आशिक के कर्मचारी से चूत चुदवा ली

अमित चोदू

20-03-2023

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लव धोखा सेक्स कहानी में पढ़ें कि मेरा पड़ोसी दुकानदार लड़का मेरा प्रेमी था, मेरी चूत मारता था. उसके नौकर को भी पता था, वो भी मुझे देखकर अपना लंड सहलाता था.


यह कहानी सुनें.


दोस्तो, मैं रश्मि आपकी सेवा में फिर से हाज़िर हूँ.


मैं एक 23 साल की लड़की हूँ. मेरा साइज़ 34-32-36 का है, जिसको देख कर अच्छे अच्छों के लंड खड़े हो जाते हैं.


मेरी पिछली कहानी थी: मेरे बॉयफ्रेंड ने दो बाबाओं से चुदवा दिया


मैं यह लव धोखा सेक्स कहानी फ़्री सेक्स कहानी.कॉम पर ही लिख रही हूँ.


मेरा एक ब्वॉयफ्रेंड था, उसका नाम रमेश था. उसकी दुकान मेरे घर के ठीक सामने थी. वो प्रोविजन स्टोर चलाता था.


दुकान के पीछे उसका गोडाउन था. हम दोनों उसी गोडाउन में चुदाई करते थे.


एक दिन उसने एक नया आदमी काम पर रखा.


जब मैं उसकी शॉप पर गयी तो वो मुझे घूर घूर कर देखने लगा. मैंने रमेश से पूछा- ये कौन है? रमेश बोला- नया बंदा रखा है काम पर. मैं बोली- अच्छा.


उसने उससे मेरा परिचय कराया. उसका नाम भोला था.


उसके बाद मैं जब भी वहां जाती, वो मुझे तिरछी नज़रों से देखता था और उसका पैंट फूलने लगता था. मेरी निगाहें उसके लौड़े पर ही चली जाती थीं, जिससे अब मुझे भी मज़ा आने लगा था.


एक दिन मैं अपने रूम में बैठी थी, मैंने अपने कमरे की खिड़की हल्की सी खुली रखी. उधर से मेरा आशिक मुझे दिखता था.


मैंने देखा कि भोला आ रहा है. वो धोती ही पहनता था.


वो आया और पेशाब करने को उसने अपनी धोती उठाई, मैं छुप गयी और उसको देखने लगी.


उसका लंड शायद 8 इंच के आसपास का रहा होगा. मेरी तो आंखों में चमक आ गई.


मैंने एक हाथ अपनी चूत पर रखा और दूसरा अपनी चूचियों पर और उसका लंड निहारने लगी.


मैं खिड़की में पर्दा डालकर देख रही थी तो भोला मुझे नहीं देख सकता था. वो पेशाब करके वापस जाने लगा.


उस रात मुझे नींद नहीं आई. अब मेरे दिमाग़ में उससे चुदने के अजीब अजीब ख्याल आने लगे.


अगले दिन मैंने एक चुस्त कुर्ती और लैंगिंग पहनी और रमेश के पास पहुंची. इस ड्रेस में मेरे चूचे और गांड एकदम कयामत बरपा रहे थे.


रमेश मेरे चूचे देख कर अपने लंड पर हाथ फेर कर बोला- आज तो तू खुद मूड में लग रही है. चल गोदाम में, तेरी लेता हूँ.


मैंने इधर उधर देख कर माहौल समझने की कोशिश की तो पाया कि भोला मुझे घूर रहा था.


मैंने रमेश से कहा- तुम गोडाउन में चलो, मैं अभी आई. रमेश चल दिया.


मैंने भोला को नॉटी सी स्माइल दी और मैं भी गांड मटका कर चल दी. भोला पीछे पीछे आ गया.


रमेश गोडाउन में था. मैंने इस बार दरवाज़ा बंद नहीं किया ताकि भोला हम दोनों की चुदाई देख सके.


और ऐसा ही हुआ.


मैंने रमेश को साइड में लेटा दिया. वहां से रमेश को दरवाज़ा नहीं दिख सकता था.


अब मैंने से कहा कि रमेश आज मैं तुम्हारी आंखों पर चुन्नी बांधूंगी, तब तुमको और मज़ा आएगा. वो मान गया और मैंने चुन्नी सही से बांध दी.


अब मैंने रमेश को किस किया और उसकी शर्ट निकाल दी. मैं उसे किस करते हुए आगे बढ़ी और जींस तक आई.


वो भी मेरे दूध मसलने लगा.


मैंने उसकी जींस निकाल दी. उसके बाद मैंने उसके अंदरूनी कपड़े भी हटा दिए. अब वो बिल्कुल नंगा था.


मैंने दरवाज़े की तरफ चुपचाप देखा. भोला हमारा खेल देख रहा था. मैं अंजान बन कर अपनी हरकतों को अंजाम देने लगी.


अब मैंने अपनी कुर्ती निकाली और ब्रा में भोला को अपने दूध दिखाए, साथ ही रमेश का हाथ पकड़ कर अपने चूचों पर रखवा दिया.


