कामवाली ने सिखाया पराई बीवी चोदना

मस्ताना माहिर

23-05-2023

39,313

सेक्सी लड़की हिंदी चुदाई कहानी में पढ़ें कि मैंने एक जवान कामवाली को काम पर रखा. मैं उसे चोदना चाहता था पर डरता था. तो फिर मैंने उसे कैसे चोदा और उसने मुझे एक भाभी की चूत कैसे दिलवाई?


मेरा नाम माहिर है. मेरी पिछली कहानी थी: दोस्त की बीवी चोदने की तमन्ना


आज मैं आपको अपने दोस्त की नई सच्ची सेक्सी लड़की हिंदी चुदाई कहानी आपको सुना रहा हूँ.


आप उसी के शब्दों में पढ़ें.


मेरा नाम बलवंत है दोस्तो! मैं 30 साल का एक नौजवान हूँ.


जब मेरी पोस्टिंग मुंबई में हुई तो मुझे एक काम वाली बाई की जरूरत थी। मैंने खोजना शुरू किया, कई लोगों से बातचीत की। कुछ मिली भी पर मुझे वे सब पसंद नहीं आईं।


आखिर में मुझे एक छमिया नाम की लड़की मिली जिसे देख कर मैं बहुत खुश हो गया। वह मुझे एक ही नज़र में भा गई।


उसकी बड़ी बड़ी चूचियाँ, उसका खूबसूरत चेहरा, उसके बड़े बड़े चूतड़ और मस्त मस्त बाहों की गोलाई … ये सब देख कर मेरा लण्ड साला अंदर ही अंदर खड़ा हो गया।


न चाहते हुए भी मैंने उससे उसकी उम्र पूछ ही ली। वह बोली- मैं 22 साल की हूँ बाबू जी। काम मैं आपका सब करूंगी जो जो आपने बताया है. पर मैं मुंह मांगे पैसे लूंगी।


मैंने कहा- तुम बोलो न कि कितने पैसे लोगी? वह बड़ी अदा से बोली- मैं 4,000/- रुपये महीने से कम नहीं लूंगी।


मैंने कहा- मैं तुम्हे 5,000/- रुपये महीने के दूंगा. पर शर्त यह है कि तुम हर रोज़ टाइम पर आओगी, देर नहीं करोगी क्योंकि मुझे सही टाइम पर ऑफिस पहुंचना होता है। वह तो ख़ुशी ख़ुशी मान गयी और बोली- अरे बाबू जी, मैं टाइम से पहले ही आ जाया करूंगी।


मेरी नीयत तो इस पर पहले से ही ख़राब हो चुकी थी। इसे देख कर ही मेरे लण्ड में हल चल होने लगी थी और तभी मैंने सोंच लिया था कि मैं एक दिन इसे चोदूंगा जरूर!


बस दूसरे ही दिन सवेरे सवेरे वह काम करने आ गयी। उसने बड़े अदब से नमस्ते किया, फिर अपना दुपट्टा अपनी कमर में बांधा और काम करना शुरू कर दिया।


सबसे पहले पूरे घर झाड़ू लगाना था। वह जुट गयी झाड़ू लगाने में और मैं उसे बड़े गौर से देखने लगा।


बीच बीच में उसे समझता भी रहा कि इसे इस तरह और उसे उस तरह से करो, यह सामान ऐसे रखो और वैसे रखो। वह सब समझती रही और वैसा ही करती रही।


मेरी नज़र उसके पूरे जिस्म पर टिकी रही। ख़ास मैं उसकी मस्तानी चूचियाँ आँखें गड़ा कर देखता रहा, उसके चूतड़ों पर नज़रें गड़ाये रहा। उसकी गांड भी देखता रहा। बीच बीच में मुझे कभी कभी उसकी उभरी हुई चूचियों की झलक मिल भी जाती थी।


उसने करीब दो घंटा लगाया पूरा काम ख़त्म करने में! मैं इस बात से खुश हुआ कि चलो यह हर रोज़ दो घंटा तो मेरे घर में मेरे पास रहेगी।


