फुफेरी बहन से प्यार और चुदाई- 1

दीप सिंह

19-09-2023

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देसी भाई बहन सेक्स लव कहानी में पढ़ें कि मेरी विधवा बुआ की बेटी से मुझे बहुत लगाव था. जब वह जवान हुई तो मैं उसे सेक्स की नजर से देखने लगा. परन्तु उसकी शादी कहीं और हो गयी.


दोस्तो, कैसे हैं आप लोग. मेरा नाम लकी है और मेरी उम्र 22 साल है. मेरी हाईट 5 फुट 9 इंच है. रंग गोरा है और मैं राजस्थान का रहने वाला हूँ. मेरे परिवार के पास काफी पैसा है और काफी जमीन जायदाद आदि है.


मेरी पिछली कहानी थी: ममेरी बहन की गांड में पूरी रात लंड


आप सबके लिए मैं नई सेक्स कहानी लेकर आया हूं. यह एक सत्य घटना है.


यह देसी भाई बहन सेक्स लव कहानी बुआ की लड़की से प्यार की और उसकी चुदाई की कहानी है.


मेरे परिवार मैं और मेरे माता पिता ही हैं. मेरी एक बुआ भी हैं. उनकी एक लड़की है मणि … जो मुझसे दो साल बड़ी है.


मणि एक सुन्दर लड़की है. उसकी चूचियां और गांड का आकार ज्यादा बड़ा नहीं है.


बचपन से ही उसे डाइबिटीज की बीमारी है, जिसके कारण उसमें काफी कमजोरी है. पर फिर भी एक नंबर की माल है.


मणि जितनी ही दुबली पतली है, उतनी ही वह गोरी चिकनी भी है. उसकी पतली कमर देख कर और उसके छोटे छोटे चूतड़ देख कर कोई भी उसकी बिना धोई गांड चाटने को मर मिटे.


मेरी इस बात से आपको उसकी खूबसूरती का अंदाजा हो गया होगा.


अब मणि और मेरे बीच सेक्स कैसे हुआ था, आप वह सेक्स कहानी सुनिए.


मेरी बुआ ने अपनी शादी अपनी मर्जी से एक गरीब आदमी से की थी जिस कारण मेरे पिता बुआ से बात नहीं करते थे. शादी के बाद मेरी बुआ किसी दूसरे शहर में रहने लगी थीं.


पर बुरा तो तब हुआ जब फूफा जी की मृत्य हो गई. तब बुआ के पेट में मणि आ चुकी थी और उसका जन्म होने वाला था.


बुआ की इस हालत में भी मेरे पिता जी ने उनकी कोई मदद नहीं की. पर मेरी मां ने बुआ की इस हालत को देख कर उनको अपनी एक सहेली के घर बुला लिया और उनकी देखभाल की.


इस तरह से मणि का जन्म हो गया. मणि का जन्म होने के कुछ समय बाद बुआ उसको लेकर किसी दूसरे शहर में रहने लगीं. उनकी आर्थिक सहायता मेरी मां ने की.


मणि के दो साल बाद मेरा जन्म हुआ. हम दोनों बड़े होने लगे.


कभी बुआ हमारे घर मिलने आतीं तो कब मम्मी और मैं बुआ से मिलने जाते. हम दोनों जवान हो गए थे.


मुझे बुआ की लड़की मणि बहुत पसंद थी. यह समझ लो कि वह मेरे सपनों की राजकुमारी थी. उसके अलावा मैंने किसी और लड़की के बारे में सोचा भी नहीं.


पर कभी अपने दिल की बात उससे नहीं कह सका.


मणि का और कोई भाई बहन न होने के कारण वह मेरी बहुत परवाह करती थी. जब भी मैं बुआ के यहां जाता, मणि बहुत खुश होती.


बुआ जी तो अपने काम पर चली जाती थीं क्योंकि घर में कमाने वाली वे अकेली थीं.


मणि अक्सर मुझे अपने पास रहने का बोलती रहती थी. जब भी मैं वहां से आने लगता, तो वह उदास हो जाती.


ऐसे ही दिन निकलते गए.


एक दिन पिता जी ने मुझे पढ़ाई के लिए विदेश भेजने का प्रोग्राम बना दिया. जब मणि को यह बात पता चली तो वह रोने लगी.


वह बोली- भाई, तुम्हारे बिना में अकेली रह जाऊंगी. मैंने उसे समझाया कि मुझे अपनी पढ़ाई के लिए जाना ही होगा.


किसी तरह वह मान गई और बोली- भाई, तुम वहां जाकर मुझे भूल ना जाना! मैंने कहा- मैं तुम्हें कैसे भूल सकता हूँ. तुम तो मेरी प्यारी दीदी हो.


तो वह हंसने लगी और बोली- मैं एक दो साल ही बड़ी हूँ तुमसे … बड़ा आया दीदी का छुटकू. ऐसा बोलकर वह चली गई.


