नामर्द पति से नाखुश लड़की ने चूत चुदवाई

मयंक गर्ग

25-05-2022

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गरम लड़की एक्स एक्स एक्स कहानी में पढ़ें कि मेरे होटल में एक लड़की एक बुड्ढे के साथ चुदाई करवाने आई. मैंने उसे कैसे सेट करके चोदा?


मैं सहारनपुर का रहने वाला हूँ और एक होटल में नौकरी करता था.


इस होटल में सब अपनी अपनी गर्लफ्रेंड या किसी भी उस लड़की को लेकर आते थे, जिससे उनकी सैटिंग हो जाती थी. वो उसके साथ होटल में चुदाई का मजा लेने आते थे.


यह गरम लड़की एक्स एक्स एक्स कहानी ऎसी ही एक कहानी है.


एक दिन उस होटल का मालिक वहां नहीं था. मैं और एक नौकर जो वहां साफ सफाई करता था, वो ही थे.


शाम का टाइम था. उस दिन ज्यादा भीड़ नहीं थी.


उस समय एक लगभग 55-60 साल का आदमी एक लड़की को लेकर आया.


वो लड़की लगभग 22-23 साल की थी. उसकी आंखें बड़ी कातिल थीं. उस आदमी ने मुझसे रूम की बात की.


मुझे वो लड़की बड़ी मस्त माल लगी. उसे देख मेरा लंड खड़ा हो गया था. उस लड़की की आंखें भी मेरी आंखों में उभरी वासना को समझ गई थीं.


उसी पल उसने मुझे हल्की सी आंख दबा दी. मैं समझ गया कि ये माल मिल सकता है.


मैंने उस आदमी से कहा- ठीक है सर आप बैठिए, अभी कमरे भरे हैं. जब तक आप चाय पीजिए, तब तक कमरा खाली हो जाएगा. वो बूढ़ा आदमी कुछ बेचैन सा लग रहा था. उसने चाय के लिए हामी भर दी.


मैं उस लड़की को देख कर मुस्कुरा दिया. उसने भी हल्की सी स्माइल दे दी.


मैंने अपने सहायक से चाय ले आने का कहा. वो झट से तीन चाय ले आया.


वो लड़की चाय पी रही थी.


कुछ देर बाद मैंने अपने नौकर से कहा- उस कमरे को खाली होने में देर लग रही है. तुम जाकर इनको मालिक वाला रूम दिखा दो. वो उस आदमी को लेकर ऊपर का रूम दिखाने ले गया.


मुझको पता नहीं क्या सूझा, मैंने अपना मोबाइल नम्बर लिख कर उस लड़की की तरफ फेंक दिया. उस लड़की ने भी देख लिया.


उसके साथ का वो आदमी रूम देखने ऊपर गया था. उसी समय वो नीचे आ गया. तब तक उस माल ने मेरा वो नम्बर वाला कागज उठाने की कोशिश की पर वो नहीं उठा पाई.


फिर वो आदमी उस लड़की को ऊपर वाले कमरे में ले गया.


कुछ बीस मिनट बाद वो दोनों वापस आ गए. मैं हैरान था कि इतनी जल्दी चुदाई खत्म हो गई.


मैं समझ गया कि बुड्डे के लंड में जान नहीं थी और वो पुल्ल पुल्ल करके वापस आ गया.


मैंने बुड्डे की शक्ल देखी तो वो कुछ उदास था. काउंटर पर आकर उसने मुझे पैसे दिए और मुँह में बीड़ी फंसा कर निकल गया.


उन दोनों के जाते ही मैं भी होटल से बाहर आ गया और उन दोनों का पीछा करने लगा. वो आदमी उस लड़की को अपनी बाइक पर बिठा कर जाने लगा.


मैंने भी अपनी बाइक उनकी बाइक के पीछे लगा दी. दोस्तो, जब लंड में चूत लेने की तलब हो ना … उस वक्त ना कोई खतरा दिखता है … ना कोई डर.


उस लड़की ने मुझे पीछे आते हुए देख लिया. मैंने उसे फोन नम्बर का इशारा किया तो वो हंस दी.


फिर उसने अपने साथ वाले से शायद कुछ कहा.


उस आदमी ने अपनी बाइक को एक दुकान के आगे रोका और अन्दर चला गया.


उसी समय मैंने उस लड़की को वो कागज पकड़ा दिया. उसने ले लिया और कागज अपने मम्मों में रख लिया.


उसी रात को उसका कॉल आया. उससे मेरी ऐसे ही सामान्य बात हुई.


वो मुझसे कहने लगी- क्या बात करनी थी जो नम्बर देने के लिए मरे जा रहे थे. मैंने कहा- क्या तुम इस बात को नहीं समझती हो कि मैं तुम्हें क्यों नम्बर देना चाहता था.