रमेश मेरे दूध दबाने लगा और मैं मस्ती भरी आवाजें निकालने लगी.


उसके बाद मैंने भोला को दिखाते हुए अपनी लैंगिंग भी निकाल दी. मुझे ब्रा पैंटी में देख कर भोला की आंखों में चमक आ गई.


अब मैंने इठलाते हुए अपनी ब्रा निकाली और रमेश के लंड पर अपने बूब्स रगड़ने लगी. भोला ने अपना लंड सहलाना शुरू कर दिया था.


मैंने अपना मुँह नीचे किया और रमेश के लंड को धीरे धीरे चाटने और चूसने लगी.


अपने आशिक का लंड चूसते हुए मैंने तिरछी निगाहों से भोला की तरफ देखा. वो मुझे रमेश का लंड चूसते हुए देख रहा था.


मैंने एक उंगली से उसको करीब आने का इशारा किया. वो बिना झिझक आराम से अन्दर आ गया और आते ही चुपचाप मेरे बूब्स दबाने लगा.


मेरे आशिक रमेश की आंखों पर तो चुन्नी बंधी थी और उसको वासना में इस बात का कुछ भी अहसास नहीं था कि गोदाम में हम दोनों के अलावा भी कोई है.


भोला इसी बात का फायदा उठा रहा था.


अब मैंने एक हाथ से भोला का लंड पकड़ा और सहलाने लगी. साथ में मैं रमेश का लंड भी चूस रही थी.


भोला को बड़ा मजा आने लगा था.


कुछ पल बाद वो मेरे पीछे को आया और मेरी चूत को चाटने लगा. मुझे भी उससे अपनी चूत चटवाने में बहुत मज़ा आ रहा था.


तभी भोला साइड में आया और अपना लंड बाहर निकाल कर इशारे से अपने लंड चूसने को बोला. मैंने रमेश का लंड मुँह से निकाला और हाथ से हिलाने लगी.


उसी समय भोला आगे आ गया और उसका लंड पागलों की तरह चूसने लगी.


भोला की आवाजें निकलने को हो रही थीं मगर वो किसी तरह अपना मुँह बंद किए लंड चुसवा कर मजा ले रहा था.


अब भोला ने मुझे इशारा किया कि आगे को झुक जाओ.


मैं झुक कर कुतिया बन गई और रमेश का लंड चाटने लगी. मुझे बस ये लग रहा था कि कहीं रमेश झड़ ना जाए.


मेरे कुतिया बनते ही भोला पीछे से आया और मेरी चूत पर लंड रगड़ने लगा.


मैं उसका मोटा लंड लेने को बेताब थी.


इतने में भोला ने लंड पेलना शुरू किया. अभी उसका आधा लंड ही अन्दर गया था कि मेरी चूत में दर्द होने लगा.


मैंने भोला को इशारे से मना कर दिया कि बाद में चोद लेना. अभी रमेश ने जान लिया तो रायता फ़ैल जाएगा. भोला मन मसोस कर लंड निकाल कर हट गया.


मैंने उससे बाहर जाने को क़हा. वो चला गया.


अब मैंने रमेश के लंड को चूस चूस कर उसे झाड़ दिया.


रमेश आह आह करने लगा और कुछ देर बाद उठा और आंखों से पट्टी हटाते हुए बोला- सच में आज तो मज़ा आ गया. मैंने कहा- तुझे आज चूत चोदने नहीं मिली, तब भी मजा आ गया?


वो हंस कर बोला- हां, आज मैंने तेरे मुँह से लंड चुसवाते समय कल्पना की थी कि सनी लियोनी से लंड चुसवा रहा हूँ. मैंने हंस कर कहा- तुझे मैं सनी लियोनी लग रही थी?


वो मेरे दूध दबाता हुआ बोला- मेरी जान, तेरे सामने सनी लियोनी भी फेल है. मैं हंस दी.


फिर रमेश ने मेरी चूत चाटनी शुरू की.


मैंने हंस कर कहा अब मैं क्या कल्पना करूं कि कौन मेरी चूत चाट रहा है? वो हंसते हुए बोला- तू जिसे चाहे अपनी कल्पना में ले सकती है.


मैंने कुछ नहीं कहा, बस भोला की कल्पना करने लगी. उसका मोटा लंड मुझे याद आया तो मेरी चूत की आग भड़क उठी और रमेश ने मुझे भी जल्द ही झाड़ कर फ्री कर दिया.


अब मैं कपड़े पहन कर बाहर आई तो भोला मुझे देख कर मुस्कुरा रहा था. मैं ऐसे ही उसका हालचाल पूछने के बहाने भोला के पास गयी. वो रमेश से काफ़ी दूरी पर खड़ा था.


मैं बोली- कैसे हो भोला? वो धीरे से बोला- तू बहुत गर्म माल है. तेरी चूत में बहुत गर्मी है. मुझे मुठ मारनी पड़ी साली आज तो सच में खड़े लंड पर धोखा हुआ.


