बॉस ने मम्मी की सारी रात चुदाई की- 1

भूमिका बाथम

19-09-2023

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सेक्स इन ऑफिस कहानी में पढ़ें कि पापा की बीमारी के कारण मम्मी जॉब करने लगी थी. पर उनके बॉस की नजर मेरी मम्मी की जवानी पर थी. और मेरी मम्मी हैं भी इतनी सेक्सी.


मेरा नाम भानु है और मेरी मम्मी का नाम भूमिका है. हम जिला ललितपुर में रहते हैं. मेरी उम्र 19 साल की है.


मेरे पिताजी एक फैक्ट्री में मजदूर थे. पर उनके खराब स्वास्थ के चलते घर में आमदनी नहीं हो पा रही थी.


तब मेरे घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण मेरी मम्मी को घर के बाहर काम करने के लिए जाना पड़ा था. इसलिए अब मेरी मम्मी काम के लिए उसी फैक्ट्री में जाने लगी थीं.


यह सेक्स इन ऑफिस कहानी मेरी मम्मी की है.


मम्मी पापा से ज्यादा पढ़ी लिखी थीं इसलिए उन्हें हिसाब किताब का काम मिल गया था. परन्तु वहां का मालिक काफी हॉट और कामुक स्वभाव का था.


मेरी मां की उम्र 39 साल की है. मेरी मम्मी देखने में काफी सुंदर दिखती हैं. मेरी मम्मी की चूचियां काफी हॉट और टाइट दिखती हैं. जब वे चलती हैं तो वे उनकी कदमचाल के साथ उनके दूध और चूतड़ ऊपर नीचे होते हैं. इसी वजह से उनकी देह काफी सुंदर दिखती है.


चूतड़ों के लय में मटकाने से उनकी पतली कमर भी काफी सुंदर दिखती है.


यह बात जनवरी 2022 की है. मेरी मम्मी को काम करते हुए 4 महीने हो गए थे.


वे जहां पर काम करती थीं वह एक बहुत बड़ा बंगला था, जिसमें वे ऑफिस का सब काम भी करती थीं और वहां पर सभी फाइलों को मेंटेन करके रखती थीं.


मम्मी को उधर से लाने का और वहां पर छोड़ने जाने का काम मेरा ही होता था.


उस बंगले के मालिक का नाम राजीव था जो एक बिजनेसमैन था. उसका कुछ काम देश से बाहर फ्रांस में भी हैं. हालांकि अब राजीव यहीं पर रहकर सारा काम करने लगा था.


एक दिन राजीव को किसी मीटिंग में भोपाल जाना पड़ा. उसने मेरी मम्मी को भी मीटिंग में साथ में चलने के लिए कहा.


मम्मी ने कहा कि वे अपने पति से पूछ कर बता सकेंगी. राजीव ने कहा- फोन से पूछ लो.


फोन से बात करने पर मेरे पिताजी ने मम्मी को अपने बॉस के साथ भोपाल जाने के लिए हां कह दी.


कुछ देर बाद मम्मी अपने बॉस के साथ भोपाल चली गईं. उनके पास मीटिंग में जाने के लिए कपड़े नहीं थे जिनका इंतजाम राजीव ने कर दिया था.


नए कपड़े मिलने की खुशी में मम्मी को भी कहीं न कहीं लालच भी था. अब मेरी मम्मी अपने बॉस के साथ भोपाल मीटिंग में चली गईं.


वे दूसरे दिन सुबह वापस भी आ गईं. उसके बाद तो मैंने कई बार देखा कि मम्मी जिन कपड़ों में ऑफिस जाती थीं, लौट कर वे दूसरे कपड़ों में आती थीं.


एक दो बार पापा ने उनसे कहा भी- ये सब क्या है … तुम जाती किसी और कपड़ों में हो और आती किसी और कपड़ों में हो? उस पर मम्मी पापा से कह देती थीं- ऑफिस में आज बॉस ने एक हाई डेलीगेशन वाली मीटिंग बुलाई थी और सभी को अच्छे कपड़े पहनने के लिए दिए थे ताकि मीटिंग में आने वाले मेहमानों पर अच्छा प्रभाव पड़ सके.


पापा कुछ नहीं कहते थे.


आजकल मेरी मम्मी भी काफी खुश नजर आने लगी थीं.


एक दो बार तो मैंने उन्हें कुछ बड़ा सा बॉक्स लाते हुए देखा, जिसे वे पापा को दे देती थीं कि ये आज राजीव सर ने दिया है.


दरअसल मम्मी का बॉस उन्हें महंगी शराब की बोतल गिफ्ट में देता था जो मम्मी पापा के लिए ले आती थीं. पापा भी मुफ़्त की शराब पाकर खुश हो जाते थे.


इस तरह से राजीव ने मेरी मम्मी को अपने अहसानों के तले दबा सा लिया था.


कुछ दिनों बाद राजीव ने अपने घर पर मीटिंग रखी और उसमें पार्टी का इंतजाम भी रखा था.


