पति पत्नी की चुदास और बड़े लंड का साथ- 2

देव 87

19-03-2024

22,992

थ्रीसम डर्टी सेक्स का मजा मैंने, मेरी पत्नी ने एक किन्नर किस्म के आदमी या हिजड़े के साथ लिया. उसका लंड बहुत बड़ा था. मैंने उससे अपनी बीवी की चूत चुदवा दी.


पाठको, मैं देव आपको सेक्स कहानी की दुनिया में एक ऐसी कहानी सुना रहा था जो आपने अब तक नहीं पढ़ी होगी.


अपनी बीवी रानी को एक हिजड़े के लंड से चुदवाने की सेक्स कहानी के पहले भाग गैर मर्द औरत से सेक्स की लालसा में अब तक आपने पढ़ा था कि मैं और रानी, अपने साथ काम करने वाले सोना बाबू के भीमकाय लंड को देख कर हैरान हो गए थे. फिर वह हम दोनों के साथ सेक्स के लिए आ गया था.


वह हम दोनों पति पत्नी की चुदाई की पोजीशन में हमारे लंड चूत के सामने सैट हो गया था.


अब आगे थ्रीसम डर्टी सेक्स का मजा:


रानी मेरे लंड पर बैठ गयी और अपनी पसंदीदा पोजीशन में मुझे चोदने लगी. मैं भी बहुत एक्साइटेड था.


ऊपर से सोना की हरकतें मजा दे रही थीं. वह लंड और चूत की घिसायी से निकल रहे रस की एक एक बूंद को अपनी जीभ से चाटता जा रहा था.


हम दोनों ने दस मिनट की चुदाई के बाद पानी छोड़ दिया था. रानी अभी और चुदना चाह रही थी पर मुझे तो बस ये देखना था कि सोना का सेब जैसा सुपारा रानी की चूत में कैसे जाएगा और तब रानी का क्या हाल होगा.


मैं उठकर बैठ गया और रानी को सोना की बांहों में छोड़ दिया.


सोना ने अपनी जीभ रानी की चूत में घुसा दी और चूत चाट कर सारा रस साफ कर दिया.


उसके बाद सोना ने लेट कर अपना लंड रानी के हाथ में पकड़ा दिया.


रानी के कांपते हाथों में लंड आ ही नहीं रहा था, बार बार फिसले जा रहा था. तब रानी ने दोनों हाथों में लंड लेकर हिलाना शुरू कर दिया.


सोना बाबू ने लंड मुँह में लेने को कहा तो रानी ने मुँह खोला … पर लंड अन्दर नहीं गया. रानी सोना बाबू के लंड को ऊपर से ही चाटने लगी.


तभी सोना ने रानी का सर पकड़ कर लंड पर दबा दिया और अपना सुपारा रानी के मुँह में फंसा दिया. रानी गूं गूं की आवाज निकालने लगी.


सोना के लंड का सुपारा रानी के मुँह में बड़ी मुश्किल से घुस पाया था. रानी की सांस सुपारे की वजह से फूलने लगी थी.


मैंने लंड को बाहर निकलवा दिया.


रानी लंड को जीभ से चाट कर हाथ से जोर जोर से हिलाने लगी. उसका इरादा था कि सोना बाबू का लंड झड़ जाए, तो कुछ ढीला पड़ जाएगा.


परन्तु ऐसा हो न सका.


सोना का मूसल जैसा लंड आखिर में रानी की चूत पर रगड़ खाने लगा. इससे रानी के शरीर में ऐंठन होने लगी थी. अब वह डर भी रही थी और चुदकर देखना भी चाहती थी.


रानी का डर से ध्यान भटकाने के लिए मैंने रानी की चूचियों को बुरी तरह मसलना शुरू कर दिया.


इससे रानी का पूरा ध्यान मेरे ऊपर आ गया और इस मौके का फायदा उठाकर सोना ने लंड को जोर से झटका दे दिया. रानी जोर से उछल पड़ी. उसने मेरी कलाई को कस कर पकड़ लिया और जोर से चिल्लायी- आह मादरचोद साले … हह अपना लंड बाहर निकाल भोसडी वाले … मैं मर जाउंगी आह फाड़ दिया कुत्ते ने … आह!