मैं उसे जाते हुए देखता रहा. मैंने मन में सोचा कि अगर मेरा बस चलता तो मैं तुमसे ही शादी करता मणि … पर पता नहीं नसीब में क्या लिखा है.


फिर मैं अमेरिका चला गया. इसके एक महीने बाद मणि का फोन आया कि बुआ ने उसकी शादी तय कर दी है.


मणि ने लड़के की फोटो भेज कर पूछा कि कैसा है?


मुझ पर तो मानो दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था. मैंने बेमन से कह दिया कि अच्छा है. वह बोली- मैं तुम्हारे आए बिना शादी नहीं करूंगी. तुम जल्दी आ जाओ.


मैंने उसे गुस्से में बोल दिया- मैं एक साल से पहले नहीं आ सकता. वह उदास हो गई.


मैंने उससे न आने की बोलकर फोन काट दिया और उसका नंबर भी ब्लॉक कर दिया क्योंकि मैं अपने बचपन के प्यार को किसी और की बांहों में नहीं देख सकता था.


ऐसे ही एक दिन मां का फोन आया कि बुआ जी ने आत्महत्या कर ली है. मुझे यह सुनकर बहुत बुरा लगा.


मैं स्वदेश वापस आ गया.


जब मैं घर आया तो मणि हमारे घर में ही थी. वह मुझे देख कर मेरे गले से चिपक गई और रोने लगी.


वह रोती हुई बोली- भाई, मैंने तुम्हें कितनी बार फोन किया. तुमने मेरा फोन क्यों नहीं उठाया? मुझे अपने आप पर बहुत गुस्सा आया.


मैंने मणि को चुप कराया और उससे कहा- अब मैं आ गया हूँ, सब ठीक हो जाएगा. मैंने मालूमात की तो पता चला कि मणि की ससुराल वाले दहेज के लिए मणि को मारते पीटते थे इसलिए बुआ जी ने अपना सब कुछ बेच कर दहेज का पैसा दे दिया था. पर उसके बाद भी उन्होंने मणि के हाथ पैर जला दिए और उसे घर से निकाल दिया.


जब कोई भी उनकी मदद के लिए नहीं आया तो बुआ जी ने सुसाइड कर लिया था.


अब मणि अकेली रह गई थी. मेरे पिता जी ने भी कोई मदद नहीं की. पर मेरी मां मणि को अपने पास ले आईं.


बुआ जी के गुजरने कि बाद मणि एकदम अकेली रह गई थी और वह बहुत उदास रहने लगी थी. मेरी मां ने मणि के ससुराल वालों के खिलाफ शिकायत कर दी थी.


मणि का तलाक करवा दिया था.


मां ने पिता जी को बिना बताए चोरी से मुझे पैसे दिए और कहा कि मणि को भी अपने साथ विदेश ले जा और वहां इसका इलाज करवा. उसे समझा कि अपनी जिन्दगी में आगे बढ़े. यह यहां रहेगी तो अपनी मां को नहीं भुला पाएगी.


मैं मणि को अपने साथ ले आया. अमेरिका आने के बाद मैंने मणि को डॉक्टर को दिखाया. डॉक्टर ने मणि से पूछा कि उसे क्या प्रॉब्लम है?


मणि ने पहले तो मेरी ओर देखा और धीरे से कहा कि उसकी छाती में दर्द होता है और उसकी चूत से पेशाब करने के बाद सफेद पानी निकलता है. यह बोलते ही उसका मुँह शर्म से झुक गया. उसने डॉक्टर से यह भी कहा कि उसे डाइबिटीज है.


डॉक्टर ने उसे दवा लिख दी और जले हुए भाग पर लगाने को क्रीम दी. उसके बाद हम दोनों घर आ गए.


मैंने मणि से फ्रेश होने को कहा. वह बाथरूम में चली गई.


जब वह नहा कर बाहर आई तो मैं देखता ही रह गया. उसने केवल टावल लपेटा हुआ था.


मणि को देख कर मेरे मुँह में पानी आ गया. सच में वह बड़ी गजब की माल लग रही थी.


फिर मेरा मन यह सोच कर उदास हो गया कि इसके पति ने इसको जमकर चोदा होगा. इसके दोनों छेद का भर्ता बना दिया होगा.


मणि मेरे पास आई और बोली- लकी तुम बाहर जाओ, मुझे क्रीम लगानी है. मैंने कहा- अब मैं बाहर कहां जाऊं?


मणि बोली- मुझे नहीं पता, पर मैं तुम्हारे सामने क्रीम नहीं लगा सकती.


उसकी बात सुनकर मैं बाथरूम में घुस गया और हल्का सा दरवाजा खोल कर बाहर देखने लगा.


मेरे जाते ही मणि ने टावल निकाल दिया. उसकी पतली कमर चिकनी गांड और संतरे जैसे चूचियां देख कर मेरा बुरा हाल हो गया. मैंने बाथरूम में ही मुठ मारनी शुरू कर दी और अपना वीर्य उसकी पैंटी पर निकाल दिया.