उस पार्टी में हम सभी को जाना था. हम सब बहुत खुश थे और पार्टी के लिए तैयार होकर निकले.


उस दिन मेरी मम्मी ने भी एक सुंदर सी काले रंग की साड़ी पहनी हुई थी. यह साड़ी वही थी जो मम्मी के बॉस राजीव ने उन्हें भोपाल की मीटिंग के समय दिलाई थी.


उधर पार्टी में काफी रौनक थी. रंग बिरंगी लाइट्स जल रही थीं जिससे वहां का माहौल काफी अच्छा लग रहा था.


वहां पर राजीव ने हम सभी को अपने पास बुलाया और सोफ़े पर बैठने को कहा.


मैं पिताजी के साथ बैठ गया.


उसके बाद राजीव ने मेरी मम्मी से बंगले में अन्दर चलने को कहा.


मम्मी राजीव के साथ जाने लगीं. उन्होंने मुझे और पिताजी को वहीं पर कुछ देर इंतजार करने को कहा.


हम दोनों पार्टी इन्जॉय करने लगे. उधर तरह तरह के व्यंजन थे जिसका स्वाद हम दोनों बाप बेटे मजे से ले रहे थे.


वहां कुछ वेटर शराब के जाम भी सर्व कर रहे थे. मेरे पापा ने फ्री की महंगी शराब देखी तो वे खुद को रोक ही न सके और मेरे पास से उठ कर चले गए.


बाद में जब वे आए तो फुल टल्ली थे.


उस दिन मैंने भी एक पैग पी कर देखा था. मुझे पहली बार में शराब इतनी खास पसंद नहीं आई. पर नशा हुआ तो मस्ती छाने लगी थी. इस वजह से मुझे और एक पैग लेने का मन किया.


दूसरा पैग मैंने अपने पापा की मौजूदगी में ही उठा लिया. पापा ने कुछ नहीं कहा. बल्कि उन्होंने दो पैग एक साथ ले लिए.


अब हम दोनों बाप बेटे शराब की मस्ती में झूम रहे थे.


शराब के अलावा उधर इतने अधिक सुस्वादु व्यंजन थे कि हमने कभी खाए ही नहीं थे. उसी वजह से हम दोनों ये भी भूल गए कि मम्मी को गए काफी देर हो गई है.


उस वक्त रात के करीब 10:00 बज गए थे. तभी मम्मी बंगले से बाहर आईं.


मीटिंग में मौजूद सभी उन्हें देख कर खुश हो गए थे. मैं और मेरे पिताजी मम्मी को पहचान ही नहीं पा रहे थे.


मेरी मम्मी जब बंगले से बाहर आईं, तब वे बहुत ही ज्यादा हॉट और सेक्सी लग रही थीं. उन्होंने एक बड़ी ही सेक्सी सी ड्रेस पहन रखी थी.


मैंने जब अपने पिताजी की तरफ देखा तो उनका लंड खड़ा हो गया था.


मेरी मम्मी लाल रंग की उस ड्रेस को जब पहन कर आईं तो वह ड्रेस काफी ज्यादा खुली हुई थी.


उसमें मेरी मम्मी की नाभि और उसके नीचे का काफी सारा भाग खुला दिख रहा था.


आप यूं समझें कि वह ड्रेस मम्मी की चूत से थोड़ी सी ही ऊपर से पहनी गई थी.


ऊपर चूचियों पर उनकी ड्रेस पीछे की तरफ से पूरी खुली हुई थी जिससे उनकी पूरी पीठ नजर आ रही थी.


अन्दर बंगले में शायद उनका मेकअप भी किया गया था. मम्मी की पीठ पर भी कुछ चमकीला सा लगा हुआ था जो उनके मेकअप किए हुए का आभास दिला रहा था. उनकी पीठ काफी सेक्सी नजर आ रही थी.


मेरी मम्मी ने सोने की इयर रिंग्स पहनी हुई थीं और कमर पर एक गोल्डन चेन बंधी थी, जिससे उनकी कमर काफी हॉट दिख रही थी.


मम्मी ने जो ड्रेस पहनी हुई, वह बिना आस्तीन की थी और उनकी बांहें काफी सुंदर लग रही थीं.


अब मम्मी के मम्मों की बात करूँ तो वह ड्रेस उनकी गोरी चूचियों को आधे से कम ही ढक पा रही थी. उनके दूध की गोलाइयां पूरी साफ नजर आ रही थीं.


एक बार को तो मैं और पापा मम्मी को पहचान ही नहीं पाए थे. पापा का लंड खड़ा होता देख कर मेरा भी हथियार खड़ा हो चुका था.


उधर सामने राजीव मेरी मम्मी की कमर पर हाथ रखकर सभी लोगों को परिचय करा रहा था.


उसके परिचय कराने के अंदाज से ऐसा लग रहा था जैसे वह अपने परिचितों से मेरी मम्मी को अपनी बीवी बता कर परिचय करा रहा हो.