वो हंस दी और बोली- सब मर्द एक जैसे ही होते हैं. मैंने उसे कॉलगर्ल समझा था तो मैंने कह दिया- तुम्हें तो ऐसे मर्द की ही तलाश रहती है शायद!


वो बोली- मतलब? मैंने कहा- क्या वो आदमी तुझे आशीर्वाद देने के लिए होटल में लाया था?


वो हंस पड़ी और बोली- नहीं वो दूसरी बात थी. तुम मुझे पेशेवर लड़की समझ बैठे हो शायद! मैंने कहा- हां शायद … क्या वो आदमी तुम्हारा पति था, जो घर की जगह कुछ मिनटों के लिए होटल लाया था?


वो इस बात पर उदास स्वर में बोली- हां अब तुम शायद सही समझ रहे हो. मैंने कहा- पूरी बात बताओगी कि क्या मामला था?


वो बोली- मिलने पर बता दूंगी. मैंने कहा- कब मिलोगी?


वो बोली- जब तुम कहो. मैंने दो दिन बाद उससे मिलने का कहा.


तो बोली- किधर आना होगा? मैंने उससे कहा- तुमने होटल देखा है, तुम इधर ही आ जाना और मुझे फोन कर लेना. होटल से ही दूसरी जगह चलेंगे. वो राजी हो गई.


उस दिन वो शाम के टाइम आयी. वो बुरके में थी.


वो मेरे साथ बाइक पर बैठ गई. रास्ते में वो मेरी कमर में हाथ डालकर मेरे लौड़े को टटोलने लगी.


मैंने कहा- क्या हुआ … बड़ी चुल्ल है? वो बोली- हां, इसीलिए तो आई हूँ.


मैं उसको लेकर अपनी जान पहचान वाले के एक होटल में आ गया. रूम में ले जाकर मैंने उसको अपनी बांहों में ले लिया.


फिर मैंने उससे बुरका उतारने को कहा. तो वो मना करने लगी कि पहली बार में कोई ये सब करता है क्या! मैंने कहा- अभी तो लंड टटोल रही थी अब क्या हुआ?


चूत चुदाई की तलब तो उसके अन्दर भी थी तभी तो वो मेरे साथ ऐसे एकदम होटल के रूम में आयी थी.


मैं भी जानता था कि जो लड़की दो दिन पहले 55-60 साल के बुड्डे के साथ चुदने आई थी और चुद कर गयी थी.


मैंने उससे कहा- साली फिर इधर क्या अपनी मां चुदाने आयी है? वो बोली- मैं चुदवाने ही आयी थी.


मैंने कहा- तो ड्रामा किस लिए कर रही है. नंगी हो जा! वो कुछ नहीं बोली.


मैंने उसका बुरका उतार दिया. जब मैंने उसका दीदार किया तो एक पल को तो ऐसा लगा जैसे सब कुछ थम सा गया हो.


वो ऐसी लग रही थी मानो बादलों में से कोई चाँद का टुकड़ा बाहर आ गया हो. उसके वो कंटीले नैन और उनमें हल्का हल्का सुरमा, होंठों पर लाल रंग की लिपस्टिक और उसका वो उठा हुआ गोल मटोल मम्मों का इलाका.


कसम से उसके मम्मे उसकी खूबसूरत जवानी पर चार चाँद लगा रहे थे.


मेरे लंड ने तो उसी समय सलामी देनी शुरू कर दी थी. ऐसा लग रहा था कि बस अब इसकी चूत में लंड पेल कर फाड़ दी जाए.


मैंने उसको बांहों में लेकर उसके होंठों को चूसना चूमना शुरू कर दिया, अपने एक हाथ से उसके मम्मों को दबाने लगा.


फिर क्या था … थोड़ी ही देर में उसने भी मेरा साथ देना शुरू कर दिया. मैं आगे आगे बढ़ता गया और वो मेरा साथ देने लगी.


कुछ देर पहले तक जो चूत देने से मना कर रही थी, वो कुछ ही पलों में ऊपर से नंगी होकर मेरी बांहों में थी. उसके कुरते को उतारने के बाद जब वो लाल रंग की ब्रा में मेरे सामने आई तो लंड ने आन्दोलन शुरू कर दिया.


उसकी चूचियों का साइज़ देख कर पता लग रहा था कि उसकी ब्रा 38 नम्बर की होगी. उसे इस रूप में देख कर मेरे दिल में एक अलग ही हलचल सी होने लगी थी.


मेरे लंड ने भी आज़ादी की लड़ाई शुरू कर दी थी. लंड पैंट फाड़ कर बाहर आने को मचलने लगा था.


एक एक पल मुश्किल हो रही थी. लंड महाराज रोके नहीं रुक रहे थे.