उसकी इस गाली भरी चीख से सोना और मैं, हम दोनों मुस्कुरा उठे. मैंने कहा- अभी तो लंड घुसा भी नहीं है मेरी जान!


रानी ने देखा सिर्फ सोना का सुपारा ही अन्दर गया था. लेकिन चूत पूरी तरह से फैल कर लंड पर कस गयी थी. ऐसा लग रहा था जैसे सोना का लंड रानी की चूत में अटक गया था.


रानी कुछ बोलती, इससे पहले ही मैंने अपना लंड रानी के मुँह में डाल दिया. सोना ने अपना लंड बाहर खींच कर रानी की चूत को अपने थूक से भर दिया और अपना सुपारा चूत पर दुबारा टिका कर दबाना शुरू कर दिया.


साथ ही सोना ने अपनी चौड़ी चिकनी छाती को रानी की चूचियों पर टिका दिया. मैं रानी से दूर हट गया.


रानी पूरी तरह से सोना की गिरफ्त में आ गयी थी. सोना बाबू रानी के होंठों को अपने मुँह में भर कर चूसने लगा जिससे रानी चिल्ला न सके. नीचे सोना का काला लंड चूत में धंसता ही जा रहा था.


थोड़ी ही देर में सोना का पूरा लंड रानी की चूत में घुस चुका था. मुझे तो भरोसा ही नहीं हो रहा था.


मैंने सोना को रानी के होंठ छोड़ने का इशारा किया. मैं रानी की कामुक सिसकारियां सुनना चाह रहा था.


सोना ने धीरे से अपना चेहरा ऊपर उठा लिया. रानी बेसुध सी कराह रही थी.


ऐसे लंड की कल्पना हमने वास्तविकता में कभी नहीं की थी. रानी ने हाथ जोड़ कर सोना से अपना लंड चूत से निकालने के लिए कहा.


सोना हंस कर बोला- साली, अभी तो तुझे इसी लंड पर कबूतर बना कर उड़ाना है. उसने अपने लंड को झटके से निकाल कर बाहर खींचा और रानी की चूत को चाटने लगा.


लंड निकल जाने से रानी को कुछ राहत मिली. उसी पल मैंने अपना लंड रानी के मुँह में डाल दिया.


सोना ने रानी की दोनों टांगों को उठा कर मुझे पकड़ा दीं और मैंने उसका इशारा समझते हुए टांगों को फैला दिया.


अब रानी के मुँह में मेरा लंड था और मेरे हाथों में रानी की टांगें थीं. सटीक आसन देखते हुए सोना ने अपना लंड, फिर से चबूतरा बनी चूत पर टिका दिया.


उसने रानी की चूचियों को पकड़ कर भींचा तो रानी तड़फ उठी.


उसे अपनी चूचियों के दर्द का अहसास होने लगा और वह चूत में होने वाले दर्द की तरफ से गाफिल हो गई.


उसी पल सोना बाबू ने अपने लंड को चूत में धकेल दिया और उसका चिकना लौड़ा मेरी बीवी रानी की चूत को चीरता हुआ अन्दर घुसता चला गया.


अब सोना मेरी बीवी रानी की चूत की मजे से चुदाई करने लगा और अपने लंड को चूत में धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा.


मैंने सोना बाबू की तरफ देखा तो उसने बताया- आज लगभग 7 महीने बाद मुझे किसी की चूत चोदने का मौका मिला है. इसके पहले उसने ममता की चूत का मजा लिया था परन्तु उसके बाद वह उसे फिर से नहीं चोद पाया.


मैं समझ गया कि यह उसी ममता की बात कर रहा है, जो रानी की सहेली थी.


सोना बाबू ने आगे कहा- मुझको ममता ने ही बताया था कि रानी और देव, ग्रुप सेक्स के शौकीन हैं. तभी से मैं रानी को चोदना चाहता था. यह कहकर उसने अपने धक्कों की गति बढ़ा दी.


अब पूरा कमरा रानी की कामुक सिसकारियों से गूंज उठा था- आहह ऊहऽ बस करो! उसकी यह आवाज सुनाई दे रही थी.


बीच बीच में रानी उसे गाली भी दे रही थी- साले मादरचोदहऽ कुत्तेह … आह फाड़ दी बहन के लौड़े ने!


