसे ही चोदने के बाद मैं उसके ऊपर गिर गया और अपने लंड को अंदर-बाहर करने लगा. ऐसे ही करते करते उस्मने अपने पैरों को मेरी कमर पर एक नागिन की तरह लपेट लिया और मैंने अपना चुदाई का कार्यक्रम जारी रखा.


करीब 20 मिनट हमारी चुदाई चली. इस बार मैंने उससे बिना पूछे ही अपना वीर्य उसकी चूत में डाल दिया. वह भी जानती थी. साथ ही उसे भी चरम आनन्द की प्राप्ति हो गयी और उसकी चूत से पानी निकल कर उसकी गांड तक बहने लगा.


फिर हम वैसे ही लेट गया और मेरा लन्ड धीरे धीरे उसकी चूत से निकलने लगा. 5 मिनट बाद मैं उसके साइड में लेट गया.


साथ ही वह मेरे ऊपर आ गई और हम दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगे. हम दोनों एक दूसरे को किस कर रहे थे.


फ्रेंड वाइफ सेक्स के बाद मैं उसकी पीठ, उसकी गांड को सहला रहा था.


कुछ देर बाद वह मेरे बगल में लेट गई और मैं भी उसके वक्ष पर सर रखकर लेट गया. और फिर हम कब सो गए पता ही ना चला! क्योंकि हम रात के 3:00 बजे पार्टी से आए थे.


दूसरी बार सुबह दस बजे मेरी नींद तब खुली जब दरवाज़े को घंटी बजी.


मैं अचानक उठा. क्षिति भी उठी और टाइम देखा.


क्षिति ज़ोर से बोली- भैया आ रही हूं! और मुझसे बोली- तुम यहीं बैठना, दूध वाला भैया है, मैं दूध लेकर आती हूं.


वह उठकर अलमारी से पिंक नाइट सूट की केवल टॉप पहनकर उसका बंध बांधते हुए दूध लेने चली गई.


मैं बिस्तर पर बैठकर उसके बिस्तर को देखने लगा जिसपर उसके रात वाले गजरे टूटकर बिखरे पड़े थे और मुझे अपनी सफलता का इशारा कर रहे थे.


कुछ देर बाद दरवाजा खोलने और बंद करने की आवाज आयी.


फिर 1 मिनट बाद मेरी क्षिति वापस रूम में बेड पर आ गई.


क्षिति अब पिंक कलर के टॉप में बहुत सेक्सी और हॉट लग रही थी.


आते ही क्षिति ने बेड पर चढ़कर अपनी टॉप का बंद खोल दिया और मेरे सामने उसके नंगे बूब्स आ गए.


उसने अपनी टॉप को अपने शरीर से अलग कर दिया. वह मेरे ऊपर गिर गई और मैं उसके होंठों पर किस करने लगा.


उसका हाथ नीचे मेरे लंड पर था जिसे वह सहला रही थी.


मैंने हाथ पीछे करते हुए उसकी पीठ पर हाथ घुमाया और उसके बालों का जूड़ा जो उसने सुबह ही बनाया था, उसे खोल दिया. उसके बाल खुल कर बिखर गए.


हम एक दो मिनट ऐसे ही एक दूसरे को प्यार करते रहे, चुम्मा चाटी करते रहे. फिर मैंने क्षिति से कहा- चलो अब हम नहा लेते हैं. इस पर क्षिति ने कहा- आप जाइए … मुझे नहीं नहाना आपके साथ! क्षिति के चेहरे पर मुस्कान थी.


और मैं जानता था कि उसकी ना में हां है. फिर मैं उठा और क्षिति को अपनी गोदी में लेकर बाथरूम की ओर जाने लगा.


बाथरूम पहुंचकर क्षिति ने दरवाजा अपने हाथों से खोला और मैं उसे लेकर बाथरूम में घुस गया.