मेरी नज़र उसके कपड़ों पर भी थी। वह धोती पहनती थी और बिना ब्रा के ब्लाउज़। इसीलिए उसके चलने से उसके बूब्स हिलने लगते थे जिन्हें देख कर मेरे लण्ड में करंट लग जाता था।


उसके बोलने का अंदाज़ और आंखें मटका मटका कर उसका बात करना मुझे बड़ा अच्छा लगता था। उसकी उम्र 22 की तो थी ही … यानि वह पूरी तरह जवान हो चुकी थी।


कई दिन तक ऐसा ही कुछ चलता रहा।


मैं कभी कभी सोचने भी लगता था कि इतनी सुन्दर लड़की इतनी मस्त जवान और समझदार लड़की इस गरीब के घर पैदा कैसे हो गयी? इसको तो कहीं और पैदा होना चाहिए था।


मेरा मन उसे पकड़ कर अपनी बाहों में समेटने का हो रहा था। मेरा मन हो रहा था कि मैं उसे नंगी कर दूँ और खुद भी नंगा हो जाऊं फिर उसको अपने बदन से चिपका लूँ … उसे अपना टनटनाता हुआ लण्ड पकड़ा दूँ … उसकी चूचियों में घुसेड़ दूँ लण्ड!


लेकिन फिर सोचा कि अगर यह मालूम हो जाए कि इसके मन में क्या है तो ज्यादा बेहतर होगा। आखिरकार वह भी जवान है, खूबसूरत है और खूबसूरत लड़कियां लण्ड जल्दी पकड़ लेती हैं।


उसकी भी इच्छा लण्ड पकड़ने की होती होगी। उसकी भी चूत में आग लगी होगी।


हर लड़की इस जवानी में किसी न किसी का लण्ड पकड़ती जरूर है। मुझे उससे इतना लगाव हो गया; मैं उसको इतना चाहने लगा कि मैं उसका हर दिन बड़ी बेकरारी से इंतज़ार करता और रात को उसके नाम का मुठ मारता। वह मेरे दिमाग से उतरती ही नहीं थी।


एक दिन सवेरे सवेरे उसके आने के पहले मैं एकदम नंगा होकर बिस्तर पर लेट गया। जब वह आयी तो मैं नींद में था।


मैं जैसे तैसे उठा, तौलिया लपेटा और दरवाजा खोल दिया। फिर तौलिया निकाल कर फेंक दिया और नंगा ही लेट कर सो गया।


मैंने ऊपर से एक चादर ओढ़ ली थी। चादर के कोने पर मेरा लण्ड एकदम तना हुआ था। मेरे लण्ड ने चादर को तम्बू की तरह तान रखा था।


सवेरे का लण्ड वैसे भी साला बड़ी जोरदारी से टन्ना कर खड़ा रहता है।


अचानक मेरी नींद खुली तो मैं उठा नहीं बल्कि आँखें बंद किये हुए लेटा रहा और ज्यादा सोने की कोशिश करने लगा।


छमिया उसी कमरे में झाड़ू लगाने के लिए आई तो बड़ी देर तक चादर के नीचे मेरा खड़ा लण्ड ही देखती रही। शायद वह ललचा गयी थी। वह चादर हटा कर लण्ड देखना चाहती थी।


मैं कनखियों से उसे देख रहा था। उसे पता ही नहीं चला कि मैं जाग रहा हूँ।


वह कुछ सोचने लगी, इधर उधर देखने लगी, इतने में दौड़ कर गयी और बाहर का दरवाजा अंदर से बंद करके फिर वहीं आ गयी।


उसके बाद उसने धीरे से चादर का कोना उठाया और उसे नीचे गिरा दिया। मेरा लण्ड उसकी आँखों के सामने पूरा खुल गया।


छमिया ने मेरे खड़े लण्ड का दर्शन किया, उसका चेहरा बिल्कुल लाल हो गया। उसने अपने दांतों तले उंगलियां दबा लीं।


वह लण्ड पकड़ना चाहती थी पर झिझक रही थी। फिर किसी तरह हिम्मत करके उसने हौले से लण्ड छुआ।


उसके छूने से लण्ड और सख्त हो गया.