उसके मुँह से गालियां सुनकर सोना अपने लौड़े को और तेज दौड़ाने लगा था. वह किसी मशीन की तरह रानी को रौंद रहा था.


लगभग 20 मिनट की चुदाई के दौरान रानी ने एक बार अपना पानी छोड़ दिया था. उसके बाद रानी सोना के काले मूसल लंड को आराम से लेने लगी थी.


अब वह मेरा लंड हाथ में पकड़ कर झटका लगाने लगी थी. लगभग 50 मिनट की चुदाई पूरी होने के बाद सोना ने अपना लंड चूत से बाहर निकाला. तब तक रानी दो बार झड़ चुकी थी.


उसकी चूत का मुँह गुफा जैसा खुला रह गया था.


सोना ने अपना लंड रानी के हाथ में पकड़ा दिया और रानी ने उसकी कामना को समझ कर लौड़े को अपनी चूचियों के बीच दबा लिया था. रानी ने अपनी दोनों चूचियों के बीच में सोना बाबू के मोटे लंड को रगड़वाना शुरू कर दिया था.


कुछ ही देर में सोना के लंड ने अपना वीर्य झाड़ना शुरू कर दिया था. उसका झड़ना देखकर हम दोनों हैरान रह गए.


रानी के दोनों चूचे, गर्दन, पेट सब कुछ उसके गाढ़े वीर्य से सफेद हो गया था. अपना लंड रानी की एक जांघ पर पौंछ कर बाबू सोफे पर पसर गया.


रानी और सोना 15 मिनट तक हिले भी नहीं थे. इस दौरान मैं रानी का वीडियो बना रहा था.


बाद में रानी उठकर बैठ गयी और बाथरूम में जाकर नहाने लगी. मैंने सोना बाबू से उसकी लंड की तरफ इशारा करके पूछा- तुम्हारे इस छोटू उस्ताद की कुछ भूख मिटी?


तो वह हिजड़ों की तरह ही मटक कर बोला- बहुत दिनों का भूखा था, आज थोड़ा नाश्ता हुआ है. आप कहें तो एक बार और चोद लूँ रानी को … मेरी भूख मिट जाएगी!


मैंने उसे झट से वैसलीन की डिबिया पकड़ा दी. उसने अर्थ पूर्ण नजरों से मुझे देखा तो मैंने कहा- हां, रानी की गांड भी चोद दो!


वह बोला- क्या रानी इसके लिए तैयार होगी? मैंने कहा- मैं उसे तुम्हारे लंड पर मैं बैठा दूंगा, बाकी का काम तुम्हारा! मेरे दिमाग में योजना चल रही थी.


मैं कुछ और कहता, तब तक रानी कमरे में आ गयी. उसने आते ही मेरा लंड मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया.


अभी रानी का वासना का नशा उतरा नहीं था. उसने मेरे लंड के बाद फिर से सोना बाबू के लंड के आगे के हिस्से को कोशिश करके अपने मुँह में ले लिया और चाटने लगी.


सोना का लंड पूरी तरह से अकड़ गया था. वह भी बहुत दिनों का भूखा जो था, ऊपर से एक बार चुदने के बाद कोई उसका लंड दुबारा चूत में लेने की हिम्मत नहीं कर पाता था. कहां यहां रानी खुद दुबारा चुदने आ गई.


रानी ने सोना को लिटा दिया और उसके लंड पर बैठ गयी. वह बोली- साले चूतिये, आज तुझे जितना चोदना है, चोद ले. आज के बाद फिर कभी मुझे छूने की हिम्मत भी नहीं करना.


रानी उसके लंड पर चूत टिकाने की कोशिश कर रही थी. मैंने सोना का लंड सीधा करके चूत के मुँह पर सटा दिया.


रानी मुस्कुरा कर बोली- भोसड़ी के … तुझे बड़ी जल्दी पड़ी है मेरी चूत फड़वाने की! उसकी बात सुनकर हम तीनों हंस पड़े.


रानी ने सोना के लंड पर चूत का दबाव डाला तो लंड का सेब जैसा सुपारा पक्क की आवाज के साथ चूत के अन्दर घुस गया. उन दोनों की मदभरी सिसकारी निकल पड़ी.