तभी उसने आवाज देकर मुझे बाहर बुला लिया. उसने कपड़े पहन लिए थे.


अब मुझे मणि को चोदना था, पर समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूं?


दूसरे दिन मेरी एक फिरंगी गर्लफ्रेंड ऐना आई. वह मेरे ही कॉलेज की लड़की थी.


मैंने उससे हैलो कहा, तो वह मुझे आगे बढ़ कर मेरे गले से चिपक गई और मुझे लिप किस करने लगी. विदेश में ये आम बात है.


ऐना मुझसे मिल कर वहां से चली गई.


पर मणि गुस्से में उसे और मुझे देखती रही. अब मणि मुझसे सही से बात नहीं कर रही थी. मुझे लगा उसे अपनी मां की याद आ रही होगी.


रात को ऐना का फोन आया. मैं उससे बात करने लगा.


ऐना ने वीडियो कॉल की थी और मैं मणि के सामने उससे बात कर रहा था.


मणि मुझे उससे बातें करती देख कर काफी गुस्से में लग रही थी. शायद उसको मेरा दूसरी लड़कियों से बात करना पसंद नहीं आ रहा था.


मैंने ऐना से बात करते हुए उसे बताया कि मैंने तुम्हारे घर के पास ही अपना नया घर ले लिया है. वह बड़ी खुश हुई और पूछने लगी कि कब बदल रहे हो घर?


मुझे मणि के आने के कारण एक दो कमरे वाला फ्लैट लेना था तो मुझे अगले ही दिन अपना फ्लैट बदलना था.


मैंने ऐना को बताया कि मैं कल ही नए घर में शिफ्ट हो जाऊंगा. वह बड़ी खुश हुई.


मैंने अगले दिन घर बदल लिया और मैं अब ज्यादातर ऐना के पास ही रहता था. ऐना और मैं कई बार सेक्स कर चुके थे.


आप लोग तो अमेरिकन लड़कियों को जानते ही होंगे, इनकी सेक्स में कितनी रुचि होती है. अब तो ऐना की कई सहेलियां भी मुझसे चुदवा चुकी थीं.


मणि ने मुझसे कई बार कहा कि इन फिरंगी लड़कियों से दूर रहो. पर अब मुझे तो उनकी गोरी चिकनी गुलाबी चूत का चस्का लग गया था.


मुझे मणि पर भी इस बात का गुस्सा था कि उसने अपने पति से चुदवा चुदवा कर अपनी चुत का भोसड़ा बना लिया था, जबकि मैं उसे दिल से प्यार करता था. इसलिए ज्यादातर तो मैं उन लड़कियों से मणि को जलाने के लिए मिलता और मणि के सामने सेक्सी लड़कियों को किस भी करता.


समय ऐसे ही बीतता रहा और हम दोनों को अमेरिका आए हुए काफी समय हो गया.


इस वक्फ़े में मणि ने एक बार भी सेक्स नहीं किया था. वह करती भी किसके साथ … यहां पर उसका कोई दोस्त या जानने वाला था ही नहीं.


एक दिन मणि को तेज बुखार हो गया मैंने डॉक्टर को दिखाया, तो डॉक्टर ने उसे दवा दी.


डॉक्टर ने मुझे बताया कि खाना न खाने और अपनी सेहत का ध्यान रखने से यह बीमार हो गई है. उसकी अच्छे से देखभाल करने को कहा.


बुखार में मणि काफी कमजोर हो गई थी. शायद उसने कई दिनों से सही से खाना नहीं खाया था. जब मणि को होश आया तो मैंने उसे खाना न खाने का कारण पूछा.


मणि रोने लगी. मैंने उसे अपने गले से लगा लिया. उसे रोती देख कर मुझे बहुत बुरा लग रहा था.


मणि रोती हुई बोली- भाई, तुम तो सारा टाइम उन लड़कियों के साथ रहते थे, मैं बहुत अकेली हो गई थी. तुम इकलौते इंसान थे, जिससे मैं अपने दिल की बात कर सकती थी. पर तुम मुझसे सही से बात भी नहीं करते थे. मां के चले जाने के बाद तुम ही मेरा सहारा थे, तुमने भी मेरा साथ छोड़ दिया. मुझे मणि की बात सुनकर उस पर दया आई. मुझे अपनी ग़लती का अहसास हुआ.


उसे मेरी जरूरत थी पर मैं दूसरी लड़कियों के साथ मिलकर उसे जला रहा था.


दोस्तो, मेरी बहन के साथ मेरी देसी भाई बहन सेक्स लव कहानी को मैं अगले भाग में जारी रखूँगा. आप मुझे कमेंट्स से बताएं कि आपको सेक्स कहानी कैसी लग रही है. [email protected]


देसी भाई बहन सेक्स लव कहानी का अगला भाग:


अन्तर्वासना

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