फिर मैं और मेरे पिताजी भी मम्मी के पास आ गए. मम्मी को भी थोड़ी सी शर्म लग रही थी क्योंकि इससे पहले उन्होंने कभी ऐसी ड्रेस नहीं पहनी थी.


तब मम्मी भी हमारे साथ खाने के लिए जाने को हुईं. पर राजीव ने उन्हें रोक दिया. वह मम्मी से थोड़ी देर में खाना खाने को कह रहा था.


मम्मी ने हम लोगों से खाना खाने के लिए कह दिया. हम दोनों खाना खाने चले गए.


कुछ देर बाद राजीव के दोस्तों ने राजीव से पार्टी में डांस करने के लिए कहा. उधर डांस शुरू हो गया.


राजीव ने मम्मी को डांस करने के लिए कहा.


मम्मी ने पहले तो मना किया पर राजीव ने उनका हाथ पकड़ा और उन्हें स्टेज पर ले गया.


मैं और पिताजी दूर से यह सब देख रहे थे. फिल्म म्यूजिक धुन पर सभी लोग डांस कर रहे थे.


मेरी मम्मी ने हाई हील की सैंडल पहन रखी थीं जिससे वे राजीव के सीने से लग कर डांस कर रही थीं और उनके दूध राजीव के सीने से लग रहे थे.


राजीव ने मम्मी की कमर पर अपना एक हाथ रख दिया और दूसरा हाथ अपने हाथ में पकड़ कर डांस करने लगा.


मम्मी डांस करने लगी थीं. राजीव मम्मी को अपने करीब खींच लिया.


मम्मी राजीव के सीने से जैसे ही लगीं, उनके दूध ऊपर की तरफ गुब्बारे की तरह फूल गए और मेरी मम्मी का मुँह राजीव के गाल से टकरा गया.


मेरी मम्मी ने लाल लिपस्टिक लगा रखी थी जिससे राजीव के गाल पर किस का निशान बन गया.


इस तरह से डांस अपने चरम पर पहुंचता गया और डांस के साथ साथ राजीव ने एक जाम मेरी मम्मी के होंठों से लगा कर उन्हें पिला दिया.


मम्मी ने मुँह का स्वाद खराब होने जैसा किया तो राजीव ने मेरी मम्मी के होंठ चूम लिए. सब लोग तालियां बजाने लगे.


उससे उत्साहित होकर राजीव ने मेरी मम्मी को दो और पैग पिला दिए और वे नशे में टल्ली हो गईं.


उसी बीच मेरी मम्मी के मम्मों पर शराब गिरी जिससे उनकी चूचियां चमकने लगीं.


फिर नाच गाना व पार्टी का आयोजन खत्म हो गया और सभी लोग अपने अपने घर जाने लगे.


राजीव ने मम्मी को कुछ काम की याद दिला कर उन्हें वहीं पर रुकने के लिए कह दिया.


मम्मी ने मुझे और पिताजी को घर पर जाने के लिए कह दिया.


राजीव ने एक ड्राइवर से हमें घर छोड़ने का कह दिया. पापा तो गाड़ी में बैठते ही सीट पर लुढ़क गए.


वे नशे में धुत्त हो गए थे इसलिए सो गए थे. गाड़ी चल पड़ी.


रास्ते में मुझे याद आया है कि मैं मम्मी का मोबाइल अपने साथ ले आया हूं.


मैंने ड्राइवर से वापस चलने का कहा और मम्मी का मोबाइल देने वापस चल दिया.


जब मैं राजीव के घर आया तो सभी मेहमान जा चुके थे. बाहर का गेट उस वक्त भी खुला हुआ था इसलिए मैं अन्दर चला गया.


उधर कोई नहीं दिख रहा था तो मैं मम्मी को घर में ढूंढने लगा.


मुझे एक कमरे में मेरी मम्मी की आवाज सुनाई दी. मैं उधर को गया और उन्हें आवाज देने ही वाला था कि उसी समय राजीव पीछे से आ गया और उसने मेरी मम्मी को गोद में उठा लिया.


मेरी मम्मी हंसने लगीं और नीचे उतारने के लिए कहने लगीं.


पर राजीव ने कहा- मैं तुमसे प्यार करने लगा हूँ डार्लिंग! तुम बहुत हॉट हो.


मेरी मम्मी उससे छूटने की कोशिश करने लगीं.


वह मम्मी से बोला- मैं तुम्हारा बहुत ख्याल रखूँगा. मम्मी जी ने काफी मना किया मगर राजीव ने मम्मी को मना ही लिया.


दोस्तो, अब सेक्स कहानी के अगले भाग में मैं आपको बताऊँगा कि कैसे मेरी मम्मी की चुदाई हुई. आपको सेक्स इन ऑफिस कहानी पर क्या कहना है, प्लीज बताएं. [email protected]


सेक्स इन ऑफिस कहानी का अगला भाग:


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