रानी ने गांड उठा कर लंड को चोदना शुरू कर दिया. जब पूरा लंड चूत में समा गया तो रानी ने भचा भच करते हुए चुदाई की रफ्तार बढ़ा दी.


उन दोनों की ही कामुक सिसकारियां निकल रही थीं- आहहऊह … आह!


सोना बाबू बोलता जा रहा था- आह और चोद साली हाह पूरा लंड ले हऽ मादरचोद हह आह मेरी रंडी! रानी बाबू के लंड को 15 मिनट तक चोदती रही … फिर झड़ कर निढाल हो गयी.


सोना ने तुरन्त रानी को अपने नीचे लिटाया और चूत को चाट चाट कर साफ करने लगा. अब रानी के चेहरे पर संतुष्टि साफ नजर आने लगी थी.


चूत चाट कर सोना ने फिर से चोदना चाहा तो रानी ने मना कर दिया. उसने कहा- मैं लंड हिला दूँगी. अब चुदवाऊंगी नहीं.


मुझे मेरा प्लान चौपट होता नजर आया. मैं जल्दी से तीन ग्लास में रियल जूस डाल कर ले आया. सबका गला सूख चुका था.


जूस पीकर रानी बोली- मेरी एक गलती की वजह से आज मेरी चूत का भोसड़ा बन गया. मैंने कहा- कोई बात नहीं, सुबह तक सब ठीक हो जाएगा.


मैंने उससे सोना के लंड पर बैठने को कहा. तो उसने कहा- अब सोना से और नहीं चुदवाऊंगी. मैं उसकी तरफ देखने लगा.


तो रानी मुझसे बोली- अब तू आ भोसड़ी वाले … तू भी चोद ले, नहीं तो कहेगा मुझे कुछ मिला ही नहीं. आ जा तेरी भी ठरक मिटा दूँ. किसी की गांड तुझे गिफ्ट में न दे सकी, तो खुद की ही गांड मरवा लेती हूँ.


मैंने कहा- वह तो आज चुदेगी ही, आज कहां बचने वाली है कुतिया … लेकिन एक बार अपनी गांड इसके लंड पर तो टिका कर देख ले!


रानी ने सोना के मूसल लंड से गांड मरवाने से साफ मना कर दिया. मैंने समझाया- सिर्फ वीडियो शूट करवाने के लिए बैठ जा रानी. फिर तेरी गांड तो मैं ही मारूंगा.


यह कह कर मैंने कैमरा सैट करके सोफे पर बैठे सोना को इशारा कर दिया. वह तुरंत समझ गया.


उसने ढेर सारी वैसलीन हाथ में निकाल ली और बैठ गया. मैंने रानी को सोफे पर सोना की तरफ पीठ करके खड़ा किया और मूसल जैसे लंड पर रानी को टिका दिया.


सोना ने रानी के बड़े-बड़े चूतड़ों को कस कर पकड़ लिया था. इसी बीच सोना ने अपने लंड पर वैसलीन लपेट ली थी जिसे रानी देख नहीं पायी थी.


मैंने आगे बढ़ कर रानी की चूचियों को मुँह में ले लिया. रानी मेरा सर पकड कर अपनी एक चूची मेरे मुँह में देकर चुसवाने लगी.


मैंने एक हाथ से सोना बाबू को इशारा कर दिया और अपने दोनों हाथ रानी के गले में डाल दिए.


रानी भी मुझसे लिपट गयी और तभी मैंने ऊपर से … और सोना ने नीचे से जोर लगाकर लंड के सुपारे को रानी की गांड में घुसा दिया.


रानी की भंयकर चीख निकल गयी. उसकी आंखों में आंसू भर गए और उसी पल रानी ने मुझे जोर से धक्का दे दिया.


वह छटपटाती हुई अपनी गांड से सोना का लंड निकलवाने की कोशिश करने लगी.


लेकिन सोना भी मादरचोद पूरा काईयां था. वह खड़ा हो गया. उसके लंड का सुपारा रानी की गांड में बुरी तरह फंस चुका था.


सोना के खड़े हो जाने से रानी लंड पर टंग सी गयी थी. उसकी गांड से लंड का सुपारा बाहर आ ही नहीं पा रहा था.