फिर उसने लण्ड धीरे से मुट्ठी में लिया और अपनी जीभ निकाल कर लण्ड का टोपा छुआ। अब तो मेरा लण्ड बहनचोद भनभना उठा।


मुझे यकीन हो गया कि छमिया लण्ड से चुदना चाहती है. मुझे उसके झुकने से उसकी चूचियों की झलक भी दिखाई पड़ गई थी।


बस फिर मैंने उसे किटकिटाकर अपनी बाहों में भर लिया और कहा- छमिया तू बहुत सुन्दर है, बहुत अच्छी है, बहुत प्यारी है।


मैं उसके गाल चूमने लगा, होंठ चूमने लगा उसके बूब्स दबाने लगा। उसने भी मेरा लण्ड छोड़ा नहीं बल्कि पकड़े रही, उसे सहलाती रही, मुठियाती रही।


थोड़ी देर में वह बोली- बाबू जी, आपका लण्ड बहुत मोटा है, बड़ा प्यारा है और बहुत खूबसूरत है। ऐसा लण्ड मैं आज पहली बार देख रही हूँ। इतना बड़ा लण्ड तो लाल कोठी वाले बाबू जी का भी नहीं है।


बस मैंने फिर उसके सारे कपड़े खोल डाले और कहा- छमिया तुम नंगी ज्यादा खूबसूरत लग रही हो।


छमिया बड़े प्यार से मेरा लण्ड हिलाते हुए बोली- क्या खाता है तेरा लण्ड बाबू जी जो इतना मोटा हो गया? मैंने कहा- तेरी जैसी खूबसूरत लड़कियों की बुर खाता है मेरा लण्ड छमिया!


वह बोली- तो फिर मेरी भी बुर खिला दो अपने इस मस्ताने लण्ड को बाबू जी … तब तो तेरा लण्ड भोसड़ी का और मोटा हो जायेगा. उसके बाद वह बोली- बुरा मत मानना बाबू जी, मुझे जब लण्ड पसंद आता है तो मैं उसको गालियां जरूर सुनाती हूँ।


मैंने उसका जिस्म अपनी तरफ और खींचा और कहा- तुम्हारी गालियां मुझे बहुत अच्छी लग रही हैं पगली। मुझे और भी गालियां दो।


वह बोली- मैं बुरचोदी लण्ड की बड़ी दीवानी हूँ बाबू जी। मुझे तेरे लण्ड से प्यार हो गया है बाबू जी। मैं हरामजादी लण्ड पाने के लिए कुछ भी कर सकती हूँ, अपनी माँ भी चुदा सकती हूँ।


मैंने कहा- तूने तो मेरे लण्ड में आग लगा दी है छमिया! वह बोली- आग तो तेरे इस मादरचोद लण्ड ने लगा दी है बाबू जी मेरी चूत में!


मैंने कहा- अब तो मैं तुझे खूब झमाझम चोदूंगा छमिया! वह बोली- हां बाबू जी, चोदो न मुझे, मैं तो तैयार हूँ चुदने के लिए!


फिर मैं भी पूरा नंगा हो गया। वह बड़े प्यार से मेरा लण्ड सहलाने लगी और मैं भी उसके नंगे जिस्म पर हाथ फिराता हुआ उसकी बुर चाटने लगा।


उसका जवान जिस्म मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था। मुझे उसकी जांघें, उसके चूतड़, उसकी कमर सब बड़ा मज़ा दे रहे थे। मैं पूरी तरह वासना में डूबा हुआ था। मेरी तो मन की मुराद पूरी हो रही थी।