मैंने रमेश से नजरें बचा कर बड़ी मुश्किल से अपनी हंसी रोकी. फिर धीरे से बोली- तेरा लंड भी कम नहीं है … आज मौका नहीं मिला तो क्या हुआ. एक दो दिन मैं तेरे लंड की सैर ज़रूर करूँगी.


भोला बोला- तू रमेश को किसी दिन दारू पिला सकती है क्या? मैं बोली- हां.


उसने कहा कि मैं एक गोली दे दूंगा, वो मिला कर उसे पिला देना. मैंने कहा- हां ठीक है.


वो बोला कि मैं तुझे कल सुबह गोली दे दूँगा. अगली सुबह मुझे भोला ने गोली दी.


अब मैंने रमेश को कॉल की. मैं बोली कि रमेश आज शाम को दारू लेकर आना. पीने का मन है.


वो बोला- हां मैं सोच रहा हूँ कि आज स्टोर जल्दी बंद कर दूँ और हम दोनों गोडाउन में दारू पार्टी का मजा भी और तू भी मुझे चुदाई का मजा कराएगी. मैं बोली- हां बिल्कुल.


अब मैं शाम के लिए बिल्कुल वैसे तैयार हुई, जैसे सुहागरात पर दुल्हन सजती है. बस मैंने कपड़े दुल्हन के नहीं पहने थे.


अँधेरा होते ही मैं वहां पहुंची तो रमेश ने अन्दर जाने का इशारा किया. मैंने इशारे से पूछा कि दारू कहां है?


उसने इशारा किया कि अन्दर सब इंतजाम है. मैं जल्दी से अन्दर गयी और दो पैग बना कर और रमेश के पैग में गोली डाल दी.


अब कुछ देर बाद रमेश अन्दर आया. मैं बोली- लो पैग पियो.


उसने एक ही सांस में पैग खींच लिया. मैं उससे बातें करने लगी.


मुश्किल से दो मिनट बाद रमेश बेहोश होने लगा. मैंने उसको वहीं पर लिटा दिया और जाकर दरवाज़ा खोल आई.


जल्दी से मैंने कपड़े निकाल दिए और सिर्फ़ पैंटी और ब्रा में आ गई.


भोला अन्दर आ गया और उसने दरवाज़ा बंद कर दिया.


मेरे पास आते ही वो मुझे पकड़ कर पागलों की तरह मेरे होंठों पर किस करने लगा. मैं भी उसका साथ दे रही थी.


उसने मेरी ब्रा खोली और बूब्स चूसने मसलने लगा. मैंने उसकी धोती खोल दी और लंड सहलाने लगी.


वो चुदाई के लिए जल्दी मचाने लगा. मैं बोली- भोला ज़रा इसको चूसने दे ना! भोला बोला- हां चूस ले मेरी जान.


मैं लंड को चूसने और चाटने लगी.


भोला बोला- चल अब चड्डी निकाल दे. मैंने निकाल दी.


उसने मेरी चूत में जीभ पेल कर चूसना शुरू कर दिया. मुझे मज़ा आ रहा था.


कुछ देर बाद वो उठा और अपने लंड को चूत पर रगड़ने लगा. मैंने टांगें फैला दीं. वो धीरे धीरे लंड चूत के अन्दर डालने लगा.


मुझे दर्द भी हो रहा था और मज़ा भी आ रहा था ‘आहह … ऊऊहह … मर गइईई … कितना बड़ा है तेरा?’


भोला ने ये सुनते ही दो तीन झटकों में लंड पूरा अन्दर पेल दिया.


मेरी चूत तो जैसे फट ही गयी थी- आआ अहह नहीं चुदना मुझे … निकालऊओ प्लीज़ नहीं … मैं चिल्ला रही थी.


पर वो नहीं माना और झटके लगाता रहा. थोड़ी देर बाद दर्द कम हुआ और मैं उसका साथ देने लगी.


वो साला एकदम सांड की तरह मेरी चूत के चिथड़े उड़ा रहा था. उस दिन पहली बार अहसास हुआ कि लंड किसे कहते हैं. लव धोखा सेक्स करने में मुझे कोई पछतावा नहीं हुआ.


रमेश का लंड तो इसके लंड के सामने लुल्ली था. मैं भोला से चुदते समय दो बार झड़ गई थी मगर भोला पर तो मानो भूत सवार था.


उस दिन उसने मुझे दो बार चोदा और बाहर चला गया.


उसके जाने के थोड़ी देर बाद रमेश को होश आया. तो मैं बोली- आज एक ही पैग में बेहोश हो गया. अब मेरे घर जाने का टाइम हो गया है. चुदाई का मूड पूरा खराब कर दिया तूने. अब मैं फिर कभी कराऊंगी.


मैं अपने घर आ गई. रमेश भी चुपचाप सो गया.


तो बताओ दोस्तो, आपको मेरी लव धोखा सेक्स कहानी कैसी लगी. प्लीज़ कमेंट करें ताकि मैं आगे भी अब सबके लंड को खड़ा कर सकूं. [email protected]


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