मैंने आगे बढ़ कर रानी की चूत में अपनी जीभ घुसा दी. सोना ने उसकी दोनों चूचियां पकड़ लीं और रानी को लेकर बैठ गया.


रानी की चूत से पानी आना शुरू हो गया था.


इसी तरह की पोजीशन में टंगी रहने से और चूचियों को निरंतर मसले जाने से रानी को थोड़ा आराम मिलने लगा था. इसके बाद रानी ने पूछा- ये मादरचोद आइडिया तुम्हारा था न! मैंने हां में सर हिलाया.


तो रानी ने कहा- जान एक बार कह तो देते, मैं तुम्हारे लिए यह भी कर देती. लेकिन इस तरह? मैंने कहा- वह तो तुम अभी भी करके दिखा सकती हो!


रानी ने जबाव में सोना के सीने पर हाथ रखकर उसे लेट जाने का इशारा किया. साथ ही उसने अपनी टांग उठा कर मेरा चेहरा अपनी चूत पर चिपका लिया.


वह सोना बाबू के लंड पर गांड से ही दबाव बनाने लगी. लगभग आधा लंड गांड में घुसवा लेने के बाद रानी बोली- बस मेरी जान मैं इससे ज्यादा नहीं ले सकती!


सोना ने रानी को झुका कर खड़ा कर दिया. मैं रानी के सामने बेड पर बैठ गया.


रानी ने अपने दोनों हाथ मेरी जांघों पर टिकाए और उसने मेरे लंड को जोर से चूसना चालू कर दिया. पीछे से सोना बाबू ने अपने मुस्टंडे लंड से रानी की गांड मारना शुरू कर दिया.


रानी को दर्द हो रहा था पर अब वह मेरी खुशी के लिए अपनी गांड मरवा रही थी. थोड़ी ही देर में सोना के लंड ने रानी की गांड को अपने गर्म और चिपचिपे सफेद पानी से भर दिया.


झड़ने के बाद सोना सोफे पर जाकर बैठ गया.


रानी ऐसे ही कुछ देर खड़ी रही. उसकी गांड से सोना का रस टपक रहा था. फिर वह मेरे ऊपर निढाल होकर लेट गयी.


रानी का मुँह भी मेरे रस से भर गया था.


हम सब बहुत देर तक लेटे रहे.


पहले सोना फ्रेश होने बाथरूम में गया. उसके आने के बाद मैं रानी को लेकर गया और दोनों नहा कर बाहर आ गए.


रानी बुरी तरह से थक चुकी थी. सोना की जबरदस्त चुदायी की वजह से उसकी दोनों टांगें फैल गयी थीं, वह ढंग से चल भी नहीं पा रही थी.


इधर सोना कपड़े पहन चुका था. मेरी निगाह घड़ी पर गयी तो पता चला कि सुबह के 4 बजने वाले हैं.


हमने 11 बजे रात में चुदाई की शुरूआत की थी. थ्रीसम डर्टी सेक्स का मजा लेते हुए हमें समय का पता ही न चला.


सोना ने रानी की धुली हुयी चूत और मेरे लंड की पप्पी ली और अपने घर के लिए निकल गया.


मैंने दरवाजा बंद किया और ऐसे ही बिना कपड़ों के ही रानी से चिपक कर लेट गया.


रानी ने चूमते हुए पूछा- आज आपकी सारी हसरतें पूरी हो गयी न जान! मैंने हां में गर्दन हिलाई और पूछा- तुम्हें तकलीफ हुयी?


उसने अपना सर मेरे सीने से चिपका लिया और बोली- जान दर्द तो है, पर मजा भी बहुत आया. लेकिन मेरे साथ फिर कभी ऐसा करने का मत सोचना! मैंने हामी भरी और कहा- मेरा गिफ्ट अभी भी उधार बचा है. सीमा की चूत उधार रही तुम पर! वह मुस्कुरा दी.


फिर हम दोनों सो गए.


हम दोनों दिन में 12 बजे तक सोते रहे.


दोस्तो, आपको मेरी यह थ्रीसम डर्टी सेक्स की कहानी कैसी लगी, अपने विचार जरूर भेजें. [email protected]


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