अब छमिया बड़े प्यार से मेरा लण्ड चाट रही थी और मैं उसकी बुर चाट रहा था।


थोड़ी देर बाद मैंने गचगचा के पेल दिया लण्ड उसकी बुर में! वह चीख पड़ी- उई माँ … बड़ा मोटा है तेरा लण्ड। इतना मोटा लण्ड आज पहली बार मेरी चूत में घुस रहा है। फिर बोली- हाय बाबू जी, ज़रा जम के चोदो मेरी बुर … लौड़ा पेल पेल के चोदो मेरी बुर! बड़ा मज़ा आ रहा है। ऐसा मज़ा पहले कभी नहीं आया। वह भी मस्ती से अपनी गांड उठा उठा के चुदवाने लगी।


मैंने कहा- छमिया मुझे ऐसा लग रहा है तुम बहुत चुदी हुई हो? वह बोली- हां बिल्कुल चुदी हुई हूँ बाबू जी। मैं सुन्दर हूँ, बड़ी बड़ी चूँचियों वाली हूँ। मस्त मस्त गांड वाली हूँ मुझे तो चोदने के लिए सब लोग अपना लण्ड हाथ में लिए घूमते हैं। और मैं हूँ की किसी को मना नहीं करती। सबसे चुदवा लेती हूँ।


मैंने फिर उसे पीछे से भी चोदा और लण्ड पे बैठा के भी चोदा। सेक्सी लड़की हिंदी चुदाई से वह मस्त हो गयी और मैं भी मस्त हो गया।


जाते समय वह बोली- बाबू जी, तुम्हारा लण्ड मोटा भी है और सेक्सी भी! जो भी तेरा लण्ड देखेगी वह बुरचोदी दौड़ कर पकड़ लेगी तेरा लण्ड। मैं तो कहती हूँ तुम अब नई नवेली बीवियां चोदा करो! मैंने कहा- मुझे कहाँ मिलेंगी नई नई बीवियां छमिया? वह बोली- मैं तुम्हें नई नई बीवियां दिलाऊंगी। अब तुम मुझे चोदने के साथ साथ से नई नवेली बीवियां भी चोदा करोगे बाबू जी। कल मैं तुम्हें अपनी मालकिन के पास ले चलूंगी। कल सवेरे मैं तेरी झांटें साफ कर दूँगी क्योंकि उसे लण्ड पर झांटें बिल्कुल पसंद नहीं है। कल देखना कि तुमको पराई बीवी चोदने में कितना मज़ा आता है.


अगला दिन छुट्टी का दिन था। वह सवेरे सवेरे आई, मुझे नंगा किया, मेरी झांटें बनाईं और मुठ मार कर मेरा लण्ड पिया।


फिर वह घर का काम करने लगी और मैं भी नहा धोकर तैयार हो गया।


करीब 10 बज वह मुझे एक फ्लैट पर ले गयी। अंदर घुसते ही बोली- अलका मेम, देखो कौन आया है!


अलका जैसे ही मेरे सामने आई तो मेरे लण्ड में एकदम से उछाल आ गया। वह बहुत ही गोरी चिट्टी थी, खूबसूरत थी। उसने नीचे घाघरा पहना था ऊपर सिर्फ एक छोटी सी ब्रा। बाल एकदम खुले थे। गज़ब की सेक्सी लग रही थी वह!


छमिया बोली- मेम जी, ये हैं मेरे बाबू जी बलवंत। अभी कुछ दिन पहले ही इस कॉलोनी में आए हैं। अकेले ही रहते हैं और बड़े अच्छे आदमी हैं।


फिर उसने मुझसे कहा- बाबू जी, ये अलका मेम बहुत अच्छी औरत हैं, खुश मिज़ाज़ हैं, खुल कर बातें करतीं हैं और खूब मज़ा ले ले कर गन्दी गन्दी बातें भी करती हैं। पराये मर्दों की बहुत बड़ी दीवानी हैं हमारी मेम साहिबा। इसका मरद अक्सर बाहर ही रहता है। ये बिचारी अकेली ही रहती हैं। इन्होने मुझसे कहा था कि छमिया मुझे किसी मर्द से मिलवा दो जिससे मैं खुल कर और अपने सभी कपड़े खोल कर बात कर सकूं और पूरी तरह एन्जॉय कर सकूं। फिर मैंने तुम्हारा नाम बता दिया था बाबू जी!