बाथरूम में घुसते ही मैंने शावर चालू कर दिया और मैं और क्षिति दोनों शावर के नीचे थे. हम दोनों शावर चालू होते से ही पानी की बूंदों से भीग चुके थे. उसके बाल उसके उसके शरीर से चिपक गए थे और पानी की बूंदें उसे और कामुक बना रही थी.


मैं और क्षिति उसी शावर के नीचे एक दूसरे को प्यार करने लगे.


उसके पूरे शरीर को मैं चूमने लगा जिससे वह मदहोश हो गई. क्षिति बोली- क्यों राज, तुम्हारा जी नहीं भरा मुझसे? मैंने कहा- क्या करूं … तुम चीज ही हो ऐसी कमाल की! और मैं अपने काम में लगा रहा.


कुछ समय बाद मैंने क्षिति को पलटाया और नीचे होकर उसके पैर को फैलाया और मेरा मुंह उसकी चूत के पर रख दिया. अपनी जीभ से उसकी चूत चाटने लगा.


क्षिति को अंदर से बहुत गुदगुदी हो रही थी, वह मुझसे बोल रही थी- राज, तुम यह क्या कर रहे हो? मैंने उसकी कमर को पकड़ रखा था और वह अपने पैरों को चौड़ा करके मुझे उकसा रही थी.


अब मैं उसकी चूत के दाने को बीच बीच में काट भी देता जिससे वह मचल जाती, उससे सहा नहीं जा रहा था.


फिर मैं खड़ा हुआ और उसे झुके रहने दिया. अब मेरा ध्यान उसकी गांड पर था.


मैंने उसकी गांड पर अपना लंड सेट किया. उसने मेरा इशारा समझते हुए अपनी गांड को ढीली छोड़ दिया जिससे मेरा लंड उसकी गांड में जाने के लिए आसानी हो गई.


लंड सेट करने के बाद मैंने दबाव डाला तो क्षिति थोड़ा कसमसा गई. फिर मैंने जोर लगाकर मेरा पूरा लंड उसकी गांड में घुसा दिया.


मैंने गांड में लंड अंदर बाहर करने लगा. हमारे शरीर पर ऊपर से पानी की बौछारें पड़ रही थी जो हमें और रोमांचित कर रही थी.


धीरे-धीरे मेरे झटके तेज होने लगे और क्षिति की सीत्कारें पूरे बाथरूम में गूंजने लगी. वह मुझे बार-बार बोल रही थी- आह … यह क्या कर रहे हो! और जोर से करो … और जोर से करो … हार्ड राज … फक मी हार्ड राज!


उसके हर शब्द के साथ मुझे और जोश आ जाता और मैं उतनी ही तेजी से अपना लंड उसकी गांड में पेल देता.


इस बार हमारा राउंड 20 मिनट तक चला होगा और मेरे आखरी 5-7 झटकों में मैं क्षिति को बोलने लगा- अब मेरा निकलने वाला है! वह भी स्खलित होने की कगार पर थी.


मैंने मेरा वीर्य उसकी गांड में ही छोड़ दिया. फिर मैं अपना लंड निकाल कर खड़ा हो गया.


क्षिति ने नीचे बैठकर मेरे लंड को शावर के पानी से धोया, फिर किस करते हुए चूसने लगी.


फिर हमने खड़े होकर एक दूसरे को चूमा और साथ में नहाकर दोनों बाथरूम से बाहर निकल आये.


मैं बेडरूम में आया और अपने कपड़े पहन लिए. क्षिति अभी भी मेरे सामने तैयार हो रही थी.


उसने अलमारी से ब्लैक ब्रा और पेंटी निकालकर पहनी और उसके ऊपर सलवार सूट पहना. फिर अपने बालों को संवारने के बाद वह बेड पर वापस मेरे साथ आ गई.


हम दोनों लेटे-लेटे बात करने लगे.


दोपहर के 12:30 बजे मैंने क्षिति से विदा ली और रात को आने का वादा कर वहां से निकल गया.


तो दोस्तो, बताइए कैसी लगी आपको यह फ्रेंड वाइफ सेक्स स्टोरी? मुझे मेल जरूर करिएगा. [email protected]


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