मैंने उसके होंठों को जी भर के चूसा और मम्मों को तो पता नहीं कितनी देर चूसा.


मैंने उसके दूध काट काट कर उसके मम्मों पर निशान दे दिए. वो भी हद से ज्यादा गर्म ही गई थी और खुद ही अपनी सलवार का नाड़ा खोलने लगी.


पर हमारे गांव में एक कहावत है कि अगर लड़की मर्द के सामने अपना नाड़ा खुद खोले, तो वो साला नामर्द है.


मैंने उसका हाथ पकड़ा कि नाड़ा तो मैं ही खोलूंगा. मैंने नाड़ा खींच कर एक झटके में उसका नाड़ा तोड़ दिया. अब वो मेरे सामने एकदम नंगी थी.


हम दोनों को नंगा होने में ज्यादा टाइम नहीं लगा.


मैंने उससे मेरा लंड चूसने का कहा तो वो मना करने लगी. मैंने उसके मुँह को नीचे झुकाया और एक दूध को जोर से भंभोड़ दिया. वो मुँह खोल कर चिल्लाने लगी- उई अम्मी … साले कैसे बेदर्दी है तू!


मैंने उसी पल अपना लौड़ा उसके मुँह में दे दिया और दूध को आटे की तरह मसकने लगा. वो कराहती हुई मेरा लंड चूसने लगी.


उसको लंड चुसाने क्या बाद जब मुझको लगा कि मेरा काम होने वाला है तो मैंने उसके मुँह से लंड बाहर निकाल लिया और वाशरूम में जाकर अपने लंड को पानी से एक मिनट के लिए धोया.


फिर लंड पर कंडोम लगा कर वापस कमरे में आ गया.


अब मैंने उसकी चुदाई के मैदान में उसको धकेल दिया. वो बिस्तर पर टांगें फैला कर लंड लेने के लिए मचलने लगी.


आप लोग यकीन नहीं मानेंगे, उसकी चूत में जब मेरा डोटेड कंडोम लगा लंड गया, तो वो इतनी जोर से चिल्लाई कि रूम के बाहर भी उसकी आवाज़ सबने सुन ली गई होगी. मैंने घबरा कर उसके मुँह को अपने हाथ से बंद किया और रुक कर चूची चूसने लगा.


कुछ देर बाद वो शांत हुई तो मैंने उसकी चूत में लंड अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया. वो भी मेरा साथ देने लगी.


मैं उसकी जबरदस्त चुदाई करते हुए मजा लेने लगा.


चुदाई के बाद मैंने सिगरेट जलाई और उससे पूछा- हां अब बता … वो बुड्डे से तेरा क्या मामला था?


उसकी बातों से मुझको पता चला कि वो अपने पति की दूसरी पत्नी है और वो उस आदमी की नामर्दी से दुखी होकर अलग रहती थी. उस दिन वो कोर्ट में उस आदमी पर केस करने गई थी.


वकील ने केस करने के लिए उसको उसके साथ हमबिस्तर होने को कहा था.


उसके अनुसार वो बुड्डा उसके सामने ज्यादा देर नहीं रुक पाया क्योंकि एक 22-23 साल की लड़की और 55-60 का बुड्डा क्या सेक्स कर पाता, ये तो आपको भी पता है.


उसके बाद मैंने उसको फिर से चोदा. वो मेरे लंड से खुश हो गई थी.


फिर तो पता नहीं मैंने उस गरम लड़की को एक्स एक्स एक्स बार चोदा. अब वो यहां से कहीं और चली गई है.


मेरा लंड चूत के बिना फिलहाल खाली तो नहीं है पर उसकी चुदाई की याद बहुत आती है. जब वो चुदाई कराती थी ना … तो ऐसे हो जाती थी जैसे कि कई दिन का रोटी का भूखा इंसान सामने हो और उसको रोटी मिल गई हो.


उसकी चूत और मेरा लंड एक साथ जिस तरह से मस्ती करते थे, वो मस्ती अब मुझे नहीं मिल रही है.


मेरा एक सपना है कि एक रूम में हम दो लड़के हों, साथ में दो या तीन लड़कियां हों और एक जबरदस्त ग्रुप चुदाई हो. एक लड़की दूसरी की चूत चूसे और कभी मम्मे चूसे. कभी मैं किसी की चूत में लंड पेल दूँ, तो कभी किसी की चूत का मजा लूं. मतलब वहां बिना शर्म के एक जबरदस्त सेक्स हो.


आप सबको मेरी ये गरम लड़की एक्स एक्स एक्स कहानी कैसी लगी. प्लीज़ मुझे मेल करें. अगली बार आपको ऐसी ही किसी ग्रुप सेक्स की कहानी का मजा मिलते ही लिखूंगा. [email protected]


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