मैंने कहा- कोई बात नहीं, अब मैं आ गया हूँ. अब मैं अलका मेम का साथ दिया करूंगा।


तब तक अलका ने ड्रिंक्स का सेट लगा दिया और हम तीनों व्हिस्की का मज़ा लेने लगे। मैं पहली बार किसी पराई बीवी के साथ शराब पी रहा था।


एक एक पैग शराब ख़त्म हो गयी तो छमिया बोली- देखो बाबू जी, आज तुम मेरी मेम को मज़ा दे दे के खुश कर दो। मेम साहिबा बड़ी मस्त होकर एन्जॉय करती हैं। वह तुमको खुश कर देगी। मेम साहिबा को पराये मर्दों के लण्ड से खास मोहब्बत है और फिर मुझे यकीन है कि तेरा लण्ड तो इसे बहुत पसंद आएगा। मैं तो कहती हूँ कि आज फाड़ डालना मेरी मेम साहिबा की चूत … खूब पटक पटक के चोदना। कई दिनों से चुदासी बैठी है बिचारी। मैं तब तक दो जगह काम करके आती हूँ।


वह चली गयी।


मैंने ड्रिंक्स का एक सिप मारा और कहा- अलका मैडम! तो वह मुझे टोकते हुए बोली- मैडम की माँ का भोसड़ा … मैडम की माँ की चूत … मैं मैडम नहीं हूँ यार! मैं सिर्फ अलका हूँ। मुझे सिर्फ अलका कहो या फिर अलका भाभी कहो। मुझे चुदक्कड़ अलका भाभी कहो, मादरचोद, बहन का लण्ड अलका कहो।


उसकी बातें सुनकर मैं दंग रह गया और सोचने लगा कि अलका भाभी को एकदम बम हैं यार … क्या मस्त औरत है।


अलका की मस्त मस्त गालियां सुन कर मैं बहुत उत्तेजित हो गया. मेरा लण्ड साला अंदर ही अंदर टनटना उठा.


वह आगे भी बोली- तुम भोसड़ी के मेरे देवर भी हो, मेरे दोस्त भी हो, मेरे यार भी हो! मैंने कहा- भाभी जी, आपसे बात करने में बड़ा अच्छा रहा है। इतना खुल कर मुझसे किसी लड़की या औरत ने कभी बात ही नहीं की. मैं तो सच में आपका गुलाम हो गया हूँ, अलका भाभी जी।


वह बड़े प्यार से और बड़ी अदा से बोली- मैं तुम्हे बहुत प्यार करती हूँ बलवंत! जब तक मेरा हसबैंड बहनचोद बाहर है तब तक तुम ही मेरे हसबैंड हो और मैं तेरी वाइफ हूँ। मेरे साथ वही करो जो एक हसबैंड अपनी बीवी के साथ करता है।


भाभी की बातों में मेरे अंदर जोश भर दिया।


फिर वह खुद उठी, मेरे कपड़े खोल कर मुझे एकदम नंगा कर दिया और खुद भी नंगी हो गयी। वह बोली- मैं पराये मर्दों के आगे नंगी ही रहती हूँ यार! मेरा खड़ा लण्ड पकड़ कर अलका बोली- छमिया ठीक ही कह रही थी। लौड़ा तेरा मेरे मन का है. मैं ऐसा ही लण्ड पसंद करती हूँ।


उसने मेरे लण्ड की कई चुम्मियाँ एक साथ ले लीं और पेल्हड़ भी चूमें। मैंने भी उसे खूब कस के अपनी बाहों में भर लिया।


उसने मुझे बेड पर चित लिटा दिया, मेरे मुंह पर अपनी चूत रख दी, अपने बालों का जुड़ा बनाकर ऊपर बांध लिया और खुद झुक कर मेरा खड़ा लण्ड चाटने लगी। इधर मैं उसकी चूत जीभ से ही चोदने लगा। पराई बीवी की चूत भी बड़ा मज़ा देने लगी।


वह पागलों की तरह मेरा लण्ड चाट रही थी, बोली- यार बलवंत, मुझे आज बहुत दिनों के बाद अपने मन का लण्ड मिला है। थैंक्स टू बुर चोदी छमिया जिसने मुझे तुमसे मिलवा दिया।


फिर मैंने उसके नीचे पटक दिया और उसके ऊपर चढ़ बैठा। मैंने पेल दिया अपना पूरा लण्ड उसकी चूत में और चोदने लगा भकाभक उसकी फुद्दी!


वह भी उतनी ही मस्ती से अपनी चूत चुदवाने लगी। उसके नाचते हुए बड़े बड़े रसीले मम्मे मेरे जोश बढ़ाने लगे।


वह बोली- हाय मेरे राजा, मैं तेरी भाभी हूँ. मुझे चोदो, मैं तेरी बीवी हूँ, मुझे चोदो. मैं तेरी रखैल हूँ, मुझे चोदो. मैं मादरचोद रंडी हूँ, मुझे चोदो।


उसकी मस्ती सच में देखने वाली थी। मुझे अलका की बुर बड़ा मज़ा दे रही थी।


इतनी चुदी होने के बावजूद उसकी चूत बड़ी टाइट थी और मेरा लण्ड उसमे चिपक कर घुस रहा था।


फिर मैंने उसे सोफा पर नंगी बैठा दिया और मम्मों के बीच लण्ड पेल दिया। मैं चोदने लगा अलका भाभी के बड़े बड़े दूध! मुझे उसके दूध चोदने में बड़ा मज़ा आ रहा था।


वह बोली- बलवंत, आज तक किसी ने भी मेरे बूब्स इस तरह नहीं चोदा।


आखिर में भाभी ने जब मेरा झड़ता हुआ लण्ड चाटा तो मुझे अपार आनंद आया।


चुदाई जैसे ही ख़त्म हुई तो छमिया आ गयी। वह बोली- कैसी रही मेरी अलका मेम की बुर बाबू जी? मैंने कहा- बड़ी शानदार है तेरी मेम की बुर! मुझे बड़ा मज़ा आया।


फिर वह बोली- मेम साहिबा, कैसा रहा मेरे बाबू जी का लण्ड? वह बोली- इसका लौड़ा तो हथौड़ा है छमिया। मुझे बहुत पसंद आया तेरे बाबू जी का लण्ड। इसने सच में फाड़ डाली तेरी मेम की बुरचोदी बुर!


तो दोस्तो, इस तरह मेरी काम वाली ने मुझे सिखा दिया पराई बीवी चोदना। उसके बाद तो मैं नई नवेली बीवियां खूब मजे से चोदने लगा।


तो कैसी लगी मेरे सेक्सी लड़की हिंदी चुदाई कहानी? मुझे मेल और कमेंट्स में बताएं. [email protected]


XXX Kahani

ऐसी ही कुछ और कहानियाँ


Download our new App for Desi Sex videos

Chutlunds - Indian Sex Videos APK

(4.0)

Description

Free desi sex videos, desi mms, Indian sex videos, desi porn videos, devar bhabhi ki chudai, aunty ki chudai collection. The FREE Chutlunds app lets you stream your favorite porn videos in the palm of your hand, with no ads. Through its fast and simple navigation, you can enjoy the best Chutlunds videos

What's new

New Features Added:

1. Unlimited 4K, HD Videos Added

2. Download your Favourite Video Offline

3. Fully Optimized App

4. New Download Feature Added

5. Reduced Processor And Ram Usage

HOW TO INSTALL

1. Download the app on your Android

2. Open the file from the notification area or from your download folder

3. Select Install

4. You may have to allow Unknown Sources at Settings > Security Screen